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30 जुलाई 2015

पूर्व RAW चीफ बोले- याकूब और अफजल की फांसी हमारे किसी काम की नहीं

पूर्व  रॉ चीफ एएस दुल्लत। (फाइल फोटो)
पूर्व रॉ चीफ एएस दुल्लत। (फाइल फोटो)
चंडीगढ़ । आईबी के स्पेशल डायरेक्टर और रॉ के चीफ रह चुके एएस दुल्लत ने कहा कि ‘याकूब मेमन और अफजल गुरू दोनों की ही फांसी सुरक्षा के नजरिए से हमारे किसी काम की नहीं। इससे देश को काई फायदा नहीं होता। इससे हमें कुछ हासिल नहीं हुआ। बल्कि इससे कुछ लोगों (माइनॉरिटी) का दिल जरूर दुख गया होगा। इससे कश्मीर में भी बुरा असर पड़ सकता है। वहां के लोगों की साइकी पर असर पड़ेगा। इसका ये मतलब कतई नहीं है कि वहां कोई गोलियां चल जाएंगी यहा उपद्रव होगा लेकिन ये बात उनके दिल में घर कर सकती है।’

एएस दुल्लत वीरवार को अपनी किताब ‘कश्मीर: द वाजपेयी ईयर्स’ की लॉन्चिग के लिए चंडीगढ़ पहुंचे थे। याकूब के मामले में पूछने पर बेबाक होकगर बाेले। कहा-‘मैं मानता हूं कि ट्रायल फेयर रहा होगा। ज्यूडिशियरी भी फेयर है। लेकिन बात अगर उसकी फांसी की है तो दैट इज ए वेस्ट। हमारे किसी काम की नहीं। अगर सीबीआई चीफ कहते हैं कि कोई डील नहीं हुई तो मानना चाहिए कि नहीं हुई होगी।’ सवाल उठता है कि जब कोई आपकी मदद कर रहा है तो बदले में आपको भी उसके बारे में सोचना चाहिए या नहीं। इसी वजह से बी.रमन ने अपने लेख में लिखा होगा कि याकूब को फांसी नहीं होनी चाहिए क्योंकि उसने इस केस में हमारी मदद की है। मुझे अफसोस इस बात का है कि अगर वे याकूब के बारे में अपने विचार लिख गए थे तो उनका सम्मान किया जाना चाहिए था। यही हिम्मत उन्होंने 2007 में इसे सार्वजनिक करने में भी दिखाई होती तो बात कुछ और होती।

कांग्रेस के वफादार सोशल मीडिया कार्यकर्ता

जुलाई 2015 को मेरे साथ - साथ पूरे राजस्थान से आए कांग्रेस के वफादार सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं के लिए बहुत ही खुशी का मौका था जब सभी कांग्रेस के वफादार सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सचिन पायलट के साथ मुलाकात करने का अवसर मिला इसमें प्रदेश सचिव श्री सुशील आसोपा जी की बहुत ही अहम भूमिका रही
माननीय श्री सचिन पायलट ने लगभग 6 घंटे तक सभी कार्यकर्ताओं से एक साथ व अलग -अलग सोशल मीडिया में कांग्रेस को कैसे और ज्यादा मज़बूत की जाये इस पर गंभीरता पूर्वक विस्तार से चर्चा की उन्होंने कहा कि हम सभी को साथ मिलकर, एकजुटता के साथ, कड़ी मेहनत करके काँग्रेस को और ज्यादा मज़बूत करके नई बुलंदियों तक पहुँचाना है सभी को हर बात से ऊपर उठकर अपने दिल और दिमाग में सिर्फ और सिर्फ काँग्रेस को रखना है और जी जान से काँग्रेस को मज़बूत करने के लिए जुट जाना है क्योंकि काँग्रेस की मज़बूती से ही हम सब मज़बूत होंगे उन्होंने सभी को किस तरह काम करना है उसके लिए आवश्यक व महत्वपूर्ण दिशा - निर्देश दिए
चर्चा के दौरान किसी भी कार्यकर्ता को ऐसा महसूस नहीं हुआ की हम किसी बड़े नेता से बात कर रहे हैं बल्कि सभी ऐसा महसूस कर रहे थे कि वो सभी अपने ही बीच के किसी नज़दीकी दोस्त से बात कर रहे हैं
माननीय श्री सचिन पायलट जी का सुकून से कार्यकर्ताओं की बात सुनना, मोहब्बत से जवाब देना और उनकी सादगी व अपनापन ने सभी कार्यकर्ताओं के दिल में एक गहरी छाप छोड़ी है जिसे हर कार्यकर्ता हमेशा के लिए अपने पास संजोये रखेगा, सभी कार्यकर्ता श्री सचिन पायलट जी का अपने लिए प्यार देखकर भावविभोर हो उठे
सभी कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते नज़र आये कि शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान को श्री सचिन पायलट जी के रूप में युवा दिलों की धड़कन, गरीब मज़दूर व किसानों का मसीहा, सबका चहेता, सबको साथ लेकर चलने वाला व गज़ब की नेतृत्व क्षमता वाला काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिया ऐसे युवा जुझारू नेता जिसने पाटीॅ में नई ऊर्जा का संचार किया है जिसने पाटीॅ के लिए कार्य करने के लिए सदैव युवा को आगे किया है
अब में दावे के साथ कह सकता हूं कि श्री सचिन पायलट जी के नेतृत्व में राजस्थान काँग्रेस 2018 में फिर से राजस्थान में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाएगी

टाइगर ने याकूब से कहा था- गांधीवादी बन जा रहे हो, आतंकवादी करार दिए जाओगे

इमेज कर्ट्सी : डीएनए।
इमेज कर्ट्सी : डीएनए।
नई दिल्ली. मुंबई में 1993 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का गुनहगार याकूब मेमन भारत कैसे लौटा था, इसे लेकर कई तरह की थ्योरी सामने आती रही हैं। आईबी में अफसर रहे बी. रमण की मानें तो याकूब को सरेंडर करने के लिए राजी किया गया था। वहीं, सीबीआई ने याकूब की गिरफ्तारी पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से दिखाई थी। एक और थ्योरी कहती है कि इंटरपोल ने उसे भारतीय एजेंसियों को सौंपा था और फिर उसे सरकारी प्लेन से नई दिल्ली लाया गया। आखिर याकूब भारत क्यों लौटा था, जब उसने लौटने का मन बनाया तो उसके भाई और दाऊद इब्राहिम के करीबी टाइगर मेमन ने उससे क्या कहा था? याकूब के ब्रीफकेस में क्या था और उसके गिरफ्त में आने के पीछे क्या थी थ्योरी? जानिए...
जब याकूब ने लौटने का मन बनाया तो टाइगर ने उससे क्या कहा था?
याकूब ने 1994 में एक वेबसाइट और एक चैनल को इंटरव्यू दिया था। इसमें उसने बताया था कि उसका भाई और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गुर्गा इब्राहिम उर्फ टाइगर मेमन उसके भारत लौटने के खिलाफ था। टाइगर ने याकूब से कहा था- ‘तुम गांधीवादी बनकर जा रहे हो, लेकिन वहां आतंकवादी करार दिए जाओगे।’ इंटरव्यू में याकूब ने बताया था कि जब उसका परिवार कराची गया तो वहां एयरपोर्ट पर एक पाकिस्तानी एजेंट आसिफ ने उसे रिसीव किया। एजेंट ने याकूब का इंडियन पासपार्ट ले लिया और उसे पाकिस्तानी पासपोर्ट दे दिया। कराची में उसे तौफीक जलियांवाला के घर रुकने को कहा गया। याकूब को तौफीक से पता चला कि टाइगर और उसके गुर्गों को पाकिस्तान के अंदर आईएसआई ने ही मुंबई में बम रखने की ट्रेनिंग दी थी।
पहली थ्योरी : क्या अपनी प्रॉपर्टी के लिए लौटा था याकूब?
1991 में याकूब ने अपने बचपन के फ्रैंड चेतन मेहता के साथ मेहता एंड मेमन एसोसिएट्स नाम से अकाउंटिंग फर्म शुरू की थी। बाद में इस फर्म का तीसरा पार्टनर गुलाम भोरिया बना। वह अकाउंटेंसी की पढ़ाई करते वक्त दोस्त बना था। लेकिन यह फर्म सिर्फ एक साल ही चल सकी। यह 1992 में बंद कर दी गई। हालांकि फर्म बंद होने के कारणों का कभी खुलासा नहीं हो पाया। इसके बाद याकूब ने एआर एंड सन्स के नाम से दूसरी फर्म बनाई। वह यहीं नहीं रुका। उसने एक्सपोर्ट सेक्टर में भी हाथ अजमाया। उसने तिजारत इंटरनेशनल के नाम से एक्सपोर्ट फर्म भी बनाई थी। यह फर्म मिडिल ईस्ट में मीट (मांस) को एक्सपोर्ट करती थी। इस फर्म की सक्सेस की वजह से याकूब की फाइनेंशियल पाेजिशन मजबूत हो गई। इसके बाद ही याकूब ने मुंबई के माहिम इलाके की अल-हुसैनी बिल्डिंग में 6 फ्लैट खरीदे थे। इसी बिल्डिंग में उसके भाई टाइगर मेमन के दो डुप्लेक्स थे। बताया जाता है कि याकूब अपनी मजबूत फाइनेंशियल पोजिशन खोना नहीं चाहता था। इसी प्राॅपर्टी के लिए वह कराची से लौटा था।
दूसरी थ्योरी : याकूब वकील से मिलने काठमांडू आया था, ब्रीफकेस में थी भाई से बातचीत की सीक्रेट रिकॉर्डिंग वाली कैसेट
- 2007 की इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, याकूब ने मुंबई में रहने वाले एक वकील को मुलाकात के लिए काठमांडू बुलाया था। याकूब कराची से वहां पहुंचा था। यह वकील सीरियल ब्लास्ट मामले से याकूब का नाम हटाने की कोशिश कर रहा था। याकूब अपने साथ कई सारे डॉक्युमेंट्स, वीडियो और ऑडियो कैसेट्स एक ब्रीफकेस में लेकर आया था। ब्रीफकेस में कई सारी चाबियों का गुच्छा भी था। जब वह वकील से मुलाकात कर कराची लौट रहा था तो एयरपोर्ट पर सिक्युरिटी चेक के दौरान एक्सरे मशीन ने चाबियाें के चलते अलार्म बजा दिया। जब ब्रीफकेस खोला गया तो उसमें याकूब और उसके परिवार के इंडियन पासपोर्ट मिले। दस्तावेजों और वीडियो-ऑडियो कैसेट्स से नेपाल पुलिस को शक हुआ। इसमें टाइगर मेमन के साथ याकूब की बातचीत के बारे में सीक्रेट रिकॉर्डिंग भी थी। बताया जाता है कि इसमें याकूब ने टाइगर से दाऊद के बारे में बात की थी। उसने दुबई से लौटे टाइगर से पूछा था कि दाऊद इन दिनों कहां है? पूछताछ के बाद सीबीआई को वहां बुलाया गया और इस तरह याकूब सीबीआई की गिरफ्त में आया।
- याकूब को यूपी बॉर्डर पर सोनौली में 28 जुलाई, 1994 को तड़के 3 बजे सीबीआई के हवाले किया गया था। उसे आंख पर पट्टी बांधकर गोरखपुर ले जाया गया। वहां से उसे स्पेशल प्लेन से नई दिल्ली लाया गया। उस ब्रीफकेस का बाद में क्या हुआ, यह साफ नहीं हाे सका। याकूब ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में भी यही कहा था कि काठमांडू में इंटरपोल ने उसे पकड़ा था। वह 21 जुलाई, 1994 को कराची से काठमांडू आया था। उसने 24 जुलाई को वापसी का टिकट लिया था। 2007 में ही याकूब की पत्नी रहीन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे लोग इसलिए भारत लौटे थे, क्याेंकि कराची में पाकिस्तान सरकार ने उन्हें नजरबंद कर रखा हुआ था।
तीसरी थ्योरी : रॉ ने याकूब काे सरेंडर के लिए राजी किया
इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी रॉ के पाकिस्तान डेस्क के हेड रहे बी. रमण ने 2007 में एक वेबसाइट को अपना आर्टिकल भेजा था। इसमें उन्होंने लिखा था, ‘जुलाई 1994 में मेरे रिटायरमेंट से कुछ हफ्ते पहले याकूब को काठमांडू से लाया गया था। उसे हम सड़क के रास्ते नेपाल से भारत के एक शहर में लाए थे। इसके बाद एविएशन रिसर्च सेंटर के प्लेन में दिल्ली लाए। गिरफ्तारी पुरानी दिल्ली से बताई। इसके बाद उससे पूछताछ शुरू हुई। उसे और उसके परिवार को पाकिस्तान से आकर सरेंडर करने के लिए राजी किया गया था। उसकी डेथ पेनल्टी पर विचार करते वक्त इस बारे में सोचा जाना चाहिए।’ रमण ने 2007 में वेबसाइट को यह आर्टिकल रिलीज करने से रोक दिया था। हाल ही में यह लेख सामने आया।
चौथी थ्योरी : याकूब से डील नहीं हुई, उसके परिवार को पाकिस्तान में घुटन होती थी
मुंबई बम ब्लास्ट केस की इन्वेस्टिगेटिव टीम के चीफ रहे सीबीआई के पूर्व अधिकारी शांतनु सेन कहते हैं कि याकूब को लाने के लिए कोई सीक्रेट डील नहीं हुई थी, बल्कि सीबीआई ने पाकिस्तान में अपने सभी संपर्कों का इस्तेमाल किया था। एक चैनल से बातचीत में सेन ने बताया, "पाकिस्तान में रह रहे याकूब मेमन के परिवार को भारत में उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया था। हमें सूत्रों से पता चला था कि मेमन के परिवार में ही याकूब की वापसी को लेकर मतभेद थे। टाइगर मेमन नहीं चाहता था कि याकूब भारत लौटे। लेकिन याकूब और उसके परिवार को पाकिस्तान में घुटन हो रही थी। उन्हें लगता था कि शायद पाकिस्तानी कभी उन पर भरोसा नहीं करेंगे और वे इस मुल्क में नहीं रह पाएंगे। इसलिए वे भारत लौटना चाहते थे।"

धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन
4. नकुल। 5. सहदेव
( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )
यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।
वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह
4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम
7. सह 8. विंद 9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष 11. सुबाहु। 12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण। 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान
19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र
22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद। 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द। 32. उपनन्द 33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग 42. भीमबल
43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर
49. चित्रायुध 50. निषंगी 51. पाशी
52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति 56. अनूदर 57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी
64. दुष्पराजय 65. अपराजित
66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष
68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त
71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी 75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि 78. क्रथन। 79. कुण्डी
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर 82. वीरबाहु
83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय 87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी। 89. विरवि
90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु
96. सुजात। 97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी 99. विरज
100. युयुत्सु
( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )
"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।
ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी
ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में
ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय
ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक
ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को
ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में
ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद
ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.
अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
अधूरा ज्ञान खतरना होता है।
33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।
कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,
कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!
8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी

वादा करो.......वादा करो.....वादा करो

चीखते रहोगे......चिल्लाते रहोगे
दुहाइयां देते रहोगे.........
रहम की भीक मांगते रहोगे.......!!
लेकिन सब अनसुनी कर दी जायेगी
और अनसुनी भी क्यूं ना कर दी जाय.............!!!
चौराहों पर चिल्लाने से, चाय की दूकानों पर अफसोस जताने से, फेसबुक पर स्टेटस लिखने से........तुम्हे अगर ये लगता है कि तुम्हे इन्साफ मिल जायेगा तो तुम बहुत बडे मुग़ालते में हो !!
ग़लतफ़हमी है तुम्हे
ये जो ग़ुस्सा दिख रहा है ना आज तुम्हारे चेहरे पर
ये जो सिस्टम का तमाचा पडा है ना आज तुम्हारे गाल पर
आज ये......कोई और.....परसों कोई और
ज़रा सोचो तुम हो ही कहां.......?
बस चीखने से ये गूंगा बहरा सिस्टम तुम्हारा दर्द नहीं सुनेगा......लिख के ले लो !!
जिस्म बोल रहा है......उस आवाज को पहचानो
वो तुमसे कह रहा है
कि अगर बचाना चाहते हो अपनी नस्लों को
तो पढो.....तालीम हासिल करो
न तुम वकालत पढते हो.......न तुम सिविल सर्विसेज का हिस्सा बन पाते हो
ना ही देश की मीडिया का हिस्सा बन पाते हो
अदालतों में भी तुम नहीं हो !
जिस्म बोल रहा है तुमसे...........!!!
उठो और जिन्दगी के 5 साल वक्फ कर दो इस नाइन्साफी को इन्साफ में बदलने के नाम
चीख चीख कर पुकार रहा है
इस दर्द को , इस बेचैनी को , इस आग को
बदल दो लोगों को बेदार करने में
आओ क़सम खाओ.........
इस नाइन्साफी के बदले में..........कहीं चीखोगे नहीं........।।
चुप हो जाओगे.....होंठ सिल लोगे
और आने वाले दस सालों में
सैंकडों अच्छे वकील......सैकडों आई ए एस , आई पी एस पैदा करोगे
जज पैदा करोगे
वादा करो मुझसे........
वादा करो
उस फांसी पर लटकते हुए बेजान जिस्म से
वादा करो.......वादा करो.....वादा करो

आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को गिरफ्तारी वारंट से आगामी एक सितम्बर को ज़रिये पुलिस अधीक्षक कोटा तलब किया

कोटा न्यायलय दो उत्तर कोटा ने आज परिवादी अनवर हुसेन द्वारा प्रस्तुत एक परिवाद में प्रसंज्ञान के बाद तलबी होने पर भी न्यायलय में उपस्थित नहीं होने पर कोटा के तात्कालिक पुलिस उप अधीक्षक ,,,पुलिस निरीक्षक ,,उपनिरीक्षक सहित आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को गिरफ्तारी वारंट से आगामी एक सितम्बर को ज़रिये पुलिस अधीक्षक कोटा तलब किया है ,,,,,,,,,,,,,अनवर हुसेन ने एडवोकेट अख्तर खान अकेला के ज़रिये वीरेंद्र सिंह सिपाही ,,,मधु तिवारी सुरक्षाकर्मी ,,,,भवंर सिंह सी पी ओ ,,,भेरूलाल ड्राइवर टोइंग वाहन ,,,,चन्द्रशील तात्कालिक उप अधीक्षक ,,,धनफूल ,मीणा तात्कालिक यातायात निरीक्षक ,,, बाबू लाल मीणा उपनिरीक्षक ,,,सिपाही भरतकुमार के खिलाफ परिवाद पेश कर अनावश्यक रूप से नाजायज़ पुलिस हिरासत में रखकर मार पिटाई करने और फ़र्ज़ी मुक़दमे में फंसा देने का आरोप लगाते हुए अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी ,,,,,,,,,,,,,एडवोकेट अख़्तर खान अकेला ,, आबिद अब्बासी के अनुसार सभी अभियुक्तों ने अनवर के साथ बेरहमी से मार पिटाई की और पुलिस नाजायज़ हिरासत में अत्याचार किये ,,,इस मामले में अनवर की तरफ से माननीय न्यायलय में अनवर ,,इलियास अंसारी ,,,,, अशफ़ाक़ ,,सिद्दीक़ ,,सोनू के बयान होने के बाद अदालत ने पुलिस कर्मियों के इस कृत्य को राजकीय कृत्य नहीं होने के कारण सभी अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 ,341 में प्रसंज्ञान लेकर सभी अभियुक्तों को न्यायलय में तलब किया था लेकिन तलबी होने के बाद भी अभियुक्त न्यायलय में उपस्थित नहीं हो रहे है ,,,माननीय न्यायलय ने आज अभियुक्तों के पुलिस अधिकारी होने के बाद भी न्यायलय में उपस्थित नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए सभी अभियुक्तों को गिरफ्तारी वारंट से ज़रिये पुलिस अधीक्षक कोटा तलब किया है ,,इस मामले में आगामी पेशी एक सितम्बर निर्धारित की गई है ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लाल बत्ती मामले में पुलिस ने फिर की दो फर्जी गिरफ्तारी मोहम्मद हुसैन


एक 75 प्रतिशत विकलांग दूसरा पार्षद हुसैन का ड्राइवर
कोटा 31 जुलाई महापौर और उपमहापौर की लाल बत्ती हटाने के मामले में हुए आन्दोलन का हवाला देते हुए आज किशोर पूरा पुलिस ने फिर से भाजपा की राजनीती के दबाव में आम आदमी पार्टी पर्वक्ता पार्षद मोहम्मद हुसैन के समर्थक गफ्फार खान जो 75 प्रतिशत विकलांग है को गिरफ्तार करने के बाद बेक फुट पर आ गई है व दूसरा हुसैन का ड्राइवर मोहम्मद जहीर है पुलिस ने इन्हें आधी रात बिना अरेस्ट वारंट के उनके घरों में घुस कर जबरन गिरफ्तार कर लिया गिरफ्तारी के बाद पार्षद मोहम्मद हुसैन ने रोष व्यक्त किया है वहीँ गफ्फार एंव जहीर की पत्नी व घर वालों ने पुलिस पर आधी रात घरों में घुस कर महिलाओं से अभ्र्ता करने एंव दोनों को फर्जी तरीके से गिरफ्तार करने का आरोप लगाया हुसैन ने कहा की गफ्फार 75 प्रतिशत विकलांग है और किशोरपुरा थाने के पास ही ई मित्र पर काम कर अपने परिवार का जीवन बसर करता है और ना ही वो आम आदमी पार्टी का सदस्य है और जहीर मेरी गाड़ी चलता है यह दोनों घटना के रोज मौके पर ही नहीं थे इन दोनों को पुलिस ने मेरे समर्थक होने के नाते फर्जी गिरफ्तार किया है
इसको लेकर वे
शुक्रवार सुबह 10 बजे किशोरपुरा थाने के बहार फर्जी कार्यवाही के विरोध में पुलिस का पुतला फूकेंगे और सेकड़ों लोग गिरफ़्तारी देंगे
व अबतक लाल बत्ती मामले में पुलिस द्वारा किये गए अवेद कार्यवाही करने पर अदालत में इश्तिगासा दर्ज करा कर दोषी पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करेंगे
गौर तलब है की सुप्रीम कोर्ट के 2014 के आदेश अनुसार महापौर और उप महापौर लाल बत्ती का उपयोग नहीं कर सकते इसके बावजूद कोटा नगर निगम में महापौर और उपमहापौर लाल बत्ती लगा कर घूम रहे थे इसी के विरोध में आम आदमी पार्टी पार्षद मोहम्मद हुसैन व कार्यकर्ताओं ने मई महीने में कोटा पुलिस महानिरीक्षक को 2 बार ज्ञापन देकर अवेद लाल बत्ती लगाने वालों पर कार्यवाही की मांग भी की थी लेकिन पुलिस ने जब कोई कार्यवाही नहीं की तो आप कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उपमहापौर की गाड़ी रोक कर लाल बत्ती का चलन बनाने की मांग की जिसमे भी पुलिस ने एक तरफ़ा कार्यवाही करते हुए आम आदमी पार्टी के 10 कार्यकर्ताओं को 11 जून को गिरफ्तार किया था जिसके बाद पुरे कोटा में विरोध प्रदर्शन हुए थे और महापौर उपमहापौर को अपनी लाल बत्ती हटानी पड़ी थी

क़ुरआन का सन्देश

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