राजस्थान में शिक्षा विभाग की कथित स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर की जा रही
मनमानी से राजस्थान का हर शिक्षक उद्धेलित है ,,पीड़ित है और अराजकता के इस
माहोल के खिलाफ जयपुर में उन्तीस जुलाई को घमासान रखा गया है ,,जबकि
द्वेषता पूर्ण स्कूलों से उर्दू विषय खत्म करने के प्रयासों के खिलाफ
राजस्थान का हर वर्ग आंदोलित हो उठा है ,,,,,,,,,,,,,,,कांग्रेस ,,भाजपा
,,आर एस एस सभी वर्गों से जुड़े लोग इस अव्यवस्था से खफा है लेकिन हद है के
शिक्षा विभाग अपनी भूल सुधारने का नाम नहीं ले रहा है
,,,,,,,,,,,,,,राजस्थान में क़रीब सात सो से भी अधिक उर्दू शिक्षको के
खात्मे पर कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने गंभीरता से लिया है और कोटा सहित
पुरे राजस्थान में इस मामले को लेकर आंदोलन का एक रूप देने का आह्वान किया
है ,,,कल भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रशीद
अंसारी और राष्ट्रिय महासचिव एस एम अक्त्रम की मौजूदगी में कोटा शहर क़ाज़ी
अनवार अहमद ने उन्हें ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार पर उर्दू
विषय खत्म करने के फैसले को बदलवाने के मामले में दबाव बनाने का आह्वान
किया है ,,,,,,,,,,,,इस मामले में कोटा शहर क़ाज़ी सभी ज़िम्मेदार लोगों के
साथ बेठके आयोजित कर रहे है ,,,कोटा सांसद ओम बिरला ,,,विधायक भवानी सिंह
राजावत ,,प्रह्लाद गुंजल ,,,,संदीप शर्मा और पार्टी के दूसरे पदाधिकारी भी
इस मामले में चिंतित है उन्होंने भी राज्य सरकार को पत्र लिखा है ,,अपना
विरोध जताया है ,,,राष्ट्रवादी मुस्लिम आर एस एस के अध्यक्ष इन्द्रेश
कुमार से भी इस मामले में स्थानीय लोगों ने खुलासा बात की है जबकि पंडित
दीन दयाल उपाद्याय के अध्यक्ष श्रीमती मधु शर्मा ने भी इस मामले को
गंभीरता से समझा है और उर्दू के साथ विश्वासघात न हो इसका आश्वासन दिया है
,,,,,,,,,,,,,,कोटा संभाग सहित पुरे राजस्थान में सभी लोग उर्दू विषय के
मामले में चिंतित तो है लेकिन बस रस्म अदायगी सी भी लगती है ,,कोटा आंदोलित
है उद्धेलित है ,,जयपुर खामोश है ,,जोधपुर खामोश है ,,झालावाड़ लूटा पिटा
बैठा है ,,तहज़ीब अदब का शहर टोंक उर्दू के मामले में कोई बढ़ा प्रदर्शन नहीं
कर रहा है जबकि ख्वाजा की नगरी अजमेर के लोग तो हाथ पर हाथ धरे बैठे है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे में केवल एक व्यक्ति की ज़िद राजस्थान
के विधायक ,,सांसद ,,पार्र्टी विचारधाराओं पर भारी है और खुद मुख्यमंत्री
महोदया श्रीमती वसुंधरा सिंधिया बेबस है ,,मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द अपना
उल्लू सीधा करने वाले कथित मुस्लिम भाई सिर्फ अपने लिए ,,अपने पदों के लिए
,, अपनी साख के लिए सोच रहे है ,,अपने व्यवसाय के संवर्धन में लगे है
,,मुख्यमंत्री के इर्द गिर्द कोई एक भी ऐसा मुस्लिम अब तक नज़र नहीं आया जो
मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया की आँखों में आँखे डाल कर राजस्थान के
मुस्लिमों का दर्द ,,उर्दू जुबां की बेबसी ,,उर्दू जुबां के लिए इन्साफ के
संघर्ष की बात कह सकै जबकि सो से भी अधिक मुस्लिम समाज के मुल्ला ,,
मोलवी ,,सरमायदार लोग आज भी मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के निकटत्तम कहे
जाते है ,,,,,,, मुस्लिम के नाम पर मंत्री बनाये गए जनाब तो बस अपनी कुर्सी
बची रहे कॉम जाए भाड़ में इसमें लगे है ,,,,प्रतीपक्ष में रह रही कांग्रेस
प्रादेशिक स्तर पर कोई बढ़ा आंदोलन करने के मूड में नहीं है ,,,,,,,,,या
अल्लाह तो इस माहे रमज़ान की बरकत से मुख्यमंत्री वसुंधरा के आस पास घूमने
वाले मुस्लिम मोलविी ,,मुल्लाओ ,,व्यवसायिक लोगों का ज़मीर जगा ,,उनके दिल
में उर्दू और मुसलमानो के लिए हमदर्दी पैदा कर ,,उनके दिल दिमाग में ताक़त
पैदा कर के खुदा से बढ़कर कोई दुसरा खुदा नहीं होता ताके वोह उर्दू और
मुस्लिम समाज के साथ हो रहे इस अन्याय अत्याचार के खिलाफ उनकी नज़दीकी
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा से आर पार की लड़ाई लड़कर उर्दू को फिर से
राजस्थान में बहाल करा सके ,,देखते है कितने ऐसे भाई है जिनका ज़मीर जागता
है ,,,कोई तो एक ऐसा मुजाहीद ज़रूर होगा जो मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा
सिंधिया को कॉम के इस दर्द को बताकर इसकी दवा लेकर इस बीमारी का इलाज
करवाएगा और कॉम का मसीहा कहलायेगा वरना कॉम अच्छे अच्छे बादशाहो ,,अमीरों
को ठीक करना जानती है और जो शख्सियत कॉम के इंसाफ के साथ नहीं होती उसके
लिए खुदा की एक लाठी भी होती है जिसमे आवाज़ नहीं होती ,,,,,,,जागो प्लीज़
जागो ,,भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े लोगों सत्ता धारियों के नज़दीक
भाइयों ,,मुख्यमंत्री की नाक का बाल कहे जाने वाले लोगों प्लीज़ जागो
,,मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा के खिलाफ बगावत फैलाने की इस साज़िश को नाकाम
करने के प्रयासों में जुट जाओ ,, वरना फिर मत कहना के हमे तो किसी ने
जगाया ही नहीं ,,किसी ने सुझाया ही नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अखतर खान अकेला
कोटा राजस्थान