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19 जुलाई 2015

6 साल में तीन राज्यों में 16 बच्चियों को अगवा कर किया रेप, हत्या कर लाशें फेंकी


6 साल में तीन राज्यों में 16 बच्चियों को अगवा कर किया रेप, हत्या कर लाशें फेंकी
 
नई दिल्ली. बच्चियों के साथ रेप के बाद उनका मर्डर करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी रविंद्र कुमार (24) ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, पेशे से बस कंडक्टर रविंद्र ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह 2009 से लेकर अब तक दिल्ली, हरियाणा और यूपी में इस तरह की 15 और वारदात को अंजाम दे चुका है। वह अमूमन 3 से 4 चार साल की बच्चियों को निशाना बनाता था। आरोपी ने यह भी बताया कि वह शराब के नशे में ही बच्चों से रेप करता और फिर उनका कत्ल कर देता था।
कबूला जुर्म
आरोपी यूपी के बदायूं का रहने वाला है। फिलहाल वह दिल्ली के उत्सव विहार इलाके में रह रहा था। रविंद्र ने बताया कि वह बच्चों को टॉफी या पैसों से लुभाता था। इसके बाद, उन्हें सुनसान जगह पर ले जाकर रेप करता था और बाद में गला घोंटकर उनकी हत्या कर देता था। इसके बाद, लाशों को नालों में बहा देता था या खेतों में दफना देता था। पुलिस के मुताबिक, रविंद्र का इन वारदात में हाथ होने के पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस पूछताझ में आरोपी रविंद्र ने यह भी बताया कि वह यह सारे काम शराब के नशे में करता था। जब उससे पूछा गया कि छोटे -छोटे बच्चों का गला घोंटते वक्त उसे किसी तरह का पझतावा नहीं होता था। इसपर रविंद्र ने बताया कि वे इस तरह की वारदातों को शराब के नशे में अंजाम देता था। नशे की हालत में ही वह छोटे छोटे बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाता और उसके बाद गला घोंटकर उनकी हत्या कर देता था। इसके बाद वह उनकी लाशों को या तो खेतों में फेंक दिया करता था या कहीं दफना देता था।
कैसे पकड़ा गया
बाहरी दिल्ली के डीसीपी विक्रमजीत सिंह के मुताबिक, बेगमपुरा में एक छह साल की बच्ची 14 जुलाई को गायब हो गई थी। बाद में उसका शव घर से पचास मीटर दूर एक अधूरे बने तीन मंजिला मकान में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची की हत्या से पहले रेप किए जाने के सबूत मिले थे। मौके से पुलिस को एक ड्राइविंग लाइसेंस मिला था। इसके आधार पर रविंद्र कुमार को शुक्रवार को पकड़ा गया।
निठारी कांड की दिलाई याद
रविंद्र का केस सामने आने के बाद निठारी कांड की यादें ताजा हो गईं। 2005 से 2006 के बीच नोएडा से सटे निठारी में लापता हुई बहुत सारी लड़कियों को अगवा करके मारपीट और उनकी हत्या करने का मामला सामने आया था। इस मामले में सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई गई, जो बाद में उम्रकैद में तब्दील हो गई।

ईद की मुबारकबाद देने पहुंचे MLA को नाराज लोगों ने दो घंटे तक कुर्सी से बांधा

गांववालों द्वारा बंधक बनाए गए बसपा विधायक बब्बन सिंह चौहान और स्थानीय सभासद कयामुद्दीन (बाएं से दाएं)।
गांववालों द्वारा बंधक बनाए गए बसपा विधायक बब्बन सिंह चौहान और स्थानीय सभासद कयामुद्दीन (बाएं से दाएं)।
चंदौली. यूपी के चंदौली में बिजली कटौती से परेशान लोगों ने रविवार को क्षेत्र के विधायक को दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा।
घटना रविवार को अलीनगर में हुई। वार्ड नंबर-13 के रहने वाले लोग इन दिनों बिजली कटौती से काफी परेशान हैं। कई बार शिकायतों के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। रविवार को मुगलसराय के बसपा विधायक बब्बन सिंह चौहान और स्थानीय पार्षद कयामुद्दीन ईद की मुबारकबाद देने पहुंचे थे। नाराज लोगों ने उन्हें रस्सी से कुर्सियों में दो घंटे तक बांधकर रखा। जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। गांववालों ने विधायक को पुलिस की मौजूदगी में ही बंधक बनाए रखा। गुस्साए गांववाले नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक विधायक को बंधक बना कर रखा जाएगा। मुगलसराय थानाध्यक्ष साजिद सिद्दीकी और अलीनगर थानाध्यक्ष पुनीत परिहार द्वारा समझाने और विधायक द्वारा बिजली व्यवस्था दुरुस्त करवाने का आश्वासन दिए जाने के बाद गांववालों ने विधायक और पार्षद को आजाद कर दिया।

"अच्छे दिन कब आयेँगे.

"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*दीवार पर पेशाब करता व्यक्ति पूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*बिजली चोरी करता व्यक्ति पूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*यहाँ-वहाँ कचरा फैंकता व्यक्ति पूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*कामचोर सरकारी कर्मचारी पूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*टेक्स चोरी करता व्यक्ति पूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*देश से गद्दारी करता व्यक्ति पूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*नौकरी पर देरी से व जल्दी घर दौड़ताकर्मचारी पूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*लड़कियों से छेड़खानी करता व्यक्तिपूछता है,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*राष्ट्रगान के समय बातें करते स्कूलों के कुछलोग पूछते हैं,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*स्कूल में बच्चों को न भेजने वाले लोग पूछते हैं,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*सड़क पर रेड सिग्नल तोड़ते लोग पूछते हैं,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*किताबों से दूर भागते विद्यार्थी पूछते हैं,"अच्छे दिन कब आयेँगे...?"*कारखानों में हराम खोरी करते लोग पूछते हैं,"अच्छे दिन कब आयेँगे........!!

मिट्टी, मिट्टी में मिल जायेगी,

एक दिन,
जैसे तुम्हें दफ़न कर दिया जायेगा,
ठीक वैसे ही,
मुझे जला दिया जायेगा,
जैसे तुम्हारी मिट्टी, मिट्टी में मिल जायेगी,
हमारा राख भी मिट्टी में मिल जायेगा ।

फिर तो हमारा मज़हब . .
मिट्टी का मज़हब होगा
जहाँ,,
हम भी मिट्टी,
तुम भी मिट्टी . .
ईद-दशहरा दोनों मिट्टी
मंदिर और मस्जिद भी मिट्टी !!
फिर मिट्टी-मिट्टी,
बेहिचक मिला करेंगे . .
मिट्टी में . .
मिट्टी से फूल खिला करेंगे ।
प्रवीण कुमार ।

ईद का असल पैगाम ….

ईद का असल पैगाम ….
रमज़ान के पूरे महीने में भूक और प्यास को बर्दाश्त करने के बाद ईद की ख़ुशी इस बाद की मिसाल है कि ज़िन्दगी की मुसीबतों पर सब्र करने के बाद कभी ना कम होने वाली जन्नत की खुशियाँ हैं.
*हदीसों से पता चलता है कि जन्नत में जाने के बाद लोग एक दुसरे से बहुत मुहब्बत करने लगेंगे और अगर किसी से दुनियां में मन मुटाव था तो वो भी ख़त्म कर के एक दुसरे की खताओं को माफ़ कर देंगे.
💎 ईद का भी यही पैगाम है….
ईद कोई हाल्ला मचाने का त्यौहार नहीं है,
*यह आपसी रंजिशों को मिटा कर एक दुसरे को खुशियाँ बाँटने का मौका है,
*एक दुसरे की गलतियों और अपने हक़ को माफ़ कर सब को गले लगाने का त्यौहार है,
*आप हमसे यह ना कहना कि लोग बुरे हैं….
*अगर वे अच्छे होते तो फिर आप की क्या जिम्मेदारी थी ???
... इसलिए सब पिछली बातें भूल जाइये और सब मुस्लिम गैर मुस्लिम जिनसे भी मन मुटाव चल रहा है उनकी तरफ दोस्ती का हाथ बढाइये इसी अमल से अल्लाह के यहाँ यह साबित होगा कि आप ने रमज़ान में सब्र करना सीख लिया था...
🌿 इसी गुज़ारिश के साथ हम सब की तरफ से सभी भाई और उनके परिवारों को यह ईद बहुत बहुत मुबारक हो.

जिस दिन हमारी मोत होती है,

इस मैसेज को गौर से दो बार पढे !
जिस दिन हमारी मोत होती है, हमारा पैसा बैंक में ही रहा जाता है।
*
जब हम जिंदा होते हैं तो हमें लगता है कि हमारे पास खच॔ करने को पया॔प्त धन नहीं है।
*
जब हम चले जाते है तब भी बहुत सा धन बिना खच॔ हुये बच जाता है।
*
एक चीनी बादशाह की मोत हुई। वो अपनी विधवा के लिये बैंक में 1.9 मिलियन डालर छोड़ कर गया। विधवा ने जवान नोकर से शादी कर ली। उस नोकर ने कहा -
"मैं हमेशा सोचता था कि मैं अपने मालिक के लिये काम करता हूँ अब समझ आया कि वो हमेशा मेरे लिये काम करता था।"
सीख?
ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अज॔न कि बजाय अधिक जिया जाय।
• अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिये प्रयास करिये।
• मँहगे फ़ोन के 70% फंक्शन अनोपयोगी रहते है।
• मँहगी कार की 70% गति का उपयोग नहीं हो पाता।
• आलीशान मकानो का 70% हिस्सा खाली रहता है।
• पूरी अलमारी के 70% कपड़े पड़े रहते हैं।
• पुरी जिंदगी की कमाई का 70% दूसरो के उपयोग के लिये छूट जाता है।
• 70% गुणो का उपयोग नहीं हो पाता
तो 30% का पूण॔ उपयोग कैसे हो
• स्वस्थ होने पर भी निरंतर चैक अप करायें।
• प्यासे न होने पर भी अधिक पानी पियें।
• जब भी संभव हो, अपना अहं त्यागें ।
• शक्तिशाली होने पर भी सरल रहेँ।
• धनी न होने पर भी परिपूण॔ रहें।
बेहतर जीवन जीयें !!!
💮💮💮💮
काबू में रखें - प्रार्थना के वक़्त अपने दिल को,
काबू में रखें - खाना खाते समय पेट को,
काबू में रखें - किसी के घर जाएं तो आँखों को,
काबू में रखें - महफ़िल मे जाएं तो ज़बान को,
काबू में रखें - पराया धन देखें तो लालच को,
💮💮💮
भूल जाएं - अपनी नेकियों को,
भूल जाएं - दूसरों की गलतियों को,
भूल जाएं - अतीत के कड़वे संस्मरणों को,
💮💮💮
छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना,
छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना,
छोड दें - दूसरों के धन की चाह रखना,
छोड दें - दूसरों की चुगली करना,
छोड दें - दूसरों की सफलता पर दुखी होना,
💮💮💮💮
यदि आपके फ्रिज में खाना है, बदन पर कपड़े हैं, घर के ऊपर छत है और सोने के लिये जगह है,
तो दुनिया के 75% लोगों से ज्यादा धनी हैं
यदि आपके पर्स में पैसे हैं और आप कुछ बदलाव के लिये कही भी जा सकते हैं जहाँ आप जाना चाहते हैं
तो आप दुनिया के 18% धनी लोगों में शामिल हैं
यदि आप आज पूर्णतः स्वस्थ होकर जीवित हैं
तो आप उन लाखों लोगों की तुलना में खुशनसीब हैं जो इस हफ्ते जी भी न पायें
जीवन के मायने दुःखों की शिकायत करने में नहीं हैं
बल्कि हमारे निर्माता को धन्यवाद करने के अन्य हजारों कारणों में है!!!
यदि आप मैसेज को वाकइ पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैं
तो आप उन करोड़ों लोगों में खुशनसीब हैं जो देख नहीं सकते और पढ़ नहीं सकते
अगर आपको यह सन्देश बार बार मिले तो परेशान होनेकी
बजाय आपको खुश होना चाहिए !
धन्यवाद...
मैंने भेज दिया
अब आपकी बाऱी है ।
नींद और मौत में क्या फर्क है...?
किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है....
"नींद आधी मौत है"
और
"मौत मुकम्मल नींद है"
जिंदगी तो अपने ही तरीके से चलती है....
औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं।
सुबहे होती है , शाम होती है
उम्र यू ही तमाम होती है ।
कोई रो कर दिल बहलाता है
और
कोई हँस कर दर्द छुपाता है.
क्या करामात है कुदरत की,
ज़िंदा इंसान पानी में डूब जाता है
और मुर्दा तैर के दिखाता है...
बस के कंडक्टर सी हो गयी है
जिंदगी ।
सफ़र भी रोज़ का है और
जाना भी कही नहीं।.....
सफलता के सात भेद, मुझे अपने कमरे के अंदर
ही उत्तर मिल गये !
छत ने कहा : ऊँचे उद्देश्य रखो !
पंखे ने कहा : ठन्डे रहो !
घडी ने कहा : हर मिनट कीमती है !
शीशे ने कहा : कुछ करने से पहले अपने अंदर झांक
लो !
खिड़की ने कहा : दुनिया को देखो !
कैलेंडर ने कहा : Up-to-date रहो !
दरवाजे ने कहा : अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के
लिए पूरा जोर लगाओ !
लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं------
माथे पर खिंच जाएँ तो किस्मत बना देती हैं
जमीन पर खिंच जाएँ तो सरहदें बना देती हैं
खाल पर खिंच जाएँ तो खून ही निकाल देती हैं
और रिश्तों पर खिंच जाएँ तो दीवार बना देती हैं..
एक रूपया एक लाख नहीं होता ,
मगर फिर भी एक रूपया एक लाख से निकल जाये तो वो लाख भी लाख नहीं रहता
हम आपके लाखों दोस्तों में बस वही एक रूपया हैं …
संभाल के रखनT , बाकी सब मोह माया है

जोधपुर संभाग में शोषित उत्पीड़ित ,,दलित ,,अल्सपंख्य्क पुरुष महिलाओं के हमदर्द बने ,,हर दिल अज़ीज़ भाई मुख्तार अनीस चिश्ती ,

जोधपुर संभाग में शोषित उत्पीड़ित ,,दलित ,,अल्सपंख्य्क पुरुष महिलाओं के हमदर्द बने ,,हर दिल अज़ीज़ भाई मुख्तार अनीस चिश्ती ,,,,जिन्हे प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग में जोधपुर संभाग का चेयरमेन बनाया गया है ,,कहते है के गरीब हो ,,अमीर हो ,,हिन्दू हो ,मुस्लिम हो सभी के बदन में लहू तो एक बहता है ,,फिर आपस में झगड़ो ,,फसादात करो बताओ तुमसे यह कोन कहता है ,,,,,,,,,,,,,मुख्तार अनीस चिश्ती पच्चीस अगस्त उन्नीस सो इक्यासी को nagor जोधपुर में ही जन्मे वही ,,पले ,,वहीँ बढ़े हुए ,,वहीँ शिक्षा प्राप्त की ,,वहींं सेवा कार्यों से जुड़े और अपना रोज़गार भी जोधपुर में ही चला रहे है ,,,मुख़्तार अनीस चिश्ती यूँ तो कांग्रेस पार्टी के अलम्बरदार है लेकिन दुःख दर्द के मामले में ,,अनीस चिश्ती किसी का धर्म ,,किसी की ज़ात ,,किसी का समाज ,,किसी की सियासी विचारधारा नहीं देखते है ,,निर्गुट और गैर सियासी समाजसेवक की तरह उसके दुःख दर्द को हरने के लिए उसके साथ उठ खड़े होते है ,,अस्पताल में मरीज़ को इलाज की ज़रूरत हो ,,दवा की ज़रूरत हो ,,डॉक्टर को दिखाना हो ,,,खून की ज़रूरत हो ,,मुख्तार अनीस उनके साथ हमेशा तय्यार मिलते है ,,,,बच्चो में शिक्षा की अलख जंगाना हो ,,उनकी फीस जमा करना हो ,,,,,यूनिफॉर्म ,,किताबे दिलवाना हो ,,मुख्तार अनीस उसका इंतिज़ाम करके उनके चेहरे पर मुस्कान देखकर सुकून हासिल करते है ,,वृद्धो को पेंशन की समस्या हो ,,,,आधारकार्ड से जुडी समस्या हो ,या फिर सरकार के विभागों में किसी की भी कोई उलझन हो सभी लोग भाई मुख्तार अनीस को बिना किसी झिझक के पुकारते है और मुख्तार अनीस बिना किसी ना नुकुर ,,बिना किसी बहाने बाज़ी के उनके साथ खड़े मिलते है ,,मुख़्तार अनीस चिश्ती कहते है के यह देश हमारा है ,,देश की सीमाये ,,देश का तिरंगा ,,देश की संस्कृति बचाने में हमारे पूर्वजों ने खून पसीना बहाया है हम भी हमारे देश के लिए मर मिटेंगे ,,लेकिन कोई हमारे देश ,,हमारे देश की सुख शांति ,,हमारे देश के सुखद माहोल को खराब करने की कोशिश करेगा तो उसे हम बख्शेंगे नहीं ,,मुखतार अनीस आम तोर पर समाज सेवक है गरीब और पीड़ितों के हमदर्द है लेकिन किसी भी चुनाव के वक़्त यह कट्टर कांगेसी ,,हो जाते है ,,इनके इलाक़े ,,इनके बूथ ,,इनकी भाग संख्या सहित प्रबंधन चाहे किसी के हाथ में भी हो लेकिन अधिकतम क्षेत्रों में वोट का रुहझान मुख्तार अनीस चिश्ती और इनके सर्मथक ही तय करते है ,,इसी लिए वार्ड पार्षद का चुनाव हो ,,पंच सरपंच जिला परिषद के चुनाव हो ,,विधानसभा ,,लोकसभा के चुनाव हो इसमें कांग्रेस के पक्ष में मुख़्तार अनीस अपना कार्य व्यवसाय ,,परिवार ,,सब कुछ भुलाकर चुनाव के काम में लग जाते है ,,,,,,,,,,,मुख़्तार ,अनीस चिश्ती रचनात्मक कार्यों में रक्तदान शिविर ,,गाँधीवादी विचारधारा को प्रचारित करने के लिए सेमिनार आयोजित करवाते है तो प्रधानमंत्री के पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रमों में शिक्षा रोज़गार सहित दूसरे सुरक्षा संबंधित बिंदु हो सभी के लिए अनीस चिश्ती संघर्ष करते है ,,,,,,अनीस चिश्ती कॉलेज शिक्षा के दौरान भी छात्र कांग्रेस से जुड़कर छात्र समस्याओं के लिए संघर्षशील रहे है जबकि इस दौरान भी इन्होने रक्तदान शिविर ,,खेलकूद शिविर ,, छात्र प्रतीभा सम्मान समारोह सहित ,,निशुल्क केम्प आयोजित किये है ,,,,,,वर्तमान में मुख्तार अनीस फाइनेंस एड्वाइज़र ,,,,,,,,कम्प्यूटर सेल सर्विस एंड ऑपरेटिंग ,,,,कम्प्यूटर हार्डवेयर मेकेनिज़्म ,एक्रेलिक एंड केमिकल्स के व्यवसाय से जुड़े है और कई ज़रूरतमंदों को रोज़गार भी देते है तो ,, रोज़गार सलाहकार के रूप में आम लोगों को सलाह देकर रोज़गार से भी जोड़ते है ,,,,अनीस चिश्ती ,, चिश्तिया फाउंडेशन के अध्यक्ष ,,कॉम खरादियान कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष ,,,,,अज़हरी युवा फाउनेशन के सचिव ,,,,मदरसा जिन्तुल ज़िलाम भोपालगढ़ के संगठक ,,,,दलित मुस्लिम एकता मंच के सदस्य ,,जोधपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी आभाव अभियोग के उपाध्यक्ष ,युथ कांग्रेस जोधपुर विधानसभा क्षेत्र ,,,मारवाड़ सद्भावना संस्थान ,,,राजीव गांधी युवा क्लब ,,राजीव गांधी विचार मंच ,,गांधी वीचारक मंच से भी जुड़े है ,,अनीस चिश्ती नशा मुक्ति के विरुद्ध केम्प लगाकर जागृति करते है तो युवा जोड़ो का एकता सम्मेलन कराकर सामूहिक विवाह करवाते है ,,,,युवा विकास विचार गोष्ठियों का आयोजन करवाते है ,,वृक्षारोपण ,,,,साफ़ सफाई ,,सहित देश सेवा संबंधित गोष्ठियां ,,सम्पर्क सभाए ,,कर लोगों को जाग्रत करते है ,,,मुख्तार अनीस चिश्ती युवा वर्ग को एक जुट कर जननी सुरक्षा योजना ,,महिला स्वयं सहायता समूह ,,स्वरोजगार कार्यक्रमों से जोड़कर एक तरफ तो राष्ट्रवाद की शिक्षा देते है तो दूसरी तरफ शिक्षा के साथ जुड़कर स्वरोज़गार योजना का भी पाठ पढ़ाते है ,,, मुख्तार अनीस चिश्ती को हाल ही में मुस्लिम महा सभा में प्रदेश महासचिव पद पर नियुक्त किया गया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुख़्तार अनीस चिश्ती जोधपुर में युवाओ के ह्रदय सम्राट के रूप में भी अपनी पहचान रखते है और इसीलिए किसी भी तरह के चुनाव हो वोह चुनाव अनीस अहमद की चुनावी रणनीति के ज़रिये ही जीते जाते है ,,हंसमुख व्यवहार ,, ज़ुबान में मिठास ,,चेहरे पर मुस्कुराहट और दिल में दलित ,,गरीब ,,शोषित ,,उत्पीड़ित के लिए खिदमत का जज़्बा ,,दिमाग में राष्ट्रिय सुरक्षा और कांग्रेस ज़िंदाबाद का जूनून का दूसरा नाम ही मुख़्तार अनीस चिश्ती है ,,,ऐसी बहुमुखी युवा प्रतीभा को दिल से सलाम ,सेल्यूट ,,आदाब ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

शिक्षा मंत्री दुवारा उर्दू ,,सिंधी ,,पंजाबी ,,संस्कृत भाषा को खत्म करने के प्रयासों को उनका मानसिक बताया

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पंकज मेहता ने आज यहां दादाबाड़ी में आयोजित बैठक में राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री दुवारा उर्दू ,,सिंधी ,,पंजाबी ,,संस्कृत भाषा को खत्म करने के प्रयासों को उनका मानसिक बताया है ,,,पंकज मेहता आज यहां ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ललित चित्तौड़ा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा भाषा साहित्य को समाप्त करने के प्रयासों पर जमकर बिफरे ,,उन्होंने कार्यकर्ताओ से आह्वान किया के कांग्रेस उक्त भाषाओ के साथ हो रहे अन्याय पर खामोश नहीं बैठेगी और कार्यकर्ताओं को इसे रोकने के लिए हर तरह का प्रदर्शन ,,आंदोलन करने के लिए तय्यार रहना होगा ,,पंकज मेहता ने कहा के आगामी बाईस जुलाई को इस मामले में सुबह साढ़े ग्यारह बजे कलेक्ट्रेट के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्श कर शिक्षा मंत्री का पुतला फूंकेंगे ,,,बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा के सरकार द्वारा बनाये गए नियमों में स्पष्ट है के निर्धारित दस छात्रों की संख्या होने पर स्वीकृत भाषा व्याख्याता ,,वरिष्ठ अध्यापकों के पद समाप्त नहीं किये जाएंगे ना ही संबंधित विषय उर्दू ,,सिंधी ,,पंजाबी ,,संस्कृत बंद की जायेगी ,,लेकिन फिर भी स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर यह मनमानी की जा रही है और भाषाओ को नियम विरुद्ध टारगेट बनाकर अधिकतम स्कूलों से उर्दू सहित अन्य विषय बंद किये गए है ,,,अल्सपंख्य्क विभाग के देहात अध्यक्ष साजिद जावेद ने कहा के बाईस जुलाई को आयोजित इस प्रदर्शन में अधिक से अधिक लोगों को शामिल होकर सरकार की इस हठधर्मिता का मुंह तोड़ जवाब देना है ,,,,बैठक में विनोद लालवानी ने कहा के सिंधी भाषा एक साहित्य की भाषा है इस मामल में सरकार के आदेश तुरंत निरस्त होना चाहिए ,,बैठक में रूस्तम खान ,,,,ललित चित्तौड़ा सहित कई दर्जन कार्यकर्ताओं ने अपने विचार रखे ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ईद मिलन समारोह

अभिभाषक परिषद कोटा द्वारा मंगलवार 21 जुलाई को दोपहर ढाई बजे अभिभाषक परिषद पुस्तकालय भवन में ईद मिलान समारोह आयोजित किया गया है ,,,,अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघुगोतम ,,महासचिव संजीव विजय ने बताया की मंगलवार को आयोजित ईद मिलन समारोह में कोटा शहर क़ाज़ी ,,मुख्य अतीथी होंगे जबकि कोटा शहर पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह अध्यक्षता करेंगे ,,नगर विकास न्यास के सचिव कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि रहेंगे ,,,रघुगोतम ने बताया के इस अवसर पर प्रख्यात कवि जगदीस सोलंकी ,,प्रख्यात शायर चाँद शेरी ,,,,, रामनारायण हलधर ,,,उमर सी आई डी सहित प्रमुख कवि शायर ईद मिलान के अवसर पर अपनी रचनाओ से मिलन समारोह में अपनी रचनाये पेश करेंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हंस और हंसिनी

एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!
हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ??
यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !
भटकते भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !
रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था।
वह जोर से चिल्लाने लगा।
हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते।
ये उल्लू चिल्ला रहा है।
हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ??
ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।
पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।
सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो।
हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद!
यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा
पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।
हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ??
अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!
उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।
दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये।
कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी।
पंचलोग भी आ गये!
बोले- भाई किस बात का विवाद है ??
लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!
लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।
हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है।
इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए!
फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!
यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।
उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली!
रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको!
हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ??
पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?
उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी!
लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है!
मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है।
यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!
शायद 65 साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता न देखते हुए, हमेशा ये हमारी जाति का है. ये हमारी पार्टी का है के आधार पर अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैँ!
"कहानी" अच्छी लगे तो आगे भी बढ़ा दें...

क़ुरआन का सन्देश

  
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