देश भर में इन दिनों योजनाबद्ध तरीके से मेगी के खिलाफ बगावत है ,,फिर भी
मेगी इतनी मज़बूत है के दुकानो पर सजी है और बिक्री ज़ोरो पर है ,,घरो में
रोज़ बच्चे इसे खा रहे है ,,यह तो मेगी की हिम्मत है के वोह ना तो डरी न
हारी है बस सरकार की हर चाल पर भारी है ,,,खेर मेगी के खिलाफ बगावत ने
दोषपूर्ण ,,भ्रामक ,,लोगों को बहकाने वाले विज्ञापनों के बारे में
सेलेब्रिटीज़ द्वारा किसी भी नाकारा और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक उत्पाद का
विज्ञापन कर जनता को तो गुमराह किया जाता है ,,बिक्री बढ़ाई जाती है ,,और
सेलेब्रेटरी द्वारा जनता को इस गुमराह व्यापार के बदले करोडो रूपये कमाते
है ,,,दोस्तों देश में लोगों के स्वास्थ्य ,,लोगों को शुद्ध और सेहत के लिए
फायदेमंद उत्पाद मिले इसकी सीधी ज़िम्मेदारी सरकार की है ,,सरकार की
ज़िम्मेदारी है के कोई भी ऐसी चीज़ जो मिलावट वाली ,,स्वास्थ्य के लिए
नुकसानदायक है ,,ऐसे विज्ञापन जो जनता को गुमराह करने वाले है उन्हें रोके
और ऐसे लोगो को सज़ा भी दिलवाए ,,लेकिन प्रिवेंशन और फ़ूड अडल्ट्रेशन एक्ट
का सत्यानास कर दिया ,,दूध दही घी मक्खन या फिर कोई भी खाद्य पदार्थ हो
उसकी तो जांच होना ही बंद हो गयी जबकि इस जांच करने वाले महकमे पर सरकार हर
माह अरबो रूपये जनता के खून पसीने की कमाई से टैक्स वसूल कर करती है
ज्सिमे जनता के स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी निभाने का टैक्स भी शामिल होता है
,,,सभी जानते है के डिब्बा बंद प्रोडक्ट ,,थेली में पेकिंग के खाद्य
पदार्थ की किसी भी सरकारी विभाग के अधिकारी ने आज तक जांच नहीं की ,,,फ़ूड
सेफ्टी एक्ट के नए प्रावधान के तहत भी पेकिंग वाले खाद्य पदार्थ में
संबंधित खाद्य पदार्थ का पूरा फार्मूला लिखा होगा उत्पादन की तिथि पेकिंग
पर लिखी होगी और इसकी मृत्यु दिनाक तीन माह होगी ,,सच यह है के तीन माह तो
पेकिंग को बाज़ार में पहुंचने में लग जाते है इसलिए यह एक माह आगे की तारीख़
डालते है जिसे देखने वाला कोई नहीं होता पेकिंग में क्या फार्मूला है
,,,जो लिखा है वोह सामग्री है या नहीं ,,जनता के लिए नुकसानदायक सामग्री
है या फिर जानलेवा ज़हर सरकार को कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता ,,,,,,पे पदार्थ
,,शरबत ,,,कोल्ड ड्रिंक पर भी पेकिंग तारीख अंकित होती है लेकिन बाज़ारों
में जागरूकता के आभाव और सरकार की निगरानी के आभाव सहित अधिकारीयों की
साठगांठ की वजह से ज़हर बेचा जा रहा है ,,,,,राजस्थान में तो उपभोक्ता क़ानून
के तहत हर ज़िले में प्रवर्तन अधिकारी रसद विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया
है जो इस तरह के पदार्थो की अवैध बिक्री और भ्रामक विज्ञापन देकर लोहे को
सोना बताकर बेचने वालों के खिलाफ मुक़दमा और उपभोक्ता में परिवाद पेश करने
के अधिकार दिए गए है ,,देश में किसी भी विज्ञापन के मामले में जो दिखाया
जाता है उस उत्पाद का रॅंडम चेकिंग करवाकर उसकी शुद्धता ,,गुणवत्ता ,,जैसा
विज्ञापन में दावा किया गया है वैसा है या नहीं जांच होना चाहिए और
विज्ञापन करने वाली सेलेब्रेटरी ,,प्रसारण करने वाले एजेंसी ,,टीवी चैनल
,,प्रकाशित करने वाले अख़बार मेगज़ीन ,,उत्पादक और विक्रेता के खिलाफ
बेईंमानी पूर्वक कृत्य कर धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज करवाकर ऐसे लोगों को जेल
भिजवाना चाहिए ,,,,हर पदार्थ की बिक्री के वक़्त उत्पाद पेकिंग तिथी की जाँच
होना चाहिए जतना को जागरूक किया जाना चाहिए पेक खाद्य पदार्थ और खुले खाध
पदार्थो की नमूने लेकर जांच होना चाहिए नहीं तो जनता गंभीर बिमारियों से
ग्रसित होकर लाइलाज बिमारियों से वक़्त के पहले ही मरने लगेगी और देश मिलावट
के सामान ,,,निर्धारित समयावधि के बाद निम्न स्तरीय खाद्य पदार्थ खाने से
कुपोषण का शिकार हो जाएगा ,,क्या नरेंद्र मोदी की सरकार जनता के स्वास्थ्य
को ध्यान में रखकर इस तर्ज़ पर जनता के हित में अधिकारीयों को कार्य करने के
निर्देश देकर ऐसे निठल्ले अधिकारियो के खिलाफ जनता को निगराकार बनाएगी
ताकि देश और देश की जनता स्वस्थ रह सके बीमारू देश बीमारू जनता से हमारा
भविष्य सुरक्षित हो सके ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान