एक दबी कुचली कॉम ,,,नाइंसाफी और अत्याचार के बोझ तले दबी कॉम ,,सियासत
में लूटी पिटी ,, फ़िरक़ा परस्ती में बिखरी टूटी कॉम ,,,,जिसका चेहरा कुछ
शरारती तत्वों ने योजनाबद्ध तरीके से आतंकवाद का दिखाने की कोशिश की है
,,,एक ऐसी कॉम जिसने अपने हक़ की लड़ाई के लिए कभी संघर्ष नहीं किया ,,किसी
ज़ुल्म के खिलाफ कभी उफ़ नहीं की ,,,रंगनाथ मिश्र की रिपोर्ट ,,सच्चर आयोग
की रिपोर्ट ,,काका केलकर की रिपोर्ट ,,वेंकट चलइया की रिपोर्ट ,,आरक्षण
में धर्म आधारित आरक्षण देकर उन्हें अलग थलग कर देश के संविधान
की भावना के विपरीत उन पर ज़ुल्म अत्याचार किया गया जो आजतक जारी है
,,सियासी तोर पर इस समाज के साथ हमेशा ठगी हुई ,इनकी जुबां खत्म कर दी गयी
,,इनकी तहज़ीब खत्म की जा रही है ,,हज़ारो हज़ार लोग फ़र्ज़ी ऍन काउंटर ,,,के
शिकार हुए है ,,,इन्हे बिना किसी सुबूत के जेलों में डाला गया है लेकिन इस
शांत प्रिय कॉम ने आज तक पटरियां नहीं उखेड़ी ,,आज तक सामूहिक कोई बढ़ा
प्रदर्शन कर आम जनता के लिए कोई परेशानी पैदा नहीं की ,,कभी इस कॉम ने
सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाया ,,,कभी सरकार पर इस कॉम ने
दबाव नहीं बनाया ,,सिर्फ गुमराह लोग सरकार में बैठे लोगों की चमचागिरी और
ज़िंदाबाद में जुड़े रहे ,,भाई अब आप ही फैसला कीजिये आतंकवादी कौन
,,उत्पाती कौन ,,शान्ति प्रिय कौन ,,मज़लूम कौन ,,ज़ालिम कौन ,,,,,ठगी हुई
,,दबी कुचली ,,कॉम कौन ,,,,, ज़रा सोचो अगर पटरी उखाड़ने और उग्र आंदोलन की
तरफ यह कॉम होती तो इस कॉम पर कितने इलज़ाम लगते ,,कितने मुक़दमे लगते
,,किनते लोग जेल में होते ,,,कितने लोगों के सीने पुलिस की गोलियों से
छलनी हो गए होते ,,कितने लोगों के हाथ पाँव पुलिस की लाठी से टूट गए होते
,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान