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29 जुलाई 2015

यहां हिंदुओं के साथ मुसलमान भी पढ़ते हैं हनुमान चालीसा


वडोदरा।
कहते हैं कि मजहब किसी को दुश्मनी नहीं सिखाता। उसका मकसद तो नेकी और अमन का पैगाम देना है। यह इन्सान की गलती है कि वह धर्म और मजहब पर भी हिंसा का आवरण चढ़ा देता है। गुजरात का एक हनुमान मंदिर न केवल भक्ति बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल भी है। यहां शनिवार को बड़ी तादाद में लोग हनुमान चालीसा पढ़ने आते हैं। इसमें हिंदुओं के अलावा मुसलमान भी शामिल होते हैं।

वडोदरा के तरसाली स्थित यह हनुमान मंदिर रामभक्त हनुमान के अलावा उन लोगों से भी जाना जाता है जो हनुमानजी के भक्त हैं और उनके लिए धर्म कभी बाधक नहीं बना।
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यहां आने से पहले मुसलमान पास ही स्थित एक मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं और फिर वे अपने साथियों के साथ हनुमान मंदिर पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं के मुताबिक, मुसलमान भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तथा भजनों में भी शामिल होते हैं।

बात यहीं तक नहीं है। जब हनुमान जयंती आती है तो हिंदुओं के साथ मुसलमान भी धूमधाम से ये पर्व मनाते हैं। तरसाली के लोगों के लिए सांप्रदायिक सद्भाव जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है। इसलिए जब मुसलमान नमाज के बाद हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो किसी को इससे आपत्ति नहीं होती। यहां हनुमान मंदिर के द्वार सबके लिए खुले हैं।
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श्रद्धालुओं के मुताबिक हिंदुओं के साथ मुसलमानों को भी हनुमान चालीसा पढ़ते देखना दिल को सुकून देता है। यहां मुस्लिम भक्त हनुमानजी के भजन गाते हैं और लोग उनका साथ देते हैं। गौरतलब है कि करीब 8 साल पहले मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और लोगों ने मारुति मंडल नाम से एक धार्मिक संस्था बनाई।
मंदिर के लिए न केवल हिंदुओं ने बल्कि मुसलमानों ने भी दिल खोलकर दान दिया। इस संस्था के करीब 500 सदस्य मुसलमान हैं।
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मुस्लिम श्रद्धालुओं के मुताबिक अल्लाह की इबादत के साथ हनुमानजी की वंदना करना उनके तन, मन और जीवन को नई ऊर्जा देता है। इससे वे खुद को ईश्वर के ज्यादा नजदीक महसूस करते हैं। यहां के हिंदू भी मुसलमानों के प्रार्थना स्थलों पर जाते हैं।

जब राखी का संदेश पाकर हिंदू रानी की मदद के लिए आया हुमायूं


जयपुर।
रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र प्रेम का पर्व है। इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं जिसे शास्त्रों में रक्षासूत्र कहा गया है। भारत भूमि पर ऐसी अनेक सच्ची कथाएं हैं जब बहन ने अपने भाई के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और भाई ने बहन को दिए वचन की रक्षा के लिए देश, मजहब और जाति की दीवारों की परवाह नहीं की।कुछ ऐसी ही कहानी है रानी कर्णवती और हुमायूं की। आज भी लोकगीतों में इस घटना का जिक्र आता है जब हुमायूं एक राखी का संदेश पाकर ही अपनी मुंहबोली बहन की रक्षा करने के लिए चला आया।
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यह उस जमाने की बात है जब देश के राजा-महाराजा बात-बात पर युद्ध के लिए तैयार हो जाते थे। तब चित्तौड़ पर बहादुर शाह ने हमला किया। रानी कर्णवती विधवा थीं और उनके पास इतनी सैन्य शक्ति नहीं थी कि वे अपने राज्य की रक्षा कर सकें।

तब उन्होंने हुमायूं को राखी भेजी और मदद के लिए प्रार्थना की। राखी तो हिंदुओं का पर्व है और हुमायूं मुस्लिम था, लेकिन उसने राखी का मान रखा और कर्णवती को बहन मानकर फैसला किया कि वह उसकी मदद जरूर करेगा।
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अपना प्रण निभाने के लिए हुमायूं एक विशाल सेना लेकर चित्तौड़ की ओर चल पड़ा। वह जमाना हाथी-घोड़ों की सवारी का था। सेना को साथ लेकर सैकड़ों किमी की दूरी तय करना आसान नहीं था और उसमें वक्त लगना स्वाभाविक भी था।
हुमायूं चित्तौड़ पहुंचा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 8 मार्च 1535 को रानी कर्णवती ने चित्तौड़ की वीरांगनाओं के साथ जौहर कर लिया और अग्नि में समा गईं। बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर कब्जा जमा लिया।
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जब यह खबर बाबर तक पहुंची तो उसे बहुत दुख हुआ। उसने हमला किया। हुमायूं को विजय मिली और उसने पूरा शासन रानी कर्णवती के बेटे विक्रमजीत सिंह को सौंप दिया।
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इस घटना को सैकड़ों साल गुजर चुके हैं। आज हुमायूं नहीं हैं और न कर्णवती लेकिन कथा-कविताओं में इनका भाई-बहन का रिश्ता अमर है।

टुकड़ों में पैदा हुआ था ये क्रूर इंसान, 14 दिनों तक दी भीम को टक्कर



जयपुर।
महाभारत में ऐसे अनेक लोगों का वर्णन है जो अपने अच्छे या बुरे कर्मों की वजह से आज भी याद किए जाते हैं। जरासंध भी महाभारत का ऐसा ही एक पात्र है जो अपने खोटे कारनामों के कारण कुख्यात हो गया। उसकी मृत्यु का प्रसंग जितना भयानक है उतनी ही रोचक है उसके जन्म की कथा।1- जरासंध मगध का राजा था। वर्तमान में यह इलाका बिहार में आता है। शक्ति के बल पर उसका आतंक इतना ज्यादा बढ़ गया था कि अनेक राजाओं ने उसके सामने पराजय स्वीकार कर ली। जिन्होंने युद्ध किया वे भी हार गए। उन सबको बंदी बनाकर जरासंध ने जेल में डाल दिया था।
2- आखिरकार भगवान कृष्ण की एक योजना से उसका अंत हुआ तथा धरती से जरासंध का आतंक नष्ट हो गया। भीम ने उसका वध किया था।
3- आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कंस और जरासंध का भी गहरा रिश्ता था। दोनों की प्रवृत्तियों में काफी समानता थी। जरासंध कंस का ससुर था। उसकी दो बेटियों की शादी कंस के साथ हुई थी।
जब कृष्णजी ने कंस का वध कर दिया तो उसने भगवान से प्रतिशोध लेने के लिए उन पर आक्रमण भी किया लेकिन सफल नहीं हुआ।
4- कंस के अलावा एक और व्यक्ति की जरासंध से निकटता थी। उसका नाम था- शिशुपाल, जिसका वध कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से किया था। शिशुपाल जरासंध का सेनापति था। वह काफी शक्तिशाली और पराक्रमी था।
5- जरासंध शिवजी का भक्त भी था। वह पूरी पृथ्वी का शासक बनना चाहता था। इसके लिए किसी ने उसे सलाह दी कि वह महादेव को सौ राजाओं के मस्तक चढ़ाए तो उसकी इच्छा जरूर पूरी होगी।
वह अमर हो जाएगा। उसे कोई नहीं हरा सकेगा। उसकी कैद में 86 राजा मौजूद थे। सिर्फ 14 राजाओं की कमी थी, लेकिन महादेव ने उसके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए और उसका भयानक अंत हो गया।
6- जरासंध के जन्म के संबंध में भी एक रहस्यमय कथा है। कहते हैं कि मगध के राजा बृहद्रथ के दो रानियां थीं। उन्हें दोनों से ही कोई संतान नहीं थी। एक दिन राजा बृहद्रथ ऋषि चंडकौशिक के पास गए।
उनकी सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि ने उन्हें एक फल दिया और कहा, अपनी पत्नी को ये फल खिला दो। तुम्हें संतान की प्राप्ति हो जाएगी।
7- राजा ने भूल से वह फल काटकर दोनों रानियों को खिला दिया। इसके बाद दोनाें रानियों को आधे-आधे बालक की प्राप्ति हुई। ऐसे विचित्र बालक को देखकर उसके टुकड़े बाहर फेंक दिए। उसी क्षण एक राक्षसी ने बालक के दोनों अंश देख लिए।
8- उसने दोनों टुकड़ों को जोड़ लिया। इससे वह पूर्ण शिशु बन गया। पूर्ण होने के बाद शिशु रोने लगा। उसका रुदन सुनकर राजा बृहद्रथ रानियों सहित बाहर आए। राक्षसी के मुख से सभी बातें सुनने के बाद वे बहुत प्रसन्न हुए। उस राक्षसी का नाम जरा था। अतः बालक का नामकरण जरासंध कर दिया।
9- भगवान कृष्ण ने जरासंध के अंत की भूमिका तैयार की थी। वे भीम और अर्जुन के साथ ब्राह्मण का वेश बनाकर जरासंध के महल में गए और उसे युद्ध के लिए चुनौती दी। कहते हैं कि उसने भीम के साथ कुश्ती लड़ी और कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से 13 दिवस तक लड़ता रहा।
10- आखिरकार 14वें दिन भीम ने कृष्ण के संकेत पर उसके दो टुकड़े कर उल्टी दिशाओं में फेंक दिए। इस तरह जरासंध का आतंक हमेशा के लिए खत्म हो गया।
11- जरासंध वध के बाद कृष्ण ने उसकी कैद में मौजूद सभी राजाओं को स्वतंत्र कर दिया। वहीं भगवान ने जरासंध के बेटे सहदेव को वहां का राजा बना दिया। इस तरह भगवान ने परमार्थ के लिए यह योजना बनाई और जरासंध की क्रूर कथा का अंत हुआ।

पेशाब से दीवार गंदी करने वालों की अब खैर नहीं!


सेन फ्रांसिस्को।
'सू सू कुमारों से आखिर कौन परेशान नहीं है! जहां देखों वहां ये लोग दीवारें गंदी करते दिखाई दे जाते हैं। कितना मनो करो, कितना समझाओ, लेकिन सब बेकार।
मगर अमरीकी प्रांत कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को शहर में इन 'सू सू कुुमारों से निपटने का अनूठा तरीका ढूंढ निकाला है।
यहां पर दीवारों पर एक खास तरह का पेंट किया जा रहा है। इस विशेष पेंट की मदद से दीवारें खुद ही ऐसे लोगों को सबक सिखा देंगी। इस पेंट की खास बात यह है कि अगर कोई इस दीवार पर पेशाब करेगा, तो वो वापस उसकी पैंट और जूतों पर आ गिरेगा।
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ऐसे करता है काम
दरअसल यह पेंट दीवार को सामान्य दीवार की तुलना में कहीं ज्यादा सख्त बना देता है, जिससे उस पर गिरने वाला पानी वापस आ जाता है। इसका मूल डिजाइन कार बनाने वाली कंपनी निसान ने अपनी कारों को गंदगी से बचाने के लिए तैयार किया था।
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700 डॉलर का खर्च
सेन फ्रांसिस्को के मेयर के मुताबिक सफाई में लगने वाले लाखों डॉलर के मुकाबले यह विकल्प ज्यादा सस्ता है। साथ ही इसके जरिए लोगों को सबक भी सिखाया जा सकता है। अच्छी बात यह है कि छह वर्ग मीटर की दीवार को पेंट करने में 700 डॉलर (45 हजार रुपये) से भी कम का खर्च होता है।
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शहर की नौ दीवारों पर किया गया पेंट
अमरीका की एक कंपनी अल्ट्राटेक इंटरनेशनल ने इस पेंट को तैयार किया है, जिसे 'अल्ट्रा-एवर-ड्राई के नाम से जाना जाता है। फिलहाल प्रयोग के तौर पर इस पेंट को सेन फ्रांसिस्को की 9 दीवारों पर किया गया है। बीयर बार और गंदगी वाले स्थान की दीवारों को पेंट के लिए चुना गया है। इन दीवारों पर लिखा गया है, 'ठहरो, यह दीवार है, मूत्रालय नहीं। सेन फ्रांसिस्को का सम्मान करें। उचित जगह पर जाएं।

ये कैसी भक्ति, खुद की जीभ काट डाली


श्रीगंगानगर
 धार्मिक भावनाओं में बहकर एक व्यक्ति ने अपनी जीभ को लगभग पूरी तरह ही काट लिया। उसने अपने बदन पर धारदार हथियारों से कई वारकर खुद को गंभीर घायल कर लिया। 
घटना बुधवार शाम को नरसिंहपुरा गांव में हुई। सभी घटनाओं के बीच अच्छी बात यह है कि समय पर इलाज शुरू होने पर उसकी आवाज लौट आने की संभावनाएं भी बन गई हैं।
घायल  के बेटे रणजीतराम के अनुसार उसके पिता पचास वर्षीय हेतराम मेघवाल कालका माता की पूजा करते हैं। घर में ही करीब तीस साल से मंदिर बनाकर रोजाना पूजापाठ करते हैं। बुधवार शाम को करीब साढ़े चार बजे मंदिर में बैठकर उन्होंने तलवार से अपनी जीभ को बुरी तरह से काटना शुरू कर दिया। अपनी जीभ को कटा समझकर उसने तलवार से अपने पेट और अन्य हिस्सों पर भी वार कर खुद को जख्मी कर लिया। 
एकाएक हुए इस हादसे के बाद घर में कोहराम मच गया और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उनको गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। फिलहाल उसका गंभीर हालत में उपचार शुरू किया गया है। दो विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उसको उपचार देकर बचा लिया है। फिलहाल उसकी हालत को देखते हुए 48 घंटे तक विशेष निगरानी में रखा गया है। 
दस फीसदी ही बची थी जीभ 
गंभीर घायल हेतराम मेघवाल को जिला अस्पताल की आपातकालीन चिकित्सा इकाई में लाया गया। मौके पर ड्यूटी कर रही डॉ. सोनिया छाबड़ा ने हालत देखते हुए नाक-कान-गला रोग विशेष को बुलावा भेजा। इलाज करने पहुंचे डॉ. संदीप कुमावत ने बताया कि उसने अपनी जीभ को करीब 12 बार वार कर बुरी तरह से जख्मी कर लिया था। 
मासपेशियां इतनी बुरी तरह से जख्मी थी कि अगर उपचार में देरी होती तो शायद वह जिंदगीभर बोल नहीं पाता। फिलहाल उसे सही इलाज देकर कटी जीभ को वापस जोड़ दिया गया है। उसे दो-तीन दिन निगरानी में रखा गया है। इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि वह कितने दिन बाद वापस बोल पाने की स्थिति में आएगा।

,,उर्दू बचाओ तहरीक ,,,,,,,के पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक आगामी दो अगस्त रविवार को उर्दू बचाओ तहरीक के प्रदेश सरपरस्त ,,क़ाज़ी ऐ शहर कोटा अलहाज अनवार अहमद की अध्यक्षता में जयपुर में आयोजित होगी

राजस्थान में शिक्षा विभाग द्वारा उर्दू विषय को टारगेट बनाकर उर्दू अध्यापको के पद समाप्त कर स्कूलों में उर्दू खत्म करने के प्रयासों के खिलाफ ,,उर्दू बचाओ तहरीक ,,,,,,,के पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक आगामी दो अगस्त रविवार को उर्दू बचाओ तहरीक के प्रदेश सरपरस्त ,,क़ाज़ी ऐ शहर कोटा अलहाज अनवार अहमद की अध्यक्षता में जयपुर में आयोजित होगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,उक्त निर्णय आज तहरीक के कोर कमेटी सदस्यों की बैठक में लिया गया ,,बैठक में समिति के सदस्यों ने एक जुट होकर सभी उर्दू के हमदर्दों को साथ लेकर उर्दू के हक़ की इस लड़ाई को शांतिपूर्ण तरीके से समर्पण भाव से लड़ने का सर्वसम्मत फैसला लिया ,,,,बैठक में सभी सदस्यों के विचार जानने के बाद कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने कहा के राजस्थान में जहा उर्दू विषय के पद समाप्त कर उर्दू खत्म करने के प्रयास किये गए है उन सभी स्थानो पर उर्दू विषय बहाल करने ,,,जहाँ उर्दू के पूर्व स्वीकृत पद है और नियुक्ति के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा उर्दू व्याख्याताओं को चयनित करने के बाद भी नियुक्तिया नहीं दी गई है उनकी नियुक्ति होने तक ,,,,स्कूलों में दस छात्रों की संख्या होने पर उर्दू विषय खोलने के नियम को लागू करने तक तहरीक का आंदोलन जारी रहेगा ,,,,,,,बेठक कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने फैसला सुनाते हुए कहा के इसके लिए चरणबद्ध तरीके से शांतिपूर्ण रवय्या अपनाकर ज़िलाकलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदया को ज्ञापन दिया जा चुका है ,,लेकिन अब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आये है ,,इसलिए राजस्थान भर के विभिन्न ज़िलों के प्रबुद्ध लोगों की एक बैठक आगामी दो अगस्त को सुबह ग्यारह बजे मोटी डुंगरी रोड स्थित जयपुर मुसाफिर खाने में रखी गयी है ,,इस बैठक में राजस्थान के सभी ज़िलों के प्रबुद्ध प्रतीनिधी शामिल होंगे ,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवर अहमद ने निर्णय दिया की बैठक के बाद लिए गए निर्णयों की जानकारी देने और उर्दू के साथ पक्षपात पूर्ण कार्यवाही के मामले में इंसाफ के संघर्ष की कार्ययोजना बताने के लिए जयपुर पिंक सीटी प्रेस क्लब में दो अगस्त को ही शाम तीन बजे पत्रकार वार्ता आयोजित कर पत्रकारों से रूबरू होंगे ,,जबकि दूसरे दिन प्रबुद्ध लोगों का शिष्ठ मंडल मुख्यमंत्री महोदय ,,, शिक्षा मंत्री महोदय से मिलकर राजस्थान में उर्दू विषय सभी स्कूलों में यथावत रखने , चनयंित लोगों की ,नई नियुक्तियां शीघ्र करने ,,और दस छात्रों पर उर्दू विषय खोलने के नियमों को लागु करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा ,,कोटा शहर क़ाज़ी ने साफ शब्दों में कहा के उर्दू तहरीक इस आंदोलन को राजस्थान भर में शनातिपूर्ण तरीके से मांगे पूरी होने तक जारी रखेगी ,,इसके लिए हर ज़िले में जंगी प्रदर्शन की तैयारियां चल रही है खासकर कोटा में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के वक़्त ऐतिहासिक प्रदर्शन की तैयारियां चल रही है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बैठक में हाफिज मंज़ूर ,,अनीस अंसारी ,,,,मुज़फ्फर राईन ,,,,मोहम्मद शफी ,,इलियास अंसारी ,,,इमरान खान ,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,नजीमुद्दीन एडवोकेट ,,,,,,,नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद ,,अमीन खान ,,,,,,,शफी खान ,,अज़ीज़ अंसारी ,,,समीउल्ला अंसारी ,,,,,वेलफेरयर पार्टी ,, पॉपुीलर फ्रंट ,,एस डी पी आई ,,कांग्रेस ,,भाजपा के पदाधिकारियों सहित सभी तंजीमों के पदाधिकारी प्रतिनिधि शामिल थे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

  
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