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03 जून 2015

एम्स में इलाज कराना हुआ और आसान

नई दिल्ली - देश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल एम्स में इलाज कराना हुआ और आसान। आधार कार्ड नम्बर दीजिये और ओन लाइन रजीसटेशन कराइये। एम्स ने इसकी शुरुआत कर दी है।
जी हाँ एम्स ने ये पहल आज से शुरू कर दिया है। अब आपको ओपीडी कार्ड बनाने के लिये लम्बी लम्बी लाइन मे लगना नही पड़ेगा और ना ही किसी दलाल के चक्कर मे पड़ना पड़ेगा। इसके लिए आपको सिर्फ aiims के वेब्साइट पे जाना है और ओपीडी पे क्लिक करना है। इसमे ऑप्शन आयेगा न्यू रजिसटेशन एवं ओल्ड रजिसटेशन का। आपको अपना आधार कार्ड नं डालना है। उसमे आपकी सारी डिटेल आ जायेगी। अब आपको जिस विभाग मे दिखाना है उस पे क्लिक करना है। उसके बाद पेमेंट का औप्सन आयेगा आपको क्रेडिट कार्ड या एटीएम कार्ड का नं डालना है और ओके पे क्लिक करना है। और बस हो गया आपका रजिशटेशन। अब आपके मोबाइल पे मेसेज आ जायेगा जिसमे रजिशटेशन नं से लेकर डाक्टर का नाम और दूसरी सारी जानकारी आपके मोबाइल पर आ जायेगा!!

कितने पैसे दूं

एक बार एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक कुछ सामान बेचा करता था,
एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका
और उसे बड़े जोर से भूख भी लग रही थी. उसने तय किया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर जायेगा, उससे खाना मांग लेगा...
पहला दरवाजा खटखटाते ही एक लड़की ने दरवाजा खोला, जिसे देखकर वह घबरा गया और बजाय खाने के उसने
पानी का एक गिलास माँगा....
लड़की ने भांप लिया था कि वह भूखा है, इसलिए वह एक.. बड़ा गिलास दूध का ले आई. लड़के ने धीरे-धीरे दूध पी लिया...
" कितने पैसे दूं ?" लड़के ने पूछा.
" पैसे किस बात के ?"लड़की ने जवाव में कहा.
"माँ ने मुझे सिखाया है कि
जब भी किसी पर दया करो तो
उसके पैसे नहीं लेने चाहिए."
"तो फिर मैं आपको
दिल से धन्यवाद देता हूँ."
जैसे ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा,
उसे न केवल शारीरिक तौर पर
शक्ति भी मिल चुकी थी ,
बल्कि उसका भगवान् और
आदमी पर भरोसा और भी बढ़ गया था
सालों बाद वह लड़की
गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी.
लोकल डॉक्टर ने उसे
शहर के बड़े अस्पताल में
इलाज के लिए भेज दिया...
विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली को मरीज देखने के लिए बुलाया गया.
जैसे ही उसने लड़की के
कस्बे का नाम सुना,
उसकी आँखों में चमक आ गयी...
वह एकदम सीट से उठा
और उस लड़की के कमरे में गया.
उसने उस लड़की को देखा,
एकदम पहचान लिया और
तय कर लिया कि वह
उसकी जान बचाने के लिए
जमीन-आसमान एक कर देगा....
उसकी मेहनत और लग्न रंग लायी
और उस लड़की कि जान बच गयी.
डॉक्टर ने अस्पताल के
ऑफिस में जा कर उस
लड़की के इलाज का बिल लिया....
उस बिल के कौने में
एक नोट लिखा और
उसे उस लड़की के पास
भिजवा दिया.
लड़की बिल का
लिफाफा देखकर घबरागयी...
उसे मालूम था कि
वह बीमारी से तो वह बच गयी है
लेकिन बिल कि रकम
जरूर उसकी जान ले लेगी...
फिर भी उसने धीरे से बिल खोला,
रकम को देखा और फिर
अचानक उसकी नज़र बिल के
कौने में पैन से लिखे नोट पर गयी...
जहाँ लिखा था,
"एक गिलास दूध द्वारा इस बिल का भुगतान किया जा चुका है.
" नीचे उस नेक डॉक्टर
होवार्ड केल्ली के हस्ताक्षर थे.
ख़ुशी और अचम्भे से
उस लड़की के गालों पर आंसू टपक पड़े
उसने ऊपर कि और दोनों हाथ उठा कर
कहा, " हे भगवान..!
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद..
आपका प्यार इंसानों के
दिलों और हाथों के द्वारा
न जाने कहाँ- कहाँ फैल चुका है."
अगर आप दूसरों पर..
अच्छाई करोगे तो..
आपके साथ भी.. अच्छा ही होगा ..!!
अब आपको दो में से
एक चुनाव करना है...!
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प्रतिदिन कुछ यूँ

प्रतिदिन कुछ यूँ
सुबह की
शुरुआत हो,
झूठ-बुराई से बचें,
सच-अच्छाई का
साथ हो!

उठते ही
प्रभु दर्शन हो,
सबके लिए
दुआओं से
भरा हमारा
मन हो !
किसी की
पीड़ा हरने का
हममें भाव जगे,
किसी के दिल को
हमसे ना कोई
ठेस लगे!
दिनभर
सद्कर्म हो,
पूर्ण जिम्मेदारी हो,
बचे रहें
पापकर्मों से,
ताकि
मन ना भारी हो!
भूलें थोडी देर
दुनिया को,
और खुद की
खुद से भी
बात हो,
प्रतिदिन कुछ यूँ
सुबह की
शुरुआत हो !!
-अशोक पुनमिया

कविता रचनाकार का अपहरण कर लेती है


( कवि की एक अकविता)
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कविता रचनाकार का अपहरण कर लेती है,और फिर जीवन भर केवल सांस लेने की मोहलत देती है ।
रचनाकार को भी धीरे धीरे अपहर्ता से प्रेम हो जाता है और वह चाहकर भी कविता केउसके चंगुल से भाग नहीं सकता ।
कवि चाहे कई सालोँ तक कोई नई रचना लिखे या न लिखे ,लेकिन उसका अंतर्मन अधिकांश समय सृजन रत रहता है ,कविता का उद्देश्य चाहे कुछ भी हो,कम कम से इतना है ,की अर्थ और बाजार के इस दौर में जब रिश्ते ,संवेदना ,भाषा , आदि बातें अधिकांश लोगों के लिये अप्रासंगिक हो गई हों ,तब भी एक कवि होता है ,जो गाँव की बर्बादी पर रोता है,भाषा की दुर्गति पर हाहाकार करता है,वह कवि ही है जो जब सारी दुनिया अपने सुविधा संपन्न घरों में सो चुकी होती है,तब वह फूटपाथ पर ठिठुर रहे लोगों को देखकर द्रवित होता है,इसलिए कवि से भागो मत ,उसे प्रेम करो ,उसे कभी कभी फुरसत में सुन लिया करो,
कवि ने तुम्हारे पथराए चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए बड़े त्याग किये हैं,यदि विश्वास न हो तो उसकी पत्नी और बच्चों से पूछना

मौसेरी बहन को जंजीरों में बांध करवाती थी काम, पति संग देती थी यातनाएं

घर में लोहे की चेन से बांधी गई किशोरी।
घर में लोहे की चेन से बांधी गई किशोरी।
अजमेर. नाका मदार एकता नगर में एक कमरे में रोने-कराहने की आवाजें आने से लोग विचलित हो गए। लोगों ने झांक कर देखा तो भीतर करीब 17 साल की किशोरी बंधी पड़ी थी, उसके पैर लोहे की चेन से बांधे गए थे और दोनों हाथ पीठ की तरफ कर कपड़े से बंधे थे। किशोरी रोती-बिलखती मदद की गुहार कर रही थी। लोगों ने पुलिस की मदद से किशोरी को मुक्त करवा दिया। किशोरी ने बताया कि वह उसकी मौसेरी बहन और जीजा के पास करीब सालभर से रह रही है। दोनों उससे दिन-रात घर का काम कराते हैं और मारपीट कर उसे बांध कर कमरे में बंद कर देते हैं। अलवर गेट थाना पुलिस ने आरोपी दंपती को हिरासत में ले लिया। किशोरी का मेडिकल कराया गया है।
थाना प्रभारी विक्रम भाटी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश इंदौर के मूल निवासी शाह अली और उसकी पत्नी रजिया करीब एक महीने से एकता नगर में लालाराम के मकान में किराए से रह रहे हैं। इनके साथ 17 वर्षीय लुबिना बानो भी रह रही है। इलाके के लोगों ने बुधवार शाम को कमरे से रोने-कराहने की आवाजें आने पर झांक कर देखा तो भीतर का नजारा दिल दहलाने वाला था। भीतर लुबिना के हाथ-पैर बंधे हुए थे और वह रो-बिलख रही थी।
लोगों ने अलवर गेट थाने पर मामले की जानकारी दी। थाना प्रभारी विक्रम भाटी ने कार्रवाई करते हुए कमरे को खुलवा कर बंधक लुबिना को संरक्षण में लिया। लुबिना ने बताया कि उसकी मौसेरी बहन रजिया और जीजा शाह अली उसे कई दिनों से यातनाएं दे रहे हैं। दोनों उसपर शक करते हैं। दिन भर घर के काम कराने के बाद उसे कमरे में हाथ-पैर बांध कर बंद कर दिया जाता है। पुलिस आरोपी शाह अली और रजिया से पूछताछ कर रही है। किशोरी की मेडिकल जांच पुलिस ने कराई है। थानाप्रभारी विक्रम भाटी ने बताया कि किशोरी के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

सोमनाथ मंदिर में लगा नोटिस- बिना इजाजत नहीं जा सकते गैर हिंदू

फोटो: मंदिर के मुख्य द्वार पर लगा नोटिस।
फोटो: मंदिर के मुख्य द्वार पर लगा नोटिस।
वेरावल (गुजरात). पवित्र ज्योतिर्लिंग सोमनाथ में अब सिर्फ हिंदुओं को ही प्रवेश मिलेगा। गैर हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश के लिए मंदिर ट्रस्ट के ऑफिस से विशेष अनुमति लेनी होगी। यह सूचना मंदिर परिसर में लगे बोर्ड पर चस्पा की गई है।
सूचना गुजराती में लिखी है, जिसका हिंदी अनुवाद यह है-
श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग हिंदुओं का तीर्थधाम है। इस पवित्र तीर्थधाम में प्रवेश के लिए गैर हिंदुओं को जनरल मैनेजर ऑफिस से संपर्क कर अनुमति लेनी होगी। अनुमति मिलने के बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा।
श्री सोमनाथ ट्रस्ट
प्रभास पाटण
सुरक्षा कारणों से उठाया गया कदम: चावड़ा
ट्रस्ट के जनरल मैनेजर विजय सिंह चावड़ा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर हिन्दुओं की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है और इसे जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। मंदिर में दर्शन की इच्छा रखने वाले गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक नहीं है, पर सुरक्षा कारणों से उनके लिए अनुमति की शर्त रखी है।
मंदिर के ट्रस्टियों में शामिल हैं मोदी
सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टियों की सूची में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है। उनके अलावा लालकृष्ण आडवाणी, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल और पूर्व आईएएस अफसर पी.के. लहरी भी सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी हैं।

योगा डे: इमाम बोले-एतराज नहीं, मुस्लिम संगठनों ने कहा-सूरज के आगे नहीं झुकेंगे

फाइल फोटो: योग करते मुस्लिम समुदाय के लोग।
फाइल फोटो: योग करते मुस्लिम समुदाय के लोग।
मुंबई. 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर मुस्लिम संगठनों का मतभेद सामने आ गया है। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुख्य इमाम उमर अहमद इल्यासी ने कहा है कि अगर पीएम उन्‍हें योग डे पर बुलाते हैं तो वे उसमें भी शामिल होंगे। इल्यासी के नेतृत्व में मुस्लिम धर्मगुरुओं के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उधर, मुंबई के मुस्लिम संगठनों ने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश का विरोध किया है, जिसमें 21 जून को इंटरनेश्नल योगा डे पर स्कूल आना जरूरी किया गया है। इन संगठनों ने कहा कि है कि योग और सूर्य नमस्कार के दौरान सूरज के सामने झुकना पड़ता है और मुसलमान केवल अल्लाह के सामने झुकते हैं।
'योगा डे पर स्कूल आना जरूरी न किया जाए'
मुंबई मुस्लिम संगठन बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करने वाले हैं। सीएम से मुलाकात के दौरान संगठनों के प्रतिनिधि मांग करेंगे कि योगा सेशन को कम्पलसरी न किया जाए। इस बार में ‘जमात-ए- इस्लामी हिंद’ के शिक्षा सचिव जहूर अहमद ने कहा, ‘हमारे धर्म में अल्लाह के अलावा किसी और के सामने झुकना गलत माना गया है और इस तरह के आदेश मुसलमानों पर थोपा जाना गलत है। योग में सूर्य नमस्कार होता है और इसका मतलब यह है कि आपको सूर्य के सामने झुकना होगा। योग को अनिवार्य बनाना सही नहीं है।’ इस्लामिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन की मुंबई यूनिट के अध्यक्ष मोहम्मद सलमान ने कहा, ‘हमें कोई आपत्ति नहीं होती अगर वे कोई ऐसी गतिविधी आरंभ करते जिससे स्टूडेंट्स को लाभ होता लेकिन, इस काम से तो आपसी सद्भाव को नुकसान पहुंचेगा।’ मुस्लिम एमएलए वारिस पठान ने महाराष्ट्र सरकार के कदम को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फरमान जारी कर बीजेपी सरकार अपने हिंदू राष्ट्र वाले एजेंडे को साकार करने की कोशिश कर रही है। वहीं, महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी ने इसे केवल व्यायाम बताया है।
यूएन ने घोषित किया
बता दें कि पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में मांग उठाए जाने के बाद यूएन ने 21 जून को इंटरनेश्नल योगा डे के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

मांझी न खा सकें सीएम बंगले में लगी सब्जियां, 24 पुलिसवाले कर रहे पहरेदारी

फाइल फोटो- मुख्यमंत्री आवास में बैठे जीतन मांझी।
फाइल फोटो- मुख्यमंत्री आवास में बैठे जीतन मांझी।
पटना (बिहार). बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी चाहकर भी अपने आवास 1, अण्णे मार्ग के लॉन में लगीं सब्जियां और पेड़ों पर लगे फल नहीं खा सकते हैं। इन पर बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहरा लगा दिया है। मांझी या उनके परिजनों को सरकारी आवास में लगे आम, कटहल, लीची और सब्जियों को तोड़ने से रोकने के लिए बिहार सरकार ने 8 सब इंस्पेक्टर और 16 कॉन्स्टेबल समेत 24 पुलिसवालों की तैनाती की है। 1, अण्णे मार्ग मुख्यमंत्री का सरकारी आवास है। लेकिन मांझी ने मुख्यमंत्री के पद से हटने का बद भी सीएम आवास खाली नहीं किया है।
फोन और केबल कनेक्शन पहले ही कट चुके हैं
मांझी ने कुछ समय पहले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा का गठन किया था। इस मोर्चा के प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान मुताबिक नीतीश को जनता से ज्यादा फलों और सब्जियों की चिन्ता है। रिजवान ने कहा, '1, अण्णे मार्ग में मांझी को रहने के लिए आवास के सिवा कोई अन्य सुविधा नहीं दी जा रही है। उनका फोन और केबल कनेक्शन पहले ही काटा जा चुका है। अब दर्जनों जवानों का पहरा लगवा कर आवास में फलने वाले फल और सब्जियों से भी मांझी को महरूम किया जा रहा है। राज्य की जनता एक दलित को अपमानित और प्रताड़ित करने की सजा आने वाले समय में नीतीश को जरूर देगी।'

बांग्लादेशी हिंदू संगठन बोला-ममता को साथ न लाएं मोदी, दिखाएंगे काले झंडे

फाइल फोटो- पीएम नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी।
फाइल फोटो- पीएम नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी।
नई दिल्ली/ढाका. बांग्लादेश के एक हिंदू संगठन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शामिल नहीं करने की मांग की है। हिंदू संगठन वेदांता संस्कृति मंच ने आरोप लगाया है कि ममता का झुकाव इस्लामी कट्टरपंथियों की ओर है, इसलिए पीएम को उन्हें अपने दौरे में शामिल नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को 2 दिनों के बांग्लादेश दौरे पर जा रहे हैं।
वेदांता संस्कृति मंच ने कहा, ममता आईं तो दिखाएंगे काले झंडे
बांग्लादेश के हिंदू संगठन वेदांता संस्कृति मंच ने कहा है कि यदि ममता बनर्जी बांग्लादेश यात्रा पर आती हैं तो संगठन उन्हें काले झंडे दिखाएगा। संगठन ने सभी आजादी समर्थक ताकतों से ऐसा करने को कहा है। संगठन के महासचिव बिनय भूषण जॉयभर ने ढाका में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमारा मानना है कि आतंकवादी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शह पर बांग्लादेश और भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं।'
5 जून को बांग्लादेश पहुंचेंगी ममता
ममता बनर्जी पांच जून को ढाका पहुंचेगी और 6 जून को प्रधानमंत्री मोदी के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगी। पीएम के इस दौरे पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ सीमा के नजदीक की जमीनों से जुड़े समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे। ममता इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद छह जून को लौट जाएंगी।

एक दिवसीय माफ़ी नामा

दोस्तों कल शबबरात थी सभी बहनो भाइयों ने एक दिवसीय माफ़ी नामा से प्रेरित होकर सोशल मिडिया पर जाने अनजाने में गलतियों के लिए मुआफ़ी मांगी मुझे अजीब सा लगा ,,में शुक्र गुज़ार हूँ मेरे उस खुदा का जिसने मेरी हर तोबा क़ुबूल की हर गलती मुआफ की ,,,में शुक्रगुज़ार हूँ मेरे खुदा का जिसने मुझे गलतियों से ग़ीबत से बचने की सलाहियत दी ,,जिसने मुझे सिखाया के अगर किसी का दिल दुःख जाए तो साल भर का इन्तिज़ार नहीं तुरंत अहसास होते ही मुआफ़ी मांग लो ,,,गलती हो तुरंत तोबा कर लो ,,यह जाने अनजाने की गलती का अलफ़ाज़ इस्लाम में नहीं है इस्लाम में एक्यूरेसी है शत प्रतिशत है गलती हुई तुरंत माफ़ी ,,,तुरंत तोबा ,,काश मेरे भाइयों ने क्षमा वाणी से माफ़ी का तरीका सीखने के बजाय क़ुरआन और हदीस से तोबा और मुआफ़ी का तरीका सीखा होता जिसमे किसी पड़ोसी ,,किसी भी व्यक्ति ,इंसान ,,जानवर ,,चरिन्दे ,,परिंदे ,,पैढ़ पौधों को कोई तकलीफ न पहुंचे ऐसी हिदायत है ,,,,इस्लामिक चेहरा वोह जिसकी किसी भी हरकत से कोई दुखी ना हो ,,लेकिन विनम्रता का मतलब कायरता भी नहीं झूंठ ,,फरेब ,,मक्कारी से बचने के साथ साथ धर्मयुद्ध यानी सच के लिए युद्ध ,,कोई अगर किसी दूसरे पर भी ज़ुल्म करता है ,,अन्याय अत्याचार करता है तो उसे बचाने के लिए युद्ध प्रतीकार की हिदायत है ,,क़ुरबानी का जज़्बा इस्लाम सिखाता है ,,,,किसी भाई से अगर सुबह विवाद हो जाए तो सूरज डूबने के पहले उसे ढूंढ कर माफ़ी मांगने का हुक्म है ,,पुरे सालभर का तो शबबरात के दिन लेखा जोखा होता है ,,साल भर गलतियां ,,ज़ुल्म ज़्यादतियाँ ,,बेईमानियां ,,मक्कारियां झूंठ फरेब और फिर केवल एक दिन सिर्फ एक दिन माफ़ी नामा इस्लाम का सिद्धांत नहीं है ,,इस्लाम का सिद्धांत है अव्वल तो गलतियों से बचो और फिर भी अगर गलती हो जाए तो तुरंत बिना किसी झिझक के अपनी भूल सुधार कर उससे माफ़ी मांग लो ,,एक शख्स जिससे में नहीं मिला उसकी तस्वीर मेरे सामने गंदी बताई गई मेरे दिमाग में उसके लिए बदगुमानी थी लेकिन जब हम मिले साथ उठे बैठे तो मुझे लगा मेरे पास गलत तस्वीर पेश की गई मेने इस शख्स से सैकड़ों बार माफ़ी मांगी और अपनी गलती इन्हे बताई इस शक्श ने मुझे माफ़ तो कर दिया लेकिन मुझे आज भी मलाल है के बिना जाने ,,,बिना मिले मेने सभी क़ुरानी हिदायते त्याग कर कैसे किसी शख्स के खिलाफ बदगुमानी पाली ,,,खेर दोस्तों खुदा का शुक्र है के मुझे मेरे दूसरे सातियों की तरह सोशल मीडिया पर एक दिवसीय माफ़ी नामे को आगे नहीं बढ़ाना पढ़ा ,,मेने फिर क़ुरआन और हदीस की रौशनी में देखा तो में सच था माफ़ी तुरंत गलती हो तो मांग लो ,.,,तोबा तुरंत कर लो ,,,,,अल्लाह सभी को माफ़ करने वाला है ,,,,,,,,,,,,माफ़ी दिल से हो दिखावे के लिए नहीं क्योंकि माफ़ी कोई खेल नहीं एक प्रायश्चित है ,,पश्चाताप है ,,,,,,,,,,,,दिखावा नहीं ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मेरी मामी ,,कंस मामी ,,मुमानी डॉक्टर शाहिदा खानम

दोस्तों मेरी मामी ,,कंस मामी ,,मुमानी डॉक्टर शाहिदा खानम जानकी देवी बजाज महिला महाविद्यालय में जूलॉजी के प्रोफ़ेसर के पद से इकत्तीस को खुशियों के साथ सेवानिवृत हुई वैसे तो उन्हें देखकर यही गुमान होता है के सरकार ने उन्हें जवानी में ही सेवानिवृत्ति दे दी है ,,,डॉक्टर शाहिदा ने कोटा राजकीय महाविद्यालय से ही जूलॉजी में एम एस सी प्रथम श्रेणी उच्च नंबरों से उत्तीर्ण की फिर जयपुर विश्विद्यालय से ,,,राष्ट्रीय कार्यक्रम फेमिली प्लानिंग से प्रभावित होकर वनस्पति से कैसे फेमिली प्लानिंग कार्यक्रम हो इस पर रिसर्च कार्य किया ,,एक जूलॉजी की छात्रा के लिए बॉटनी विभाग की वनस्पति को समझकर उसके रसायनों से ऐसा रसायन बनाना जिससे बर्थ कंट्रोल हो सके मुश्किल काम था लेकिन राष्ट्रीयता का प्रभाव था जो कड़ी महनत ,लगन से कई प्रयोगो ,,सूक्ष्म परिक्षण के बाद ,,,चूहों पर इस फार्मूले का कामयाबी के साथ प्रयोग किया ,,और इस फार्मूले को विशेषज्ञों की राय के बाद बर्थ कंट्रोल सिस्टम के लिए सुरक्षित और आवश्यक मानकर पास कर दिया गया ,,,शाहिदा खानम इस फार्मूले से शाहिदा से डॉक्टर शाहिदा हुई और फिर जूलॉजी की लेक्चरर से प्रोफेसरर बन गई ,,अपनी सभी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के साथ पढ़ाई फिर रिसर्च फिर परिवार की ज़िम्मेदारी एक कामकाजी महिला की तरह घर के कामकाज फिर ज़िम्मेदारी मुश्किल तो था लेकिन असम्भव नहीं और इसीलिए डॉक्टर शाहिदा ने घर गृहस्थी के साथ उच्च शिक्षा के इस फार्मूले को सम्भव कर दिखाया ,,डॉक्टर शाहिदा के शौहर नोशे खान हाल ही में आर एफ सी प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए है इनके एक पुत्र डॉक्टर उमेर एक पुत्री डॉक्टर उज़्मा है ,,,,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर शाहिदा के तेतीस साल के शैक्षणिक केरियन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही डॉक्टर शाहिदा को इंटरनेशनल ,,नेशनल और राज्य स्तरीय दर्जनों सेमिनारों में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया ,,इनके पढ़ाने के तोर तरीक़ो और सलीक़ों से अनुशासन से इनके छात्र छात्राएं आज भी प्रभावित है जिन्होंने सभी ने मिलकर इन्हे भाव विहल विदाई दी ,,डॉक्टर शाहिदा को शुभकामनाये ऐसे में मुझे सत्ता के वोह मुस्लिम दलाल याद आते है जो सार्वजनिक मंचों पर अपने भाषणों में बेरोज़गार पढ़े लिखे लोगों को रोज़गार देने की ज़िम्मेदारी से बचने के लिए कहते है के हमारे बच्चे पढ़ते नहीं ,,,,,,उच्च शिक्षा ,,उच्च पद ,,सादा जीवन और उच्च विचार के लिए कंस मामी डॉक्टर शाहिद को मुबारकबाद बधाई ,,खुदा उन्हें सभी तरह की खुशिया ,,सह्त्याबी ,,उम्रदराज़ी ,,खुशहाली के साथ आता फरमाये ,,,,आमीन सुम्मा आमीन ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोदी का 'संघ' को सीधा संदेश, अल्पसंख्यकों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं

मोदी का 'संघ' को सीधा संदेश, अल्पसंख्यकों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अपनी पार्टी के कुछ नेताओं की टिप्पणी को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया है। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को धार्मिक आजादी का अधिकार दिया गया है और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता। साथ ही, किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोदी के बयान से आरएसएस ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ा है कि यह उनके संदर्भ में नहीं कहा गया है।
न्यूज एजेंसी यूएनआई को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा, 'कुछ दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां की गई हैं, जो पूरी तरह अनुचित थीं। हमारा संविधान हर नागरिक के लिए धार्मिक आजादी की गारंटी देता है और इस पर किसी तरह का समझौता नहीं हो सकता। मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं, 'किसी भी समुदाय के खिलाफ भेदभाव या हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर मेरा रुख काफी साफ है सबका साथ, सबका विकास।' प्रधानमंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि पार्टी में मौजूद सांप्रदायिक तत्वों पर वह किस तरह से लगाम कसेंगे।
मिलती-जुलती खबरें
पीएम ने कहा कि उनकी सरकार धर्म या जाति को ध्यान में रखे बगैर सभी 1.25 अरब भारतीयों के लिए है। सरकार इन सभी लोगों की प्रगति के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी। मोदी ने कहा, 'हमारे देश में सभी पंथ को समान अधिकार है। सभी पंथ न सिर्फ कानून के सामने बराबर हैं, बल्कि समाज में भी ऐसा ही है। मेरी सरकार का फोकस गवर्नेंस और डिवलेपमेंट पर है। हमारा मुख्य पॉइंट काफी साफ है- विकास, विकास, विकास; रोजगार, रोजगार, रोजगार।'

मोदी और उनके सहयोगियों ने जहां पिछले एक साल के दौरान एनडीए सरकार के डिवेलपमेंट एजेंडे और भारतीय इकनॉमी की ग्रोथ को प्रमुखता से पेश करने कोशिश की है, वहीं निरंजन ज्योति और साक्षी महाराज जैसे बीजेपी नेताओं के विवादास्पद बयानों के कारण सरकार की उपलब्धियों से लोगों का ध्यान भटका है।

मक्का शरीफ़ गिलाफ़

मक्का शरीफ़ में जो अल्लाह का घर है - काबा.
उसको एक काले कपङे से घेरा गया है.
जिसका नाम है किस्वा..
जो हर साल बदला जाता है।
ये गिलाफ़ एक स्पेशल
फेक्टरी मे बनता है.
जो मक्का शरीफ में ही है ।
गिलाफ़ की कीमत 21
करोड़ 10 लाख रूपये है ।
ये कपड़ा 670 kg. का है ,
जो सिल्वर और
काली डाई में से
बनाया जाता है ।
इसमें जो अल्फ़ाज़
(words) लिखे हैं वो
120 kg. Pure सोना और 50 kg. चांदी से
लिखे गये हैं । कपङे के गिलाफ़ का एरिया 658 sq. Ft. है ।
(सुब्हान-अल्लाह)
शेयर करके सभी तक
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दोस्तों आपसे मिलिए आप है कुशल उद्यमी और समाजसेवक असद अनवर खान

दोस्तों आपसे मिलिए आप है कुशल उद्यमी और समाजसेवक असद अनवर खान ,,,जो इन दिनों झालावाड़ मुख्यालय से बनास स्टोन के नाम पर इंटरनेशन पत्थर व्यवसाय में कामयाब उद्यमी है ,,,नवाबों की नगरी टोंक से जुड़े साहिबजादे असद अनवर खान फौज से सेवानिवृत्त साहिबजादे मेजर अनवर खान के सुपुत्र है और टोंक से जुड़े होने के कारण इनकी परवरिश में गरीबों के लिए हमदर्दी ,,दुखियों के लिए दर्द शामिल है जबकि मज़हबी मामलों में भी मदद का जज़्बा है ,,,असद अनवर खान का यूँ तो बनास फर्म के नाम से कई दर्जन व्यवसाय है लेकिन झालावाड़ में पत्थर व्यवसाय से उनकी अपनी नई पहचान बनी है ,,असद अनवर यूँ तो झालावाड़ के सांसद दुष्यंत सिंह और मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के पारिवारिक मित्रों में से है और असद की वफादारी के क़िस्से हर चुनाव में आम होते है जो अपनी जान की बाज़ी लगाकर भी चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के लिए वोटर्स से सम्पर्क कर उन्हें संसद दुष्यंत और मेडम वसुंधरा के पक्ष में मतदान करने के लिए उन्हें प्रेरित करने में कामयाब होते है ,,,,असद अनवर इन दिनों मुख्यमंत्री वसुंधरा के निकटम वफादारों में से है लेकिन वोह कभी इसका दुरूपयोग नहीं करते ना ही निजी लाभ या भाई भतीजावाद के नाम पर सरकार के लिए कोई सर दर्द पैदा करते है ,,,अपना व्यवसाय ,,समाजसेवा के नाम पर क्षेत्र के लोगों से जुड़कर उनके साथ हम्दर्दाना सुलूक और पारिवारिक मामलों में परस्पर मेल मुलाक़ात ,,,,असद अली टोंक से निकला कर छोटे स्तर पर अपने व्यसाय से जुड़े और फिर अपनी महनत ,,लगन ,,आत्मविश्वास और ईमानदारी से कार्य करते हुए आज मुख्य उधमी के रूप में पहचान बनाने में कामयाब हुए है ,,,,असद झालावाड़ से जुड़े ज़रूरतमंदों का सर्वे कराते है उन्हें बंद मुट्ठी कर मदद करते है ,, उनकी ज़रूरते पूरी करते है ,,लड़कियों के विवाह के लिए ,,शिक्षा के लिए ,,निजी ज़रूरतों के लिए मदद के साथ साथ असुरक्षित लोगों को सम्मान और सुरक्षा दिलवाना ,,रोतों हुओं के आंसू पोंछना इनका स्वभाव है ,,,,ज़रूरत मन्दो के साथ हम्दर्दाना सुलूक का ही नतीजा है के आज असद अनवर किसी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता नहीं होने पर भी निजी तोर पर पारिवारिक रिश्तों के तहत मेडम वसुंधरा और सांसद दुष्यंत के पक्ष में मुस्लिम ,,दलित और पिछड़े समाज के लोगों के वोट डलवाने में कामयाब हो जाते है ,,असद अली मस्जिद ,,मदरसों ,,खानकाह ,,दरगाह ,,मंदिर ,,अनाथालयों के लिए भी खुलकर मदद करते है और सभी धर्मगुरुओं में ,,धार्मिक स्थलों के प्रमुख में इसीलिए इनका अपना सम्मान है ,,, असद अनवर सक्रिय सियासत में तो नहीं लेकिन अपने परिवार वसुंधरा परिवार के हितों के लिए सियासत भी करते है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वाट्सअप,फेसबुक पर गलत कमेंट करा सकता है जेल।

वाट्सअप,फेसबुक पर गलत कमेंट करा सकता है जेल।
66ए को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है, इसके बावजूद सोशल साइटों पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है। अभी भी कई धाराएं ऐसी हैं जिनके तहत आपत्तिजनक पोस्ट पर सजा का प्रावधान है।
फर्जी अकाउंट पर तीन साल तक की सजा:
किसी अन्य व्यक्ति के नाम से अकाउंट बनाना और उसके फोटो का इस्तेमाल कानूनी तौर पर गलत है। ऐसा करने पर आईटी एक्ट की धारा 66सी के तहत तीन साल की सजा हो सकती है। दूसरे व्यक्ति के अकाउंट से छेड़छाड़ करने पर आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत सजा हो सकती है।
गाली देने पर तीन महीने की सजा:
वाट्सअप, फेसबुक या इंटरनेट के जरिए अगर कोई व्यक्ति किसी के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल करता है, अश्लीलता फैलाता है, गाली देता है या ऐसी बातें करता है जिससे किसी को पीड़ा पहुंची हो तो उसके खिलाफ धारा 294 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। उसे तीन महीने की सजा हो सकती है।
धार्मिक भावनाएं भड़काना: वाट्सएप,फेसबुक, ट्विटर जैसी साइटों पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज हो सकता है। कोई व्यक्ति किसी धर्म के बारे मे आपत्तिजनक बातें लिखता है या धार्मिक प्रतीकों का अपमान करता है तो ऐसे मामले में आईपीसी की धारा 295ए के तहत मुकदमा हो सकता है। इसमें दोषी पाए जाने पर तीन साल कैद का प्रावधान है।
सम्मान को ठेस पहुंचाना: फेसबुक पर किस के बारे में ऐसा कमेंट करना जिससे उसके सम्मान को ठेस पहुंची हो, तो आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की जा सकती है। मामला सिद्ध होने पर दोषी को दो साल तक की जेल हो सकती है।
देश के खिलाफ पोस्ट:
इसके अलावा अगर किसी पोस्ट में देश के खिलाफ बात लिखी हो। देश की एकता और अखंडता को चोट पहुंचाई हो, देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाली बात लिखी हो तो आईपीसी की धारा 124ए के तहत मुकदमा दायर हो सकता है। इस मामले में उम्रकैद का प्रावधान है।
अफवाह फैलाना:
ऐसा कंटेंट जिसमें अफवाह फैलाकर भावनाएं भड़काने की कोशिश की गई हो, आईपीसी की धारा 505 के तहत अपराध है।
कमेंट करने से पहले सोचें
आमतौर पर लोग किसी भी पोस्ट पर लाइक और कमेंट कर देते हैं। जल्दबाजी में कमेंट करना लोगों को मुशिकल में डाल सकता है। अगर पोस्ट में कंटेंट आपत्तिजनक है तो उस पर लाइक और कमेंट बिल्कुल न करें। ऐसा करने पर पोस्ट करने वाले के साथ-साथ आपको भी आईटी एक्ट के तहत उतनी सजा हो सकती है जितना आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को होगी।

दोस्तों कोटा के मुस्लिम समाजसेवकों के हौसले को सलाम

दोस्तों कोटा के मुस्लिम समाजसेवकों के हौसले को सलाम ,,कोटा की सर ज़मीन पर आगामी बाराह जून से मल्टीपर्पज इस्लामिक सेंटर की विधिवत शुरुआत हो जायेगी ,,केसरबाग प्रगती स्कूल के पास लगभग दो हज़ार फुट में निर्मित दो मंज़िली इस ईमारत में भविष्य के लिए कमसे कम चार मंज़िले बनाने का सपना है जो इंशा अल्लाह जल्द ही पूरा हो जाएगा ,,,जमात इस्लामी संस्था और कोटा के जुड़े समाजसेवकों ने होसला दिखाया और मिलजुल कर कोटा के आम मुस्लिम समाज के लिए बहु उद्देशीय एक ईमारत का निर्माण का सपना देखा जिसमे इबादत ,,मदरसा शिक्षा ,,आधुनिक शिक्षा ,,लाइब्रेरी ,,, कॅरियर गाइड सेंटर ,,,अस्पताल ,,,महमान खाना सहित सभी तरह की सुविधाये एक ही छत के नीचे हो ,,,,क़रीब डेढ़ करोड़ से निर्मित इस सपने को पूरा करने के लिए जमात इस्लामी से जुड़े पदाधिकारी ,,कारकुन के अलावा गुलशेर अहमद ,,,शकील मिर्ज़ा ,, गफ्फार मिर्ज़ा सर्वोदय ,,,ज़हूर अहमद ,,नईम फलाही ,,आबिद अंसारी सहित कई दर्जन लोगों ने होसला दिखाया और अभी वर्तमान में दो मंज़िला इमारत बनकर तैयार है ,,जिसकी इफ़्तिताह आगामी बाराह जुलाई बरोज़ जुमा को दोपहर ज़ोहर में खुसूसी इबादत के साथ की रही है ,,इस ईमारत में लाइब्रेरी ,,,,इबादत खाना ,,महिलाओं के लिए पर्दानशीं इबादतखाना ,, छात्र छात्राओं और बेरोज़गारों के लिए कॅरियर गाइड सेंटर ,,दिनी मदरसा ,,आधुनिक शिक्षा ,,,,गैर मुस्लिम समाज के लोगों को दावत देकर इस्लाम के प्रति उनकी गलत फहमिया दूर करने का केंद्र ,,,, महमान खाना ,,मीटिंग हॉल सहित कई बहुउद्देशीय योजनाये लागु की गई है ,,,यह इमारत आधी से ज़्यादा तो बन चुकी है इस इमारत को निर्मित कर कोटा वासियों के अधूरे सपने को पूरा करने वाले इन हौसले मंद लोगों को सलाम ,,,,,ख्वाहिश है के यह अधूरा सपना अधूरा ना रहकर जल्दी ही चार मंज़िल इमारत पूरी होकर तैयार हो और हर ज़रूरत एक ही छत के नीचे पूरी होने का प्रबंधन हो सके ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जिस घाव से

जिस घाव से
खून नहीं निकलता..
समझ लेना
वो ज़ख्म
किसी अपने ने
ही दिया है...

क़ुरआन का सन्देश

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