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24 जून 2015

बीजेपी मिनिस्टर पंकजा पर 206 करोड़ के घोटाले का आरोप, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

फाइल फोटो- महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे।
फाइल फोटो- महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे।
मुंबई. महाराष्ट्र सरकार में वुमेन एंड चिल्ड्रेन डेवलपमेंट मिनिस्टर पंकजा मुंडे पर 206 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा है। आरोप है कि मुंडे ने नियमों की अवहेलना कर आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए खरीदी जाने वाली चीजों के लिए कॉन्ट्रैक्टर को ठेका दे दिया। उधर, कांग्रेस ने इस मामले में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी घसीट लिया है। पार्टी ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से पंकजा मुंडे को पद से हटा देने चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने बुधवार को कहा, ''बिना टेंडर के मनपसंद कंपनी को ऑर्डर दिए गए। बच्चों को दूषित खाना दिया जा रहा है। इसकी हाईकोर्ट के जज से जांच होनी चाहिए। सीएम भी इसके लिए बराबर के जिम्मेदार हैं।'' वहीं, पंकजा मुंडे ने पूरे मामले पर कहा कि नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। मुंडे ने कहा, ''मैं महिलाओं और बच्चों के लिए बेस्ट करने के लिए पद पर हूं। बिना समुचित जानकारी के किसी खबर को सनसनीखेज बनाने से लोगों का सिस्टम में भरोसा कम होता है।''
क्या है आरोप
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, पंकजा मुंडे 15 जून को अहमदनगर जिला परिषद की प्रेसिडेंट मंजूश्री गुंड ने एक लेटर लिख कर बताया कि सरकार की ओर से आदिवासी स्टूडेंट्स में बांटे जा रहे मूंगफली पट्टी या चिक्की (मूंगफली के दाने और गुड़ से तैयार होने वाला) में मिट्टी मिली है। मंत्री होते हुए मुंडे ने ही अन्य सामान जैसे चटाई, किताब, वाटर फिल्टर्स के साथ ही चिक्की की खरीदारी को मंजूरी दी थी। आरोप है कि मुंडे ने नियमों की अवहेलना कर कॉन्ट्रैक्टर को 206 करोड़ रुपए का ऑर्डर दे दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि बिना टेंडर बुलाए मनपसंद कंपनियों को ये आदेश दिए गए। मुंडे ने 13 फरवरी को 24 गवर्नमेंट रिजोल्यूशन के जरिए खरीददारी का आदेश दिया था। पंकजा मुंडे द्वारा एक दिन में 24 गवर्नमेंट रिजॉल्यूएशन लाया गया जो कि महाराष्ट्र में एक रिकॉर्ड है।
कहां हुई गड़बड़ी
* चिक्की के लिए 80 करोड़ रुपए का कंट्रैक्ट दे दिया गया। जिस एनजीओ को कंट्रैक्ट दिया गया सरकार उसकी मैन्यूफैक्चरिंग के बारे में अनभिज्ञ है।
* बच्चों के लिए 5.6 करोड़ रुपए की किताब खरीदी गई। इस रकम के भुगतान के लिए चेक को प्रेस मालिक के पर्सनल अकाउंट के नाम से जारी किया गया था, कंपनी के नाम से नहीं।
* 4500 करोड़ रुपए की लागत से वाटर फिल्टर लगाने का प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। नियमों की अवहेलना करते हुए मुंडे की टीम ने ऑर्डर एक ऐसी कंपनी को दे दिया जिसके पास मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट ही नहीं था।
* 6 और 18 करोड़ रुपए के दो कंट्रैक्ट दो कंपनियों को दिए गए। एक ही मशीन को खरीदने के लिए दो जीआर जारी किए गए। इन मशीनों की खरीदारी बच्चों का वजन मापने के लिए की जाने वाली थी।
* 720 रुपए लागत की मेडिकल किट को 500 रुपए की लागत तक ला दिया गया। कहा जा रहा है कि मुंडे ने कंट्रैक्टर को केवल 500 में ही दवा देने के लिए आदेश दिया था।
टि्वटर पर निशाने पर
घोटाले का आरोप लगने के बाद पंकजा सोशल साइट ट्विटर के यूजर्स के निशाने पर आ गईं। #Pankaja Munde बुधवार दोपहर ट्रेन्डिंग टॉपिक में रहा। ट्विटर यूजर्स इसे महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार का पहला घोटाला बता रहे हैं। 


 

कांग्रेस ने जारी किया ललित मोदी के समर्थन में वसुंधरा के सिग्नेचर वाला दस्तावेज

कांग्रेस ने ललित मोदी के समर्थन में वसुंधरा के दस्तखत वाला दस्तावेज टि्वटर पर भी रिलीज किया।
कांग्रेस ने ललित मोदी के समर्थन में वसुंधरा के दस्तखत वाला दस्तावेज टि्वटर पर भी रिलीज किया।
नई दिल्ली. भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के समर्थन में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के दस्तखत वाला एक दस्तावेज कांग्रेस ने बुधवार को जारी किया। कांग्रेस के मुताबिक, 2011 में राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया ने ब्रिटेन सरकार को ललित मोदी के इमिग्रेशन एप्लिकेशन के समर्थन में यह दस्तावेज भेजा, जिस पर उन्होंने खुद दस्तखत किए हैं।
क्या है दस्तावेज में
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस दस्तावेज को सार्वजनिक करते हुए वसुंधरा को बर्खास्त करने की मांग की। रमेश ने कहा, ''पर्दे खुल गए, राज बाहर आ चुका है। 18 अगस्त 2011 को ललित मोदी के इमिग्रेशन के मामले का समर्थन करने वाला ब्रिटिश सरकार को भेजा गया वसुंधरा द्वारा साइन किया गया दस्तावेज आपके सामने है।'' दस्तावेज में राजे ने लिखा है, ''मैं ललित मोदी की ओर से किसी भी इमिग्रेशन एप्लिकेशन के समर्थन में यह बयान दे रही हूं। हालांकि, मैं ऐसा इस शर्त के कड़ाई से पालन की दशा में कह रही हूं कि मेरे समर्थन को भारतीय अधिकारियों के सामने सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।''
शाह, मोदी पर निशाना
रमेश ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि कागजी सबूत मिलने पर कार्रवाई करेंगे। अब राजस्थान की मुख्यमंत्री के इस मामले में शामिल होने के कागजी सबूत मिल गए, इसलिए शाह को अब वसुंधरा से इस्तीफा ले लेना चाहिए। रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। जयराम रमेश ने कहा कि खुद को स्वघोषित पारदर्शिता का चैंपियन बताने वाले और अपनी सरकार का एक साल पूरा होने पर किसी भी घोटाले के सामने न आने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री क्या अब किसी तरह की जिम्मेदारी लेंगे? रमेश ने कहा कि करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले प्रधानमंत्री के पास अब और कोई रास्ता नहीं बचा है।

75 साल के ऊपर के नेताओं को मोदी ने घोषित किया ब्रेन डेड: यशवंत सिन्हा

फाइल फोटो- बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा।
फाइल फोटो- बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा।
नई दिल्ली. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वाजपेयी सरकार में वित्तमंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी किए जाने से नाराज सिन्हा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि 26 मई 2014 को केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद बीजेपी में 75 साल से ऊपर के सभी लोगों को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया है। यशवंत सिन्हा वर्तमान वित्त राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के पिता हैं। बता दें कि हाल ही में बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी देश में आपातकाल फिर से लागू होने की आशंका जाहिर की थी। कुछ ही दिन पहले वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी मोदी सरकार के 'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए थे। मोदी और अमित शाह पर बीते कुछ वक्त से बीजेपी के सीनियर नेताओं की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं।
'मेक इन इंडिया' पर पीएम को नसीहत
सिन्हा ने ताजा बयान मंगलवार को एक आद्यौगिक संगठन के कार्यक्रम में दिया। कार्यक्रम में शामिल हुए यशवंत सिन्हा 'नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह के बीच क्या अंतर है' इस विषय पर बोल रहे थे। इस बयान में सिन्हा ने खुद को भी बीजेपी के ब्रेन डेड लोगों में शामिल बताया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिन्हा ने मोदी के 'मेक इन इंडिया' पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी को पहले 'मेक इन इंडिया फर्स्ट' भारत बनाना चाहिए, बाकी सब इसके बाद हो जाएगा। पीएम मोदी को नसीहत देते हुए पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया बनाने के लिए पहले सरकार को हेवी इक्वीमेंट्स पर ड्यूटी घटानी चाहिए,ताकि हाईवे, सड़क और बिल्डिंग निर्माण में तेजी आए। उन्होंने कहा कि हाईवे देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं, ऐसा करने से ही मेक इन इंडिया का मतलब साकार हो सकेगा। सिन्हा ने बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि 80 की उम्र के ये नेता अब पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में भेज दिए गए हैं। अब वे सिर्फ पार्टी के मेंटर भर रह गए हैं।
शत्रुघन सिन्हा भी उठा चुके हैं सवाल
पार्टी के सीनियर नेताओं की अनदेखी को लेकर अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघन सिन्हा भी सवाल उठा चुके हैं। वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री शत्रुघन को मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया है। पार्टी के सीनियर नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेजे जाने पर सिन्हा ने कहा था, ''मंत्रियों का चुनाव करते समय उनके मैरिट और मेंटल अलर्टनेस का ध्यान रखा जाना चाहिए न कि उनकी उम्र का।'' सिन्हा ने कहा था आडवाणी और जोशी की बुद्धिमत्ता और उनकी शारिरिक फिटनेस पर आज भी कोई सवाल नहीं उठा सकता।

क़ुरान का सन्देश

 
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