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09 जून 2015

अश्लील विडियो वायरस से होशियार

आज कल फेसबुक इस्तेमाल करने वालो के लिये उनकी टाईमलाईन पे अचानक दिखने वाले अश्लील वीडियो का आना एक चिंता का विषय बना हुआ है और बहुत बार उन्हे शर्मिन्दगी का सामना भी करना पडता है जब उनके मित्र अश्लील वीडियो उनकी टाईमलाईन पे देख सवाल करते है कि भाई यह क्या डाल रहे हो |
ऐसे हालात से अगर आप नहीं गुजरे है आप अभी तक तो आप खुश क़िस्मत है लेकिन सावधान रहे इस ही खतरनाक वायरस के शिकार आप भी हो सकते है | इस से बचने के लिये चलिये जानते है यह अश्लील विडियो क्या है और कैसे फैलते है |

आपके फेसबुक चैट के इन बॉक्स पर आपके किसी मित्र द्वारा भेजे विडियो लिंक को तुरंत क्लिक नही करे और पहले उस से पुछ ले कि इसमे क्या है क्यू कि यह लिंक एक खतरनाक वायरस भी हो सकता है। अगर यह वायरस है तो मित्र से पूछने पे कोई जवाब नही आयगा क्यू कि भेजने वाला कोई मित्र सामने मौजूद नही है |
होता यह है कि आप जब विडियो लिंक पर क्लिक करते है तो ये विडियो आपके फ्रैंड्स को टैग हो जाती हैं या चैट के इन बॉक्स से भेजे विडियो लिंक पे क्लिक करने से यह आपके टाईमलाईन पे दिखने लगती है और जब उसपे क्लिक करते है तो एक नया वेब पेज खुलता है। इस पेज पर कुछ देर तो विडियो चलता है इसके बाद आपकी स्क्रीन पर एक फ्लैश अपडेट डाउनलोड करने के लिए मैसेज दिखाई देता है | उस डाउनलोड लिंक पर क्लिक करते ही आपके कम्प्यूटर पर ट्रोजन नाम का वायरस आ जाता है|

इस समस्या का आसान सा समाधान ये है कि लिंक द्वारा भेजे गये किसी भी विडियो पे क्लिक मत करे और अगर कर दिया है तो फ्लैश अपडेट डाउनलोड ऑप्शन आने के पहले वापस आ जाये और उस विडियो से अपने मित्रो को अनटग करके उसे डिलीट कर दे |

अगर आप गलती से विडियो और फ्लैश अपडेट डाउनलोड लिंक पे क्लिक कर गये और ट्रोजन नाम का वायरस आपके कम्प्यूटर पर आ गया है तो YouTube Premium नामक Extensions को अपने ब्रोउझर से निकाल दे |
ध्यान रहे इस अश्लील विडियो वायरस लिंक भेजने मे आपके मित्र की कोई गलती नही बल्कि अनजाने पे विडियो और फ्लैश अपडेट डाउनलोड लिंक पे क्लिक करने से ऐसा हो गया है और आपका फेसबुक हैक भी नही हुआ है|
http://www.hamarajaunpur.com/2015/06/blog-post_9.html

लेखक- एस एम मासूम

गंगा सफाई के बाद अब बढ़े ट्रेन किराये पर भड़के जोशी, सर्विस टैक्स पर भी खफा

कानपुर से जम्मू-तवी की ट्रेन को हरी झंडी दिखाते मुरली मनोहर जोशी।
कानपुर से जम्मू-तवी की ट्रेन को हरी झंडी दिखाते मुरली मनोहर जोशी।
कानपुर. बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी ने ट्रेनों का किराया बढ़ने पर नाराजगी जताई है। जोशी ने कानपुर से जम्मू-तवी के लिए लिए ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के दौरान अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि किराया भी बढ़ा और सर्विस टैक्स भी लगा, ये यात्रियों पर दोहरी मार जैसा है। जोशी ने कहा कि इस मसले पर वह वित्त मंत्री अरुण जेटली से बात करेंगे। इससे पहले वो गंगा सफाई अभियान को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं।
मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि ट्रेनों का किराया बढ़ना गलत नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे बढ़े तो ठीक रहेगा। उन्होंने कहा कि किराया बढ़ा और सर्विस टैक्स भी लगा, इससे लोगों पर दोहरी मार पड़ी है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर वह वित्त मंत्री से उपाय निकालने को कहेंगे, ताकि लोगों को राहत मिल सके। बता दें कि मुरली मनोहर जोशी ने बजट से एक हफ्ते पहले एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाते वक्त कहा था कि अक्सर मांग उठती है कि किराया न बढ़ाया जाए या मुफ्त में ट्रेन सफर हो तो अच्छा, लेकिन ऐसा संभव नहीं है।
पहले भी दी थी नसीहत
आम बजट से ठीक पहले मुरली मनोहर जोशी ने रेल मंत्रालय के साथ केंद्र सरकार को नसीहत भी दी थी कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि पांच साल तक आप चुप रहें और चुनाव खत्म होते ही बेतहाशा किराया बढ़ा दिया जाए।
कर्मचारियों के आचरण पर उठाए सवाल
बीजेपी सांसद ने इस मौके पर रेल कर्मचारियों के आचरण पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि सबकुछ बेहतर होने पर भी यात्रियों को अपनी सीट खोजने में परेशानी होती है। कई बार कर्मचारी, चलती ट्रेन से यात्रियों को धक्का दे देते हैं। इससे विभाग की छवि धूमिल होती है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि 70 साल पहले इतनी भीड़ भी ट्रेनों में नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि ये चमत्कार है कि एक साल में कानपुर से तीन ट्रेनें शुरू हुई हैं। उन्होंने एक ही पटरी पर दौड़ती दर्जनों ट्रेनों की दुर्घटना न होने देने के लिए रेलवे कर्मचारियों की सराहना की।

पत्रकार को जिंदा जलाने के मामले में यूपी के मंत्री समेत 6 पर मर्डर का केस दर्ज dainikbhaskar.com Jun 09, 2015, 20:38 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 2 1 of 4 Next जलने के बाद जगेंद्र सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उनकी मौत हो गई। जलने के बाद जगेंद्र सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उनकी मौत हो गई। शाहजहांपुर/लखनऊ. यूपी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्‍यमंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने वाले वेबपोर्टल के रिपोर्टर जगेंद्र सिंह को जिंदा जलाने के मामले में मंत्री सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ मंगलवार को धारा 302, 506, 504 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया। सोमवार को लखनऊ के एक अस्पताल में पत्रकार की मौत हो गई थी। उनके परिवार वालों का आरोप है कि पोस्ट लिखने के बाद पुलिसवालों ने पत्रकार को जिंदा जला डाला। वहीं, पुलिस का कहना है कि एक केस के सिलसिले में सिंह के घर दबिश के दौरान उन्होंने खुद को आग लगा ली थी। जगेंद्र सिंह की पत्नी के अनुसार, गैंगरेप सहित कई मामलों में आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति के खिलाफ जगेंद्र ने कई खबरें लिखी थीं। उन्हीं के इशारे पर उनके पति के खिलाफ 12 मई को जानलेवा हमला और अपहरण के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पत्नी के मुताबिक, एक जून की दोपहर को कोतवाली इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय फोर्स के साथ उनके घर में घुस गए। पुलिसवालों ने उनके पति पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।

जलने के बाद जगेंद्र सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उनकी मौत हो गई।
जलने के बाद जगेंद्र सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार को उनकी मौत हो गई।
शाहजहांपुर/लखनऊ. यूपी सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्‍यमंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ फेसबुक पोस्ट लिखने वाले वेबपोर्टल के रिपोर्टर जगेंद्र सिंह को जिंदा जलाने के मामले में मंत्री सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ मंगलवार को धारा 302, 506, 504 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया। सोमवार को लखनऊ के एक अस्पताल में पत्रकार की मौत हो गई थी। उनके परिवार वालों का आरोप है कि पोस्ट लिखने के बाद पुलिसवालों ने पत्रकार को जिंदा जला डाला। वहीं, पुलिस का कहना है कि एक केस के सिलसिले में सिंह के घर दबिश के दौरान उन्होंने खुद को आग लगा ली थी।
जगेंद्र सिंह की पत्नी के अनुसार, गैंगरेप सहित कई मामलों में आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति के खिलाफ जगेंद्र ने कई खबरें लिखी थीं। उन्हीं के इशारे पर उनके पति के खिलाफ 12 मई को जानलेवा हमला और अपहरण के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पत्नी के मुताबिक, एक जून की दोपहर को कोतवाली इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय फोर्स के साथ उनके घर में घुस गए। पुलिसवालों ने उनके पति पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।

ऐ मेरे अल्लाह ,,

ऐ मेरे अल्लाह ,,,,तू मुझे ऐसा सब्र ,,ऐसा हुनर ,,ऐसी तौफ़ीक़ दे ,,के जो दोस्त है मेरे ,,,वोह तो मेरे अपने ही रहे ,,,और जो मुझ से बुग़ज़ रखते है,,जो मुझ से दुश्मनी रंजिश रखते है ,,जो मेरी ग़ीबत करते है ,,जो मुझ से खफा,,, मुझ से नाराज़ है ,,जो लोग मेरी इज़्ज़त और जान के की दुश्मन बने है ,,उन लोगों को में अपना दोस्त बना सकु ,,,,,,जो लोग मुझ से मेरी जाति ,,मेरे समाज से नफरत करते है ,,उन सभी को में अपने सब्र और प्यार से मेरा अपना बना सकूँ ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली के कानून मंत्री अरेस्‍ट, दिया इस्तीफा

आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में एग्‍जामिनेशन कंट्रोलर ने तोमर की बी.एस.सी. सेकंड ईयर की मार्कशीट और उनकी डिग्री फर्जी पाए जाने की जानकारी दी थी।
नई दिल्ली. फर्जी डिग्री रखने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार दिल्‍ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। गिरफ्तारी के बाद देर रात उऩ्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने वकील के जरिए मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजा। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि तोमर का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने तोमर को मंगलवार शाम साकेत कोर्ट में पेश करके पांच दिन की रिमांड मांगी थी। दिल्ली पुलिस को शुक्रवार तक गिरफ्तारी के आधार से जुड़े दस्तावेज पेश करने होंगे। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि तोमर को गिरफ्तार करने की ऐसा क्या जल्दी थी, जब उन्हें मंगलवार को ही अरेस्ट नोटिस दिया गया? कोर्ट के मुताबिक, पुलिस द्वारा तोमर को गिरफ्तारी के दिन यह नोटिस देना 'हास्यास्पद कार्रवाई' लगती है।
आप ने केंद्र पर मढ़ा आरोप
उधर, उनकी पार्टी आप का कहना है कि गिरफ्तारी केंद्र के कहने पर हुई है। लेकिन, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उनका मंत्रालय किसी की गिरफ्तारी का आदेश नहीं देता। दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर ने कहा है कि गिरफ्तारी नियमों के तहत ही की गई है। आप ने आरोप लगाया है कि पुलिस तोमर पर सादे कागज पर दस्‍तखत करने के लिए दबाव बना रही थी। आप नेता आशुतोष ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि ऐसा नहीं करने पर तोमर को पुलिस अधिकारियों द्वारा थप्पड़ मारा गया। तोमर की गिरफ्तारी पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं और बदला लेने के लिए यह कार्रवाई हुई है ।
मामले पर ताजा अपडेट ये है-
- उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जितेंद्र तोमर का इस्तीफा मंजूर होने की जानकारी दी।
- तोमर ने अपने वीकल के जरिए सीएम केजरीवाल को इस्तीफा भेजा
- तोमर की ओर से कोर्ट में पेश वकील एचएस फुलका ने कहा कि पुलिस इस मामले में बेहद पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है।
- तोमर को चार दिन की पुलिस कस्टडी में भेजे जाने के बाद आप नेता कुमार विश्वास ने कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन ऊपरी अदालत में जाएंगे।
-​वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने वित्त मंत्रालय पहुंचे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया।
-​दिल्ली यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया। इस्तीफे की मांग की।
- दिल्ली सरकार ने एलजी द्वारा तैनात प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम धर्मपाल का किया तबादला।
-एटीएस ऑफिस के सामने धरने पर बैठे आप नेता संजय सिंह और आशुतोष।
- दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने गिरफ्तारी को ठहराया वाजिब। कहा-दिल्ली के राजनीतिक इतिहास का काला दिन।
-गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मामले पर कहा कि गृह मंत्रालय किसी की गिरफ्तारी के आदेश नहीं देता।
- दिल्ली के वसंत विहार इलाके में जितेंद्र तोमर की गिरफ्तारी को लेकर समर्थकों का प्रदर्शन। आरोप लगाया कि कानून मंत्री को दिल्ली पुलिस ने अगवा किया।
- एम के मीणा को दिल्ली सरकार ने एसीबी चीफ का कार्यभार संभालने से रोका। चिट्ठी लिखकर कहा-आपकी जरूरत नहीं। मीणा को सोमवार को एलजी ने एसीबी प्रमुख बनाया था।
- दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री सौरभ भारद्वाज आप के साथ साजिश रची जा रही है। कानून मंत्री की गिरफ्तारी के वक्त ड्राइवर को धक्का देकर कार से फेंक दिया गया।
-बीजेपी नेता किरण बेदी बोलीं-आप इस मामले में गड़बड़ी की बात कहेगी। लेकिन पुलिस राजनीति में शामिल नहीं है। पुलिस इस मामले में चल रही जांच के लिए कोर्ट के सामने जवाबदेह है।
-आप नेता कुमार विश्वास ने भी कहा कि कानून मंत्री के साथ पुलिसवालों ने हाथापाई की। उन्होंने पूछा कि ऐसे ही मामले केंद्रीय कानून मंत्री रामशंकर कठेरिया और स्मृति ईरानी के खिलाफ भी है, लेकिन मोदी सरकार अपने मंत्रियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं करती?
- आप से निकाले गए योगेंद्र यादव ने किया ट्वीट, ''मैंने और प्रशांत भूषण ने चार महीने पहले यह सवाल उठाया था। अगर डिग्रियां सही हैं तो क्यों नहीं उन्हें सार्वजनिक किया जाता है। गिरफ्तारी बड़ा सवाल नहीं है, सवाल यह है कि आखिर पार्टी कोर्ट की कार्रवाई के पीछे क्यों छिप रही है।''
दिल्ली पुलिस ने कहा, कानून की प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि तोमर की गिरफ्तार कानूनी प्रक्रियाओं के तहत की गई है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया, ''बार काउंसिल से 11 मई को इस बारे में शिकायत मिली थी। 13 को थाने में मामला दर्ज किया गया। शिकायत में बताया गया कि तोमर की ओर से बार काउंसिल में जो कागजात सबमिट किए गए, वे फर्जी हैं। तोमर ने अपने कागजातों में फैजाबाद की यूनिवर्सिटी से बीएससी और भागलपुर की तिलका माझी यूनिवर्सटी से एलएलबी की जो डिग्री दिखाई है, उनके रोल नंबर से कोई एंट्री नहीं थी। तोमर की एलएलबी की डिग्री में जो रोल नंबर दिया गया है उसपर तिलका माझी यूनिवर्सिटी से संजय कुमार चौधरी नाम के व्यक्ति को डिग्री मिली है। दोनों डिग्री की जांच के लिए 2 टीमें बनाई गई थीं और यह कार्रवाई हमने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए की थी।''
ऐसे हुई गिरफ्तारी
दिल्‍ली पुलिस के एक एसीपी मंगलवार सुबह तोमर के दफ्तर कुछ कागजात जांचने के मकसद से गए। लेकिन कुछ देर बाद वह तोमर को लेकर निकले और उन्‍हें पहले हौज खास थाने ले गए और फिर वसंत विहार थाने ले गए। कहा जा रहा है कि फर्जी डिग्री मामले में केस वसंत विहार थाने में दर्ज है जहां थोड़ी देर की पूछताछ के बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बद आप नेता संजय सिंह ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ''अगर मामला डिग्री से संबंधित भी है तो क्या केंद्रीय मंत्री समृति ईरानी और रामशंकर कठेरिया को भी पुलिस बगैर सूचना और नोटिस के थाने लाएगी?''
क्या है मामला?
आरोप
जितेंद्र सिंह तोमर यूपी की डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से साइंस ग्रैजुएट नहीं हैं। उनकी बीएससी की डिग्री फर्जी है। बिहार के मुंगेर स्थित विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी से तोमर की लॉ की डिग्री भी सही नहीं है। यह कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों पर खरा नहीं उतरता।
बिहार की यूनिवर्सिटी
मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी ने हलफनामा दायर किया। कहा- तोमर के प्रोविजनल सर्टिफिकेट हमारे रिकॉर्ड में नहीं हैं। तोमर ने अपना रोल नंबर 3687 बताया था जो किसी संजय कुमार चौधरी का है।
यूपी की यूनिवर्सिटी
फैजाबाद की अवध यूनिवर्सिटी में एक आरटीआई अर्जी दायर हुई। जवाब में यूनिवर्सिटी ने कहा कि तोमर की बीएससी सेकंड ईयर की मार्कशीट फर्जी है और डिग्री अमान्य है।
बार काउंसिल
काउंसिल ने 13 मई को दिल्ली पुलिस के डीसीपी को पत्र लिखकर तोमर पर कार्रवाई करने को कहा। काउंसिल ने कहा- तोमर ने गलत जानकारी दी है। मार्कशीट के साथ जालसाजी की है। उनकी डिग्री फर्जी है। वे फर्जी प्रोविजनल एलएलबी सर्टिफिकेट के आधार पर लॉ ग्रैजुएट होने का दावा करते हैं। तोमर का वकालत करने का लाइसेंस निलंबित किया गया है।
तोमर के वकील
तोमर 1994 से 1998 के बीच एलएलबी के स्टूडेंट थे। मुंगेर के लॉ कॉलेज ने खुद यह बात स्वीकार की है। इसलिए आरोप गलत हैं।
तोमर का बयान
‘मैं बेकसूर हूं। हाईकोर्ट में यह साबित कर दूंगा कि मेरी डिग्रियां फर्जी नहीं हैं। मेरे पास पुख्ता सबूत हैं।’ इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 अगस्त को है।
ये लगी हैं तोमर के खिलाफ लगी धाराएं
धारा
किसलिए
अधिकतम सजा
420
धोखाधड़ी और बेईमानी
7 साल
467
दस्तावेजों में जालसाजी
10 साल
468
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा
7 साल
471
फर्जी दस्तावेज को मूल दस्तावेज बताना
7 साल
120 बी
साजिश रचना
धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में अधिकतम 2 साल।

हिन्दू युवक ने...........

हिन्दू युवक ने खून दिया एक घायल
मुसलमान को,
मुसलमान ने जान पर खेलकर कल
बचाया हिन्दू की जान को,
मैंने भरत को ईद पर देखा है जाकिर
के घर जाते हुए,
अब्दुल को देखा है दीवालीपर लालू के
घर मिठाई लाते हुए,
जरीना की इज्जत की खातिर श्याम ने
जान गंवाई थी,
मीना की शादी में इस्माइल ने भाई बन
रस्म निभाई थी,
दोनों भाईओ का एक दूजे बिन अधूरा
है व्यापार ,
फिर कौन इनमें नफरत फैलाता है बार
-बार,
सुनो भाईओ कभी किसी की बातो में
मत आना,
भाई बन भाई संग तुम भाईचारा सदा
निभाना।

पहली बार भारतीय सेना ने सीमा लांघकर 15 उग्रवादियों को मार गिराया

म्यांमार की सेना के साथ इंडियन आर्मी ने उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई

फाइल फोटो: उग्रवादियों ने डोगरा रेजिमेंट के ट्रकों को रॉकेट लॉन्चर्स से निशाना बनाया था।
फाइल फोटो: उग्रवादियों ने डोगरा रेजिमेंट के ट्रकों को रॉकेट लॉन्चर्स से निशाना बनाया था।
नई दिल्ली. मणिपुर के चंदेल जिले में बीते चार जून को सेना पर हमला करके 18 जवानों की जान लेने वाले उग्रवादियों को मार गिराया गया है। भारतीय सेना ने म्यांमार में जाकर उग्रवादियों के खिलाफ चुनिंदा ठिकानों पर कार्रवाई की है। सेना ने मंगलवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद म्यांमार को साथ लेकर उग्रवादियों के खात्मे का ऑपरेशन चलाया गया और 15 उग्रवादियों को मार गिराया गया। सेना ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बने किसी संगठन से निपटने के लिए हम तैयार हैं।
सीमा पार जाकर उग्रवादियों को ढेर किया
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल रणधीर सिंह ने कहा कि इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के आधार पर उग्रवादी भारत में हमले की बड़ी साजिश रच रहे थे। इंडो-म्यांमार बार्डर पर छिपे उग्रवादियों के खात्मे के लिए हमने म्यांमार सरकार से बात की। इसके बाद सीमा पार जाकर नागालैंड और मणिपुर सीमा पर दो अलग-अलग ठिकानों पर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। हमला करने वाले उग्रवादियों के 2 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश की सेना के साथ हमारे अच्छे संबंध है, भविष्य में भी आतंकवाद से लड़ने के लिए मदद ली जाएगी।
म्यांमार में ही क्यों हुई कार्रवाई?
म्यांमार से सटी भारत की सीमा 1643 किलोमीटर लंबी है। दोनों सीमाओं के बीच आज तक फेंसिंग नहीं हुई। दोनों देशों के सुरक्षा बल अपने इलाकों में 16 किलोमीटर अंदर तक आजादी से आवाजाही करने की इजाजत देते हैं। यही वजह है कि 4 जून को उग्रवादी मणिपुर में हमला करने के बाद म्यांमार की तरफ भाग निकले। पूर्वोत्तरी राज्यों में कम से कम 24 उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं। इनमें से अधिकतर के ट्रेनिंग कैम्प म्यांमार और भूटान में हैं।
अपनी सरहद से बाहर हमारी सेना ने कब चलाए ऑपरेशन?
- 1971 : पाकिस्तान से जंग के दौरान हमारी सेना बांग्लादेश में घुसी और उसे आजाद कराया।
- 1987 : लिट्टे को बेअसर करने के लिए भारत ने अपने शांति रक्षा बलों के 50 हजार जवानों को श्रीलंका के जाफना में उतारा। हमारी सेना के 1200 जवान शहीद हुए। अभियान 1990 तक चला।
- 1988 : तख्तापलट की कोशिशें नाकाम करने के लिए मालदीव ने भारत से मदद मांगी। भारत ने सेना के 1400 कमांडो माले में उतारे। विद्रोहियों का बड़े पैमाने पर सफाया किया।
- 1995 : पूर्वोत्तर के उग्रवादियों के कैम्प नष्ट करने के लिए सेना ने म्यांमार में प्रवेश किया। यह ऑपरेशन गोल्डन बर्ड कहलाया। 40 उग्रवादियों को मार गिराया गया।
पड़ोसी देशों से कितनी मिली है भारत को मदद?
- म्यांमार : म्यांमार ने इससे पहले 1995 में भारतीय सेना के साथ ऑपेशन गोल्डन बर्ड चलाया था। इसके बाद 2001 में उसने भारत के कहने पर फिर ऑपरेशन चलाया। 200 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया और 1500 हथियार बरामद किए।
- भूटान : रॉयल भूटान आर्मी ने 2003 में उल्फा, एनडीएफबी और केएलओ उग्रवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। 150 उग्रवादी मार गिराए। 3000 उग्रवादियों को अपनी सीमाओं से बाहर खदेड़ दिया। उल्फा के 14, बोडो के 11 और केएलओ के 4 कैम्प नष्ट कर दिए। भूटान समय-समय पर पूर्वोत्तर के उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाता है।
- बांग्लादेश : पूर्वी नगालैंड के उग्रवादियों के खिलाफ बांग्लादेशी सेना कार्रवाई करती है। भारत समर्थित शेख हसीना के प्रधानमंत्री होने के चलते बांग्लादेश पूर्वोत्तर के उग्रवादी तत्वों को पनाह नहीं देता।
- श्रीलंका : हाल के वर्षों में सैन्य रिश्ते बिगड़े हैं। श्रीलंकाई सेना हमारे मछुआरों पर फायरिंग करती रहती है। दक्षिण भारत में अमेरिकी दूतावासों पर हमले की साजिश रच रहा आईएसआई का एक एजेंट कोलंबो स्थित पाकिस्तानी दूतावास में पिछले साल काम करता पाया गया। भारतीय खुफिया एजेंसी और सरकार के दबाव में श्रीलंका ने आईएसआई अफसर को पाकिस्तान भेज दिया।
- पाकिस्तान : भारत के खिलाफ आतंक फैलाने के मामले में सबसे आगे। आतंकियों के खिलाफ भारत की कभी मदद नहीं की।
- चीन : अक्साई चीन में मौजूद पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर कभी कार्रवाई नहीं की। पूर्वोत्तर के उग्रवादियों को भी हथियार मुहैया कराने का आरोप है।
उग्रवादियों ने किया था 33 साल का सबसे खतरनाक हमला
उग्रवादियों का यह हमला बीते 33 साल में मणिपुर में सेना पर हुआ सबसे खतरनाक था। इससे पहले, 1982 में राज्य में इसी तरह के हमले में 20 जवान शहीद हुए थे। उस वक्त उग्रवाद चरम पर था। यह भी पहली बार हुआ था कि उग्रवादियों ने आरपीजी यानी रॉकेट लॉन्चर्स का इस्तेमाल किया। नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (खपलांग) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह संगठन नगा समुदाय की ज्यादा आबादी वाले पूर्वोत्तरी राज्यों को मिलाकर ग्रेटर नगालैंड बनाना चाहता है। इस संगठन के साथ करीब 2000 उग्रवादी जुड़े हैं। मणिपुर के चंदेल सहित पहाड़ी इलाकों में भी इस संगठन की पैठ है। इसकी केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता विफल हो चुकी है।

क़ुरआन का सन्देश

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