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22 जून 2015

कांग्रेस के नेता गहलोत के बेटे पर आरोप-अपनी ही कंपनी को ऊंचे भाव में बेचे शेयर

फाइल फोटो: अशोक गहलोत के बेटे वैभव।
फाइल फोटो: अशोक गहलोत के बेटे वैभव।
जयपुर (राजस्थान). पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने का आरोप लगाकर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को घेरने वाली कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे की कंपनी को लेकर कठघरे में आ गए हैं। गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और उनकी कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दर्ज कराई गई है। वैभव पर आरोप है कि उन्होंने खुद कंपनी बनाई और फिर उसी कंपनी को ज्यादा भावों में शेयर बेच दिए।
क्या है आरोप?
ईडी को शिकायत करने वाले सोनी ने बताया कि वैभव गहलोत ने 15 मार्च, 2007 को ट्राइटोन होटल रिसॉर्ट प्रा. लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन कराया। आरोप है कि वैभव ने अपनी कंपनी के शेयर मॉरिशस की कंपनी शिवानार को करीब 40 हजार रुपए प्रति शेयर के हिसाब से बेचे। जबकि शेयर बाजार के हिसाब से उनकी तब कीमत केवल 87 रुपए थी। 31 मार्च, 2011 को कंपनी के 5.40 लाख शेयर में से करीब 2.52 लाख शेयर शिवानार ने खरीद लिए। आरोप लगाया गया है कि मॉरिशस में इस कंपनी का पता भी फर्जी है और कंपनी भी वैभव गहलोत की ही है।
शिकायत के साथ पेश किए सबूत
अशोक गहलोत के बेटे के खिलाफ यह शिकायत जन समस्या निवारण मंच के प्रमुख सूरज सोनी ने दर्ज कराई है। सोनी ने शिकायत के साथ वे सभी सबूत पेश किए हैं, जिनमें वैभव की कंपनी की बैलेंस शीट से लेकर अन्य कंपनियाें की ओर से खरीदे गए शेयरों का हवाला दिया गया है।उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वैभव की कंपनी के खिलाफ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाए थे।

महिला से सामूहिक दुष्कर्म, पीटा और निर्वस्त्र छोड़कर भागे

महिला से सामूहिक दुष्कर्म, पीटा और निर्वस्त्र छोड़कर भागे
खंडवा(इंदौर). मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में छह से ज्यादा बदमाशों ने महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया। मारपीट भी की। फिर निर्वस्त्र अवस्था में छोड़ भाग गए। लहूलुहान महिला रविवार सुबह कब्रस्तान क्षेत्र पहुंची। यहां महिलाओं ने उसकी मदद की। उसे कपड़े पहनाए। सूचना पर पुलिस ने रातभर सर्चिंग कर चार बदमाशों को गिरफ्तार किया। शेष आरोपियों की तलाश जारी है।
घटना शनिवार रात की है। पीड़िता ने क्षेत्र के लोगों को बताया भूरू तांगेवाला, संतोष उर्फ संतु और साथियों ने उससे दुष्कर्म किया। पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर कब्रस्तान क्षेत्र के लोगों ने भास्कर को रविवार रात 12 बजे घटना की जानकारी दी। भास्कर की सूचना पर एसपी महेंद्रसिंह सिकरवार ने निर्देश जारी किए। पुलिस ने रातभर सर्चिंग कर आरोपी भूरू, संतु, भोपाली और ब्रुसली नामक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। जिला अस्पताल में भर्ती देशगांव क्षेत्र की पीड़िता ने पुलिस को बताया मैं एक सप्ताह पहले घर से बगैर बताए चली गई थी।
रेलवे स्टेशन पर घूमते-घूमते आबना नदी के पुल पर आ गई। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाऊं। पांच-छह लड़के नदी के पास घूम रहे थे। वह मेरे पास आए। मैंने उनसे कहा भैया ये कौन सी जगह है। भूख लगी है, कुछ खाने को मिलेगा। बस्ती कहां पर है। युवकों ने कहा चलो हमारे साथ खाना खिला देंगे। मुझे जबरदस्ती अपने साथ जंगल ले गए। विरोध करने लगी तो मारपीट की। इससे मेरी आखें, हाथ, पैर, पीठ बुरी तरह जख्मी हो गए। शनिवार शाम होते ही बदमाशों ने मेरे साथ दुष्कर्म करना शुरू कर दिया। बदमाशों के पास शराब की बोतल थी। रविवार सुबह बदमाश चले गए। मैं जैसे-तैसे वहां से निकली। कब्रस्तान के गेट के पास हसीनाबाई और अकबरी ने मुझे निर्वस्त्र अवस्था में देखा और कपड़े पहनाएं।
छह से ज्यादा आरोपी, चार नामजद
सीएसपी अभिषेक दीवान ने बताया महिला के बयान पर आरोपी भूरू तांगेवाला उर्फ अमजद, संतोष उर्फ संतु, सुरेश उर्फ भोपाली, राजेश उर्फ गुड्डू उर्फ ब्रुसली के खिलाफ धारा 366 (अपहरण), 376 घ (सामूहिक दुष्कर्म), 323 (मारपीट) सहित एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर हिरासत में लिया है। शेष आरोपियों की तलाश जारी है। मामले की जांच अजाक डीएसपी आरएस सोलंकी को दी है।

मदद करने वालों का सम्मान करेंगे
महिला की मदद कर पुलिस को सूचना देने वाले लोगों का सम्मान करेंगे। लोगों से हमारी अपील है कि वे ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ खुलकर सामने आए। पुलिस उन्हें सुरक्षा भी देगी और सम्मान भी करेगी। पीड़िता की जिन महिलाओं ने मदद की उनका सम्मान करेंगे।
- महेंद्रसिंह सिकरवार, एसपी

मक्का शहर


दुनिया का सबसे बेहतर सबसे उत्तम और सब
से उन्नत शहर
किसी भी मायने किसी भी नज़रिये से देख लिया
जाये ।
चोरी - नहीं
हत्या - नहीं
बलात्कार - नहीं
शोषण - नहीं
सम्पदा - सबसे अधिक
विदेशी आवागमन - सर्वाधिक
किसी भी प्रकार का टैक्स - बिलकुल नहीं
पेट्रोलियम - फ़िल्टर पानी के भाव
चिकित्सा - निशुल्क
बिजली - निशुल्क
पानी - निशुल्क
ईमानदारी ऐसी की कही ताले नहीं लगाये जाते ।
उपभोग के साधन - दुनिया में सबसे बेहतर
resources - VVIP level
economy - best
infrastructue - top level
Import /export - expert quality
governance - best quality
Management - human interruptable
Law and order - best in case
आखिर क्या कारण है की एक बंजर रेगिस्तान में
बसा शहर आज दुनिया में सबसे उन्नत है जबकि हमारे
प्यारे रसूल के आने से पहले लोग इसे जो होने
और जैसा होने का दावा करते हैं।
क्या ये लोग ऐसा उन्नत और पाक शहर
दुनिया के किसी भी कोने में बना के दिखा सकते
हैं।
कितनी भी दलील दे दो इस्लाम और मुसलमानो के
खिलाफ ये इस्लाम ही है जो इसे दुनिया में सबसे
बेहतर बनाता है।
खुली चुनौती हे तुम्हे मेरे भटके हुए भाइयो । यहाँ
तुम्हारी हर एक दलील खोखली साबित होती है ।
ये शहर किसी चंदे या मज़हब के धंधे से
नहीं बसा है ।
ये वो शहर ऐ जो हज करने का खर्च
भी खुद देता और security amount भी वापस कर
देता है । जिसे हमारी सरकार खा जाती है।
: हिन्दू/मस्लिम सभी भाई इसपर गौर करें..
मैं बात कर रहा हूँ इस्लाम के आख़िरी नबी
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम°)की..ं
आप (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम°)
ने औरतों के हक़ में उस वक़्त आवाज़ उठाई जिस दौर
में
बेटियों को जिंदा दफना दिया जाता था और
विधवाओं को जीने तक का अधिकार न था...
हाँ ये वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही
°वसल्लम°) हैं
जिन्होंने एक गरीब नीग्रो बिलाल
(रजि अल्लाहू ) को अपने गले से लगाया,
अपने कंधों पर बैठाया, और इस्लाम का पहला
आलिम मुक़र्रर किया....
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम)
जिन्होंने कहा की
मज़दूर का मेहनताना उसका पसीना सूखने से पहले
अदा करो, मज़दूर पर उसकी ताक़त से ज़्यादा बोझ
न डालो, यहाँ तक की काम में मज़दूर का हाथ
बटाओ....
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने कहा की वो इंसान मुसलमान नहीं हो
सकता जिसका पड़ोसी भूखा
सोये, चाहे वो किसी भी मज़हब का हो...
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने कहा की अगर किसी ग़ैर मुस्लिम पर
किसी ने ज़ुल्म किया तो अल्लाह की अदालत में
वो खुद उस ग़ैर मुस्लिम की वक़ालत करेंगे....
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने अपने ऊपर कूड़ा फेंकने वाली बुज़ुर्ग औरत
का जवाब हमेशा मुस्कुरा कर दिया और
उसके बीमार हो जाने पर ख़ुद खैरियत पूछने जाते
हैं....
हाँ वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही
°वसल्लम°)
जिन्होंने कहा की दूसरे मज़हब का मज़ाक न
बनाओ...
वही मुहम्मद (सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम
°)
जिन्होंने जंग के भी आदाब तय किये की सिर्फ
अपने बचाव में ही हथियार उठाओ...
बच्चे, बूढों और औरतों पर हमला न करो बल्कि पहले
उन्हें
किसी महफूज़ जगह पहुँचा दो...यहाँ तक
की पेड़ पौधों को भी नुकसान ना पहुचाने की
हिदायत दी...
उसी अज़ीमुश्शान शख्सिअत के बारे में लिखते
लिखते कलम थक जायगी मगर उसकी शान
कभी कम न होगी.
उन पर हमारी जान कुर्बान....
आजकल हिन्दु/गैर-मुस्लिम भाई बहुत परेशान रहते हे
इस्लाम को लेकर.... उनको बताना चाहुंगा कि
अगर कोई इन्सान गलती करता हे तो वो इन्सान
बुरा होता है उसका धर्म/मज़हब नही....
२१ वीं सदी मे बहुत ऐसे लोग हैं जो दुनिया मे इतना
मग्न हो गये है कि जिनको खुद इस्लाम की नोलैज
नही हे तो बो बच्चो को क्या इस्लाम के बारे मै
बताऐंगे..
याद रखो... इस्लाम १००% पाक ओर साफ मज़हब
हे..
किसी के कहने सुनने पर इसे बुरा ना कहो...
और
अब भी अगर आपके दिमाग मे इस्लाम को लेकर
कोई गलतफैमी है तो आप खुद मुहम्मद (सल्लल्लाहु
°अलयही°वसल्लम) की जीवनी(लाइफ हिस्ट्री)
पड़कर देखें... आपको जर्रा (पौइंट) बराबर भी
गलती नजर नही आयेगी..!!!
अगर कोई मुस्लिम गलती/बत्तमीजी करता दिखे
तो आप उससे सिर्फ इतना बौलना की क्या नबी
( मुहम्मद सल्लल्लाहु°अलयही°वसल्लम) ने आपको
यही सिखाया है??? तुमको नबी का ज़रा भी डर
नहीं.????
सच्चा मुसलमान होगा तो शर्म से पानी पानी
होकर तौबा कर लेगा..!!!!

हर रोज़ थका-हारा,

लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।

शोषित की आवाज़ जली

शोषित की आवाज़ जली है,इन्साफों के द्वार जले,
वाणी की अभिव्यक्ति जली है,संविधान के सार जले,
इन्कलाब के ग्रन्थ जले हैं,जन गन मन का गान जला,
पत्रकार का जिस्म न कहिये,पूरा हिंदुस्तान जला,
निडर और निर्भीक,शब्द का साधक,सच का राही था,
भ्रष्टों के सिर पर जूता था,सच्चा कलम सिपाही था,
कलम उठाकर लड़ बैठा वो,सत्ता चूर दबंगों से,
और बगावत कर बैठा,सरकारी चंद लफंगों से,
मगर लोहिया के बेटों ने उनका कर्ज उतार दिया,
पत्रकार को घर में घुस जिंदा जलवाकर मार दिया
क्या कोई कर लेगा हम तो यूँ ही घुस कर मारेंगे,
डाकू को डाकू कहने वालो की खाल उतारेंगे,
इसीलिए तो शायद गुंडे सत्ता मद में झूम रहे,
जिन्हें जेल में होना था वो खुलेआम ही घूम रहे,
हत्यारों के सिर पर नेता कृपा बनाए बैठे हैं,
नही बोलते कुछ भी मुहं में दही जमाये बैठे हैं
और "भारती यश"लेकर कवि शायर भी चुप बैठे हैं,
युवा देखिये लैपटॉप को दोनों हाथ समेटे हैं,
मुझे नही ख्वाहिश इन सबकी,बात बताने आया हूँ
पिता जला,उन बच्चों की बस हाय सुनाने आया हूँ,
मुझे मौत का खौफ नही हर खौफ मिटाकर आया हूँ
मैं मुठ्ठी में उस जगेन्द्र की राख उठाकर आया हूँ
मैं वाणी का पुत्र,कलम का सैनिक,पानीदार हूँ मैं,
मुझको भी जिंदा जलवा दो जलने को तैयार हूँ मैं,

क्या है नींद :- आयुर्वेद की नज़रो मे


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नींद एक ऐसी प्रवृति जिसका सम्यक रूप से आना
उतना ही आवश्यक है जितना जीने के लिये
भोजन!
कहा जाता है कि सृष्टि की उत्पति से पूर्व
अंधियारा (तम/डार्क मैटर) का बाहुल्य था
,और कहीं न कहीं ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के पीछे
इसे मूल कारण माना गया है !जैसा की इस सूत्र में
वर्णित है:
लोकादिसर्गप्रभवा तमो मूला तमोमयी।
बाहुल्यात्तमसौ रात्रौ निद्रा प्रायेण जायते।।
सन्दर्भ: अ.स.सू. 9/38
अर्थ है कि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति तम
( अंधियारे) से हुई है और हमारे पिंड शरीर की
ब्रह्माण्ड से साम्यता होने के कारण तम गुण के
बढने से रात्रि ( अन्धकार) में नींद आती है।
वैसे शरीर द्वारा नींद आने का कारण शास्त्रों में
कुछ यूँ बताया गया है:
श्लेष्मावृतेसु स्रोत:सु श्रमादुपरतेसु च।
इन्द्रीयेषु स्वकर्मभ्यो निद्रा विशति देहिनम।।
सन्दर्भ: अ.स.सू. 9/39
भोजन के पाचन के दौरान आहार रस से उत्पन्न
श्लेष्मा के कारण स्रोतस ढक जाते हैं और
इन्द्रियाँ अपने विषयों से थोड़े समय के लिये अलग
हो जाती है और हमें नींद आ जाती है।
अब आप यह भी जानना चाहेंगे की भई फिर
आयुर्वेद के अनुसार स्वप्न क्यूँ आते हैं?
तो इसका उत्तर भी जान लीजिये:
सर्वेन्द्रियव्युपरतौ मनोs नुपरतम यदा।
विषयेभ्यस्तदा स्वपनं नानारुपम प्रपश्यति।।
सन्दर्भ: अ.स.सू.9/40
अर्थ है इन्द्रियाँ अपने विषयों से निवृत तो हो
जाती हैं परंतु उभय इन्द्रिय मन निवृत नहीं हो
पाता है फलस्वरूप स्वप्न आते हैं।
ये तो रही नींद और सपनो की बात ।अब आप यह
भी जानना चाहेंगे कि नींद के आने या न आने से
फर्क क्या पड़ता है?
लीजिये यह भी जान लीजिये:
निद्रायत्तम सुखं दु:खं पुष्टि कार्श्य बलाबलम।
वृषता क्लीवता ज्ञानमज्ञानम् जीवितं न च ।।
सन्दर्भ:अ.स.सू.9/41
अच्छी नींद सुख ,शरीर को पोषण देनेवाली,बल
प्रदान करनेवाली ,वृष्य ( सामर्थ्य) एवं
जीवनदायनी होती है,इसके विपरीत नींद नहीं
आना दुःख,कमजोरी,नपुंसकता,अज्ञान और मृत्यु
का कारण होती है।
नींद न ज्यादा न कम (सम्यक ) होनी चाहिये।
समय के विपरीत (कुसमय),समय पर अधिक नींद एवं
बिलकुल नहीं सोना सुख एवं आयु को नष्ट करने
वाला होता है ,जिसे कालरात्रि से सम्बोधित
किया गया है।
कहा गया है कि:
सैव युक्ता पुनर्युक्ते निद्रादेहम सुखायुषा।
योगिनाभियोगिनौ बुद्धिनिर्मला तपसा
यथा।।
सन्दर्भ: अ.स.सू.9/43
अच्छी नींद शरीर को सुख एवं आयु को निर्मलता
ठीक उसी प्रकार प्रदान करती है जैसा की
योगियों को तत्वज्ञान होने पर बुद्धि निर्मल
हो जाती है।
अब आप यह भी जानना चाहेंगे कि आयुर्वेद के
नजरिये से रात में या दिन में सोने से क्या फर्क
पड़ता है?
लीजिये यह भी जान लीजिये:
रात्रौ जागरणं रुक्षं स्निग्धं प्रस्वप्नम दिवा।
अरुक्षमनभिष्यंदी त्वासिन प्रचलायितम।।
सन्दर्भ:अ.स.सू.9/44
स्पष्ट है कि रात में जागेंगे तो शरीर में रुक्षता
बढ़ेगी,दिन में सोयेंगे तो शरीर में स्निग्धता
बढ़ेगी…बैठे बैठे झपकी(थोड़ी नींद ) लेंगे तो न तो
रुक्षता बढ़ेगी और न स्निग्धता।
अब किस ऋतु में कब सोना चाहिये और कब नहीं
इसे भी आयुर्वेद के मनीषियों ने स्पष्ट किया है:
ग्रीष्मे वायुचयादानरौक्ष्यरात्र्यल्प भावतः।
दिवास्वप्नौहितो s न्यस्मिन कफपित्त करौ
हि सः।।
सन्दर्भ: अ.स.सू.9/45
ग्रीष्म ऋतु में वायु का संचय होता है और
आदानकाल होने के कारण शरीर में स्वाभाविक
रूप से रुक्षता उत्पन्न होती है अतः दिन में सोना
ठीक है, जबकि अन्य ऋतुओं में यह कफ एवं पित्त
दोष को बढाने का काम करता है।
(क्रमशः…..)
*उपरोक्त तथ्य आयुर्वेद के सन्दर्भ ग्रन्थ
अष्टांगसंग्रह (वाग्भट) से सन्दर्भ सूत्र सहित लियेhm
गये हैं, जिनका उद्देश्य सामान्य व्यक्ति तक
आयुर्वेद को पहुंचाना है

मुझे केवल पीट देते।

👆मुझे केवल पीट देते।
जिंदा क्यों जलाया
मौत से पहले आखरी बार रो रो कर कहा यूपी शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र ने।
शाहजहांपुर के शहर कोतवाल श्री प्रकाश राय पर आरोप है कि 5'6 पुलिस वालों के साथ पत्रकार के घर मे घुसकर उसे जिंदा जला दिया।
केवल इसलिये कि उस पत्रकार ने यूपी के दबंग मंत्री राममूर्ती वर्मा के खिलाफ लिखने का साहस किया।
पुलिस वाले तो सस्पेंड हो गये पर मंत्री जी अभी विराजमान हैं।
कैसा ये समय आ गया
जो बिकता नहीं
मार दिया जाता है।
देखिये ये विडीयो।। दोस्तो इस मैसेज को हर आदमी तक जरूर पहुचाओ जिस से देश जान सके की उत्तर प्रदेश मे इन पिता पुत्रो ने कितनी अराजकता मचा रखी है इनको मरते हुए आदमी के बयान की कोई परवाह नही है इनका निकम्मापन तो देखो । इनके एक सगे चाचा का बयान आया है की पहले जाँच कराएंगे हमारा मंत्री दोषी है की नही ।।

एक फौजी सचिन पायलेट कांग्रेस के बुरे दिनों को अच्छे दिनों में बदलने के लिए कामयाब कमांडर की तरह अपनी फौज के साथ जनता के संघर्ष मैदान में है

एक फौजी का बेटा ,,एक फौजी सचिन पायलेट कांग्रेस के बुरे दिनों को अच्छे दिनों में बदलने के लिए कामयाब कमांडर की तरह अपनी फौज के साथ जनता के संघर्ष मैदान में है और जनता का दिल जीत कर फिर से राजस्थान में कांग्रेस ज़िंदाबाद का सपना पूरा करना उनकी ज़िम्मेदारी है इसके लिए वोह एक समर्पित कांग्रेस सैनिक की तरह दिन रात एक कर राजस्थान की धरती पर अपनी विश्वसनीय सैनिक टीम के साथ कांग्रेस ज़िंदाबाद की जंग के मैदान में कूद पढ़े है ,,सचिन पायलेट ने राजस्थान की शीर्ष नेताओ ,,,राजस्थान प्रभारी गुरुदास कामत और सह प्रभारी मिर्ज़ा इरशाद बेग के नेतृत्व में प्रदेश के सभी संभागो में बढ़ी सभाए लेकर कांग्रेस के पक्ष में माहोल गरमा दिया है ,,सचिन पायलेट और उनकी टीम कोटा संभाग में कांग्रेस को मज़बूती देने के लिए जुलाई माह के पहले सप्ताह में प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत सहित वरिष्ठ नेताओ के साथ एक दिन का केम्प करेंगे ,,,सचिन पायलेट विकट परिस्थितियों में भी कांग्रेस की बिगड़ी स्थित को सुधारने के लिए एक कुशल जांबाज़ सैनिक की तर्ज़ पर संघर्ष करते रहे और स्थिति यह रही के विधानसभा चुनाव में जहाँ कांग्रेस को करारी हार मिली थी वहीं सचिन पायलेट के नेतृत्व में कांग्रेस की फौज ने अल्पसमय में ही हुए चार विधानसभा उप चुनाव में भाजपा से तीन सीटें छीन ली ,,कोटा दक्षिण भी अगर सचिन पायलेट के इशारो को समझकर एक जुट होकर लड़ी जाती तो यह सीट भी कांग्रेस की झोली में जा सकती थी ,,सचिन पायलेट ने विभिन्न मुद्दो पर कांग्रेस को सक्रिय किया ,,कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए हर माह विरोधस्वरूप कोई कार्यक्रम दिया उनके द्वारा नियुक्त जिला प्रभारियों और सह प्रभारियों ने पूरी वफादारी के साथ राजस्थान के हर क्षेत्र में नाराज़ कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ा ,,जिला कांग्रेस कमेटियों की गुटबाज़ी को समेटकर एक जुट करने का प्रयास किया ,नतीजा यह रहा के विकट परिस्थितियों में भी नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस करारी हार की स्थिति में होने के बाद भी एचीवर रही जबकि पंचायत चुनाव में तो सचिन पायलेट के नेतृत्व में कांग्रेस ज़िंदाबाद हो गयी ,,कोटा जैसी जगह पर बरसों बाद कांग्रेस का जिलाप्रमुख निर्वाचित हो सका ,,,,कुछ लोग है जो सचिन पायलेट की लगातार इस कामयाबी और कांग्रेस की मज़बूती से खुश नहीं है लेकिन सचिन अभी उनके साथ हम्दर्दाना अंदाज़ में समझाइश कर रहे है वरना सचिन पायलेट एक फौजी है और फौजी जानता है के दुश्मन के साथ केसा सुलूक होना चाहिए वोह कई कांग्रेस पदाधिकारियों की छुट्टी भी कर सकते है ,,,,,,सचिन पायलेट वर्ष उन्नीस सो सतत्तर में जन्मे उनका लालन पालन सियासी माहोल में हुआ पिता राजेश पायलेट केंद्र में मंत्री और प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पारिवारिक मित्र थे ,,माँ खुद विधायक थी ,,सचिन पायलेट का प्रधामंत्री के परिवार से ,,गांधी परिवार से विश्वास का रिश्ता रहा है ,,राहुलगांधी और सचिन साथ साथ खेले है तो सोनिया गांधी ने भी सचिन को गोद में खिलाया है सहारनपुर उत्तर प्रदेश में जन्मे सचिन ने दिल्ली से बी ऐ फिर एक साल का मार्केटिंग कोर्स किया इसके बाद यु एस ऐ से उन्होंने एम बी ए की डिग्री ली ,,सचिन ने माँ के पेट से सियासी हुनर सीखे तो इनके खून में फौजी का होसला रहा और इसीलिए सचिन पायलेट केंद्र में मंत्री रहते हुए पहले ऐसे मंत्री थे जिन्हे फौज में लेफ्टीनेंट की उपाधि यानी कमीशन दिया गया ,,सचिन ने अपने पिता का सपना पूरा किया अब वोह जनता का सपना पूरा करना चाहते है ,,राजस्थान की जनता ने उनसे उम्मीदें बनाई है उन्हें वोह पूरा करना चाहते है ,,,सचिन पायलेट ने राजस्थान में भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले हाड़ोती संभाग में सेंध लगाने के लिए रणनीति बनाई है यहां पंकज मेहता ,,नईमुद्दीन गुड्डू ,,प्रमोद भाया ,,रामगोपाल बैरवा ,,समर्थ शर्मा के नेतृत्व में कमांडिंग टीम बनाई है तो कोटा जिला प्रभारी धीरज गुर्जर के साथ तेज़ तर्रार कांग्रेस के प्रति समर्पित वफादार साथी विक्रम वाल्मीकि विक्की भय्या को भी जोड़ा है ,,,,सचिन पायलेट ने महिलाओं को भी पर्तीिनिधित्व दिया है और कोटा सह प्रभारी के रूप में रमा बजाज को भी ज़िम्मेदारी दी है ,,आगामी जुलाई माह के पहले सप्ताह में अगर केंद्रीय नेतृत्व का कोई विशिष्ठ कार्यक्रम नहीं हुआ तो निश्चित तोर पर लेफ्टीनेंट सचिन पायलेट अपनी पूरी टीम ,,अपनी पूरी फौज के साथ हाड़ोती संभाग में कांग्रेस को ज़िंदाबाद करने के लिए यलगार करेंगे ,,यहां वोह कांग्रेस के दोस्त दुश्मन की भी छटनी करेंगे ,,सचिन पायलेट ने एक सर्वे के तहत कांग्रेस के आस्तीन के साँपों को भी सूचीबद्ध किया है जिन्हे उन्होंने पहले समझाइश कर कांग्रेस के विधान के तहत अनुशासित रह कर एक दूसरे की मदद करने का प्रयास शुरू कर दिया है लेकिन अगर सभी समझाइशॉ के बावजूद भी ऐसे लोगों ने कांग्रेस को ज़िंदाबाद नहीं किया और नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो ऐसे लोगों को वोह घर का रास्ता भी दिखा सकते है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

माँ मैं एक पार्टी में गया था

माँ मैं एक पार्टी में गया था.
तूने मुझे शराब नहीं पीने
को कहा था,
इसीलिए बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे
और मैं सोडा पीता रहा.
लेकिन मुझे सचमुच अपने पर
गर्व हो रहा था
माँ,
जैसा तूने कहा था कि 'शराब पीकर
गाड़ी नहीं चलाना'.
मैंने वैसा ही किया.
घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं,
भले ही बाकी दोस्तों ने
मौजमस्ती के नाम पर
जमकर पी.
उन्होंने मुझे भी पीने के
लिए बहुत उकसाया था.
पर मैं अच्छे से जानता था कि मुझे
शराब नहीं पीनी है और मैंने
सही किया था.
माँ, तुम हमेशा सही सीख देती हो.
पार्टी अब लगभग खत्म होने
को आयी है और सब लोग अपने-अपने घर लौटने की तैयारी कर रहे हैं.
माँ ,अब जब मैं अपनी कार में बैठ
रहा हूँ तो जानता हूँ कि केवल कुछ
समय बाद मैं
अपने घर अपनी प्यारी स्वीट
माँ और पापा के पास रहूंगा.
तुम्हारे और पापा के इसी प्यार और
संस्कारों ने
मुझे जिम्मेदारी सिखायी और लोग
कहते हैं कि मैं
समझदार हो गया हूँ माँ, मैं घर आ
रहा हूँ और
अभी रास्ते में हूँ. आज हमने बहुत
मजा की और मैं बहुत खुश हूँ.
लेकिन ये क्या माँ...
शायद दूसरी कारवाले ने मुझे
देखा नहीं और ये भयानक टक्कर....
माँ, मैं यहाँ रास्ते पर खून से लथपथ हूँ.
मुझे पुलिसवाले की आवाज सुनाई पड़
रही है
और वो कह रहा है कि इसने नहीं पी.
दूसरा गाड़ीवाला पीकर चला रहा था.
पर माँ, उसकी गलती की कीमत मैं
क्यों चुकाऊं ?
माँ, मुझे नहीं लगता कि मैं और
जी पाऊंगा.
माँ-पापा, इस आखिरी घड़ी में तुम
लोग मेरे पास क्यों नहीं हो.
माँ, बताओ ना ऐसा क्यों हो गया.
कुछ ही पलों में मैं सबसे दूर हो जाऊँगा.
मेरे आसपास ये गीला-गीला और
लाल-लाल क्या लग रहा है.
ओह! ये तो खून है और
वो भी सिर्फ मेरा.
मुझे डाक्टर की आवाज आ रही है
जो कह रहे हैं कि मैं बच नहीं पाऊंगा.
तो क्या माँ,
मैं सचमुच मर जाऊँगा.
मेरा यकीन मानो माँ. मैं तेरी कसम
खाकर कहता हूँ कि मैंने शराब
नहीं पी थी.
मैं उस दूसरी गाड़ी चलाने वाले
को जानता हूँ.
वो भी उसी पार्टी में था और खूब
पी रहा था.
माँ, ये लोग क्यों पीते हैं और
लोगों की जिंदगी से
खेलते हैं उफ! कितना दर्द हो रहा है.
मानो किसी ने चाकू चला दिया हो या सुइयाँ चुभो रहा हो.
जिसने मुझे टक्कर मारी वो तो अपने
घर चला गया और मैं
यहाँ अपनी आखिरी साँसें गिन
रहा हूँ. तुम ही कहो माँ, क्या ये
ठीक हुआ.
घर पर भैया से कहना, वो रोये नहीं.
पापा से धीरज रखने को कहना.
मुझे पता है,वो मुझे कितना चाहते हैं
और मेरे जाने के बाद तो टूट
ही जाएंगे.
पापा हमेशा गाड़ी धीरे चलाने को कहते
थे.
पापा, मेरा विश्वास करो,
मेरी कोई गलती नहीं थी. अब मुझसे
बोला भी नहीं जा रहा.
कितनी पीड़ा!
साँस लेने में तकलीफ हो रही है.
माँ-पापा, आप मेरे पास
क्यों नहीं हो. शायद
मेरी आखिरी घड़ी आ गयी है. ये
अंधेरा सा क्यों लग रहा है. बहुत डर
लग रहा है.
माँ-पापा प्लीज़ रोना नहीं. मै
हमेशा आपकी यादों में, आपके दिल में
आपके पास ही रहूंगा.
माँ, मैं जा रहा हूँ. पर जाते-जाते ये
सवाल ज़रूर पूछुंगा कि ये लोग पीकर
गाड़ी क्यों चलाते हैं.
अगर उसने पी नहीं होतीं तो मैं आज
जिंदा, अपने घर,
अपने परिवार के साथ होता.
मित्रो, इसको ज्यादा से
ज्यादा लोगों तक
पहुँचाए ताकि किसी के शराब
पीकर गाड़ी चलाने
से किसी और के घर का चिराग
ना बुझने पाय...!

विभीषण और एक कैकेयी..

रामायण मे दो ऐसे व्यक्ति थे...
एक विभीषण और एक कैकेयी...
विभीषण रावण के राज मे रहता था
फिर भी नही बिगडा...
कैकेयी राम के राज मे रहती थी
फिर भी नही सुधरी..!!

तात्पर्य...
सुधरना एवं बिगडना केवल मनुष्य के सोच
और स्वभाव पर निर्भर होता है

हारना तब आवश्यक हो जाता है

हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लङाई अपनों से हो।
....और.....
जीतना तब आवश्यक हो जाता है जब लङाई अपने आप से हो.
🙏मुझे जिंदगी का तजूर्बा तो नहीं
पर इतना मालूम है ,
छोटा आदमी बडे मौके पर
काम आ जाता है।
और
बड़ा आदमी छोटी सी बात पर
औकात दिखा जाता है !!!!

पुलीस महानिरीक्षक बनकर आये विशाल बंसल ने अपनी पुलिस इंजीनियरिंग के प्रयोग कोटा रेंज में क़ानून व्यवस्था मज़बूत करने में लगा दी है ,,

कोटा शहर के सफल पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल के बाद फिर से कोटा रेंज में पुलीस महानिरीक्षक बनकर आये विशाल बंसल ने अपनी पुलिस इंजीनियरिंग के प्रयोग कोटा रेंज में क़ानून व्यवस्था मज़बूत करने में लगा दी है ,,,,विशाल बंसल ने कल ही कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक का पदभार ग्रहण किया है ,,,,विशाल बंसल के लिए वैसे तो कोटा रेंज नई नहीं है ,,इस रेंज के कोटा ,,,कोटा ग्रामीण ,,बारां ,,झालावाड़ ,,बूंदी ज़िले में अपराध और अपराध की मनोवृत्ति को कैसे नियंत्रित किया जाए विशाल बंसल ने इस मामले में अपना काम शुरू कर दिया है ,,,कोटा रेंज में इन दिनों परिवर्तित दौर में राजनितिक धरने प्रदर्शन का आक्रामक माहोल तो होने ही वाला है ,,साथ ही कोटा में छात्र छात्राओ के बेनामी अपराध ,,अवैध चौथवसूली ,,,,धमका कर शरीफ लोगों से हफ्ता वसूली ,,,,,स्मेक का कारोबार ,,,,वाहनचोरो सहित चोर कबाड़ियों का कारोबार चल रहा है ,,,इस मामले में मेने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक कोटा रेंज को अपराध नियंत्रण में कुछ सुझाव दिए थे जिनपर कोटा शहर पुलिस से टिप्पणी लेकर उन्हें जस का तस लागू करने के भी पुराने निर्देश है ,,,विशाल बंसल का अपराध नियंत्रण का अपना तरीका है वोह हर मामले में पहले सूचनाये एकत्रित करते है फिर अपराधियों को दबोचने की कार्यवाही करवाते है ताकि अपराधी जड़ से ही क़ानून की जकड़ में हो ,,,विशाल बंसल सभी अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारियों के साथ विशवास का संबंध तो रखते है लेकिन अगर कोई अधीनस्थ जन विरोधी कार्यवाही करता है तो फिर उसे यह बख्शते भी नहीं है ,,अच्छा काम करने पर पुरस्कार ,, पहली बार अनजाने में गलती करने पर माफ़ी ,,लेकिन जानबूझ कर अपराधिक नियत से जनता के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती करने वाले को कठोर सज़ा देने का इनका अपना प्रशासन रहा है ,, राजस्थान के विभिन्न ज़िलों में पुलिस अधीक्षक का कार्य करते हुए अपराध नियंत्रण और अधीनस्थ अधिकारीयों से समन्वय का इनका अपना अनुभव है ,,,विशाल बंसल मुखबीर प्रणाली को मज़बूत करने पर विश्वास रखते है ,,जनता से सीधा सम्पर्क ,,जनता की शिकायतों की सीधी सुनवाई और उनका त्वरित निस्तारण विशाल बंसल का अपना अलग अंदाज़ है ,,,विशाल बंसल बीट प्रणाली को मज़बूत कर आधुनिक यंत्रो ,,सी सी टी वी कैमरों के माध्यम से पूरी रेंज के संवेदनशील हिस्सों पर सीधी नज़र रखने में माहिर है ,,,विशालबंसल सुनते सबकी है लेकिन करते जनहित में अपने मन की है ,,,, नो अकटूबर को जन्मे विशाल बंसल प्रारम्भ में इंजीनियर बनने का सपना लेकर इंजीनियरिंग क्षेत्र में आये और बी टेक करने के बाद जनता की सेवा के जज़्बे के साथ उन्होंने आई पी एस की परीक्षा अच्छी रेंक लेकर पास की ,,,अब विशाल बंसल की इंजीनियरिंग आधुनिक पुलिसिंग में उनकी मददगार बनी है ,,,विशाल बंसल सोशल इंजीन्यरिंग के साथ साथ पुलिस अपराध नियंत्रण इंजीनियरिंग में जुट गए है ,,विशाल बंसल को सियासी तालमेल के साथ अपराधनियंत्रण निर्भीकता और निष्पक्षता से करना खूब आता है ,,,,कोटा रेंज में विशाल बंसल को आम जनता की सुनवाई और प्रस्तुत शिकायतों के निराकरण का समयबद्ध कार्यक्रम चलाना होगा ,,इसके लिए जिला स्तर पर अगर यह सुनवाई निर्धारित समयावधि में शुरू की जाकर खुद के नियंत्रित मॉनिटरिंग में उनका निराकरण हुआ तो निश्चित तोर पर विशालबंसल के प्रशासनिक अनुभव का लाभ आम जनता ,,पीडितो को भी मिल सकेगा ,,,इस के लिए विशाल बंसल को सभी ज़िलों ,,,थानो और रेंज की शानति समितिया ,,,सी एल जी समितियां ,,जवेनाइल पुलिस यूनिट वगेरा जैसी समितियों का खुद अपनी जानकारी के हिसाब से पुनर्गठित करना होगा ताकि सुचना के आदान प्रदान का पुख्ता इंतिज़ाम हो सके और अपराधिक छवि ,,दलाली छवि वाले लोग पुलिस को बदनाम ना कर सकै ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कौन कहता है

कौन कहता है कि दुनियाँ आपकी परवाह
नहीं करती हैं।
कभी दिन में हेड लाइट जलाके बाइक चला कर
तो देखो।
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कम से कम सौ लोग टोकेगें।

पढ़े और ग़ौर करें


एक मरतबा हज़रत मूसा अलैहीस्सलाम ने अल्लाह से पूछा : ऐ अल्लाह..जब तू ख़ुश होता है तो क्या करता है..?
रब्बे कायनात ने फरमाया : मैं उस दिन बारिश बरसाता हूँ ।
मूसा अलैहीस्सलाम ने फिर पूछा - ऐ अल्लाह..जब तू ज़्यादा ख़ुश होता है तो क्या करता है..?
अल्लाह तआला इर्शाद फरमाता है मैं उस दिन ज़मीन पर बेटियों को पैदा करता हूँ ।
हज़रत मूसा अलैहीस्सलाम ने फिर पूछा - ऐ अल्लाह..जब तू सबसे ज़्यादा ख़ुश होता है तब क्या करता है..?
बारी तआला ने इर्शाद फरमाया : मैं उस दिन लोगों के घर मेहमान भेजता हूँ ।
सुभानअल्लाह
और आज अल्लाह की यही नेमतें ऐसी हैं , जो इन्सान से बर्दाश्त नहीं होतीं ।
1- बेटी
2- बारिश
3- मेहमान

👆 अल्लाह ने अपने बन्दों पे नेमते की जिनमे ऐ तीन है
🐛 अनाज में कीड़े पैदा कर दिये वर्ना लोग इसे सोने और चाँदी की तरह ज़खीरा कर लेते और लोग भूखे मर जाते
२ 💮 मौत के बाद मुर्दे के जिस्म में बदबू पैदा की वरना लोग अपने प्यारो को दफन ना करते
👼 मुसीबत के बाद सबर और सकून दिया वरना ज़िन्दगी कभी खुशगवार ना होती
📖 क़ुरान पाक को सुनने से कैंसर नहीं होता बल्की कैंसर अगर हो तो वो भी मर जाता है
📢 नमाज़ में लम्बे सजदे करने से ज़ेहन तेज़ होता है
👼 और सर दर्द और बाल गिरने से बचाता है
👆 तशहूद के दौरान ऊँगली उठाने से दिल मज़बूत होता है
🛀 वो कौन सा पानी हे जो क़यामत के रोज़ नेकियों के साथ तराज़ू में रखा जायेगा
🍶 वज़ू का पानी
🚶 अगर आप किसी को बता देंगे तो ये सदक़ा ऐ जरिया होगा
🙏 पलीज़ किसी एक को जरूर सेंड करे
👆 अल्लाह पाक हमें कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाये

क़ुरान का सन्देश

 
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