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14 जुलाई 2015

इस डाकू पर 550 मुकदमें, 400 हत्याओं का आरोप, अब बचाएगा धरती

चंबल के पूर्व दस्यु मोहर सिंह।
चंबल के पूर्व दस्यु मोहर सिंह।
जयपुर। बीहड़ में 16 साल रहे डाकू मोहर सिंह पर पांच सौ पचास मुकदमे थे, जिनमें चार सौ हत्याओं का आरोप था। जेल में 8 साल सजा काट चुके पूर्व दस्यु मोहर सिंह ने अब धरती बचाने, हरियाली लाने की ठान ली है। अपने गांव मेहगांव में बाकी की जिंदगी बिता रहे मोहर सिंह मूछों पर ताव देते कहते हैं, मुझे इस बात के लिए कोई पछतावा नहीं है कि मैने बीहड़ों में अपनी बंदूकें गरजाई हैं और लोगों की हत्याएं की हैं।
अब डाकू मोहर सिंह अपने गांव में खेती करते हैं और बाकी समय भजन कीर्तन करते हैं। गांव में जहां भी भगवत भजन होता है वहां मोहर सिंह मौजूद रहते हैं। वह जल्द ही कल्पतरु संस्थान की ओर से जयपुर में आयोजित होने वाले एक पर्यावरण सम्मेलन में धरती बचाने की गुहार लगाने के लिए आने वाले हैं।
मोहर सिंह ने पुराने जमाने की यादों को ताजा करते हुए श्री कल्पतरु संस्थान के प्रेसिडेंट विष्णु लाम्बा के जरिए dainikbhaskar.com के लिए अपनी जिंदगी के कुछ रोचक पल साझा किए।
जेल सुप्रींटेंडेंट को पीटा
मोहर सिंह ने बताया कि जो दबदबा चंबल में था वही जेल में भी था। जेल में गर्मी लगती थी तो पंखा लगवा लिया था। एक बार तो जेल सुप्रींटेंडेंट ने मना किया तो उसकी बुरी तरीके से पिटाई भी कर दी। जेल में मन नहीं लग रहा था तो जेल सुप्रींटेंडेंट को उसके बंगले से बेदखल कर उसमें बड़े आराम से रहने लगा। जेलर एश-ओ-आराम में बाधा बनते तो उनकी भी पिटाई हो जाया करती थी। मोहर सिंह के लिए जेल में चिकन-मटन तो आम बात थी। हां उन्हें देशी घी से तर खाना मिला करता था। उनको सबसे अनंद ग्वालियर जेल में था।

वसुंधरा राजे की मां को मैने विधायक बनवाया :
मोहर सिंह मुस्कुराते हुए कहते हैं कि अपने जीवन में वे कभी वसुंधरा राजे से नहीं मिले, लेकिन उनकी मां विजय राजे सिंधिया को विधायक उन्होंने ही बनवाया था।

अच्छे इंसान हैं अटल बिहारी वाजपेयी
मोहर सिंह राजनेताओं को पसंद नहीं करते। उन्हें कोई भी राजनेता प्रभावित नहीं करता है सिवाय अटल बिहारी बाजपेयी के। मोहर सिंह कहते हैं कि वे एक अच्छे इंसान हैं। उन्होंने कभी बागियों का सहारा नहीं लिया।
जज साहब कितनी रोटी खाए हो :
मोहर सिंह ने बताया कि मुकदमे के दौरान कोर्ट में जज ने पूछा कि तुमने कितने मर्डर किए हैं। तब मैंने जज साहब से पूछा आपने आज कितनी रोटियां खाईं हैं। जज साहब ने कहा मुझे याद नहीं। तब मैंने कहा कि मुझे भी याद नहीं कि मैंने कितने लोगों को मारा है। हां मेरे ऊपर 400 हत्याओं का आरोप है, लेकिन मैंने यही कोई 20-22 लोगों को ही मारा है। एक बार मैंने सिवाड़ में एक साथ 11 मुखबिरों को मारा था।

मुझे भगवान पर भरोसा था :
मोहर सिंह को फांसी की सजा हुई थी लेकिन फांसी नहीं हुई। इस बात पर उन्होंने कहा कि मुझे भगवान पर भरोसा था। उनकी मर्जी के बिना एक पत्ता तक नहीं हिलता है। जेल से छूटने के बाद डाकू मोहर सिंह मेहगांव नगर पालिका के निर्विरोध चेयरमैन भी रहे ।

समर्पण के बाद कोई पूछने नहीं आया :
मोहर सिंह ने कहा कि समर्पण के बाद आज तक कोई पूछने नहीं आया। उन्होंने जयपुर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम 'पहले बसाया बीहड़ - अब बचाएंगे बीहड़’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे दस्युओं को समाज से जुड़ने का मौका मिलेगा। मोहर सिंह ने अपने गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए सरकार से अपील भी की।

नाराज गिलानी ने किया पाकिस्तान हाई कमिशन की दावत का बायकॉट

फाइल फोटो- हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी।
फाइल फोटो- हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी।
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने पाकिस्तान के हाई कमिश्नर के ईद मिलन प्रोग्राम का बॉयकाट कर दिया है। उन्होंने कहा, 'कश्मीर हमारे लिए जिंदगी-मौत का सवाल है। हमें बिना भरोसे में लिए कोई फैसला नहीं कर सकता।प्रतीकात्मक तौर पर विरोध दर्ज कराने के लिए मैं ईद मिलन प्रोग्राम में नहीं जाऊंगा।' पाक हाई कमिश्नर 21 जुलाई को ईद मिलन पार्टी दे रहे हैं। कश्मीर के अलगाववादी नेता रूस के उफा में हुई मोदी-नवाज मुलाकात के दौरान कश्मीर मुद्दे की अनदेखी करने से नाराज हैं।
'दोनों पीएम ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों का भरोसा तोड़ा'
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता गिलानी ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान पाकिस्तान हाई कमिश्नर की ईद मिलन पार्टी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा, '10 जुलाई को उफा में जिस तरह दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर के 1 करोड़ से ज्यादा लोगों के भरोसे को तोड़ा है उसका विरोध करते हुए मैं पाकिस्तान की तरफ से किए जाने वाले ऐसे किसी भी कार्यक्रम का बायकॉट करता हूं।' उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे को कोई भी इग्नोर नहीं कर सकता। गिलानी कहा कि हुर्रियत का कोई भी नेता इस पार्टी में शिरकत नहीं करेगा।
पहले ही होनी थी पार्टी
पाकिस्तान हाई कमिश्नर की तरफ से पहले इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाना था, लेकिन उफा में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत का माहौल बनाने के लिए इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था। इफ्तार पार्टी जुलाई की शुरुआत में होनी थी, लेकिन बाद में इस कार्यक्रम को ईद मिलन कार्यक्रम में बदलकर इसका समय 21 जुलाई कर दिया गया है।
भारत जता चुका है विरोध
केंद्र में मोदी सरकार बनने से पहले पाकिस्तान हाई कमिश्नर के ऐसे कई कार्यक्रमों में हुर्रियत नेता शामिल होते रहे हैं। पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित के कश्मीर मसले पर बातचीत के लिए हुर्रियत नेताओं को बातचीत का न्योता भेजा था। हुर्रियत नेता नई दिल्ली में पाक उच्चायुक्त से मिले भी थे। इस पर इतराज जताते हुए भारत ने पाकिस्तान के साथ होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी।

राष्ट्रपति की इफ्तार पार्टी में नहीं जाएंगे PM, नॉर्थ-ईस्ट के नेताओं से मिलेंगे

फाइल फोटो- राष्ट्रपित प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी।
फाइल फोटो- राष्ट्रपित प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी।
नई दिल्ली. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बुधवार को होने वाली इफ्तार पार्टी में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे। पीएम कल नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति की इफ्तार पार्टी में पीएम के शामिल होने का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है। अगर ऐसा होता है तो यह लगातार दूसरा मौका होगा जब मोदी राष्ट्रपति की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होंगे।
पिछले राष्ट्रपति की इफ्तार पार्टी के मौके पर भी प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट के ज्यादातर मंत्री इस आयोजन में नहीं पहुंचे थे। हालांकि तब गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार की तरफ से इस पार्टी में शिरकत की थी, जिस पर मोदी के आलोचकों ने कहा था प्रधानमंत्री देश की सेक्युलर छवि को नजरअंदाज करते हैं। जबकि पीएमओ की तरफ से प्रधानमंत्री के एक ऑफिशियल विजिट पर मुंबई दौरे पर होने की बात कही गई थी।

भतीजी की दूसरी शादी करने पर पंचों ने रखे जूते, कहा- एक लाख लाओ तब मिलेंगे


भतीजी की दूसरी शादी करने पर पंचों ने रखे जूते, कहा- एक लाख लाओ तब मिलेंगे
पाली/जोधपुर. राजस्थान के एक गांव में पंचों ने एक आदमी के जूते रख लिए। जूतों के बदले उससे एक लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। मुश्किल ये है कि कानून भी उसे जूते वापस नहीं दिला पा रहा। पाली जिले के मालपुरिया खुर्द गांव के भीखाराम गुर्जर के जूतों की कीमत वैसे तो 200 रुपए भी नहीं होगी लेकिन पंचों के पास जमा इन जूतों की कीमत एक लाख रुपए तय कर दी गई। यह रकम चुकाए बिना उसके जूते वापस नहीं मिलेंगे। वह नए जूते खरीदकर पहन भी नहीं सकते। उनका गुनाह इतना सा है कि उन्होंने भतीजी की दूसरी शादी बिना पंचों की सहमति से कर दी। इसी बात से नाराज पंचों ने पंचायत बुलाई और भीखाराम को जूते उतारने का फरमान सुनाकर समाज से बहिष्कृत कर दिया।
उन्हें गांव के किसी भी आयोजन में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। जहां भी जाते हैं, भगा दिया जाता है। कुछ दिन तो भीखाराम ने पंचों का गुस्सा शांत होने का इंतजार किया पर मामला नहीं सुलझा। आखिर में उसने कानून की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, मगर जूते वापस मिलना अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। भीखाराम नंगे पांव ही घूमने को मजबूर है।
यहां आम हैं ऐसे फरमान
बाजार में भले ही साफा और जूते की कीमत 200-300 रुपए हो, लेकिन पंचायतों में दंड स्वरूप कीमत लाखों रुपए तक आंकी जाती है। जूते व साफा उतरवाकर रख लेना किसी परिवार की इज्जत उतारने के बराबर है। उसे समाज में बैठने और बोलने तक नहीं दिया जाता है। दंड के लिए तय किए जाने वाले रुपए लौटाने के बाद ही उसे वापस समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाता है। राजस्थान के गांवों में अब भी बड़े स्तर पर लोग ऐसे फैसले चुपचाप मान लेते हैं।

तबरेज़ पठान मदनी को को कोटा संभाग का कार्यालय प्रभारी महासचिव संभाग प्रवक्ता नियुक्त

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग कोटा संभाग के चेयरमेंन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने प्रदेश अध्यक्ष अलहाज निज़ाम कुरैशी की सहमति से युवा कोंग्रेसी तबरेज़ पठान मदनी को को कोटा संभाग का कार्यालय प्रभारी महासचिव संभाग प्रवक्ता नियुक्त किया है ,,,,,,,,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने बताया की तबरेज़ पठान कोटा संभाग के सभी कार्यकर्ताओं में समन्वय स्थापित करने का कार्य भी करेंगे ,,,,,तबरेज़ पठान प्रदेश के को ओर्डीनेटर मक़सूद अहमद प्रभारी प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग कार्यालय से भी समन्वय स्थापित कर उनके दिशानिर्देशों पर कोटा संभाग में अल्पसंख्यक विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेंगे ,,,,,,,,,,तबरेज़ पठान युवा उत्साही ,,कर्मठ कोंग्रेसी कार्यकर्ता है जो लगातार छात्र जीवन से कांग्रेस के सिपाही के रूप में कांग्रेस के हर चुनाव ,,हर कार्यक्रम में कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहे है ,तबरेज़ पठान छात्र कांग्रेस में पदाधिकारी रहे है वोह कई ज़िलों के पर्यवेक्षक भी बनाये गए ,,फिर इनकी सक्रियता के बाद तबरेज़ पठान युथ कांग्रेस में पदाधिकारी बनाये गए ,,इनके कार्यकाल में इनकी सक्रियता देखकर युथ कांग्रेस में समन्वय स्थापित करने के लिए इन्हे कई ज़िलों में पर्यवेक्षण का काम दिया गया ,,,,,,,,तबरेज़ पठान वर्तमान में मदनी वेलफेयर सोसाइटी ,,,,,जीलानी वेलफेयर सोसाइटी ,,,सुन्नी मुस्लिम जमात ,,,, जश्ने ,ईद मिलादुन्नबी समिति ,,खिदमत ओर्गेनाइज़ेशन सहित कई संगठनो से जुड़े है ,,,,तबरेज़ पठान कोटा जिला वक़्फ़ कमेटी में पदाधिकारी होने के अलावा कोटा वक़्फ़ सम्पत्तियों के जिला पर्यवेक्षक भी है ,,,,,,,,,,,तबरेज़ पठान की नियुक्ति पर कोटा जिला अल्पसंख्यक विभाग कमेटी शहर अध्यक्ष करीम खान पिंकी ,,,देहात अध्यक्ष साजिद जावेद ,,,बूंदी जिला अध्यक्ष इकराम बबलू ,,,बारां जिला अध्यक्ष लियाक़त मेव ,,,झालावाड़ जिला अध्यक्ष रमज़ान खान ,,,,,,हाफ़िज़ रशीद क़ादरी ,,अनवर हुसेन ,,,,,बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष कैलाश बंजारा ,,,सहित सभी ने मुबारकबाद दी है जबकि कोटा जिला प्रभारी विक्रम वालमीकि ने तबरेज़ पठान को वर्तमान नगर पालिका चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाकर कांग्रेस का परचम बुलंद करने की अपेक्षा की है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

   
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