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20 जुलाई 2015

केंद्र सरकार द्वारा एक ओर्डीनेस जारी कर फिर से पूर्ववत कर देने से परिवादियों ने राहत की सांस ली है

चेक अनादरित मामलों में पिछले दिनों सुप्रीमकोर्ट के एक आदेश के बाद क्षेत्राधिकार को लेकर जो अराजकता का माहोल पैदा होने से परिवादी में जो अराजकता का माहोल था वोह अब केंद्र सरकार द्वारा एक ओर्डीनेस जारी कर फिर से पूर्ववत कर देने से  परिवादियों ने राहत की सांस ली है ,,पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले को निस्तारित करते हुए क्षेत्राधिकार के मामले में चेक अनादरित क़ानून की धारा 142 ,,138 ,,के प्रावधानों के विपरीत ऐसा आदेश जारी कर देश की सभी अदालतों को पाबंद कर दिया था जिससे देश के लाखो चेक अनादरित संबंधित मामलात जहा अभियुक्त रहता है वहां भेजना पढ़े थे ऐसे में परिवादी को काफी परेशानी हो रही थी और अभियुक्त मज़े कर रहे थे ,,,,,,केंद्र सरकार ने इस गंभीरता को समझ कर  सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उपजी अराजकता को पूर्ववत करने के लिए  सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत एक ओर्डीनेंस जारी कर फिर से क्षेत्राधिकार  की परिभाषा पूर्ववत कर दी ,,,साथ ही जो पहले परिवाद ट्रांसफर हुए है वोह भी पूर्ववत पहले की अदालतों में ही सुसंवाई के लिए वापस भेजे जाना है ,,,,देश के सभी लोगों की सुप्रीमकोर्ट के इस आदेश से असहमति थी लेकिन सम्मान में कार्यवाही करते हुए लाखो परिवादी इधर से उधर  भटक रहे थे और अभियुक्त मज़े कर रहे थे ,,, वर्तमान में पूर्ववत ओर्डीनेन्स आने से  वकील और आम प्रभावित परिवादी फिर से लाभान्वित हुए है ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पूर्व MLA के पोते की मौत: कनपटी पर रिवॉल्वर लगाकर ले रहा था SELFIE, दबा ट्रिगर

FILE PHOTO: मृतक राहुल।
FILE PHOTO: मृतक राहुल।
भोपाल. कांग्रेस के पूर्व MLA गोविंद सिंह राजपूत के पोते की गोली लगने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक राहुल लाइसेंसी रिवॉल्वर को कनपटी पर लगाकर सेल्फी लेने की कोशिश कर रहा था, तभी ट्रिगर दब गया। राहुल की फैमिली और शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट इसी ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
क्या है मामला?
राहुल उर्फ सूर्य प्रताप सिंह राजपूत (20) अपने चाचा की लाइसेंसी रिवॉल्वर के साथ सेल्फी लेना चाहता था, तभी गोली चल गई और सिर में जा लगी। राहुल के परिजन इसी बात को दोहरा रहे हैं। वहीं, पुलिस के अनुसार एक गोली राहुल के सिर में और एक अलमारी में मिली है। दोनों गोली करीब 3 सेकेंड के अंतर पर चली है। वह इसे एक्सीडेंटल और सुसाइडल केस मानकर इन्वेस्टीगेशन कर रही है।
राहुल की फैमिली ने बताया कि वह पढ़ने-लिखने में होशियार था और उसने इस बार एमपी पीईटी का एंट्रेस क्लियर किया था। इसी सिलसिले में उसे इंदौर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेना था। कॉलेज की काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए वह सागर से अपने चाचा मूरत सिंह उर्फ पप्पू के साथ निकला था। उनके चाचा का भोपाल की सीआई कॉलोनी में एक फ्लैट है।
काउंसलिंग में शामिल होने के लिए वह अपने चाचा मूरत सिंह, उनके दोस्त पुष्पेंद्र और ड्राइवर जावेद के साथ इनोवा गाड़ी से रविवार रात 9.30 भोपाल पहुंचा था। वह अपने चाचा के साथ सागर से भोपाल होते हुए इंदौर जा रहा था। लेकिन, तेज बारिश के चलते वे सभी भोपाल के माता मंदिर स्थित सीआई होम्स के फ्लैट नंबर डी-404 में रुके थे।
ऐसा लगा की सिलेंडर फट गया
सोमवार सुबह राहुल काउंसिलिंग के लिए तैयार हो रहा था। इस दौरान राहुल के कहने पर उसका ड्राइवर किचन में पूड़ी और आलू की सब्जी बना रहा था। राहुल के चाचा नहा रहे थे और राहुल टीवी देख रहा था। इतने में अचानक गोली की आवाज हुई। राहुल के चाचा को लगा कि सिलेंडर फट गया है। जब राहुल के चाचा और उनके ड्राइवर ड्राइंग रूम में पहुंचे तो देखा कि राहुल जमीन पर पड़ा था। उस समय उसकी सांसें चल रही थीं। दोनों राहुल को हजेला अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
फूट-फूटकर रो पड़े पूर्व विधायक
पोते की मौत की खबर सुनकर गोविंद सिंह सागर से भोपाल आए। अस्पताल में वह बैचेनी के साथ टहल रहे थे। जैसे ही उन्हें अपने पोते की बॉडी दिखाई, वह फूट-फूटकर रो उठे। जवान पोते के शव को ज्यादा देर देख नहीं सके और बाहर आ गए।
फैमिली की है सागर में अच्छी पहचान
राहुल के दादा गोविंद सिंह राजपूत सागर के पूर्व कांग्रेसी विधायक हैं। इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। राहुल के पिता रंजीत सिंह गोविंद सिंह राजपूत के भाई गुलाब सिंह के बेटे हैं। सागर में इस फैमिली की सियासी तौर पर अच्छी पहचान है। राहुल का एक छोटा भाई और एक बहन है। राहुल के पिता रंजीत सिंह सागर में ठेकेदारी करते हैं।
एक्सीडेंटल और सुसाइडल केस मानकर चल रहे हैं
इस केस को हम अभी एक्सीडेंटल और सुसाइडल मानकर चल रहे हैं। गोली कनपटी पर रखकर चली है। उसके बाएं हाथ पर गनपाउडर मिला है। रिवाल्वर में 6 गोली थी जिसमें से 2 चल गई थी, 4 बाकी थी।
मनीषराज भदौरिया,टीआई, टीटीनगर थाना

पांच मंत्रियों के साथ मिल मोदी बनाते हैं स्‍ट्रैटजी तो पांच जूनियर्स को बना रखा है आंख-कान




पांच मंत्रियों के साथ मिल मोदी बनाते हैं स्‍ट्रैटजी तो पांच जूनियर्स को बना रखा है आंख-कान
 
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी ने मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के वार पर प्रहार करने की पूरी स्‍ट्रैटजी बना ली है। मोदी ने पांच करीबी मंत्रियों के साथ मिल कर इस स्‍ट्रैटजी को अंतिम रूप दे दिया है। लेकिन वे पांच केंद्रीय मंत्री कौन हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी हैं? वो कौन 5 जूनियर मंत्री हैं जो पीएम की आंख और कान हैं? विपक्ष के वे कौन पांच नेता हैं जिनसे पीएम रेगुलर बातचीत करते हैं और उनकी बात पर भरोसा करते हैं? ये सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब आधिकारिक तौर पर कभी नहीं मिल सकते। पर साउथ ब्लॉक और 7 रेसकोर्स रोड (पीएम रेसिडेंस) के गलियारों में होने वाली चर्चा, वहां आने वाले फोन कॉल्‍स आदि के आधार पर इन सवालों के जवाब ये हैं-
पिछले हफ्ते इन विपक्षी नेताओं से हुई बात
संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस की धार कमजोर करने के लिए पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री ने विपक्ष के कई नेताओं से बातचीत की है। इनमें तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, एनसीपी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव, एनडीए की सहयोगी टीआरएस के मुखिया चंद्रबाबू नायडू, वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी शामिल हैं।
मोदी के करीबी 5 केंद्रीय मंत्री
अरुण जेटली (वित्त मंत्री), राजनाथ सिंह (गृहमंत्री), नितिन गडकरी (परिवहन और शिपिंग मंत्री), राम विलास पासवान (उपभोक्ता और खाद्य मंत्री) और सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद से प्रधानमंत्री न सिर्फ हर रोज चर्चा करते हैं, बल्कि इनके सुझावों को भी गौर से सुनते हैं। किसी भी मसले पर स्‍ट्रैटजी तय करने से पहले प्रधानमंत्री इन पांचों से विचार जरूर करते हैं।
मोदी के आंख, कान हैं ये 5 जूनियर मंत्री
निर्मला सीतारमन (वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री), वीके सिंह (सांख्यिकी राज्यमंत्री), जीतेंद्र सिंह (पीएमओ में राज्यमंत्री), राजीव प्रताप रूडी ( संसदीय कार्य राज्यमंत्री) और सर्वानंद सोनोवाल (खेल और युवा मामलों के मंत्री) शामिल हैं। इनसे मोदी अपने सरकारी और राजनीतिक काम से जुड़ा ज्‍यादातर अपडेट लेते हैं।
दिन में दो बार मिलते हैं डोभाल
प्रधानमंत्री से मिलने वाले लोगों में सीनियर अधिकारियों के तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का नाम सबसे पहले आता है। डोभाल दिन में दो बार पीएम से मुलाकात करते हैं। इसके अलावा पीएम कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा और प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा से भी रोज मिलते हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी वह दिन में 4 -5 बार बात कर पॉलिटिकल अपडेट लेते हैं।
यह है प्रधानमंत्री का रुटीन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिन की शुरुआत सुबह 5 बजे के आसपास होती है। इस वक्त वे डेली रूटीन के अलावा योग और प्राणायाम करते हैं। सुबह साढ़े 6 बजे वह न्यूज पेपर पढ़ते हैं और ठीक 8 बजे 7 रेसकोर्स रोड के अपने ऑफिस पहुंच जाते हैं। इसके बाद के 1 घंटे में वे जरूरी फोन कॉल का जवाब देते हैं कुछ जरूरी फाइलें देखते हैं। सुबह 9 बजे लोगों से मुलाकात का दौर शुरू हो जाता है। प्रधानमंत्री रोज तीन बैठकों में 50-60 लोगों से मुलाकात करते हैं। पीएम सुबह साढ़े 10 बजे साउथ ब्लॉक के अपने ऑफिस पहुंच जाते हैं। जब संसद का सत्र चल रहा होता है तो प्रधानमंत्री पौने ग्यारह बजे अपने ड्यूटी रोस्टर के हिसाब से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल होते हैं। इसके बाद रात साढ़े नौ से 11 बजे तक प्रधानमंत्री अलग-अलग राज्‍यों और देश के बाहर रहने वाले अपने खास दोस्तों, नेताओं या राजनयिकों से बातचीत करते हैं।

ACB के छापे: रेंजर के घर बोरे में भरे मिले नोट, जमीन में गाड़ रखा था सोना-चांदी

सुकमा के रेंजर अजय कावड़े के जगदलपुर स्थित आवास पर जमीन में गड़ा मिला सोना-चांदी। (PHOTO: रमाशंकर साहू)
सुकमा के रेंजर अजय कावड़े के जगदलपुर स्थित आवास पर जमीन में गड़ा मिला सोना-चांदी। (PHOTO: रमाशंकर साहू)
रायपुर. छत्तीसगढ़ के 12 से अधिक डिपार्टमेंट के करीब 10 अफसरों के ठिकानों पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को छापेमारी की। खबर है कि सुकमा के रेंजर अजय कावड़े के जगदलपुर में धरमपुरा में मौजूद घर पर छापेमारी में बोरे में भरे लाखों रुपए बरामद हुए हैं। उनके यहां से घर में जमीन में गाड़कर रखा गया सोना-चांदी भी मिला है। इसके अलावा जगदलपुर में क्रशर, आडावल में घर और कोरबा में भी संपत्ति होने की जानकारी मिली है।
दर्जन भर ठिकानों पर कार्रवाई
आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर सोमवार सुबह पांच बजे से ही बस्तर में दो, बिलासपुर में एक और रायपुर में दो जगहों समेत अन्य जगहों पर एसीबी की छापेमारी शुरू हो गई। नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग समेत दर्जन भर विभागों के दर्जन भर से ज्यादा अफसरों के ठिकानों पर एसीबी की कार्रवाई शाम तक चलती रही।
रायपुर में नगर निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर मनोज ठाकुर के घर पर भी एसीबी ने छापा मारा। दुर्ग-भिलाई में महानदी परियोजना के एक्जीक्यूटिव ईंजीनियर (ईई) सुरेश पांडेय के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित निवास और तादुला डिवीजन 4 के प्रभारी SDO एनके जैन के पद्मनाभपुर स्थित निवास पर ACB की कार्रवाई हुई। जगदलपुर महिला बाल विकास अधिकारी एन टंडन के घर पर भी एसीबी का छापामार कार्रवाई शाम तक चलती रही।
शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई
बताया जा रहा है कि अफसरों के खिलाफ लगातार आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें मिल रहीं थी। जांच में शिकायतें सही पाए जाने के बाद एसीबी ने कार्रवाई की।

दिल्ली: CP ने केजरीवाल को थमाई लिस्ट, CM ने कहा-अपने बॉस को दे देना

फाइल फोटोः अरविंद केजरीवाल (बीच में)।
फाइल फोटोः अरविंद केजरीवाल (बीच में)।
नई दिल्ली. दिल्ली में कानून व्यवस्था को लेकर सोमवार को पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच तीखी बहस हुई। बताया जा रहा है कि एक घंटे की मुलाकात के दौरान बस्सी ने जब मीनाक्षी के परिजनों की तरह इसी तरह के 500 पीड़ितों को मुआवजे की लिस्ट केजरीवाल को थमाई तो, उन्होंने कहा कि इसे अपने बॉस को दे दीजिए। हालांकि बस्सी ने दिल्ली सरकार के बयान को गलत बताया। उन्होंने इसे जल्दबाजी में दिया हुआ बयान करार दिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल भी जो भी बात प्रफेशनल तरीके से हुई है।
मंत्री ने कहा, कमिश्नर ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया
दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने केजरीवाल और बस्सी की मीटिंग की जानकारी देते हुए कहा कि सीएम की तरफ से दिल्ली के पुलिस चीफ से कई सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने एक का भी जवाब नहीं दिया। जैन ने कहा कि सीएम अगर उनसे किसी बात की जानकारी चाहते थे, तो उन्हें देनी चाहिए थी। जैन ने कहा कि बस्सी ने उल्टे केजरीवाल को 500 लोगों की लिस्ट देते हुए कहा कि इन्हें भी मीनाक्षी मर्डर केस की तर्ज पर पांच लाख का मुआवजा दिया जाए।
बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली में मीनाक्षी नाम की एक लड़की का बदमाशों ने छेड़खानी के बाद चाकू मारकर मर्डर कर दिया था। इसके बाद ही केजरीवाल ने बस्सी को मुलाकात के लिए बुलाया था।
ठुल्ला कहना अपमानजनक पर कार्रवाई नहीं करेगी दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस को 'ठुल्ला' कहने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी। यह बात दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने सोमवार को उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात के बाद मीडिया से कही। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कोई टिप्पणी करना नहीं चाहते। बस्सी ने कहा 'ठुल्ला' शब्द बिना शक अपमानजनक है, जो कहा गया वह गलत था, लेकिन कानूनी तौर पर यह गैर संज्ञेय मामला है। उन्होंने बताया कि हालांकि पुलिस को इस बारे में शिकायतें मिली हैं, लेकिन वे कोई एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे।
'ठुल्ला' कहने पर कॉन्स्टेबल ने की केजरीवाल की शिकायत, DCP ने कसा तंज
केजरीवाल के पुलिस 'ठुल्ला' कहने वाले बयान पर दिल्ली पुलिस के तीन कॉन्स्टेबलों ने शिकायत दर्ज कराई है। केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल हरविंदर ने दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली नॉर्थ के डीसीपी मधुर वर्मा ने ट्विटर पर केजरीवाल पर तंज कसा है। उन्होंने एक फोटो पोस्ट की है, जिसमें चार साल की एक बच्ची को बचाने की बात की गई है। @DCP_North_Delhi ने लिखा है, ''ठुल्ला कहे जाने वालों में से एक ने 4 साल की खुशबू को कमला नगर से बचाया और उसकी मां को सुरक्षित लौटा दिया।''

पुलिस वालों से बच्चे पूछ रहे हैं, किसे कहते हैं 'ठुल्ला'
साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के लाजपत नगर थाने में तैनात सिपाही अजय कुमार तनेजा ने भी केजरीवाल के खिलाफ लाजपत नगर थाने में मानहानि का केस दर्ज कराया है। उनका कहना है कि जिस वक्त सीएम का यह इंटरव्यू आ रहा था, वह अपने बच्चे के साथ बैठे थे। जैसे ही केजरीवाल ने इस शब्द का इस्तेमाल किया, उनके 12 साल के लड़के ने पूछा, "ठुल्ला किसे कहते हैं?" शिकायत करने वाले कॉन्स्टेबल का आरोप है दिल्ली पुलिस के लिए इस्तेमाल की गई भाषा से उसे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। एक पुलिसवाले ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है कि केजरीवाल की इस टिप्पणी से पुलिसवालों का मनोबल टूटा है।

क्या कहा था केजरीवाल ने
केजरीवाल ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू के दौरान घूस लेने वाले पुलिसकर्मियों को ठुल्ला कहा था। उन्होंने कहा था, ''दिल्ली पुलिस का कोई ठुल्ला अगर रेहड़ी-पटरी वालों से पैसे मांगेगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।''

दिल का सुकून ,, आराम ,,और लोगो के दिलों को नहीं जीता जा सकता

गुंडागर्दी ,,लूटपाट ,,अवैध चौथवसूली ,,भाईगिरी से डॉन बनकर लोगों के दिलों में दहशत पैदाकर खुद को भाईसाहब या भाईजान तो कहलवाया जा सकता है ,,करोड़ों करोड़ रूपये और सुविधाये खरीदी जा सकती है ,,लेकिन दिल का सुकून ,, आराम ,,और लोगो के दिलों को नहीं जीता जा सकता ,,बुरे काम का बुरा अंजाम होता है या जेल या फिर मोत ,,,,,,लेकिन यह भाईगिरी जन्म से पैदा नहीं होती समाज की नाइंसाफी ,,मनमानी ही भाईगिरी की जनक होती है और जो समाज जिस व्यक्ति को तुच्छ समझकर उसका शोषण करता है उसके भाईगिरी में आने के बाद वही समाज उस भाई के इशारे पर कत्थक करता है ,,उसकी तारीफे करता है ,,जी हाँ दोस्तों कोटा में बनी फिल्म ,,,धारा 302 ठोक डाल ,,,, का यही संदेश समाज के नाम है ,,,,,,,,,,,,,,,,,कोटा के ही निर्माता ,,भवानीशंकर योगी ,,,पत्रकार गौरव चतुर्वेदी सहित कुछ लोगों ने इस फिल्म का निर्माण ,,,बुरे काम का बुरा नतीजा ,, का संदेश देने के उद्देश्य से किया है ,,,,,,,,,,,,,,,,,लगभग नब्बे फीसदी इस फिल्म की शूटिंग कोटा में ही करने के पीछे कोटा को फिल्मों की शूटिगं की लोकेशन के बतौर परमोट करना भी रहा है ,,,,,फिल्म में पत्रकार फिर समाज के शोषण उत्पीड़न से तंग आकर पत्रकार की ज़िंदगी छोड़ क़लम फेंक कर बंदूक उठाकर डॉन बनने का किरदार निभाने वाले भाई गौरव चतुर्वेदी बताते है के फिल्म अधिकतम तैयार हो चुकी है और जल्दी ही दो माह के अंतराल में पुरे देश के सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज़ की जायेगी ,,गौरव चतुर्वेदी बताते है के फिल्म के प्रोड्यूसर भाई भवानीशंकर योगी खुद इस फिल्म में डॉन का रोल कर रहे है जबकि राजेन्द्र सिंह नरुका इस फिल्म को निर्देशित कर रहे है ,,फिल्म में मुख्य कलाकार रूफी खान हीरो की भूमिका निभा रहे है ,,जबकि राजस्थानी फिल्मो की मुख्य कलाकार ,,,दीप्ती धोत्रे फिल्म की हिरोईन की भूमिका में है ,,,,इस फिल्म के म्युज़िक डाइरेक्टर साहिल खान ने जावेद अली के गीतों के साथ मिलकर फिल्म को बहतरीन गीत ,,क़व्वाली ,,मौसीक़ी दी है ,,,फिल्म में जूनियर सनी लियोन कहे जाने वाली अभिनेत्री हॉट डांसर सीमा सिंह का आइटम गर्ल के रूप में गर्मागर्म गीत फिल्माया गया है ,,,, फिल्म की शूटिंग का कुछ भाग उदयपुर में भी फिल्माया गया है ,,,मुख्य गीत में ,,,बेवजह यूँ न दे तू सज़ा ,,,मेने की क्या खता ,,,,,बेवजह मुझे ना रुला ,,,,सुन ले यह इल्तिजा ,,,,,है जबकि क़व्वाली में ,,ऐ मोला यार से क्यों दूर हूँ ,,,,,मेरे मोला तू बता ,,,,,,,,ना क़रार है ना सुकून है ,,केसा यह इश्क़ का जूनून है ,, ऐतीहासिक ,अधरशिला के मज़ार पर फिल्माई गई है जिसमे कोटा के विख्यात क़व्वाल हिफज़ुर्रहमान और साहिल खान ने समा बाँध दिया है ,,,,,,,,,,,,,,मानवीय संवेदनाये होती है तो समाज शोषण करता है और अगर मानवीय संवेदनाये खत्म कर शैतान बन जाओ तो समाज क़दमों में होता है कुछ इसी तरह की कहानी इस फिल्म में क़रीब अठारह डॉन के किरदार को लेकर फिल्म का निर्माण किया गया है ,,कोटा में भी एक डॉन जिसकी हत्या पुलिस हिरासत में हुई उसका भी किरदार उसकी प्रेमिका के साथ इस फिल्म में बताया गया है जबकि छोटे बढ़े अपराधियों का भी प्रतीकात्मक किरदार इस फिल्म में प्रदर्शित किया गया है ,,,,नशे और अपराध का सामंजस्य समाज को खोखला कर रहा है ,,यह संदेश ही इस फिल्म में देने की कोशिश की गई है ,,,,,,,,गौरव चतुर्वेदी खुद पहले एक पत्रकार की भूमिका में है फिर समाज से तंग आकर क़लम छोड़कर हथियार उठाकर काली दादा बन जाते है ,,,,,,,,,कोटा के महत्वपूर्ण सीन ,,हैंगिंग ब्रिज ,चंबल की वादियाँ ,,गार्डन ,,भवन सहित कई महत्वपूर्ण स्थानो पर फिल्म की शूटिंग की गई है जबकि इस फिल्म की शूटिंग की शुरआत के बाद दूसरे प्रोड्यूसर ,,निर्माताओं का ध्यान कोटा को शूटिंग के लिए चयन को लेकर गया है और अब कोटा में शूटिंग हब बनता जा रहा है ,,,,,,,,,,,,,,इस फिल्म में गगन ,,गुलशन पांडे सहित कई साथियों की महत्वपूर्ण भूमिका है ,,गौरव चतुर्वेदी उर्फ़ काली दादा बताते है के इस फिल्म को जल्दी ही कपिल शो के ज़रिये प्रमोट करवाने की योजना अंतिम चरणो में है ,,गौरव कहते है के फिल्म का मुख्य संदेश कोटा शूटिंग की नज़र में किसी दूसरे स्थानो से कम नहीं ,,,कोटा के कलाकार भी खुद को साबित करने का हुनर रखते है जबकि मुख्य संदेश ,,,,,नशे से तबाह बर्बाद लोगों के लिए नशा मुक्ति ,,समाज की बुराइयों के कारन समाज ही माफिया डॉन को पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार होना बताया गया है ,,जबकि माफिया डॉन कितना ही बढ़ा हो ,,,कितना ही अरबपति होकर दुनिया की सारी सुख सुविधाएं हांसिल कर ले ,,लेकिन वोह सुकून से नहीं रहता है ,,वोह हर रोज़ हर पल डर और खौफ के साये में जीता है और उसका अंत या तो जेल ,,या एनकाउंटर या फिर गंगवार में मोत ही होता है ,,,मुख्य संदेश में यह भी है के लोगो को डरा धमका कर उनमे खौफ तो पैदा किया जा सकता है ,,भाई कहलवाया जा सकता है लेकिन उनके दिलों में सम्मान और इज़्ज़त पैदा नहीं की जा सकती ,,भाईगिरी डॉन गिरी सिर्फ नफरत ,,सिर्फ दहशत ,,और जेल या फिर मोत ही देती है ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उर्दू को निशाना बनाकर

राजस्थान के सभी ज़िलों के स्कूलों में निर्धारित नियमों के खिलाफ उर्दू को निशाना बनाकर की जा रही मनमानी कार्यवाही के विरोध में उपजे जनाक्रोश से राजस्थान के सभी ज़िलाकलेक्टर और पुलिस अधीक्षक चिंतित है ,,,ज़िलाकलेक्टर ,,पुलिस अधीक्षक ,,अपने अपने क्षेत्रों में होने वाले आंदोलनों की गरमा गर्मी को पूर्वानुमानित कर सरकार से वार्ता के दौरान आगामी बाईस और तेईस जुलाई को होने वाली मुख्यमंत्री के साथ आयोजित बैठक में अपना खुद का सर्वेक्षण और उर्दू सहित दूसरे विषयों को स्कूलों में यथावत रखने का सुझाव देने की लगभग तय्यरियां कर चुके है ,देखते है कलेक्टर्स की रिपोर्ट के बाद राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग के नौसिखिये अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ क्या क़दम उठाती है और राजस्थान में अराजकता के माहोल में चल रही शैक्षणिक व्यवस्था को कैसे बहाल करते है ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अल्लाह और भगवान् लिखा जाये.

अब राम और रहमान लिखा जाये..
क्यूँ न अल्लाह और भगवान् लिखा जाये.
कर रखा खुद को हिन्दू मुस्लिम हमने..
एक हो कर चलो इंसान लिखा जाये..
अब मिटा दें नफरतों की सब कहानियाँ..
मुहब्बतों का फिर हिन्दुस्तान लिखा जाये..
तीर और तलवार की बातें बहुत हुईं..
गले मिलकर भाई को जान लिखा जाये..
जलाएँ एकता के दीप दिलों में हम..
फिर से भारत महान लिखा जाये..
चलो नफरत का मुंह काला कर दें..
साथ बैठ गीता और कुरान लिखा जाये..

शव तैरता जा रहा था.

एक कवी नदी किनारे खड़ा था
तभी वहा से एक लड़की
का शव तैरता जा रहा था..तो कवी ने उस शव से पूछा.....
.
कौन हो तुम ओ सुकुमारी.
बह रही हो नदी के जल मै |
कोई तो होगा तेरा अपना.
मानव निर्मित इस भू तल मे |
किस घर की तुम बेटी हो.
किस क्यारी की तुम कली हो |
किसने तुमको छला ह् बोलो.
क्यो दुनियां छोड़ चली हो |
किसके नाम मेंहदी हाथो रची ह तेरे.
किसके नाम की बिंदियां माथे सजी हे तेरे |
लगती हो तुम राजकुमारी .
या दैव लोक से आई हो. |
उपमा रहित ये रूप तुम्हारा.
ये रूप कहा से लाई हो |

कवी की बात सुनकर लड़की की आत्मा
बोलती हे.
कवी राज मुझे क्षमा करो.
गरीब पिता की बेटी हूं |
इसलिये म्रत मीन की भांति.
जल धारा पे लेटी हूं |
रूप रंग और सुंदरता ही.
मेरी पहचान बताते हे |
कंगन चूड़ी मेंहदी बिंदिया.
सुहागन मुझे बनाते हे |
पिता के दुख को दुखी समझा.
पिता के दुख मे दुखी थी मै |
जीवन के इस पथ पर.
पति के संग चली थी मे |
पति को मेने दीपक समझा.
और उसकी लौ मे जली थी मे |
माता पिता का आंगन छोड़कर.
उसके रंग मे रंगी थी मे |
पर वो निकला सौदागर.
लगा दिया मेरा भी मोल |
धन दौलत और दहेज की खातिर.
जल मे पिला दिया विष घोल |
दुनियां रूपी इस उपवन मे.
छोटी सी कली थी मे |
जिसको समझा था माली.
उसी के द्वारा छली थी मे |
ईश्वर से अब न्याय मांगने.
शव शैय्या पर पड़ी हू मे |
दहैज के लोभी इस संसार मे
दहैज की भैंट चढ़ी हूं मे...
दहैज की भैंट चढ़ी हूं मै...

क़ुरआन का सन्देश

 
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