राजस्थान मे स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर उर्दू के छात्र छात्राओ के स्कूल
में नामांकन के बाद भी उर्दू अध्यापको के पद समाप्त करने के मामले में खुद
राजस्थान के शिक्षा निर्देशक सुआलाल चिंतित नज़र आये ,,उन्होंने इस मामले
में जिला शिक्षा अधिकारीयों की रिपोर्ट के बाद शीघ्र ही सकारात्मक
कार्यवाही का आश्वासन दिया है ,,,,,,,,,,,,,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के
सरपस्त कोटा शहर क़ाज़ी अलहाज अनवार अहमद के नेतृत्व में मिलने गए शिष्ठ मंडल
से आज मुलाक़ात में शिक्षा निदेशक सुआलाल ने वार्ता के दौरान स्वीकार किया
के उर्दू सहित दूसरे विषयों के मामले में छात्रों के नामांकन होने के बाद
स्कूलों से उर्दू के पद खत्म करना नियमों में नहीं है ,,उन्होंने स्पष्ट
किया के सरकार की मंशा उर्दू को टारगेट बनाने की नहीं है ,,सरकार ने तो दस
बच्चो के नामांकन के अलावा जहां उर्दू के शिक्षक नहीं है वहा भी शिक्षक
नियुक्त करने की मंशा जताई है ,,,सुआलाल ने कहा के इस मामले में राजस्थान
के सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों की चार ,,पांच अगस्त को जिलेवार प्रस्ताव
मंगाकर बैठक आयोजित कर चर्चा की थी लेकिन अभी में निरीक्षण दौरे पर हूँ
यहां से जाकर जिलेवार रिपोर्ट का अवलोकन कर विषयवार साकारात्मक निर्णय लिए
जा सकेंगे ,, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित उर्दू के शिक्षको को
नियुक्ति नहीं मिलने के सवाल के मामले में उन्होंने स्पष्ठ किया के वर्तमान
में राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस मामले में स्थगन आदेश जारी किया है ऐसे
में अदालत के आदेश होने तक विभाग कुछ भी कर पाने में असमर्थ है ,,सुआलाल
ने स्पष्ट किया के दो सो स्वीकृत आवदनो के साथ राजस्थान लोकसेवा आयोग ने
हाईकोर्ट के स्थगन आदेश भी टिप्पणी के साथ भिजवाये है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला
,,ने शिक्षा निदेशक को बताया के राजस्थान के अधिकतम स्कूलों में छात्रों की
संख्या पर्याप्त होने के बावजूद भी उर्दू विषय बंद किया जाकर अध्यापकों को
हटाया गया है जबकि स्कूलों में सेकड़ो बच्चो का भविष्य संकट में पढ़ गया है
,,,शिक्षा निदेशक को जब बताया गया के स्कूलों में नोटिस बोर्ड पर लिख दिया
गया है के उर्दू विषय स्कूल में बंद कर दिया गया है इसलिए संस्कृत ही एक
मात्र विकल्प है यह सुनकर शिक्षा निदेशक ने आश्चार्य व्यक्त करते हुए
अफ़सोस भी जताया ,,,शिक्षा निदेशक ने स्टाफिंग पैटर्न सर्वेक्षण में कहा
गलती हुई है इसकी जांच कर सकारात्मक कार्रवाही के भी संकेत दिए ,,,, शिक्षा
निदेशक आज शाम राजस्थान के कई ज़िलों का निरीक्षण कर कोटा सर्किट हाउस
पहुंचे थे जहाँ थकान और तबियत खराब होने से उन्होंने नींद की गोली लेकर
आराम की इच्छा जताई थी ,,लेकिन तहरीक ऐ उर्दू के शिष्ठ मंडल की जानकारी
उन्हें जब दी गई तो उन्होंने सहजता और सरलता से शिष्ठ मंडल से वार्ता कर
उनकी समस्याएं सुनी और संतोषप्रद जवाब दिए ,,शिष्ठ मंडल में कोटा शहर क़ाज़ी
अनवर अहमद ,,एडोवकेट अख्तर खान अकेला ,,,ज़ाकिर भाई ,,,, सलाम खान ,,अमीन
खान ,,,समीउल्ला अंसारी ,,ज़फर चिश्ती ,,मुज़फ्फर राईन ,,अज़ीज़ अंसारी ,,,रईस
नवाब ,,,एडवोकेट नजीमुद्दीन सिद्दीक़ी , शोएब खान ,,शफी खान ,,रफ़ीक़ बेलियम
,,,,सहित कई दर्जन प्रबुद्ध लोग शामिल थे ,,,,,,,,,,,,ज्ञापन के बाद तुरंत
तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की कोटा सर्किट हाउस में ही कोटा शहर क़ाज़ी अनवार
अहमद की सरपरस्ती में बैठक हुई जिसमे उर्दू तहज़ीब को बचाने के लिए जागरण
अभियान चलाने ,,,,,का निर्णय लिया शनिवार को जंगलीशाह बाबा परिसर में
पीड़ित शिक्षको ,,,साहित्यकारों ,,शायरों ,,लेखकों की एक बैठक शाम चार बजे
आयोजित की गई है जबकि उर्दू स्कूलों में यथावत शुरू कर अध्यापकों के पद
बहाल कर पूर्ववत नियुक्ति का निर्णय नहीं होता है तो एक बढ़े आंदोलन ,,,,बढे
प्रदर्शन की तय्यरी और भविष्य की रणनीति के विचार विमर्श के लिए कोटा
शहर क़ाज़ी की सरपरस्ती में एक बैठक आगामी नो जुलाई रविवार सुबह दस बजे टिपटा
स्थित अल्लामा इक़बाल लाइब्रेरी में रखी गई है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान