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12 मई 2015

पत्नी को इलाज के बीच गर्मी लगी थी, पूरे वार्ड में लगवा दिया कूलिंग सिस्टम

कीमोथैरेपी वार्ड में परिवार के साथ सुब्रत राय।
कीमोथैरेपी वार्ड में परिवार के साथ सुब्रत राय।
भोपाल. पत्नी देवश्री राय (49) को ब्रेस्ट कैंसर था। इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने कीमोथेरेपी दी। इसके लिए जिस वार्ड में भर्ती किया, वहां गर्मी से राहत देने की कोई व्यवस्था नहीं थी। कीमोथेरेपी के दौरान पत्नी को गर्मी से हुई तकलीफ का अहसास बीते साल फरवरी 2014 में उसकी मौत के बाद हुआ। यह कहना है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईटीटीआर) में कार्यरत प्रो. सुब्रत राय का।
देवश्री को हुई तकलीफ को प्रो. राय नहीं भुला पाए। देवश्री जैसी परेशानी दूसरे मरीजों को न सहनी पड़े, इसके लिए 54 पलंग वाले कीमोथेरेपी वार्ड में 9 लाख रुपए की लागत का एयर कूलिंग सिस्टम इन्स्टॉल कराया ताकि कीमोथेरेपी के दौरान मरीजों को गर्मी के कारण होने वाली तकलीफ को कम किया जा सके।
प्रो. सुब्रत राय ने शुक्रवार को पत्नी के 50वें जन्मदिन पर अस्पताल के एयरकूल्ड वार्ड को लोकार्पित किया। इस समय वार्ड में 30 से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि देवश्री मैनिट के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में एचओडी के पद पर पदस्थ थी।
पानी की किल्लत दूर करने बोरवेल कराया
प्रो. सुब्रत राय ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को गर्मियों में पानी के लिए काफी परेशान होना पड़ता था। इस कारण इसी साल 10 फरवरी 2015 को अस्पताल में देवश्री की पहली पुण्य तिथि पर 2 लाख रुपए खर्च कर पानी का बोरवेल कराया था। वर्तमान में इसी बोरवेल से अस्पताल में पानी की सप्लाई हो रही है।
जनरल वार्ड की फीस पर एयरकूल्ड वार्ड
कैंसर हॉस्पिटल के एडिशनल डायरेक्टर राकेश जोशी ने बताया कि प्रो. सुब्रत राय द्वारा एयरकूल्ड कराए गए कीमोथेरेपी वार्ड में मरीजों का इलाज जनरल वार्ड के खर्च पर किया जाएगा। इस वार्ड में एक दिन की फीस 200 रुपए ली जाती है। अब एयरकूल्ड होने के बाद भी यही फीस रहेगी।

गुस्सैल होती हैं वे महिलाएं जिनके चेहरे पर होते हैं मूंछ के बाल

गुस्सैल होती हैं वे महिलाएं जिनके चेहरे पर होते हैं मूंछ के बाल
भारतीय ज्योतिष बहुत ही विस्तृत है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इसे अनेक भागों में बांटा है। भारतीय ज्योतिष का ही एक भाग है सामुद्रिक शास्त्र। इसके अंतर्गत किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंगों, शरीर पर बने चिह्नों, चाल-ढाल या रहन-सहने के तरीके से आप उस व्यक्ति के चरित्र के बारे में कई गुप्त बातें जान सकते हैं।
हमारे शरीर के हर अंग की बनावट व उसके स्वभाव के अलावा शरीर पर उपस्थित हर चिह्न का एक विशेष महत्व है। आज हम आपको शरीर के कुछ ऐसे ही अंगों व चिह्नों के बारे में तथा उनसे संबंधित मानवीय स्वभाव के बारे मे बता रहे हैं, जिन पर हम कभी ध्यान ही नहीं देते।

स्त्री के मुख पर मूंछ के बाल

समुद्र शास्त्र के अनुसार जिस स्त्री के मुख पर मूंछ के बाल स्पष्ट दिखाई देते हैं। वह स्त्री गरम मिजाज की होती है। ऐसी महिलाएं सिर्फ अपनी बात मनवाने वाली और पति पर हुक्म चलाने में माहिर होती हैं। कभी-कभी इनका स्वभाव बहुत क्रूर हो जाता है। अपनी बात मनवाने के लिए ये किसी भी हद तक जा सकती हैं। ऐसी स्त्रियां पूरे परिवार को अपने तरीके से चलाती हैं, कोई भी इनकी बात न मानें तो ये बहुत जल्दी गुस्सा भी हो जाती हैं।

शादी के अगले ही दिन 65 साल के दूल्हे को छोड़ दुल्हन फरार, पैसे भी ले गई साथ

शादी के अगले ही दिन 65 साल के दूल्हे को छोड़ दुल्हन फरार, पैसे भी ले गई साथ
उज्जैन(इंदौर). पत्नी की मौत के बाद 65 साल की उम्र में शादी करने वाले दूल्हे को चकमा देकर दुल्हन फरार हो गई। लुटेरी दुल्हन के साथियों ने दूल्हे से 55 हजार रुपए भी ठग लिए। शहर के बड़नगर थाना क्षेत्र के पीपलू निवासी गोपाल (65) पिता मूलचंद माली ने मंगलवार को एसपी एमएस वर्मा को बताया उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है।
गांव के कय्यूम व बिरगोदानाथू के इजराइल उसे दूसरी शादी के लिए कुंगारा के अली हुसैन के पास ले गए थे। 4 मार्च को अली हुसैन के घर पर देवास के निरंजनपुर की मनीबाई उर्फ मनोरमा (45) को लेकर आए। शादी में खर्च के नाम पर तीनों ने गोपाल से 55 हजार ले लिए थे।
4 मार्च को ही गोपाल की शादी मनोरमा से हो गई। गोपाल का आरोप है 5 मार्च की सुबह मनोरमा भाग गई। वह फिर तीनों के पास गया तो उन लोगों ने मनोरमा को खोजने के नाम पर 10 हजार और लिए। उसके बाद न मनोरमा मिली अौर न ही उसके पैसे लौटा रहे हैं। एसपी ने जांच बड़नगर पुलिस को सौंपी है।

दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने 3 महिला सफाईकर्मियों को कार से कुचला


दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने 3 महिला सफाईकर्मियों को कार से कुचला
 
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के बदरपुर इलाके में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने तीन महिला सफाईकर्मियों को अपनी कार से कुचल दिया। हादसे के बाद महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां तीनों की मौत हो गई।
खबर के मुताबिक, हादसा बदरपुर फ्लाईओवर के ऊपर हुआ। घटना मंगलवार सुबह की है, जब दिल्ली पुलिस मुख्यालय में तैनात एसआई वीरपाल अपनी नाइट ड्यूटी खत्म कर घर जा रहे थे। घटना सुबह 9 से साढ़े 9 बजे के बीच की है। तब तीनों महिला सफाईकर्मी पुल पर सफाई कर रही थीं। उसी दौरान वहां से गुजर रहे वीरपाल ने अपनी सैंट्रो कार से तीनों महिलाओं को कुचल दिया। घटना के बाद एसआई को दोपहर ढाई बजे गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा-सिविल ड्रेस में था एसआई
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, ''फ्लाईओवर पर 6 लोग काम कर रहे थे। वे कूड़ा भर रहे थे कि तभी तेज रफ्तार से आई एक कार ने तीन महिलाओं को कुचल दिया। महिलाओं को कुचलने वाली सैंट्रो कार पुलिस वाले की थी जिसे सिविल ड्रेस में मौजूद दिल्ली पुलिस का एसआई वीरपाल चला रहा था। प्रत्य़क्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस वाले ने अपनी तेज रफ्तार गाड़ी से कंट्रोल खो दिया था और एकदम से अपनी कार महिलाओं पर चढ़ा दी, लोगों ने गाड़ी को रोका तो कहने लगा कि नींद आ रही थी। इसके बाद आगे गार्ड ने उसकी गाड़ी को रोका और पुलिस को फोन किया।'' प्रत्य़दर्शियों का कहना है कि महिलाओं की मौत अस्पताल ले जाने से पहले ही हो गई थी। मरने वाली महिला सफाईकर्मियों के नाम मीरा, शंकुतला और माया है। घटना में 6 अन्य लोग भी घायल हुए हैं।
सोमवार को भी सामने आया था दिल्ली पुलिस का शर्मनाक चेहरा
सोमवार को 200 रुपये की घूस न देने पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक काॅन्स्टेबल ने एक स्कूटी सवार महिला पर ईंट से हमला कर दिया था। घटना देश की संसद से तीन किलोमीटर दूर गोल्फ लिंक के पास मुख्य सड़क पर घटी थी। घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक काॅन्स्टेबल सतीश चंद्र को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया।

जमीन से ज्यादा दिल कांपे बिहार में 16 का हार्ट फेल, भूकंप से 42 की मौत

पिता का भरोसा है, पर रह-रह कर हिल रही धरती डरा रही है। पूरे नेपाल की यही स्थिति है।
पिता का भरोसा है, पर रह-रह कर हिल रही धरती डरा रही है। पूरे नेपाल की यही स्थिति है।
पटना. महज 17 दिन बाद भूकंप और उसका खौफ फिर लौट आया। वहीं दोपहर साढ़े बारह बजे धरती कांप गई। पहले से सहमे लोग बुरी तरह डर गए और घरों से भागे। पर यह घबराहट जानलेवा बन गई। भूकंप से प्रदेश में 42 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य केंद्रों के मुताबिक 16 लोगों का हार्ट फेल हुआ है।
भूकंप से सबसे अधिक चार लोगों की मौत पूर्वी चंपारण में हुई है। हालांकि बिहार सरकार ने 15 लोगों के मरने और 70 लोगों के घायल होने की बात कही है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.3 थी। केंद्र काठमांडू से 76 किलोमीटर दूर एवरेस्ट के पास कोडारी गांव में था। फिर भूकंप आने की दहशत में लोग रतजगा करते रहे। खुली जगह और पार्कों में जमे लोगों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात की। धैर्य व सावधान रहने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा-डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। अलर्ट घोषित कर दिया है। नुकसान की भरपाई होगी। मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है।

सेंट्रल कैबिनेट सेक्रेट्री ने वीसी कर लिया जायजा
सेंट्रल कैबिनेट सेक्रेट्री अजीत सेठ ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी से वीसी (वीडियो कांफ्रेंसिंग) कर हालात का जायजा लिया। हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
सबसे ज्यादा मौत पूर्वी चंपारण में : भूकंप से पूर्वी चंपारण में 4, गोपालगंज, पटना, मधेपुरा व सारण में 3-3, मुजफ्फरपुर, दरभंगा में 2-2 और सीतामढ़ी, सीवान, समस्तीपुर, शिवहर, पश्चिमी चंपारण, औरंगाबाद, नवादा, भागलपुर, अररिया, सुपौल, पूर्णिया, सहरसा एवं शेखपुरा में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है।
बक्सर में एक बच्ची की मौत हो गई। जबकि, भूकंप के दौरान हार्ट अटैक से मधेपुरा में 3, मोतिहारी में 2 तथा शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, अररिया, नवादा, औरंगाबाद, बेतिया, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया तथा पटना में 1-1 की जान गई। इधर, आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार भूकंप से पटना, पूर्वी चंपारण में 2-2 तथा पूर्णिया, सीतामढ़ी, सीवान, दरभंगा, खगड़िया में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है। 27 घर गिरे-किशनगंज में 20, लखीसराय में 6 तथा रोहतास में 1।
मुख्यमंत्री ने दिया आदेशगर्मी की छुट्टी के बाद खुलेंगे स्कूल
पटना| भूकंप के तेज झटकों से दहशतजदा बच्चों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहत दी है। उन्होंने गर्मी की छुट्टी तक राज्य के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन बाद स्कूलों में गर्मी की छुट्टी होने वाली थी। पिछली बार भूकंप के बाद दो दिनों की छुट्टी दी गई थी।
इस बार भी दो दिन की छुट्टी दी जाती है तो एक दिन बच्चों को स्कूल आना होगा, इससे कोई अधिक फर्क नहीं पड़ने वाला। बच्चों की सुरक्षा और उनके मन से भूकंप का दहशत निकालने के लिए गर्मी की छुट्टी तक स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने सभी डीएम को इस पर अमल सुनिश्चित कराने को कहा है। साथ ही गर्मी की छुट्टी एक सप्ताह पहले समाप्त करने की अनुमति स्कूलों को दी है।
इस बीच पटना के डीएम अभय कुमार सिंह ने कहा कि 12वीं तक के सभी सरकारी व निजी स्कूलों को बुधवार से बंद कर दिया गया है। स्कूलों में अब गर्मी की छुट्टी तक शैक्षणिक कार्य नहीं होंगे।
15 राज्यों में भी डोली धरती
मंगलवार को आए भूकंप के झटके बिहार के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों में महसूस किए गए। उत्तर प्रदेश में तो 2 लोगों की मौत भी हुई है। कई के घायल होने की भी खबर है।

कोटा में जिला कलेक्टर ने अभी कार्यभार भी नहीं संभाला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दोस्तों कोटा में जिला कलेक्टर ने अभी कार्यभार भी नहीं संभाला के राजस्थान हाईकोर्ट की अवमानना का एक मामला उनके खिलाफ नगर निगम कोटा के अधिकारीयों ने तैयार सा कर लिया है ,,नगर निगम ने राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशो आदेशो के खिलाफ खुले रूप से लक्की बुर्ज के पास मेगज़ीन ग्राउण्ड में आने जाने के लिए पुरातत्व महत्व के ऐतिहासिक परकोटे को तोड़ कर सीडिया बनाने का काम शुरू किया है ,,,,,,कोटा में इंटेक की एक याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर और अधिकारीयों को पाबंद कर पुरातत्व महत्व के परकोटे को संरक्षित रखने और इसे सो मीटर के दायरे में निर्माण को रोकने के आदेश दे रखे है ,,,इस आदेश की पालना नहीं होने पर राजस्थान हाईकोर्ट में कोटा कलेक्टर सहित दूसरे अधिकारीयों के खिलाफ अवमानना की याचिका विचाराधीन है जबकि भविष्य में परकोटे की निगरानी ,,टूटफूट जिला कलेक्टर की निगरानी में रखी गई है ,,आब ऐसे में नगर निगम कोटा के कुछ अधिकारी कथित लोगों को निजी फायदा पहुंचाने के लिए सार्वजनिक रूप से बिना कलेक्टर की अनुमति के अगर लक्की बुर्ज के यहाँ परकोटा तोड़कर उसका ऐतीहासिक महत्व खत्म करते हुए आने जाने का अवैध रास्ता बना रहे है तो निश्चित तोर पर यह निर्माण ,,यह तोड़फोड़ न्यायालय के आदेशो की अवमानना में आती है ,,,इस मामले में नगर निगम कोटा के अधिकारीयों और जिला प्रशासन के खिलाफ कुछ लोग फिर से एक नयी अवमानना याचिका लगाने की तैयारी में है ,,,,नए कोटा कलेक्टर ने अभी कार्यभार ग्रहण नहीं किया है ,,पुराने कलेक्टर चले गए है ,,कलेक्टर का कार्यभार आर ऐ एस के पास है लेकिन ऐसे मामलों में किसी का ध्यान नहीं है ,,लेकिन ऐसी मनमानी ,,ऐसी लापरवाही आने वाले कलेक्टर को अनावश्यक परेशानी और जवाबदारी में डालने वाला है ,,इस पर निगरानी रखते हुए कोटा के प्रशासनिक अधिकारीयों को गंभीरता से लेकर इस तोड़फोड़ ,, निर्माण को रुकवाना चाहिए वरना अनवश्य क़ानूनी बवाल खड़ा होगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हमारे देश के आंतरिक मामलों के खिलाफ अमेरिका जब भी बोलता है किसी को कुछ भी अहसास हो लेकिन मुझे गुस्सा आता है

दोस्तों हमारे देश के आंतरिक मामलों के खिलाफ अमेरिका जब भी बोलता है किसी को कुछ भी अहसास हो लेकिन मुझे गुस्सा आता है ,,नफरत होती है हुकूमत में बैठे हुए अमेरिका के गुलाम पिट्ठू लोगों से ,,हमारे देश में आपसी झगड़े ,,फसादात ,,आंतरिक मामला है ,,हमारे देश में साम्प्रदायिकता के नाम पर कुछ गिनती के लोगों की आँखों में नफरत के शोले है ,,,,,खूनखराबे की ख्वाहिश है तो करोडो करोड़ लोग ऐसे भी है जो देश में अमन चेन ,,भाईचारा ,,सद्भावना ,,एक दूसरे के परस्पर प्रेम के भूखे है ,,मददगार है ,,,सांप्रदायिक नफरत और हिंसा के गिनती के राक्षसी क़िस्से है तो हमारे देश में हज़ारो प्यार और सद्भावना के मिसालि क़िस्से है जो सिर्फ और सिर्फ मेरे इस भारत महान में ही है ,,दोस्तों अमेरिका जैसे दुसरो का खून चूसने वाले ,,हथियार बेचकर अपना पेट पालने वाले देश की औक़ात देखिये के हमारे देश में आँतरिक मालों में रिपोर्टे तैयार कर रहा है आर एस एस और दूसरे संगठनो को आतंकवादी ,हिंसक बता रहा है ,,कुछ गलत फ़हमियों की वजह से आर एस एस और दीगर संगठनों के लोग या साक्षी महाराज ,,योगी आदित्यनाथ जैसे सिरफिरे लोग हमारे देश का चेहरा नहीं है ,,,,कश्मीरी आतंकवाद पर चुप रहने वाले अमेरिका ने हमारे देश में आर एस एस द्वारा संचालित सेवा केंद्र ,,अस्पताल नहीं देखे ,,,स्कूल नहीं देखे ,,वृद्धाश्रम नहीं देखे ,,,,,,अमेरिका ने हमारे देश में एक मुस्लिम की बच्ची की शादी हिन्दू भाई द्वारा करवाते हुए नहीं देखि एक हिन्दू बहन की अस्मत की सुरक्षा मुस्लिम भाई द्वारा करते हुए नहीं देखि ,,मस्जिद को जब हिन्दू ,,मंदिर को जब मुसलमान बचाते है तो अमेरिका अपनी आँख मीच लेता है ,,हमारे देश में जब मुसलमान गीता का पाठ और हिन्दू क़ुरआन पढ़ता है ,, मुसलमान भजन जाता है तो हिन्दू नात ख्वानी करता है यह सच अमेरिका को नहीं दिखता सिर्फ और सिर्फ अमेरिका हमारे देश की अंतर्राष्ट्रीय छवि कैसे बिगाड़े ,,कैसे हमारे आंतरिक मामलात में दखल दे ,,हमारे देश और देश के विनम्र लोगों का अमेरिका कैसे अपमान करे बस यही कुछ अमेरिका करता आया है ,,लेकिन दोस्तों अब बहुत हो गयी ,,नरेंदर मोदी पर नरेंद्र मोदी को प्रधामंत्री बनाने वाली आर एस एस और दूसरी पार्टियों को भी दबाव बनाना चाहिए के नरेंद्र मोदी खुले रूप में अमेरिका की भारत में कथित रूप से साम्प्रदायिक नफरत के मामले में आर एस एस और दीगर हिन्दू संगठन को ज़िम्मेदार ठहराने वाली टिप्पणी वापस ले ,,नरेंद्र मोदी पर दबाव होना चाहिए के वोह अमेरिका के खिलाफ सार्वजनिक रूप से इस मामले में उसे हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की सलाह देते हुए अमेरिका से आर एस एस संगठन से माफ़ी मंगवाए वरना हमारे देश में अमेरिका के जो भी दूतावास है बंद कर दिया जाए ,,नरेदंर मोदी अगर ऐसा नहीं करते है तो आर एस एस सहित देश के सभी संगठन जो हमरे देश के आंतरिक मामलों में अमेरिका द्वारा की जा रही इस तरह की नाजायज़ टिप्पणियों को सही नहीं मानते है वोह सभी लोग फिर नरेंद्र मोदी से इस्तीफे की दरकार करे क्योंकि जो राजा अपने देश ,,अपने समर्थकों की इज़्ज़त आबरू सरे राह नीलाम होने से नहीं बचा सकता उसे कुर्सी पर बैठे रहने का ज़रा भी हक़ नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आज हम बात करते हैं एक ऐसे वैज्ञानिक

आज हम बात करते हैं एक ऐसे वैज्ञानिक, चिन्तक और फिलास्फर की
* जो आधुनिक केमिस्ट्री के पिता जाबिर इब्ने हय्यान (गेबर ) का उस्ताद था.
* जो अरबिक विज्ञान के स्वर्ण युग का आरंभकर्ता था.
* जिसने विज्ञान की बहुत सी शाखाओं की बुनियाद रखी.
20 अप्रैल 700 में अरबिक भूमि पर जन्मे उस वैज्ञानिक का नाम था जाफर अल सादिक. इस्लाम की एक शाखा इनके नाम पर जाफरी शाखा कहलाती है जो इन्हें इमाम मानती है. जबकि सूफी शाखा के अनुसार ये वली हैं. इस्लाम की अन्य शाखाएँ भी इनकी अहमियत से इनकार नहीं करतीं.
इमाम जाफर अल सादिक हज़रत अली की चौथी पीढी में थे. उनके पिता इमाम मोहम्मद बाक़र स्वयें एक वैज्ञानिक थे और मदीने में अपना कॉलेज चलाते हुए सैंकडों शिष्यों को ज्ञान अर्पण करते थे. अपने पिता के बाद जाफर अल सादिक ने यह कार्य संभाला और अपने शिष्यों को कुछ ऐसी बातें बताईं जो इससे पहले अन्य किसी ने नहीं बताई थीं.
उन्होंने अरस्तू की चार मूल तत्वों की थ्योरी से इनकार किया और कहा कि मुझे आश्चर्य है कि अरस्तू ने कहा कि विश्व में केवल चार तत्व हैं, मिटटी, पानी, आग और हवा. मिटटी स्वयें तत्व नहीं है बल्कि इसमें बहुत सारे तत्व हैं. इसी तरह जाफर अल सादिक ने पानी, आग और हवा को भी तत्व नहीं माना. हवा को भी तत्वों का मिश्रण माना और बताया कि इनमें से हर तत्व सांस के लिए ज़रूरी है. मेडिकल साइंस में इमाम सादिक ने बताया कि मिटटी में पाए जाने वाले सभी तत्व मानव शरीर में भी होते हैं. इनमें चार तत्व अधिक मात्रा में, आठ कम मात्रा में और आठ अन्य सूक्ष्म मात्रा में होते हैं. आधुनिक मेडिकल साइंस इसकी पुष्टि करती है.
एक शिष्य को बताया, "जो पत्थर तुम सामने गतिहीन देख रहे हो, उसके अन्दर बहुत तेज़ गतियाँ हो रही हैं." उसके बाद कहा, "यह पत्थर बहुत पहले द्रव अवस्था में था. आज भी अगर इस पत्थर को बहुत अधिक गर्म किया जाए तो यह द्रव अवस्था में आ जायेगा."
ऑप्टिक्स का बुनियादी सिद्धांत 'प्रकाश जब किसी वस्तु से परिवर्तित होकर आँख तक पहुँचता है तो वह वस्तु दिखाई देती है.' इमाम सादिक का ही बताया हुआ है. एक बार अपने लेक्चर में बताया कि शक्तिशाली प्रकाश भारी वस्तुओं को भी हिला सकता है. लेजर किरणों के आविष्कार के बाद इस कथन की पुष्टि हुई. इनका एक अन्य चमत्कारिक सिद्धांत है की हर पदार्थ का एक विपरीत पदार्थ भी ब्रह्माण्ड में मौजूद है. यह आज के Matter-Antimatter थ्योरी की झलक थी. एक थ्योरी इमाम ने बताई कि पृथ्वी अपने अक्ष के परितः चक्कर लगाती है. जिसकी पुष्टि बीसवीं शताब्दी में हो पाई. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ब्रह्माण्ड में कुछ भी स्थिर नहीं है. सब कुछ गतिमान है.
ब्रह्माण्ड के बारे में एक रोचक थ्योरी उन्होंने बताई कि ब्रह्माण्ड हमेशा एक जैसी अवस्था में नहीं होता. एक समयांतराल में यह फैलता है और दूसरे समयांतराल में यह सिकुड़ता है.
कुछ सन्दर्भों के अनुसार इमाम के शिष्यों की संख्या चार हज़ार से अधिक थी. दूर दूर से लोग इनके पास ज्ञान हासिल करने के लिए आते थे. इनके प्रमुख शिष्यों में Father of Chemistry जाबिर इब्ने हय्यान (गेबर), इमाम अबू हनीफा(जिनके नाम पर इस्लाम की हनफी शाखा है) तथा मालिक इब्न अनस (मालिकी शाखा के प्रवर्तक) प्रमुख हैं.
यह विडंबना रही कि दुनिया ने इमाम जफ़र अल सादिक की खोजों को हमेशा दबाने की कोशिश की. इसके पीछे उस दौर के अरबी शासकों का काफी हाथ रहा जो अपनी ईर्ष्यालू प्रकृति के कारण इनकी खोजों को दुनिया से छुपाने की कोशिश करते रहे.
इसके पीछे उनका डर भी एक कारण था. इमाम की लोकप्रियता में उन्हें हमेशा अपना सिंहासन डोलता हुआ महसूस होता था. इन्हीं सब कारणों से अरबी शासक मंसूर ने 765 में इन्हें ज़हर देकर शहीद कर दिया. और दुनिया को अपने ज्ञान से रोशन करने वाला यह सितारा हमेशा के लिए धरती से दूर हो गया

दिल्ली में केजरी

दिल्ली में केजरी सरकार ने ,,सरकारी कर्मचारियों और अधिकारीयों के पक्ष में एक परिपत्र जारी कर उन्हें निर्देशित किया है की किसी भी समाचार पत्र में या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उनका मान मर्दन करने की खबर दिखाई जाती है ,,छापी जाती है अगर कोई ऐसी खबर से आहत है तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति में शिकायत देकर ऐसे मामले में प्रकाशक ,,संपादक को दंडित करवाने के लिए मान हानि का मुक़दमा करने बाबत 199 सी आर पी सी के प्रावधानों के तहत स्वीकृति प्राप्त कर कार्यवाही कर सकता है ,,,,,,,,,,,,,,,यह परिपत्र राजनितिक है ,,,अफसोसनाक है ,,अगर केजरीवाल अपने परीपत्र में आदेशित करते के जिन समाचार पत्रों ,,इलेक्ट्रॉनिक मिडिया में गॉपिंग खबरें ,,बिना किसी प्रमाण तथ्यों के खबरे प्रकाशित की जाती है दिखाई जाती है अगर इन खबरों की सच्चाई के मामले में पत्रकार सच्चाई का सुबूत दे दे तो संबंधित व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्यवाही कर उसे दंडित किया जाए लेकिन अगर प्रकाशित या प्रसारित खबर में गोसपिन्ग हो केवल मान मार्डन हो ,,,किसी की टोपी उछालना हो प्रसारित खबर के पक्ष में कोई प्रमाण न हो तो ऐसे पत्रकारों को जेल भेजने का सख्त क़ानून भी बनाया जाना चाहिए ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम

नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि हयाते तय्यबा :-
✏ नामे मुबारक :-
🎲मुहम्मद (दादा ने रखा)
🎲अहमद (वलिदाह ने रखा)
✏पैदाइश तारिख :-
🎲12 रबीउल अव्वल सन 570 ई.
✏पैदाइश दिन :-
🎲पीर।
✏पैदाइश का वक़्त :-
🎲सुबह सादिक़।
✏पैदाइश का शहर :-
🎲मक्का शरीफ।
✏दादा का नाम :-
🎲शैबा-अब्दुल मुत्तलिब (कुनियत-अबुल हारिस)
✏दादी का नाम :-
🎲फातिमा।
✏वालिद का नाम :-
🎲अब्दुल्लाह (कुनियत-ज़बीह)
✏वालिदा का नाम :-
🎲बीबी आमना (कुनियत-अबुल क़ासिम)
✏नाना का नाम :-
🎲वाहब बिन अब्दे मुनाफ।
✏खानदान :-
🎲क़ुरैश।
✏दूध पिलाने वाली ख़ादिमा :-
🎲उम्मे एयमन. हलीमा सादिया।
✏वालिद का इंतेक़ाल :-
🎲आपकी पैदाइश से पहले।
✏वालिदा का इंतेक़ाल :-
🎲जब आपकी उम्र 6 साल कि थी
(आपकी वालिदा का इंतेक़ाल अब्वा नाम कि जगह पर हुवा,
जो मक्का और मदीना के बीच में है)
🎲वालिद और वालिद एके इंतेक़ाल के बाद।
✏आपकी परवरिश :-
🎲दादा अब्दुल मुत्तलिब ने कि
दादा के इंतेक़ाल के वक़्त आपकी उम्र 8 साल थी।
✏दादा ने परवरिश कि :-
🎲2 साल।
✏दादा के बाद आपकी परवरिश कि :-
🎲चाचा अबु तालिब ने की।
✏आपके लक़ब :-
🎲अमीन। (अमानतदार) और सादिक़। (सच्चा)
✏पहला तिजारती सफ़र :-
🎲मुल्के शाम।
✏पहला निकाह :-
🎲हज़रते
खदीजा रदियल्लाहो तआला अन्हा। (मक्का के लोग ताहिरा नाम
से पुकारते थे)
✏निकाह के वक़्त उम्र :-
🎲25 बरस।
✏हज़तरे खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा कि उम्र :-
🎲40 बरस।
✏ऐलाने नुबुव्वत के वक़्त उम्र :-
🎲40 बरस।
✏पहली वही कि जगह :-
🎲ग़ारे हिरा
(ग़ारे हिरा जबले नूर पहाड़ पर है)
✏वही लाते थे :-
🎲हज़रते जिब्रईल अलैहिस्सलाम।
✏पहला नाज़िल लफ्ज़ :-
🎲इक़रा (पढ़ो)
✏सबसे पहले औरतो में इस्लाम क़ुबूल किया :-
🎲हज़रते खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा ने।
✏सबसे पहले मर्दो में इस्लाम क़ुबूल किया:-
🎲हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़ रदियल्लाहो तअला अन्हु ने।
✏सबसे पहले बच्चो में इस्लाम क़ुबूल किया:-
🎲हज़रते अली रदियल्लाहो तअला अन्हु ने।
✏आप व आप के साथी बेठा करते थे :-
🎲दारे अकरम
(दारे अकरम सफा पहाड़ पर है)
✏पसीना मुबारक :-
🎲मुश्क़ से ज्यादा खुशबूदार था।
आप जिस रास्ते से गुज़रते थे लोग पुकार उठते कि यहाँ आप
का गुज़र हुवा है।
✏साया :-
🎲आप का साया नही था।
✏कद:-
🎲न ज्यादा लम्बे न कम दरमियानी था।
✏भवे :-
🎲मिली हुई थी।
✏बाल :-
🎲घने और कुछ घुमाव दार थी।
✏आँखे:-
🎲माशा अल्लाह बढ़ी और सुर्ख डोरे वाली।
✏कुफ्फार मक्का ने बोकात किया:-
🎲नुबुव्वत के ऐलान के 9 वे
साल में।
✏ताइफ़ का सफ़र :-
🎲शव्वाल सन 10 नबवी।
✏हज़रते खदीजा व अबु तालिब का इंतिक़ाल :-
🎲ऐलाने नुबुव्वत के
दसवे साल मे।
(इस साल को अमूल हुजन भी कहा जाता है)
✏हिजरत :-
🎲ऐलाने नुबुव्वत के 13 साल बाद।
✏हिजरत के वक़्त उम्र शरीफ :-
🎲53 साल।
✏मक्का से हिजरत :-
🎲मदीना कि जानिब।
✏हिजरत के साथी :-
🎲हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़
रदियल्लाहो तअला अन्हु।
✏हिजरत के वक़्त आपने पनाह ली:-
🎲ग़ारे सौर यहाँ आपने तीन
राते गुज़ारी।
✏इस्लामी तारीख का आगाज़ :-
🎲आपकी हिजरत से।
✏पहली जंग :-
🎲गजवाये बद्र इसमें मुसलमानो कि तादाद 313 और
काफिरो कि 1000 थी।
✏हज़रते ज़ैनब से निकाह:-
🎲हिजरत के पांचवे साल।
✏आपने निकाह किये :-
🎲ग्यारह।
(इतने निकाह आपने इस्लाम और इस्लाम कि तालीमात को फैलाने
के लिए किये)
✏दन्दाने मुबारक शहीद हुवे :-
🎲जंगे उहद में।
✏सबसे बढे दुश्मन :-
🎲अबु लहब, अबु जहल।
✏पर्दा के वक़्त उम्र शरीफ :-
🎲63 बरस।
✏पर्दा किया :-
🎲मदीना मुनव्वरा में।
🎲एक मर्तबा दुरूदे पाक का नजराना पेश कीजिये।
🎲अगर आपकी खुबिया बयान करे तो ज़िन्दगी कम है।
🎲लेकिन मेने आप तक काफी चीज़े पहुंचायी है।
🎲इसे खूब शेयर करे और मेसेज
भी करे।
🎲हो सके तो सेव करके महफूज़ रखले ये हमारे आक़ा के मुताल्लिक़

✏ब:हवाला:-
(सीरतूनःनबी- सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)

अन्दर न आये "फला और फला" !

दे दी अजान मस्जिदों में हमने
"हय्या अल्स'सल्लाह" !
.
...और लिख दिया बाहर बोर्ड पर,
अन्दर न आये "फला और फला" !
.
ख़ौफ़ होता है शैतान को भी
आज का मुसलमान देख कर...
नमाज़ भी पढता है तो मस्जिद
का नाम देख कर.....
.
मुसलमानो के हर फिरके ने
एक दूसरे को काफिर कहा...
.
एक काफिर ही है जो उसने हम सबको मुसलमान कहा..

क़ुरआन का सन्देश

 
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