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06 जुलाई 2015

महान राजा सिकंदर

महान राजा
सिकंदर, कई देशों, राज्यों पर विजय
पाने के बाद अपने घर लोट रहा था.
रास्ते में वो बीमार पड़ गया. काफी महीनो वो बिस्तर पर पड़ा रहा.
सिकंदर समझ गया की अब मौत आने
वाली है. सिकंदर ने महसूस किया की
उसकी जीती गयी रियासतें, उसकी
विशाल सेना, उसका इकठ्ठा किया
हुआ धन और उसकी धारदार तलवार अब किसी काम की नहीं रही. उसके
किसी भी काम नहीं आ सकती. उसने अपने सेनापतियों को बुलाया और
बोला, " मैं अब इस दुनिया से जाने
वाला हूँ, लेकिन मेरी तीन इच्छाएं है,
क्या तुम बिना असफल हुए इसे पूरी
करोगे?" इतना कहते हुए उसकी आँखों से
आंसू बहने लगे. सेनापतियों ने तीनो अन्तिम इच्छाएं पूरी करने का
वादा किया. सिकंदर बोला " मेरी पहली इच्छा है
की मेरा इलाज करने वाला हकीम ही
मेरे ताबूत को खींच कर कब्र तक ले
जायेगा." "दूसरी ये की जब मेरा ताबूत
कब्र तक ले जाया जाये तो उस रास्ते में
मेरे इकठ्ठे किये हुए खजाने में से सोने चांदी बहुमूल्य पत्थर बिखेरे जाएँ. और
मेरी तीसरी और आखिरी इच्छा है की
मेरे दोनों हाथ ताबूत में से बाहर
दिखाई देने चाहिए." आस पास खड़े लोगों को सिकंदर की
इच्छाएं सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ. परन्तु
किसी की कुछ कहने की हिम्मत नहीं
हुई. सिकंदर का खास सेनापति उसके
पास आया और उसने सिकंदर का हाथ
पकड़कर उसे चूमा, और उसे अपने छाती पर रखकर बोला "हे राजा हम आपको
विश्वास दिलाते हैं की आपकी तीनो
इच्छाएं अवश्य पूरी की जाएगी. लेकिन
कृपया आप बताएं की इसी
आश्चर्यजनक इच्छाओं के पीछे क्या
कारण है?" यह सुनकर सिकंदर ने एक गहरी साँस ली,
और बोला " मैं दुनिया को तीन पाठ
पढाना चाहता हूँ, जो मैं सीख चूका हूँ.
मैं अपने हकीम के जरिये अपना ताबूत
इसलिए लेजाना चाहता हूँ क्योंकि
लोगों को यह जानना चाहिए की कोई भी हकीम हकीकत में आपका
इलाज नहीं कर सकता. ये शक्ति हीन हैं
आपको मौत के चंगुल से बचा नहीं
सकता. इसलिए लोगों को अपनी
जिंदगी हकीम द्वारा दी हुई नहीं
समझनी चाहिए. कब्र के रास्ते में सोना चांदी
बेशकीमती पत्थर इसलिए बिखेरना
चाहता हूँ ताकि लोग यह जान सकें की
सोने चांदी का जर्रा भी मैं लेके नहीं
जा रहा हूँ. उससे लोग यह सीखेंगे की
ज्यादा धन का पीछा करने में समय गवाना व्यर्थ है. इससे समय नष्ट होता
है. और मेरी तीसरी इच्छा की मेरे दोनों
हाथ ताबूत से बाहर रखें जाएँ वो
इसलिए है क्योंकि मैं चाहता हूँ की
लोग देखें की मैं खाली हाथ आया और
खाली हाथ चला गया.

कह देना पागल लड़का था !

लड़की लड़के से आखरी बार मिलने आई है..
वो लड़के से कहती है-
तुम मुझे भूल जाओ..
मैं अब किसी और की होने जा रही हूँ..
कल मेरी शादी है..
लड़का चुपचाप है..
लड़की फिर कहती है-कुछ बोलोगे नहीं..
लड़का मुस्कुराता कहता है- कोई तुम से मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,
इस झूठी दुनिया में मुझसे,
जो सच्ची मोहब्बत करता था,
मेरे रूठ ने पे वो रो देता,
मेरी डांट पेभी खुश हो लेता,,
जब सारे साथ छुड़ा लेते,
चुपके से साथ वो हो लेता,,
हिम्मतवाला था यूँ तो पर,
मुझको खोने से डरता था,
मुझ से मिलने की खातिर वो,
बारिश में भीगकर आता था,,
जिस रोज मैं खाना न खाऊं,
उस दिन उपवास मनाता था,
कोई और नहीं था उसका बस,
मुझ से ही जीता-मरता था,
गलती मेरी भी होने पर,
माफ़ी की गुजारिश करता था,
हर हाल में मैं हंसती जाऊं,
इस कोशिश में रहता था,,
मैं कैसे उसकी हो जाऊं,
हर पल ये सोचा करता था,,
मेरे लाख मना करने पर भी,
मेरा नाम लेता था,,
मेरी एक हंसी की खातिर गाने भी गा देता था,,
मेरा हाथ पकड़ दुनिया से वो,
लड़ने की बातें करता था,,
मुझसे मिलने से पहले वो,
दुनिया में बहुत अकेला था,
जब पहली बार उसे देखा,
चेहरे पे दर्द का मेला था,
वो,हर दम ही हँसता रहता था,
जब नींद मुझे आ जाती थी,
वो डांट के मुझे सुलाता था,
अपनी बातों से,
अक्सर वो मुझे रुलाता था,
उसका जीवन बिखरा था पर,
मेरा ख़याल वो रखता था,
कुछ मजबूरी के चलते जब,
मैंने उससे हाथ छुड़ाया था,
उसने न कोई शिकायत की,
बस धीरे से मुस्काया था,,
मेरी यादों में रोया करता था,
वो पागल लड़का तन्हा ही,
मेरी यादों से लड़ता है,
मेरे बिन जिंदा रहने की,
ना काम वो कोशिश करता है,
वो आज भी मुझ पे मरता है,
वो कलभी मुझ पे मरता था,

..................कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था !!

मंजर बदल गया

एक उसके चले जाने से
सारा मंजर बदल गया
घर वही ...
आँगन वही ...
दर - ओ - दीवार वही
पर अजनबी सी लगने लगी
सारी खुशियाँ ...
काश कि तुम फिर चले आओ
और फिर से जगमगाने लगे
दरीचा - ए - बहार ।

यूँ ही सुलझाते रहे

उम्र भर जुल्फ-ए-मसाऐल यूँ ही सुलझाते रहे
दुसरों के वास्ते हम खुद को उलझाते रहे
हादसे उनके करीब आकर पलट जाते रहे
अपनी चादर देखकर जो पाँव फैलाते रहे
जब सबक़ सीखा तो सीखा दुश्मनों की बज़्म से
दोस्तों में रहके अपने दिल को बहलाते रहे
मुस्तक़िल चलते रहे जो मंज़िलों से जा मिले
हम नजूमी ही को अपना हाथ दिखलाते रहे
बा अमल लोगों ने मुस्तक़बिल को रौशन कर लिया
और हम माज़ी के क़िस्से रोज़ दोहराते रहे
जब भी तन्हाई मिली हम अपने ग़म पे रो लिये
महफिलों में तो सदा हंसते रहे गाते रहे
/--अनवर जलालपूरी--

ललित मोदी को ED का 17 वां नोटिस, जवाब न देने पर जारी हो सकता है वॉरंट

फाइल फोटो- ललित मोदी।
फाइल फोटो- ललित मोदी।
नई दिल्ली. पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में ललित मोदी से तीन हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है। अगर ललित मोदी इस तरह की दो और नोटिस का जवाब नहीं देते हैं या नोटिस रिसीव नहीं करते हैं तो ईडी कोर्ट जाकर उनके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी करने की अपील कर सकती है। इस मायने में यह नोटिस अहम है। ललित मोदी को भेजा गया ईडी का यह 17 वां नोटिस है।
पहले भेजी गई नोटिस में सिर्फ टैक्स लगाने की बात थी
ईडी ने इससे पहले भी ललित मोदी को फेमा कानून के उल्लंघन के तहत 16 नोटिस भेजे हैं। इन नोटिस में पेनल्टी के रूप में टैक्स लगाए जाने का प्रावधान था। लेकिन इस बार भेजे जा रहे ईडी के नोटिस को स्वीकार ना करने या जवाब न देने पर ललित मोदी की गिरफ्तारी संभव है।
रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकता है ईडी
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ सकती है। इसके तहत उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा सकता है। इसका मतलब होगा कि ब्रिटिश सरकार ललित मोदी की गिरफ्तारी के बारे में फैसला कर सकेगी और इसके बाद उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
ललित मोदी की कंपनी से भी मांगा जा चुका है 21 करोड़ का हिसाब
ललित मोदी की दिल्ली में रजिस्टर्ड आनंद हेरिटेज को ईडी ने नोटिस भेज कर 21 करोड़ रुपए के लेन-देन का हिसाब भी पूछ चुकी है। खबरों के मुताबिक, ललित मोदी की कंपनी पर आरोप है कि उसने मॉरिशस की एक कंपनी से 21 करोड़ रुपए लिए हैं , लेकिन वित्तीय एजेंसियों के सामने इस बात का स्पष्ट जिक्र नहीं किया गया है कि इस फंड को क्यों और किस कैटगरी के तहत मंगाया गया। इस मामले में ललित मोदी सहित कंपनी के दो निदेशकों के खिलाफ फेमा के नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज कर नोटिस भेजा जा चुका है। इस कंपनी के दूसरे डायरेक्टर के तौर पर ललित मोदी की पत्नी का नाम है।
मोदी ने कहा था-सरकार की कार्रवाई की चिंता नहीं
ललित मोदी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें किसी भी बात का डर नहीं है। उन्होंने कहा कि वे सरकार की किसी भी कार्रवाई की चिंता नहीं करते।

RSS नेता इंद्रेश का विवादित बयान, कहा-झुकी हुई कमर थी गांधी की पहचान


RSS नेता इंद्रेश का विवादित बयान, कहा-झुकी हुई कमर थी गांधी की पहचान
 
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार ने महात्मा गांधी को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दिया है। इंद्रेश ने यह बयान दिल्ली में भूटान दूतावास के एक कार्यक्रम के दौरान दिया। उन्होंने कहा, 'गांधी की पहचान थी हाथ में लाठी रखना और कमर झुका देना, अगर बापू नहीं झुकते तो देश नहीं बंटता।' इंद्रेश कुमार ने गांधी की तुलना विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस और चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों से करते हुए कहा कि ये सभी पोस्टरों में सीधे खड़े दिखाई देते हैं, लेकिन गांधी के पोस्टर भी उनकी झुकी हुई कमर ही दिखाते हैं।
कांग्रेस ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
इंद्रेश कुमार के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'आप कितनी बार भी गांधी जी को बेइज्जत करें, गांधी जी इतने बड़े हैं कि आपको उन तक पहुंचने में शायद सदियां लग जाएंगी।' सुरजेवाला ने आरएसएस को नसीहत देते हुए कहा कि इंद्रेश अगर गांधी के विचारों से सीख नहीं सकते, तो अपनी अंतर्आत्मा में झांकें, गांधी और आरएसएस का अंतर समझ आ जाएगा। कांग्रेस नेता पीसी चाको ने भी इंद्रेश के बयान की निंदा करते हुए कहा कि गांधी जी कभी भी देश के बंटवारे के हक में नहीं रहे। उन्होंने कहा कि बंटवारे से सबसे ज्यादा सदमा गांधी को ही पहुंचा था।
व्यापमं घोटाले से ध्यान हटाने की कोशिश का आरोप
इंद्रेश कुमार के ताजा बयान को मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से मीडिया का ध्यान हटाने की कोशिश के तौर पर भी विपक्षी देख रहे हैं। एनसीपी नेता और सीनियर एडवोकेट मजीद मेमन का कहना है कि वे नहीं समझ पा रहे हैं कि आज इस मुद्दे पर क्यों बात की जा रही है। मेमन ने कहा कि उन्हें तो व्यापमं की सच्चाई जाननी है। एनसीपी नेता तारिक अनवर का कहना है कि आरएसएस की आदत है कि वे गांधी को निशाना बनाते रहते हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के दूसरे नेता भी इंद्रेश के इस बयान को मीडिया और देश का ध्यान व्यापमं घोटाले से हटाने की कोशिश के तौर पर ही देख रहे हैं।

खूबसूरत मॅसेज

🔱खूबसूरत मॅसेज🔱
क्या आप जानते है की अत्तहिय्यात जो हर नमाज मे पढा जाता है उसका वजूद कैसे हुआ
अत्तहिय्यात यह एक बहुत अहम दुआ है।
जब मैने इसकी हकीकत जानी तो इसकी हकीकत मेरे दिल को छू गई ।

अत्तहिय्यात क्या है?
अत्तहिय्यात असल मेँ गुफ्तगु है आसमान मेँ अल्लाह और उसके रसूल के दरमियान की मेअराज के वक्त की, के जब हमारे नबी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम अल्लाह से मुलाकात के लिए हाज़िर हुए ।
मुलाकात के वक्त रसूलअल्लाह ने सलाम नही किया, और अस्सलामु अलैकूम नही कहा ।
अगर कोई अल्लाह से मुलाकात करता है तो उस शख्स को क्या केहना चाहीए.. दरअसल हकीकत मे हम अल्लाह को सलाम नहीँ पेश कर सकते क्यूंकि तमाम सलामती अल्लाह की तरफ से है इसलिए रसूलअल्लाह ने अल्लाह को सलाम न करते हुए यह फरमाया:
"अत्तहिय्यातू लिल्लाही वस्सलवातू वत्तह्यीबात"
(तमाम बोल से अदा होनेवाली और बदन से अदा होनेवाली तमाम इबादते अल्लाह के लिए है)
इसपर अल्लाह ने जवाब दिया,
"अस्सलामु अलैका या अय्यूहनबी वरहेमतुल्लाही वबरकातूहू"
(सलामती हो तूमपर या नबी, और रहेम और बरकत हो)
फिर नबी ने फरमाया:
"अस्सलामू अलैना वला इबादीस्साॅलेहीन"
(सलामती हो हमपर और अल्लाह आपके नेक बन्दो पर"
[यहा गौर करो, नबी ने सलामती हो मुझपर ऐसा नही कहा बल्की सलामती हो "हमपर" यानी उम्मत पर ऐसा कहा]
यह सब वाकेआ "फरिश्तो" ने सूना और ये सब सुनकर फरिश्तो न अर्ज कीया:
"अश्हदू अल्लाह इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मुहम्मदून अब्दुहू व रसूलूहू"
(हम गवाही देते है की, अल्लाह के सिवाह कोई इबादत के लायक नही है और हम गवाही देते है की, हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम अल्लाह के नेक बन्दे और रसूल है)
मेरे अजीजों, अब सोचो के हम कितनी अहेम दुआॅ (अत्तहिय्यात) हर नमाज मे पढते है

ए देश के सच्चे पत्रकारों

ए देश के सच्चे पत्रकारों अब छोड़ो पत्रकारिता और जाओ मथुरा या काशी में पेड़े बनाने का काम सीखो और बेचो,,,,,,या फिर रजत शर्मा बन जाओ,,,,पत्रकार भी कहलाओगे और भारत रत्न,,,,,,और आने वाले समय में नोबेल भी मिल जाएगा,,,,,,खासतौर पर ऐसे पत्रकार जो थोड़ा गरीबी और घोटालों को गंभीरता से लेते हैं,,,,,,कम से कम ऐसे पत्रकार मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने से पहले मामू शिवराज को बता दें कि वो व्यापम के सिलसिले में नहीं आए हैं सिर्फ घूमने आएं तो हो सकता है कि पूरा मध्यप्रदेश आपको फ्री आॅफ काॅस्ट घूमने का मौका भी मिल जाए

एक आदमी को पत्नी के साथ मारपीट करने के जुर्म में

एक आदमी को पत्नी के साथ मारपीट करने के जुर्म में अदालत में पेश किया गया.
जज ने पति की जबानी पूरी घटना ध्यान से सुनी और भविष्य में अच्छा व्यवहार करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया.
अगले ही दिन आदमी ने पत्नी को फिर मारा और फिर अदालत में पेश किया गया.
जज ने कड़क कर पूछा –
“तुम्हारी दुबारा ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई ?
अदालत को मजाक समझते हो ?”
आदमी ने अपनी सफाई में जज को बताया –
नहीं हुजूर, आप मेरी पूरी बात सुन लीजिए.
कल जब आपने मुझे छोड़ दिया तो अपने- आपको रिफ्रेश करने के लिए मैंने थोड़ी सी शराब पी ली. जब उससे कोई फर्क नहीं पड़ा तो थोड़ी-थोड़ी करके मैं पूरी बोतल
पी गया.
पीने के बाद जब मैं घर पहुंचा तो पत्नी चिल्ला कर बोली –
नालायक , आ गया नाली का पानी पीकर !”
हुजूर, मैंने चुपचाप सुन लिया, और कुछ नहीं कहा.
फिर वह बोली – “नीच, कुछ
काम धंधा भी किया कर या केवल पैसे बर्बाद करने का ही ठेका ले रखा है … !”
हुजूर, मैंने फिर भी कुछ नहीं कहा और सोने के लिए अपने कमरे में जाने लगा.
वह पीछे से फिर चिल्लाई – “अगर उस निकम्मे जज में थोड़ी सी भी अकल होती तो तू आज जेल में
होता … !!!”
बस हुजूर, अदालत की तौहीन मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई ….और.....
👊👋👊👋👊👋👊👋👊👋👊👋👊👋👊.!!
😜😝😜😝😜😝😜😂
केस ख़ारिज..
पति बा'इज्ज़त बरी..

गाय के सींग के ऊपर धरती टिकी है, गौ वंश रक्षा के योग्य


संत शिरोमणि जैनाचार्य विद्यासागर जी महाराज ने कहा कि भारतीय मुद्रा में अब गाय का चित्र अंकित होना चाहिए। चूंकि गाय से ही धन उत्पन्न हो रहा है। दुनिया में धरती पर जो कुछ भी है वह गौ धन है। उक्त उद्गार बीनाबारहा में विराजमान आचार्यश्री ने आज रविवारीय धर्मसभा में कहे। आचार्यश्री ने एक पुस्तक रोमांस आॅफ द काऊ का उल्लेख करते हुये कहा कि उसमें लिखा है कि गाय के सींग के ऊपर धरती टिकी है। गौ धन का मूल महत्व और स्वरूप जानने का प्रयास करना होगा। गाय पर शोध एक दो नहीं पूरा जीवन भी लगा दिया जाये तो शोध नहीं हो सकेगा। गाय पर शोध नहीं बोध होता है। जो मूक होकर भी सब कुछ कह देती है। गाय ही एक ऐसा जानवर है। जिस परिवार में रहता है उस परिवार में गाय के जन्म और मृत्यु पर एक दिन का शोक माना जाता है। संसार जगत में अपनों से तो नजर लग जाती है। मगर गाय से कभी किसी को नजर भी नहीं लग सकती है। बिजली में करंट का निरोधक भी गोबर और लकड़ी है जो ग्रामीण परिवेश में आज भी उपलब्ध रहता है। पहले के जमाने में ग्रामीण क्षेत्रों में न तो कभी किसी को ठंड लगती थी और न हीं कभी किसी को गर्मी लगती थी। वर्तमान में आधुनिकता की दौड़ में शामिल लोगों को ठंड में कंबल की जरूरत पड़ती है। जिसका संधि विच्छेद करते हुये आचार्यश्री ने कहा कि कम बल वालांे को ही कंबल की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि गाय एक ऐसा जानवर है जो दूसरो के लिए देता है। अपने बछड़े के अलावा अन्य जानवर के बच्चे को भी दूध पिला देती है। यहां तक कि एक चित्र में तो सांप के बच्चे तक को गाय का दूध पीते देखा है। अर्थात् अमृत के रूप में गाय सबको जीवन देती है। गौ वंश हमेश रक्षा के योग्य है। गाय बैल को प्राचीन माना गया हैं। आचार्यश्री ने कहा कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का चिंह भी विषभ है। गर्भस्थ शिशु की रक्षा के लिए मां दिन रात एक कर देती है। जिसका नाम ही लोक कल्याण माना गया है। अपना कुछ नहीं सब जीव एक है। प्रत्येक जीव में प्रकाश ही आत्म तत्व है। तिरने का उपाय तीर्थ है। जिसका नाम नहीं वह आत्मा है। आचार्यश्री ने कहा कि इतिहास कहीं न कहीं से शुरू होता है जबकि धर्म किसी एक स्थान से शुरू नहीं होता है, बल्कि रहता है। किसी के माध्यम से शुरू होता है तो वह प्रेम, करूणा और वात्सल्य है। जब आत्मा में करूणा जागृत होती है तो आंखों में पानी आ जाता है। विज्ञान भी कहता है कि मनुष्य के शरीर में 80 प्रतिशत जल है जो कि मात्र आंखों के माध्यम से ही बाहर आता है। मनुष्य का जीवन पशुओं के पालन में भी है। हम मेहरवानी नहीं बल्कि उन पर पल रहे है। भारत को कृषि प्रधान देश माना गया है लेकिन अब बीज ही विदेशी उपयोग होने लगा है। यह बीज को समाप्त करने की प्रक्रिया है। कृषि को सर्वप्रथम रखा गया हैं धरती के भीतर सब कुछ है। धरती कुछ न उगले तो काहे का सोना।

अजीब विडंबना है इस देश की

अजीब विडंबना है इस देश की भी हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी जो बडे - बडे भाषण देते थे व्य्वस्था पर , काले धन पर , बेरोजगार युवाओं की स्थिति पर, आतंकवाद पर , भ्रष्टाचार पर लेकिन अब चुप क्यो है , भुतपुर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मौनि बाबा कहकर संबोधित करने वाले वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज खुद स्वामि मौनेन्दर क्यो बन गए , आम आदमी की परेशानी बने ये तमाम मुद्दों पर देश की जनता के सामने बडे- बडे वादे कर के सता तो हासिल कर ली लेकिन उनकों दूर करने पर मोदी जी चुप्पी साधे हुए है तो अब हमारी भी नैतिक जिम्मेदारी है जो भी संगठन या पार्टी हमारी ये लडाई लड रही है उसका साथ दे | हर-हर मोदी घर-घर मोदी का नारा देकर देश की जनता ने घर-घर मोदी जी को इस देश की सता देकर पहुंचा दिया लेकिन मोदी जी आप भी मोदी जी काले धन से मिलना वाला पैसा, रोजगार , भ्रष्टाचार रहित देश , सुरक्षित समाज घर-घर तक पहुंचाए | वन रैंक - वन पैंशन का नारा दिया था उसको पूरा करने की बजाय आप मंत्रियों और सांसदो का भता सौ फिसदी बढा रहे हो , देश के युवाओं को 6000 और 9000 बेरोजगारी भता देने की बजाय विदेशों को करोडो रूपये दान मे दे रहे हो , आप के 4-4 मंत्री भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए उनकों निलंबित करने की बजाए चुप्पी साधे हुए हो | अपनी बातों को चुनावी जुमले बोल कर देश के मतदान का आपने जो मजाक बनाया है तो वो दिन दूर नही जब आपकी पार्टी भाजपा भी एक जुमला बन कर रह जाएगी

व्‍यापमं पर बंटे मंत्री: उमा ने कहा- शिवराज के करीबियों की हो CBI जांच

ग्वालियर/नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के व्यापमं (व्‍यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाले की सीबीआई जांच को लेकर केंद्र सरकार में दो राय बन गई है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की जरूरत नहीं है। उन्‍होंने इसे 'नॉन इश्‍यू' बताया। जबकि मंत्री उमा भारती ने एक टीवी चैनल से कहा कि वह खुद शिवराज से मिल कर सीबीआई जांच करवाने की मांग कर चुकी हैं। इस मामले में उनके करीबियों पर आरोप लगा है, तो उनकी सीबीआई जांच होनी ही चाहिए।
तीन दिन में तीसरी मौत
उधर, सोमवार को घोटाले की आरोपी एक ट्रेनी सब इंस्‍पेक्‍टर अनामिका कुशवाहा की लाश तालाब में पाई गई। शनिवार को घटना की रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार की मौत और रविवार को होटल में जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन की लाश मिलने के बाद सोमवार को अनामिका कुशवाहा की मौत से मध्‍यप्रदेश सरकार पर हमले और तेज हो गए। हालांकि, अनामिका की मौत को पुलिस दहेज के लिए सताए जाने के कारण की गई खुदकुशी मान रही है।
पुलिस पर उठा सवाल
पिछले सप्‍ताह मौत का शिकार बने एक डॉक्‍टर की पत्‍नी ने पुलिस पर घूस मांगने का आरोप लगा कर उसकी साख पर सवाल खड़ा कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने मध्‍यप्रदेश सरकार को निशाने पर लिया तो केंद्र सरकार खुल कर बचाव में उतर गई। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि विपक्ष इस 'नॉन इश्‍यू' को तूल दे रहा है। सोमवार को व्‍यापमं घोटाले से जुड़ी हर हलचल पर एक नजर:
घोटाले के सिलसिले में ग्वालियर के डॉक्टर राजेंद्र आर्य को भी गिरफ्तार किया गया था। करीब एक साल बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया। राजेंद्र की पिछले सप्ताह मौत हो गई थी। बताया गया कि उनकी मौत किडनी खराब होने के चलते हुई। लेकिन राजेंद्र की पत्नी उषा ने आरोप लगाया है कि पुलिस उन्हें घूस देने के लिए परेशान कर रही थी। सोमवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में उषा ने बताया, “राजेंद्र की तबियत बिल्कुल ठीक थी, उन्हें ठीक से भूख भी लगती थी।” ऊषा ने पुलिस के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि राजेंद्र को किडनी इन्फेक्शन था। ऊषा ने कहा, “जब से उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तब से पुलिस उनसे लगातार रिश्वत मांग रही थी। राजेंद्र ने शिकायत इसलिए नहीं की क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की चिंता थी।”
गवर्नर को हटाया जाए या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वह अर्जी मंजूर कर ली, जिसमें मध्‍य प्रदेश के राज्‍यपाल रामनरेश यादव को हटाने और उनसे पूछताछ की इजाजत देने की मांग की है। अर्जी पर सुनवाई 9 जुलाई के होगी। यादव के बेटे शैलेश यादव इस घोटाले में आरोपी थे, जिनकी बीते 26 मार्च को यूपी में संदिग्‍ध हालात में मौत हो गई थी। आरोप है कि खुद राज्‍यपाल भी फर्जीवाड़े में शामिल रहे हैं।
व्यापमं से जुड़ी एक और मौत

व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के सागर पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में 2014 बैच की सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग कर रही अनामिका कुशवाहा की लाश तालाब से मिली। यह घोटाले से जुड़े लोगों की तीन दिन में तीसरी मौत है। सागर रेंज के आईजी (पुलिस) केपी खरे ने कहा है कि दहेज को लेकर अनामिका की अपने पति से अनबन चल रही थी।
राजनाथ ने किया सीबीआई जांच से इनकार
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी व्यापमं घोटाले की सीबीआई से जांच कराने से इनकार कर दिया है। राजनाथ ने सोमवार दोपहर कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट अब तक की जांच से संतुष्ट हैं, इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई को देने की कोई जरूरत नहीं है। उनसे जब पूछा गया कि क्‍या आपने राज्‍य सरकार से इस बारे में कोई बात की है, तो उनका कहना था- हमें सब पता ही है तो बात क्‍या करनी। जब मध्‍यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बे बयान को लेकर उनसे पूछा गया तो बोले- विपक्ष बेकार मुद्दे को तूल दे रहा है।
सीएम की सफाई- हर मौत को व्यापमं से जोड़ना सही नहीं
एमपी के सीएम शिवराज सिंह ने सोमवार को एक महिला ट्रेनी सब इंस्पेक्टर द्वारा खुदकुशी किए जाने के बाद कहा कि हर मौत को व्यापमं मामले से जोड़ना सही नहीं है। अनामिका नाम की इस महिला सब इंस्पेक्टर का सलेक्शन भी व्यापमं के जरिए ही हुआ था।
चतुर्वेदी ने कहा, सबको एक्सपोज करूंगा
इस मामले में व्हिसल ब्लोअर और कांग्रेस नेता अशीष चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि राज्य पुलिस इस मामले की सही जांच नहीं कर सकती। आशीष ने कहा कि वह सीएम शिवराज सिंह चौहान और इस मामले से जुड़ी मछलियों को जरूर एक्सपोज करेंगे।
गार्ड ने कहा, आशीष की जान को खतरा

आशीष चतुर्वेदी के सुरक्षा गार्ड ने आशीष पर हमला किए जाने की आशंका जताते हुए यह सूचना अपने अफसरों को दी है। सुरक्षा गार्ड के मुताबिक कुछ लोग इस बारे में बात कर रहे थे। बता दें कि आशीष अपनी सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट से केंद्रीय बल की मांग कर चुके हैं।
कैलाश विजयवर्गीय की निंदा
पत्रकार अक्षय सिंह की मौत से जुड़े एक सवाल पर गैरजिम्मेदाराना बयान देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की आलोचना हो रही है। कैलाश ने एक सवाल के जवाब में कहा था, “पत्रकार-वत्रकार छोड़ो, आज हमसे बड़ा पत्रकार है क्या?” कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कैलाश के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें देश से माफी मांगना चाहिए। बाद में कैलाश ने अपनी सफाई में कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया। कैलाश ने कहा, अक्षय मेरे परिचित थे और उनकी मौत दुखद है। कैलाश ने कहा कि उनके बयान को मीडिया के एक सेक्शन ने गलत तरीके से पेश किया। बता दें कि कैलाश ने ही अक्षय की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था।
अमित शाह से मिले कैलाश विजयवर्गीय
अक्षय सिंह की मौत पर दिए गए बयान पर हो रही निंदा के बीच कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार दोपहर दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। हालांकि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसके बारे में जानकारी नहीं मिल सकी।

एक काफ़िर है

एक काफ़िर है उत्बा बिन अबी वक़्क़ास उसने एक
जंग में मेरे नबी सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम को एक
पत्थर ज़ोर से खींच कर मारा, पत्थर
सहाबियों (रदीयल्लाहु अन्हु) क के घेरे
को चीरता हुआ मेरे
नबी सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम के चेहरे मुबारक
पर लगा और वो पीछे की तरफ गिर गए उनके दांत
भी शहीद हुए चेहरा भी खून ओ खून हो गया,
बेहोश हो कर गिर गए, सहाबा ने समझा के आप
शहीद हो गये, सबने रोना शुरू कर दिया,
थोड़ी देर बाद आपको होश
आया तो सहाबा ने अर्ज़ किया के
"या रसूल्लल्लाह,सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम
अब तो इनके लिए बद्दुआ फरमा दें"
अब तो हक़ था की बद्दुआ कर देते मगर मेरे
नबी सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम ने दोनों हाथ
उठा कर कहा "अल्लाहुम्मग्फिरले
क़ौमी फ़इन्ना हुम् ल
यादहूँ"
"अल्लाह मेरी क़ौम को माफ़ कर दें इन्हे
मेरा पता नहीं है".
तो मेरे भाइयों जिसने काफिरों तक के लिए
दुवा मांगी, तुम एक दुसरे को सलाम करना तक
छोड़ चुके हो, एक दुसरे के पीछे नमाज़ें पढ़ना छोड़
चुके हो, एक दुसरे के ऊपर कुफ्र के फतवे लगाते हो.
मुझे बताओ तुम मेरे नबी के साथ क्या कर रहे हो?
वो तुम्हे फ़िरक़ों में बाँट कर गए थे या उम्मत
बना कर गए थे?
क्यों इस नादान खेल में अपनी ज़िन्दगी बर्बाद
करते हो?
क्यों नहीं मुसलमान बन कर रहते हो?
इस उम्मत में इख़्तिलाफ़ शुरू से है और हमेशा रहेगा.
यहाँ तक न जाओ के एक दुसरे पर कुफ्र के फतवे?
जन्नत में कौन जायेगा?
सुन्निओं ने कहा वहाबी काफ़िर, वहाबिओं ने
कहा बरेलवी काफ़िर, बरेलविओं ने
कहा देओबंदि काफ़िर, सुन्निओं ने
कहा शिया काफ़िर, शिया ने
कहा सुन्नी काफ़िर.
जन्नत में कौन जायेगा?
कुछ तो भाइयों मेरे नबी की मेहनत की क़द्र
करो.
मेरे नबी सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम
तो गैरों को अपना बनाने आए थे हमने
तो अपनों को गैर बना दिया.
क्या इसी का नाम इस्लाम है?
क्या इसी का नाम इश्क़े रसूल
सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम है?
इसी को दीन कहते हैं?
एक दुसरे की मस्जिदों में नहीं जाते हो, एक दूसरे
के पीछे नमाज़ें नहीं पढ़ते,जन्नत के ठेकेदार बने बैठे
हो.
मेरे नबी तो अब्दुल्लाह बिन उबइ
का जनाज़ा पढ़ाने
खड़े हो गए थे, जिसका कुफ्र अबु जहल से बड़ा है.
अबु जहल ऊपर की दोज़ख में है अब्दुलाह बिन
उबई सबसे निचे की दोज़ख में है.
उसके बेटे आए कहा " या रसूल्लाह मेरा बाप मर
गया है आप अपना कुरता दे देंगे मैं उसको कफ़न दे दूँ ?
"
आपने कहा "हाँ ले जाओ".
कहते भाग जाओ बदबख्त, मगर कुर्ता उतार के
दिया.
कहा या रसूल्लाह आप जनाज़ा पढ़ा देंगे ?
आपने कहा "हाँ पढ़ा दूंगा" ...
बाकि मुनाफिकों का मुनाफ़िक़
होना किसी को पता नहीं था सिवाए
अल्लाह के नबी के मगर अब्दुल्लाह बिन उबइ
का मुनाफ़िक़ होना तो सभी को पता था .
आप सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम जनाज़े के लिए
खड़े हुए तो उमर (रदीयल्लाहु अन्हु) आ गए
कहा "या रसूल्लुलाह ये कौन है आप जानते हैं न ?"
अपने कहा "पता है कौन है" उन्होंने
पूछा इसका जनाज़ा क्यों पढ़ा रहे हैं ? आप बोले
के "शायद अल्लाह माफ़ कर दे, उमर तू पीछे हट
जा, मेरे अल्लाह ने कहा है की तू इनके लिए
दुवा कर
या न कर मैं इनको माफ़ नहीं करूँगा फिर भी मैं
कर रहा हूँ के शायद अल्लाह माफ़ कर दे इसे".
फिर फरमाया के अल्लाह ने कहा के तू ७०
दफा भी इसके लिए दुवा कर तो मैं माफ़
नहीं करूँगा.
मेरे नबी ने कहा के अगर अल्लाह कहता की तू ७०
दफा इसके लिए दुवा कर तो मैं माफ़ कर
दूंगा तो मैं ७० दफ़ा इसका जनाज़ा पढ़ा देता.
मुझे तुम लोग बताओ, तुम कहा से ये दीन लेकर
आए हो?
इसमें तुम फ़िरक़ों में बट गए हो?
नफरतों की आग तुमने लगा दी है.
मैं तुम्हे अल्लाह और उसके रसूल
सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम
का वास्ता देता हूँ . उम्मत
बन के रहो. अपने अपने अक़ीदे में पक्के रहो.
दूसरों के लिए गुंजाइश रखो.
मेरे नबी ने पूछा दीन का सबसे मज़बूत अमल
क्या है?
सहाबा ने कहा " नमाज़"
आपने कहा "नहीं"
सहाबा ने कहा "रोज़ा"
आपने कहा "नहीं"
सहाबा ने कहा "ज़कात"
आपने कहा "नहीं"
तो सबने कहा या रसूल्लाह
सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम फिर आप फरमाएं
तो आपने कहा
"दीन का सबसे मज़बूत अमल मोहब्बत है,
मोहब्बत है, मोहब्बत है"

जूते दो, पानी लो


बिल क्या होता है। आम तौर पर हम किसी वस्तु या सेवा खरीदते हैं। बदले में भुगतान करते हैं। दुकानदार हमें एक पर्ची देता है। उस पर वस्तु या सेवा का मूल्य लिखा होता है। उसे हम अदा करते हैं। ट्रांजेक्शन। एक्सचेंज। बिल कभी एक पक्षीय नहीं होता। लेनदेन होने पर ही बिल जनरेट होता है। बिल लेनदेन का सबूत होता है। वक्त जरूरत काम आता है। लोग सहेज कर रखते हैं। आपको कई घरों में बरसों पुराने नल, बिजली और टेलीफोन के बिल मिल जाएंगे। बाकायदा फाइल किए हुए। कुछ लोग इसे बाबूगिरी मानते हैं। कुछ रिटायर लोगों का काम। आज ई कामर्स का युग है। फोन या इंटरनेट पर आर्डर। नेट या मोबाइल पर बिल। फिर ई बैंकिंग से भुगतान। पेपरलेस ट्रांजेक्शन। फाइलों का झंझट खत्म। कम्प्यूटर पर ई फाइलिंग। देखते ही देखते क्रांतिकारी बदलाव।
बात मोबाइल पर बिल की। जलदाय विभाग अपने उपभोक्ताओं को पानी के बिल मोबाइल पर भेजने की तैयारी कर रहा है। फिलहाल यह काम ठेके पर दिया हुआ है। काफी महत्वपूर्ण विभाग है। लोगों को पीने लायक स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग। जितनी अहम जिम्मेदारी उससे कई गुना घटिया परफोर्मेंस। गांव हो या शहर। सभी जगह पानी का संकट। पानी की गुणवत्ता का कोई भरोसा नहीं। कचरा और मिट्टी तो आम बात। कब किस मोहल्ले में गटर का पानी नलों से होता हुआ मटकों में पहुंच जाए, कोई ठिकाना नहीं। इस समस्या से शायद ही राज्य का कोई शहर अछूता हो। लोग बरसों से भुगत रहे हैं। पीलिया फैलने के बाद अफसर लाइन चैक करते हैं। पूरा सिस्टम भगवान भरोसे। दशकों पहले डाली गई लाइनें सड़-गल गई। कहीं सीवर लाइन से मिल गई। हजारों लोगों ने मर्जी से कनेक्शन कर लिए। किस शहर में कितने अवैध कनेक्शन हैं, शायद ही किसी अभियंता को पता हो। पानी नहीं आता, कम दबाव से आता है जैसी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं। बस एक ही जवाब। पानी की चोरी हो रही है। अवैध कनेक्शन के कारण प्रेशर डाउन है। अभियंता अखबारों में बयान देकर बताते हैं कि अवैध कनेक्शनों के कारण वैध उपभोक्ताओं को पानी नहीं मिल रहा। हालत यह कि बिल चुकाने वाले उपभोक्ता पानी का इंतजार करते रहते हैं, वहीं कुछ लोग चोरी के पानी से टैंकर भरकर बेचते रहते हैं। अभियंताओं और पानी चोरों का गिरोह माफिया में बदल चुका है। जोधपुर जैसे शहर में कम से कम एक हजार ट्रेक्टर सुबह से रात तक पानी के भरे टैंकर लेकर दौड़ते रहते हैं। मुंह मांगें दाम देने पर भी इंतजार करना पड़ता है। ट्यूबवेल के पानी का टैंकर तीन सौ और नल के पानी का पांच सौ में। गांवों में और भी महंगा। खुले आम बिक रहा है। विभाग का कंट्रोल रूम कागजी। अभियंताओं को अर्जी दो, फोन करो, मटके फोड़ लो। कोई फर्क नहीं पड़ता। कलक्टर को फुर्सत नहीं। मंत्री? कभी कांग्रेस पर आरोप। कभी ऐसी योजनाओं का ब्योरा जो पता नहीं कब शुरू होंगी।
कुल मिलाकर राज्य में जलदाय विभाग की हालत अराजक। कुछ उपभोक्ता अभियंता की मजम्मत कर दें तो पानी तत्काल आ जाता है। जूते दो, पानी लो। किस बात का बिल? कहीं भी गड्ढा खोदो, कनेक्शन कर लो। समस्याग्रस्त इलाकों में जाने की कोई अभियंता जहमत नहीं उठाता। अवैध कनेक्शन काटने की हिम्मत नहीं।
बिल के साथ पानी भी मोबाइल पर ही भेज दो। पानी नहीं तो किस बात का बिल? कोई रीडिंग नहीं। कोई हिसाब नहीं। है कोई देखने-सुनने वाला? अंधेर नगरी चौपट राजा! शायद ऐसी ही हालत के लिए है ये कहावत।
yssoni@gmail.com

ईद की नमाज का तरीका


नीयत करता हूँ मैं 2 रकअत नमाज़ ईदुल फ़ित्र वाजिबमय ज़ाइद 6 तकबीरों केख़ास वास्ते अल्लाह तआला केमुंह मेरा तरफ क़ाबा शरीफ केपीछे इस इमाम केअल्लाहू अकबरफ़िर दोनों हाथो को कानों की लौ तक ले जाकर छोड़ दे , ऐसाही 2 मर्तबा और करेंइमाम चौथी मर्तबा जब अल्लाहु अकबर कहे तो इस बार ज़ेरेनाफ बाँध लें , अब इमाम सा. सना अल्हम्दु व सूरत पढ़कर अल्लाहू अकबर कहेंगे तो रूकू में जाएं और हस्बे मामूल रकअत पूरी करेंफिर दूसरी रकअत के लिए खड़े होकर अल्हम्दु व सूरत सुनें , इसके बाद इमाम सा. अल्लाहू अकबर कहें तो दोनोंहाथ कानों की लौ तक ले जाकर छोड़ दें ऐसा 3 बार होने पर चौथी मर्तबा रूकू में चले जाएँ और हस्बे मामूल दूसरी रकअत भी अदा कर लें !!

कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने कहा के रोज़ा अच्छाई और बुराई के बीच एक जंग है ,,रोज़ा अच्छाई का बुराई के खिलाफ जेहाद है

कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने कहा के रोज़ा अच्छाई और बुराई के बीच एक जंग है ,,रोज़ा अच्छाई का बुराई के खिलाफ जेहाद है ,,,शहर क़ाज़ी आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पंकज मेहता और नवनियुक्त महासचिव श्रीमती पूनम गोयल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित रोज़ा अफ्तार कार्यक्रम में जंगलीशाह बाबा परिसर में रोजेदारों को सम्बोधित कर रहे थे ,,उन्होंने कहा के रोज़े का मतलब केवल भूखे प्यासे रहना नहीं ,,हाथ से गलत काम ना होने दो ,,पैरों से गलत रास्तों पर न चलो ,,दिमाग से गलत न सोचो ,,,आँखो से बुरा मत देखो ,, कानो से बुरा मत सुनो ,,शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने कहा के रोज़ा रूह का शुद्धीकरण करता है और बुराई के खिलाफ अच्छाई की लड़ाई की जीत के बाद ईद का जश्न एक ख़ुशी के रूप में होता है ,,,कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पंकज मेहता ने कहा के रोज़ा मुस्लिम भाइयों के लिए नेकी और इबादत का महीना है पंकज मेहता ने माहे रमज़ान की सभी को मुबारकबाद भी दी ,,कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव श्रीमती पुनम गोयल ने कहा के हमारे भी पुरुषोत्तम का माह है और इसमें रमज़ान का मिलन क़ौमी एकता का संगम है , कार्यक्रम का संचालनं साजिद जावेद ने किया जबकि धन्यवाद ललित चित्तोडा ने दिया ,इफ्तार पार्टी में दूरदराज़ से सैकड़ों लोग उपस्थित थे खास तोर पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ,,,,डॉक्टर ज़फर ,,हाजी अज़ीज़ जावा ,,अज़ीज़ुल्ला खान ,,मोहम्मद मिया ठेकेदार ,,लियाक़त अली ठेकेदार ,,गफ्फार मिर्ज़ा चाँद शेरी ,,अतीक खान ,,बाबू खान ,लियाक़त अली अंसारी ,,,इन्साफ आज़ाद ,,,डॉक्टर ऍन डी पठान ,,,,,उमर सी आई डी ,,,,,पूनम गोयल ,,,,,रहीम खान ,,,,,,,,क़य्यूम अली ,,असलम रोमि ,,मोहम्मद हुसेन मिसकॉल पार्षद ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला सहित सैकड़ों लोग शामिल थे ,,,श्रीमती पूनम गोयल और पंकज मेहता ने कोटा शहर क़ाज़ी अनवर अहमद का शॉल उढ़ाकर स्वागत किया ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

  
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