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12 जुलाई 2015

पेट के कीड़े और बवासीर के लिए काली मिर्च खाना है फायदेमंद, होते हैं 8 लाभ

पेट के कीड़े और बवासीर के लिए काली मिर्च खाना है फायदेमंद, होते हैं 8 लाभ
लाइफस्टाइल डेस्कः काली मिर्च के तीखे स्वाद के कारण इसका बहुत ही कम इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अनेक प्रकार के बीमारियों में काली मिर्च का उपयोग घरेलू नुस्खे के तौर पर किया जाता है। पेट, स्किन और हड्डियों के जुड़ी समस्याओं को दूर करने में काली मिर्च बहुत ज्यादा असरदार होती है। जानेंगे, इसे कैसे और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करके रोगों को दूर किया जा सकता है।
पेट के कीड़े होते हैं दूर
पेट दर्द का कारण सिर्फ खराब खान-पान ही नहीं होता, बल्कि कीड़े भी इसकी एक वजह हो सकते हैं। इससे भूख कम लगती है और वजन तेजी से गिरने लगता है। इन्हें दूर करने के लिए छाछ में काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पिएं। इसके अलावा, काली मिर्च को किशमिश के साथ मिलाकर खाने से भी पेट के कीड़े दूर होते हैं।
बवासीर से राहत
अनहेल्दी लाइफस्टाइल के साथ ही ऑयली और जंक फूड के इस्तेमाल के कारण बवासीर की समस्या से आजकल ज्यादातर लोग परेशान हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए काली मिर्च, जीरा और चीनी या मिश्री को पीस कर एक साथ मिला लें। सुबह-शाम दो से तीन बार इसे लेने से बवासीर से राहत मिलती है।

दाऊद के एड्रेस और कॉल डिटेल से जुड़े सबूत भारत ने पाकिस्तान को सौंपे

फाइल फोटो- अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम।
फाइल फोटो- अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम।
नई दिल्ली. भारत ने अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की पाकिस्तान में मौजूदगी को लेकर सबूत नवाज शरीफ सरकार को सबूत सौंपे हैं। पाकिस्तान को सौंपे गए इस नए डोजियर में पाकिस्तान में दाऊद इब्राहिम का एड्रेस और उसकी कॉल डिटेल भी शामिल है। दाऊद इब्राहिम पर 1993 के मुंबई में हुए बम धमाकों में शामिल होने का आरोप है।
दाऊद पर घिर चुकी है सरकार
पिछले दिनों दाऊद की पाकिस्तान में मौजूदगी का कोई सबूत न होने की बात कर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ चुकी है। वहीं, एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने भी अपने अखबार सामना में लिखा था कि बीजेपी सत्ता में आने से पहले दाऊद को वापस लाने के दावे करती थी। शिवसेना ने लिखा था कि अब महाराष्ट्र और केंद्र-दोनों में बीजेपी की सरकार है।
सरेंडर करना चाहता था दाऊद
सीनियर वकील राम जेठमलानी भी इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि दाऊद 90 के दशक में ही सरेंडर करना चाहता था। लेकिन तब महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। गौरतलब है कि 1993 के बम धमाकों में मुंबई में 350 लोगों की मौत हुई थी जबकि 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

राजस्थान में शिक्षा विभाग की कथित स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर की जा रही मनमानी से राजस्थान का हर शिक्षक उद्धेलित है

राजस्थान में शिक्षा विभाग की कथित स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर की जा रही मनमानी से राजस्थान का हर शिक्षक उद्धेलित है ,,पीड़ित है और अराजकता के इस माहोल के खिलाफ जयपुर में उन्तीस जुलाई को घमासान रखा गया है ,,जबकि द्वेषता पूर्ण स्कूलों से उर्दू विषय खत्म करने के प्रयासों के खिलाफ राजस्थान का हर वर्ग आंदोलित हो उठा है ,,,,,,,,,,,,,,,कांग्रेस ,,भाजपा ,,आर एस एस सभी वर्गों से जुड़े लोग इस अव्यवस्था से खफा है लेकिन हद है के शिक्षा विभाग अपनी भूल सुधारने का नाम नहीं ले रहा है ,,,,,,,,,,,,,,राजस्थान में क़रीब सात सो से भी अधिक उर्दू शिक्षको के खात्मे पर कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने गंभीरता से लिया है और कोटा सहित पुरे राजस्थान में इस मामले को लेकर आंदोलन का एक रूप देने का आह्वान किया है ,,,कल भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी और राष्ट्रिय महासचिव एस एम अक्त्रम की मौजूदगी में कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने उन्हें ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार पर उर्दू विषय खत्म करने के फैसले को बदलवाने के मामले में दबाव बनाने का आह्वान किया है ,,,,,,,,,,,,इस मामले में कोटा शहर क़ाज़ी सभी ज़िम्मेदार लोगों के साथ बेठके आयोजित कर रहे है ,,,कोटा सांसद ओम बिरला ,,,विधायक भवानी सिंह राजावत ,,प्रह्लाद गुंजल ,,,,संदीप शर्मा और पार्टी के दूसरे पदाधिकारी भी इस मामले में चिंतित है उन्होंने भी राज्य सरकार को पत्र लिखा है ,,अपना विरोध जताया है ,,,राष्ट्रवादी मुस्लिम आर एस एस के अध्यक्ष इन्द्रेश कुमार से भी इस मामले में स्थानीय लोगों ने खुलासा बात की है जबकि पंडित दीन दयाल उपाद्याय के अध्यक्ष श्रीमती मधु शर्मा ने भी इस मामले को गंभीरता से समझा है और उर्दू के साथ विश्वासघात न हो इसका आश्वासन दिया है ,,,,,,,,,,,,,,कोटा संभाग सहित पुरे राजस्थान में सभी लोग उर्दू विषय के मामले में चिंतित तो है लेकिन बस रस्म अदायगी सी भी लगती है ,,कोटा आंदोलित है उद्धेलित है ,,जयपुर खामोश है ,,जोधपुर खामोश है ,,झालावाड़ लूटा पिटा बैठा है ,,तहज़ीब अदब का शहर टोंक उर्दू के मामले में कोई बढ़ा प्रदर्शन नहीं कर रहा है जबकि ख्वाजा की नगरी अजमेर के लोग तो हाथ पर हाथ धरे बैठे है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे में केवल एक व्यक्ति की ज़िद राजस्थान के विधायक ,,सांसद ,,पार्र्टी विचारधाराओं पर भारी है और खुद मुख्यमंत्री महोदया श्रीमती वसुंधरा सिंधिया बेबस है ,,मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द अपना उल्लू सीधा करने वाले कथित मुस्लिम भाई सिर्फ अपने लिए ,,अपने पदों के लिए ,, अपनी साख के लिए सोच रहे है ,,अपने व्यवसाय के संवर्धन में लगे है ,,मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द कोई एक भी ऐसा मुस्लिम अब तक नज़र नहीं आया जो मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया की आँखों में आँखे डाल कर राजस्थान के मुस्लिमों का दर्द ,,उर्दू जुबां की बेबसी ,,उर्दू जुबां के लिए इन्साफ के संघर्ष की बात कह सकै जबकि सो से भी अधिक मुस्लिम समाज के मुल्ला ,, मोलवी ,,सरमायदार लोग आज भी मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के निकटत्तम कहे जाते है ,,,,,,, मुस्लिम के नाम पर मंत्री बनाये गए जनाब तो बस अपनी कुर्सी बची रहे कॉम जाए भाड़ में इसमें लगे है ,,,,प्रतीपक्ष में रह रही कांग्रेस प्रादेशिक स्तर पर कोई बढ़ा आंदोलन करने के मूड में नहीं है ,,,,,,,,,या अल्लाह तो इस माहे रमज़ान की बरकत से मुख्यमंत्री वसुंधरा के आस पास घूमने वाले मुस्लिम मोलविी ,,मुल्लाओ ,,व्यवसायिक लोगों का ज़मीर जगा ,,उनके दिल में उर्दू और मुसलमानो के लिए हमदर्दी पैदा कर ,,उनके दिल दिमाग में ताक़त पैदा कर के खुदा से बढ़कर कोई दुसरा खुदा नहीं होता ताके वोह उर्दू और मुस्लिम समाज के साथ हो रहे इस अन्याय अत्याचार के खिलाफ उनकी नज़दीकी मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा से आर पार की लड़ाई लड़कर उर्दू को फिर से राजस्थान में बहाल करा सके ,,देखते है कितने ऐसे भाई है जिनका ज़मीर जागता है ,,,कोई तो एक ऐसा मुजाहीद ज़रूर होगा जो मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया को कॉम के इस दर्द को बताकर इसकी दवा लेकर इस बीमारी का इलाज करवाएगा और कॉम का मसीहा कहलायेगा वरना कॉम अच्छे अच्छे बादशाहो ,,अमीरों को ठीक करना जानती है और जो शख्सियत कॉम के इंसाफ के साथ नहीं होती उसके लिए खुदा की एक लाठी भी होती है जिसमे आवाज़ नहीं होती ,,,,,,,जागो प्लीज़ जागो ,,भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े लोगों सत्ता धारियों के नज़दीक भाइयों ,,मुख्यमंत्री की नाक का बाल कहे जाने वाले लोगों प्लीज़ जागो ,,मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा के खिलाफ बगावत फैलाने की इस साज़िश को नाकाम करने के प्रयासों में जुट जाओ ,, वरना फिर मत कहना के हमे तो किसी ने जगाया ही नहीं ,,किसी ने सुझाया ही नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अखतर खान अकेला कोटा राजस्थान

"होठों पर रूठी सी

"होठों पर रूठी सी
सपनो में झूठी सी
दिल में आहट सी
दिमाग में बौखलाहट सी
आँख में काजल सी
पैर में पायल सी
याद में धुंधली सी
जज्बात में घायल सी
साहित्य में संस्कार सी
परिवार में तिरस्कार सी
विज्ञान में आविष्कार सी
मंच पर पुरष्कार सी
दर्शन में वेदान्त सी
सच में सिद्धांत सी
अस्तित्व में सीमान्त सी
स्पर्श रेखा की तरह छू कर गुजर जाती है तू
इस गुजरते दौर में गुजारिश भी अब क्या करूं ?
तू सतह पर स्पर्श करती एक रेखा है
केंद्र में आती तो आती भी कैसे
जिन क्षणों में तैने छुआ था मुझे
उन क्षणों का शुक्रिया." -----राजीव चतुर्वेदी

कोटा की सरज़मीं पर अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी के नाम से संचालित खिदमतगार संस्था का आज स्थापना दिवस

दोस्तों कोटा की सरज़मीं पर अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी के नाम से संचालित खिदमतगार संस्था का आज स्थापना दिवस है ,,,,,, कोटा में आज ही के दिन चंद नोजवानो ने खिदमते ख़ल्क़ के संकल्प के साथ इस पोधे को लगाया था ,,इसमें भाई रफ़ीक़ बेलियम ,,,जावेद इक़बाल ,,डॉक्टर युनुस ,,,इस्लाम खान सहित दर्जनों साथियों ने अपनी खिदमत ,,अपने ख़ुलूस की खाद ,,बीज डाले और आज यह छोटा सा पौधा एक ऐसा बरगद बन गया है जिसकी छाँव में तकलीफ ज़दा लोग आराम ,कर रहे है और ,सुकून हासिल कर रहे है ,,,तो बीमार ,,पीड़ित लोग इस बरगद की शाख़ और डाल पर सुकून से आराम फरमा है ,,दलगत राजनीति से अलग थलग ,,धर्म मज़हब की दीवारों से ऊपर उठकर ,,सिर्फ खिदमत ही खिदमत का मक़सद लिए अल्फ्लाह सोसाइटी की टीम बीमारों का इलाज करवाती है ,,मुफ्त दवाये दिलवाती है ,,शहर के हर ज़रूरत मंद के साथ मददगार बन कर साथ खडी नज़र आती है ,,अल्फ्लाह ,,सबके भले में अपना भी भला के नारे के साथ अपने मित्रों की मदद से आर्थिक संचय कर बढ़े बढ़े प्रोग्राम करवाती है जिसमे अज़ीमुश्शान उत्साहवर्द्धन कार्यक्रम संगे मील साबित होता है ,, इस कार्यक्रम में हाड़ोती के सभी प्रतीभावांन बच्चे और बच्चियों को सम्मानित कर उत्साहवर्धन किया जाता है तो निष्पक्ष और निर्विवाद भाव से खिदमत अंजाम देने वाले समाज सेवकों को सम्मानित भी किया जाता है ,,संस्था में ईमानदारी ,,आंतरिक लोकतंत्र बेमिसाल है विधिवत चुनाव ,,ईमानदारी से अध्यक्ष सहित पूरी कार्यकारिणी की ज़िम्मेदारी का निर्वहन ,,,सामाजिक सरोकार के तहत शहर में किसी भी तरह की आपदा ,,मुसीबत ,,संकट के वक़्त यह संस्था और इसके साथी लोग कंधे से कंधा मिलाकर संकट मोचक बन कर खड़े नज़र आते है ,,बच्चो को स्कूल में दाखिला दिलाना हो ,,उन्हें कॉपी ,,यूनिफॉर्म उपलब्ध कराना हो ,,,स्कूल की फीस जमा कराना हो ,,कोचिंग गाइडेंस हो ,,भाईचारा ,सद्भावना के कार्यक्रम हो ,,हरित क्रान्ति के लिए पोधे लगाने की बात हो ,,मरीज़ों की मदद हो ,,क़ब्रिस्तान ,,श्मशानों की अव्यवस्थाओ में सुधार की ज़रूरत हो ,,गैर राजनितिक तरीके से अल्फ्लाह नौजवान बिना किसी लोभ लालच के मौजूद नज़र आते है ,,,मुझे हुज़ूर स अ व मोहम्मद साहब की हदीस खिदमते ख़ल्क़ के मामले में याद आती है जिसमे खिदमते ख़ल्क़ ,,,सबके भले में अपना भी भला की सीख दी है उसी सीख के तहत अल्फ्लाह की टीम सबके भले सबके भले में अपना भी भला के नारे के साथ इस कोटा शहर सहित पुरे राजस्थान की समाज सेवी संस्थाओं के लिए एक मिसाल बनकर बिना किसी लालच के काम करने में जुटी है ,,अल्फ्लाह टीम की खिदमतों का ही नतीजा है के अल्फ्लाह को जिला प्रशासन सहित शहर की सभी प्रबुद्ध संस्थाओ ने लगातार सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया है ,,अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी यूँ तो अभी तरुणाई के दौर में है जवानी की उम्र भी पार नहीं की है लेकिन जवानी तक आते आते इनकी कार्य योजना में एक अस्पताल ,,एक विश्विद्यालय ,,खासकर महिलाओं का अलग से कॉलेज ,,पुस्तकालय ,,इंफोर्मेशन सेंटर सहित रोज़गार के अवसर बढ़ाने वाले कोर्स चलाने की योजनाये शामिल है ,,खुदा अल्फ्लाह और इससे जुड़े सभी लोगों की हर ख्वाहिश ,,हर दुआ पूरी करे ,,अल्फ्लाह देश भर में एक मिसाली समाजसेवी संस्था बनकर उभरे ,,अल्फ्लाह देश में समाज सेवा ,,क़ौमी एकता की एक ब्रांड एम्बेसेडर ,,,,पहचान बने बस अल्फ्लाह की स्थापना दिवस पर यही एक दुआ है ,,,भाई रफ़ीक़ बेलियम सहित अल्फ्लाह के सभी साथियों ,,सदस्यों ,,पदाधिकारियों को उनके बेमिसाल समर्पित खिदमत कार्यों के लिए सेल्यूट ,,सलाम ,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरबानी का दूसरा नाम औरत


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औरत सबसे पहले उठे,सहरी बनाए, सबसे आख़िर में खाए, फिर रोज़ा रखे, दोपहर में बच्चों के लिए पकाए, फिर चार बजे से अपने शोहर और ससूराल वालों या घर वालों के लिए अफ़तारी और खाना बनाने के लिए जुत जाती है, पकोड़े,दही भल्ले,छोले वग़ेरह बनाए फिर भी यही धड़का के पता नहीं शोहर,बाप, या सास ससुर को पसंद आते हैं या नहीं, सब रोज़ा खोल लें तो चुपके से आकर रोज़ा खोल लेती है और तमाम घर वालों को सारी अफ़तारी खिलाने और शरबत पिलाने की ख़ातिर मदारत करती रहती है, अफ़तारी और खाने वग़ेरह में बजाए तारीफ़ के कमियां सुनने को मिलती हैं,
फिर यह औरत दस्तरख़्वान समेट कर सारे घर का काम ख़त्म कर के आधी रात को फ़ारिग़ होती है, अभी तरावीह भी पढ़नी है और दो बजे सुब्ह उठना भी है सहरी तय्यार कर के सबको जगाना भी है..वरना आंख ना खुली और घर वालों का बग़ेर सहरी का रोज़ा हो गया तो सारा दिन उसे घर वालों का ग़ुस्सा बरदाश्त करना होगा..

घर की ख़वातीन से आपका जो भी रिश्ता है मां,बहन,बीवी या बेटी उनकी क़द्र करें, उनका रमज़ान में ख़्याल रखें क्यूं के वोह भी आपकी तरह इंसान हैं, हो सके तो उनका हाथ बटाइए या कम से कम उनकी महनत-ओ-क़ुरबानी की क़द्र करते हुए उन से मीठे लहजे में बात ही कर लीजिए.

जो तुम कहो डार्लिंग

एक लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड से कहा, "तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो?"
लड़का: जो तुम कहो डार्लिंग।
लड़की: क्या तुम मेरे लिए चाँद ला सकते हो?
लड़का गया और थोड़ी देर बाद हाथ में कुछ चीज़ छिपा कर लाया और लड़की से कहा, "आँखे बंद करो।"
लड़की ने आँखें बंद की तो लड़के ने वो चीज़ लड़की के हाथो में दी और लड़की से आँखे खोलने को कहा।
लड़की ने आखें खोली तो उस चीज़ को देख उसकी आँखों में आंसू थे। क्योकि उसके हाथों में एक आइना था जिसमे उस लड़की का चेहरा नज़र आ रहा था।
लड़की: तुम मुझे चाँद सा समझते हो?
लड़का: नहीं, मैं तो तुम्हें सिर्फ ये समझा रहा था कि जिस मुँह से चाँद मांग रही हैं कभी वो थोबड़ा आईने में भी देखा है या नहीं?

रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम

जिला वक़्फ़ कमेटी के वाइस चेयरमेन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एजाज़ खान अज्जु भाई के निवास पर आज पारिवारिक रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम भाईचारा ,, सद्भावना ,,नेकनीयती की राह पर चलने की हिदायतों के साथ सम्पन्न हुआ ,,इफ्तार कार्यक्रम में एजाज़ खान अज्जु भाई ,,उनके पुत्र दानिश खान ने सभी आगंतुकों का फूल पेश कर स्वागत किया ,,,इफ्तार कार्यक्रम में भीमगंजमण्डी क्षेत्र के पार्षद मोहम्मद हुसेन मोमदा भाई ,,जिला वक़्फ़ कमेटी के अध्यक्ष अज़ीज़ अंसारी ,,,वक़्फ़ बोर्ड के कोटा संभाग को ओर्डीनेटर तबरेज़ पठान मदनी ,,,,,,,,,,,,समाजसेवक न्याज़ अहमद निक्कू ,,,,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,,,चिकित्सा सलाहकार परवेज़ खान ,,,कोटड़ी व्यापार संघ के अध्यक्ष आबिद कागज़ी ,,,असलम रोमी सहित शहर के प्रबुद्ध लोग मौजूद रहे ,,, इधर जंगलीशाह बाबा महफ़िल खाने में रंगरेज़ समाज की तरफ से आयोजित इफ्तार कार्यक्रम में पार्षद मोहम्मद हुसेन मिसकॉल ,,पूर्व पार्षद उमर सी आई डी ,, दरगाह जंगलीशाह बाबा के गद्दी नशीन हाजी अज़ीज़ जावा सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

  
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