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16 जून 2015

सेलेक्शन एक्ज़ाम को तमाशा बना दिया

डॉक्टर इंजिनियर बनाने वाली सरकार ने इन के सेलेक्शन एक्ज़ाम को तमाशा बना दिया है ,,,,,,,,,,मोदी सरकार की मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी जिसे ब्रोडकास्ट मिनिस्टर होना चाहिए था नक़ली डिग्री बारह्वी फेल के इल्ज़ामों के बाद भी उन्हें देश भर की पढ़ाई और खासकर डॉक्टर ,,इंजिनियर ,,लेक्चरर सहित महत्वपूर्ण पदों के कोर्स का ठेकेदार बना दिया गया ,,,,सभी जानते है के निजी स्कूलों में मेरिट में कैसे लाया जाता है ,,,सभी जानते है के आई आई टी का सच किया है और अब सभी जान गए है के ऐ आई पी एम टी आल इण्डिया प्री मेडिकल टेस्ट का सच क्या साबित हो रहा है ,,,,
गलतियां हो सकती है लेकिन उन्हें लेने वाला गलत नहीं होता ,,अपनी हठ धर्मिता पर अड़े रहने वाला हमेशा गलत होता है ,,,देश भर में ऐ आई पी एम टी का परीक्षा पत्र लीक हुआ ,,हरियाणा पुलिस जो भाजपा की ही सरकार के अधीन है ,,,,केंद्र सरकार और सी बी एस ई को लिखा के परीक्षा रद्द कराई जाए ,,कई परीक्षार्थी नरेंद्र मोदी से मिले ,,लेकिन कोई एक्शन नहीं टीपने और चीटिंग करने वाले छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए परीक्षा रद्द करने से इंकार कर दिया गया ,,,अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ,,मानवसंसाधन मंत्रालय के मुंह पर करारा तमाचा जड़ते हुए ऐ आई पी एम टी की परीक्षा में चीटिंग मानकर इसे रद्द कर दिया है ,,परीक्षाये दुबारा होंगी छ लाख से भी अधिक परीक्षार्थी और उनके परिजन फिर ऑपरेशन होंगे ,,परीक्षा में फिर पारदर्शिता होगी या नहीं कह नहीं सकते लेकिन अफ़सोस अभी तक मानवसंसाधन मंत्रालय ने अपनी गलती मानकर किसी भी अधिकारी को सस्पेंड नहीं किया है उसे जेल नहीं भेजा है ,,मुक़दमा दर्ज नहीं कराया है और इस घोटाले को नियंत्रित कर सकने वाली ज़िम्मेदार मंत्री स्मृति ईरानी से किसी ने इस्तीफा भी नहीं माना है ,ज़रा सोचिये परीक्षार्थियों के साथ हो रहे विश्वासघात की वजह से जो छात्र छात्राएं बहतरीन परीक्षा देने पर भी असफल हो जाते है और नराशावाद में जाकर आत्महत्या कर लेंते है उनके ज़िम्मेदार कोन है ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के घोषित भगोड़े क्रिकेट चीटर ललित मोदी

देश के घोषित भगोड़े क्रिकेट चीटर ललित मोदी से राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने तो किनारा कर लिया और राजस्थान में कोटा के क्रिकेट शेर अमीन पठान ने ललित मोदी के अरब पति और रसूखदार होने के भ्रम को तोड़ने के लिए उन्हें टक्कर दी और क्रिकेट चुनाव में पटखनी देकर खुद को आकाश कर लिया ,,लेकिन अब ललित मोदी के समर्थक सुषमा स्वराज विदेश मंत्री के रूप में सामने आई है ,इतना ही नहीं ललित मोदी के पुराने ताल्लुक़ात को उजागर करने के लिए भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ,,भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ के फोटोग्राफ उजागर हो रहे है ,,देखते है न खाऊंगा ना खाने दूंगा का नारा देने वाले प्रधानमंत्री अब किस किस को हटाते है या फिर देश के भगोड़े अपराधी को क्षमादान देकर गले लगाकर फिर से भारत की क्रिकेट को दीमक लगाते है ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बैंक से फोन आया

बैंक से फोन आया और मुझसे कहा कि
आप 6000/रू महीना भरते रहो, रिटायर मेंट के वक्त
आपको 1 करोड़ मिलेंगे ?
मैंने कहा - प्लान को उल्टा कर दो।
आप मुझे अभी 1 करोड़ रू दे दो। फिर 💣
हर महीने 6000/रू लेते रहना मेरे मरने तक
बैक वालों ने फोन काट दिया 😎

मैंने कुछ गलत कहा क्या.

मुस्लिम ट्रेनर तमन्ना से 21 जून को योग सीखेंगे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह

फोटो- सफेद पैंट-शर्ट में अशोक सरकार और तमन्ना (सबसे दाएं) योग सिखाते हुए।
फोटो- सफेद पैंट-शर्ट में अशोक सरकार और तमन्ना (सबसे दाएं) योग सिखाते हुए।
पटना. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 21 जून को मुस्लिम योग ट्रेनर तमन्ना और अशोक सरकार से योग सीखेंगे। इस बात की जानकारी पतंजलि योगपीठ के बिहार-झारखंड के प्रभारी अजीत ने dainikbhaskar.com के साथ विशेष बातचीत में दी। 21 जून को अमित शाह को पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में योग सिखाया जाएगा। इनके साथ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, राम कृपाल यादव, राजीव प्रताप रुडी समेत भाजपा के कई नेता और तमाम अन्य लोग भी रहेंगे।
दोनों ने पूरे गांव को सिखाया योग
अजीत ने बताया कि तमन्ना और अशोक सरकार बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं।
अजीत के मुताबिक तमन्ना और अशोक ने पश्चिम चंपारण के लाल सराय गांव में रहने वाले तीन साल से तीस साल तक का हर व्यक्ति को योग क्रियाएं सिखाई हैं। अब इस गांव के लोग विदेशों में भी प्रशिक्षण देने जा रहे हैं। हाल ही इस गांव का रहने वाले 9 साले के किशोर को साउथ अफ्रीका में होने वाले योग के लिए आमंत्रित किया गया है। अजीत ने बताया कि 62 वर्षीय अशोक सरकार ने तो अपना पूरा जीवन योग के लिए लगा दिया है। आज से चार साल पहले अशोक ने ही लाल सराय में योग का अलख जगाया था।

हिंदू धर्म के बुनियादी सिद्धांत

हिंदू धर्म के बुनियादी सिद्धांत ,,,,,,हिंदुत्व के खिलाफ है सूर्य पूजा क्योंकि हिंदुत्व और सनातनी का प्रमुख सिद्धांत है ब्रह्म ही सत्य है: ईश्वर एक ही है और वही प्रार्थनीय तथा पूजनीय है ऐसे में किसी और को जिसे खुद ब्रहम्मा ने बनाया है ईश्वर ने बनाया है उसकी किसी प्रार्थना किसी पूजा किसी वंदना ईश्वर ने बनाया है इसलिए मान सम्मान अलग बात है ,,,,,,,,,,,,,,,,फिर जो सूर्य की वंदना की बात करते है वोह हिंदुत्व के सिद्धांतो से अलग हो गए है क्या ऐसा क्यों होता है शास्त्रो में अगर लिखा है तो प्लीज़ बताये ,,,,,
किसी भी धर्म के मूल तत्त्व उस धर्म को मानने वालों के विचार, मान्यताएं, आचार तथा संसार एवं लोगों के प्रति उनके दृष्टिकोण को ढालते हैं।
हिंदू धर्म की बुनियादी पांच बातें तो है ही, (1.वंदना, 2.वेदपाठ, 3.व्रत, 4.तीर्थ, और 5.दान) लेकिन इसके अलावा निम्न ‍ को भी जानें:-
1. ब्रह्म ही सत्य है: ईश्वर एक ही है और वही प्रार्थनीय तथा पूजनीय है। वही सृष्टा है वही सृष्टि भी। शिव, राम, कृष्ण आदि सभी उस ईश्वर के संदेश वाहक है। हजारों देवी-देवता उसी एक के प्रति नमन हैं। वेद, वेदांत और उपनिषद एक ही परमतत्व को मानते हैं।
2. वेद ही धर्म ग्रंथ है : कितने लोग हैं जिन्होंने वेद पढ़े? सभी ने पुराणों की कथाएं जरूर सुनी और उन पर ही विश्वास किया तथा उन्हीं के आधार पर अपना जीवन जिया और कर्मकांड किए। पुराण, रामायण और महाभारत धर्मग्रंथ नहीं इतिहास ग्रंथ हैं। ऋषियों द्वारा पवित्र ग्रंथों, चार वेद एवं अन्य वैदिक साहित्य की दिव्यता एवं अचूकता पर जो श्रद्धा रखता है वही सनातन धर्म की सुदृढ़ नींव को बनाए रखता है।
3. सृष्टि उत्पत्ति व प्रलय : सनातन हिन्दू धर्म की मान्यता है कि सृष्टि उत्पत्ति, पालन एवं प्रलय की अनंत प्रक्रिया पर चलती है। गीता में कहा गया है कि जब ब्रह्मा का दिन उदय होता है, तब सब कुछ अदृश्य से दृश्यमान हो जाता है और जैसे ही रात होने लगती है, सब कुछ वापस आकर अदृश्य में लीन हो जाता है। वह सृष्टि पंच कोष तथा आठ तत्वों से मिलकर बनी है। परमेश्वर सबसे बढ़कर है।
4. कर्मवान बनो : सनातन हिन्दू धर्म भाग्य से ज्यादा कर्म पर विश्वास रखता है। कर्म से ही भाग्य का निर्माण होता है। कर्म एवं कार्य-कारण के सिद्धांत अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने भविष्य के लिए पूर्ण रूप से स्वयं ही उत्तरदायी है। प्रत्येक व्यक्ति अपने मन, वचन एवं कर्म की क्रिया से अपनी नियति स्वयं तय करता है। इसी से प्रारब्ध बनता है। कर्म का विवेचन वेद और गीता में दिया गया है।
5. पुनर्जन्म : सनातन हिन्दू धर्म पुनर्जन्म में विश्वास रखता है। जन्म एवं मृत्यु के निरंतर पुनरावर्तन की प्रक्रिया से गुजरती हुई आत्मा अपने पुराने शरीर को छोड़कर नया शरीर धारण करती है। आत्मा के मोक्ष प्राप्त करने से ही यह चक्र समाप्त होता है।
6. प्रकृति की प्रार्थना : वेद प्राकृतिक तत्वों की प्रार्थना किए जाने के रहस्य को बताते हैं। ये नदी, पहाड़, समुद्र, बादल, अग्नि, जल, वायु, आकाश और हरे-भरे प्यारे वृक्ष हमारी कामनाओं की पूर्ति करने वाले हैं अत: इनके प्रति कृतज्ञता के भाव हमारे जीवन को समृद्ध कर हमें सद्गति प्रदान करते हैं। इनकी पूजा नहीं प्रार्थना की जाती है। यह ईश्वर और हमारे बीच सेतु का कार्य करते हैं। यही दुख मिटाकर सुख का सृजन करते हैं।
7.गुरु का महत्व : सनातन धर्म में सद्‍गुरु के समक्ष वेद शिक्षा-दीक्षा लेने का महत्व है। किसी भी सनातनी के लिए एक गुरु (आध्यात्मिक शिक्षक) का मार्ग दर्शन आवश्यक है। गुरु की शरण में गए बिना अध्यात्म व जीवन के मार्ग पर आगे बढ़ना असंभव है। लेकिन वेद यह भी कहते हैं कि अपना मार्ग स्वयं चुनों। जो हिम्मतवर है वही अकेले चलने की ताकत रखते हैं।
8.सर्वधर्म समभाव : 'आनो भद्रा कृत्वा यान्तु विश्वतः'- ऋग्वेद के इस मंत्र का अर्थ है कि किसी भी सदविचार को अपनी तरफ किसी भी दिशा से आने दें। ये विचार सनातन धर्म एवं धर्मनिष्ठ साधक के सच्चे व्यवहार को दर्शाते हैं। चाहे वे विचार किसी भी व्यक्ति, समाज, धर्म या सम्प्रदाय से हो। यही सर्वधर्म समभाव: है। हिंदू धर्म का प्रत्येक साधक या आमजन सभी धर्मों के सारे साधु एवं संतों को समान आदर देता है।
9.यम-नियम : यम नियम का पालन करना प्रत्येक सनातनी का कर्तव्य है। यम अर्थात 1.अहिंसा, 2.सत्य, 3.अस्तेय, 4.ब्रह्मचर्य और 5.अपरिग्रह। नियम अर्थात 1.शौच, 2.संतोष, 3.तप, 4.स्वाध्याय और 5.ईश्वर प्राणिधान।
10. मोक्ष का मार्ग : मोक्ष की धारणा और इसे प्राप्त करने का पूरा विज्ञान विकसित किया गया है। यह सनातन धर्म की महत्वपूर्ण देन में से एक है। मोक्ष में रुचि न भी हो तो भी मोक्ष ज्ञान प्राप्त करना अर्थात इस धारणा के बारे में जानना प्रमुख कर्तव्य है।
11 संध्यावंदन : संधि काल में ही संध्या वंदन की जाती है। वैसे संधि पांच या आठ वक्त (समय) की मानी गई है, लेकिन सूर्य उदय और अस्त अर्थात दो वक्त की संधि महत्वपूर्ण है। इस समय मंदिर या एकांत में शौच, आचमन, प्राणायामादि कर गायत्री छंद से निराकार ईश्वर की प्रार्थना की जाती है।
12. श्राद्ध-तर्पण : पितरों के लिए श्रद्धा से किए गए मुक्ति कर्म को श्राद्ध कहते हैं तथा तृप्त करने की क्रिया और देवताओं, ऋषियों या पितरों को तंडुल या तिल मिश्रित जल अर्पित करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं। तर्पण करना ही पिंडदान करना है। श्राद्ध पक्ष का सनातन हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व माना गया है।
13.दान का महत्व : दान से इंद्रिय भोगों के प्रति आसक्ति छूटती है। मन की ग्रथियां खुलती है जिससे मृत्युकाल में लाभ मिलता है। मृत्यु आए इससे पूर्व सारी गांठे खोलना जरूरी है, ‍जो जीवन की आपाधापी के चलते बंध गई है। दान सबसे सरल और उत्तम उपाय है। वेद और पुराणों में दान के महत्व का वर्णन किया गया है।
14.संक्रांति : भारत के प्रत्येक समाज या प्रांत के अलग-अलग त्योहार, उत्सव, पर्व, परंपरा और रीतिरिवाज हो चले हैं। यह लंबे काल और वंश परम्परा का परिणाम ही है कि वेदों को छोड़कर हिंदू अब स्थानीय स्तर के त्योहार और विश्वासों को ज्यादा मानने लगा है। सभी में वह अपने मन से नियमों को चलाता है। कुछ समाजों ने मांस और मदिरा के सेवन हेतु उत्सवों का निर्माण कर लिया है। रात्रि के सभी कर्मकांड निषेध माने गए हैं।
उन त्योहार, पर्व या उत्सवों को मनाने का महत्व अधिक है जिनकी उत्पत्ति स्थानीय परम्परा, व्यक्ति विशेष या संस्कृति से न होकर जिनका उल्लेख वैदिक धर्मग्रंथों, धर्मसूत्रों और आचार संहिता में मिलता है। ऐसे कुछ पर्व हैं और इनके मनाने के अपने नियम भी हैं। इन पर्वों में सूर्य-चंद्र की संक्रांतियों और कुम्भ का अधिक महत्व है। सूर्य संक्रांति में मकर सक्रांति का महत्व ही अधिक माना गया है।
15.यज्ञ कर्म : वेदानुसार यज्ञ पांच प्रकार के होते हैं-1.ब्रह्मयज्ञ, 2.देवयज्ञ, 3.पितृयज्ञ, 4.वैश्वदेव यज्ञ और 5.अतिथि यज्ञ। उक्त पांच यज्ञों को पुराणों और अन्य ग्रंथों में विस्तार दिया गया है। वेदज्ञ सार को पकड़ते हैं विस्तार को नहीं।
16.वेद पाठ : कहा जाता है कि वेदों को अध्ययन करना और उसकी बातों की किसी जिज्ञासु के समक्ष चर्चा करना पुण्य का कार्य है, लेकिन किसी बहसकर्ता या भ्रमित व्यक्ति के समक्ष वेद वचनों को कहना निषेध माना जाता है।

रोज़ देख तो सकते हो पर तोड़ नहीं सकते

पत्नी रात को आसमान के तारों 💫 की तरफ देखते हुए (अपने पती से)- "बताओ जी, वो कौन सी चीज़ है, जो तुम रोज़ देख तो सकते हो पर तोड़ नहीं सकते???
पति - नहीं मैं नहीं बताऊँगा!!
पत्नी : बताओ ना प्लीज़!!आपको मेरी कसम!!
पति : तेरा मुँह..!!!

क़ुरआन का सन्देश

 
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