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21 मई 2015

मुस्लिम था इसलिए डायमंड बेचने वाली कंपनी ने नहीं दी नौकरी, कंपनी पर केस

जीशान अली जिसे डायमंड कंपनी ने मुस्लिम होने पर नौकरी देने से मना कर दिया।
जीशान अली जिसे डायमंड कंपनी ने मुस्लिम होने पर नौकरी देने से मना कर दिया।
मुंबई. धर्म के आधार पर युवक को नौकरी देने से इनकार करने वाली हरिकृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट कंपनी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है। कंपनी में 19 मई को एमबीए ग्रेजुएट जीशान अली ने नौकरी के लिए आवेदन किया था। उसे 15 मिनट बाद कंपनी का ईमेल मिला। इसमें कहा गया था कि वह केवल गैर-मुस्लिमों को ही नौकरी देती है। जीशान ने लेटर फेसबुक पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद विवाद बढ़ गया। इस पर कंपनी ने सफाई दी। कहा, ‘धर्म के आधार पर नौकरी देने में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।
जीशान के मामले में कंपनी के कर्मचारी से गलती हुई। कंपनी में 61 कर्मचारी हैं। इनमें एक मुस्लिम भी है।’ उधर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नसीम अहमद ने कहा कि आयोग को इस मामले की शिकायत गुरुवार को मिली थी। आयोग ने कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है।
किसी भी धर्म के आधार पर नौकरी के अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। यह संविधान और कानून के खिलाफ है।’ -मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय अल्पसंख्यक राज्यमंत्री

आरक्षण के लिए गुर्जर उसी ट्रैक पर, पैसेंजर ट्रेनें रद्द, लोग चारदीवारी में कैद

मुबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर कर्नल बैसला संग जमा गुर्जर समाज के लोग।
मुबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर कर्नल बैसला संग जमा गुर्जर समाज के लोग।
आठ साल। वही एक मांग। वही महीना...और गुर्जरों के आंदोलन का वही ट्रैक-आंदोलन।...और जाम होने वाला रेलवे ट्रैक भी वही-पीलूपुरा। तपते मई माह में गुरुवार को फिर आरक्षण की मांग उबल पड़ी। गुर्जरों ने तय कार्यक्रम के अनुसार पहले तो भरतपुर के समाेगर में महापंचायत की। फिर यही से हुंकार भरकर चल दिए पीलूपुरा की ओर। वहां दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर जम गए। सरकार का भी वही ट्रैक है। मुख्यमंत्री से मंत्री तक कह रहे हैं-हम बातचीत को तैयार हैं। मामला कोर्ट में है। इस सबके बीच सहमा है तो प्रदेश। ट्रेनें और बसें थमने से परेशान लोग कहते सुने गए- आंदोलन का यह तरीका सही नहीं है। कहीं आंदोलन उसी ट्रैक पर नहीं बढ़ जाए जैसा 2007 में बढ़ा था, 26 लोग मारे गए थे। फिर 2008 में चला था-37 लोगों की मौत हुई थी।
भरतपुर/जयपुर. विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुरुवार शाम करीब 5:30 बजे गुर्जरों ने भरतपुर के पीलूपुरा में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। इससे पहले समोगर में दोपहर 12 बजे गुर्जर महापंचायत हुई। महापंचायत को संबोधित करते हुए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला ने मंच से ही सरकार को आरक्षण का प्रस्ताव लाने के लिए एक घंटे का अल्टीमेटम दिया और कहा- इसके बाद पीलूपुरा कूच कर दिया जाएगा। बैसला ने शाम करीब साढ़े चार बजे यह बात कही थी, लेकिन करीब 4:45 पर उनका संबोधन समाप्त होते ही लोगों ने पीलूपुरा की ओर कूच कर दिया।
लोगों को बढ़ता देख बैसला भी पीलूपुरा रवाना हो गए। पीलूपुरा में लोगों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। पटरियों की फिश प्लेटें निकाल दीं। रेलवे को एहतियातन दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बंद करना पड़ा। देर रात करीब 1200 गुर्जर पटरियों पर जमा थे। पुलिस को महापड़ाव व महापंचायत स्थल से काफी दूर तैनात किया गया है। मौके पर सादा वर्दी में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। इसके अलावा रेलवे व राजस्थान पुलिस की गुप्तचर शाखा के पुलिसकर्मी सादा वर्दी में भीड़ में रहते हुए जानकारी देते रहे। इधर, गुर्जर आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने चार उपखंडों में धारा 144 लगा दी गई।

तीन बार आंदोलन, ले चुका है 72 जानें
29 मई, 2007 : पाटोली में पुलिस फायरिंग,26 लोग मरे।
23 मई, 2008 : पीलूपुरा में पुलिस फायरिंग, 16 लोग मारे गए।
24 मई, 2008 : सिकंदरा में पुलिस फायरिंग, 21 की मौत
भरतपुर के पीलूपुरा में गुर्जरों द्वारा रेलवे ट्रैक जाम करने के बाद करौली-हिंडौन व आसपास क्षेत्र पैसेंजर ट्रेनों व रोडवेज बसों का संचालन भी बंद हो गया। आंदोलनकारियों ने ट्रैक की फिश प्लेटें खोल दीं। रेल व बस सेवाएं बंद होने से कई लोग रेलवे और बस स्टेशनों पर ही अटक गए। सुरक्षा के लिहाज से बयाना को छह सेक्टरों में बांटा गया है। धाधरेन, डूमरिया, कुंडा तिराया, भीम नगर, सिकंदरा मोड सेक्टर बनाए गए हैं। महापंचायत के लिए बयाना में पूर्व में लगे सभी थानाधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। पुलिस प्रशासन ने छह एडिशनल एसपी, 10 आरपीएस, डेढ़़ दर्जन सीआई व दो हजार पुलिस कर्मियों को बयाना में तैनात किया है।

तुमने नहीं देखा खुद को

तुमने नहीं देखा तुमने नहीं देखा खुद को
मेरी हाथ की लकीरों में
शायद इसी मुगालते में
हर बार तुम इंकार करते हो
हर बार इंकार के साथ मिलते हो ,,,अख्तर

शाहरुख के बाएं घुटने का सफल ऑपरेशन, तीन-चार दिन करना पड़ेगा आराम


शाहरुख के बाएं घुटने का सफल ऑपरेशन, तीन-चार दिन करना पड़ेगा आराम
मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अभिनेता शाहरुख खान के बाएं घुटने का बुधवार को ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों ने उन्हें तीन से चार दिन आराम करने की सलाह दी है। वो पिछले कई महीने से घुटने के दर्द और सूजन से परेशान थे।

शाहरुख का ऑपरेशन करने वाले डॉ. संजय देसाई ने ऑपरेशन को सफल बताया। उन्होंने कहा कि शाहरुख को गुरुवार को डिस्चार्ज किया जा सकता है। वो अच्छी तरह से रिकवर कर रहे हैं। किंग खान पिछले साल अपने कंधे की भी सर्जरी करवा चुके हैं।

दिल्ली में लोकतंत्र बहाली के लिए,,,,,,,,,,,

दोस्तों दिल्ली में दिल्ली की जनता ने एक जुट होकर दिल्ली में लोकतंत्र बहाली के लिए वोट दिया ,,लेकिन अफ़सोस केंद्र सरकार के बिठाए गए पिट्ठू एल जी साहब ने दिल्ली के लोकतंत्र की हत्या ही कर दी ,,,दिल्ली में एक मुख्यमंत्री की बिसात जो विश्व में सर्वाधिक सीटों पर सर्वाधिक वोटों से जीत कर आया है उसकी कोई औक़ात नहीं ,,पुलिस उसके कहने में नहीं ,,अधिकारीयों का ट्रांसफर करने उन्हें दंडित करने का उसे अधिकार नहीं ,,इस पर सीना जोरी देखिये ,,,अधिकारीयों की औक़ात देखिये दिल्ली की करोड़ों जनता के वोट शक्ति को ललकार रहे है और दिल्ली में बैठे प्रधानमंत्री इस सब तमाशे को ,,इस लोकतंत्र की हत्या को देख रहे है ,,दिल्ली आज भी दिल्ली की गुलाम है ,,दिल्ली में आज भी शासन नहीं सिर्फ कठपुतली है ,,एक अधिकारी ,,एक दिल्ली केंद्र सरकार का गुलाम दिल्ली के मुख्यमंत्री से अपराधी सा व्यवहार करता है ,,,,,, आखिर दूसरे राज्यों की तरह से दिल्ली को आज़ाद क्यों नहीं किया जाता ,,क्यों दिल्ली गुलाम है ,,,जनता के लिए एक ज्वलंत सवाल है ,,केंद्र में बैठे लोग जो लोकतंत्र का दम्भ भरते है क्यों और किसलिए दिल्ली को बेबस ,,लाचार किये हुए है ,,,,शायद दिल्ली के करोडो वोटर्स का मान सम्मान ,,दिल्ली के लोकतंत्र की बहाली उनके मन में नहीं है ,,लेकिन जब भी दिल्ली इस गुलामी से आज़ादी की अंगड़ाई लेगी उसी दिन केंद्र में बैठी सत्ता ताश के पत्तो की तरह बिखर कर जल जायेगी और दिल्ली में लोकतंत्र बहाली के साथ एक बार फिर जनता के लिए जनता द्वारा चुने गए लोगों का शासन जनता की मर्ज़ी से चलने वाला आएगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

केंद्र की पॉलिसी की वजह से राजीव गांधी को श्रद्धांजलि नहीं दे पाए प्रणब


केंद्र की पॉलिसी की वजह से राजीव गांधी को श्रद्धांजलि नहीं दे पाए प्रणब
 
नई दिल्ली. केंद्र की एनडीए सरकार ने नेताओं की जयंती और पुण्यतिथि को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक महात्मा गांधी को छोड़कर अन्य नेताओं की जयंती और पुण्यतिथि के सभी कार्यक्रमों से सरकार ने खुद को अलग कर लिया है। इसी फैसले की वजह से 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी श्रद्धांजलि नहीं दे सके।
कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति दोनों राजीव को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके स्मारक 'वीर भूमि' जाना चाहते थे। दोनों राजीव गांधी को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए उनके स्मारक 'वीर भूमि' पर पिछले सालों में जाते रहे थे, लेकिन गुरुवार को उन्होंने ऐसा नहीं किया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी, बेटी प्रियंका गांधी और दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने गुरुवार सुबह राजीव के स्मारक 'वीर भूमि' पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव की 21 मई, 1991 को चुनाव प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में हत्या कर दी गई थी। राजीव की जयंती 20 अगस्त को आती है।

भाग मिल्खा भाग...!

एक बार एक मोटे आदमी ने न्यूज पेपर में
विज्ञापन
देखा- 'एक सप्ताह में 5 किलो वजन कम
कीजिए।'
उसने विज्ञापन वाली कंपनी में फोन
किया तो एक युवती ने जवाब दिया और
कहा-
कल सुबह छ: बजे तैयार रहिए।
अगली सुबह मोटे आदमी ने जब
दरवाजा खोला तो देखा कि एक बहुत
खूबसूरत
युवती जॉगिंग सूट और शूज पहने बाहर खड़ी
है।
युवती बोली- 'मुझे पकड़ो और किस करो।'
यह
कहकर युवती दौड़ पड़ी। मोटू भी उसके
पीछे
दौड़ा, मगर उसे पकड़ नहीं पाया।
उस पूरे हफ्ते में मोटू ने रोज उसे पकड़ने का
प्रयास
किया लेकिन युवती को न पकड़ पाया।
फिर
भी उसका 5 किलो वजन कम
हो गया।
मोटू बहुत खुश हुआ और फिर 10 किलो वजन
कम
करने वाले प्रोग्राम की बात की।
अगली सुबह छ: बजे उसने दरवाजा खोला,
तो देखा कि पहले वाली से भी शानदार
युवती जॉगिंग सूट और शूज में खड़ी है।
युवती बोली- 'मुझे पकड़ो और किस करो।'
इस हफ्ते मोटू का 10 किलो वजन घट
गया।
मोटू ने सोचा- वाह क्या बढ़िया
प्रोग्राम
है। क्यों ना 25 किलो वजन कम करने
वाला प्रोग्राम आजमाया जाए।
उसने 25 किलो वजन घटाने वाले
प्रोग्राम के
लिए फोन किया। तो महिला ने जवाब
दिया और कहा कि-
'क्या आपका इरादा पक्का है? क्योंकि यह
प्रोग्राम थोड़ा कठिन है।'
मोटू बोला- 'हां। बिलकुल पक्का है।'
अगली सुबह सुबह बजे मोटू ने
दरवाजा खोला तो देखा कि दरवाजे पर
जॉगिंग सूट और शूज पहने एक काला भुजंग
नीग्रो खड़ा है।
नीग्रो बोला- अगर मैंने तुम्हे पकड़ लिया
तो मैं
तुम्हे किस करूंगा।
अब तो भाग मिल्खा भाग...!

रक्षा मंत्री बोले-भारत की जवाबी फायरिंग के आगे गिड़गिड़ाया था पाकिस्तान


रक्षा मंत्री बोले-भारत की जवाबी फायरिंग के आगे गिड़गिड़ाया था पाकिस्तान
 
नई दिल्ली. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने दावा किया है कि कुछ महीने पहले सीमा पर फायरिंग करने वाले पाकिस्तान को भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। पर्रिकर ने एक टीवी चैनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने जोरदार फायरिंग से जवाब दिया तो पाकिस्तान गिड़गिड़ाने लगा था और फायरिंग रुकवाने की गुजारिश की थी।' पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान सीमा पर रुक-रुक कर फायरिंग करता रहा है।
देंगे जवाब
पाकिस्तान की नापाक हरकतों के बारे में सवाल पूछे जाने पर पर्रिकर ने कहा कि आगे भी पड़ोसी देश को करारा जवाब दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैंने सेना से कह दिया है कि सीमा पार से अगर फायरिंग होती है तो जवाब दिया जाए। किसी और के जानमाल का नुकसान न हो, इस बात का ध्यान रखा जाए। इस तरह का निर्देश देने वाली यह पहली सरकार है।'

आतंकवादियों के बारे में
पर्रिकर ने कहा, 'आतंकवादियों को सिर्फ गोली की भाषा समझ में आती है। हम ईंट का जवाब पत्थर से देना जानते हैं, लेकिन हम गोलियों से जवाब देंगे।'

सेना में अर्दली प्रथा पर
सेना में अर्दली (जिसे सहायक कहा जाता है) की प्रथा के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं इससे सहमत नहीं हूं। मैं भी एक जगह गया था, तब मुझसे सहायक की सेवा लेने को कहा गया तो मैंने इनकार कर दिया। यह ब्रिटिश दौर से चली आ रही प्रथा है। इसे एक दिन में नहीं बदला जा सकता है।'
वन रैंक, वन पेंशन
सेना में वन रैंक, वन पेंशन के बारे में पर्रिकर ने कहा, 'इस पर काम हो चुका है। लेकिन एलान अभी तय नहीं।'

कोटा ज़िलाकलेक्टर ने कोटा की समस्याओं की नब्ज़ समझकर उन समस्याओं की बीमारी का इलाज तलाशना शुरू कर दिया है

नव नियुक्त कोटा ज़िलाकलेक्टर ने कोटा की समस्याओं की नब्ज़ समझकर उन समस्याओं की बीमारी का इलाज तलाशना शुरू कर दिया है ,,कोटा कलेक्टर ने इस मामले में कोटा की समस्या के लिए मुख्यरूप से ज़िम्मेदार नगर निगम के टालू अधिकारीयों को चेतावनी देते हुए कान उमेठे है ,,कोटा कलेक्टर ने जनसुनवाई के दौरान केवल समस्याएं लेकर बाद में उनका समाधान तलाशना ठीक नहीं माना है उन्होंने अधिकारीयों को निर्देशित किया है के जनता की समस्या की सुनवाई के साथ ही तुरंत उस समस्या के समाधान की शुरुआत कर पीड़ित व्यक्ति को राहत मिलना चाहिए ,,,,,,,,,कोटा कलेक्टर को इन दिनों प्राथमिक तोर पर कोटा नगर निगम ,,,बिजली विभाग ,,,ट्रेफिक विभाग ,,,नगर विकास न्यास ,,जलदाय विभाग के तात्कालिक कान उमेठकर बारिश के दौरान बिजली ,,पानी ,,,सड़को पर कृत्रिम बाढ़ से बचने के पूर्व उपाय करवाये जा सकते है ,, कोटा नगर निगम और नगर विकास न्यास की बस्तियों में साफ़ सफाई ,,,नालों की गहराई तक निकासी की सफाई ,,सड़कों का समतलीकरण ,,टूटी सड़कों में सुधार और कमज़ोर पेड़ों की कटाई ,,बिजली के लटके हुए तारों का मेंटीनेंस ,,बिजली ढीले कनेक्शन ,,खराब ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत बारिश के पहले ज़रूरी है ,,इसी तरह ट्रेफिक पुलिस मैनेजमेंट मनमाना है ,,,सब्ज़ी मंडी ,,गुमानपुरा सहित सभी बाज़ारों में दुकानो से कई फुट आगे दुकानदारों के सामान है ,,फिर ठेले खड़े कर बाज़ार सकडे कर दिए गए है ,,,,अतिक्रमण से दुर्घटनाये आम हो गयी है ,,सड़कों पर जानवरों का जमावड़ा और उत्पात से दुर्घटना का खतरा बना हुआ है ,,,नगरनिगम ने विज्ञापन एजेंसियों से सांठगांठ कर अवैध कमाई के लिए विज्ञापन नियमों के विपरीत विज्ञापन एजेंसियों को खुलेआम घरो पर विज्ञापन लगाने की छूट दी है जबकि नेशनल हाइवे एक्ट और स्टेट हाइवे एक्ट का उलन्न्घ्न कर मुख्य मार्गों पर दृष्टिभ्रम करने वाले विज्ञापम लगाये गए है ,,,करोड़ों के विज्ञापन ठेके लाखों में दिए गे है उस पर भी अधिकृत स्थान के अलावा भी नगरनिगम और नगरविकस न्यास के संकेतक बोर्डों पर भी विज्ञापन लगा दिए गए है ,,,कोटा कलेक्टर को बारिश के पूर्व ,,अंधड़ के प्रूव शीघ्र ही कमज़ोर पेड़ों की कटाई ,,छटाई ,,बिजली के तारों और ट्रांसफॉर्मर का मेंटीनेंस ,, जलदाय विभाग की पानी सप्लाई व्यवस्था का पूर्वाभ्यास ,,नगर निगम और नगर विकास न्यास के ज़रिये नालों की निचले स्तर तक सफाई ,,,पानी के बहाव के हिसाब से पानी की निकासी की नालियां बनाने के आवश्यक निर्देश देना ज़रूरी है वार्ना कोटा की सड़को पर कृत्रिम बाढ़ ,,बिजली उत्पादक होने के बाद भी चिराग तले अन्धेरा ,,चम्बल तट पर रहकर भी प्यास से तड़पना पढ़ सकता है ,,लेकिन कोटा कलेक्टर से इस मामले में जनता को काफी उम्मीदे बंधी है और उम्मीद है के शीघ्र ही इस मामले में प्राथमिकता के आधार पर सम्बधित अधिकारीयों को आवश्यक निर्देश जारी कर उनकी जवाबदारी तय करते हुए सख्त निर्देश जारी किये जायेगें ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्योंकि रमज़ान का महीना और कई धार्मिक कार्यक्रम अगले माह रहेंगे जिससे जनता भी उद्धेलित हो सकती है ,,और सियासी लोग उसे हवा देकर क़ानून व्यवस्था का वातावरण बिगाड़ने के लिए पीड़ित जतना को प्रशासन के खिलाफ गुमराह कर सकते है ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सनदेश

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