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07 मई 2015

हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल

हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल के निधन से राजस्थान की संघर्षशील पत्रकारिता को अपूरणीय क्षति पहुंची है ,,लेकिन उनके पुत्र द्वारा उनकी देहदान के बाद वोह मेडीकल साइंस में हमेशा एक यादगार बनकर हमारे साथ हमारे बीच रहेंगे ,,
हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल को कौन नहीं जानता ,,,,विज्ञान के इस कम्प्यूटर युग के पत्रकारिता के परिवर्तन दौर में अजा भी भवंर शर्मा अटल की पत्रकारिता गाइड लाइन जस की तस है ,,और उनके दैनिक समाचार पत्र जननायक में प्रशिक्षित पत्रकारों की एक लम्बी फौज पुरे राजस्थान में अपनी प्रतिभा दिखा रही है ,,,जी हाँ दोस्तों खाण्डल विप्र ब्राह्मण परिवार में पन्द्राह मई उन्नीस सो बयालीस में जयपुर के पास जन्मे भंवर शर्मा अटल बालपन से ही संवेदनशील ,,जुझारू ,,संघरशील ,,इरादों के पक्के रहे ,,भंवर शर्मा अटल कोटा में आये और उन्होंने कोटा में हिंदी पत्रकारिता में विविध अयं स्थापित करते हुए ऐतिहासिक परिवर्तन प्रक्रिया के तहत कोटा से आज़ाद भारत का हिंदी का पहला दैनिक ,,जननायक ,,अख़बार का प्रकाशन शुरू किया ,,दैनिक जननायक पहले कोटा फिर सवाईमाधोपुर ,,चित्तोड़ से प्रकाशित होने लगा जो पुरे हाड़ोती में सबकी खबर लेता था सबको खबर देता था ,,,ट्रेडिल ,,कम्पोज़िंग के ज़माने से शुरू होकर कम्प्यूटर ऑफसेट युग तक जननायक का सफलतम प्रकाशन हुना ,,,,भंवर शर्मा अटल ने कोटा में सांध्य दैनिक प्रकाशन के रूप में पहला सांध्य दैनिक अमर नायक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया और काफी हद तक सफलतम पत्रकारिता के आयाम स्थापित किये ,,भंवर शर्मा अटल की बेबाक लेखनी ,,बेबाक प्रकाशन ,,निर्भीक आचरण ,,गरीबों ,,शोषितो ,,पीड़ितों को न्याय दिलवाने के स्वभाव ने भवंर शर्मा अटल को पत्रकारिता का युग पुरुष बना दिया ,,,,भंवर शर्मा अटल ने कई सरकार बनते बिगड़ती देखी ,,एक तरफ जहां भवंर शर्मा अटल ने सेकड़ो पत्रकारों को प्रशिक्षित किया तो दूसरी तरफ कोटा में हज़ारो लोगों को सियासत सिखाई जो जन्पर्तीिनिधि के रूप में सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर रहे ,,,,,कोटा में दैनिक राजस्थान पत्रिका ,,दैनिक भास्कर के प्रकाशन होने तक हाड़ोती में जननायक के भंवर शर्मा अटल का एक छत्र पत्रकारिता का राज था ,,,उनके प्रकाशन में खबर का खंडन प्रतिबंधित था ,,,,पत्रकारिता की निर्भीक रिपोर्टिंग के कारण उन्हें काफी संघर्ष करना पढ़े लेकिन आखिर में जीत सिर्फ उन्ही की हुई ,,,,,,कोटा में प्रेस क्लब के स्थापना करने वाले भंवर शर्मा अटल ने पत्रकारिता की परिभाषा बदलने ,,उसके बाज़ारो और बिकाऊ होने के बाद पत्रकारिता से सन्यास लेना मुनासिब समझा और उन्होंने दैनिक जननायक का प्रकाशन दूसरे हाथो में दे दिया ,,,, भंवर शर्मा अटल आज चाहे तिहत्तर साल के है लेकिन उनका दिल ,, उनका दिमाग ,,उनकी ज़ुबान आज भी एक नौजवान पत्रकार की तरह तेज़ तर्रार था ,,,,खबर को देखना उनकी पेनी निगाह में शामिल था ,,तो खबर को निर्भीकता से लिखना उनकी बेबाक क़लम की तासीर था ,,,,उनकी निर्भीकता ,,निडरता ,,न्यायप्रियता और शोषित ,,उत्पीड़ितों के लिए उनका दर्द मज़लूमों को आज भी याद था और इनके ज़माने के लोग आज भी भंवरशर्मा अटल की जननायक पत्रकारिता को याद कर क़िस्से सुनाते है ,,,,हाड़ोती पत्रकारिता के भीष्म पितामह भंवर शर्मा अटल को सेल्यूट ,,,हार्दिक श्रद्धंाजलि ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सलमान से गले मिल आमिर ने दी हिम्‍मत, वहीदा ने चूमा माथा

सलमान से गले लगते आमिर खान।
सलमान से गले लगते आमिर खान।
मुंबई. हिट एंड रन मामले में पांच साल कैद की सजा पा चुके सलमान खान से मिलने के लिए मशहूर हस्तियों के आने का सिलसिला जारी रहा। गुरुवार शाम को बॉलीवुड की बीते जमाने की मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान सलमान से मिलने पहुंचीं। उन्होंने सलमान का माथा चूम कर उन्हें आशीर्वाद दिया। इससे पहले दोपहर में एक्टर आमिर खान पहुंचे। आमिर उनके आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट्स आए और उनसे मिलकर अपनी संवेदनाएं जाहिर की। बाद में सलमान बिल्डिंग के नीचे तक आमिर को छोड़ने आए और उन्हें गले लगाकर विदा किया। गुरुवार को सलमान से मिलने डायरेक्टर करण जौहर, मनसे प्रमुख राज ठाकरे और स्थानीय विधायक नीलेश राणे भी पहुंचे।
पिता के अलावा घर से कोई बाहर नहीं निकला
सलमान के घर के बाहर गुरुवार सुबह सन्‍नाटा छाया था। उनके पिता सलीम खान तो मॉर्निंग वॉक के लिए निकले, लेकिन कोई और सदस्‍य घर के बाहर दिखाई नहीं दिया।
बुधवार रात जब सलमान दिन भर कोर्ट में रहने के बाद बेल पर घर लौटे थे, तो घर के बाहर फैन्स की काफी भीड़ थी और फिल्‍म इंडस्‍ट्री के उनके कई परिचित भी घर अाए थे। लेकिन गुरुवार सुबह ऐसा कुछ नहीं दिखा।
सलमान को 13 साल पुराने हिट एंड रन केस में पांच साल की सजा हुई है और उनकी जमानत अर्जी पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। उनसे हमदर्दी जताने के लिए मंगलवार रात से ही उनके घर सितारों का आना जारी है। बुधवार रात कोर्ट से जब सलमान घर पहुंचे तो सोनाक्षी सिन्हा, प्रिटी जिंटा, रानी मुखर्जी, विपाशा बसु, सोनू सूद आदि सितारे भी पहुंचे थे।
परिवार में सबको लग रहा था कि सजा तो हाेगी, पर इतनी नहीं
सलीम खान के फैमिली फ्रेंड और सलमान के करीबी जयप्रकाश चौकसे बताते हैं कि फैसले से एक दिन पहले से सलमान के घर में उथल-पुथल जैसी स्थिति थी। टेंशन सभी को थी। उम्मीद थी कि सजा तो होगी, लेकिन इतनी नहीं। रात से ही कई लोग गैलेक्सी अपार्टमेंट में आने-जाने लगे थे। लेकिन बुधवार सुबह सलमान के कोर्ट के लिए रवाना होने के बाद परिवार के ही बाकी सदस्य यहां रह गए। पड़ोस में ही वहीदा रहमान का घर है। वो भी आ गईं। सेशन कोर्ट का फैसला आने तक वहीदा जी सलमान की मां सलमा के साथ ही बैठी रहीं। सलमा की बहनें और सलमान के पिता सलीम साहब के रिश्तेदार भी घर पहुंच चुके थे। सलीम तो खुद को संभाल रहे थे, पर सलमा सबसे ज्यादा दुखी थीं। दोपहर को जैसे ही कोर्ट का फैसला आया, सलमा की तबीयत बिगड़ गई। वह बेहोश-सी हो गईं। ये खबर कोर्ट परिसर में मौजूद सोहेल तक पहुंची। वे तत्काल घर के लिए रवाना हुए।
2002 में जब ये घटना हुई थी, तभी से घर के लोगों को लग रहा था कि निर्णय तो खिलाफ आएगा। लेकिन सबको भरोसा था कि डेढ़-दो साल से ज्यादा की सजा नहीं होगी। वह भी सस्पेंडेड। पांच साल की सजा के लिए तो कोई तैयार नहीं था। गैर इरादतन हत्या का आरोप भी बाद में जोड़ा गया।
पूरे परिवार को लग रहा है कि सलमान की सितारा हैसियत की वजह से उन्हें कड़ी सजा दी जा रही है। सलमान की छवि ही कुछ ऐसी रही है। हालांकि, उन्होंने कई अच्छे काम किए हैं और कर रहे हैं। लेकिन कानून कहां इन बातों को मानता है। सलमान ने अपने दम पर अपना वजूद बनाया है। वह सुबह सेट पर आ जाता है, लेकिन कैमरे तक आने में दोपहर हो जाती है। तब तक खुद से लड़ता रहता है। अपनी 70 से 80 फीसदी आमदनी चैरिटी में लगा देता है। सलीम साहब उससे कहते रहते हैं कि 20 से 30 फीसदी खर्च करो। बाकी बुढ़ापे के लिए बचाओ। मैंने उससे एक बार कहा भी कि कभी 'गंगा-जमुना' जैसी फिल्में करने का मन नहीं करता, तो बोला- आप मेरी दुखती रग पर हाथ रख देते हैं। लेकिन मेरी दुकान चल रही है, उसे ही चलने दीजिए। मुझे लोग मेरे उन कामों से याद रखेंगे जो मैं बीइंग ह्यूमन के जरिए कर रहा हूं।
खैर, सजा के बाद कई लोग यहां आए। इनमें प्रिटी जिंटा और सोनाक्षी सिन्हा भी शामिल थीं। घर के बाहर प्रशंसकों, मीडियाकर्मियों और पुलिस वालों का जमावड़ा लगा था। जब सलमान घर पहुंचे तो भीड़ बेकाबू हो गई। पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

मुंबई में क़ानून ने अपना काम क्या

मुंबई में क़ानून ने अपना काम क्या ,,,जैसे आरोपियों को संदेह से पर मामले नहीं होने पर हम रोज़ बरी कराते है ,,वैसे आरोपियों को मुंबई की अदालत ने सेलब्रेटरी होने पर भी साक्ष्य को आधार मानकर सज़ा दी वोह भी इन्साफ था ,,लेकिन तुरत फुरत में हाईकोर्ट ने जिस तरह से अपील में अंतरिम ज़मानत देकर राहत दी वोह एक महाइंसाफ था ,,अगर देश भर में इसी तरह की तात्कालिक क़ानून व्यवस्था हाईकोर्ट में सज़ायाफ्ता मुल्ज़िम के लिए लागू हो जाए तो कई निर्दोषो को इन्साफ भी मिलेगा और क़ानून के प्रति विशवास भी ,,अभी निचली अदालत से सज़ा हो जेल जाओ और फिर अपील में नंबर आने तक जले रहो फिर चाहे मूल अपील में बरी हो जाओ तो अभियुक्त के जेल के दिनों का मुआवज़ा किया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महात्मा गांधी के प्रपौत्र बोले, अपराधी थे भगत सिंह


महात्मा गांधी के प्रपौत्र बोले, अपराधी थे भगत सिंह
जयपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भगत सिंह अंग्रेजी हुकूमत के गुनहगार थे। तुषार के मुताबिक, 'बापू किसी गुनहगार को सपोर्ट नहीं करते थे। यही वजह थी कि बापू ने ऐसे गुनहगार का साथ नहीं दिया और अंग्रेजी हुकूमत से उनकी सजा खत्म करने की सिफारिश भी नहीं की। हां, उनकी सजा को कम करने की सिफारिश जरूर की।' तुषार ने यह बयान जयपुर में दिया, जहां वे एक कार्यक्रम के सिलसिले में आए थे। इसी दौरान उन्होंने मीडिया से कहा था कि वे राजनीति पर किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे, लेकिन कार्यक्रम के बाद उन्होंने राजनीतिक मुद्दों सहित अन्य कई मुद्दों पर Dainikbhaskar.com से खुल कर बात की।
'शहीद होना चाहते थे भगत सिंह'
तुषार ने कहा कि भगत सिंह शहीद होना चाह रहे थे, ताकि उनका मैसेज देश में अधिक से अधिक युवाओं तक पहुंचे, लेकिन उनकी शहादत का उतना असर नहीं पड़ा, जितना वे सोच रहे थे। उस वक्त उनके फॉलोअर्स ने ही उनकी सोच को भुला दिया। उन्होंने भगत सिंह के बारे में यह बात कहने के बाद अन्ना और उनके साथियों को निशाना बनाया।
अन्ना ने लोगों को तो ईमानदारी का पाठ पढ़ाया, लेकिन अपने साथियों को नहीं
तुषार ने अन्ना हजारे के बारे में कहा, 'अन्ना का आंदोलन फेल हो गया, क्योंकि उन्होंने लोगों से तो कह दिया कि वे ईमानदार बनें और ईमानदारी का साथ दें, लेकिन उन्होंने अपने सहयोगियों को नहीं कहा कि वे खुद की गिरेबां में झांके। वे कितने सच्चे हैं। यदि वे सच्चे होते तो उनकी यह स्थिति नहीं होती। आज उनकी हकीकत खुद-ब-खुद सबके सामने आ गई है। दुर्भाग्य यह है कि अन्ना ने अरविंद केजरीवाल के दुबारा सत्ता में आते ही उनकी तारीफ करनी शुरू कर दी थी।' तुषार अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास सहित उन तमाम साथियों की बात कर रहे थे, जो आज राजनीति में हैं।
स्वार्थ की राजनीत शुरु हो गई है
तुषार ने कहा, 'बापू के सपनों का भारत आज कोसों दूर हो गया है। आज की राजनीति में उनके दर्शन का लोप हो गया है। आज कोई किसान आत्महत्या करता है तो हर एक पार्टी उसे भुनाने में लग जाती है। सभी ओर स्वार्थ की राजनीति हो रही है। चाहे कोई कुछ भी दावे कर लेकिन वह स्वच्छ राजनीति से कोसों दूर है।'

सलमान को सजा, तो इतना शोर क्यों
तुषार गांधी ने कहा कि सलमान खान को हिट एंड रन केस में सजा मिलने पर उनके फैंस को ये बात नागवार गुजर रही है, लेकिन सलमान ऐसे फेस हैं जिनकी हर बात लोगों तक आसानी से पहुंच जाती है। उन्हें सजा मिलते ही देश के हर कोने में बात फैल गई। यदि उन्हें सजा नहीं मिलती या सजा में और देरी होती तो ये बात भी लोगों तक आसानी से फैल जाती कि अमीरों या हाई प्रोफाइल लोगों को सजा नहीं मिलती। अब सलमान को सजा मिलने के बाद स्पष्ट हो गया है कि चाहे अमीर हो या गरीब सबके लिए न्याय समान है।

अदालतों में ,,जज के चेम्बरो में सी सी टी वी कैमरे लगा दिया जाए

दोस्तों देश भर की अदालतों में व्यवस्था सुधार ,,पक्षकारों ,,गवाहों ,,वकीलों ,,,रीडर ,,बाबुओ ,,सरकारी वकीलों ,,हाकमो के अनुशासन क़ायम करने और जो बहस हुई है उसका रिकॉर्ड रखने ,,मांगने पर देने ,,क़ानून की विश्वसनीयता मज़बूत करने के लिए अगर अदालतों में ,,जज के चेम्बरो में सी सी टी वी कैमरे लगा दिया जाए ,,उनका कंट्रोल रूप हायकोर्ट ,,के पास हो ,,हर सुनवाई के हर लम्हे की रिकॉर्डिंग देने का प्रावधान हो तो क़ानून में गुणवत्ता आएगी और इन्साफ के तीन पहिये पक्षकार ,,वकील ,,सरकारी वकील और हाकिम सभी के आचरण में तीसरी आँख का खौफ होने से मर्यादित अदालत का आचरण रहेगा ,,वकील ,,पक्षकार ,,,न्यायिक अधिकारीयों का टकराव भी बचेगा ,,,शिकायत होने पर तुरंत तीसरी आँख की रिकॉर्डिंग फैसला कर देगी ,,आपका क्या ख़याल है ,,अगर राजस्थान हाईकोर्ट कोटा की अदालतों में ऐसे सी सी टी वी कैमरे लगाने की इजाज़त दे तो यहां की सभी अदालतों में कैमरे लगाने का सारा खर्च में खुद उठाने को तैयार हूँ ,,आपका क्या ख्याल है अगर अच्छा ख्याल लगे तो प्लीज़ पुरे देश में इसे पहुंचाए और इन्साफ की गुणवत्ता ,,,,क़ानून के साथ अभद्रता करने वाले किसी भी व्यक्ति को पहचान कर दंडित करवाने के प्रयास करवाये ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सलमान को बेल मिलने से आसाराम खुश, बोले-मुझे भी मिल जाएगी जमानत SUNIL CHOUDHARY May 07, 2015, 20:52 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 1 of 5 Next जोधपुर में गुरुवार को कोर्ट से बाहर आते वक्त मुस्कुराते हुए आसाराम। जोधपुर में गुरुवार को कोर्ट से बाहर आते वक्त मुस्कुराते हुए आसाराम। जोधपुर। नाबालिग के उत्पीड़न के मामले में जेल में बंद आसाराम को सलमान खान की जमानत से काफी राहत मिली है। गुरुवार को इस मामले में जब उन्हें पेशी के लिए कोर्ट लाया गया तो वह काफी खुश नजर आ रहे थे। कोर्ट से बाहर आते वक्त उन्होंने मीडिया से कहा कि सलमान को जमानत मिली है, तो अब उन्हें भी जल्द ही मिल जाएगी। सुनवाई टली गुरुवार को आसाराम के मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। निचली अदालत ने इस मामले में एक सब इंस्पेक्टर का फिर से बयान कराने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ आसाराम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसी वजह से सेशन कोर्ट में इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। समर्थकों से मिले कोर्ट से बाहर आने के बाद आसाराम ने अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने समर्थकों से कहा कि वे उनके नाम से किसी को पैसे नहीं दें। यदि कोई उनके नाम से पैसे मांग रहा है तो इसकी शिकायत तुरंत पुलिस में करें। बता दें कि आसाराम से मिलने बड़ी संख्या में उनके समर्थक कोर्ट पहुंचे। वे आसराम से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें दूर रखा। इस दौरान कई महिलाएं पुलिस से हाथ जोड़ मिन्नतें करती नजर आईं।

जोधपुर में गुरुवार को कोर्ट से बाहर आते वक्त मुस्कुराते हुए आसाराम।
जोधपुर में गुरुवार को कोर्ट से बाहर आते वक्त मुस्कुराते हुए आसाराम।
जोधपुर। नाबालिग के उत्पीड़न के मामले में जेल में बंद आसाराम को सलमान खान की जमानत से काफी राहत मिली है। गुरुवार को इस मामले में जब उन्हें पेशी के लिए कोर्ट लाया गया तो वह काफी खुश नजर आ रहे थे। कोर्ट से बाहर आते वक्त उन्होंने मीडिया से कहा कि सलमान को जमानत मिली है, तो अब उन्हें भी जल्द ही मिल जाएगी।
सुनवाई टली
गुरुवार को आसाराम के मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। निचली अदालत ने इस मामले में एक सब इंस्पेक्टर का फिर से बयान कराने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ आसाराम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसी वजह से सेशन कोर्ट में इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी।
समर्थकों से मिले
कोर्ट से बाहर आने के बाद आसाराम ने अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने समर्थकों से कहा कि वे उनके नाम से किसी को पैसे नहीं दें। यदि कोई उनके नाम से पैसे मांग रहा है तो इसकी शिकायत तुरंत पुलिस में करें। बता दें कि आसाराम से मिलने बड़ी संख्या में उनके समर्थक कोर्ट पहुंचे। वे आसराम से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें दूर रखा। इस दौरान कई महिलाएं पुलिस से हाथ जोड़ मिन्नतें करती नजर आईं।

दोस्तों क़ुदरत का भी अजीब निज़ाम है

दोस्तों क़ुदरत का भी अजीब निज़ाम है ,,जो शख्स नेक होता है ,,जो सबको प्यारा हर दिल अज़ीज़ होता है ,,जिस शख्स की उसके परिवार को ,,दोस्तों ,,रिश्तेदारों को सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है ,,उसी शख्सियत को यह क़ुदरत अचानक हँसते खेलते उठा लेती है ,,घर परिवार ,,दोस्त ,,रिश्तेदार ,,बीवी बच्चे सब रोते बिलखते रहते है ,,लेकिन क़ुदरत को इन पर रहम नहीं आता है ,,खुदा सब्र देगा ,,, खुदा की कोई मसलेहत होगी ,,कुल्लू नफ़सून ज़ायक़ायतुल मोत ,,,,इन्ना इलैहे राजेऊन कहकर हम सब्र करते है ,,खेर खुदा की क़ुदरत खुदा जाने ,,लेकिन यह हँसता मुस्कुराता नौजवान इमरान खान ,,जो हमारा भांजा दामाद था ,,विश्व का सबसे अच्छा पति ,,विश्व का सबसे अच्छा पिता ,,विश्व का सबसे अच्छा बेटा ,,विश्व का सबसे अच्छा दामाद ,,विश्व का बसे अच्छा जीजू ,,विश्व का सबसे अच्छा भाई ,,सबसे अच्छा दोस्त सभी कुछ तो था ,,.,न चेहरे पर शिकन ,,न कड़वाहट ,,न थकन ,,सिर्फ और सिर्फ लोगों के काम आना ,,लोगों का दिल जीतना ,,लोगो से प्यार करना ,,अपना अपना हर कर्तव्य बखूबी निभाना ,,हर मुसीबत का मुक़ाबला मुस्कुरा कर करना ,,,हर महफील की जान हमारे इस भानजे दामाद को रविवार सुबह सवेरे क़ुदरत के ज़ालिम हाथो ने हमसे छीन लिया ,,कोई बिमारी नहीं ,,कोई दुखदर्द नहीं ,,कोई तनाव नहीं शनिवार का अवकाश अपने परिवार ,,अम्मी ,,पापा ,,बीवी बच्चो के साथ हंसी खेल ठिठोली के बाद खाना खाकर सोये और सुबह जब उठने की बारी थी तो हमेशा के लिए सबको रुलाकर लम्बे सो गए ,,दिल्ली का यह हादसा ,,रोहिणी को हिला देने वाला था ,,,चूंकि देहरादून की पैदाइश ,,वहीं का रहन सहन इसलिए दऱ्हाडुं के क़ब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक की रस्म पूरी हुई ,,,,अम्मी ,,पापा ,,सास ससुर ,,बीवी ,,बच्चियों रिश्तदारों के आँख के आंसू नहीं टूट रहे ,,किसी तरह का कोई सब्र नहीं ,,,पत्नी और दो मासूम बच्चियों का अभविष्य अंधकार में है अल्लाह भरोसे है ,,एक जवान मोत ,,अचानक मोत ,,क़ुदरत का निज़ाम नहीं कहर ही कहा जाएगा ,,खेर क़ुदरत तेरे खेल निराले ,,तेरे खेल तू जाने ,,लेकिन दोस्तों सच यही है के इन दिनों बिना किसी बीमारी के अचानक नौजवान साथियों को ब्रेन हेमरेज ,,साइलेंट अटैक सहित कई बीमारियां घर कर रही है ,,जवान मोते हो रही है सभी से गुज़ारिश है प्लीज़ एक बार अपना स्वास्थ परीक्षण ज़रूर ज़रूर कराये ,,मरना तो एक दिन सभी को है ,,किसी को जल्दी ,,किसी को बाद में ,,लेकिन एक मलाल तो न रहे के कोई चेकअप ना कराया अचानक मोत आ गयी ,,,,,,,,,,,,,,,,आपसे इल्तिजा है आप खुदा से दुआ कीजिए के इस नेक शख्सियत के बीवी ,,दो मासूम बच्चियों ,,,माँ बाप ,,सास ससुर ,,रिश्तेदारां ,,दोस्त अहबाब सभी को खुदा सब्र दे और हिम्मत दे साथ ही अल्लाह पुरे परिवार का भविष्य सुरक्षित रखे ,,,आमीन सुम्मा आमीन ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रधानमंत्री ने अपनी सीट से उठकर सोनिया गांधी से कहा-थैंक यू dainikbhaskar.com May 07, 2015, 20:04 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS प्रधानमंत्री ने अपनी सीट से उठकर सोनिया गांधी से कहा-थैंक यू नई दिल्ली. संसद में गुरुवार को बदला हुआ नजारा दिखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सीट से उठकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद कहा। प्रधानमंत्री ने उसके बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद से फोन पर बात की। दरअसल, बांग्लादेश के साथ जमीन को लेकर 1974 में हुए समझौते को गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के सहयोग से मंजूरी मिली। राज्यसभा ने बुधवार को ही इसे मंजूरी दे दी थी। पीएम इसी वजह से खुश थे। संसद से मंजूरी मिलने के बाद बांग्लादेश की सीमा से सटे देश के 15 राज्यों में मौजूद बांग्लादेशियों की जमीन के बांग्लादेश में भारतीयों के कब्जे वाली जमीन से अदला-बदली का रास्ता साफ हो गया है। क्या होगा असर? 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे के समय आज का बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बन गया था। भारत और बांग्लादेश की सीमा के दोनों तरफ ऐसी 160 बस्तियां हैं, जहां दोनों देशों के नागरिक रह रहे हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते को भारतीय संसद की मंजूरी मिलने के बाद दोनों देश अपनी सीमा में मौजूद जमीन का अधिग्रहण कर सकेंगे। यही नहीं, उस जमीन पर रहने वाले लोग अपने मूल देश लौट सकते हैं। मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में ऐसी 51 बस्तियों में करीब 15 हजार बांग्लादेशी रहते हैं।


प्रधानमंत्री ने अपनी सीट से उठकर सोनिया गांधी से कहा-थैंक यू
नई दिल्ली. संसद में गुरुवार को बदला हुआ नजारा दिखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सीट से उठकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद कहा। प्रधानमंत्री ने उसके बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद से फोन पर बात की। दरअसल, बांग्लादेश के साथ जमीन को लेकर 1974 में हुए समझौते को गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के सहयोग से मंजूरी मिली। राज्यसभा ने बुधवार को ही इसे मंजूरी दे दी थी। पीएम इसी वजह से खुश थे। संसद से मंजूरी मिलने के बाद बांग्लादेश की सीमा से सटे देश के 15 राज्यों में मौजूद बांग्लादेशियों की जमीन के बांग्लादेश में भारतीयों के कब्जे वाली जमीन से अदला-बदली का रास्ता साफ हो गया है।
क्या होगा असर?
1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे के समय आज का बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बन गया था। भारत और बांग्लादेश की सीमा के दोनों तरफ ऐसी 160 बस्तियां हैं, जहां दोनों देशों के नागरिक रह रहे हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते को भारतीय संसद की मंजूरी मिलने के बाद दोनों देश अपनी सीमा में मौजूद जमीन का अधिग्रहण कर सकेंगे। यही नहीं, उस जमीन पर रहने वाले लोग अपने मूल देश लौट सकते हैं। मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में ऐसी 51 बस्तियों में करीब 15 हजार बांग्लादेशी रहते हैं।

मैं मर जाऊँ तो

मैं मर जाऊँ तो
सिर्फ मेरी इतनी
पहचान लिख देना
मेरे खून से मेरे माथे पर
"इस्लाम " लिख देना
कोई पूछे तुमसे जन्नत के
बारे में तो एक कागज के
टुकड़े में "मुसलमान`` लिख
देना
ना दौलत पर गुमान करते
है,
ना शोहरत पर गुमान
करते है, किया अल्लाह ने
मूसलमान के घर पैदा,
इसलिये अपनी किस्मत पर
गुमान करते है|

धोनी पर नियम विरुद्ध जमीन आवंटन कराने का आरोप, आवास बोर्ड ने भेजा नोटिस


धोनी पर नियम विरुद्ध जमीन आवंटन कराने का आरोप, आवास बोर्ड ने भेजा नोटिस
रांची. झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को नोटिस भेजा है। बोर्ड ने कहा है कि कट प्लॉट बताकर उन्हें दी गई जमीन आवंटन नियम के खिलाफ है। 15 दिन के अंदर जवाब दें कि क्यों नहीं आपका आवंटन रद्द कर दिया जाए। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने धोनी को हरमू रोड में करीब 4000 वर्ग फुट जमीन आवंटित की थी। इसके बाद बगल की 4300 वर्ग फुट जमीन को कट प्लॉट बताकर फिर से धोनी को आवंटित कर दी गई।
समीक्षा के क्रम में एमडी दिलीप कुमार झा को इस बात की जानकारी मिली। उन्होंने जब इसकी पड़ताल की तो पाया कि पहले किया गया आवंटन नियम सम्मत था, जबकि जिस जमीन को कट प्लॉट बताया गया था, दरअसल में वह कट प्लॉट था ही नहीं। खबर है कि गुरुवार को बोर्ड ने यह नोटिस भेजा है। वैसे इस बारे में आवास बोर्ड के एमडी दिलीप कुमार झा ने अपना मुंह नहीं खोला। जानकारी मिलने के बाद जब उन्हें फोन किया गया तो वे चुप हो गए और बाद में फोन बंद कर दिया। मालूम हो कि बोर्ड ने हाल में कई रसूखदारों को नोटिस भेजा है।

क़ुरान का सन्देश

 
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