आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

25 जून 2015

इमरजेंसी के बंदियों का सम्मान: 19 महीने जेल में रहे आडवाणी को भूली बीजेपी



फाइल फोटो- लालकृष्ण आडवाणी और पीएम नरेंद्र मोदी।
फाइल फोटो- लालकृष्ण आडवाणी और पीएम नरेंद्र मोदी।
नई दिल्ली. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इमरजेंसी के 40 साल पूरे होने पर उस दौरान बंदी बनाए गए नेताओं को सम्मानित किया। खास बात यह रही कि इस कार्यक्रम में पार्टी अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भूल गई। सूत्रों के मुताबिक 'आपातकाल' को लेकर कुछ दिन पहले दिए गए आडवाणी के बयान से नाराज बीजेपी नेताओं ने उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता तक नहीं भेजा। सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ सालों से बीजेपी इमरजेंसी पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। इन कार्यक्रमों में लालकृष्ण आडवाणी हर बार मुख्य अतिथि होते थे, लेकिन इस बार उन्हें न्योता भी नहीं भेजा गया। इमरजेंसी के दौरान आडवाणी 19 महीने तक जेल में बंद रहे थे।
इमरजेंसी में 19 महीने जेल में बंद रहे थे आडवाणी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में बंद रहे थे। बावजूद इसके उन्हें इमरजेंसी के दौरान बंदी हुए नेताओं के सम्मान समारोह में किसी भी रूप में शामिल होने के लिए नहीं बुलाया गया। हालांकि इस बारे में पार्टी की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
क्या कहा था आडवाणी ने?
आडवाणी ने हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा था, 'भारत की राजनीतिक व्यवस्था अब भी इमरजेंसी के हालात से निपटने के लिए तैयार नहीं है और भविष्य में भी नागरिक अधिकारों के ऐसे निलंबन की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा-तंत्र के बावजूद, मौजूदा समय में लोकतंत्र को कुचलने वाली ताकतें मजबूत हैं।'
पहले भी हो चुकी है आडवाणी की अनदेखी
पार्टी के किसी अहम कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता आडवाणी की अनदेखी हुई है ऐसा पहली बार नहीं है। इससे पहले भी 6 जून को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में आडवाणी को नहीं बुलाया गया था। इसके अलावा इसी साल बेंगलुरु में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी शुरुआती भाषण देने वालों की लिस्ट में आडवाणी का नाम शामिल नहीं किया गया था। जबकि इससे पहले लगभग सभी राष्ट्रीय अधिवेशन में आडवाणी का भाषण प्रमुखता से रखा जाता था।

नंगे पाँव

नंगे पाँव चलते “इन्सान” को लगता है
कि “चप्पल होते तो कितना अच्छा होता”
बाद मेँ……….
“साइकिल होती तो कितना अच्छा होता”
उसके बाद में………
“मोपेड होता तो थकान नही लगती”
बाद में………
“मोटर साइकिल होती तो बातो-बातो मेँ
रास्ता कट जाता”

फिर ऐसा लगा की………
“कार होती तो धूप नही लगती”
फिर लगा कि,
“हवाई जहाज होता तो इस ट्रैफिक का झंझट
नही होता”
जब हवाई जहाज में बैठकर नीचे हरे-भरे घास के मैदान
देखता है तो सोचता है,
कि “नंगे पाव घास में चलता तो दिल
को कितनी “तसल्ली” मिलती”…..
” जरुरत के मुताबिक “जिंदगी” जिओ – “ख्वाहिश”….. के
मुताबिक नहीं………
क्योंकि ‘जरुरत’
तो ‘फकीरों’ की भी ‘पूरी’ हो जाती है, और
‘ख्वाहिशें’….. ‘बादशाहों ‘ की भी “अधूरी” रह जाती है”…..
“जीत” किसके लिए, ‘हार’ किसके लिए
‘ज़िंदगी भर’ ये ‘तकरार’ किसके लिए…
जो भी ‘आया’ है वो ‘जायेगा’ एक दिन
फिर ये इतना “अहंकार” किसके लिए…
ए बुरे वक़्त !
ज़रा “अदब” से पेश आ !!
“वक़्त” ही कितना लगता है
“वक़्त” बदलने में………
मिली थी ‘जिन्दगी’ , किसी के
‘काम’ आने के लिए…..
पर ‘वक्त’ बीत रहा है , “कागज” के “टुकड़े” “कमाने” के लिए……

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के युवा तुर्क जांबाज़ अध्यक्ष सचिन पायलेट

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के युवा तुर्क जांबाज़ अध्यक्ष सचिन पायलेट के नेतृत्व में बुधवार जयपुर में आयोजित कांग्रेस की महाएकता रैली में ,,क्रिकेट लुटेरे भगोड़े ललित मोदी के साथ खुली सांठ गाँठ के मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया से नैतिकता के नाम पर इस्तीफे की मांग की गई ,,,बुधवार को आयोजित जयपुर स्थित उद्योग मैदान से सिविल लाइनस तक आयोजित इस महारैली को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचीन पायलेट ने कहा के भारत की विदेश मंत्री सहित कई मंत्रियों पर और राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वशुंधरा सिंधिया पर भगोड़े आरोपी ललित मोदी से सांठ गांठ कर उन्हें बचाने के खुले आरोप है ,,,ऐसे में बिना किसी जांच के ,,बिना किसी निष्पक्ष अधिकृत जांच एजेंसी की क्लीन चिट के सभी को क्लीन चिट देना हास्यास्पद स्थिति है ,,सचिन पायलेट ने कहा के भाजपा सरकार अपराधियों को बचाने वाली जन विरोधी सरकार है ,,,केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया से तुरंत इस्तीफा लेकर इस मामले में संबंधित लोगों सहित वसुंधरा सिंधिया के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर कार्यवाही की जाना चाहिए ,,,,,,,,,,सचिन पायलेट ने कड़ी धुप में पसीने से तरबतर हज़ारो हज़ार कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का होसला बेमिसाल है ,,,उन्होंने कहा के जब अशोक गेहलोत साहब के पुत्र वैभव गेहलोत के खिलाफ भाजपा ने झूंठे आरोप लगाये तो खुद अशोक गेहलोत साहब ने आगे होकर भाजपा को ऑफर किया है के सरकार तुम्हारी ,,एजेंसियां तुम्हारी किसी भी मामले में तुरंत जांच कराये लेकिन जांच वसुंधरा पुत्र दुष्यंत के खिलाफ भी होना चाहिए ,,,,रैली को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने कहा के भाजपा घोटालों की सरकार है उन्होंने कहा के मुख्यमंत्री वसुंंधरा को नैतिकता के नाम पर इस्तीफा दे देना चाहिए ,,अशोक गेहलोत ने कहा के भाजपा ओछी राजनीती पर उत्तर कर फ़र्ज़ी आरोप लगा रही है इसलिए भाजपा अपनी सरकार के अधिकारीयों ,,जांच एजेंसियों से सभी मामलों की निष्पक्ष जांच करवाये इसमें उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं है ,,उन्होंने कहा के अपना अपराध छुपाने के लिए दूसरे को आरोपी क़रार देने से किसी का अपराध कम नहीं हो जाता है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रैली को पूर्व राष्ट्रिय महिला आयोग की अध्यक्ष गिरजा व्यास ,,,नेता प्रतीपक्ष रामेश्वर डूडी ने भी सम्बोधित किया ,,जबकि सभा का संचालन पूर्व विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने किया ,,,,,रैली में राजस्थान के सभी दूर दराज़ क्षेत्रो से हज़ारो हज़ार की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए ,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव ,,कोटा ज़िले के सह प्रभारी विक्रम वाल्मीकि इस रैली में सबसे ज़्यादा हज़ारो की तादाद में अपने समर्थक कार्यकर्ताओं के साथ सचिन पायलेट के हाथ मज़बूत करते नज़र आ रहे थे तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और कांग्रेस कार्यलय प्रभारी महेश शर्मा सभी ज़िलों से आये कार्यकर्ताओं को पदाधिकारियों को को ओर्डीनेट कर रहे थे ,,,राजस्थान अल्सपसंख्य्क विभाग के अध्यक्ष निज़ाम कुरैशी ,,को ओर्डीनेटर मक़सूद अहमद के नेतृत्व में भी बढ़ी संख्या में अल्पसंख्यक कार्यकर्ता मौजूद थे जबकि बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और घुमन्तु विंन्तु अर्द्धघुमन्तू प्रकोष्ठ के पूर्व महासचिव कैलाश बंजारा के नेतृत्व में भी सैकड़ों अर्ध घुमन्तु विंन्तु समाज के लोग थे ,,,,,,,रैली में कोटा जिला प्रभारी धीरज गुर्जर ,,प्रदेश महासचिव पंकज मेहता ,,सचिव नईमुद्दीन गुड्डू ,,,रामगोपाल बैरवा ,,मन्ना लाल गुर्जर ,,कोटा देहात कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती रुक्मणी मीणा ,,,,बूंदी के उप जिला प्रमुख सत्येन्द्र मीणा ,,समर्थ शर्मा ,,,,,,दानिश अबरार ,,सुशील शर्मा ,,पूर्व जन अभियोग चेयरमेन मुमताज़ मसीह ,,पूर्व विधायिका पूनम गोयल ,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,,प्रदेश के युवक कांग्रेस नेता और जिला वक़्फ़ कमेटी कोटा के सदस्य तबरेज़ पठान ,,,ओ पी बंजारा ,,मानसिंघ ,,महिला कांग्रेस की शकुंतला रावत ,,मिडिया चेयरपर्सन श्रीमती अर्चना शर्मा ,,,मनीष गोचर ,,,,सहित हज़ारो हज़ार कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे ,,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी की इस रैली का प्रबंधन खुद सचिन पायलेट के वफादारों के हाथ में था और सुव्यवस्थित इस विशाल रैली में कांग्रेस की एकता ज़िंदाबाद थी जिसमे कांग्रेस के सभी गुट समाकर कांग्रेस की निर्गुटता और मज़ और मज़बूती का परिचय दे रहे थे ,,,,,,,,,,रैली में सचिन पायलेट ज़िंदाबाद ,,कांग्रेस एकता ज़िंदाबाद ,,,आई आई कांग्रेस आई ,,वसुंधरा तुम इस्तीफा दो ,,,,,,,मोदी सरकार भ्रष्ट है भ्रष्ट है जैसे नारों से वातावरण गूंज रहा था ,,कार्यकर्ता तपती धुप ,,पसीने से लथ पथ इस रैली में सड़को पर लम्बा सफर तय करने के बाद भी उत्साहित नज़र आ रहे थे ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रदेश कांग्रेस कार्यालयप्रभारी महेश शर्मा

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रदेश कांग्रेस कार्यालयप्रभारी महेश शर्मा कांग्रेस के सारथी बनकर प्रदेश में होने वाले सभी कार्यक्रमों को जिला ,,संभाग ,,क्षेत्रीय स्तर पर समन्वय स्थापित कर बेहतरीन प्रदर्शन के साथ कांग्रेस को ज़िंदाबाद करने में कामयाब रहे है ,,,,,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट ने महेश शर्मा की कार्यशैली ,,प्रबंधन से प्रभावित होकर उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय का प्रभारी बनाया ,,,महेश शर्मा के लिए गुटबाज़ी के दौर से गुज़र रही कांग्रेस के निराशावाद के कार्यकाल में कांग्रेस में उत्साह का संचार पैदा कर हर स्तर पर होने वाले कांग्रेस के कार्यक्रमों को सफल बनाना एक चुनौती पूर्ण कार्य था ,,लेकिन सचिन पायलेट के कुशल नेतृत्व ,, कार्यकर्ताओं पर पदाधिकारियों की कार्यशैली पर उनकी पेनी निगाह के चलते महेश शर्मा ने बेहतर प्रबंध स्थापित कर जिला ,,संभाग ,,क्षेत्रीय स्तर पर सभी पदाधिकारियों ,,प्रभारियों ,,वरिष्ठ नेताओ के साथ समन्वय स्थापित किया और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से प्रस्तावित कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए पेपर प्लान तैयार कर उसे धरातल पर क्रियान्वित कर कांग्रेस के कार्यक्रमों को सफल संचालित करने में कामयाबी हांसिल की है ,,,महेश शर्मा कांग्रेस कार्यालय में नियमित बैठकर पदाधिकारियों ,,,,जिला प्रभारियों ,,सहप्रभारियों से समन्वय स्थापित कर फीड बेक भी लेते है और विनम्रता से ट्रीट कर उनसे कांग्रेस में जान फूंकने का भी आह्वान करते है ,,प्रदेश कांग्रेस इन दिनों नगर पालिका चुनाव के पूर्व ज़िलों के संभागवार दौरे पर है जबकि बीच बीच में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जान फूंकने और भाजपा की कारगुज़ारियों का पर्दाफाश करने के लिए प्रदेश के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम होते है जिन्हे महेश शर्मा अपने साथियों की टीम के साथ समन्वय स्थापित कर बेहतर प्रदर्शन के प्रयास कर कांग्रेस को ज़िंदाबाद करने में कामयाब हो रहे है ,,जिला स्तर पर होने वाली बैठकों में महेश शर्मा की तीखी नज़र है वोह इसकी पूर्व कई ज़िलों में कांग्रेस पदाधिकारियों ,,अध्यक्षों ,,प्रभारियों ,,सहप्रभारियों और क्षेत्रीय वरिष्ठ कोंग्रेसियों के बीच समन्वय स्थापित कर रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के साथ उत्साहित कोंग्रेसियों की बेठके करवाने में कामयाब हो गए है ,,,,,,महेश शर्मा अब आगामी एक जुलाई से टोंक ,,कोटा ,,बूंदी ,,झालावाड़ ,,बारां ,,सवाईमाधोपुर ,,,करौली सहित दूसरे कई ज़िलों में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुरुदास कामत ,,प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट के नेतृत्व में जिला स्तर की मेराथन बैठकें सफलतम करवाने के प्रयासों में जुट गए है ,,,,,,महेश शर्मा ने इस मामले में संबंधित सभी कांग्रेस पदाधिकारियों ,,,प्रभारियों ,,सह प्रभारियों ,,जिला अध्यक्षों ,,वरिष्ठ कांग्रेस जनो ,,सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ,,,,सहित नाराज़ कांग्रेस के नेताओं से भी सम्पर्क कर आपसी गीले शिकवे दूर कर कांग्रेस की बैठकों को सफल बनाने का आह्वान करते हुए कांग्रेस को मज़बूत देने की गुज़ारिश सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की है ,,,,,निर्धारित कार्यक्रम के तहत एक जुलाई को सुबह टोंक ,,दोपहर बूंदी ,,शाम कोटा में कार्यकर्ताओें की बैठक होगी जबकि दो जुलाई को झालावाड़ ,,बारां को बैठक कर प्रभारी गुरुदास कामत ,,प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट सहित पूरी टीम सवाईमाधोपुर पहुंचेगी जो तीन तारीख को कार्यकर्ताओें की सवाईमाधोपुर में बैठक आयोजित कर इसी दिन करौली में कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे ,,,,,,,,,,महेश शर्मा ने कार्यकर्ताओं की इन बैठकों को विशाल रूप देने के प्रयास शुरू कर सभी कांग्रेस पदाधिकारियों ,,प्रभारी सह पभारियों से समन्वय स्थापित कर अपनी गतिविधियाँ तेज़ कर दी है ,,,महेश शर्मा राजस्थान सरकार में राजस्थान बुनकर संघ के चेयरमेन भी है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ज़हर

किसी ने एक संत से पुछा..
"ज़हर क्या होता है"..?
संत जी ने बहुत सुन्दर जबाब दिया...
"हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में
आवश्यकता से अधिक होती है
वही ज़हर होता है"..
(फ़िर चाहे वो ताक़त हो, धन हो, भूख हो, लालच हो, अभिमान हो, आलस हो, महत्वकाँक्षा हो, प्रेम हो या घृणा..
आवश्यकता से अधिक
"ज़हर" ही होता है..)

ट्रैफिक पुलिस

कार में सरदार फैमिली जा रही थी
ट्रैफिक पुलिस ने कार को रुकवाया
इंस्पेक्टर : " आज सुरक्षा दिवस है और आप सीट बेल्ट पहन कर गाडी चला रहे हैं "
" इसलिए आपको 5000 रूपये इनाम मिलता है "
" बताइए इन रुपयों का आप क्या करेंगे "

सरदार : " वो जी मैं !! इन पैसों से अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाऊंगा जी "
इंस्पेक्टर : 😳😳😳
इतने में सरदार की मम्मी जी
" ओ जी !! ये तो पागल है शराब पीकर कुछ भी बकता है "
इंस्पेक्टर : 😰😰😰
इतने में कार में पिछली सीट पर सो रहे पापा जी जाग गए और पुलिस को देखकर बोले
" ले मैनू ते पहले ई पता सी "
" कि चोरी की गढी में हम लोग ज्यादा दूर नहीं जा पाएंगे "
इंस्पेक्टर : 😖 बेहोश

हज़रत उमर फारूक रज़िअल्लाहु अन्हु को रोल मॉडल करार दे दिया

दिल्ली के मुख्यमन्त्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने भी खलीफा इ दोयम हज़रत उमर फारूक रज़िअल्लाहु अन्हु को रोल मॉडल करार दे दिया । केजरीवाल ने कहा है की वो हज़रत उमर रज़ि की तर्ज़े हुक्मरानी से बेहद प्रभावित हैं और दिल्ली की जनता की जीवन शैली को बेहतर बनाने के लिए उनके दौरे खिलाफत से मदद लेंगे ।
केजरीवाल ने ये ब्यान एक मुसलमान छात्र की ओर से हज़रत उमर रज़ि की जिंदगी पर लिखी गई एक किताब को तोहफे में देने के बाद दिया । केजरीवाल ने कहा वो इस किताब को पड़ेंगे और अपनी हुकूमती जिम्मेदारियो को बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए हज़रत उमर रज़ि की तर्ज़े हुक्मरानी की पैरवी करने की कोशिश करेंगे । केजरीवाल से पहले महात्मा गांधी ने भी हज़रत उमर रज़ि की शख्सियत की तारीफ़ करते हुए कहा था की भारत के हालात बदलने के लिए उसे हज़रत उमर फारूक रज़ि जैसी शख्सियत की ज़रूरत है जिन्होंने बादशाही और एक बड़े साम्राज्य के शासक होते हुए अपनी जिंदगी फकीरो जैसी बसर की ऐसी सादगी की मिसाल दुनिया के किसी शासक में प्रलय के दिन तक मिलना मुश्किल

हर धर्म की कुछ विशिष्टताएं या ख़ासियतें

प्रत्येक  धर्मो मे सृष्टि रचना और मानव विकास के बारे में पृथक-पृथक उल्लेख मिलता है, और इन्हें पढऩे वाले पृथक से कुछ नहीं सोचते किन्तु यदि समग्र रूप से विचार किया जाए, तो हमारी संस्कृति, सभ्यता और धर्म में काफ़ी समानता मिलती है।
पृथ्वी पर सैकड़ों या उससे भी ज़्यादा धर्म हैं। हर धर्म की कुछ विशिष्टताएं या ख़ासियतें होती है। हिन्दुओं में ऊँ, स्वास्तिक और कार्य के प्रारंभ में श्री गणेशाय नम: का विशेष महत्व माना जाता है। सिक्खों मे अरदास, गुरुवाणी, सत श्रीअकाल और पगड़ी का ख़ास महत्व होता है। वहीं ईसाई धर्म के मानने वालों का जीजस का्रइस्ट, क्रास का चिह्न, माता मरियम और बाइबिल आदि के प्रति बड़ा आत्मीय सम्मान होता है।
इस्लाम धर्म में 786
जिस तरह किसी भी नए या शुभ कार्य की शुरुआत करने से पूर्व हिन्दुओं में गणेश को पूजा जाता है, क्योंकि गणेश को विघ्नहर्ता और सद्बुद्धि का देवता माना जाता है। उसी प्रकार इस्लाम धर्म में अंक - 786 को शुभ अंक या शुभ प्रतीक माना जाता है। आमतौर पर अधिकांश मुस्लिम इस संख्या से किसी न किसी तरह जुड़े रहना चाहते हैं।
अरबी भाषा में
अरबी भाषा में 786
अरब से जन्में इस्लाम धर्म में अंक - 786 का बड़ा ही धार्मिक महत्व माना गया है। प्राचीन काल में अंक ज्योतिष और नक्षत्र ज्योतिष दोनों एक भविष्य विज्ञान के ही अंग थे। प्राचीन समय में अंक ज्योतिष के क्षेत्र में अरब देशों में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई थी। अरब देशों में ही इस्लाम का जन्म और प्रारंभिक संस्कारीकरण हुआ है। अंक - 786 को अरबी ज्योतिष में बड़ा ही शुभकारक अंक माना गया है।
एक अरबी भाषा का शब्द है "अबजद" जिसका एक मतलब होता हैं किसी विद्या को सीखने की सब से पहली स्तिथि यानि अलिफ़, बे, ते (A.B.C.D.) क ख ग घ सीखना।
किसी भी शब्द के नंबर निकालना ये अरबी की विद्या है। अरबी भाषा में अरबी के हर अक्षर को एक गिनती दी हुई है। किसी शब्द मे जो जो अक्षर प्रयोग होते हैं उन को गिन कर जोड़ कर जो योग निकलता है वही उस शब्द के अंक होते है।
इसी हिसाब से - पवित्र कुरआन की शुरुआत एक आयत से होती है बिसमिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम ('बिस्मिलाह-उर रहमान-उर रहीम) जिसके अर्थ होते हैं मै अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ जो बेहद रहम वाला और महा कृपालु है। अगर इस पुरे वाक्य "बिस्मिलाह-उर रहमान-उर रहीम" को अरबी लिपि में (अंक (नंबर) अबजद से निकालें) लिखने पर यदि इसके सभी अक्षरों से संबंधित अंकों का योग किया जाय तो 786 की संख्या मिलती है। इसीलिए मुस्लिम्स में इसको लकी माना जाता है बहुत से लोग इसको नहीं भी मानते।
अरबी के सभी अक्षरों के नम्बर इस प्रकार हैं
इस प्रणाली में अक्षरों को अंक विशेष पद्यति से दिये जाते हैं --
अलिफ़=1, बे=2, जीम=3, दाल=4, हे=5, वाओ=6, ज़े=7, बड़ी हे=8, तूए=9, ये=10
छोटा काफ=20, लाम=30, मीम=40, नून के=50, सीन=60, ऐन=70, फे=80, स्वाद=90,
बड़े काफ=100, रे=200, शीन=300, ते=400, से=500, खे=600, जाल=700, जवाद=800, जोए=900, गैन=1000,
78692 शुभ अंक का उपयोग अनिष्ट से बचने के लिए
पिथौरा के हाफिज मौलाना जनाब असगर अली के अनुसार अंक 786 - फालनामा (वह किताब जिसमे फाल देखा जाता है।) के अनुसार बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम का फाल (सगुन शकुन) देखकर यह महत्वपुर्ण नंबर निकाला गया है। हर लफज का अर्थ होता है। 786 संख्या क़ुरआन (मुसलमानो का धर्म गंन्थ जो उनके मतानुसार आस्मानी किताब है जिसमे तीस पारे छोटी बडी एक सौ चौदह सूरते 6640 आयते और 540 रूकुअ है) से ली गई है क़ुरआन की आयत के आधार पर किसी भी व्यक्ति विशेष के नाम का अंक निकाला जा सकता है। इसी तरह से एक और पवित्र अंक होता है। 92 आउजो बिल्लाहे मिनिस शैतानीर्रजीम शब्द विस्तार का अद्रद होता है 92 इसे बिस्मिल्लाह से पहले पढते है। यह भी एक आयत है जिसक अर्थ होता है मै शैतानी फंदो से बचने के लिए अपने आपको अल्लाह के हवाले करता हुं। अत: 78692 शुभ अंक का उपयोग अनिष्ट से बचने के लिए किसी धर्म के लोग कर सकते है।
हिन्दू सम्प्रदाय में 786
तीन उच्च महाश्क्तियां - 7 (सात) सृष्टि के निर्माता ब्रम्हा। 8 (आठ) पालनहार विष्णु है। 6 (छ:) महेश संहारक है। ओम के तीन शब्द अ-ऊ-म अर्थात 786। तीनों लोक स्वर्गलोग, पृथ्वीलोक और पाताल लोक अर्थात 786 है। तीन काल भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्यकाल 786 है। अब पृथक-पृथक अंकों के हिन्दूशास्त्रों मे अर्थ निम्रानुसार है।
7 (सात)
7 सप्तश्लोकी दुर्गा के सात श्लोक। दुर्गासप्तशति के सात सौ श्लोक (गीताजी के सात सौ श्लोक)। हिन्दू पद्धति से विवाह संस्कार में सात जन्मों तक साथ निभाने के लिए अग्नि के सात फेरे। सात समुन्द्र यथा ह्दि महासागर, प्रशान्त महासागर, बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, नील सागर, अटलांटिक सागर। सात आसमान, सात ऋषि यथा ब्रह्मा के सात मानस पुत्र-मरीची, अत्रि, पुलह, पुलस्त्य, क्रतु, अंगिरा, वशिष्ठ। सात नाड़ी चक्र। संगीत के सात स्वर यशा सा रे गा म प थ नि। सप्तग्रही एक ही राशि में सात ग्रहों का एकत्रित होना, काली, कराली, मनोजवा, सुलोहिता, सुधूम्रवर्णा, उग्र, प्रदीप्ता आदि सप्तग्रही। पृथ्वी पर उपस्थित सात विदप यथा जम्बू, कुश प्लक्ष, शाल्मलि, क्रौच, पुष्कर तथा शाक। शरीर की सात धातुएं यथा रस, रक्त, मांस वसा, अस्थि, मज्जा तथा शुक्र। सप्तकाल यथा अतल, वितल, सुतल रसातल, तलातल, महातल और पाताल। भारत में स्थित हिन्दुओं की सात पुरियां यथा काशी, कांची, उज्जयिनी, हरिद्वार, अयोध्या, मथुरा और द्वारका आदि। सात शक्तियां जिनका पूजादि शुभ कर्मो में उपयोग होता है ब्राम्ही, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, ऐन्द्री तथा चामुण्डा आदि। सात दिन का सप्ताह आदि।
8 (आठ)
8 देवी देवाताओं की स्तुतिवाले अष्टक स्त्रोत। चतुर्भुज ब्रह्मा के अष्टकर्ण आठ हाथ। हठयोग के अनुसार मूलाधार से ललाट तक भिन्न-भिन्न स्थानों के आठ कमल होते हैं। सर्प के आठ कुल यथा शेष, वासुकि, कम्बल, कर्कोटक पदम, महापदम, शंख तथा कुलिक। श्री कृष्ण की आठ मूर्तियां श्रीनाथ, नवनीतप्रिय, मधुरानाथ, विलनाथ, द्वारकानाथ, गोकुलनाथ, गोकुलचन्द्रमा तथा मदनमोहन (अष्टकोण)। अष्टगंध जो पूजन के कार्य में आता है। हवन में प्रयुक्त आठ प्रकार के द्रव्य यथा अश्वत्थ (पीपल), गूलर, सीकर, वट, तिल, सरसो, खीर तथा घृत। सोना, चाँदी, तांबा, रांका, जस्ता, सीसा, लोहा तथा पारा आदि अष्टधातुएं। अष्टभुजाधारी देवी। आठ प्रकार के मंगल प्रव्य यथा सिंह, हाथी, कलश, चामर, वैजन्ती, भेरी, दीपक तथा वृष। देवाधिदेव की अष्टमूर्तियां - शर्वं, भव, रूद्र, भीम, उग्र, पशुपति, ईशान, महादेव। योग क्रियाओं के आठ योग यथा यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान तथा समाधि। आठ प्रकार की औषधियों का वर्ग यथा मेदा, महामेदा, ऋद्धि, वृद्धि, जीवक, ऋषभक, काकोली तथा भीरकाकोला। देवताओं और सिद्ध पुरुषों की आठ प्रकार की सिद्धियां यथा अणिमा, महिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व तथा कामावशायिता। अष्टाचक्र नाम के एक महाविद्वान जिन्होंने अष्टावक्रगीता की रचना की।
6 (छ)
6 ब्राम्हणों के छ: प्रकार की कर्म यथा वजन, याजन, अध्ययन, दान और प्रतिग्रह। छ: कोणों की आकृति षटकोण कहलाती है। हठयोग के अनुसार कुंडलियों के ऊपर के छ: चक्र। संगीत के छ: राग यथा भैरव, मल्हार, श्री, हिंडोला, मालकोस तथा दीपक बखेड़ा। वेद के अंगभूत छ: शास्त्र यथा शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरूक्त, ज्योतिष और छंद। कर्मकांड के अनुसार छ: प्रकार की अग्रियां यथा गार्हपत्य। आहवनीय, दक्षिणाग्रि, आपसथ्य, सम्याग्रि और औकासनाग्रि। हिन्दू शास्त्र के अनुसार मनुष्य में छ: गुण पाये जाते हैं. यथा ऐश्वर्य, ज्ञान, यश, श्री वैराग्य और धर्म। हिन्दूशास्त्रों में छ: प्रकार के दर्शनशास्त्र प्रचलित है न्याय, वैशषिक, सांख्य, वेदान्त, मीमांसा और योग। मनुष्य और प्राणीमात्र छ: प्रकार के स्वाद का आनन्द लेते हैं।
श्रीकृष्ण और 786
सच्चिदानन्दघन परब्रम्ह परमात्मा पूर्णवतार में श्रीकृष्ण ने बांसूरी के सात छिद्रों से सात स्वरों के साथ हाथों की तीन-तीन अंगुलियों से यानी छ: अंगुलियों से बांसुरी बजाकर गांवों को मुग्ध कर दिया करते रहे। (7) सात छिद्रों और सात स्वरों वाली बांसुरी को देवकी के आठवें (8) पुत्र प्रिय श्रीकृष्ण ने अपनी (6) अंगुलियों से बजाकर समस्त चराचर को मंत्रमुग्ध कर दिया था। इस तरह श्रीकृष्ण और 786 अंक का महत्व जितना मुस्लिम सम्प्रदाय में है, उतनी ही हमारे हिन्दू धर्म में भी है।
एकता का प्रतीक 786
अंक ज्योतिष के अनुसार 786 को परस्पर में जोड़ते है तो 7+8+6=21 होता है। 21 को भी परस्पर जोड़ा जाय तो 2+1=3 अंक हुआ, जो कि लगभग सभी धर्मों में अत्यंत शुभ एवं पवित्र अंक माना जाता है। तीन उच्च महाश्क्तियां ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संख्या तीन, अल्लाह, पैगम्बर और नुमाइंदे की संख्या भी तीन तथा सारी सृष्टि के मूल में समाए प्रमुख गुण - सत् रज व तम भी तीन ही हैं। अर्थात हिन्दू धर्म एवं मुस्लिम धर्म दोनो का परस्पर मधुर मिलन लाजमी है।
इस में हिन्दू मुस्लिम्स एकता का भी एक मन्त्र छुपा है। अगर हम इसी तरह से "हरे रामा हरे कृष्णा" के निकालें तो भी निकलेंगे 786 दोनों के बिलकुल एक समान।

क़ुरआन का सन्देश

 
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...