आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 जून 2015

17 बार लूटा गया यह मंदिर, फिर भी बरकरार रही भव्यता


ट्रेन में टॉयलेट गई महिला की डिलिवरी, पटरी पर गिरा नवजात Subodh Khandelwal Jun 04, 2015, 19:03 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 0 1 of 4 Next बच्चे को आईसीयू में रखा गया है। बच्चे को आईसीयू में रखा गया है। इंदौर। इंदौर के रेलवे स्टेशन पर गुरुवार दोपहर एक महिला ने ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया। रानू वर्मा नामक यह महिला पति के साथ सफ़र कर थी। अचानक पेट में दर्द होने पर वह टॉयलेट गई और उसे वहीं पर डिलिवरी हो गई। नवजात पाइप से होते हुए पटरी पर जा गिरा। खुशकिस्मती से ट्रेन के रवाना होने में काफी समय था। डिलिवरी की जानकारी लगते ही वहां मौजूद रेलवे के पुलिस जवान ने तुरंत लोगों की मदद से बच्चे को पटरी से निकाला और अस्पताल पहुंचाया। जच्चा-बच्चा दोनों ही ठीक हैं। पटरी पर जा गिरा नवजात : रानू के पति महेश वर्मा ने बताया कि मेरी पत्नी को सात महीने का गर्भ था। घर में कोई नहीं है, इसलिए मैं उसे लेकर अपनी बहन के यहां शुजालपुर जा रहा था, ताकि समयानुसार वह उसकी डिलिवरी करवा सके। हम दोनों पैसेंजर ट्रेन में सवार थे। ट्रेन के रवाना होने में कुछ समय था। तभी अचानक रानू को दर्द उठा तो वह टॉयलेट चली गई। थोड़ी देर बाद उसने आकर पूरी बात बताई तो मैं और दूसरे यात्री तत्काल डिब्बे से निकलकर प्लेटफार्म पर पहुंचे। जब हमने ट्रेन के नीचे देखा तो वहां बच्चा पड़ा हुआ था। उसी समय वहां रेलवे पुलिस के कुछ जवान भी आ गए। सबने मिलकर तुरंत बच्चे को वहां से निकाला और हमें अस्पताल भेज दिया। Related बांझपन के इलाज के नाम पर हेल्थ सुपरवाइजर ने 50 महिलाओं से ठगे 25 लाख रुपए एमवाय अस्पताल के अकाउंटेंट पर नर्स ने लगाया सूदखोरी का आरोप एमवाय मेमोरियल सीनियर क्रिकेट स्पर्धा: सारांश को इंदौर की कमान नरम मिट्टी के कारण बचा मासूम : जीआरपी के टीआई एमएल चौहान ने बताया कि आरक्षक दीपू सिंह की ड्यूटी इसी ट्रेन में थी। उसने तुरंत अन्य यात्रियों के साथ मिलकर पटरी से बच्चे को निकाला और फिर हम लोग थाने की गाड़ी से मां- बेटे और महेश को लेकर एमवाय अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि खुशकिस्मती से बच्चा पटरी पर जहां गिरा उस जगह काफी नमी थी, इसलिए उसे चोट नहीं पहुंची। दोनों स्वस्थ्य : एमवाय अधीक्षक डॉ. केडी भटनागर ने बताया कि जच्चा-बच्चा होने ही स्वस्थ्य हैं। समय से पहले डिलिवरी होने की वजह से बच्चा थोड़ा कमजोर है। लेकिन उसकी हालत बेहतर है। गिरने से उसे किसी भी प्रकार हानि नहीं हुई है, वह बिल्कुल ठीक है। उसे हमने आईसीयू में रखा है

बच्चे को आईसीयू में रखा गया है।
बच्चे को आईसीयू में रखा गया है।
इंदौर। इंदौर के रेलवे स्टेशन पर गुरुवार दोपहर एक महिला ने ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया। रानू वर्मा नामक यह महिला पति के साथ सफ़र कर थी। अचानक पेट में दर्द होने पर वह टॉयलेट गई और उसे वहीं पर डिलिवरी हो गई। नवजात पाइप से होते हुए पटरी पर जा गिरा। खुशकिस्मती से ट्रेन के रवाना होने में काफी समय था। डिलिवरी की जानकारी लगते ही वहां मौजूद रेलवे के पुलिस जवान ने तुरंत लोगों की मदद से  बच्चे को पटरी से निकाला और अस्पताल पहुंचाया। जच्चा-बच्चा दोनों ही ठीक हैं।

पटरी पर जा गिरा नवजात : रानू के पति महेश वर्मा ने बताया कि  मेरी पत्नी को सात महीने का गर्भ था। घर में कोई नहीं है, इसलिए मैं उसे लेकर अपनी बहन के यहां शुजालपुर जा रहा था, ताकि समयानुसार वह उसकी डिलिवरी करवा सके। हम दोनों पैसेंजर ट्रेन में सवार थे। ट्रेन के रवाना होने में कुछ समय था। तभी अचानक रानू को दर्द उठा तो वह टॉयलेट चली गई। थोड़ी देर बाद उसने आकर पूरी बात बताई तो मैं और दूसरे यात्री तत्काल डिब्बे से निकलकर प्लेटफार्म पर पहुंचे। जब हमने ट्रेन के नीचे देखा तो वहां बच्चा पड़ा हुआ था। उसी समय वहां रेलवे पुलिस के कुछ जवान भी आ गए। सबने मिलकर तुरंत बच्चे को वहां से निकाला और हमें अस्पताल भेज दिया।

नरम मिट्टी के कारण बचा मासूम : जीआरपी के टीआई एमएल चौहान ने बताया कि आरक्षक दीपू सिंह की ड्यूटी इसी ट्रेन में थी। उसने तुरंत अन्य यात्रियों के साथ मिलकर पटरी से बच्चे को निकाला और फिर हम लोग थाने की गाड़ी से मां- बेटे और महेश को लेकर एमवाय अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि खुशकिस्मती से बच्चा पटरी पर जहां गिरा उस जगह काफी नमी थी, इसलिए उसे चोट नहीं पहुंची।
 
दोनों स्वस्थ्य : एमवाय अधीक्षक डॉ. केडी भटनागर ने बताया कि जच्चा-बच्चा होने ही स्वस्थ्य हैं। समय से पहले डिलिवरी होने की वजह से बच्चा थोड़ा कमजोर है। लेकिन उसकी हालत बेहतर है। गिरने से उसे किसी भी प्रकार हानि नहीं हुई है, वह बिल्कुल ठीक है। उसे हमने आईसीयू में रखा है

आजादी के बाद पहली बार घाेड़ी पर बैठा दलित दूल्हा, गांव में पुलिस पहरा

फोटो: पुलिस के पहरे में निकली बारात।
फोटो: पुलिस के पहरे में निकली बारात।
जयपुर (राजस्थान). कोटपूतली के पाथरेड़ी गांव में आजादी के बाद पहली बार गुरुवार शाम दलित दूल्हा घोड़ी पर बैठा। दूल्हा घोड़े पर सवार होकर पूजन करने मंदिर तक पहुंचा। इस दौरान गांव में पुलिस पहरा रहा। सुबह से ही पुलिस की टीम गांव पहुंच गई थी और 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी दूल्हे के घर के आसपास डेरा जमाए बैठे रहे।
दरअसल, पिछले दिनों अंबेडकर विचार मंच समिति के पदाधिकारियों ने दलित दूल्हे के घोड़ी पर बैठने को लेकर एसडीएम को ज्ञापन दिया था। साथ ही सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन भी मांगा था। इसके बाद एसडीएम ने किसी भी अप्रिय घटना की आशंका के चलते सुरक्षा देने की बात कही थी। इससे पहले 2 जून को सर्व समाज के पदाधिकारियों ने गांव का दौरा किया था।
ग्रामीणों के साथ बैठक कर शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की प्रशासन की पहल रंग लाई थी। ग्रामीणों ने सहर्ष दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठने के दौरान किसी अप्रिय घटना नहीं होने देने का वादा भी किया था, लेकिन प्रशासन मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। दूल्हा अनिल रैगर पाथरेड़ी गांव निवासी है। दुल्हन मनीषा पाथरेड़ी से 8 किलोमीटर दूर गांव जाहिदपुरा की है।
इसलिए है तनाव की आशंका
गत दिनों जयपुर के हसनपुरा गांव में दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने के मामले को बवाल हो गया था। एक पक्ष ने दलित दूल्हे की बरात निकलने के समय पथराव कर दिया था। इसके बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अंबेडकर विचार मंच समिति के पदाधिकारियों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर कई दिनों तक धरना दिया था।

बेटा नहीं हुआ तो दूध की बोतल में एसिड भरकर बेटियों को पिलाया, मां ने भी दी जान

घटनास्‍थल से बरामद दूध और एसिड की बोतल
घटनास्‍थल से बरामद दूध और एसिड की बोतल
राजकोट (गुजरात)। लगातार बेटी होने से परेशान एक मां ने अपनी दो बेटियों को एसिड पिला कर मार डाला और खुद भी जान दे दी। उसकी दो और बेटियां हैं। वे दोनों घर पर नहीं थी, इसलिए उनकी जान बच गई।
अमरेली जिले के छतरिया गांव में यह घटना हुई। पुलिस पूछताछ में महिला के पति ने बताया कि उनकी शादी को 9 साल हो गए थे। दो बेटियों के बाद लाभूबेन (पत्‍नी) बेटा चाहती थी, लेकिन तीसरी बार भी बेटी हुई। इसके बाद से वह और अधिक डिप्रेशन में रहने लगी थी। तीन महीने पहले चौथी बेटी का जन्म होने के बाद से वह मानसिक रूप से कमजोर हो गई थी।
दूध की बॉटल में एसिड भरकर पिला दिया:
घटनास्थल से दूध की बॉटल मिली है, जिसमें एसिड भरा था। लाभूबेन ने दूध की बोतल में एसिड भरकर पहले दोनों बेटियों को पिलाया और इसके बाद खुद भी एसिड पी लिया। दोनों बेटियों की तुरंत मौत हो गई, जबकि महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान महिला ने भी दम तोड़ दिया।
वह बुधवार सुबह ही तीन महीने मायके में रहकर लौटी थी। शाम को जब उसने सात साल और तीन माह की बेटियों को एसिड पिलाया तब उसका पति काम पर गया था। अन्य दो बेटियां दादा के साथ होने के चलते बच गईं।
बेटों की चाहत में हर दिन मारी जा रही हैं 2000 बेटियां
देशभर में बेटों की चाहत में हर दिन 2000 बेटियां मारी जा रही हैं। या तो उन्हें गर्भ में ही मार दिया जाता है या फिर जन्म लेने के कुछ महीनों के अंदर। इन अंाकड़ों का खुलासा खुद महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अप्रैल में किया था।
सेक्स रेशो में देश के औसत से पीछे है गुजरात
गुजरात में सेक्स रेशो
देश में सेक्स रेशो
ओवरऑल
1000 लड़कों पर 919 लड़कियां
1000 लड़कों पर 943 लड़कियां
6 साल तक के बच्चे
1000 : 886
1000 : 914
अमरेली में 20 साल में घट रहा है सेक्स रेशो
1991
2001
2011
1000 लड़कों पर 924 लड़कियां
1000 : 894
1000 : 879
गुजरात की तर्ज पर ही मोदी ने शुरू की थी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने 2005 में बेटी बचाओ योजना को लागू किया था। इसी योजना की तर्ज पर मोदी ने इसी साल जनवरी में पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की थी।

लड़कियों ने ट्रेन के आगे कूद कर दी जान, दोनों के हाथ पर लिखा है- जीना सिर्फ मेरे लिए कृष्ण मुरारी पांडे Jun 04, 2015, 18:00 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 0 1 of 3 Next फोटो: आत्महत्या करने वाली युवती के हाथ पर मेहंदी से लिखा है 'जीना सिर्फ मेरे लिए'। फोटो: आत्महत्या करने वाली युवती के हाथ पर मेहंदी से लिखा है 'जीना सिर्फ मेरे लिए'। पटना (बिहार). बिहार के सीवान जिले के मैरवा गांव में गुरुवार को दो लड़कियों ने ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली। दोनों लड़कियों के हाथों पर मेंहदी से ‘जीना सिर्फ मेरे लिए’ लिखा हुआ है। लड़कियों की पहचान यूपी के देवरिया की शिमला और निपू के तौर पर हुई है। शिमला की शादी 1 जून को हुई थी। गुरुवार को उसकी विदाई होने वाली थी। घटना गुरुवार सुबह की है जब मैरवा गांव के पास दोनों लड़कियां ट्रेन के सामने कूद गईं। एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी को अस्पताल में इलाज के बाद भी नहीं बचाया जा सका।

लड़कियों ने ट्रेन के आगे कूद कर दी जान, दोनों के हाथ पर लिखा है- जीना सिर्फ मेरे लिए

फोटो:  आत्महत्या करने वाली युवती के हाथ पर मेहंदी से लिखा है 'जीना सिर्फ मेरे लिए'।
फोटो: आत्महत्या करने वाली युवती के हाथ पर मेहंदी से लिखा है 'जीना सिर्फ मेरे लिए'।
पटना (बिहार). बिहार के सीवान जिले के मैरवा गांव में गुरुवार को दो लड़कियों ने ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली। दोनों लड़कियों के हाथों पर मेंहदी से ‘जीना सिर्फ मेरे लिए’ लिखा हुआ है। लड़कियों की पहचान यूपी के देवरिया की शिमला और निपू के तौर पर हुई है। शिमला की शादी 1 जून को हुई थी। गुरुवार को उसकी विदाई होने वाली थी।
घटना गुरुवार सुबह की है जब मैरवा गांव के पास दोनों लड़कियां ट्रेन के सामने कूद गईं। एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी को अस्पताल में इलाज के बाद भी नहीं बचाया जा सका।

मणिपुर में 20 सैनिक शहीद: सरकार ने एनआईए को सौंपा जांच का जिम्मा

फाइल फोटो।
फाइल फोटो।
इम्फाल: मणिपुर के चंदेल जिले में गुरुवार को उग्रवादियों के हमले में सेना के 20 जवानों के शहीद होने की खबर है। 12 जवान घायल हुए हैं। इनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। दो उग्रवादी संगठनों-उल्फा (आई) और एनएससीएन (के) ने इस हमले की साझा जिम्मेदारी ली है। हमला असम राइफल्स की टुकड़ी द्वारा कथित तौर पर एक महिला की हत्या के विरोध में बुधवार को चंदेल में बुलाए गए बंद के एक दिन बाद हुआ है। केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में ट्वीट किया, 'मणिपुर में आज हुआ हमला बहुत दुखद है। देश के लिए अपना जीवन न्योछावर करने वाले हर एक सैनिक के आगे मैं सिर झुकाता हूं।'
दिल्‍ली में बैठक
हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्‍ली में बैठक की। इस मीटिंग में राजनाथ के अलावा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग शामिल हुए।
कौन हैं हमले की जिम्मेदारी लेने वाले दोनों संगठन?

1. नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (खपलांग) : यह संगठन पूर्वोत्तर के बाकी उग्रवादी गुटों के साथ मिलकर पहले भी हिंसा कर चुका है। यह नगा समुदाय की ज्यादा आबादी वाले पूर्वोत्तरी राज्यों को मिलाकर ग्रेटर नगालैंड बनाना चाहता है। इस संगठन के साथ करीब 2000 उग्रवादी जुड़े हैं। मणिपुर के चंदेल सहित पहाड़ी इलाकों में भी इस संगठन की पैठ है। इसकी केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता विफल हो चुकी है। अप्रैल में ही इस संगठन ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष विराम खत्म करने का फैसला किया था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को ही इस बारे में कहा कि संघर्ष विराम अचानक खत्म करने के इस संगठन के फैसले से हमें अाश्चर्य हुआ। संगठन की गतिविधियां चिंताजनक है क्योंकि यह फिर हिंसक गतिविधियों और अवैध वसूली में लिप्त हो रहा है।

2. उल्फा (आई) : यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम का यह धड़ा सरकार से बातचीत करने का विरोधी है। इसके म्यामांर, गारो हिल्स ऑफ मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में कैम्प बताए जाते हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी इस संगठन की मदद करती है। उल्फा के बातचीत समर्थक धड़े की सरकार के साथ वार्ता हाल ही में अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी। इसके बाद से विरोधी धड़ा और सक्रिय हो गया।
कैसे हुआ हमला?
उग्रवादियों ने सुबह साढ़े आठ बजे के करीब IGAR दक्षिण इम्फाल के 26वें सेक्टर की 6 डोगरा रेजिमेंट के जवानों पर घात लगाकर हमला किया। सेना के प्रवक्‍ता कर्नल रोहन आनंद ने दिल्‍ली में बताया कि 6 डोगरा रेजिमेंट की टीम चार वाहनों में सवार होकर इंफाल से 80 किमी दूर तेंगनोपाल-न्‍यू समतल रोड पर गश्‍त के लिए निकली थी। इसी दौरान पहले आईईडी से हमला किया गया। इसके बाद सैनिकों के काफिले पर जबरदस्‍त फायरिंग की गई और रॉकेट प्रॉपेल्‍ड ग्रेनेड (आरपीजी) यानी रॉकेट के जरिए हथगोले भी फेंके गए। पुलिस का कहना है कि हमले में एक उग्रवादी भी मारा गया।
मारे गए जवानों में एक जेसीओ, सात अदर्स रैंक, एक सिग्नल कॉन्स्टेबल, एक आर्मी सर्विस कोर ड्राइवर शामिल हैं। घायल जवानों को हेलिकॉप्टरों के जरिए नगालैंड पहुंचाया गया। मौके पर अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजा गया।
कैसे बच निकलते हैं उग्रवादी?
मणिपुर के चूड़ाचंद्रपुर, चंदेल और उखरूल जिले से म्यामांर की 398 किलोमीटर लंबी सीमा सटी है। पहाड़ी इलाका होने के कारण कई बार उग्रवादी हमलों को अंजाम देकर सीमा के दूसरी ओर चले जाते हैं। 2014 में म्यामांर में 2000 उग्रवादियों ने शरण ले रखी थी। इन उग्रवादियों को अधिकतर हथियार चीन के अवैध कारोबारियों से मिलते हैं।
मणिपुर के ऑटोनॉमस जिलों में हाल ही में हुए हैं चुनाव, 10 जून को आने हैं नतीजे
मणिपुर के सेनापति, चंदेल, तमेंगलोंग, सरदार हिल्स, चूड़ाचंद्रपुर और उखरूल स्वायत्त जिलों में सोमवार को ही चुनाव हुए थे। ये सारे जिले ऑटोनॉमस श्रेणी में आते हैं। वोटिंग के दौरान गड़बड़ी की भारी शिकायतें राज्य सरकार को मिली थीं। नतीजे 10 जून को आने वाले हैं।

जम्मू: भिंडरावाले का पोस्टर उतारने पर हिंसा, एक की मौत के बाद लगा कर्फ्यू

पुलिस पर पथराव करते प्रदर्शनकारी।
पुलिस पर पथराव करते प्रदर्शनकारी।
जम्मू। जम्मू में जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर उतारे जाने के मामले ने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया। पुलिस और सिख प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर पथराव और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस दौरान पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें एक सिख युवक की मौत हो गई जबकि कई पुलिसवालों समेत एक दर्जन जख्मी हो गए। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। तनाव को देखते हुए दो थाना क्षेत्रों मीरां साहिब और सतवारी इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
कठुआ में नेशनल हाईवे जाम
शाम तक कई और इलाकोें में प्रदर्शन शुरू हो गए। कठुआ में भी प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया, जिससे पंजाब से जाने वाले और वहां से आने वाले कई वाहन फंस गए हैं। इनमें कई वाहन वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे यात्रियों के भी बताए जा रहे हैं। कई इलाकों में सेना, सीआरपीएफ अौर पुलिस के अतिरिक्त जवानों को तैनात कर दिया गया है। वहीं, स्कूल, कॉलेज भी शुक्रवार को बंद रहेंगे।
ऐसे भड़की हिंसा
ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी मनाने के लिए सिख समुदाय के लोगों ने 6 जून को सिंबल कैप में समागम रखा हुआ है। सतवारी के रानीबाग इलाके में कई जगह भिंडरावाले की तस्वीर वाला पोस्टर, बैनर लगाए गए थे, जिसे पुलिस द्वारा बुधवार को उतार दिया गया। इसके खिलाफ रानीबाग इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गए। जब नेशनल हाईवे जाम कर रहे प्रर्शनकारियों को हटाने के लिएल पुलिस पहुंची तो तेजधार हथियार से सब इंस्पेक्टर समेत कई पुलिसवालों पर हमला कर दिया गया।
गुरुवार सुबह फिर पोस्टर लगा दिए गए जिसे पुलिसवाले फिर हटाने लगे। इससे हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। इस दौरान कई बार लाठीचार्ज किया गया, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस दौरान पुलिस ने फायरिंग कर दी। सिर में गोली लगने से जगजीत सिंह निवासी आरएसपुरा की मौत हो गई। पुलिस मुलाजिमों समेत एक दर्जन लोग जख्मी हो गए हैं।

मेरा हाल

मेरा हाल देखकर
मोहब्बत भी
शर्मिंदा है
कि ये शख्स
सब कुछ हार गया,
फिर भी ज़िंदा है

अशोक गेहलोत ने जयपुर में मेट्रो ट्रेन चलने की इच्छा जताई एक ख़्वाब देखा उसे साकार किया पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के जज़्बे और हौसले ने

राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने जयपुर में मेट्रो ट्रेन चलने की इच्छा जताई एक ख़्वाब देखा उसे साकार किया पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के जज़्बे और हौसले ने ,,,मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने पहले इस मेट्रो का विरोध किया फिर जन भावना के आगे घुटने टेके और अब पकी पकाई स्वादिष्ट खीर के खुद भी मज़े ले रही है और जयपुर वासियों को भी इसके मज़े देने के लिए कल इसका उद्घाटन कर दिया गया ,,,दोस्तों सपना देखना एक अलग बात है ,,इच्छा जताना भी अलग बात है लेकिन एक असम्भव सपने को सम्भव बना कर अगर साकार किया जा सकता था तो वोह होसला सिर्फ और सिर्फ शान्ति कुमार धारीवाल का था ,,,जी हाँ दोस्तों मेट्रो ट्रेन जयपुर में चलेगी पूर्व मुख्यमंत्री ने घोषणा की ,,शांतिधारीवाल कोटा ट्रेफिक कंट्रोल को देखते हुए कोटा में भी एक ट्रेन स्टेशन से अनंतपुर तक चलाना चाहते थे सर्वे हुआ ,,घोषणा हुई ,,लेकिन शांतिधारीवाल के सामने जयपुर मेट्रो ट्रेन और राजस्थान के दूसरे विकास कार्य बढ़ी चुनौती थी इसलिए उन्होंने कोटा ट्रेन को दूसरी प्राथमिकता पर रख कर जयपुर मेट्रो को पहली प्रार्थमिकता पर रखा ,,कई राते शान्ति धारीवाल नहीं सोये ,,कई घंटो मेराथन मीटिंग की और आखिर में यह असम्भव सम्भव हो सका ,, आज जयपुर मेट्रो का उदघाटन चाहे वसुंधरा ने किया हो ,,इसका सपना चाहे अशोक गेहलोत ने देखा हो लेकिन इस मेट्रो ट्रेन संचालन में कोई नीव की ईंट बना जिसने अपना पसीना बहाया ,,अपने दूसरे उपलब्धि भरे कामो को त्यागा , वोह शान्तीधारीवाल है ऐसे में अगर मेट्रो के प्रणेता ,,मेट्रो के रचियता ,,मेट्रो के संचालक के रूप में शान्तीधारीवाल का नाम स्थापित न हो तो यह अहसान फ़रामोशी होगी ,,शांतिधारीवाल से किसी की निजी रंजिश ,निजी नाराज़गी हो सकती है लेकिन ज़रा दिल पर हाथ रख कर अपने इस धड़कते दिल से पूँछिये क्या यह सच नहीं है ,,अगर सच है तो दोस्तों शान्तीधारीवाल के इस ऐतिहासिक असम्भव को सम्भव करने के मेट्रो संचालन कारनामो को सलाम करते हुए उनके हौसले और जज़्बे को मुबारकबाद देने के लिए उनकी पीठ थपथपाना तो बनता है ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चम्बल नदी शुद्धिकरण

दोस्तों नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही गंगा शुद्धिकरण योजना का बीड़ा उठाया फिर सुप्रीमकोर्ट ने इनकी कार्ययोजना की खिल्ली उड़ाई ,,अब राजस्थान खासकर कोटा में चम्बल नदी शुद्धिकरण के लिए चर्मण्यवती प्रकोष्ठ के गठन की घोषणा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सांवर मल जाट ने कर दी है ,,ख़ुशी की बात है एक प्रकोष्ठ बनेगा एक कार्यकर्ता चेयरमेन बनेगा बनेगा ,,खर्च बढ़ेंगे ,,लेकिन काम नहीं होगा ,,कोटा में चम्बल शुद्धिकरण के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री भुवनेश चतुर्वेदी ने भी चम्बल विकास प्राधिकरण के गठन का प्रारूप तैयार किया था ,,,खुदा करे केंद्रीय मंत्री सांवर मल जाट का चम्बल शुद्धिकरण के लिए चर्मण्यवती प्रकोष्ठ के गठन की जो घोषणा है वोह शगूफा नहीं होकर सही घोषणा हो तो चम्बल के भाग खुल जाएंगे ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मैगी विवाद: अब देश में नहीं मिलेगी मैगी, नेस्ले इंडिया बाजार से वापस लेगा स्टॉक


मैगी विवाद: अब देश में नहीं मिलेगी मैगी, नेस्ले इंडिया बाजार से वापस लेगा स्टॉक
 
नई दिल्ली.  बढ़ते दबाव के बीच नेस्ले इंडिया ने मैगी को बाजार से वापस लेने का फैसला किया है। मैगी के लगातार फेल होते नमूनों और विभिन्न राज्यों में लगाए जा रहे बैन के कारण उसे ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ा। मैगी विवाद को लेकर अब तक ये एक्शन लिए जा चुके हैं-
 
1. नेस्ले इंडिया ने बाजार से मैगी वापस लेने का फैसला किया।  
2. असम सरकार ने मैगी के चिकन फ्लेवर को 30 दिन के लिए बैन किया।  
 
3.  तमिलनाडु राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग (TSCDRC) ने अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रिटी जिंटा को नोटिस भेजा। राज्य में मैगी को 3 महीने के लिए बैन कर दिया गया है।
 
4.  जम्मू-कश्मीर में मैगी और नेस्ले कंपनी के बाकी प्रोडक्ट्स पर एक महीने का बैन।
 
5.  गुजरात में मैगी और सनफीस्ट के नूडल्स की बिक्री पर एक महीने की रोक लगी।
 
6.  मुंबई के रिटेलर संगठन फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने 25 हजार प्रोविजनल स्टोरों पर मैगी बैन कर दी।
 
7.  उत्तराखंड और केरल में भी मैगी बैन।
 
8.  बुधवार को दिल्ली में मैगी की सेल पर 15 दिन के लिए रोक लगाई गई।
 
9.  राजस्थान के अजमेर में 2250 किलो मैगी जब्त कर पूरे जिले में इसकी बिक्री रोक दी गई है।
 
10.  भारतीय सेना ने देश भर में फैली आर्मी कैंटीन में मैगी की बिक्री पर बुधवार को रोक लगा दी। आर्मी ने अपने जवानो को भी इसे ना खाने की भी सलाह दी है।
 
11.  बिग बाजार नाम से रीटेल चेन चलाने वाले फ्यूचर ग्रुप ने भी फैसला किया है कि जब तक मैगी की गुणवत्‍ता को लेकर चल रही जांच के अंतिम नतीजे नहीं आते तब तक वह अपने किसी आउटलेट पर मैगी नहीं बेचेगा। 
 
12.  केंद्र सरकार की ओर से संचालित केंद्रीय भंडारों में भी मैगी नहीं बेचने का फैसला लिया गया है।
 
मैगी विवाद पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मांगी रिपोर्ट
इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मैगी विवाद में अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में अलग-अलग राज्यों से मैगी पर आई रिपोर्ट पर चर्चा होगी। वहीं, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से मैगी विवाद पर PMO को रिपोर्ट भी सौंपी जानी है। इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने जानकारी दी है कि नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमिशन को मैगी से जुड़े मामले में उचित कार्रवाई करने को कहा गया है।
 
भास्कर के 1 लाख से ज्यादा रीडर्स ने की थी मैगी को बैन करने की मांग
dainikbhaskar.com के 1 लाख से ज्यादा रीडर्स ने भास्कर के फेसबुक पेज पर कमेंट और रिप्लाई कर कहा था कि  'मैगी में है मांस और लेड तो बैन करने में देरी क्यों'। लोगों की हेल्थ से जुड़े इस मुद्दे पर भास्कर पहले दिन से ही कैम्पेन चला रहा है। इसके तहत आए अब तक के कमेंट और रिप्लाई को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें...

कई राज्यों में चल रही है मैगी की जांच
बता दें कि देश के कई  राज्यों में मैगी की जांच चल रही है। केरल में सरकारी दुकानों से मैगी हटाने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। हरियाणा, गुजरात, और पश्चिम बंगाल में भी मैगी के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। हालांकि, नेस्ले इंडिया ने दावा किया है कि बाहरी प्रयोगशाला तथा उसकी खुद की जांच में इन उत्पादों को 'खाने के लिए सुरक्षित’ पाया गया है। 
 
मुंबई में मैगी के दो सैंपल जांचे गए, हालांकि इसमें कोई भी हानिकारक तत्व नहीं मिला। लेकिन गोरखपुर और कोलकाता में जांच के दौरान मैगी के नमूने खतरनाक पाए गए। मैगी का विज्ञापन कई बड़े बॉलीवुड स्टार्स कर चुके हैं। 
 
हरियाणा-चंडीगढ़ में हुए टेस्ट में कुछ भी हानिकारक नहीं
 
मैगी नूडल्स के नमूने को हरियाणा सरकार ने क्लीन चिट दे दी है। हरियाणा की सरकारी लैबोरेटरी द्वारा जारी एक रिपोर्ट में मैगी के नमूने को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मानकों के अनुरुप पाया गया है।

वहीं, चंडीगढ़ में मैगी के नमूने जांच में बिल्कुल सही पाए गए हैं। इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-1 और पेज -2 व सेक्टर-35 से मैगी के सैंपल सेक्टर-11 स्थित लैबोरेटरी में भेजे थे, जहां से रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासन को सौंप दी गई है। जिसमें तीनों सैंपल मानकों पर खरै उतरे हैं।
 
मैगी में लेड : अब तक क्या निकले निष्कर्ष?
उत्तर प्रदेश फरवरी 2014 में बने मैगी के पैकेट्स में स्वाद बढ़ाने वाले केमिकल एमएसजी और सीसे की मात्रा ज्यादा पाई गई। 2.25 पार्ट्स पर मिलियन की तय सीमा के बजाय 17.2 पीपीएम सीसा पाया गया।
दिल्ली मैगी मसाला के 13 में से 10 नमूनों में सीसा तय सीमा से ज्यादा था। 5 नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट मिला। जबकि पैकेट पर इसकी जानकारी नहीं लिखी गई थी। सरकार ने केंद्रीय भंडारों में मैगी की बिक्री पर रोक लगाई।
केरल दिल्ली सरकार के टेस्ट में मैगी के फेल हो जाने के बाद केरल ने अपने 1300 सरकारी केंद्रों पर मैगी प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि, बुधवार को एर्नाकुलम में हुई जांच में सीसा तय सीमा में पाया गया।
महाराष्ट्र सोमवार को शुरुआती जांच में मैगी में सीसा तय सीमा से ज्यादा नहीं मिला। लेकिन अब अलग-अलग बैच के पैकेट की जांच की जा रही है।
कर्नाटक यहां भी एफडीए की शुरुआती जांच में मैगी सही पाई गई लेकिन नमूनों को बेंगलुरू की लैब में दोबारा भेजा गया है।
गोवा एफडीए ने यहां मैगी को क्लीन चिट दे दी। रैंडम सैम्पल की जांच के बाद कहा है कि राज्य में जो पैकेट बिक रहे हैं, उनमें सीसे की ज्यादा मात्रा नहीं है।
असम असम सरकार ने मैगी के चिकन फ्लेवर को 30 दिन के लिए बैन किया।  
यहां जांच जारी पश्चिम बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मैगी के नमूनों की जांच जारी है।
 
130 देशों में बिकता है मैगी, मार्केट कैप 10,000 करोड़ रुपए घटा
स्विट्जरलैंड की बहुराष्ट्रीय कंपनी नेस्ले दुनियाभर के 130 देशों में हर साल 5.2 अरब मैगी पैकेट बेचती है। भारत में नेस्ले के रेवन्यू में मैगी की हिस्सेदारी 20% है। मैगी की बिक्री घटने के बाद नेस्ले इंडिया के शेयर्स में 11.5% की गिरावट आ चुकी है। ताजा विवाद के बाद अब तक नेस्ले इंडिया के मार्केट कैप में 10,000 करोड़ रुपए की कमी आने का अनुमान है। इसमें 6600 करोड़ रुपए की कमी तो सिर्फ एक दिन में आ गई।
 
अकेले MSG ही नहीं कुछ और तत्व भी हैं हानिकारक

मैगी में पाए गए मोनोसोडियम ग्लूटोमेट और लेड तो सेहत के लिए हानिकारक हैं ही इसके अलावा कुछ और तत्व ऐसे हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। ये फूड प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं।
 
कृत्रिम मिठास: आर्गनिक हनी, ब्राउन राइस और मेपल सीरप में पाया जाता है। अस्पार्टेम, सेक्रीन, सुक्रालोस, एकसुलफेम और नियोटेम। इन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से सिर और सीने में दर्द, नजर  कमजोर होना, हियरिंग लॉस और जुकाम हो सकता है। 
 
सिंथेटिक फूड कलर्स: जूस और कन्फेशनरी आइटम्स बनाने में इनका इस्तेमाल किया जाता है। इन कलर्स में एक हिस्सा लेड और आर्सनिक का होता है। इससे बच्चों को एलर्जिक रिएक्शन्स हो सकते हैं। 
 
बीएचए और बीएचटी: ये दो केमिकल्स आमतौर पर तेलों में पाए जाते हैं। इनसे शरीर में कैंसर फैलाने वाले तत्वों को बढ़ावा मिलता है। 

एमएसजी: यह दो तरह का होता है। प्राकृतिक तौर पर यह टमाटर और मशरूम में पाया जाता है। कई बार इसका प्रयोग फूट मटेरियल का टेस्ट बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे एसिडिटी, अपच, सांस लेने में दिक्कत और ज्यादा पसीना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। लंबे समय तक इसके सेवन से किडनी और ब्रेन को नुकसान हो सकता है।  

मैगी के दावे और एफडीए का जवाब
 
दावा: मैगी में लेड नहीं है
एफडीए: कोई भी फूड प्रोडक्ट जो अनाज से बनाया जाता जैसे गेहूं तो उसमें कुछ हानिकारक मेटल जैसे लेड हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि ये फसलें जमीन से पोषण लेती हैं और जमीन में लेड की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। अब लैब में इस बात की जांच की जा रही है कि कितना प्रतिशत लेड का मैगी सहित अन्य फूड आइटम्स में है। 
 
दावा: मैगी में अलग से एमएसजी नहीं मिलाया जाता
एफडीए: एमएसजी दो तरह से मिलता है। टमाटर और मशरूम में यह प्राकृतिक तौर पर पाया जाता है। कुछ ब्रांड में इसे प्रोसेस के जरिए एमएसजी मुक्त किया जाता है। हालांकि यह भी सही है कि कुछ फूड आइटम्स में टेस्ट बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इसकी ज्यादा मात्रा कई मायनों में उपभोक्ता के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।  
 
दावा: एमएसजी से प्रोटीन और केल्सियम मिलता है।
एफडीए: इन दावों को लैब में परखा जा रहा है। प्रोटीन और कैल्सियम की मात्रा को वेरीफाइ किया जा रहा है। 
 
दावा: मैगी हल्का भोजन है जो फल और दूध के साथ लिया जाता है।
एफडीए: आमतौर पर बच्चे ढेर सारी मैगी खाते हैं। भरपेट मैगी खाना या रोज इसे खाना बेहद हानिकारक है।

वकीलों के मान सम्मान को अपमानित कर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

वकीलों के मान सम्मान को अपमानित कर उनसे अपने साथियों के निधन पर शोक सभा मनाने का हक़ छीनने की कोशिश करने वाले हाईकोर्ट परिपत्र के खिलाफ कोटा के वकीलों के आक्रोश और कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघुगोतम की दहाड़ ,,महासचिव संजीव विजय के विरोध नेतृत्व के बाद पुरे राजस्थान में इसका विरोध शुरू हो गया है ,,कोटा अभिभाषक परिषद के हौसले को सलाम करते हुए ,ख्वाजा और ब्रहम्मा मंदिर की नगरी अजमेर के वकीलों ने अंगड़ाई ली है और इस आंदोलन को पुरे राजस्थान में फैलाने के उद्देश्य से आगामी बाराह जून को सारे राजस्थान के अभिभाषक परिषद अध्यक्षों को विचार विमर्श के लिए बुलाया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,पिछले दिनों बारकोंसिल सदस्यों की लापरवाही और निष्क्रियता की वजह से बारकोंसिल में रहकर जज बनने वाले हाईकोर्ट जजो के रहते हुए हाईकोर्ट ने वकीलों के मान सम्मान प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने वाले परिपत्र जारी किये है जिसमे वकीलों को अपने साथी की मोत पर आंसू बहाने का टाइम मुक़र्रर कर देने वाले परिरपत्र ने तो पराकाष्ठा कर दी ,,कोटा के वकीलों ने इस मामले में रघुनन्दन गौतम अध्यक्ष की अध्यक्षता में कोटा संभाग के वकीलों की एक बैठक आयोजित कर इस मामले में रोष जताते हुए कहा था के वकीलों के मान सम्मान के मामले में वकीलों की सर्वोच्च संरक्षण संस्था बार कोंसिल राजस्थान इस मामले में निष्क्रिय संस्था और डरी सहमी रही ,,वकीलों के मान सम्मान मामले में एक भी बार कोंसिल सदस्य ने आवाज़ नहीं उठाई नतीजन पुरे राजस्थान में इस संस्था के खिलाफ बगावत की आवाज़ है ,,अजमेर में आगामी बाराह जून को होने वाली इस बैठक में कोटा से रघु गौतम और संजीव विजय भी अपना पक्ष रखेंगे ,,,,इस बैठक में एक रूपये टिकिटों और स्टाम्प की कमी की किल्लत दूर करने ,,हाईकोर्ट के तुगलकी परिपत्रों के खिलाफ रणनीति बनाने ,,वकीलों को आर जे एस और ऐ डी जे नियुक्ति मामले में पारदर्शिता की योजना बनाने ,,,वकीलों के हक़ के लिए संघर्ष की नीति बनाने और बार कोंसिल के नाकारा लोगों से कैसे निपटा जाए नयी मज़बूत संस्था कैसे बने जैसे विषयों पर चर्चा होगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश भर में इन दिनों योजनाबद्ध तरीके से मेगी के खिलाफ बगावत है

देश भर में इन दिनों योजनाबद्ध तरीके से मेगी के खिलाफ बगावत है ,,फिर भी मेगी इतनी मज़बूत है के दुकानो पर सजी है और बिक्री ज़ोरो पर है ,,घरो में रोज़ बच्चे इसे खा रहे है ,,यह तो मेगी की हिम्मत है के वोह ना तो डरी न हारी है बस सरकार की हर चाल पर भारी है ,,,खेर मेगी के खिलाफ बगावत ने दोषपूर्ण ,,भ्रामक ,,लोगों को बहकाने वाले विज्ञापनों के बारे में सेलेब्रिटीज़ द्वारा किसी भी नाकारा और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक उत्पाद का विज्ञापन कर जनता को तो गुमराह किया जाता है ,,बिक्री बढ़ाई जाती है ,,और सेलेब्रेटरी द्वारा जनता को इस गुमराह व्यापार के बदले करोडो रूपये कमाते है ,,,दोस्तों देश में लोगों के स्वास्थ्य ,,लोगों को शुद्ध और सेहत के लिए फायदेमंद उत्पाद मिले इसकी सीधी ज़िम्मेदारी सरकार की है ,,सरकार की ज़िम्मेदारी है के कोई भी ऐसी चीज़ जो मिलावट वाली ,,स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है ,,ऐसे विज्ञापन जो जनता को गुमराह करने वाले है उन्हें रोके और ऐसे लोगो को सज़ा भी दिलवाए ,,लेकिन प्रिवेंशन और फ़ूड अडल्ट्रेशन एक्ट का सत्यानास कर दिया ,,दूध दही घी मक्खन या फिर कोई भी खाद्य पदार्थ हो उसकी तो जांच होना ही बंद हो गयी जबकि इस जांच करने वाले महकमे पर सरकार हर माह अरबो रूपये जनता के खून पसीने की कमाई से टैक्स वसूल कर करती है ज्सिमे जनता के स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी निभाने का टैक्स भी शामिल होता है ,,,सभी जानते है के डिब्बा बंद प्रोडक्ट ,,थेली में पेकिंग के खाद्य पदार्थ की किसी भी सरकारी विभाग के अधिकारी ने आज तक जांच नहीं की ,,,फ़ूड सेफ्टी एक्ट के नए प्रावधान के तहत भी पेकिंग वाले खाद्य पदार्थ में संबंधित खाद्य पदार्थ का पूरा फार्मूला लिखा होगा उत्पादन की तिथि पेकिंग पर लिखी होगी और इसकी मृत्यु दिनाक तीन माह होगी ,,सच यह है के तीन माह तो पेकिंग को बाज़ार में पहुंचने में लग जाते है इसलिए यह एक माह आगे की तारीख़ डालते है जिसे देखने वाला कोई नहीं होता पेकिंग में क्या फार्मूला है ,,,जो लिखा है वोह सामग्री है या नहीं ,,जनता के लिए नुकसानदायक सामग्री है या फिर जानलेवा ज़हर सरकार को कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता ,,,,,,पे पदार्थ ,,शरबत ,,,कोल्ड ड्रिंक पर भी पेकिंग तारीख अंकित होती है लेकिन बाज़ारों में जागरूकता के आभाव और सरकार की निगरानी के आभाव सहित अधिकारीयों की साठगांठ की वजह से ज़हर बेचा जा रहा है ,,,,,राजस्थान में तो उपभोक्ता क़ानून के तहत हर ज़िले में प्रवर्तन अधिकारी रसद विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो इस तरह के पदार्थो की अवैध बिक्री और भ्रामक विज्ञापन देकर लोहे को सोना बताकर बेचने वालों के खिलाफ मुक़दमा और उपभोक्ता में परिवाद पेश करने के अधिकार दिए गए है ,,देश में किसी भी विज्ञापन के मामले में जो दिखाया जाता है उस उत्पाद का रॅंडम चेकिंग करवाकर उसकी शुद्धता ,,गुणवत्ता ,,जैसा विज्ञापन में दावा किया गया है वैसा है या नहीं जांच होना चाहिए और विज्ञापन करने वाली सेलेब्रेटरी ,,प्रसारण करने वाले एजेंसी ,,टीवी चैनल ,,प्रकाशित करने वाले अख़बार मेगज़ीन ,,उत्पादक और विक्रेता के खिलाफ बेईंमानी पूर्वक कृत्य कर धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज करवाकर ऐसे लोगों को जेल भिजवाना चाहिए ,,,,हर पदार्थ की बिक्री के वक़्त उत्पाद पेकिंग तिथी की जाँच होना चाहिए जतना को जागरूक किया जाना चाहिए पेक खाद्य पदार्थ और खुले खाध पदार्थो की नमूने लेकर जांच होना चाहिए नहीं तो जनता गंभीर बिमारियों से ग्रसित होकर लाइलाज बिमारियों से वक़्त के पहले ही मरने लगेगी और देश मिलावट के सामान ,,,निर्धारित समयावधि के बाद निम्न स्तरीय खाद्य पदार्थ खाने से कुपोषण का शिकार हो जाएगा ,,क्या नरेंद्र मोदी की सरकार जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर इस तर्ज़ पर जनता के हित में अधिकारीयों को कार्य करने के निर्देश देकर ऐसे निठल्ले अधिकारियो के खिलाफ जनता को निगराकार बनाएगी ताकि देश और देश की जनता स्वस्थ रह सके बीमारू देश बीमारू जनता से हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

काश

काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती
पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती ,
हम पूछते की कौन हो तुम …??
और वो है कर खुदको हमारी जान बताती

क़ुरआन का सन्देश

 
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...