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02 मई 2015

कॉन्स्टेबल की पिटाई करते कैमरे पर दिखे बीजेपी विधायक, FIR दर्ज


कॉन्स्टेबल की पिटाई करते कैमरे पर दिखे बीजेपी विधायक, FIR दर्ज
 
हैदराबाद: शहर के बीजेपी एमएलए टी राजा सिंह द्वारा कथित तौर पर एक पुलिस कॉन्स्टेबल की पिटाई करने का वीडियो सामने आया है। इसमें विधायक पुलिसवाले पर हमला करते और उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी देते नजर आ रहे हैं। बीजेपी विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
एक अंग्रेजी चैनल की खबर के मुताबिक, घटना शुक्रवार रात हुई। जब पुलिसवाले ने देर रात बिना इजाजत तेज आवाज में म्यूजिक बजा रहे एक डीजे को रोकने की कोशिश की तो उस पर बीजेपी विधायक आग बबूला हो गए।हालांकि, बीजेपी विधायक ने अपने बचाव में कहा, ''कॉन्स्टेबल ने शराब पी रखी थी। उसने महिलाओं से बदसलूकी की। उसने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से हाथापाई की। मैं तो तेज आवाज में बज रहे म्यूजिक को रोकने की कोशिश कर रहा था। मैंने कॉन्स्टेबल को नहीं पीटा। एफआईआर में लिखी बातें गलत हैं।''
पुलिस ने कहा, झूठ बोल रहे हैं एमएलए
हैदराबाद डीसीपी वेस्ट जोन ए वेंकटेश्वर राव ने कहा, ''विधायक के आरोप आधारहीन हैं। हमारे पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। हर चीज रिकॉर्ड की गई है। इन सबूतों के आधार पर हम कानूनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।

मुंबई: ASI ने थाने में इंस्पेक्टर को मारी गोली, फिर खुद की भी ली जान

घटना के बाद थाने में जांच करती पुलिस।
घटना के बाद थाने में जांच करती पुलिस।
मुंबई। मुंबई में सांताक्रुज के वकोला थाने में पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) ने अपने सीनियर अधिकारी को गोली मारकर खुद भी गोली मार ली। मामले के बारे में पुलिस ने बताया कि स्टेशन डायरी में हाजिरी नहीं लगाए जाने को लेकर शनिवार शाम एएसआई दिलीप शिरके की वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर से बहस हुई थी। इसके बाद जब इंस्पेक्टर वकोला थाने से जाने लगा तो एएसआई ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से उसपर गोलियां दाग दी।

पुलिस के अनुसार एएसआई ने दो गोली दागी जिसमें पहली गोली इंस्पेक्टर के पीठ पर लगी, जबकि दूसरी गोली उसके अर्दली के जांघ पर लगी। इसके बाद एएसआई शिरके ने रिवॉल्वर अपने मोड़ा और खुद को गोली मार ली। वारदात के बाद तीनों को लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां एएसआई शिरके को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर और अर्दली का अस्पताल में उपचार चल रहा है। फिलहाल डॉक्टर्स ने दोनों को खतरे से बाहर बताया है।
वारदात के बाद मुंबई के पुलिस आयुक्त राकेश मारिया वकोला पुलिस थाना पहुंचे। अपने दौरे के बाद उन्होंने कहा, 'कल रात, वह ड्यूटी पर नहीं आया था। स्टेशन डायरी में उनकी हाजिरी नहीं लगी थी। वह आज आया और इस पर बात करने के लिए इंस्पेक्टर ने उसे बुलाया। न आने का कारण पूछा। इस पर दोनों के बीच कुछ बहस हुई। इसके बाद जब इंस्पेक्टर बाहर निकले तो दिलीप ने दो राउंड फायर किए और खुद को भी गोली मार ली... क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच करेगा।'

बस में छेड़छाड़: डिप्टी सीएम का फरमान- पंजाब में फिलहाल नहीं चलेंगी उनकी बसें

मोगा बस छेड़छाड़ केस के विरोध में कांग्रेस ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन।
मोगा बस छेड़छाड़ केस के विरोध में कांग्रेस ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन।
नई दिल्ली. पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने ऑर्बिट कंपनी की बसों को राज्य की सड़कों से तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया है। ऑर्बिट सुखबीर की ही कंपनी है, जिसकी बस में मां-बेटी से छेड़छाड़ और उन्हें फेंके जाने की घटना हुई थी। इस घटना में बेटी की मौत हो गई थी। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को कहा कि कंडक्टर और ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत, उन्हें बताया जाएगा कि वे यात्रियों से किस तरह बर्ताव करें। इसके बाद ही दोबारा से बसें चलेंगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा-भगवान की मर्जी
उधर, इस हादसे पर शिक्षा मंत्री ने एक विवादित बयान दिया। मंत्री सुरजीत सिंह ने कहा कि, बस में जो कुछ हुआ वो भगवान की मर्जी से हुआ। जबकि एक विधायक ने इसे हादसा करार दिया। नेताओं के बयान के जबाव में पीड़ित लड़की के पिता ने मांग की है कि, सब भगवान की मर्जी से होता है तो आरोपियों को 15 मिनट के लिए उनके हवाले कर दिया जाए।
पिता बोले- बादल परिवार पर दर्ज हो केस
चार दिन बाद भी लड़की का पोस्‍टमॉर्टम नहीं हो सका है। उसके पिता का कहना है कि जब तक पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ केस दर्ज नहीं होता, वह अपनी बेटी का पोस्‍टमॉर्टम नहीं होने देंगे। लड़की के पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि उसका किसी से समझौता नहीं हुआ। उन्हें सरकार का 20 लाख मुआवजा भी नहीं चाहिए और न ही नौकरी। बता दें कि लड़की की मौत बुधवार देर शाम हुई थी और उसकी मौत के तीसरे दिन भी पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है।
पंजाब में कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन
मोगा केस के विरोध में पंजाब में कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया। हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने दोपहर बार रोको आंदोलन में हिस्सा लिया। दूसरी ओर, कई क्षेत्रीय संगठनों के साथ बड़ी पार्टी के नेता भी बादल सरकार के खिलाफ मैदान में उतरे। लोग बादल परिवार पर एफआईआर और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। पंजाब में जगह-जगह बादल सरकार के पुतले फूंके जा रहे हैं।

गैर सियासी भाइयों देश संकट के दौर में है झूंठ बोल कर राज हथिया लिया गया है

मेरे देश के निवासियों ,,देश के बारे में देश के लोगों के बारे में भला सोचने वाले गैर सियासी भाइयों देश संकट के दौर में है झूंठ बोल कर राज हथिया लिया गया है ,,देश गुमराह हुआ है और स्थिति देश की यह है के आतंकवादियों ,,पाकिस्तान ज़िंदाबाद करने वालों के साथ हमारी राष्ट्रवादी पार्टी गले में हाथ डाल कर सरकार बना कर बैठी है ,,पाकिस्तान हो चीन हो सभी सर उठा रहे है ,,,साम्प्रदायिकता सरे राह हावी है ,,,,बाबा रामदेव पुत्रियों के खिलाफ होकर पुत्र पैदा करने की दवा बेच कर मंत्री दर्जा और जेड सुरक्षा पा रहे है ,,किसान आत्महत्या कर रहे है ,,,,,,,,गरीब मज़दूर मर रहा है ,,कांग्रेस की जिन योजनाओ को जन विरोधी कहकर चुनाव लड़ा गया था उन सभी जनविरोधी योजनाओ जिनमे आधार कार्ड लिंक करना ,,गैस सब्सीडी सहित सभी योजनाये इस झूंठी सरकार ने अंगीकार कर देश की जनता के साथ धोखा किया है ,,,,काला धन ठेंगे पर है ,,जनता ठगी गई है ,,शिक्षा का व्यवसायिकरहन हो गया है ,,,देश में डॉक्टर बनना करोड़ों का खेल हो रहा है ,,सीटें बेची जा रही है ,,,खुद भाजपा के मुख्यमंत्री स्तर के लोग इस अपराध में शामिल है ,,बारवीं फेल देश की शिक्षा निर्धारित कर रही है ,,स्कूलों में शिक्षा ,,किताबे ,,यूनीफॉर्म के नाम पर लूट हो रही है ,,,,खाद्य सामग्रियाँ बेहिसाब महंगी है ,, क़ानून व्यवस्था लचर है ,,,,,महिलाओं का आत्मसम्मान ,,,इज़्ज़त आबरू खतरे में है ,,,,,बुज़ुर्गों का निलाज नहीं दवा नहीं ,,पेंशन नहीं ,,शिक्षा ,,चिकित्सा ,,खाद ,,बीज ,,बिजली सिंचाई सभी तो सातवे आसमान पर है ,,इधर पेट्रोल ,,डीज़ल के आसमान सर पर है देश आज आर्थिक क्रान्ति के दौर से झूंठ और फरेब की वजह से गुज़र रहा है ,,ऐसे में सभी जानते है चाहे झूंठ के बल पर सरकार हो है तो लोकतांत्रिक सरकार उसे गिरा तो नहीं सकते इसलिए भाइयों देश को एक दिशा दे ,,धरने प्रदर्शन अखबारी विरोध बयानबाज़ी पुतले दहन तो सियासी बाते है हमे यह बताना होगा के देश को इन समस्याओं से मुक्त करने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए और क्या नहीं किया जा रहा है ,,,देश को बेहतर तरीके से चलाने के लिए रचनांत्मक सुझाव देना चाहिए हर समस्या को उठाने के साथ उसका समाधान सुझाव होना चाहिए ताकि देश झूंठे और मक्कारो के हाथो से निकल कर सही दिशा ,,विकास की दिशा ,,रचनात्मक विकास की दिशा ,,साक्षरता की नई दिशा ,,आंतरिक और बाहरी सुरक्षा की नई दिशा की तरफ चल सके ,,किया ऐसा साहसिक कार्य कर सकोगे ,अगर हाँ तो आओ मेरे साथ सोशल मिडिया पर एक गुरूप बनाकर एक भारत विकसित स्वच्छ अभियान हम और आप मिलकर चलाते है जो गैर सियासी हो जिसमे कांग्रेस भी हो तो भाजपा भी हो तो दूसरी पार्टियां भी हो चिंतक भी हो तो साहित्यकार भी हो पूरा देश हो हम सब हो क्योंकि यह देश हमारा अपना है किसी सियासी पार्टी या विशिष्ठ विचारधारा का नहीं ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों सूफी ,,संतो ,,वली ,,महापण्डितों के साथ जिसने भी धोखा ,,फरेब और सियासत का खेल खेला है

दोस्तों सूफी ,,संतो ,,वली ,,महापण्डितों के साथ जिसने भी धोखा ,,फरेब और सियासत का खेल खेला है ,,,, उसे दुखी होना पढ़ा है और उसके साथ वोह लोग भी दुखी होते है जो इन लोगों का अपमान ,,इन लोगों का तिरस्कार ,,इन लोगों के साथ झूंठ ,,फरेब और सियासत का नंगा खेल होता देख कर भी या तो इन ठग नेताओ के हमराह बनते है,,, या फिर चुप्पी साधकर,,, इस बुराई को पनपने देते है ,,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ वली ऐ हिन्द ,,,सुल्ताने हिन्द ,,ख्वाजा गरीब नवाज़ की ,जिनकी इबादत और नेकनीयती की वजह से ,,,खुदा ने उन्हें नवाज़ा ,,एक ख़ास दर्जा दिया ,,,एक ऐसा दर्जा देकर विश्व का हर बादशाह इनकी चोखट पर सर झुका कर खुद को गोरवानेवित महसूस करता है ,,लेकिन दोस्तों ख्वाजा गरीब नवाज़ के नाम पर हो रही सियासत और इस सियासत के नाम पर,,,, सूफी संतो की मान मर्यादाये ताक़ में रख कर,,, देश में जो गंदा सियासी खेल चला है ,,लूटपाट चली है ,,खादिमों की चुप्पी ,,मौलाना मौलवियों ,,मुफ्ती क़ाज़ियों की ख़ामोशी ने ,,,आज देश को अराजकता की तरफ बढ़ा दिया है ,,ख्वाजा गरीब नवाज़ के नाम पर सियासी लोग बढ़े नेताओ की ठगी ,,उन्हें छोटा बनाती जा रही है ,,ऐसे नेताओ की बद्तमीज़िया ,,बद तहज़ीबिया ,,सर से ऊपर हो जाने से ,,यह नेता और इनके साथ पूरा देश मुसीबत और अराजकता के दौर में है ,,,,,,,,,,,,,साईबाबा को गालियां बकी जाती है ,,,ख्वाजा गरीब नवाज़ के दरबार में खुद को ख्वाजा गरीब नवाज़ से ऊंचा ओहदे वाला समझने की भूल करने वाले,,प्रधानमंत्री ,,सियासी पार्टियों के सिर मोर ,,ख्वाजा की चोखट पर खुद आकर देश के अमन ,,चेन ,,सुकून ,,खुशहाली ,,तरक़्क़ी की दुआ माँगना अपना अपमान समझते है ,,,स्थिति यह है के अपने अपने बंगलों में कुछ लोगों को बुलाया जाता है ,,,एक चादर ली जाती है ,चादर पर हाथ लगाकर फोटु खिजवाया जाता है और फिर इन हष्ट पृष्ठ नेताओ की तरफ से रियासती ठाठ से चादर पेश कर इनके प्रतीनिधी अख़बार और टीवी की खबर बनाते है ,,सभी जानते है ,,कोई अगर मरजुल मोत पर हो ,,,बीमार हो ,,चल फिर नहीं सकता हो ,,गंभीर संकट में हो ,,,तो अपने प्रतीनिधी से एवज़ी चादर या प्रतीकात्मक दुआ मांग सकता है,, लेकिन अगर सब कुछ ठीक है और केवल सियासत के लिए ,,एक रस्म के रूप में ,,ख्वाजा गरीब नवाज़ को धोखा दिया जा रहा है ,,तो यक़ीन मानिए ,,, ऐसे लोग कभी खुश नहीं रह सकते और ऐसा आप और हम देख भी रहे है ,,यह गलती इन नेताओ की नहीं ,,यह गलती ख्वाजा के दरबार में बैठे उन लोगों की भी है ,,जो वहां बैठ कर ऐसी बदतमीज़ी ,,ऐसी सियासत ,,ऐसी चादरों को स्वीकार करते है ,,उन मुफ्तियों उन क़ाज़ियों उन मौलानाओ की है जो इन बेहूदा सियासी हरकतों पर लगाम नहीं कस्ते उलटे ऐसी बेहूदा हरकतों में शामिल होकर ऐसी फरेबी चादरों को महिमामंडित करते है ,,नतीजा प्रकृति के प्रकोप का शिकार पुरे देश को होना पढ़ता है ,,,नेताओ के साथ जुड़े लोगों को ,,देश को खिमियाज़ा भुगतना पढ़ता है ,,,तो दोस्तों उठो ,,और समझाओ ,,के ख्वाजा गरीब नवाज़ ,,आपकी किसी चादर के मोहताज नहीं ,,अगर दिल से चादर पेश करना चाहते हो ,,,तो खुद जाइए ,,अपना सर उनकी चोखट पर झुकाइये ,,देश और देस के लोगों के लिए अल्लाह से खुशहाली ,,तरक़्क़ी की दुआ मांगिये ,,यक़ीनन देश ,,महंगाई , अराजकता के माहोल से अल्लाह के हुक्म से कोई हल ज़रूर निकलेगा और खुशियां होंगी ,,खुशहाली होगी ,,सियासी पार्टियां जो भी हो उन्होंने ख्वाजा का तिरस्कार कर देख लिया है ,,सजाये भुगत ली है और आज ज़मीन पर है ,,,सरकार की फजीहत हो रही है ,,तो जनाब सुधरो ज़रा सुधरो ,,मन और श्रद्धा नहीं है ,,,तो चादर मत भेजो ज़रूरी नहीं,,, लेकिन अगर सियासत नहीं कर रहे ,,तो उठो खुद जाओ ख्वाजा की चोखट पर,,, अल्लाह से दुआ मांगो फिर देखिये क्या परिवर्तन आता है सियासत में भी देश की खुशहाली में भी ,,,, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है बदल खुद को वली ,,पीर ,,फ़क़ीर ,,साधू ,,संत ,,देवी देवताओं का अपमान बंद कर इस पर सियासत करना बंद करो वरना तुम्हारा और तुम्हारी सियासी पार्टियों का हिंदुस्तान के इतिहास में नाम लेवा भी कोई नहीं होगा ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बचपन मे

बचपन मे 1 रु. की पतंग के पीछे
२ की.मी. तक भागते थे...
न जाने कीतने चोटे लगती थी...
वो पतंग भी हमे बहोत दौड़ाती थी...
आज पता चलता है,
दरअसल वो पतंग नहीं थी;
एक चेलेंज थी...
खुशीओं को हांसिल करने के लिए दौड़ना पड़ता है...
वो दुकानो पे नहीं मिलती...
शायद यही जिंदगी की दौड़ है

भारत सरकार से उन अधिकारियों एवं धार्मिक नेताओं को फटकार लगाने के लिए दबाव बनाए जो समुदायों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने ओबामा प्रशासनसे यह भी कहा है कि वह भारत सरकार से उन अधिकारियों एवं धार्मिक नेताओं को फटकार लगाने के लिए दबाव बनाए जो समुदायों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं तथा इस बहुलतावादी देश में धार्मिकस्वतंत्रता के मानकों को बढ़ावा देने के लिए भी कहे.आयोग ने कहा कि देश की बहुलतावादी दर्जे और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के बावजूद भारत ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने और अपराध होने पर न्याय प्रदान करने में में लंबा संघर्ष करना पड़ा है जिससे दंडमुक्ति का माहौल बना.उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि धार्मिक रूप से प्रेरित और सांप्रदायिक हिंसा बीते तीन वर्षों में लगातार बढ़ने की खबर है.आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, कनार्टक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में धार्मिक रूप सेप्रेरित हमलों और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सर्वाधिक देखने कोमिली हैं.उसने कहा कि साल 2014 के आम चुनाव के प्रचार के दौरान गैर सरकारी संगठनों और मुस्लिम, ईसाई एवं सिख समुदायों सहित धार्मिक नेताओं ने धार्मिक रूप से विभाजित करने वाले अभियान में शुरूआती इजाफा किया.रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘चुनाव के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों कोसत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं की ओर से अपमानजनक टिप्पणियों और आरएसएस एवं विहिप जैसे हिंदू राष्ट्रवादी समूहों की ओर से हिंसक हमलों और जबरन धर्मांतरण का सामना करना पड़ा है.’’आयोग ने कहा कि दिसंबर, 2014 में उत्तर प्रदेश में ‘घर वापसी’ अभियान के तहत हिंदू समूहों ने क्रिसमस के दिन कम से कम 4,000 ईसाई परिवारों और 1,000 मुस्लिम परिवारों को जबरन हिंदू धर्म में धर्मांतरण कराने की योजना का एलान किया. उसने आगरा में मुस्लिम समुदाय के कई लोगों का कथित तौर पर लालच देकर धर्मांतरण कराए जाने की घटना का भी उल्लेख किया है.आयोग ने कहा कि सितंबर, 2014 में ‘दलित सेवेंथ-डे एडवेंटिस्ट्स’ ने उत्तर प्रदेश में रिपोर्ट दायर की कि उनके वर्गके लोगों को जबरन हिंदू बना दिया गया और उनके गिरजाघर को हिंदू मंदिर में तब्दील कर दिया गया. यत पता नहीं है कि इस मामले में पुलिस जांच की गई या नहीं.आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता पर उनके विचारों का भी उल्लेख किया है.रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फरवरी में कैथोलिक संतों को सम्मानित करने के एक समारोह में मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि ‘उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि धर्म की संपूर्ण स्वतंत्रता हो तथा हर किसी को बिना किसी उत्पीड़न अथवा अनुचित प्रभाव के अपनी इच्छाके अनुसार धर्म में रहने अथवा अपनाने की पूरी स्वतंत्रता हो.’आयोग ने कहा, ‘‘यह बयान उन आरोपों के संदर्भ में उल्लेखनीय है किगुजरात में 2002 के मुस्लिम विरोधी दंगों में श्री मोदी कीसंलिप्तता थी.’’गौरतलब है कि 2002 में दंगों के मामलों में किसी भी भारतीयअदालत ने मोदी को कुछ भी गलत करने का दोषी नहीं पाया
 
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