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26 जुलाई 2015

शत्रुघ्न सिन्हा, जेठमलानी समेत 291 ने प्रेसिडेंट से की अपील-याकूब को न हो फांसी

फाइल फोटोः याकूब मेमन।
फाइल फोटोः याकूब मेमन।
नई दिल्ली. 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी न देने के लिए 291 लोगों ने प्रेसिडेंट से अपील की है। इनमें कई सांसदों समेत, रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। सभी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लेटर लिख कर अपील की है कि याकूब को फांसी न दी जाए। चिट्ठी लिखने वालों में मशहूर वकील राम जेठमलानी और नेताओं में लेफ्ट के सीताराम येचुरी, प्रकाश करात और वृंदा करात शामिल हैं। सबसे चौंकाने वाला नाम बीजेपी के नेता शत्रुघ्न सिन्हा का है। उनकी पार्टी याकूब की फांसी चाहती है। बॉलीवुड के कुछ और मशहूर नाम भी इनमें शामिल हैं। बताया जा रहा है कि नसीरूद्दीन शाह, महेश भट्ट ने भी याकूब की फांसी का विरोध करते हुए राष्ट्रपति से माफी दिए जाने की अपील की है। बता दें कि नागपुर सेंट्रल जेल में बंद याकूब को 30 जुलाई को फांसी देने की तैयारी चल रही है।
अब तक सिर्फ 15 मुसलमानों को ही फांसी इसलिए याकूब को मिले सज़ा
दूसरी तरफ, बीजेपी के कई नेताओं ने याकूब की फांसी का समर्थन किया है। इनमें पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा, सुब्रमण्यम स्वामी और एमपी किरीट सोमैया शामिल हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, याकूब को फांसी होनी ही चाहिए क्योंकि 1947 के बाद से देश में अब तक 170 लोगों को फांसी हुई है। जिनमें से 15 मुस्लिम थे। बीजेपी के एमपी किरीट सोमैया ने याकूब के पक्ष में ट्वीट करने वाले सलमान खान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वे सोमवार को संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे। वहीं, मशहूर वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, भले ही याकूब मेमन ने अदालत में सरेंडर कर दिया हो। लेकिन इससे उसका अपराध कम नहीं हो जाता।

गीता में लिखा है की ...

.....
अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से वो बहुत उदास है अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो अंदर से बहुत कमजोर है अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती , लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास हैे!!!
1. अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो,,, तरीके बदलो....., ईरादे नही..
2. जब सड़क पर बारात नाच रही हो तो हॉर्न मार-मार के परेशान ना हो...... गाडी से उतरकर थोड़ा नाच लें..., मन शान्त होगा। टाइम तो उतना लगना ही है..!
3. इस कलयुग में रूपया चाहे कितना भी गिर जाए, इतना कभी नहीं गिर पायेगा, जितना रूपये के लिए इंसान गिर चूका है... सत्य वचन....
4. रास्ते में अगर मंदिर देखो तो,,, प्रार्थना नहीं करो तो चलेगा . . पर रास्ते में एम्बुलेंस मिले तब प्रार्थना जरूर करना,,, शायद कोई जिन्दगी बच जाये
5. जिसके पास उम्मीद हैं, वो लाख बार हार के भी, नही हार सकता..!
6. बादाम खाने से उतनी अक्ल नहीं आती... जितनी धोखा खाने से आती है.....!
7. एक बहुत अच्छी बात जो जिन्दगी भर याद रखिये,,, आप का खुश रहना ही आप का बुरा चाहने वालों के लिए सबसे बड़ी सजा है....!
8. खुबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत नहीं होते...!
9. रिश्ते और रास्ते एक ही सिक्के के दो पहलु हैं... कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते खो जाते हैं,,, और कभी रास्तो पर चलते चलते रिश्ते बन जाते हैं...!
10. बेहतरीन इंसान अपनी मीठी जुबान से ही जाना जाता है,,,, वरना अच्छी बातें तो दीवारों पर भी लिखी होती है...!
11. दुनिया में कोई काम "impossible" नहीं,,, बस होसला और मेहनत की जरूरत है...l पहले मैं होशियार थl, इसलिए दुनिया बदलने चला था,,, आज मैं समझदार हूँ, इसलिए खुद को बदल रहा हूँ...।।

किसी भी नबी ऐ इकराम ने कभी कोई हराम की कमाई नहीं खाई ,,ना कमाई की ,,यानी किसी भी नबी ऐ इकराम ने मोलवी मुल्लाओं की तरह क़ुरआन की आयतो का मोल किया

किसी भी नबी ऐ इकराम ने कभी कोई हराम की कमाई नहीं खाई ,,ना कमाई की ,,यानी किसी भी नबी ऐ इकराम ने मोलवी मुल्लाओं की तरह क़ुरआन की आयतो का मोल किया ,,ना ही इबादत ,,,नमाज़ पढ़ाने को अपनी रोज़ी रोटी बनाया ,,,,खुद ने महनत कर हलाल की कमाई खाई तो समझ गए ना जो लोग क़ुरआन की आयतो का मोल करते है वोह किसी कमाई खाते है और जब इनके पेट में रिज़क़ ही हलाल नहीं होगा तो क्या इनके पीछे हमारी इबादत जायज़ है ,,नहीं ना तो फिर चलाइये मुहीम भाई ऐसे मोलवी मुल्लाओं के खिलाफ जो क़ुरआन मजीद ,,की हिदायतों और हदीस की रिवायतों के खिलाफ हलाल की कमाई नहीं कर रहे है और हराम की कमाई से पेट भरकर मुस्लिम भाइयो को गुमराह कर उनका भी ईमान खराब कर रहे है ,,,,,,,,,,,,,,,,,नबीयों के पेशे
हजरत आदम अलैहिसलाम -- खेती
हजरत नूह अलैहिसलाम -- सुतार
हजरत दाऊद अलैहिसलाम -- लोहार
हजरत इद्रीस अलैहिसलाम -- दर्जी
हजरत युसूफ अलैहिसलाम -- तिजारत व
बादशाही
हजरत याकूब अलैहिसलाम --
बकरिया चराना
हजरत इस्माईल अलैहिसलाम -- तीर
बनाना
हजरत सुलेमान अलैहिसलाम --
टोकरिया बनाना
हजरत इसा अलैहिसलाम -- रंग बनाना
हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु
अलैहि वसल्लम -- तिजारत और
बकरियाँ चराना |
हमारे तमाम अंबाया किराम और बड़े बड़े
औलिया जिंदगी गुजारने के लिये मेहनत करके
हलाल रोजी कमाते थे |
मगर किसी के सामने इन्होंने हाथ
नहीं फैलाया |
किसीने कपड़ा बुना, किसीने अनाज
उगाया तो किसी ने टोकरियाँ बनाने
का काम किया |
फिर हममें कौन है जो इनसे बड़ा और
इज्जतवाला हैं ?
मगर हम बदनसीब आज इन पेशों और
हुनरों को नाम रखते हैं और बुरी नजर से देखते हैं
|
और नाजायज और हराम तरीके से
तिजारतकरने में अपना बड़प्पन मानते हैं |
आओ सब मिलकर अल्लाह तआला से
यहीं दुआ करे के हमे
सही तरीके से हलाल
कमाई करने के नेक हिदायत दें |

जुबाने हिन्द ,,उर्दू के दुश्मनो ,

जुबाने हिन्द ,,उर्दू के दुश्मनो ,,जुबाने इंक़लाब ,,,जुबाने आज़ादी ,,जुबाने मौसीक़ी ,,,जुबाने तहज़ीब के दुश्मनो ,,,साजिशकर्ताओं ,,ज़रा अपनी आँखों से पर्दा उठाओ ,,ज़रा नफरत का खेल बंद करो ,,,ज़रा इतिहास पर नज़र डालो ,,देखो ,,समझो ,,,,,,,,,,यह उर्दू जुबां जिसे तुम रौंदना चाहते हो ,,यह तुम्हारी अपनी विरासत की जुबां है ,,अगर तुम राष्ट्रभक्त हो तो ज़रा समझो यह जुबां तुम्हारा गुरुर है ,,,तुम्हारी वीरता की गाथा है ,,,यह उर्दू जुबां तुम्हारी आज़ादी की लड़ाई है ,,तुम्हारी तहज़ीब ,,तुम्हारे सुकून की सच्ची कहानी है ,,,,,,,,,,,मेरे उर्दू के दुश्मन बने मेरे दोस्तों ,,,ज़रा इतिहास पर नज़र तो डालो ,,,,आज़ादी का पहला इंक़लाब सिर्फ उर्दू जुबां ने इस देश को दिया ,,अंग्रेज़ों के खिलाफ जंग लड़ने का होसला सिर्फ उर्दू जुबां ने दिया ,,इतिहास गवाह है जब अंग्रेज़ सरकार ने आज़ादी का आंदोलन दबाने के लिए आज़ादी की लड़ाई को उकसाने वाले साहित्य को ज़ब्त किया तब चार सो से भी ज़्यादा किताबे ,,पर्चे उर्दू ज़ुबान के इंक़लाब साहित्य ज़ब्त किये गए थे जबकि दूसरी सभी ज़ुबानों के इंक़लाबी ज़ब्त पर्चे सो से भी कम थे ,,मेरे उर्दू के दुश्मन भाइयों ,,,अंग्रेज़ों को हमारे भारत देश से खदेड़ने के लिय उर्दू जुबां में ही रणनीति बनाई जाती थी ,,अँगरेज़ सिर्फ उर्दू जुबां वालों से ही डरते थे उर्दू जुबां के जानकारों पर ही नज़र रखा करते थे क्योंकि अंगेज़ों की निगाह में उन्हें खदेड़कर भारत को आज़ादी दिलाने वाली सिर्फ एक जुबां केवल उर्दू जुबां ही थी ,,सच भी यही साबित हुआ ,,भारत देश आज़ाद हुआ तब उर्दू देश की जुबां थी हुकूमत की सरकारी जुबां थी ,,,,,,,,,मेरे उर्दू के ज़ालिम दोस्तों ज़रा सोचो ,,अगर उर्दू जुबां ना होती तो ज़रा सोचो ,,ज़रा समझो ,,,क्या पुरे विश्व में आप सीना तानकर ,,सर ऊंचाकर ,,गर्व से कह सकते थे ,,,,,,,,,,,,,,,,,सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ,,हम बुलबुले इसके ,,यह गुलिस्तां हमारा ,,,,सो मेरे उर्दू के दुश्मन भाइयो नफरत छोडो ,,जुबां किसी कॉम की बबोती नहीं ,,किसी समाज का अक्स नहीं यह तो देश की जुबां है ,,बहादुरी की जुबां है ,,,आज़ादी की लड़ाई की ,,देश के गौरव की ,,विश्व भर में देश को सारे जहा से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा कहने की जुबां है ,,तो दोस्तों ख्याल बदलो ,,विचार बदलो ,,अपने ही हाथो ,, अपने ही इतिहास ,,अपनी ही जुबां ,,,,अपनी ही तहज़ीब का क़त्ल मत करो यार , उर्दू से तुम्हारी अगर दुश्मनी है तो सोचिये एक उदाहरण ,,एक कुत्ता जो कहीं से एक हड्डी लाकर अपने मुंह में चबाने की कोशिश अपनी भूख मिटाने के लिए करता दिखता है और उस हड्डी को चबाते चबाते उस कुत्ते के जबाड़े छिल जाते है उनमे से खून बहता नज़र आता है और वोह उस खून को चूसता है ,, अपने ही ज़ख्म से निकले खून को वोह चूसकर सोचता है के इस हड्डी के खून को में चूस रहा हूँ और सुकून महसूस करता है ,,मेरे उर्दू के दुश्मन दोस्तों प्लीज़ अपनी सोच बदलो ,,,,,,,,एक नया हिन्दुस्तान ,,एक नई तहज़ीब उर्दू ,,,हिंदी ,,संस्कृत और दूसरी ज़ुबानों को साथ लेकर फिर से बनाओ ताके आदर्श हिन्दुस्तान ,,आधुनिक हिन्दुस्तान ,,प्यारा हिन्दुस्तान मेरा महान हिन्दुस्तान ,,,सारे जहा से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ,,यह हिन्दुस्तान हो सके ,,कहलाया जा सके ,,,उठो ,,,उठो ,,नफरत छोडो ,,गुस्सा थूको ,,थोड़ा गद्दारी छोडो ,,राष्ट्रीयता का भाव खुद में पैदा करो और मेरे इस हिन्दुस्तान को फिर से सारे जहा से अच्छा बनाने में मेरी मदद करो ,,मदद करो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उर्दू विषय के मामले को लेकर अशोक गेहलोत भाजपा सरकार के खिलाफ एक अलफ़ाज़ भी नहीं बोले

कोटा में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत आये ,,उर्दू ज़ुबान से जुड़े लोगों की मौजूदगी में बोले ,,लेकिन अख़बार वालों के सामने उर्दू विषय के मामले को लेकर अशोक गेहलोत भाजपा सरकार के खिलाफ एक अलफ़ाज़ भी नहीं बोले ,,आज कोटा में अशोक गेहलोत की इस चुप्पी पर बतंगगढ़ बनता रहा ,,कुछ का इलज़ाम था के अशोक गेहलोत चड्डी छाप कमल कांग्रेस के कहने पर उनके कार्यकाल में भी मदरसा शिक्षा ,,उर्दू विषय को नुकसान पहुंचाने का काम करते रहे है ,,कुछ लोग उन्हें गोपालगढ़ और सवाईमाधोपुर के फूल मोहम्मद का क़ातिल बताते नज़र आये ,,तो कुछ लोगों ने कहा के अशोक गेहलोत की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान खुद उर्दू के हमदर्दों ने उनका हाथ पकड़कर उर्दू विषय के मामले में प्रेस से कुछ कहने के लिए कहा ,,कुछ ने उर्दू मामले में ज्ञापन दिया लेकिन अशोक गेहलोत ने अनदेखी करते हुए सुनी की अनसुनी कर दी ,,,कुछ कहते नज़र आये के कांग्रेस में एक तब्क़ा जो चड्डी कमल कांग्रेस के नाम से जाना जाता है उसके कार्यकाल में ही यह प्रपोज़ल तय्यार किये गए थे ऐसे में अपने ही प्रपोज़ल के खिलाफ यह किस मुंह से मीडिया के सामने उर्दू का समर्थन करते ,,और भाजपा सरकार का विरोध करते ,,,,ताज्जुब तो इस बात पर है के मौलाना फज़ले हक़ क़ादरी ,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवर अहमद ने अशोक गेहलोत को उर्दू के साथ किये जा रहे पक्षपात पूर्ण कार्यवाही की पूरी जानकारी विस्तृत रूप से दी इसके बावजूद भी ईद मिलन समारोह के दौरान मंच से अशोक गेहलोत ईद मिलन के मजमे में बोलने से कतराते रहे ,,,अगल बगल की बात कर निकल लिए ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुछ सुनहरे जुमले

☆ नॉन-मुस्लिम भाइयो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कुछ सुनहरे जुमले ….
अक्सर देखा जाता है की कई गैर-मुस्लिम मुस्लिमो द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले आम शब्द जैसे माशाअल्लाह, सुभानल्लाह, इंशाल्लाह इत्यादि का मतलब नहीं पता होता. नीचे इनका मतलब और इन्हें कहाँ इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी दी गयी है. अगर कोई शब्द ऐसा है जो यहाँ न लिखा हो लेकिन आप उसका मतलब जानना चाहते हों तो इस पोस्ट के कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. :
1. बिस्मिल्लाही रहमानीर्रहीम (Bismillah-Hirrahman-Nirrahim) :
» अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा कृपालु और अत्यन्त दयावान हैं.
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2. अस्सलामो अलैकुम (Asalamo Alaikum) :
» यह मुस्लिमो का सबसे आम अभिवादन (Greeting) है जो वह एक दुसरे से मिलने पर कहते हैं. इसका मतलब होता है ‘अल्लाह तुमपर सलामती(peace) अता फरमाए’.
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3. वालैकुम अस-सलाम (Walaikum As-Salaam) :
» यह सलाम के जवाब में कहा जाता है. इसका मतलब होता है ‘अल्लाह तुमपर भी सलामती(peace) अता फरमाए’.
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4. अल्हम्दुल्लिलाह (Alahmdulillah) :
» इसका मतलब होता है “समस्त प्रशंसाएं केवल अल्लाह ही के लिए है (सारी तारीफे सिर्फ अल्लाह ही के लिए है और शुक्र है अल्लाह का)”.
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5. माशाअल्लाह (MashaAllah) :
» यह शब्द मुस्लिम अपनी ख़ुशी, उत्साह या कोई बेहतरीन चीज़ को देखकर बोलते हैं. इसका मतलब होता है “जो भी अल्लाह चाहे..” या “अल्लाह जो भी देना चाहता है, देता है”. यानि की अल्लाह जिसको चाहता है उसे कोई अच्छी चीज़, ख़ुशी, भलाई या कामयाबी देता है. ऐसा होने पर मुसलिम माशाल्लाह कहते हैं.
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6. इन्शा’अल्लाह (Insha’Allah) :
» जब कोई शख्स भविष्य में कोई कार्य करना चाहता है, या उसका इरादा करता है या भविष्य में कुछ होने की आशंका व्यक्त करता है या कोई वादा करता है या कोई शपथ लेता है तो इस शब्द का उपयोग करता है. ऐसा करने का हुक्म कुरान में है. इंशाल्लाह का मतलब होता है ‘अगर अल्लाह ने चाहा’
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7. सुबहान’अल्लाह (SubhanAllah) :
» इसका मतलब होता है ‘पाकी(Glory)है अल्लाह के लिए’. एक मुस्लिम अल्लाह की किसी विशेषता, उपकार, चमत्कार इत्यादि को देखकर अपने उत्साह की अभिव्यक्ति के लिए करता है.
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8. अल्लाहु-अकबर (AllahuAkbar) :
» इसका मतलब होता है ‘अल्लाह सबसे बड़ा(महान) है’.
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9. जज़ाकल्लाह (JazakAllah) :
» इसका मतलब होता है अल्लाह तुम्हे इसका बेहतरीन बदला दे. जब एक मुसलिम किसी दुसरे मुसलिम की मदद या उपकार करता है तो अपनी कृतज्ञता दिखाने के लिए एक मुसलिम दुसरे मुसलिम से यह कहता है.
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10. अल्लाह हाफिज़ (Allah Hafiz) :
» अकसर कई मुस्लिम एक दुसरे से विदा लेते वक़्त इसका इस्तेमाल करते हैं. इसका मतलब होता है ‘अल्लाह हिफाज़त करने वाला (हाफिज़) है’. इसके पीछे भावना यही होती है की ‘अल्लाह तुम्हारी हिफाज़त करे’
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11. ला हौल वाला कुवत इल्ला बिल्ला हिल अली इल अज़ीम :
(La Houla Wala Quwa’ta Illa Billah Hil Ali Yel Azeem)
» अल्लाह के सिवा कोई कुव्वत नहीं (मुसिबतो से) बचाने वाली जो के अज़ीम-तर है.
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12. सल्ललाहो अलैहि वसल्लम (Sallallahu Alaihay Wasallam) :
» यह शब्द अल्लाह के आखरी पैगम्बर और रसूल मुहम्मद (सल्लाहो अलैहि वसल्लम) का नाम लेने या उनका ज़िक्र होने पर इस्तेमाल किया जाता है. यह इज्ज़त देने और आप (सल्लाहो अलैहि वसल्लम) पर सलामती भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसका मतलब होता है ‘आप पर अल्लाह की कृपा और सलामती हो’.

उर्दू के सभी हमदर्द ,,सभी जाती ,,सभी धर्म से जुड़े लोग सरकार के खिलाफ आंदोलन में मददगार है

राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर उर्दू के साथ किये जा रहे मनमाने सुलूक के खिलाफ राजस्थान के उर्दू के सभी हमदर्द ,,सभी जाती ,,सभी धर्म से जुड़े लोग सरकार के खिलाफ आंदोलन में मददगार है और सरकार ने वक़्त रहते कोई सकारात्मक फैसला लेकर उर्दू विषय स्कूलों में बहाल नहीं किया तो राजस्थान में जल्दी ही बढ़ा आंदोलन होगा जिसमे राजस्थान बंद और कोटा सहित सभी ज़िलों में शांतिपूर्ण तरीके से चक्काजाम प्रदर्शन होगा ,,,,,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद आज अल्लामा इक़बाल लाइब्रेरी में कोटा शहर के प्रबुद्ध लोगों के समक्ष सभी के विचार जानने के बाद फैसला सूना रहे थे ,,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने राजस्थान में उर्दू के साथ जो सुलूक शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है उसे गंभीरता से लेते हुए कठोर शब्दों में सरकार की ऐसी किसी भी कार्यवाही का हर तरह से विरोध करने का निर्देश दिया है ,,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने इस संबध में आज राजस्थान के सभी ज़िलों में प्रबुद्ध लोगों से भी बातचीत की और अगस्त माह के पहले सप्ताह में जयपुर में राजस्थान के सभी प्रबुद्ध लोगों की बैठक आयोजित कर ,,माननीय मुख्यमंत्री महोदय को ज्ञापन देने ,,राजस्थान में उर्दू बचाने की मुहीम में शामिल लोगों के साथ विचाविमर्श के बाद राजस्थान बंद का आह्वान करने और विरोध प्रदर्शन में शांतिपूर्ण तरीके से चक्काजाम प्रदर्शन जैसे आंदोलन की घोषणा करने के मामले में विचार किया जागेगा ,,कोटा शहर क़ाज़ी की सदारत में ,,राजस्थान में ,,,,,तहफ़्फ़ुज़ ऐ उर्दू ,,,,का गठन कर कोर कमेटी का गठन किया जिसमे नईमुद्दीन गुड्डू ,,,इलियास अंसारी ,,,शफी मोहम्मद ,,रफ़ीक़ बेलियम ,,,मुज़फ्फर रायींन ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,शफी खान ,,, शोएब अख्तर ,,रिज़वान भाई , ,,,खलील इंजिनियर ,,अमीन खान ,,नवेद भाई ,,,मौलाना रौनक ,,हाफिज रशीद क़ादरी ,,,मौलाना अलाउद्दीन सहित कई लोगों को शामिल किया ,,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने आज उर्दू विषय के खिलाफ चल रही साज़िश को रोकने और उर्दू पूर्ववत बहाल करने के मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के कार्यालय पर टेलीफोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया जहाँ उनके निजी सहायक श्री गजानंद ने उनका मीटिंग में होंगे बताया ,,शहर क़ाज़ी ने इस मामले में झलावाड में श्रीमती वसुंधरा सिंधिया के नज़दीकी और उर्दू के हमदर्द समाजसेवक असद अनवर बनास स्टोन से भी वार्ता की ,,जबकि जयपुर में क़ाज़ी जनाब खालिद उस्मानी ,,अजमेर शरीफ दरगाह के निज़ाम ,,,,,,,जोधपुर के अतीक भाई सहित कई ज़िलों के ज़िम्मेदार लोगों से बात की ,,,इधर कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के राष्ट्रिय अध्यक्ष इन्द्रेश कुमार से भी फोन पर वार्ता कर उन्हें इस मामले में हालातों से आगाह करते हुए सरकार में बैठे शिक्षा मंत्री से वार्ता कर हस्तक्षेप करने की मांग की ,,इन्द्रेश कुमार ने इस मामले में सकरात्मक आश्वासन भी दिया है ,,बैठक में कोटा की सभी तंजीमों के सदस्य ,,,प्रबुद्ध समाजसेवी ,,,,,,कांग्रेस ,,भाजपा ,,एस डी पी आई ,,,वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इण्डिया ,,,पॉपुलर फ्रंट सही कई समाजसेवक शामिल थे ,,,,, ,,ध्यान रहे उर्दू सहित दूसरे विषयों को लेकर शिक्षा विभाग में जो मनमानी हो रही है वोह भाजपा के भी विधायक और सांसद को मंज़ूर नहीं है ,,इस मामले में कोटा विधायक प्रह्लाद गुंजल ,,,कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ,,,भवानी सिंह राजावत ,,,अल्पसंख्यक भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष रशीद अंसारी ,,अमीन पठान ,,,,,विधायक हबीबुर्रहमान ,,राजस्थान अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हारुन खान ,,,सहित कई कई विधायक ,,सांसद और भाजपा के पदाधिकारी उर्दू सहित दूसरे विषयो के मामले में सरकार की कार्यवाही को गलत क़रार दे चुके है ,,,राजस्थान के सभी ज़िलाकलकेटर भी मुख्यमंत्री के साथ बैठक में दिए गए विषयवार आंकड़ों के साथ चिंतित नज़र आये ,,,,, ,कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट इस मामले में राजयपाल को ज्ञापन दे चुके है जबकि भाजपा और कांग्रेस का अल्सपंख्य्क विभाग इस मामले में चिंतित है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बताओ अमीर कौन

एक अमीर परिवार की महिला साडी की दुकान पर जाकर कहती है क़ि हल्की साडी बताओ..!! मेरे लड़के की शादी है और मुझे कामवाली बाई को देनी है..!!
महिला साडी लेकर चली जाती है..!!
कुछ समय के बाद कामवाली बाई साडी की दुकान पर आकर कहती है कि महँगी साडी बताओ..!!
मेरी मालकिन के लड़के की शादी है,
और मुझे उन्हें भेंट देनी है..!!

अब आप बताओ अमीर कौन है..!

क़ुरआन का सन्देश

 
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