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27 मई 2015

दिन भर एक दूसरे पर तीखे हमले, फिर शाम को मुस्कुराते हुए मिले मनमोहन-मोदी

पीएम ने यह फोटो अपने टि्वटर हैंडल से शेयर की है।
पीएम ने यह फोटो अपने टि्वटर हैंडल से शेयर की है।
नई दिल्ली: आम तौर पर चुप रहने के लिए मशहूर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा निशाना साधा और उसे डेमोक्रेसी के लिए खतरा बताया। इसके बाद, बीजेपी की ओर से मनमोहन पर लगातार कई हमले हुए। हालांकि, देर शाम पीएम नरेंद्र मोदी ने मनमोहन के साथ अपनी फोटो ट्वीट की। पीएम ने बताया कि उन्होंने अपने निवास 7 रेस कोर्स रोड पर मनमोहन से मुलाकात की। मोदी ने लिखा, “डॉ मनमोहन सिंह से मिलकर और सात आरसीआर में उनका स्वागत करके बहुत खुशी हुई। हमारी मुलाकात बहुत अच्छी रही।” आधिकारिक तौर पर बैठक में हुई बातचीत का कोई ब्योरा नहीं मिल पाया। सूत्रों के मुताबिक, सिंह ने एक साल पूरे होने पर मोदी को बधाई दी।
दिन भर का घटनाक्रम
मनमोहन ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
मनमोहन ने कहा, ''देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए खतरा पैदा हो गया है। देश के सामाजिक बनावट को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसे रोकने के लिए युवाओं को जिम्मेदारी उठानी होगी। कृषि उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है। गांवों में रहने वाली देश की 65 फीसदी आबादी संतुष्ट नहीं है। निर्यात में कमी आ रही है। बीजेपी सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। लेकिन पिछले एक साल में बीजेपी सरकार कई आंकड़ों और तथ्यों को गढ़ कर ये जताने की कोशिश कर रही है कि अर्थव्यवस्था की हालत उतनी खराब नहीं है।
बीजेपी ने किया जोरदार पलटवार
मनमोहन के बयान के बाद बीजेपी की ओर से कई नेताओं ने निशाना साधा।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 10 साल के शासनकाल में 12 लाख करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है और वह सिर्फ यह कह कर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते कि इन घोटालों से उनको कोई लाभ नहीं पहुंचा है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि मनमोहन सिंह गांधी परिवार की कठपुतली थे, उनके राज में मंत्री खुद को पीएम समझते थे। मनमोहन जब पीएम थे तो कहते थे कि हजारों जवाबों से अच्छी मेरी खामोशी है और आज जब सब लुट गया तो चुप्पी तोड़ी है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भ्रष्टाचार को कोई मुद्दा नहीं बताने संबंधी टिप्पणी करके यह स्वीकार किया है कि कहीं तो कुछ गलत हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री का यह कहना कि भ्रष्टाचार का कोइ मुद्दा ही नहीं है, बेहद गैर जिम्मेदाराना है।

मैं लिखता हुं

मैं लिखता हुं
सिर्फ
दिल बहलाने के लिए
वर्ना
जिस पर
प्यार का असर
नही हुआ
उस पर
अल्फाजो का
क्या होगा।

कोटा में मूल्यों की दोस्ताना राजनीति

कोटा में मूल्यों की दोस्ताना राजनीति की एक नई शुरुआत हुई है ,,,सांसद ओम बिरला का विरोध स्वरूप घेराव लेकिन पहली बार पुलिस को घर तक जाने से विरोधी प्रदर्शनकारियों को बैरिकेट लगाकर रोकने के कोई निर्देश नहीं दिए गए ,,इधर विरोध स्वरूप ओम बिरला के घर पर गए प्रदर्शन कारियों को कोटा जिला कांग्रेस प्रभारी धीरज गुर्जर ने साफ़ हिदायत दी ,,सांसद के खिलाफ व्यक्तिगत छीटाकशी और नारेबाजी नहीं करे ,,,,,,,,मंगलवार कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर राजस्थान के सभी सांसदों के घर के बाहर प्रदर्शन कर उन्हें मोदी की झूंठ और धोखे फरेब के मामले में ज्ञापन सौंपना था ,,कोटा में भी प्रदर्शन हुआ ,,ओम बिरला सांसद तो रामगंजमंडी किसी कार्यक्रम में रवाना हो गए लेकिन कोटा के कांग्रेस कार्यकर्ता जब भाजपा मुर्दाबाद कांग्रेस ज़िंदाबाद के नारे लगाते हुए पहुंचे तो उन्हें रोकने के पुलिस के पास कोई निर्देश नहीं थे कार्यकर्ता सीधे बिना रोकटोक के ओम बिरला के निवास के बाहर पहुंचे जहां पहले से ही एक नई परम्परा देखने को मिली घर के सामने कुर्सियां लगी थी ,,,पीने के लिए ठंडा पानी था और पुलिस का कोई विरोध नहीं था सांसद ओम बिरला की सी दरियादिली को देखकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जब निजी तोर पर नामलेकर घर के बाहर नारेबाजी करना चाहिए तो मूल्यों की राजनीति के तहत व्यक्तिगत टीका टिप्पणी को छोड़कर प्रभारी धीरज गुर्जर ने कार्यकर्ताओं से अपील की के अपना विवाद व्यक्ति से नहीं पद से है और फिर नामज़द नारेबाजी बंद कर पद के खिलाफ ज़िंदाबाद मुर्दाबाद शुरू हुई ,,ज्ञापन की रस्म हुई मुस्कुराते हुए प्रदर्शन हुआ और बिना किसी विवाद के कार्यकर्ता वापस आ गए ,,,,कोटा में सांसद ओम बिरला और प्रभारी कांग्रेस कमेटी विधायक धीरज गुर्जर की मुद्दो से जुडी मूल्यों की इस राजनीति को सलाम ,,वरना अब तक घरों को बेरीकेट्स लगाकर रोकने और फिर कार्यकर्ताओं और पुलिस की भिड़ंत के क़िस्से आम है ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अमेरिका: RSS को आतंकी संगठन घोषित करवाने कोर्ट गए तीन और भारतीय


अमेरिका: RSS को आतंकी संगठन घोषित करवाने कोर्ट गए तीन और भारतीय
न्यूयॉर्क: सत्ताधारी बीजेपी के आइडियोलॉजिकल थिंक टैंक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आतंकी संगठन घोषित करवाने के लिए तीन भारतीयों ने अमेरिकी अदालत की शरण ली है। इन तीनों ने आरएसएस पर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगाया है।
तीनों ने सिख अधिकार संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) की मदद ली है। एसएफजे पहले से ही आरएसएस को आतंकी संगठन घोषित करवाने की कोशिश में लगी है। तीनों ने अपनी शिकायत जज लॉरा टेलर स्वेन की अदालत में लगाई है। एसएफजे ने कहा है कि याचिका लगाने वाले तीनों शख्स आरएसएस के कथित 'घर वापसी' कार्यक्रम के पीड़ित हैं। पीड़ितों के नाम हैं- माइकल मसी, हाशिम अली और कुलविंदर सिंह। माइकल ईसाई, हाशिम मुस्लिम और कुलविंदर सिख हैं। इनकी शिकायत है कि 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से आरएसएस उनके परिवारों को जबरन हिंदू बनाना चाह रहा है।
अमेरिकी रिपोर्ट का दिया हवाला
शिकायत के साथ यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। यह वही रिपोर्ट है, जिसमें दावा किया गया था कि दिसंबर 2014 में हिंदू संगठनों ने यूपी में 4 हजार ईसाई और 1 हजार मुस्लिम परिवारों के जबरन धर्म परिवर्तन का एलान किया। वहीं, एसएफजे के लीगल एडवाइजर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि मौजूदा कानूनों के तहत ओबामा प्रशासन आरएसएस जैसे संगठनों को आतंकी करार देने के लिए बाध्य है।
पहले खारिज हो चुका है मामला
अप्रैल में अमेरिकी सरकार ने फेडरल कोर्ट से कहा था कि वह एसएफजे द्वारा स्टेट सेक्रेटरी जॉन केरी के खिलाफ किए गए मुकदमे को खारिज करे। एसएफजे केरी की मदद से आरएसएस को विदेशी आतंकी संगठन घोषित करवाना चाहता था। अमेरिका ने कहा था कि एसएफजे के पास केरी को इस तरह का एलान करने के लिए बाध्य करने का कोई अधिकार नहीं है।

मै मर जाउ तो

मै मर जाउ तो
मेरा दिल निकाल कर
उसको दे आना..
मै नही चाहता
मेरे मरने के बाद
वो खेलना छोड दे..

मेरे गुर्जर भाइयों ,,आंदोलन कारी दोस्तों

मेरे गुर्जर भाइयों ,,आंदोलन कारी दोस्तों ,,,आपका आंदोलन आपका हक़ है लेकिन आपके रास्ते रोकने ट्रेने रोकने से कई लोग बिना इलाज के बेमौत मर चुके है ,,कई लोग अपने पिता ,,माता ,, पुत्र वगेरा की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार में ट्रेने रद्द होने और रास्ते जाम होने के कारण शामिल नहीं हो सके ,, कई मासूम बच्चे ,,कई बुज़ुर्ग लम्बे रास्तों से सफर करने के कारण गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो चुके है ,,,,कई बच्चे ,,कई बच्चियां जिनके भविष्य को संवारने के लिए उन्होंने सपने देखे है ,,कोई डॉक्टर ,,कोई इंजिनियर बनना चाहता है ,,उसके इम्तिहान चल रहे है लेकिन क लेकिन कई लोग परीक्षा नहीं देने के कारण आत्म हत्या तक कर रहे है ,,,एक जून को मथुरा में एम्स के इम्तिहान है राजस्थान के कई लोगों का सेंटर मथुरा ,,दिल्ली आया है रास्ते जाम होने ट्रेने रिज़र्वेशन होने पर भी रद्द हो जाने के कारण कई लोग यह महत्वपूर्ण इम्तिहान नहीं दे पाएंगे ज़रा सोचो यह पाप किसके सर लगेगा ,,सो प्लीज़ रास्ते जाम करना पटरियां उखाड़ना छोडो सरकारी दफ्तरों को घेरो ,,संसद विधानसभा जाम करो सचिवालय ,,केंद्रीय सचिवालय जाम करो आपका झगड़ा सरकार से है आम जनता से नहीं ,,आम जनता तो अबला है उसे सरकार भी पीस रही है और आप भी आंदोलन की आढ़ में आपके अपने भाइयों को दुःख तकलीफ पहुंचा रहे है ,,दोस्तों ज़रा सोचो ज़रा समझो आंदोलन की दिशा रेल की पटरियों ,,सड़कों से सचिवालय ,,नेताओं ,,मंत्रियों ,,के घरों की तरफ बदलो ,,इंसाफ सड़के और रेल की पटरियां जाम करने से नहीं इनका घेराव इनका चक्का जाम करने से मिलेगा ,,फिर आपकी मर्ज़ी अगर आप जनता की निगाह में नफरत का पात्र बनना चाहते है तो आपको कोई रोक नहीं सकता ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरे प्यारे दोस्तों

मेरे प्यारे दोस्तों ज़रा अपने दिल पर हाथ रख कर बताइये ,,ज़रा गंभीर चिंतन कर सही जवाब दीजिये अगर गुर्जर जो रेल की पटरियों को उखाड़ कर सड़के नेशनल हाइवे जाम कर देश के क़ानून का मखोल उड़ा रहे है और सरकार निकम्मो की तरह से जनता की सुरक्षा ताक़ में रखकर इन अपराधिक कार्यों को पीठ थपथपा कर बढ़ावा दे रही है ,,जनता असुरक्षित है ,,भयभीत है परेशान है पीड़ित है ,,अगर यही हाल गुर्जर आंदोलन कारी सचिवालय ,,सरकारी दफ्तरों ,,मंत्रियों के बंगलों का अगर घेराव करके करते तो क्या यह निकम्मी सरकार इन आंदोलन कारियों को ऐसे आंदोलन की इजाज़त देती ,,,,सरकार ने अब तक अपने मंत्रियों ,,सचिवालयों को बचाने के लिए आंदोलन कारियों के कब के सीने छलनी कर दिए होते ,,लाठियां बजाकर कब के भीड़ को तीतर बीतर कर दिया होता ,, तो जनाब यही फ़र्क़ है आम और ख़ास में ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मत काटो आरक्षण की तलवार से।

करता हूं अनुरोध आज मै दिल्ली की सरकार से,
प्रतिभाओं को मत काटो आरक्षण की तलवार से।
वर्ना रेल पटरियो पर जो फैला आज तमाशा है,
गुर्जर आन्दोलन से फैली चारो ओर निराशा है।
अगला कदम जाट बैठेंगे महाविकट हडताल पर,
महाराष्ट मे प्रबल मराठा चढ जाएंगे भाल पर।
राजपूत भी मचल उठेंगे भुजबल के हथियार से,
प्रतिभाओं को मत काटो आरक्षण की तलवार से।
निर्धन ब्राम्हण वंश एक दिन परशुराम बन जाएगा,
अपने ही घर के दीपक से अपना घर जल जाएगा।
भडक उठा गृह युध्द अगर भूकम्प भयानक आएगा,
आरक्षण वादी नेताओं का सर्वस्व मिटाऐगा।
अभी सॅभल जाओ मित्रो इस स्वार्थ भरे व्यापार से,
प्रतिभाओं को मत काटो आरक्षण की तलवार से।
जातिवाद की नही समस्या मात्र गरीबी वाद है,
जो सवर्ण है पर गरीब है उनका क्या अपराध है।
कुचले दबे लोग जिनके घर मे न चूल्हा जलता है,
भूंखा बच्चा जिस कुटिया मे लोरी खाकर पलता है।
समय आ गया है उनका उत्थान कीजिये प्यार से,
प्रतिभाओं को मत काटो आरक्षण की तलवार से।
जाति गरीबी की कोई भी नही मित्रवर होती है,
वह अधिकारी है जिसके घर भूखी मुनिया सोती है।
भूखे माता पिता दवाई बिना तडपते रहते है,
जातिवाद के कारण कितने लोग वेदना सहते है।
उन्हे न वंचित करो मित्र संरक्षण के अधिकार से,
प्रतिभाओं को मत काटो आरक्षण की तलवार से।।

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया .

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..
इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया
मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ...
जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....
आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था .... जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे ...
मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ....
पता तो चले कितना माल छुपाया है .....
माँ से भी ...
इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..
जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ....
मैंने जूता निकाल कर देखा .....
मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था ...
जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..
और मुझे जाना ही था घर छोड़कर ...
जैसे ही कुछ दूर चला ....
मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ....
पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था .....
जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी .....
मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ....
मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..
लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए
पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?
दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था
उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ......
ओह....अच्छे जुते पहनना ???
पर उनके जुते तो ...........!!!!
माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो ...
और वे हर बार कहते "अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे .."
मैं अब समझा कितने चलेंगे
......तीसरी पर्ची ..........
पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये ...
पढ़ते ही दिमाग घूम गया.....
पापा का स्कूटर .............
ओह्ह्ह्ह
मैं घर की और भागा........
अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ....
मैं घर पहुंचा .....
न पापा थे न स्कूटर ..............
ओह्ह्ह नही
मैं समझ गया कहाँ गए ....
मैं दौड़ा .....
और
एजेंसी पर पहुंचा......
पापा वहीँ थे ...............
मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया ..
.....नहीं...पापा नहीं........ मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल...
बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..
वो भी आपके तरीके से ...।।
🍂🍂
"माँ" एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है...
और
"पापा" एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है..

Biwi Special

Biwi Special😂😂😂
📍1. मांग भरने की सजा कुछ इस कदर पा रहा हूँ
की मांग पूरी करते-करते, अब मांग-मांग के खा रहा हूँ...!!!
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📍2. पापा: बेटी, बड़ी हो के क्या करोगी?
बेटी: शादी...
पापा: गलत बात है... अभी से किसी का बुरा नहीं सोचते...!
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📍3. पति ने पान खरीद के पत्नी को खाने के लिए दिया.
पत्नी: अरे... आप ने तो अपने लिए लिया ही नहीं..!
पति: में तो ऐसे ही खामोश रह सकता हूँ...!
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📍4. बीवी क्या होती है?
बीवी भगवन के प्रसाद जैसे होती है,
जिसमे चाहते हुए भी कोई नुक्स नहीं निकाल सकते;
श्रद्धा और मज़बूरी के साथ चुपचाप खाए जाओ...!
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📍5. पत्नी: मैंने सुना है की स्वर्ग में पुरुषो को अप्सराए मिलती है.. औरतो को क्या मिलता है?
पति: कुछ नहीं; उपरवाला सिर्फ दुखी लोगो की ही सुनता है..!
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📍6. पत्नी: मैंने सुना है की स्वर्ग में पति-पत्नी को साथ में रहेने नहीं देते...
पति: पगली, तभी तो उसे स्वर्ग कहेते है.!
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📍7. मतदान करने के लिए उम्र 18 साल, और शादी के लिए 21 साल... ऐसा क्यू?
क्यू की, सरकार जानती है, की
बीवी संभालना, वो मुल्क सँभालने ज्यादा मुश्किल है...!
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📍8. FRIEND is- Asian Paints = जो दुनिया बदल दे...
GIRLFRIEND is- Everest Masala = जो टेस्ट में बेस्ट...
WIFE is-- Mosquito Coil = जो कोने-कोने से ढूंढ के मारे !
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📍9. ज़िन्दगी के शुरुआत "S" से होती है:
S से सूरज, सुबह, शाम, समय,....
उसके बाद: S से सगाई, शादी, फिर सांस, ससुर, साला, साली,
और फिर सत्यiनाश...!
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📍10. पति: डार्लिंग, तुम खूबसूरत होती जा रही हो...
पत्नी (खुश हो कर, रसोईघर में से): तुमने कैसे जाना?y
पति: तुम्हे देख कर रोटियां भी जलने लगी है...
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📍11. किसी को उसके फटे हुए जूते, मैले कपडे, पुरानी घडी, उतरा हुआ मुंह,.... इत्यादि चीजो से उसे गरीब ना मानो....
हो सकता है, की वो आदमी शादीशुदा हो.
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📍12. बहनकी बिदाई पर छोटा भाई बोला:
“पापा,दीदी रो रही है लेकीन जीजु तो नही रो रहे !”
“बेटा,दीदी गेट तक रोएगी,जीजु कब्र तक रोएगा...”
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📍13. एक आदमी ज्योतिषसे बोला.“मेरी शादी क्यों नही हो रही है?
ज्योतिष बोला,“कैसे होगी पगले? कुन्डलीमें सुख ही सुख जो लीखा है!!!!!!“
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📍14. मरीझ: उम्र लम्बी करनेका कोई तरीका बताईये|
डॉक्टर: शादी कर लो
मरीझ: ईससे उम्र लम्बी हो जायगी?
डॉक्टर: नही,पर दो फायदे जरुर होंगे...
१. लम्बी झिदगीकी ख्वाईश खत्म हो जायेगी |
२. बची-कूची झिंदगी लम्बी लगने लगेगी
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📍15. पत्नी:जानु, क्या मैं तुम्हारे सपनोमें आती हूं?
पति:बिलकुल नही |
पत्नी:क्यों ?
पति:में हनुमान चालीसा पठकर सोता हूं |
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📍16. अविवाहित लडका: मुझे शादी नही करनी,मुझे सब औरतोसे डर लगता है |
पिता: कर ले बेटा,फिर एक ही औरतसे डर लगेगा और बाकी सब अच्छी लगेगी |
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📍17. पति: तेरे बापकी जले पर नमक छीडकनेकी आदत गई नही |
पत्नी: क्यों क्या हुआ?
पति: आज फिर से पूछ रहा था,“मेरी बेटीसे शादी करके खुश तो हो ना?”

हर क्षेत्र में आरक्षण

मुझे भी लगता है की हर क्षेत्र में आरक्षण
होना चाहिए और इस देश में आरक्षण तब तक
रहना चाहिए जबतक सवर्ण जातियां गरीब
न हो जाए
मैं भारत के प्रधानमंत्री और अन्य
राजनितिक पार्टियों के द्वारा आरक्षण
को बढ़ावा दिए जाने
को पूरा समर्थन देता हूँ मैं तो कहता हूँ
क्रिकेट में
भी आरक्षण लागू किया जाए , टीम में
मुस्लिमों को 10 % , और SC, ST,
Obcको 30 % आरक्षण देना चाहिए
खेल के नियमों में भी उसी प्रकार से छूट
देनी चाहिए | SC, ST के खिलाड़ी के लिए
मैदान
की बाउनडरी छोटी की जानी चाहिए
| OBC के खिलाड़ी अगर चौका मारे
तो उसे छक्का और , छक्का आठ रन के रूप में
गिना जाए | OBC प्लेयर यदि 60रन
बनाये तो उसे शतक माना जाए हमें आई
सी सी पर
भी दबाव डालकर
नियमों में बदलाव लाने चाहिए ,
ताकि शोअब अख्तर जैसे बोलर एक SC,
ST खिलाड़ी को तेज गेंद न डाल सकें,OBC
के खिलाड़ी को अधिकतम 120 KM/Hr से
ही गेंद डाली जाए | इससे तेज गति की गेंद
नो बोल करार
दी जाए
हमें ओलंपिक्स में भी आरक्षण की मांग
करनी चाहिए , ओलंपिक में 100मीटर
दौड में 80 मीटर दौड़ने परभी SC, ST के
धावक को गोल्ड मेडल देदेना चाहिए
सरकारी नौकरियों में सब जगह आरक्षण
देना होगा |
मंत्रियों और राजनेताओं
को ले जाने वाले यानों में SC, ST
श्रेणी के पायलट होने चाहिए , इससे देश
को बहुत फायदा होगा
राजनेताओं और ,मंत्रियों के operation
और अन्य इलाज करने का अधिकार
भी सिर्फ SC, ST, OBC
डॉक्टरों को ही होना चाहिए, इससे
हमारे देश को बचाने में बहुत मदद मिलेगी
और भी नई नई जगह खोजनी चहिये
जहां आरक्षण दिया जा सके , जिससे
भारत का सम्पूर्ण विकास किया जा सके
दुनिया को दिखाना चाहिए , हमारा ये
आविष्कार "आरक्षण " जिसने
भारतकी महान तकनीक "जुगाड़ "
को भी पछाड़दिया है ..........
भारत विश्व का एकमात्र देश है जहां ये
महान तकनीक प्रयोग में लायी जा रही है ,
जो चुटकी में
पिछडों को अगड़ा बना देती है..

डरता हूँ

डरता हूँ क्या लिखूंगा आज, लफ़ज़ बाहर आने से
मुकर गए हैं!
ऐ ज़िन्दगी कोई नया ज़ख्म दे मुझे, पुराने तो
शायद सब भर गए हैं !

क़ुरआन का सन्देश

 
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