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15 जून 2015

USA में पढ़ाई के दौरान अपहरण और ड्रग्स रखने के दोषी पाए गए थे ललित मोदी


USA में पढ़ाई के दौरान अपहरण और ड्रग्स रखने के दोषी पाए गए थे ललित मोदी
नई दिल्ली। पूर्व आईपीएल कमिश्नर और 700 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस के आरोपी ललित मोदी इस समय सुर्खियों में हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मोदी को विदेश में ट्रैवल वीजा दिलाने में मदद करने के कारण विवादों के घेरे में हैं। हमेशा विवादों में रहने वाले मोदी से जुड़ा एक और मामला सामने आया है। एक अमेरिकी वेबसाइट के अनुसार करीब 30 साल पहले, जब वे नॉर्थ कैरोलाइना की ड्यूक यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे, उस समय उन्होंने अवैध तरीके ड्रग्स रखने के साथ ही 16 साल के लड़के का अपहरण किया था।
मोदी को एलेक्जेंडर वेन डेयन नाम के लड़के का अपहरण करने का दोषी पाया गया। मोदी पर डेयन को जबरदस्ती एक जगह से दूसरी जगह ले जाने और धमकाने का भी आरोप लगा। साथ ही इस दौरान मोदी ने डेयन को हाथ और लातों से भी पीटा। पिटाई के दौरान डेयन को किडनी से लेकर आखों तक में चोटे आईं। इसके चलते उसे दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।
24 फरवरी 1985 के दिन ललित मोदी के नाम का अरेस्ट वारंट जारी हुआ। जिसके बाद मोदी पर लगे सभी आरोप सिद्ध हो गए। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई जिस दौरान मोदी को 300 घंटे कम्यूनिटी सर्विस भी करनी पड़ी। इस बीच मोदी पर 1 ग्राम से ज्यादा ड्रग्स रखने के भी आरोप लगे। जिसके चलते उन्हें 5 साल के प्रोबेसन पीरियड पर रहना पड़ा।

RSS नेता ने कहा: ओम कहें या अल्लाह लेकिन योग करें, सुषमा का किया बचाव

आरएसएस के वरिष्ठ नेता एम.जी. वैद्य।
आरएसएस के वरिष्ठ नेता एम.जी. वैद्य।
नई दिल्ली/ चंडीगढ़. कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर किए जा रहे विरोध पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख एम.जी. वैद्य ने अपना पक्ष रखा। सोमवार को वैद्य ने एक इंटरव्यू में कहा है, "ओम कहिए या अल्लाह कहिए और योग कीजिए, मुझे इसमें कोई आपत्ति नजर नहीं आती।" वैद्य ने ये भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि योग और संस्कृत को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। दूसरी ओर, योग गुरु बाबा रामदेव ने कांग्रेस को स्वर्गीय और दिवालिया बताया है। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लेकर चल रहे विवाद पर आरएसएस के इस नेता ने कहा कि अगर सुषमा ने मानवीय आधार पर ललित मोदी की मदद की है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
हरियाणा में रामदेव का योग शिविर
21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सिलसिले में सोमवार को चंडीगढ़ में दो दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। इस शिविर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्रियों के साथ ही कई अधिकारी भी शामिल हुए। प्रशिक्षण शिविर से पहले मीडिया से बातचीत में रामदेव से जब कांग्रेस के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "कांग्रेस तो दिवालिया हो चुकी है और मेरे लिए तो वह स्वर्गवासी है। अब उसके बारे में बोलने से कोई फायदा नहीं है।" पीएम मोदी की तारीफ करते हुए रामदेव ने कहा कि उनकी इच्छा शक्ति के चलते ही 177 देश 21 जून को योग करेंगे।"
हरियाणा के हर गांव में व्यायामशाला
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने रामदेव को धन्यवाद देते हुए कहा कि 21 जून को होने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम तो एक शुरुआत है। हम चाहते हैं कि हरियाणा का हर नागरिक योग और व्यायाम सीखे। सीएम ने कहा कि सरकार ने हरियाणा के हर गांव में व्यायामशाला खोलने का निर्णय किया है।

“चाँद देख कर रोज़े रखो और चाँद देख कर रोज़े खोलो,

हुज़ूरे अकरम (صلى الله عليه وسلم) का अमल और क़ौल :
1) रमज़ान शुरू करने और पूरा होने के तआल्लुक़ से:
आइये हम हुज़ूरे अकरम (صلى الله عليه وسلم) के अमल पर नज़र डालें। बुखारी और मुस्लिम शरीफ़ की हदीस में अल्लाह के नबी (صلى الله عليه وسلم) ने फ़रमाया, “चाँद देख कर रोज़े रखो और चाँद देख कर रोज़े खोलो, अगर तुम पर बादल छाऐ हों तो तीस दिनों की गिनती पूरी करो” (सही बुखारी किताबुल सोम जिल्द अव्वल हदीस रक़म 1782)। हदीसे पाक में लफज़ “सूमू” है जो जमा है और पूरी उम्मत से हुज़ूरे अकरम (صلى الله عليه وسلم) का आम खिताब है।
2) रमज़ान के चांद की इत्तेला और रमज़ान शुरू होने के तआल्लुक़ से:
अबुदाऊद से रिवायत हदीस के मुताबिक़ एक एअराबी हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) के पास आया और बताया कि उसने रमज़ान का चाँद देख लिया है, हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने एअराबी से पूछा कि क्या अल्लाह तआला के एक होने की शहादत देता है, एअराबी ने इक़रार किया कि हॉ वह यह शहादत देता है, फिर हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने सवाल किया कि क्या वह मुहम्मद (صلى الله عليه وسلم) का अल्लाह के रसूल होने का इक़रार करता है, इस पर भी एअराबी ने हॉ कहा और गवाही दी कि उसने चाँद देखा है, फिर हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने हज़रत बिलाल (रज़ीअल्लाहो अन्हो). को हुक्म दिया कि वह यह एलान कर दें कि कल से रोज़ों का हुक्म है। (रावी हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास (रज़ीअल्लाहो अन्हो).- सुनन अबुदाऊद रक़म हदीस 2333)। इसी तरह अबुदाऊद की और रिवायात जैसे हदीस रक़म 2334 और 2335 में भी यही बात दूसरे रावियों के हवाले से नक़ल की गई है।
3) ईद के चांद की इत्तेला और माहे रमज़ान पूरा होने के तआल्लुक़ से:
इसी तरह ईद के चाँद के वक़्त भी हुज़़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने लोगों की शहादतें क़ुबूल फ़रमाई। दिलचस्प बात यह है कि चाँद की शहादतें क़ुबूल किए जाने वाली तक़रीबन हर हदीस में हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने गवाही देने वाले से इसके इस्लाम क़ुबूल करने की बात को पूछ पूछ कर यक़ीनी बनाया कि वह मुस्लिम ही है लेकिन इनमें से किसी भी हदीस में उस गवाह से उसके नाम, या शहर या उसके शहर के मदीने मुनव्वरह से फ़ासले के बाबत पूछा जाना रिवायत नहीं किया गया है, क्यूंकि चाँद की इत्तिला को तो सारे मुसलमानों पर, ख़्वाह वह किसी भी खित्ते में मुक़ीम हों, और उनका शहर मदीना मुनव्वरह से कितने ही फ़ासले पर हो, मुन्तबिक़ होना ही है, वरना आप खुद (صلى الله عليه وسلم) ऐसे गवाह से फ़ासले की बाबत पूछ कर उसकी शहादत को रद्द फ़रमा देते और उम्मत को यह सबक़ दे जाते कि इतने इतने फ़ासले के बाद चाँद की शहादत क़ुबूल न करते हुए अपने ही मोहल्ले, गली, शहर या मुल्क में चाँद के दिख जाने का इन्तेज़ार करो। मिसाल के तौर पर अबुदाऊद ही में हदीस रक़म 1153 मुलाहिज़ा फ़रमाइये, हज़रत अबु अमीर इब्ने अनस (रज़िअल्लाहो अन्हू) अपने चचा की सनद पर रिवायत करते हैं कि कुछ लोग ऊॅटों पर सवार हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) के पास तशरीफ़ लाए और बयान किया कि इन्होंने कल चाँद देखा है, हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने लागों को रोज़ा खेालने का और अगले दिन (ईद की) नमाज़ के लिए ईदगाह पहुंचने का हुक्म दिया। हालांकि उस वक़्त असर का वक़्त हो चुका था और रोज़ा मुकम्मिल हुआ ही चाहता था, लेकिन कहीं और चाँद के दिख जाने से मदीना मुनव्वरह में भी अब चूंकि ईद होना थी लिहाज़ा रोज़ा हराम हो जाता चुनांचे उसी वक्त हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) ने अफ़तार का हुक्म दिया। आज उसी मदीने में चाँद हो जाने और ईद हो जाने के बावजूद हिन्दुस्तान के बेशतर इलाक़ों में तीसवां या कभी उन्तीसवां रोज़ा रखना आम बात हो गई है, सवाल यह पैदा होता है कि हुज़ूर (صلى الله عليه وسلم) के बाद अब कौनसा शरई हुक्म बदल गया है ?

"ये ही सत्य हैं

" |||||||
Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है ?
Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!
Qus→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?
Ans→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!
Qus→संसार में दुःख क्यों है ?
Ans→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!
Qus→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
Ans→ ईश्वर ने संसार की रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!
Qus→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?
Ans→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!
Qus→ भाग्य क्या है ?
Ans→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!
Qus→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
Ans→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..
इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!
Qus→किस चीज को गंवाकर मनुष्य
धनी बनता है ?
Ans→ लोभ..!!
Qus→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
Ans → अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!
Qus → किस चीज़ के खो जाने
पर दुःख नहीं होता ?
Ans → क्रोध..!!
Qus→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
Ans → दया..!!
Qus→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?
Ans→ तकलीफें, धोखा..!!
Qus→ क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?
Ans→ इज़्ज़त, किसी की हाय..!!
Qus→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है ?
Ans→मज़बूरी..!!
🌸
Qus→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
Ans→ सत्य..!!
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Qus→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
Ans→ झूठ..!!
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Qus→ करने लायक सुकून का
कार्य ?
Ans→ परोपकार..!!
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Qus→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
Ans→ मोह..!!
🌸
Qus→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
Ans→ जिंदगी..!!
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Qus→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
Ans→ मौत..!!
🌸
Qus→ ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?
Ans→ अपनी मूर्खता..!!
🌸
Qus→ दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
Ans→ आत्मा और ज्ञान..!!
🌸
Qus→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
Ans→ समय..!!

जिस्मफरोशी के धंधे

जयपुर। । शहर के पांच सितारा होटलों में चल रही जिस्मफरोशी के धंधे की पड़ताल बहुत स्याह तस्वीर दिखाती है। एस्कार्ट वेबसाइट के पोस्टमार्टम से पता चला है कि गंदे धंधे से जुड़े दलालों की नजर शहर की कॉलेज गर्ल्स पर है।
कुछ पॉश इलाकों के नाम भी वेबसाइट पर दर्शाये गए हैं, जहां से यह धंधा संचालित हो रहा है। इन इलाकों में मालवीय नगर, वैशाली नगर, टोंक रोड, बनीपार्क, मानसरोवर जैसी जगहों के नाम हैं, ये जगहें एजुकेशन हब हैं।
जिस्मफरोशी के इस धंधे में जुड़ी गर्ल्स के दिखाए गए डाटा की पड़ताल की। पड़ताल में पता चला कि 3000 से अधिक लड़कियां और महिलाएं इस काम से जुड़ी हुई हैं।
पारिवारिक हैसियत कम होने के बावजूद किसी के महंगे शौक तो किसी के ऊंचे सपनों का ये दलाल गलत फायदा उठा रहे हैं। एस्कार्ट वेबसाइट के जरिए हाईटेक तरीके से जिस्म बेच रही इन लड़कियों ने वेबसाइट पर अपने प्रोफेशन के साथ पूरी डिटेल दी है।
बताया है कि इस धंधे में कौन सी मजबूरी उन्हें ले लाई। मॉडलिंग में अपना करियर बनाकर ऊंचाईयों को छूने की चाह रखने वाली गर्ल्स से लेकर हाउसवाइफ, कॉलेज गर्ल्स से लेकर हाईप्रोफाईल घराने तक की गल्र्स जिस्मफरोशी में दलदल में हैं।
केस 1 : साइट पर दिखाए गए लड़कीे के फोटो के साथ उसने अपनी मजबूरी भी लिखी है। जिसमें लड़की ने लिखा है कि वह एक कॉलेज में पढऩे वाली 23 वर्षीय यंग स्टूडेंट है और उसे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए दस हजार रुपए की जरूरत है, जिसके लिए वो अपना जिस्म बेचने के लिए तैयार है और वह इस तरह के काम पहले भी कर चुकी है।
केस 2: एक महिला ने लिखा है कि उसकी शादी 10 महीने पहले ही हुई है उसके पति और सास-ससुर उसके और उसके परिवार वालों से लगातार दहेज मांग रहे हैं। महिला के पिता ने शादी करने के लिए कर्जा भी कर लिया और जो भी पैसा था सब शादी में लगा दिया। अब उसे दहेज की मांग पूरी करने के लिए पैसों की जरूरत है।
केस 3: एस्कॉर्ट वेबसाइट पर कॉलगर्ल के रूप में रजिस्टर्ड एक लड़की ने लिखा है कि वह 21 साल की है। मॉडलिंग में अपना करियर बनाना चाहती थी। बहुत लोगों ने मदद के नाम पर उसका शोषण भी किया और रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा भी एेंठते गए। लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। अब उसे अपना करियर बनाने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है।

तस्वीरे जब निगाहों से

उम्र अब उस दहलीज़ पे
आकर खड़ी है ,
तस्वीरे जब निगाहों से
धुंदली होने लगी है ,
चलने दो मुसलसल
जिंदगी के सफर को ,
वादों इरादों में इज़ाफ़ा करना
अब सब फ़िज़ूल है ।

खजूर से इफ्तार की हिकमत


👉 खजूर से रोज़ा इफ्तार करने मे ये हिकमत है कि खजूर गिज़ाइयत से भरपुर फल है_____
👉 इस से जिस्मानी तवानाई हासिल होती है____
👉 खजुर ताज़ा खुन पैदा करती है______
● कमज़ोरी
● थकावट
● कमर दर्द
● पठ्ठो का दर्द
● हाथ पांव सुन होने
● कफ
वगैरह के लिए मुफीद गिज़ा है

हज़रत अनस रदीअल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि____
रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मगरिब की नमाज़ से पहले चंद तर खजुरो से रोज़ा इफ्तार फरमाते थे_________
अगर तर खजुरे वक्त पर ना मिलती तो सुखी खजुरो ( छुहारो ) से इफ्तार फरमाते थे_____
ओर अगर खजुरे भी ना होती तो चंद घुट पानी पी लेते थे___
📗
तीरमीज़ी शरीफ
📝
आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के इस अमल को अगर साइंस की निगाह से देखा जाए तो मालूम होता है की_____
जब हम खजुर से रोज़ा इफ्तार करते है तो उसकी मिठास मुह के थुक मे मील कर ग्लुकोज मे बदल जाती है_____
जिस से जिस्म मे हरारत और तवानाई हासिल होती है
और
इस का उलटा अगर हम तली हुई चटखारेदार चीजे इस्तेमाल की जाए तो इस से पेट मे तेजाबीयत की वजह से सिने मे जलन और बार बार प्यास लगती है______
👉 खजुर खाने से
● दिमागी कमजोरी दूर होती है
● याददाश्त बढती है
● दिल मे ताकत पैदा होती है
● खुन की कमी दुर होती है
● गुरदे मजबुत होते है
● दमा मे फायदा होता है
👉 अरबो मे कहावत है कि साल मे जितने दिन होते है इतने ही खजुर के इस्तेमाल के फायदे है__

क़ुरआन का सन्देश

 
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