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14 जून 2015

हमारी अधूरी कहानी

पास आये..
दूरियां फिर भी काम ना हुई
एक अधूरी सी हमारी कहानी रही
आसमां को ज़मीन ये ज़रूरी नहीं
जा मिले.. जा मिले..
इश्क़ सच्चा वही
जिसको मिलती नहीं मंज़िलें मंज़िलें

रंग थे, नूर था
जब करीब तू था
एक जन्नत सा था, ये जहां
वक़्त की रेत पे कुछ मेरे नाम सा
लिख के छोड़ गया तू कहाँ
हमारी अधूरी कहानी
हमारी अधूरी कहानी..
हमारी अधूरी कहानी
हमारी अधूरी कहानी..
खुश्बुओं से तेरी यूँही टकरा गए
चलते चलते देखो ना हम कहाँ आ गए
जन्नतें अगर यहीं
तू दिखे क्यों नहीं
चाँद सूरज सभी है यहां
इंतज़ार तेरा सदियों से कर रहा
प्यासी बैठी है कब से यहां
हमारी अधूरी कहानी
हमारी अधूरी कहानी..
हमारी अधूरी कहानी
हमारी अधूरी कहानी..
प्यास का ये सफर खत्म हो जायेगा
कुछ अधूरा सा जो पूरा हो जायेगा
झुक गया आसमां
मिल गए दो जहां
हर तरफ है मिलन का समां
डोलियां हैं सजी, खुशबुएँ हर कहीं
पढ़ने आया ख़ुदा खुद यहां
हमारी अधूरी कहानी
हमारी अधूरी कहानी..
हमारी अधूरी कहानी
हमारी अधूरी कहानी.

अहमदाबाद: मां से बलात्कार के आरोप में बेटा गिरफ्तार, पुलिस के सामने कबूला जुर्म

अहमदाबाद: मां से बलात्कार के आरोप में बेटा गिरफ्तार, पुलिस के सामने कबूला जुर्म
अहमदाबाद: यहां एक 29 वर्षीय पेंटर को अपनी 60 साल की मां से रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी शकुन सिंह परिहार ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक, घटना 13 जनवरी की देर रात हुई। महिला यूपी के कानपुर से दो दिन पहले अपने बेटे से मिलने आई थी। बेटा अहमदाबाद के औद्योगिक इलाके वतवा में रहता है। आरोपी ने कथित तौर पर अपनी मां को पास के खेतों तक चलने के लिए कहा। आरोपी ने कथित तौर पर उसका बलात्कार किया और उसे खेत में छोड़ दिया। महिला ने मदद के लिए पुकारा। काफी देर तक जब कोई बचाने के लिए नहीं आया तो वह हिम्मत जुटाकर अपने बेटी के यहां पहुंची जो पास के ही मोहल्ले में रहती थी। बेटी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। आरोपी मौके से तो फरार हो गया, लेकिन रविवार को उसे अपने दोस्त के घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
सदमे में पीड़ित
महिला का इलाज अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में चल रहा है। वह सदमे में है और कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। मामले के जांच अधिकारी पी बी राना ने कहा कि आरोपी शुकन सिंह परिहार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उन्होंने बताया, ''हमने आरोपी को अस्पताल भेजा, जहां उसके सैंपल लिए गए। हमें शक है कि वह मानसिक तौर पर अस्वस्थ है। हमने डॉक्टरों से कहा है कि उसकी अच्छे से जांच की जाए।'' पुलिस बलात्कार की धारा में केस दर्ज करके अपराध की वजह तलाश रही है।

सुषमा ने पूछा-ललित मोदी को क्या फायदा पहुंचाया? बचाव में आई समाजवादी पार्टी

फाइल फोटोः अमित शाह और सुषमा स्वराज।
फाइल फोटोः अमित शाह और सुषमा स्वराज।
नई दिल्ली. करप्शन के आरोपों के बाद देश से बाहर रह रहे आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने की बात मान कर विपक्ष के निशाने पर आईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बचाव में आरएसएस और बीजेपी आ गई हैं। उधर, सुषमा स्वराज ने रविवार शाम दोबारा से ट्वीट करके इस मामले पर सफाई दी। सुषमा ने लिखा, ''मैंने ललित मोदी को क्या फायदा पहुंचाया? यही कि कैंसर से पीड़ित उनकी पत्नी की सर्जरी के लिए वे कंसेंट पेपर्स पर साइन कर सकें। वह लंदन में ही थे। पत्नी की सर्जरी के बाद लंदन वापस आ गए। मैंने इसमें क्या बदल दिया?'' सुषमा पर ललित मोदी को ब्रिटेन से पुर्तगाल का ट्रेवल डॉक्युमेंट्स दिलाने में मदद का आरोप है। उधर, समाजवादी पार्टी सुषमा स्वराज के बचाव में आ गई हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि मानवता के आधार पर ललित मोदी की मदद करने में कोई बुराई नहीं है। लोगों को तिल का ताड़ बनाने की आदत है। सुषमा स्वराज ने कुछ गलत नहीं किया।
बीजेपी अध्यक्ष का कांग्रेस पर निशाना
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा, ''स्वराज ने मानवीय आधार पर किसी भारतीय की मदद की है और इस मामले में सरकार पूरी तरह से उनके साथ है। इस मामले को ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है। किसी भारतीय ने विदेश में मदद मांगी तो उसकी मदद के लिए लंदन में सांसद से बात की। यहां भोपाल त्रासदी के बाद जैसे हालात नहीं थे- जब एंडरसन या क्वात्रोची को देश से भगा दिया गया था।'' शाह का इशारा कांग्रेस की ओर था। 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने के अधिकारी वॉरेन एंडरसन को देश के बाहर भगाने का कांग्रेस पर आरोप लगा था। वहीं, बोफ़ोर्स मामले में इतालवी उद्योगपति ओत्तावियो क्वात्रोची प्रमुख अभियुक्त था, जो कथित तौर पर गांधी परिवार का करीबी था।
राजनाथ ने कहा-सुषमा ने नहीं की कोई सिफारिश
सूत्रों के मुताबिक, सुषमा ने रविवार सुबह गृहमंत्री राजनाथ को फोन करके मामले की पूरी जानकारी दी। इसके बाद राजनाथ ने आरएसएस नेताओं से फोन पर पंद्रह मिनट बातचीत की। आरएसएस ने भी इस मामले में सुषमा की मदद का फैसला किया। आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि सुषमा एक राष्ट्रवादी महिला हैं। उधर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''मानवी संवेदना रखने वालों को ऐसा करना चाहिए। ललित मोदी की पत्नी कैंसर से पीड़ित थीं। सुषमा ने जो किया ठीक किया। उन्होंने किसी से कोई सिफारिश नहीं की, उन्होंने नियम के तहत परमिशन की बात की थी।''
राजनाथ-मोदी के बीच हुई मुलाकात
सुषमा स्वराज पर ललित मोदी की मदद के आरोपों के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक मुलाकात हुई। बीजेपी का मानना है कि सुषमा के बहाने विपक्ष सरकार पर निशाना साधने की कोशिश कर रहा है। जबकि इस मामले में किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि सरकार और पार्टी ने सुषमा का साथ देने का फैसला लिया है।
क्या है सुषमा पर आरोप
अंग्रेजी चैनल 'टाइम्स नाऊ' की रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में लोकसभा में विपक्ष की नेता रहते हुए सुषमा स्वराज की ओर से ललित मोदी से ब्रिटेन में संपर्क साधा गया था। सुषमा के पति स्वराज कौशल उस वक्त ललित मोदी के जरिए ब्रिटेन में अपने भतीजे ज्योर्तिमय कौशल का एडमिशन कराना चाहते थे। आरोप है कि ललित मोदी की मदद से यह एडमिशन हो भी गया था। इसी के बाद सुषमा जब 2014 में मंत्री बनी तो ललित मोदी ने उनसे ब्रिटेन से निकलने में मदद करने के लिए संपर्क किया। बतातें चलें कि ब्रिटेन में लंबे समय से सांसद रहे भारतीय मूल के सांसद कीथ वॉज भी आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। हालांकि, वॉज ने भी किसी गलती से इनकार किया है और कहा है कि वह ललित मोदी के मामले को और मामलों की तरह ही देख रहे थे।
सुषमा के बहाने मोदी पर निशाना साध रहा विपक्ष
* यह मुद्दा बहुत ही गंभीर है कि भारत की विदेश मंत्री एक ऐसे व्यक्ति की मदद कर रही हैं जो कि देश के कानून के नजरों में भगौड़ा दोषी है। नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। क्या पीएम, जो बड़ी-बड़ी बातें करते रहे हैं। क्या सख्त कार्रवाई करेंगे? - दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
* सुषमा स्वराज का ललित मोदी की मदद करना एक गंभीर मामला है। प्रधानमंत्री मोदी को इस पर सफाई देनी चाहिए कि क्या उन्हें इस मामले की जानकारी है या नहीं। ललित मोदी की मदद के बदले में बीजेपी को क्या मिला? क्या विदेश मंत्री अपने मन से काम कर रही थीं? क्या यह पीएम की मंजूरी के बाद किया गया?''- रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस प्रवक्ता
* सुषमा स्वराज ने ललित मोदी की जो सहायता की वह असंवैधानिक है। इसे कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता है। मोदी सरकार को इस मसले पर सफाई पेश करनी चाहिए।'' ईडी के भगौड़े की आखिर हिम्मत कैसे हुई कि सीधे वह मंत्री से बात करे, कहीं न कहीं बीजेपी नेताओं के साथ उनके संबंधों को उजागर करता है। - बृंदा करात, माकपा नेता
* करप्शन मामले में एक आरोपी व्यक्ति की आखिर सुषमा स्वराज को मदद करने की क्या जरूरत पड़ गई। अगर उन्होंने किसी फायदा के लिए मदद की है तो फिर उन्हें मंत्री पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।'' - डी राजा, वामपंथी नेता
* ललित मोदी का संबंध सुषमा स्वराज ही नहीं वसुंधरा राजे सिंधिया जैसे कई बड़े नेताओं से रहा है। राजस्थान में भी मोदी की बीजेपी के नेता मदद कर चुके हैं। - शकील अहमद, कांग्रेस महासचिव
* मोदी ने सत्ता में आने से पहले दावा किया था कि वह न तो खाएंगे और न ही किसी को खाने देंगे। तो क्या वह सुषमा स्वराज के खिलाफ एक्शन लेंगे या फिर यह एक केवल जुमला बन कर रह जाएगा। - राहुल मेहरा, आप नेता
* सुषमा स्वराज जैसी वरिष्ठ मंत्री पर अगर ऐसे आरोप लगते हैं तो गंभीर हैं। उन्होंने सफाई दी है कि ऐसा उन्होंने मानवीय आधार पर किया लेकिन इससे उनका अपराध कम नहीं हो जाता। कहीं न कहीं यह बीजेपी के भीतर की राजनीति का भी परिणाम लगता है। - मनोज झा, आरजेडी प्रवक्ता

अहंकार

!~ *अहंकार* ~!!
मोमबत्ती और अगरबत्ती दो बहने थीं।
दोनों एक मन्दिर में रहती थीं।
बडी बहन मोमबत्ती हर बात में अपने को गुणवान
और अपने फैलते प्रकाश के प्रभाव में सदा अपने को
ज्ञानवान समझकर छोटी बहन को नीचा
दिखाने का प्रयास करती थीं।
अगरबत्ती सदा मुस्कुरायी रहती थीं। उस दिन
भी हमेशा की तरह पुजारी आया,दोनोँ को
जलाया और किसी कार्य वश मन्दिर से बाहर
चला गया।
तभी हवा का एक तेज़ झोका आया और
मोमबत्ती बुझ गई यह देख
अगरबत्ती ने नम्रता से अपना मुख खोला-'बहन,
हवा के एक हलके झोके ने तुम्हारे प्रकाश को समेट
दिया....परंतु इस हवा के झोके ने मेरी सुगन्ध को
और ही चारों तरफ बिखेर दिया।
'यह सुनकर मोमबत्ती को अपने अहंकार पर
शार्मिन्दगी हुई।.......
अहंकार इन्सान को तबाहो बर्बाद कर देता है.
इसलिए विनम्र बनो विनम्रता
इन्सान की तरक्की का रास्ता है...

पाण्डव पाँच भाई

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन
4. नकुल। 5. सहदेव
( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )
यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।
वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह
4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम
7. सह 8. विंद 9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष 11. सुबाहु। 12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण। 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान
19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र
22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद। 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द। 32. उपनन्द 33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग 42. भीमबल
43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर
49. चित्रायुध 50. निषंगी 51. पाशी
52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति 56. अनूदर 57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी
64. दुष्पराजय 65. अपराजित
66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष
68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त
71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी 75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि 78. क्रथन। 79. कुण्डी
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर 82. वीरबाहु
83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय 87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी। 89. विरवि
90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु
96. सुजात। 97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी 99. विरज
100. युयुत्सु
( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )
"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।
ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी
ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में
ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय
ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक
ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को
ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में
ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद
ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.
अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
अधूरा ज्ञान खतरना होता है।
33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।
कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,
कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!
8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं।

धर्म यह सब बताता है ?

धर्म यह सब बताता है ?
👉इस्लाम - इस्लाम का अपना कानून है (शरीयत) इस्लामी संविधान !
👉इस्लाम - इस्लामी संविधान के साथ साथ उस देश के कानून का पालन करने का हुक्म देता है जिस देश में आप रहते हो !
👉इस्लाम - इस्लामी संविधान में तिनके के बराबर फेरबदल करनेवालों को इस्लाम से खारिज करदेता है
👉इस्लाम -अपने मुल्क से मोहब्बत करना ईमान का एक हिस्सा बताता है !
👉इस्लाम - सबसे पहले अपने पडोसी के दुःख में साथ देने का हुक्म देता है !
👉इस्लाम - अगर कोई गरीब भूँखा सोने जा रहा है तो पूरे मोहल्ले का खाना हराम करार देता है
👉इस्लाम - अगर कोई मजबूर किसी गाव का ईद के दिन नया कपडा न पहने तो सारे गाव वालो के नए कपडे को खराब बताता है
👉इस्लाम -किसी की बात की चुगली करने से मना करता है
👉इस्लाम - गरीब, यतीम , लाचार , की मदद करने का हुक्म देता है !
👉इस्लाम - किसी के माल को हड़पने को हराम करार देता है
👉इस्लाम - इस्लाम जिन विधवाओं को ज़िंदा जलाया जाता था उनसे शादी करने का हुक्म देता है
👉इस्लाम - इस्लामी संविधान में बेटियों का मर्तबा बेटों के मुकाबले में बड़ा है जिन्हे जिन्दा दफ़न करदिया जाता था !
👉इस्लाम - भुरूड हत्या को आज से १४५० साल पहले से खून क़त्ल और खुदा के काम में दखल जैसे संगीन अपराध करार दिया है
👉इस्लाम - किसी से बोग्ज़ न रख ने की शिच्छा देता है !
👉इस्लाम - किसी के साथ किये गए मदद के बदले में एहसान ज़ाहिर ना करने की शिच्छा देता है
👉इस्लाम - सोहरत के साथ दान करने से मना करता है
👉इस्लाम - शराब को हराम करार देता है ! लोग इसके नशे में अपनी बहन के साथ गलत कर बैठते हैं
👉इस्लाम - जुआ खेलने को हराम जुए में जीती गयी रकम को हराम करार देता है ! किउंकि इस नशे में लोग बीबी बेटी और औरत को हार जाते हैं
👉इस्लाम - इस्लामी संविधान नारी जात को पर्दा करने का हुक्म देता है ! किउंकि इससे वह गलत नज़रों से बच सकें
👉इस्लाम - खून कत्ल करने वालों को बे मुद्दत जहन्नमी करार देता है !
👉इस्लाम - कभी पहले वार न करने की सबक देता है ! और तीसरे वार के बाद जबाब देने का हुक्म देता है !
👉इस्लाम - स्नान करने का तरीका बताता है ! मुह धोने से लेकर पैर धुलने तक तरीका बताता है
👉इस्लाम - सोने के लिए लेटने का तरीका बताता है !
👉इस्लाम - इस्लाम मर्दों के लिए सोने चंडी के गहने पहनने के लिए हराम करार देता है !
👉इस्लाम - खड़े होकर खाना खाने को हराम करार देता है
👉इस्लाम - कुत्ता, बिल्ली, शेर, चूहा, सुवर, गधा, घोडा, हांथी, तोता , गीध , कव्वा , आदि पंजो से पकड़ कर भोजन करने वाले पसु तथा पछ्छियों के मांश को हराम करार देता है
👉इस्लाम - सूद व्याज के पैसों को सुवर के गोस्त के बराबर हराम करार देता है !
👉इस्लाम - कुरआन पढ़ने का हुक्म देता है !कुरआन - अल्लाह की पहचान बताता है अल्लाह - सभी को हर एक ज़र्रे ज़र्रे को पैदा करता है

माय डिअर फ्रेंड्स मैंने जितनी बातें लिखी है आप आजमा सकते ho

कामवालियों की समस्या

भारत में कामवालियों की समस्या आखिर क्यों है -
सरकार ने 15 वर्ष से कम आयु वाली पर प्रतिबन्ध लगा रखा है..
बीवियों ने 16 से 40 वर्ष वालियों पर प्रतिबन्ध लगा रखा है..
और..
पतियों ने 40 वर्ष से ज्यादा वालियों पर प्रतिबन्ध लगा रखा है.

खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना ‘माह-ए-रमजान

खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना ‘माह-ए-रमजान’ न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का वकफा है बल्कि समूची मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है। मौजूदा हालात में रमजान का संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है।इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है और भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इस माह में दोजख (नरक) के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत की राह खुल जाती है।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना मोहम्मद उमेर अल सिद्दीक ने बताया कि रोजा अच्छी जिंदगी जीने का प्रशिक्षण है जिसमें इबादत कर खुदा की राह पर चलने वाले इंसान का जमीर रोजेदार को एक नेक इंसान के व्यक्तित्व के लिए जरूरी हर बात की तरबियत देता है।उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की कहानी भूख, प्यास और इंसानी ख्वाहिशों के गिर्द घूमती है और रोजा इन तीनों चीजों पर नियंत्रण रखने की साधना है। रमजान का महीना तमाम इंसानों के दुख-दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना है ताकि रोजेदारों में भले-बुरे को समझने की सलाहियत पैदा हो।
मौलाना ने कहा कि बुराई से घिरी इस दुनिया में रमजान का संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है। हर तरफ झूठ, मक्कारी, अश्लीलता और यौनाचार का बोलबाला हो चुका है। ऐसे में मानव जाति को संयम और आत्मनियंत्रण का संदेश देने वाले रोजे का महत्व और भी बढ़ गया है।मौलाना उमेर ने कहा कि रोजे के दौरान झूठ बोलने, चुगली करने, किसी पर बुरी निगाह डालने, किसी की निंदा करने और हर छोटी से छोटी बुराई से दूर रहना अनिवार्य है।उन्होंने कहा कि रोजे रखने का असल मकसद महज भूख-प्यास पर नियंत्रण रखना नहीं है बल्कि रोजे की रूह दरअसल आत्म संयम, नियंत्रण, अल्लाह के प्रति अकीदत और सही राह पर चलने के संकल्प और उस पर मुस्तैदी से अमल में बसती है।फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मौलाना मुहम्मद मुकर्रम ने रमजान के महत्व के बारे में कहा कि अमूमन साल में 11 महीने तक इंसान दुनियादारी के झंझावातों में फँसा रहता है लिहाजा अल्लाह ने रमजान का महीना आदर्श जीवनशैली के लिए तय किया है।उन्होंने बताया कि रमजान का उद्देश्य साधन सम्पन्न लोगों को भी भूख-प्यास का एहसास कराकर पूरी कौम को अल्लाह के करीब लाकर नेक राह पर डालना है। साथ ही यह महीना इंसान को अपने अंदर झाँकने और खुद का मूल्यांकन कर सुधार करने का मौका भी देता है।मौलाना ने कहा कि दुनिया के लिए रमजान का महीना इसलिए भी अहम है क्योंकि अल्लाह ने इसी माह में हिदायत की सबसे बड़ी किताब यानी कुरान शरीफ का दुनिया में अवतरण शुरू किया था।रहमत और बरकत के नजरिए से रमजान के महीने को तीन हिस्सों (अशरों) में बाँटा गया है। इस महीने के पहले 10 दिनों में अल्लाह अपने रोजेदार बंदों पर रहमतों की बारिश करता है।दूसरे अशरे में अल्लाह रोजेदारों के गुनाह माफ करता है और तीसरा अशरा दोजख की आग से निजात पाने की साधना को समर्पित किया गया है।

बेबस पुलिस...!!!


आज मै आपको बता रहा हूँ, लोकतंत्र के अभिन्न अंग, और नागरिको कि सुरक्षा तंत्र पुलिस के बारे में..
आज कुछ बातें सोच कर बेचारी पुलिस के बारे में लिख रहा हूँ, हो सकता है मै गलत भी हो सकता हूँ, परन्तु मैंने पुलिस को अच्छी तरह से जानकर और समझकर ही लिखा है,!
पुलिस एक ऐसी व्यवस्था है, जो हमे और हमारे समाज को जोड़े रखती है, कोई जुर्म करने से पहले १० बार पुलिस के बारे में सोचता है, पुलिस का डर सभी के मन में होता है, और शायद यही वजह है कि क्राइम खुले आम नही होते...! इसके लिए हमारी पुलिस को धन्यवाद् देना चाहिए..., कुछ मौके और कारण ऐसे होते है, जब लोगों का पुलिस से विश्वास उठ जाता है.., क्योकि कई जगह पुलिस निष्पक्षता के साथ काम नही करती.. ऐसा कुछ पुलिस कर्मियो के भ्रस्ट होने के चलते होता है! लेकिन उन्हें भ्रस्ट भी हम लोग ही बनाते है, शुरू से जब काम अपना नही हो, तो पैसे देने की आदत जो डाली हुई होती है! फिर कोई अपने आप को भ्रस्ट नही कहेगा, पुलिस को भ्रस्ट कहेगा..!
आज समाज के अपराधियों में भय भी पुलिस का ही है, वर्ना हम और आप जैसे लोगों को गिनता ही कौन है,! ये पुलिस ही है, जो कई गलत मुजरिमो को अंजाम तक पहुचती है, कोई वकील नही न्याय दिलाता, ये पुलिस ही है जो जुर्म बंद कोठरियों और सुने मकानो में होते है, ये पुलिस ही है जो देश के भ्रस्ट से भी भ्रस्ट नेताओ, अधिकारियो और समाज के देशवासियों कि सुरक्षा में हमेशा लगी रहती है.., कुछ भी कही गलत होता है तो कोई गलती करने वाले को दोष नही देता, सिर्फ दोषी ही पुलिस होती है! समाज चाहे गलत हो, लेकिन वो गलत नही कहलाता उल्टा समाज कि बुराई ख़तम नही हो रही उसके लिए भी दोषी भी पुलिस ही है! धरना कोई खुद कि महत्वकांशा के लिए दे, रात रात भर जाग के पुलिस पहरा दे, उसमे भी दोषी पुलिस ही है, भीड़ पथराव करे पुलिस वालें चोटिल हो जाये, फिर काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करे तो गलती पुलिस कि..रात को चोरो को सर्दी गर्मी बरसात में पकड़ने जाये और वो न मिले तो गलती पुलिस की, जाने इतनी कितनी ही बातें है जो हम जिम्मेदार केवल पुलिस को मानते है,! एक तरफ आम लोग दूसरी तरफ नेता और सरकार, माने तो किसकी, और ना माने तो किसकी,! दबाव इतना की काम करना मुश्किल हो जाये.. फिर भी हम जिम्मेदार पुलिस को ही मानते है! न की समाज और भ्रस्ट लोगों को.. अपने साथ कुछ गलत हुआ तो सबसे पहले पुलिस काम आती है, नेता नही... यहाँ देश के नेता पुलिस को ही काटने में लगे हैं, !
पुलिस पर दबाव डालने से पहले खुद सोचो की पुलिस काम करती है, सबसे न्यूनतम सरकारी पगार भी पुलिस कि ही होती है, इन्होने कभी हड़ताल नही की, आज़ादी के इतने साल बीत गये लेकिन कभी सुना है, पुलिस हड़ताल पे या धरने पे बैठी हो, अपना काम हमेशा करती है. और सरकार का ऐसा कोनसा विभाग है जिसमे हड़ताल नही होती! शर्म करनी चाहिए ऐसे लोगों को जो खुद को बदल नही पते, और पुलिस को दोष देते है...
आज एक नक्सलवादी विचारधारा का नेता पुलिस को धरने पे बैठने को कह रहा है,! क्या ये सही है! अगर ऐसा हो गया न तो दूसरे ही दिन भारत कभी देश था, सोचते रह जाओगे.!
तो आज से पुलिस को टारगेट बनाना छोडो, और स्वयं पर ध्यान दो, हम बदलेंगे तो जरूर अच्छा रहेगा, वरना पुलिस पुलिस बदलती है तब कुछ अच्छा नही होता.!
पुलिस, सी.बी.आई., आई.बी.,एस.पी.जी., रॉ, एस.आई.टी., आदि सभी पुलिस वाले ही तो होते है, जो पुलिस से निकल कर इनमे कार्य करते है, फिर क्यों हम पुलिस को दोषी मानते है!
ऐसी अराजकता छोड़िये, और पुलिस के साथ और महत्व को समझिये.

आदत ङालो

आदत ङालो
सुनने कि आदत डालो,
ताने मारने वालों की कमी
नही है.
मुस्कराने की आदत डालो,
रुलाने वालों की कमी
नही है.
उपर उठने की आदत डालो,
टाँग खिचनें वालो की कमी
नही है.
प्रोत्साहित करने की आदत
डालो,
हतोत्साहित करने वालो की
कमी नही है.
गलत का विरोध करने
की आदत डालो,
सत्य का साथ देने वालो की भी कमी नही है.

कभी किसी अंधे का मजाक ना करे ।

कभी किसी अंधे का मजाक ना करे ।।
एक अँधा आदमी एक फाइव स्टार होटल
में
गया !
होटल मैनेजर ने उससे पूछा :- ये
हमारा मीनू है, आप क्या लेंगे सर?
अंधा आदमी :- मैं अँधा हूँ, आप
मुझे
अपनी किचन से, चम्मच को आपके खाने
के
आइटम में डुबोकर ला दें, मैं उसे
सूंघ कर,
आर्डर कर दूँगा!
मैनेजर को यह सुनकर
बड़ा ही आश्चर्य हुआ,
उसने मन ही मन में सोचा कि, कोई
आदमी सूंघकर कैसे बता सकता है
कि हमने
आज क्या बनाया है, पकाया है !
मैनेजर ने जितनी बार भी, अपने
अलग-अलग
खाने के आइटम में, चम्मच डुबाकर,
अँधे
आदमी को सुंघाई, अंधे ने
सही बताया कि वो क्या है,
और अँधे ने सूंघ कर ही खाने
का आर्डर
किया !
हफ्ते-भर यही चलता रहा.
अँधा सूंघकर, आर्डर देता और
खाना खा कर
चला जाता !
एक दिन मैनेजर ने, अँधे
आदमी की परीक्षा लेने
की सोची कि यह
सब एक अँधा आदमी सूंघकर कैसे
बता सकता है ?
मैनेजर किचन में गया और
अपनी पत्नी मीना से बोला कि, तुम
चम्मच को अपने होठो से गीला कर दो !
मीना ने चम्मच को अपने होठों पर
रगड़
कर चम्मच मैनेजर को दे दी!
मैनेजर ने वो चम्मच अँधे
आदमी को ले जा कर
दी और बोला, बताओ आज हमने
क्या बनाया है ?
अँधे आदमी ने चम्मच को सूंघा और
बोला :-
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ओह मायी गोड! मेरी क्लासमेट
मीना यहाँ काम करती है !
मैनेजर अभी तक
बेहोश है

काजियो का साहसिक फैसला


इंदौर में मालवा और इंदौर संभाग के काजियों और इमाम साहिबान ने एसी शादियों में निकाह न पढाने का फैसला किया है जिसमें बैंड; डीजे और गैर इस्लामी रसमे होंगी। मुफतिए मालवा हबीबयार साहब का कहना है कि इस तरह की शादियों से आम लोगों को परेशानी होती है और फिजूलखर्ची भी।उन्होंने इससे बचने वाली रकम को भलाई के कामों और तालीम पर खर्च करने का आह्वान किया।काजियों का यह कदम सराहनीय है , जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।हम उम्मीद करते हैं कि यह हजरात आगे चलकर दहेज के मामले में भी इसी तरह का फैसला लेंगे।यह बैठक जामा मस्जिद बडवाली चौकी पर हुई।बैठक में शहर काजी इशरत अली साहब भी मौजूद थे।हम इस फैसले के लिए सभी काजियों और इमाम साहिबान को खासतौर पर मुफ्तिए मालवा मोहतरम हबीबयार खान साहब और शहर काजी इशरत अली साहब को मुबारकबाद पेश करते हैं।

क़ुरआन का सन्देश

 
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