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02 अगस्त 2015

पत्नी को ठीक करने के लिए तांत्रिक के कहने पर 4 बच्चियों के साथ किया रेप

प्रतीकात्मक फोटो।
प्रतीकात्मक फोटो।
मथुरा (उत्तर प्रदेश). मथुरा में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की दिमागी हालत ठीक करने के लिए चार नाबालिगों के साथ रेप किया और बाद में उनकी हत्या कर दी। गुरुवार को पकड़े गए इस आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि बीवी को ठीक करने के लिए उसने एक तांत्रिक की मदद ली थी। तांत्रिक के कहने पर ही उसने चार लड़कियों का रेप किया और बाद में हत्या कर दी।
आरोपी सोनू हाल ही में मथुरा में हुए 12 साल की लड़की की रेप के बाद हत्या के मामले में मुख्य आरोपी लालुआ वाल्मिकी का साथी है। लालुआ वाल्मिकी की गुरुवार को भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और सोनू पिटाई से अधमरा हो गया था। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है। वहीं, इस मामले में पुलिस का कहना है कि तांत्रिक के कहने पर चार बच्चियों के साथ रेप की बात अफवाह है।
साल 2010 में की थी पहली हत्या
आरोपी सोनू ने पुलिस को बताया कि साल 2010 में उसने पहली हत्या की थी। एक 14 साल की लड़की शादी समारोह में हिस्सा लेने उसके गांव आई थी। उसे मौका पाकर उसे दबोच लिया और सुनसान जगह ले गया, जहां रेप के बाद उसकी हत्या कर दी। इसके कुछ दिन बाद उसने चार साल की बच्ची को हवस का शिकार बनाया और उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके करीब एक साल बाद उसने गांव की 9 साल की लड़की को अपना शिकार बनाया। इसके बाद हाल ही में उसने अपने साथी लालुआ वाल्मिकी के साथ मिलकर 12 साल की लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी। पुलिस दोनों को थाने ले गई। गुरुवार को आक्रोशित भीड़ थाने पहुंच गई और जेल से दोनों को निकाल लाई। इसके बाद ग्रामीणों ने दोनों की जमकर पिटाई कर दी। इसमें लालुआ की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
पुलिस ने किया इनकार
सीओ आरके गौतम ने बताया कि तांत्रिक के कहने पर बच्ची के रेप और मर्डर वाली बात अफवाह है। जांच में अभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। आरोपी अभी एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती है।

11 राज्यों के 111 सांसदों ने कहा- संसद में काम नहीं तो वेतन नहीं

11 राज्यों के 111 सांसदों ने कहा- संसद में काम नहीं तो वेतन नहीं
नई दिल्ली/जयपुर. संसद के मानसून सत्र का आधा वक्त बीत चुका है। अब तक हंगामे के अलावा कुछ भी नहीं हुआ है। विपक्ष सुषमा, वसुंधरा और शिवराज के इस्तीफे पर अड़ा हुआ है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने मुद्दा उछाल दिया कि सरकार संसद में ‘नो वर्क नो पे’ योजना पर काम कर रही है। मंगलवार को कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने पूछा कि कौन कह रहा है कि हम काम नहीं कर रहे हैं? हम तो कठोर परिश्रम कर रहे हैं।’ लेकिन केंद्रीय मंत्री सीतारमन ने कहा कि अभी ऐसा प्रस्ताव नहीं है। पर सरकार विचार कर सकती है।

भाजपा के 104 सांसदों ने कहा- काट लीजिए वेतन, 47 ने कहा- क्यों काटेंगे, कांग्रेस के 4 सांसदों ने प्रस्ताव की हिमायत की, 11 ने विरोध किया
सांसदों को अपना अनुशासन तय करना ही होगा, नहीं तो...
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सवाल सिर्फ वेतन-भत्ते का नहीं है। जनता चाहती है कि सांसद जिम्मेदारी पूरी करें। हम उस स्थिति में खुद को लाना नहीं चाहते जब जनता संसद चलाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर जाए। या फिर कोर्ट हमें आदेश दे। सांसदों को अपना अनुशासन तय करना होगा। ताकि किसी और को हम पर टिप्पणी करने का मौका न मिले।
5 साल पहले भाजपा भी तो यही कर रही थी, आज हृदय परिवर्तन क्यों?
2010 में पूरा शीत सत्र भाजपा के हंगामे की भेंट चढ़ गया था। अब इन लोगों का एकाएक हृदय परिवर्तन कैसे हो गया? हम भी तब यही कहा करते थे।’
-मनीष तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता
सरकार तो अपनी कारगुजारियां छिपाने के लिए बहस नहीं चाहती
सरकार हमारी बात सुनने को तैयार ही नहीं है। वह चाहती है कि मुद्दे पर बहस के बजाय हंगामा हाेता रहे। ताकि उनकी कारगुजारियों पर पर्दा पड़ा रहे।
-ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस सांसद
संसद में विपक्ष की दादागिरी या हुड़दंगी हर समय तो नहीं चलेगी
वेतन नहीं लेने का तो सवाल ही नहीं उठता है। जनता ने चुनकर भेजा है तो रूटीन काम तो हो। दादागिरी या हुड़दंगी हर समय नहीं चलेगी।
-नागेंद्र सिंह, भाजपा सांसद
जिन्हें इस्तीफा देना चाहिए वे ढीठ हो चुके हैं, उन्हें फर्क ही नहीं पड़ता
हंगामे से तो सिर्फ उन सांसदों काे ही फायदा हो रहा है जो किसी न किसी मामले में आरोपी हैं। लेकिन ढीठ इतने हो गए हैं कि इस्तीफा भी नहीं देते।
-चरणजीत सिंह रोड़ी, इनेलो सांसद
सत्ताधारी पार्टी सोचती है, मैं क्यों बात करूं: सोमनाथ
मैं जब स्पीकर था, तब आधा घंटा पहले फोन आता था- हम आज काम नहीं होने देंगे। आज भाजपा के पास बहुमत है। वह सोचती है मैं क्यों बात करूं। इसी से अध्यादेशों की जरूरत पड़ती है।’

क़ुरआन का सन्देश

  
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