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11 जुलाई 2015

गीत जो बरसों तक समझ में नहीं आये कुछ ताउम्र नही आएंगे


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'ज़िहाले मस्ती मकुन बरंजिश बहाले हिजरां बेचारा दिल है',(इस गीत को मैं 35 साल की उम्र तक-रिहाले बस्ती मकुन बरंजिश गाया करता था)
'इस मोड़ से जाती हैं कुछ सुस्त कदम राहें' ,(अंतरा तो और खतरनाक है-पत्थर की हवेली से शीशे के मकानों तक)
'खाइके पान बनारस वाला ' मैं समझता रहा की पान बनाने वाले से ग्राहक से कह रहा है,की पहले तू खा और उसके बाद मेरे लिए भी रस वाला पान बना, काफी सालोँ बाद समझ में आया की बनारस के पान प्रसिद्ध होते हैं

'तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नज़र न लगे चश्मेबद्दूर' ,क्या बिना डिक्शनरी देखे कोई चशेबद्दूर का मतलब बता सकता है --------
ये तो मुझे तुरंत याद आ गए वे गाने हैं ,थोडा और ध्यान दूंगा तो लंबी लिस्ट बन जायेगी
ऐसे गीत सुरीली आवाज़ों और संगीत की जादूगरी के दम सेआज भी हमें कंठस्थ हैं चाहे हम ज़िन्दगी भर उनका अर्थ न समझ पाएं

कर्ज लेने वाले लड़के के साथ चार ने किया अननैचुरल सेक्स, पिलाई यूरिन


कर्ज लेने वाले लड़के के साथ चार ने किया अननैचुरल सेक्स, पिलाई यूरिन
इंदौर (मध्य प्रदेश). कर्ज वसूली के लिए चार बदमाशों ने एक लड़के को अगवाकर उसके साथ पहले अननैचुरल सेक्स किया और उसे जबर्दस्ती यूरिन पिलाई। इस दौरान आरोपियों ने वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट पर तीन बदमाशों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ कर रही है। वहीं, चौथे की तलाश की जा रही है।

एक लाख रुपए लौटाने का दावा
केस की जांच कर रहे पंढरीनाथ थाने के टाउन इंस्पेक्टर (टीआई) संजू कामले ने बताया कि शुक्रवार देर रात पंढरीनाथ इलाके में एक मोबाइल की दुकान पर काम करने वाला लड़का अपने भाई के साथ उनके पास आया था। संजू के मुताबिक उस लड़के ने उन्हें बताया कि उसने ईशान नाम के दूसरे लड़के से डेढ़ लाख रुपए उधार लिए थे, जिसमें से एक लाख रुपए से ज्यादा वह वापस कर चुका है। बाकी पैसों की वसूली के लिए ईशान दबाव बना रहा था और ज्यादा ब्याज भी मांग रहा था। जब उसने इससे इनकार किया तो 7 जुलाई को ईशान ने उसे मच्छी बाजार बुलाया और वहां से पीथमपुर ले गया। उसके साथ किशोर, जयेश और अनवर भी थे। फरियादी युवक ने बताया कि खाने के बाद चारों उसे पीथमपुर के एक होटल में ले गए। वहां कमरे में कैद कर उसके साथ ज्यादतियां कीं।

आसाराम के खिलाफ गवाह बने एक और शख्स को गोली मारी, हालत गंभीर

आसाराम के खिलाफ गवाह बने एक और शख्स को गोली मारी, हालत गंभीर
शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश). नाबालिग स्टूडेंट के यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम के खिलाफ सरकारी गवाह बने एक और आदमी पर जानलेवा हमला किया गया है। कृपाल सिंह नाम के इस गवाह को शुक्रवार देर रात शाहजहांपुर में अज्ञात लोगों ने गोली मार दी। कृपाल सिंह को बरेली रेफर किया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। कृपाल आसाराम के खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली लड़की के पिता के ट्रांसपोर्ट कंपनी में जॉब करता है। जनवरी में आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले उसके पूर्व रसोइए का मर्डर कर दिया गया था।
पुलिस ने बनाई तीन टीमें
जानकारी के मुताबिक, कृपाल पर शुक्रवार देर रात उस वक्त हमला किया गया, जब वह घर लौट रहा था। उसे बाइक से आए तीन लोगों ने पीछे से गोली मारी। कृपाल को तुरंत लोकल हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे बरेली रेफर कर दिया गया। ताजा जानकारी के मुताबिक, कृपाल की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। कृपाल की फैमिली ने आरोप लगाया है कि उस पर हमला आसाराम के गुर्गों ने किया है। पुलिस ने हमले के बाद तीन टीम बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। बता दें कि 12 जनवरी को मुजफ्फरनगर में आसाराम के खिलाफ सरकारी गवाह बने उसके रसोइए की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
कृपाल ने दी थी ऑडियो क्लिप
चार महीने पहले कृपाल सिंह ने एक ऑडियो क्लिप मीडिया को जारी किया था। इसमें आसाराम अपने गुर्गों से बात करता सुनाई पड़ता है। इसके बाद कृपाल ने अपनी जान का खतरा भी जताया था। आसाराम पर एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण का आरोप है और इस मामले में वह सितंबर 2013 से जेल में बंद है।

अवैध संबंध के शक में पत्नी व दो बच्चों को कुल्हाड़ी से काटा, लाशों के साथ सोया


अवैध संबंध के शक में पत्नी व दो बच्चों को कुल्हाड़ी से काटा, लाशों के साथ सोया
सादुलशहर/जयपुर. राजस्थान के गंगानगर जिले में एक आदमी ने अवैध संबंध के शक में अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। इसके बाद खुद अपने सिर में भी मामूली चोट मारकर घटना को नया मोड़ देने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस की सख्ती से की गई पूछताछ में उसने गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी पति, मृतका के प्रेमी सहित पांच लोगों को कस्टडी में लिया है।
सीआई वेदप्रकाश लखोटिया ने बताया कि फोन पर सूचना मिली कि गांव के बिश्नोई मंदिर के पास एक घर में एक महिला सहित तीन लोगों की हत्या कर दी गई है। सूचना पर वे सुभाष मेघवाल के घर पहुंचे तो एक कमरे में बेड पर उसकी पत्नी संतोष (27), उसकी पुत्री स्नेहा (7) व पुत्र हिमांशु उर्फ मन्नू (5) के लहूलुहान शव मिले। मृतका के पति सुभाष मेघवाल सहित पांच लोगों को पूछताछ के लिए कस्टडी में लिया है। आरोपी सुभाष ने पहले बताया था कि कोई अज्ञात व्यक्ति तीनों की हत्या कर गया है परंतु सख्ती से पूछताछ करने पर सुभाष टूट गया और स्वीकार किया कि तीनों हत्याएं उसी ने ही की है।
सीआई के मुताबिक मामला अवैध संबंध का लगता है। सुभाष की पत्नी संतोष का गांव के ही एक युवक के साथ अवैध संबंध होने की बात सामने आई है। उस युवक की शुक्रवार शाम सुभाष मेघवाल के साथ गाली-गलौज हुई थी। इसके बाद रात को ही सुभाष ने अपनी पत्नी एवं दोनों बच्चों का कुल्हाड़ी मारकर मर्डर कर दिया।
हत्या करके सो गया था आरोपी, सुबह परिजनों को दी सूचना
हत्या के बाद आरोपी ने रात को किसी को सूचना नहीं दी और उसी डबल बेड पर सुबह तक सोया रहा जहां उसकी पत्नी एवं दोनों बच्चों के लहूलुहान शव पड़े थे। सुभाष ने सुबह मोबाइल फोन से अपने परिवार के दो सदस्यों को घर बुलाया और घटना के बारे में जानकारी दी। सुभाष ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़े को अपने परिवार के एक सदस्य से पड़ोसी के यहां छुपा दिया, जिसे पुलिस ने मजदूरों की सहायता से कड़ी मशक्कत के बाद निकलवाया।
पूर्व में बिजली का करंट लगाने के आरोप में दिया था परिवाद
मृतक महिला की चाची गीता ने बताया कि संतोष की शादी आठ साल पहले सुभाष के साथ हुई थी। सुभाष ने उसे अक्सर परेशान करता था। करीब डेढ़ साल पहले संतोष ने पति सुभाष पर बिजली का करंट लगाने का मामला दर्ज कराया था। बाद में पंचायत ने दोनों के बीच सुलह कराई। मृतका के पिता दानाराम मेघवाल ने आरोप लगाया कि हत्या में आरोपी के परिजन भी शामिल हैं।

शबे क़द्र और इस की रात का महत्वः …

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रमज़ान महीने में एक रात ऐसी भी आती है, जो हज़ार महीने की रात से बेहतर है। जिसे शबे क़द्र कहा जाता है। शबे क़द्र का अर्थ होता हैः ” सर्वश्रेष्ट रात “, ऊंचे स्थान वाली रात”, लोगों के नसीब लिखी जानी वाली रात।
शबे क़द्र बहुत ही महत्वपूर्ण रात है, जिस के एक रात की इबादत हज़ार महीनों (83 वर्ष 4 महीने) की इबादतों से बेहतर और अच्छा है। इसी लिए इस रात की फज़ीलत क़ुरआन मजीद और प्रिय रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की हदीसों से प्रमाणित है।
क़द्र वाली रात का महत्वः
(1) इस पवित्र रात में अल्लाह तआला ने क़ुरआन करीम को लोह़ महफूज़ से आकाश दुनिया पर उतारा फिर 23 वर्ष की अवधि में आवयश्कता के अनुसार मुहम्नद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर उतारा गया। जैसा कि अल्लाह तआला का इर्शाद है।
• अल कुरान: “हमने इस (क़ुरआन) को क़द्र वाली रात में अवतरित किया है।……..” – (सुराः ९७ क़द्र)
(2) यह रात अल्लाह तआला के पास बहुत उच्च स्थान रखती है। इसी लिए अल्लाह तआला ने प्रश्न के तरीके से इस रात की महत्वपूर्णता बयान फरमाया है और फिर अल्लाह तआला ने स्वयं ही इस रात की फज़ीलत को बयान फरमाया कि यह एक रात हज़ार महीनों की रात से उत्तम है।
• अल कुरान: “और तुम किया जानो कि क़द्र की रात क्या है ?, क़द्र की रात हज़ार महीनों की रात से ज़्यादा उत्तम है।” – (सुराः ९७ क़द्र)
(3) इस रात में अल्लाह तआला के आदेश से अनगीनत फरिश्ते और जिब्रईल (अलैहि सलाम) आकाश से उतरते है। अल्लाह तआला की रहमतें, अल्लाह की क्षमा ले कर उतरते हैं। इस से भी इस रात की महत्वपूर्णता मालूम होती है। जैसा कि अल्लाह तआला का इर्शाद हैः
• अल कुरान: “फ़रिश्ते और रूह (जिब्रईल अलैहि सलाम) उस में अपने रब्ब की आज्ञा से हर आदेश लेकर उतरते हैं।” – (सुराः ९७ क़द्र)
(4) यह रात बहुत सलामती वाली है। इस रात में अल्लाह की इबादत में ग्रस्त व्यक्ति परेशानियों, ईश्वरीय संकट से सुरक्षित रहते हैं। इस रात की महत्वपूर्ण, विशेषता के बारे में अल्लाह तआला ने क़ुरआन करीम में बयान फरमाया हैः
• अल कुरान: “यह रात पूरी की पूरी सलामती है उषाकाल के उदय होने तक। ” – (सुराः ९७ क़द्र)
(5) यह रात बहुत ही पवित्र तथा बरकत वाली हैः इस लिए इस रात में अल्लाह की इबादत की जाए, ज़्यादा से ज़्यादा अल्लाह से दुआ की जाए, अल्लाह का फरमान हैः
• अल कुरान: “हमने इस (क़ुरआन) को बरकत वाली रात में अवतरित किया है।…….. ” – (सुराः ९७ क़द्र)
(6) इस रात में अल्लाह तआला के आदेश से लोगों के नसीबों (भाग्य) को एक वर्ष के लिए दोबारा लिखा जाता है। इस वर्ष किन लोगों को अल्लाह तआला की रहमतें मिलेंगी ? यह वर्ष अल्लाह की क्षमा का लाभ कौन लोग उठाएंगे ?, इस वर्ष कौन लोग अभागी होंगे ?, किस को इस वर्ष संतान जन्म लेगा और किस की मृत्यु होगी ? तो जो व्यक्ति इस रात को इबादतों में बिताएगा, अल्लाह से दुआ और प्रार्थनाओं में गुज़ारेगा, बेशक उस के लिए यह रात बहुत महत्वपूर्ण होगी । जैसा कि अल्लाह तआला का इरशाद हैः
• अल कुरान: “यह वह रात है जिस में हर मामले का तत्तवदर्शितायुक्त निर्णय हमारे आदेश से प्रचलित किया जाता है। ” – (सुराः44 अद् दुखानः 4-5 )
(7) यह रात पापों, गुनाहों, गलतियों से मुक्ति और छुटकारे की रात है। मानव अपनी अप्राधों से मुक्ति के लिए अल्लाह से माफी मांगे, अल्लाह बहुत ज़्यादा माफ करने वाला, क्षमा करने वाला है। खास कर इस रात में लम्बी लम्बी नमाज़े पढ़ा जाए, अधिक से अधिक अल्लाह से अपने पापों, गलतियों पर माफी मांगा जाए, अल्लाह तआला बहुत माफ करने वाला, क्षमा करने वाला है। जैसा कि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का कथन हैः
• हदीस: “जो व्यक्ति शबे क़द्र में अल्लाह पर विश्वास तथा पुण्य की आशा करते हुए रातों को तरावीह (क़ियाम करेगा) पढ़ेगा, उसके पिछ्ले सम्पूर्ण पाप क्षमा कर दिये जाएंगे।” – (बुखारी तथा मुस्लिम)
यह महान क़द्र की रात कौन सी है?
यह अल्लाह की ओर से एक प्रदान रात है जिस की महानता के बारे में कुछ बातें बयान की जा चुकी हैं। इसी शबे क़द्र को तलाश ने का आदेश प्रिय रसूल(सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अपने कथन से दिया है। “जैसा कि आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) वर्णन करती है –
• हदीस: “रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः ” कद्र वाली रात को रमज़ान महीने के अन्तिम दस ताक रातों में तलाशों ” –(बुखारी तथा मुस्लिम)
प्रिय रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने शबे क़द्र को अन्तिम दस ताक वाली (21, 23, 25,27, 29) रातों में तलाशने का आदेश दिया है। शबे क़द्र के बारे में जितनी भी हदीस की रिवायतें आइ हैं। सब सही बुखारी, सही मुस्लिम और सही सनद से वर्णन हैं। इस लिए हदीस के विद्ववानों ने कहा है कि सब हदीसों को पढ़ने के बाद मालूम होता है कि शबे क़द्र हर वर्ष विभिन्न रातों में आती हैं। कभी 21 रमज़ान की रात क़द्र वाली रात होती, तो कभी 23 रमज़ान की रात क़द्र वाली रात होती, तो कभी 25 रमज़ान की रात क़द्र वाली रात होती, तो कभी 27 रमज़ान की रात क़द्र वाली रात होती, तो कभी 29 रमज़ान की रात क़द्र वाली रात होती और यही बात सही मालूम होता है। इस लिए हम इन पाँच बेजोड़ वाली रातों में शबे क़द्र को तलाशें और बेशुमार अज्रो सवाब के ह़क़्दार बन जाए। –
शबे क़द्र की निशानीः
प्रिय रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस रात की कुछ निशानी बयान फरमाया है। जिस के माध्यम से इस महत्वपूर्ण रात को पहचाना जा सकता है।
(1) यह रात बहुत रोशनी वाली होगी, आकाश प्रकाशित होगा, इस रात में न तो बहुत गरमी होगी और न ही सर्दी होगी बल्कि वातावरण अच्छा होगा, उचित होगा। जैसा कि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने निशानी बतायी है, जिसे सहाबी वासिला बिन अस्क़अ वर्णन करते है कि –
• हदीस: रसूल ने फरमायाः “शबे क़द्र रोशनी वाली रात होती है, न ज़्यादा गर्मी और न ज़्यादा ठंढ़ी और वातावरण संतुलित होता है और सितारे को शैतान के पीछे नही भेजा जाता।” – (तब्रानी)
(2) यह रात बहुत संतुलित वाली रात होगी। वातावरण बहुत अच्छा होगा, न ही गर्मी और न ही ठंडी होगी। हदीस रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) इसी बात को स्पष्ट करती है –
• हदीस: “शबे क़द्र वातावरण संतुलित रात होती है, न ज़्यादा गर्मी और न ज़्यादा ठंढ़ी और उस रात के सुबह का सुर्य जब निकलता है तो लालपन धिमा होता है ।” – (सही- इब्नि खुज़ेमा तथा मुस्नद त़यालसी)
(3) शबे क़द्र के सुबह का सुर्य जब निकलता है, तो रोशनी धिमी होती है, सुर्य के रोशनी में किरण न होता है । जैसा कि उबइ बिन कअब वर्णन करते हैं कि –
• हदीस: “रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ) ने फरमायाः उस रात के सुबह का सुर्य जब निकलता है, तो रोशनी में किरण नही होता है।” – (सही मुस्लिम)
शबे क़द्र की रात में कैसी इबादत करे ?
हक़ीक़त तो यह है कि इन्सान इन रातों की निशानियों का परिचय कर पाए या न कर पाए बस वह अल्लाह की इबादतों, ज़िक्रो-अज़्कार, दुआ और क़ुरआन की तिलावत, क़ुरआन पर गम्भीरता से विचार किरे । इख्लास के साथ, केवल अल्लाह को प्रसन्न करने के लिए अच्छे तरीक़े से अल्लाह की इबादत करे, प्रिय रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की इताअत करे, और अपनी क्षमता के अनुसार अल्लाह की खूब इबादत करे और शबे क़द्र में यह दुआ अधिक से अधिक करे, अधिक से अधिक अल्लाह से अपने पापों, गलतियों पर माफी मांगा जाए। जैसा कि –
• हदीस: आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) वर्णन करती हैं कि, मैं ने रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से प्रश्न किया कि यदि मैं क़द्र की रात को पा लूँ तो क्या दुआ करू, तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः “अल्लाहुम्मा इन्नक अफुव्वुन करीमुन, तू हिब्बुल-अफ्व, फअफु अन्नी।” अर्थः ‘ऐ अल्लाह! निःसन्देह तू माफ करने वाला है, माफ करने को पसन्द फरमाता, तू मेरे गुनाहों को माफ कर दे।”
अल्लाह हमें और आप को इस महीने में ज्यादा से ज़्यादा भलाइ के काम, लोगों के कल्याण के काम, अल्लाह की इबादत की शक्ति प्रदान करे और हमारे गुनाहों, पापों, गलतियों को अपने दया तथा कृपा से क्षमा करे

एक क्रूर बाप ,,एक क्रूर परिवार

एक क्रूर बाप ,,एक क्रूर परिवार जिसने अपनी मासूम विधवा ,,,मासूम पोतियों की सम्पत्ति हड़पने के लिए देहरादून में पुत्र का फ़र्ज़ी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया ,,,,,,,,एक ज़ालिम बाप जिसने रमज़ानों के महीने में पंचवकता नमाज़ी अपने पुत्र के जनाज़े की क़ब्र को दोबारा खुदवाया ,,उसे अपमानित किया ,,इतना ही नहीं क़ब्र में पहले से ही फर्जीवाड़ा षड्यंत्र किया ,,,दोस्तों देहरादून की एक नौजवान बेटे की क़ब्र जिसे बाप ने बहु पोतियों की सम्पत्ति हड़पने के लिए खुद के सामने ,,खुद की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किये गए पुत्र की क़ब्र को फिर आरोपित कर खुदवाया ,,देहरादून की इस क़ब्र में सुखी मिटटी थी ,,बारिश के महीने में मिटटी में ज़रा भी नमी नहीं थी ,,इतना ही नहीं क़ब्र के ऊपर डाली गई मिटटी दफनाते वक़्त वाली मिटटी नहीं थी ,,मिटटी में दूसरी किसी की क़ब्र की खोपड़ी और हड्डियां ,,,बाल ,,कफन का कपड़ा कैसे आया इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है ,,,देहरादून स्थित चंद्रनगर के चारदीवारी वाले इस क़ब्रिस्तान में कैसे यह गड़बड़ी हुई कोई बताने को तैयार नहीं है ,,एक क़बर की मिटटी पूरी सूखी फिर उस मिटटी के साथ किसी अज्ञात व्यक्ति का सर हड्डिया आपराधिक षड्यंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है ,,,,,,,,,,दोस्तों एक बाप जिसने अपने बेटे को हमेशा नोट छापने की मशीन समझकर उससे हर माह रूपये खाने का एक ज़रिया समझा ,,पुत्र के रुपयों से खुद सम्पत्ति खरीद्द्ते रहे ,,,लगातार पुत्र के घर पर जाकर मीठी मीठी बाटे कर उससे पुत्रियां होने की वजह से पुत्र प्राप्ति के लिए दूसरी शादी के बारे में उकसाते रहे ,,,,बहु के ज़ेवर ,क़ीमती सामान अपने साथ ले जाते रहे ,,कई खाली कागज़ों पर हस्ताक्षर करवाकर ले जाते रहे ,,वही पिता परिवार उनकी मौजूदगी में पुत्र की आकस्मिक मोत पर कहानियां गढ़ने लगा ,, पोस्टमार्टम कराने से इंकार करने लगा ,,लेकिन पुलिस से बहु पक्ष ने कहकर पोस्टमार्टम करवाया ,,, स्वर्गीय पुत्र का पिता की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ ,,जाँच हुई मोत आकस्मिक दिल में क्लॉट हो जाने से होना स्पष्ट हुआ ,,,शव देहरादून खुद पिता द्वारा ले जाया गया ,,,,पिता और दूसरे रिश्तेदारों की मौजूदगी में उनके निजी खानदानी क़ब्रिस्तान में दफनाया गया ,,,दफनाने के दिन से ही पिता पुत्र के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए लालायित हो उठा दिल्ली में मृत्यु और पिता देहरादून से मृत्युप्रमाणपत्र मृत्यु स्थान गलत तरीके से दिल्ली के स्थान पर देहरादून में होना दर्शाकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की कोशिशों में जुट गया और फ़र्ज़ी कूटरचित दस्तावेज तैयार भी कर लिए ,,इस क्रूर पिता ने अपनी पोतियों को उठाने मरवादेने की धमकिया दी बहु को अपमानित किया ,,जबरन दस्तावेजों ,,स्टाम्पों पर हस्ताक्षर कुछ करवाये और कुछ पर इंकार कर देने पर गाली गलोच की ,,लड़ाई झगड़ा किया ,,बदनाम करने ,,तेज़ाब डालने ,,झूंठे मुक़दमों में फंसा देने की धमकिया देकर पहने हुए कपड़ों में इद्दत अवधि में घर से बाहर निकाल दिया ,,,,,,,,,,,,,,,, देहरादून से दिल्ली आने पर भी इस ससुर और रिश्तेदारों ने लालच नहीं छोड़ा ,,देहरादून की सम्पत्ति पर तो हड़पकर हाथ साफ़ कर ही लिया लेकिन पुत्र की मृत्यु के बाद बहु के ज़ेवर हड़प लिए ,,बैंक खातों में से रूपये निकाले ,,,कार्यालय में फर्जीवाड़ा कर ई मेल के के ज़रिये रूपये हड़पने की कोशिश की ,,मृतक पुत्र के खातों से छेड़छाड़ ,,बहु के खातों से छेड़छाड़ की ,,कांटेंक्ट किलर और जासूस पीछे लगाये ,,अपने रिश्तेटर के ज़रिये अवैध रूप से टेलीफोन नियमों के विपरीत कॉल डिटेल निकलवाना शुरू की ,,फ़र्ज़ी फेसबुक एकाउंट तैयार किये ,,कूटरचना का पूरा प्रयास किया ,,डॉक्टर रिश्तेदारों ने पुलिस डॉक्टर पर दबाव बनाने के लिए धमकाया ,,बी बी सी के एक संवाददाता रिश्तेदार ने बी बी सी के लोगों का दुरूपयोग कर पुलिस पर दबाव बनाया ,,,एस डी एम को गलत जानकारिया दी ,,एक पुलिस अधिकारी की सिफारिश लगवाई ,,,,,,,,,,पत्रकारों को एक तरफा कहानी बताकर लोगों को भर्मित करने का प्रयास किया ,,,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर परिवार के साथ मिलकर रिपोर्ट के छेड़छाड़ का प्रयास किया ,,,,,,,,एक क्रूर बाप जो अपनी विधवा बहु ,,मासूम पोतियों को लड़की होने की सज़ा देने के लिए क्रूरतम व्यवहार कर उसके स्वर्गीय लाडले पति की क़ब्र बेवजह खुदवाता है ,,उसमे खोपड़ी हड्डियां रखवाते है ,,ऐसे आपराधिक षड्यंत्र वाला ससुर जो अपने पुत्र का फ़र्ज़ी स्थान दर्शाकर निजी स्वार्थ के लिए क़ानून का दुरूपयोग कर क़ानून को धोखा देते हुए फ़र्ज़ी मृत्यु प्रमाणपत्र देहरादून से बनवाता है और उस प्रमाणपत्र को शिकायत करने के बाद भी देहरादून नगरनिगम ,, देहरादून कलेक्टर को प्रभावित कर ख़ारिज नहीं होने देता ,,,,,एक क्रूर ससुर जो अपनी बहु के शेयर फ़र्ज़ी हस्ताक्षर से बेच देता है ,, एक चाचा ससुर जो पेशे से चिकित्सक है ,,,एक चाचा ससुर जो कबाड़ी है दिल्ली की एस डी एम कोर्ट में डंके की चोट पर क़ानून को अपनी जेब में रखते हेु विधवा बहु के ससुर के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर कर दस्तावेज प्राप्त करते है ,,शिकायत होती है कार्यवाही नहीं होने देते ,,,,,,ऐसे ज़ालिम लोगों के खिलाफ दोस्तों एक विधवा बहु ,एक बेसहारा पोतियों की पुकार है उन्हें आपकी मदद और दुआओं की ज़रूरत है ,,,,आप दिल्ली पुलिस से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करवाने का प्रयास करे ,,देहरादून पुलिस और कलेक्टर नगरनिगम में कार्यवाही गलत तरीके से करने पर ऐसे लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करवाकर दंडित करवाये ,,,,,,दिल्ली और देहरादून की जो भी समाज सेवी संस्थाए ,,महिला सुरक्षा में जुटे समाजसेवी हो ,,जो भी पत्रकार हो प्लीज़ प्लीज़ इस मामले में आगे आये मदद करे दस्तावेजी सुबूत के साथ ऐसे क्रूरतम लोगों का गंदा चेहरा लोगों के सामने ऊजागर करे ,,एक बेबस ,,लाचार विधवा बहु और उसकी बेटियों को सुरक्षित करे ,,उनका हिस्सा ,,उनके हड़पे हुए ज़ेवर ,,सामान ,,उनका सम्पत्ति का हक़ उन्हें दिलवाए और अब तक जो इन लोगों की फ़र्ज़ी कूटरचना ,, काल्पनिक कहानिया बी बी सी के इनके रिश्तेदार संवाददाता के प्रभाव में जो प्रकाशित की है उसकी तहक़ीक़ात कर मुंह तोड़ जवाब दीजिये ,,जो अधिकारी बेईमानी पूर्वक इनकी मदद कर दूसरे अधिकारीयों को दबाव में लेना चाहता है उन्हें बेनक़ाब कीजिये ,,एक बेटी एक बहु उसकी बेटियों को प्लीज़ इन्साफ दीजिये ,,,इंसाफ दीजिये ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पार्षद मोहम्मद हुसैन के इफ्तार में की हजारों रोजादारों ने शिरकत


हर रोजदार का हुसैन ने माला पहना कर किया स्वागत
कोटा जुलाई शुक्रवार को महफ़िल खाना बाबा जंगली शाह परिसर में आम आदमी पार्टी पार्षद पर्वक्ता मोहम्मद हुसैन की जानिब से शहर काजी अनवार अहमद की सरपरस्ती में रोजा इफ्तार का प्रोग्राम आयोजित किया गया इफ्तार में मुख्य अतिथि दिल्ली लक्ष्मी नगर विधायक राजस्थान के प्रभारी नितिन त्यागी थे जिसमें हजारों लोगों ने एक साथ रोजा खोला इस से पहले हुसैन ने इफ्तार में आये सभी रोज्दार महिला बच्चे बुजोर्गों का मुख्य द्वार पर माला पहना कर स्वागत किया इस मौके पर शहर काजी अनवार अहमद ने रोजे के एक महीने को इंसानों की ट्रेनिंग का महिना बताते हुए कहा की इस महीने में कोई भी इंसान एक नेकी करता है तो उसे उसका सत्तर गुना नेकियों का सवाब मिलता है नितिन त्यागी ने कहा की रमजान से मिलती है संयम की सिख हुसैन ने कहा की रोजा जीने का बेहतरीन तरीका सिखाता है अंत में मोहम्मद हुसैन ने रोजा इफ्तार में शिरकत करने वालों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा की उनसे इस आयोजन की व्यवस्था में किसी तरह की कमी रह गई हो तो रोजादार उन्हें माफ़ करें कार्यकर्म का संचालन रफीक बेलियम .जूनियर अन्नू कपूर .ने किया इस मौके पर गफ्फार मिर्जा ,मौलाना अलाउद्दीन अशरफी ,सुमित विजय.नविन पालीवाल .नीलेश अगरवाल .उमर घोसी ,जाकिर रिजवी ,आबिद कागजी ,किफ़ायत सिख .इलियास अंसारी ,चिंटू अशलम खान. अनवर अंसारी ,वाहिद कुरैशी ,शरीफ पठान ,अंसार इन्दोरी ,जावेद इकबाल ,एम् ए नईम . यूआरएल रेड्डी सहित कोटा के कई सामाजिक संगठनों के लोग सामिल मौजूद रहे

कॄष्ण के जीवन के कुछ विशेष पहलू --


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* कॄष्ण के जन्म के समय और उनकी आयु के
विषय में पुराणों व आधुनिक
मिथकविज्ञानियों में मतभेद हैं . कुछ
उनकी आयु १२५ और कुछ ११० वर्ष बताते हैं .व्यक्तिगत रूप से द्वितीय मत अधिक
उचित प्रतीत होता है .
* कृष्ण की त्वचा का रंग मेघश्यामल था
और उनके शरीर से एक मादक गंध स्रावित
होती थी अतः उन्हें अपने गुप्त
अभियानों में इनको छुपाने का प्रयत्न करना पडता था . जैसे कि जरासंध
अभियान के समय . वैसे यही खूबियाँ
द्रौपदी में भी थीं इसीलिये
अज्ञातवास में उन्होंने सैरंध्री का
कार्य चुना ताकि चंदन , उबटन ,
इत्रादि में उनकी गंध छुपी रहे .
* कॄष्ण की माँसपेशियाँ मृदु परंतु युद्ध के
समय विस्तॄत हो जातीं थीं , इसीलिये
सामन्यतः लडकियों के समान दिखने
वाला उनका लावण्यमय शरीर युद्ध के
समय अत्यंत कठोर दिखाई देने लगता था
. [ इस दॄष्टि से कर्ण , द्रौपदी और कॄष्ण के शरीर म्यूटेंट प्रतीत होते हैं ]
* कॄष्ण के परमधामगमन के समय ना तो
उनका एक भी केश श्वेत था और ना ही
उनके शरीर पर कोई झुर्री थी
* कॄष्ण की परदादी ' मारिषा ' और
सौतेली माँ रोहिणी [ बलराम की माँ ] ' नाग '
जनजाति की थीं
* कॄष्ण से बदली गयी यशोदापुत्री का
नाम एकानंशा था जो आज
विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजी
जातीं हैं .
* कॄष्ण के पालक पिता नंद ' आभीर '
जाति से संबंधित थे जिन्हें आज अहीर
कहा जाता है जबकि उनके वास्तविक
पिता वसुदेव आर्यों के प्रसिद्ध ' पंच जन
' में से एक ' यदु ' से संबंधित गणक्षत्रिय थे
जिन्हें उस समय ' यादव ' कहा जाता था .
* कॄष्ण की प्रेमिका ' राधा ' का जिक्र
महाभारत , हरिवंशपुराण , विष्णुपुराण
और भागवतपुराण में नहीं है , उनका
उल्लेख बॄम्हवैवर्त पुराण , गीत गोविंद
और जनश्रुतियों में रहा है .
* जैन परंपरा के अनुसार कॄष्ण के चचेरे भाई
तीर्थंकर नेमिनाथ थे जो हिंदू परंपरा में "
घोर अंगिरस " के नाम से प्रसिद्ध हैं
* कॄष्ण अंतिम वर्षों को छोड्कर कभी
भी द्वारिका में ६ महीने से ज्यादा
नहीं रहे .
* अपनी औपचारिक शिक्षा मात्र कुछ
महीनों में पूरी कर ली थी .
* एसा माना जाता है कि घोर अंगिरस
अर्थात नेमिनाथ के यहाँ रहकर भी
उन्होंने साधना की थी
* अनुश्रुतियों के अनुसार कॄष्ण ने मार्शल आर्ट का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में
किया था और डाँडिया रास उसी का
नॄत्य रूप है '.कलारीपट्टु ' का प्रथम
आचार्य कॄष्ण को माना जाता है .
इसी कारण ' नारायणी सेना ' भारत
की सबसे भयंकर प्रहारक सेना बन गयी थी .
* कृष्ण के रथ का नाम " जैत्र " था और
उनके सारथी का नाम दारुक/ बाहुक था
. उनके अश्वों के नाम थे शैव्य , सुग्रीव ,
मेघपुष्प और बलाहक .
* कॄष्ण के धनुष का नाम शार्ंग और मुख्य आयुध चक्र का नाम ' सुदर्शन ' था . वह
लौकिक , दिव्यास्त्र और देवास्त्र
तीनों रूपों में कार्य कर सकता था
उसकी बराबरी के विध्वंसक केवल २
अस्त्र और थे पाशुपतास्त्र [ शिव , कॄष्ण
और अर्जुन के पास थे ] और प्रस्वपास्त्र [ शिव , वसुगण , भीष्म और कॄष्ण के पास
थे ] .
* कृष्ण के खड्ग का नाम " नंदक " , गदा
का नाम " कौमौदकी " और शंख का
नाम पांचजन्य था जो गुलाबी रंग का
था
* प्रायः यह मिथक स्थापित है कि
अर्जुन सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे परंतु वास्तव में
कॄष्ण इस विधा में भी सर्वश्रेष्ठ थे और
एसा सिद्ध हुआ मद्र राजकुमारी
लक्ष्मणा के स्वयंवर में जिसकी
प्रतियोगिता द्रौपदी स्वयंवर के ही समान परंतु और कठिन थी . यहाँ कर्ण और
अर्जुन दोंनों असफल हो गये और तब कॄष्ण
ने लक्ष्यवेध कर लक्ष्मणा की इच्छा पूरी
की जो पहले से ही उन्हें अपना पति मान
चुकीं थीं .
* युद्ध -- कृष्ण ने कई अभियान और युद्धों का संचालन किया था परंतु ३
सर्वाधिक भयंकर थे -१- महाभारत २-
जरासंध और कालयवन के विरुद्ध ३-
नरकासुर के विरुद्ध
* १६ वर्ष की आयु में विश्वप्रसिद्ध
चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया [ मार्शल आर्ट ] २-मथुरा में दुष्ट
रजक के सिर को हथेली के प्रहार से काट
दिया [ मार्शल आर्ट ]
* कॄष्ण ने आसाम में बाणासुर से युद्ध के
समय भगवान शिव से युद्ध के समय
माहेश्वर ज्वर के विरुद्ध वैष्णव ज्वर का प्रयोग कर विश्व का प्रथम " जीवाणु
युद्ध " किया था .
* कॄष्ण के जीवन का सबसे भयानक द्वंद
युद्ध सुभुद्रा की प्रतिज्ञा के कारण
अर्जुन के साथ हुआ था जिसमें दोनों ने
अपने अपने सबसे विनाशक शस्त्र क्रमशः सुदर्शन चक्र और पाशुपतास्त्र
निकाल लिये थे . बाद में देवताओं के
हस्तक्षेप से दोंनों शांत हुए .
* कृष्ण ने २ नगरों की स्थापना की थी -
द्वारिका [ पूर्व मे कुशावती ] और
पांडव पुत्रो के द्वारा इंद्रप्रस्थ [ पूर्व में खांडवप्रस्थ ].
* उन्होंने कलारिपट्टू की नींव रखी जो
बाद में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक
मार्शल आर्ट में विकसित हुई .
* श्रीमद्भगवतगीता के रूप में
आध्यात्मिकता की वैज्ञानिक व्याख्या दी जो मानवता के लिये
आशा का सबसे बडा संदेश थी, है और
सदैव् रहेगी.

29 को जयपुर में जुटेंगे एक लाख शिक्षक


स्कूलोंमें समय बढ़ोतरी और निजीकरण के विरोध में शिक्षकों ने आंदोलन के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। प्रदेश के 25 शिक्षक संगठनों से मिलकर बनाई गई राजस्थान शिक्षा एवं शिक्षक बचाओ संयुक्त मोर्चा की ओर से 29 जुलाई को राजधानी में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन में एक लाख शिक्षकों के शामिल होने का दावा किया गया है।
मोर्चा के प्रवक्ता विपिन प्रकाश शर्मा, नारायण सिंह, गिरिश शर्मा सदस्यों ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को नजर अंदाज कर समय बढ़ा रही है। नए स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर स्कूलों से पद खत्म किए जा रहे हैं। स्कूलों में भौतिक सुविधाओं का अभाव है।
राज्य में अब तक तबादला नीति ही नहीं बनी। इस कारण अब शिक्षकों ने मिलकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि 17 जुलाई को तहसील मुख्यालयों पर उपखंड अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। 20 जुलाई को जिला स्तर पर जिला कलेक्टर कार्यालयों में सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद भी अगर सरकार ने 9 सूत्री मांगें नहीं मानी तो 29 जुलाई को प्रदेशभर के शिक्षक राजधानी में शिक्षा संकुल के बाहर एक लाख शिक्षक पड़ाव डालेंगे।

दूकान से लिए गए गिफ्ट ,,उपहार ,,तोहफे में दी जा सकती है

देश भर की खुशियां समेट कर थोड़ी सी कीमत में कोई भी अपने चाहने वालों को इस दूकान से लिए गए गिफ्ट ,,उपहार ,,तोहफे में दी जा सकती है ,,,जी हाँ दोस्तों देश भर की खूबसूरत तोहफों से भरी सजी संवरी यह दूकान टोंक के नज़र बाग़ रोड स्थित उमर मंजील के पास है ,,,इस दूकान में देश भर से आधुनिक गिफ्टों के साथ नई सजावट के सामान न्यूनतम दरों पर मिलेंगे ,,रॉयल आर्ट गेलेरी के निदेशक रॉयल फॅमिली के क़ासिम खान की इस तोहफों में दिए जाने वाली सजी संवरी दुकान में देश भर की सभी नायब तोहफों में दिए जाने वाले सामान और सजावट कर सजोने वाले सामन भी होंगे ,,यह रॉयल आर्ट गेलेरी क़ासिम भाई ने सजा संवर तो दी है ,,लेकिन उनकी मलिका ऐ रूह ,,मलिकाए क़ायनात ,,,शरीके हयात , ,,श्री श्री श्री एक हज़ार आठ जब इजाज़त देंगी तब टोंक नगरी में यह आर्ट ,,यह तोहफों की गेलेरी की शुरुआत ,,इफ़्तिताह हो सकेगा ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ये अपने घर के "बड़े" होते हैं --

ये जो "छोटू" होते हैं न ?
जो चाय दुकानो या होटलों
वगैरह में काम करते हैं ---
वास्तव में ये अपने घर के
"बड़े" होते हैं ---
कल मे एक ढाबा पर डिनर करने गया
वहा एक छोटा सा लडका था जो ग्राहको
को खाना खिला रहा था कोई ऎ छोटू
कह कर बुलाता तो कोई ओए छोटू
वो नन्ही सी जान ग्राहको के बीच जैसे
उल्झ कर रह गयी हो
यह सब मन को काट रहा था मैने छोटू
को छोटू जी कहकर अपनी तरफ बुलाया
वह भी प्यारी सी मुस्कान लिये मेरे पास
आकर बोला साहब जी क्या खाओगे
मैने कहा साहब नही भाईयाँ जी बोल
तब ही बताऊगाँ वो भी मुस्कुराया और
आदर के साथ बोला भाईयाँ जी आप
क्या खाओगे
मैने खाना आर्डर किया और खाने लगा
छोटू जी के लिये अब मे ग्राहक से जैसे
मेहमान बन चुका था वो मेरी एक आवाज
पर दौडा चला आता और प्यार से पूछता
भाईयाँ जी और क्या लाये
खाना अच्छा तो लगा ना आपको???
और मै कहता हाँ छोटू जी आपके इस
प्यार ने खाना और स्वादिष्ट कर दिया
खाना खाने के बाद मैने बिल चुकाया
और 100 रू छोटूजी की हाथ पर रख
कहा ये तुम्हारे है रख लो और मलिक से
मत कहना है वो खुश होकर बोला जी
भईया
फिर मैने पुछा क्या करोगो ये पैसो का
वो खुशी से बोला आज माँ के लिये
चप्पल ले जाऊगाँ 4 दिन से माँ के पास
चप्पल नही है नग्गे पैर ही चली जाती
है साहब लोग के यहाँ बर्तन माझने
उसकी ये बात सुन मेरी आँखे भर आयी
मैने पुछा घर पर कौन कौन है
तो बोला माँ है मै और छोटी बहन है
पापा भगवान के पास चले गये
मेरे पास कहने को अब कुछ नही रह
गया था मैने उसको कुछ पैसे और दिये
और बोला आज आम ले जाना माँ के
लिये और माँ के लिये अच्छी सी चप्पल
लाकर देना और बहन और अपने लिये
आईसक्रिम ले जाना
और अगर माँ पुछे किस मे दिया तो कह
देना पापा ने एक भईयाँ को भेजा था वो
दे गये
इतना सुन छोटू मुझसे लिपट गया और
मैने भी उसको अपने सीने से लगा लिया।
वास्तव में छोटू अपने घर का बड़ा निकला
पढाई की उम्र मे घर का भार उठा रहा है
ऎसे ही ना जाने कितने ही छोटू आपको
होटल, ढाबो या चाय की दुकान पर काम
करते मिल जायेगे
आप सभी से इतना निवेदन है उनको
नौकर की तरह ना बुलाये थोडा प्यार से
कहे आप का काम जल्दी से कर देगें

रोज़ा और नमाज़ अगर आप करते है और पाबंदी से नहीं रहते है ,,नेकी के रास्ते पर नहीं चलते है ,,,गलत राह नहीं छोड़ते है तो आपके ऐसे रोज़े नमाज़ की अल्लाह को ज़रूरत नहीं

कोटा शहर क़ाज़ी अलहाज अनवार अहमद ने आज यहां राजस्थान क्रिकेट एकेडमी के कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता अमीन पठान द्वारा आयोजित रोज़ा इफ्तार समारोह में कहा के रोज़ा और नमाज़ अगर आप करते है और पाबंदी से नहीं रहते है ,,नेकी के रास्ते पर नहीं चलते है ,,,गलत राह नहीं छोड़ते है तो आपके ऐसे रोज़े नमाज़ की अल्लाह को ज़रूरत नहीं है ,,,क़ाज़ी ऐ शहर कोटा ने कहा के अल्लाह तुम्हारी इबादत का मोहताज नहीं लेकिन फिर भी वोह आपको रोज़े और नमाज़ के ज़रिये रूह को शुद्ध करने का मौक़ा देता है इस्लाम की राह पर चलने की ट्रेनिंग देता है ,,उन्होंने कलमे की फ़ज़ीलत भी बताई ,,समारोह में बोलते हुए भाजपा राष्ट्रिय अल्संख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने कहा के रोज़ा केवल भूख और प्यास का ही नहीं ,,हाथ ,,पाँव ,दिमाग ,,आँख ,,नाक का भी होता है ,,उन्होेन कहा के खुदा इस माहे रमज़ान की फ़ज़ीलत से देश में अमन सुकून क़ायम करे ,,,कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आर सी ऐ के कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा के अल्लाह इस माहे रमज़ान की बरकत से हमारे नोजवानो को कामयाब राह पर लगाये ,,,उन्हें बेहतर तरीके से प्रदर्शन कर खुद को साबित करने की तौफ़ीक़ अता फरमाये ,, अमीन पठान ने सभी को रोज़े की फ़ज़ीलत बताते हुए उनकी आमद पर स्वागत सत्कार करते हुए उनका शुक्रिया अदा किया ,,,कार्यक्रम का संचालन समाज सेवक उमर सी आई डी ने किया ,,,,,,कार्यक्रम के दौरान अमीन पठान ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रिय अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी का शॉल उढ़ाकर समान किया ,,उन्होंने कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद का भी शॉल उढ़ाकर सम्मान किया ,,,भाजपा के राष्ट्रिय महासचिव एस ऐ अकरम का भी स्वागत किया गया ,,इफ्तार कार्यक्रम में इलियास अंसारी ,,पार्षद मोहमद हुसेन मिस कॉल ,,,मोहम्मद मिया ठेकेदार ,,गफ्फार मिर्ज़ा सर्वोदय ,, लियाक़त अंसारी ,,अज़ीज़ अंसारी ,,मजीद कमांडो ,,सूफी ज़हीर अहमद ,,हाजी अज़ीज़ जावा ,,मजीद कमांडो , ,,,,,प्रख्यात शायर चाँद शेरी ,,अतीक खान ,,भाजपा के अलविंद सिसोदिया ,,,,जिया भाई ,,,,,,,जेफ खा मंसूरी ,,शहनाज़ कुरैशी ,,,सहिात सेकड़ो लोग उपस्थित थे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

  
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