आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

27 अप्रैल 2015

CHAIR of DEATH: बैठते ही हुई थी चार लोगों की मौत


(अमेरिका में सुरक्षित रखी गई मौत की कुर्सी)
अमेरिका के पेन्सिलवेनिया में एक ऐसी कुर्सी है जिस पर बैठने के तुरंत बाद चार आदमियों की अलग-अलग वक्त में मौत हो चुकी है। यह कुर्सी करीब 200 साल पुरानी है और इसे फिलाडेल्फिया में सुरक्षित रखा गया है। माना जाता है कि यह कुर्सी नेपोलियन से ताल्लुक रखता था, लेकिन कुर्सी पर अब एक महिला का भूत मंडराता है। इसी वजह से लोगों के बैठने के बाद मौत हो जाती है। कुर्सी के बारे में यह राय कई साल बाद भी नहीं बदली है। अब भी लोगों को लगता है कि अगर कोई इस पर बैठा तो उसकी मौत होनी तय है।
हालांकि, ये कुर्सी दुनिया की अकेली ऐसी चीज नहीं है जो ऐसी रहस्यमयी है, बल्कि अलग-अलग जगहों पर ऐसे और भी उदाहरण मौजूद हैं। हम आज आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ और डरावने ऑब्जेक्ट के बारे में

इस गांव के किसान हर साल कमाते हैं 10 से 15 लाख, विदेश जाकर सीखी खेती

किसान भगतसिंह ठाकुर।
किसान भगतसिंह ठाकुर।
रायसेन. प्राकृतिक आपदा की लगातार चपेट में आ रही गेहूं-चने जैसी पारंपरिक फसलों के बजाए किसान अब वैकल्पिक फसलों पर ध्यान दे रहे हैं। उनके यह प्रयास अब रंग दिखाने लगे हैं। बाड़ी तहसील के करीब 20 गांवों के सैकडों किसान लाखों रुपए के टमाटर की बंपर पैदावार कर दूसरे किसानों को नई राह दिखाई है।
यही नहीं जबर्दस्त मार्केटिंग की वजह से मप्र सहित दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र और हरियाणा के व्यापारी सीधे उनके खेतों से ही टमाटर खरीद रहे हैं। रोजाना यहां से करीब 7 लाख रुपए का 10-12 ट्रक टमाटर बाहर भेजा जा रहा है। धीरे-धीरे यह क्षेत्र टमाटर मंडी के रूप में मशहूर हो रहा है। यहां के किसान हर सीजन में 10 से 15 लाख रुपए तक मुनाफा कमा रहे हैं।
जिले के किसान भगवत सिंह ठाकुर ने 15 साल पहले तीन एकड़ में टमाटर लगाने की शुरुआत की। जब अच्छी पैदावार मिली तो आसपास के किसानों की दिलचस्पी बढ़ी। सरकारी योजना पर किसानों ने इजराइल और हाॅलैंड जाकर टमाटर की उन्नत खेती की तकनीक समझी। इसके बाद सब कुछ बदल गया। अब काछीपुर, केवलाझार, समनापुर, भैंसाया, नानपोन, दिघवाड़ा, चंदवार जैसे 20 गांवों के 4 हजार एकड़ जमीन पर टमाटर की पैदावार हो रही है।
अन्य प्रदेशों में मार्केटिंग होने से बाहर के व्यापारी गांव आकर ही माल खरीद रहे हैं। इससे किसानों का मालभाड़ा बचा, मुनाफा बढ़ा और परेशानी भी काफी कम हो गई। व्यापारियों की मांग पर यहां के किसान टमाटर की खास किस्में भी लगा रहे हैं। कृषि विभाग के उप संचालक जेपी गुप्ता कहते हैं किसानों के प्रयासों से बाड़ी क्षेत्र टमाटर की मंडी बन गया है।

यह है मुनाफे का गणित
जनवरी से मई तक लगातार टमाटर की पैदावार मिलती है। सामान्य स्थिति में एक एकड़ में करीब 300 से 500 क्विंटल तक टमाटर निकलता है। यह औसतन 5 से 30 रुपए किलो तक बिकता जाता है। यानी एक बार में प्रति एकड़ करीब 15 हजार रुपए की पैदावार होती है।

एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ाई करने गई थी यह महिला, भूकंप ने इन्हें भी नहीं बख्शा

रेनु फोटेदर।
रेनु फोटेदर।
जम्मू। नेपाल में आए भूकंप से आस्ट्रेलियाई रेनु फोटेदर की मौत हो गई है। रेनू एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ाई करने के लिए नेपाल गई थीं और इस दौरान भूंकप के बाद आए हिमस्खलन से उनकी मौत हो गई। उनके कजिन आशीष कौल ने इस बात की जानकारी दी है। रेनु का जन्म कश्मीर में हुआ था। कारोबारी लोकेश फोटेदर से शादी करने के बाद वह आस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गई और वहां की नागरिकता ले ली।
गौरतलब है कि नेपाल में भूकंप के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर चार हजार से अधिक हो गई है और करीब सात हजार लोग घायल हुए हैं इस बीच रात करीब आठ बजकर 27 मिनट पर यहां फिर से भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए जिसके बाद से लोगों में दहश्त भर गई है।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया

पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया
की और से चलाये जा रहे "पब्लिक फेस्टिवल प्रोग्राम"
के तहत कल मामा करीमा का चोक हिरन बाज़ार में बच्चों के नात-क़िरात-तक़रीर-अज़ान का कॉम्पिटेशन रखा गया।
सभी बच्चों ने कार्यक्रम में बड़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अथिति पार्षद मो०हुसैन,मुज़फ्फर राईन और मो०अफज़ल अंसारी और इम्तियाज़ हुसैन ने अच्छी परफॉमेंस देने वाले बच्चों को इनामात से नवाज़ा गया।

शोएब अहमद
(ज़िलाध्यक्ष)

नेपाल: भूकंप से तबाह धारहारा मीनार पर लोग ले रहे हैं सेल्फी, स्थानीय नाराज

भूकंप के कारण तबाह हुए धारहरा मीनार पर सेल्फी लेता व्यक्ति।
भूकंप के कारण तबाह हुए धारहरा मीनार पर सेल्फी लेता व्यक्ति।
काठमांडू. नेपाल में भूकंप से तबाह हुए विश्व प्रसिद्ध धारहारा मीनार पर लोग सेल्फी ले रहे हैं। नौ मंजिला टावर के ऊपर का हिस्सा पूरी तरह से गिर गया है, लेकिन इसके आसपास मौजूद लोग इसे बैकग्राउंड में लेकर सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं। वे इन फोटोज को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर रहे हैं। टावर के आसपास के इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। इस तरह फोटोज लेने पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है।
बता दें कि शनिवार को आए रिक्टर पैमाने पर 7.9 तीव्रता वाले झटके के चलते यह टावर तबाह हो गया था। इस टावर का निर्माण नेपाल के राजाओं ने सैकड़ों साल पहले करवाया था। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि टावर ढहने से कितने लोगों की मौत हुई है। कहा जा रहा है कि जिस वक्त भूकंप आया था, उस वक्त यहां भारी तादाद में टूरिस्ट मौजूद थे।
'भूकंप कोई टूरिज्म नहीं'
राहत कार्य में लगे 21 साल के स्टूडेंट पवन थापा ने इस टावर के आसपास लोगों द्वारा सेल्फी लिए जाने पर आपत्ति जताई। पवन ने कहा, ''लोग तबाह हुए टावर के सामने खड़े होकर मुस्कुराते हुए फोटो ले रहे हैं। यह सही नहीं है। भूकंप मौज-मस्ती की चीज नहीं है। यहां कुछ लोग त्रासदी को समझने से ज्यादा सेल्फी लेने में ही बिजी हैं।''
नेपाल में तबाह हुई कई ऐतिहासिक धरोहरें
शनिवार को रिक्टर पैमाने पर 7.9 तीव्रता वाले भूकंप के झटकों के कारण काठमांडू में सबसे ज्यादा नुकसान ऐतिहासिक धरोहों को हुआ है। धारहारा मीनार के अलावा दरबार स्क्वेयर तबाह हो चुका है। काठमांडू में स्थित पशुपति नाथ मंदिर का कुछ हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हुआ है। काठमांडू में ही स्थित हरिशंकर मंदिर का एक हिस्सा भी पूरी तरह से तबाह हो गया है।

कोटा नगरनिगम जनविरोधी कार्यो में जुटी है

कोटा नगर निगम की बदहाली और जनसमस्याओं के समाधान मामले में विमुख नगर निगम कोटा के खिलाफ कोटा में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पंकज मेहता ,,प्रदेश सदस्य क्रान्ति तिवारी के नेतृत्व में क्रांतिकारी प्रदर्शन हुआ ,,इस प्रदर्शन में सभी कोंग्रेसी एक जुट दिखे ,,स्थिति यह रही के खुद जिला कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द शर्मा सहित कई ज़िम्मेदार पदाधिकारी इस प्रदर्शन में मौजूद थे ,,पंकज मेहता ने प्रदर्शन कारियों को सम्बोधित करते हुए कहा के कोटा नगरनिगम जनविरोधी कार्यो में जुटी है ,,शहर की सफाई व्यवस्था ,,भवन निर्माण स्वीकृतियाँ ,,जनउपयोगी सेवाएं ठप्प पढ़ी है जनता त्रस्त है जबकि निगम प्रशासन मस्त है ,,पंकज मेहता ने चेतावनी दी के अगर जनता के साथ ऐसा सुलूक रहा तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी ,,इस आंदोलन के प्रबंधक प्रदेश कांग्रेस सदस्य क्रांत्तिवारी ने कहा के भाजपा सरकार को जनता से कोई सरोकार नहीं रहा है केवल वायदों की सरकार ,,जनविरोधी कार्यों से जनता तंग आ चुकी है ,,क्रांतितिवारी ने कहा के जनता के साथ अगर निगम में ऐसी बदसुलूकी रही ,,ऐसी ही अव्यवस्था रही तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जनता को हक़ दिलाने के लिए क्रांतिकारी क़दम उठाते हुए सड़कों पर आना पढ़ेगा ,,,जिला कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने कहा के नगर निगम की निकम्मी सरकार के खिलाफ खुद भाजपा के लोग भी आवाज़ उठाने लगे है लेकिन लोकतंत्र में जनता के पक्ष की सभी आवाज़े दबाई जा रही है ,,उन्होंने कहा शहर की जनता नगर निगम से त्रस्त रहेगी तो जिला कांग्रेस हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठेगी ,,,,प्रदर्शन के दौरान जोश में आने से पंकज मेहता का पायजामा गेट में उलझने से फट गया ,,जिसे तुरंत लोगों ने पिन लगाकर सही किया बाद में घर से नया पायजामा मंगवाकर फटा पायजामा चेंज किया गया ,,प्रदर्शन में पूर्व विधायक पूनम गोयल ,,रचना राठोड ,,पूर्व उप महापौर राकेश सोरल प्रदेश अल्सपंख्य्क विभाग के कोटा संभाग चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,को ऑर्डिनेटर ,,रहीम खान ,,बंजारा समाज के कैलाश बंजारा ,,पूर्व उप प्रधान रईस खान ,,जिला वक़्फ़ कमेटी के सदस्य तबरेज़ पठान ,,खिदमत ओर्गेनाइज़ेशन के अब्दुल रशीद क़ादरी ,,विनोद लालवानी ,,,,साजिद जावेद ,,अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश प्रवक्ता अज़ीज़ सिद्दीक़ी ,,जिला अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अब्दुल करीम खान ,,,आबिद कुरैशी ,,बाबू खान ,,,,,,,सहित सैकड़ों महिला ,,युवा ,,कार्यकर्ता शामिल थे ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उत्तर प्रदेश: किसान ने खराब फसल में पत्नी संग जलकर दे दी जान

झांसी. बुंदेलखंड जिले में रविवार देर रात एक किसान ने कथित तौर पर खेत में ही अपनी चिता सजा डाली और खुद को जिंदा जला डाला। इस दौरान उसने अपनी पत्नी को भी आग में खींच लिया। दोनों की झुलसकर मौत हो गई।
परेशान चल रहे थे किसान रामकृपाल
मामला बुंदेलखंड जिले में बांदा के कमासिन थाना इलाके के अछरील गांव का है। बांदा के बबेरू इलाके के एसडीएम ने बताया कि किसान रामकृपाल यादव (70) के पास 24 बीघा जमीन थी। दो बेटों और एक बेटी की शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ खेत में बने कमरे में रहते थे। बेटों ने अपने हिस्से की जमीन ले ली थी। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने उनकी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। उन्हें फसल बर्बादी का मुआवजा नहीं मिला था। इसके अलावा, 70 हजार रुपए का साहूकारों का कर्ज भी चुकाना था। इस वजह से वह काफी दिनों से परेशान थे।
खराब फसल में खुद को जलाया
रामकृपाल के खेत के आसपास रहने वाले किसानों ने बताया कि रविवार रात करीब 12 बजे रामकृपाल खेत में पहुंचे और काफी देर तक अपनी बर्बाद फसल देखते रहे। इसके बाद उन्होंने खराब फसल को एक जगह इकट्ठा किया। उसमें कुछ लकड़ियां डाल उसपर जा बैठे और माचिस से आग लगा दी। आग लगते ही लकड़ि‍यां और सूखी फसल जलने लगी और रामकृपाल चीखने-चिल्लाने लगे। उनकी आवाज सुनकर पत्नी बच्ची देवी (55) उन्हें बचाने के लिए दौड़ीं। किसान की पत्नी ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर उनको भी आग में खींच लिया।
बेटे से चल रहा था विवाद
सोमवार सुबह घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम विनय कुमार पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों के अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। एसडीएम का कहना है कि मृतक किसान का बेटे के साथ विवाद चल रहा था। बेमौसम बारिश से किसान की फसल तबाह हो गई थी। ऐसे में आत्महत्या की वजह क्या है, यह जांच का विषय है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की स्थिति साफ हो सकेगी।

क़ुरआन का सन्देश

p580.jpg (99818 bytes)
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...