राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित स्टाफिंग पैटर्न नियमावली
निर्देशो के खिलाफ स्टाफिंग पैटर्न निर्धारित कर उर्दू विषय के अध्यापको
को हटाकर उर्दू विषय बंद करने की साज़िश का कोटा शहर क़ाज़ी के नेतृत्व में
शहर के प्रबुद्ध लोगों ने कठोर विरोध दर्ज कराया है ,,इस मामले में कोटा
शहर क़ाज़ी के नेतृत्व में कल शुक्रवार को जिला कलेक्टर कोटा के ज़रिये
मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के नाम ज्ञापन देकर इस गलती को सुधारने की
मांग की जायेगी ,,अगर फिर भी सरकार ने दखल देकर शिक्षा विभाग की इस गलती को
सुधार कर स्कूलों में उर्दू विषय बहाल नहीं किये तो सरकार के खिलाफ
शांतिपूर्ण तरीके से विशालतम ऐतिहासिक प्रदर्शन किया जाएगा ,,,,, ज्ञात रहे
के कोटा में एक बार कोटा शहर क़ाज़ी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक प्रदर्शन हो
चूका है जिसमे कोटा शहर की सड़के शानतिपूर्ण आंदोलनकारियों से अटी पढ़ी थी
अब कोटा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम है ऐसे में सरकार को उर्दू के साथ
किये गए इस अन्याय की गलती सुधार कर राजधर्म का पालन करना चाहिए ,,,,,,कोटा
शहर क़ाज़ी अलहाज अनवार अहमद इस मामले में आज होटल वाई के एस में
पत्रकारों से मुखातिब थे उन्होंने साफ़ तोर पर कहा के उर्दू ज़ुबान किसी एक
धर्म मज़हब की ज़ुबान नहीं यह तो पुरे मुल्क की हिन्दुस्तानी ज़ुबान है और सभी
वर्ग ,,धर्म ,,समुदाय के लोग इस उर्दू ज़ुबान का इस्तेमाल करते है ,,कोटा
शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने कहा के कोटा सहित पुरे राजस्थान में स्टाफिंग
पैटर्न निर्धारित नियम के खिलाफ शिक्षा विभाग में बैठे लोगों ने उर्दू को
टारगेट बनाकर नियम के खिलाफ यह कार्यवाही की है जो कतई मंज़ूर नहीं है
,,उन्होंने कहा के इस मामले में सरकार को भूल सुधारने के लिए कई ज्ञापन दिए
जा चुके है जबकि शुक्रवार को भी नमाज़ के बाद प्रबुद्ध लोगों द्वारा
कलेक्टर के ज़रिये मुख्यमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन दिया जाएगा ,,फिर भी अगर
सरकार ने इस भूल को नहीं सुधारि तो मजबूरी में हमारे हिंदुस्तान में जन्मी
हिंदुस्तानी तहज़ीब के जुबां उर्दू को बचाने के लिए उर्दू के हमदर्द लोगों
,,समाज सेवी संस्थाओं ,,राजनीति से जुड़े सहयोगियों की मदद लेकर एक विशाल
ऐतिहासिक प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा ,,इसके लिए सरकार ही
ज़िमेदार होगी ,,कोटा शहर क़ाज़ी ने इसके पूर्व कोटा उत्तर विधायक प्रह्लाद
गुंजल ,,,कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा से भी वार्ता की है उक्त विधायकों
ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए शिक्षा विभाग को उर्दू बहाल करने
के लिए पत्र लिखा है जबकि मधु स्मृति संस्थान की श्रीमती मधु शर्मा
,,,राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के सक्रिय कार्यकर्ताओं ,,,भाजपा अल्सपंख्य्क
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ,,महासचिव मोहम्मद अकरम
,,,राजस्थान के विधायक हबीबुर्रहमान सहित कई ज़िम्मेदार लोगों से इस मामले
में चर्चा की है सभी लोगों ने उर्दू विषय को लेकर सरकार की कार्यवाही पर
चिंता जताई और सरकार को पत्र भी लिखा है ,,,,कोटा सांसद ओम बिरला भी शिक्षा
के नाम पर इस अव्यवस्था पर अपना विरोध दर्ज करा चुके है
,,,,,,,,,,,,,,पत्रकार वार्ता में एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने उर्दू विषय
के मामले में पत्रकारों को विस्तृत जानकारी देते हुए उर्दू बहाल करने बाबत
मदद करने का आह्वान किया जबकि अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी के भाई रफ़ीक़
बेलियम ने पत्रकारों को व्यवस्थार्थ ब्रीफिंग दी ,,,पत्रकार वार्ता में
शिक्षाविद डॉक्टर ज़फर मोहम्मद प्रगति ,,,मोहम्मद शफी खान चिल्ड्रन स्कूल
,,,,गफ्फार मिर्ज़ा सर्वोदय ,,, प्रोफ़ेसर डॉक्टर नईम फलाही ,,,,,,,,,सी ऐ
इस्लाम खान ,,कोटा अल्पसंख्यक देहात कांग्रेस के साजिद जावेद ,,मुज़फ्फर
राहीन ,,, पॉपुलर फ्रंट के शोएब खान ,, वाई के एस होटल के युनुस खान सहित
कई लोग शामिल थे ,,,,,,,,,,,,,,पत्रकार वार्ता के आयोजन से ऐसा लगा के
सरकार इस मामले में घबराई हुई है इसीलिए आज पहली बार पत्रकार वार्ता में
निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी सहित दूसरे पुलिस इनफॉर्मर भी मौजूद रहे
,,,,,,,,,,,,,कोटा के अखबारों से जुड़े पत्रकार और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया से
जुड़े रिपोर्टर के लिए भी यह एक अजीब और आश्चर्य जनक बात होने से चर्चा का
विषय रहा के पत्रकारों की बेठक में आखिर पुलिस अधिकारी की ड्यूटी लगाने के
पीछे सरकार की क्या मजबूरी रही होगी ,,पत्रकारिता के इतीहास में यह पहला
दृष्टांत है जब पुलिस अधिकारी भी पत्रकार वार्ता में अख़बार वालों के साथ
खबर नवीस की तरह रूबरू थे ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान