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06 अगस्त 2015

आतंकी नावेद के पिता ने कहा-पाकिस्तानी फौज कर सकती है उसका मर्डर

फोटो: उधमपुर में बुधवार को दबोचा गया आतंकी नावेद।
फोटो: उधमपुर में बुधवार को दबोचा गया आतंकी नावेद।
फैसलाबाद (पाकिस्तान). उधमपुर में पकड़े गए जिंदा आतंकी पर पाकिस्तान का एक और झूठ सामने आया है। पाकिस्तान से एक शख्स ने पकड़े गए आतंकी मोहम्मद नावेद को अपना बेटा बताया है। एक भारतीय इंग्लिश न्यूजपेपर से फोन पर बात करते हुए मोहम्मद याकूब नाम के शख्स ने नावेद को अपना बेटा बताते हुए खुद को अभागा पिता बताया है। याकूब ने कहा कि उसे डर है कि लश्कर-ए-तैयबा या पाकिस्तान फौज उसका मर्डर कर सकती है। पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय बयान जारी कर कह चुका है कि नावेद का उनके मुल्क से कोई लेना-देना नहीं है।
सकते में है परिवार
याकूब ने कहा कि बेटे के पकड़े जाने के बाद उसका परिवार डरा हुआ है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी फौज उसकी हत्या कर सकती है। याकूब को दोपहर 1.22 बजे फोन लगाया गया था। डरे हुए याकूब ने एक मिनट 20 सेकंड तक बात करने के बाद फोन काट दिया। तब से उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा है। याकूब का फोन नंबर नावेद से पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं को मिला था, जिसे उन्होंने सार्वजनिक कर दिया।
भारत से फोन आते ही डर गया पिता
भारत से फोन आते ही नावेद का पिता याकूब काफी घबरा गया था। उसने फोन उठाते ही पूछा, "आप भारत से बोल रहे हैं। लश्कर और पाक फौज मेरी हत्या कर डालेंगे। कृपया उसे छोड़ दें।"
आतंकी को अपना मानने से पाक का इनकार
जम्मू-कश्मीर में पकड़े गए आतंकी से पाकिस्तान ने पल्ला झाड़ लिया है। उसने इन आरोपों को खारिज किया है कि उस्मान उर्फ कासिम खान सीमा पार से भारत में गया था। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक अफसर ने कहा, ''हां, मैंने जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी की गिरफ्तारी की बात सुनी है। लेकिन ऐसा लगता है कि पाकिस्तान को नीचा दिखाने के लिए भारत की यह एक चाल है।'' बता दें कि जम्मू के उधमपुर में बीएसएफ की बस पर तीन आतंकियों ने हमला किया था। इनमें एक आतंकी को बंधकों ने ही धर-दबोचा था।

शिक्षा विभाग की हठधर्मिता और मुख्यमंत्री की अनदेखी के कारण राजस्थान का शैक्षणिक स्तर हीरो से ज़ीरो होने जा रहा है

राजस्थान में जहाँ शिक्षा का स्तर भारत में सर्वोच्च स्थान पर था वहीं अब शिक्षा विभाग की हठधर्मिता और मुख्यमंत्री की अनदेखी के कारण राजस्थान का शैक्षणिक स्तर हीरो से ज़ीरो होने जा रहा है ,,,हालात अगर यही रहे तो सरकारी स्कूलों में चल रहे भय और खौफ के वातावरण से तंग आकर छात्र छात्राएं निजी स्कूलों में दाखिला लेकर अपना भविष्य सुधारने की कोशिश करेंगे जबकि गरीब तबके की बेटियां अब पढ़ नहीं सकेंगी और राजस्थान में साक्षरता का गिराफ़ नीचे गिरने लगेगा ,,,,,,,राजस्थान में इन दिनों शिक्षा विभाग की हठधर्मिता कहो या फिर निजी स्कूलों से साँठगाँठ कहो ,,शिक्षा विभाग ,, स्टाफिंग पैटर्न सहित ,,स्कूलों की समय सीमा वृद्धि सहित कई नौसिखिये अव्यवहारिक फैसलों से शैक्षणिक व्यवस्था को पलीता लगा रहा है ,,हालात यह है के आज स्टाफिंग पैटर्न की उथल पुथल से स्कूलों में गणित ,,अंग्रेज़ी ,,सामाजिक ज्ञान ,,,उर्दू ,,,संगीत ,,गृहविज्ञान ,,,,सहित कई दर्जन विषयों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में अध्यापक नहीं बचे है हर स्कूल में सभी विषय पढ़ने के इच्छुक छात्र प्रवेश ले रहे है लेकिन उन्हें मनपसंद विषय पढ़ाने के लिए विशेषज्ञ अध्यापक नहीं दिया गया है ,,जो पढ़ा रहे थे उन्हें स्टाफिंग पैटर्न की हठधर्मिता के नाम पर हटा दिया गया है स्वीकृत पदों को बिना विधानसभा की अनुमति के समाप्त करना विधि विरुद्ध तो है है साथ ही दूसरी विधानसभाओ सहित पुरे राज्य के निर्वाचित सांसदों ,,विधायकों के साथ अन्याय है ,,,राजस्थान में मिडिल बोर्ड है ,,राजस्थान में माध्यमिक ,,उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड है ,,अध्यापक पर एक तो ट्रांसफर का तनाव ,,स्कूलों में अनावश्यक समय की वृद्धि ,,पोषाहार ,,नामांकन सहित कई दूसरी सरकारी ज़िम्मेदारियाँ कभी चुनाव में ड्यूटी लगती है तो कभी सर्वे में कुल मिलाकर अद्यापक गरीब की जोरू बना दिया गया है ,,उस पर स्कूलों से विषयों की समाप्ति गणित का अध्यापक सामाजिक पढ़ाये ,,सामाजिक का अध्यापक संस्कृत ,,संस्कृत का अध्यापक संगीत सिखाये ,,उर्दू का अध्यापक संस्कृत पढ़ाये ,,,कूल मिलाकर एक विशेषज्ञ बी एड प्रशिक्षित अध्यापक से अगर उसके द्वारा पढ़ाये जाने वाला विषय छीनकर दूसरा विषय पढ़ाया जाएगा तो छात्र छात्राओं की गुणवत्ता पर फ़र्क़ पढ़ेगा ,,,विषय बंद होंगे तो निश्चित तोर पर छात्र छात्राएं स्कूल छोड़ कर निजी स्कूलों में जाएंगे ,,,आठवीं बोर्ड ,,माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का रिज़ल्ट घटिया रहेगा ,,राजस्थान में आज राजस्थान बोर्ड की पुरे हिंदुस्तान में धाक है ,,विश्वसनीयता है जब अध्यापन की यही अव्यवस्था रही तो राजस्थान में बोर्ड में टॉप करने वाले बच्चो का मनोबल गिरेगा ,,,ट्यूशन प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा ,,,,इतना ही नहीं जब बोर्ड का परिणाम प्रतििष्टता घटेगी तो राजस्थान के छात्र छात्राओां को मेरिट कम होने से यूनिवर्सिटी सहित दूसरी तकनीकी ,,,एम बी बी एस सहित शैक्षणिक योग्यता कम होने से एडमीशन नहीं मिलेगा नतीजन राजस्थान में आने वाली पीढ़ी बेरोज़गार और बेकार होगी और इन कारणों से नौजवान छात्र छात्राओं में निराशावाद बढ़ेगा आत्महत्याओं का दौर चलेगा अराजकता का माहौल बनेगा ,,सो प्लीज़ राजस्थान के सरपरस्तों ,,शिक्षाविदों ,,,माननीय मुख्यमंत्री महोदया ,,प्लीज़ अव्यवहारिक सिद्धांतों की ज़िद छोड़े शिक्षाविदों की टीम बनाकर पुनर्निर्धारण क्षेत्रवार छात्र छात्राओं की विषयवार संख्या और इच्छा के आधार पर फिर से पूर्ववत कार्यवाही करे ,,,,,,शिक्षा में अराजकता का माहोल हमारे राजस्थान के विकास को रोकने की एक साज़िश ,,हमे बीमारू राज्य बनाने की एक षड्यंत्रकारी कार्यवाही है सो प्लीज़ नौकरशाहों की इस नीति को अव्यवहारिक होने से ख़ारिज करे पूर्ववत कार्यवाही करे ,,अगर सरकार इस मामले में एक जुट होकर नहीं जागी तो राजस्थान में आने वाले कल के काले अध्याय के लिए सरकार खुद को माफ़ नहीं कर सकेगी ,,,,,,,,,,सरकार को सुचना चाहिए जब सरकार में सत्तापक्ष की पार्टी से जुड़े लोग सांसद ,,विधायक ,,जन्पर्तीिनिधि इस नीति के विरोधी है तो कुछ तो गड़बड़ है ,,कुछ तो साज़िश है ,,कुछ तो हठधर्मिता है जिस पर रोक होना चाहिए बदलाव होना चाहिए ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

उर्दू के छात्र छात्राओ के स्कूल में नामांकन के बाद भी उर्दू अध्यापको के पद समाप्त करने के मामले में खुद राजस्थान के शिक्षा निर्देशक सुआलाल चिंतित नज़र आये

राजस्थान मे स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर उर्दू के छात्र छात्राओ के स्कूल में नामांकन के बाद भी उर्दू अध्यापको के पद समाप्त करने के मामले में खुद राजस्थान के शिक्षा निर्देशक सुआलाल चिंतित नज़र आये ,,उन्होंने इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारीयों की रिपोर्ट के बाद शीघ्र ही सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया है ,,,,,,,,,,,,,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सरपस्त कोटा शहर क़ाज़ी अलहाज अनवार अहमद के नेतृत्व में मिलने गए शिष्ठ मंडल से आज मुलाक़ात में शिक्षा निदेशक सुआलाल ने वार्ता के दौरान स्वीकार किया के उर्दू सहित दूसरे विषयों के मामले में छात्रों के नामांकन होने के बाद स्कूलों से उर्दू के पद खत्म करना नियमों में नहीं है ,,उन्होंने स्पष्ट किया के सरकार की मंशा उर्दू को टारगेट बनाने की नहीं है ,,सरकार ने तो दस बच्चो के नामांकन के अलावा जहां उर्दू के शिक्षक नहीं है वहा भी शिक्षक नियुक्त करने की मंशा जताई है ,,,सुआलाल ने कहा के इस मामले में राजस्थान के सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों की चार ,,पांच अगस्त को जिलेवार प्रस्ताव मंगाकर बैठक आयोजित कर चर्चा की थी लेकिन अभी में निरीक्षण दौरे पर हूँ यहां से जाकर जिलेवार रिपोर्ट का अवलोकन कर विषयवार साकारात्मक निर्णय लिए जा सकेंगे ,, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित उर्दू के शिक्षको को नियुक्ति नहीं मिलने के सवाल के मामले में उन्होंने स्पष्ठ किया के वर्तमान में राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस मामले में स्थगन आदेश जारी किया है ऐसे में अदालत के आदेश होने तक विभाग कुछ भी कर पाने में असमर्थ है ,,सुआलाल ने स्पष्ट किया के दो सो स्वीकृत आवदनो के साथ राजस्थान लोकसेवा आयोग ने हाईकोर्ट के स्थगन आदेश भी टिप्पणी के साथ भिजवाये है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,ने शिक्षा निदेशक को बताया के राजस्थान के अधिकतम स्कूलों में छात्रों की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद भी उर्दू विषय बंद किया जाकर अध्यापकों को हटाया गया है जबकि स्कूलों में सेकड़ो बच्चो का भविष्य संकट में पढ़ गया है ,,,शिक्षा निदेशक को जब बताया गया के स्कूलों में नोटिस बोर्ड पर लिख दिया गया है के उर्दू विषय स्कूल में बंद कर दिया गया है इसलिए संस्कृत ही एक मात्र विकल्प है यह सुनकर शिक्षा निदेशक ने आश्चार्य व्यक्त करते हुए अफ़सोस भी जताया ,,,शिक्षा निदेशक ने स्टाफिंग पैटर्न सर्वेक्षण में कहा गलती हुई है इसकी जांच कर सकारात्मक कार्रवाही के भी संकेत दिए ,,,, शिक्षा निदेशक आज शाम राजस्थान के कई ज़िलों का निरीक्षण कर कोटा सर्किट हाउस पहुंचे थे जहाँ थकान और तबियत खराब होने से उन्होंने नींद की गोली लेकर आराम की इच्छा जताई थी ,,लेकिन तहरीक ऐ उर्दू के शिष्ठ मंडल की जानकारी उन्हें जब दी गई तो उन्होंने सहजता और सरलता से शिष्ठ मंडल से वार्ता कर उनकी समस्याएं सुनी और संतोषप्रद जवाब दिए ,,शिष्ठ मंडल में कोटा शहर क़ाज़ी अनवर अहमद ,,एडोवकेट अख्तर खान अकेला ,,,ज़ाकिर भाई ,,,, सलाम खान ,,अमीन खान ,,,समीउल्ला अंसारी ,,ज़फर चिश्ती ,,मुज़फ्फर राईन ,,अज़ीज़ अंसारी ,,,रईस नवाब ,,,एडवोकेट नजीमुद्दीन सिद्दीक़ी , शोएब खान ,,शफी खान ,,रफ़ीक़ बेलियम ,,,,सहित कई दर्जन प्रबुद्ध लोग शामिल थे ,,,,,,,,,,,,ज्ञापन के बाद तुरंत तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की कोटा सर्किट हाउस में ही कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद की सरपरस्ती में बैठक हुई जिसमे उर्दू तहज़ीब को बचाने के लिए जागरण अभियान चलाने ,,,,,का निर्णय लिया शनिवार को जंगलीशाह बाबा परिसर में पीड़ित शिक्षको ,,,साहित्यकारों ,,शायरों ,,लेखकों की एक बैठक शाम चार बजे आयोजित की गई है जबकि उर्दू स्कूलों में यथावत शुरू कर अध्यापकों के पद बहाल कर पूर्ववत नियुक्ति का निर्णय नहीं होता है तो एक बढ़े आंदोलन ,,,,बढे प्रदर्शन की तय्यरी और भविष्य की रणनीति के विचार विमर्श के लिए कोटा शहर क़ाज़ी की सरपरस्ती में एक बैठक आगामी नो जुलाई रविवार सुबह दस बजे टिपटा स्थित अल्लामा इक़बाल लाइब्रेरी में रखी गई है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा में कोई तो ऐसा अधिकारी है जो सीधे तोर पर मुख्यमत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया को निजी तोर पर बदनाम कर उनके लिए परेशानी खडी करना चाहता है

कोटा में कोई तो ऐसा अधिकारी है जो सीधे तोर पर मुख्यमत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया को निजी तोर पर बदनाम कर उनके लिए परेशानी खडी करना चाहता है ,,कोटा में आज सी ऐ डी रोड बाबा जंगली शाह क़ब्रिस्तान के सामने स्थित क़ब्रिस्तान में ज़िलाप्रशासन के बुलडोज़र द्वारा तोड़ फोड़ की कार्यवाही इस बात का पुख्ता सुबूत है ,,,,कोटा संभाग का बच्चा बच्चा भी यह जान रहा है के मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया का कोटा संभाग का दौरा सरकार आपके द्वार कार्यक्रम आगामी दिनों में है ,,,सरकार के खिलाफ कोई भी साज़िश हो उसे विफल करना प्रशासन की ज़िम्मेदारी है ,,लेकिन प्रशासन के किसी एक मुख्यमंत्री विरोधी अधिकारी के इशारे पर आज चलाये गए क़ब्रिस्तान पर बुलडोज़र से कोटा के विपक्ष और मुस्लिम समाज के लोग सीधे सरकार के खिलाफ हो गए ,,,मुस्लिम समाज में कोटा जिला प्रशासन के इस मुख्यमंत्री विरोधी अधिकारी की हरकत से विरोध और आक्रोश है ,,मुस्लिम मामले को लेकर गंभीर गुस्सा है ,,,शायद मुख्यमंत्री विरोधी यह अधिकारी किसी मुख्यमंत्री विरोधी गुट के इशारे पर कोटा में इस तरह की बेहूदा हरकते कर रहा है जिससे कोटा के लोगों की जनभावनाए आहत हो ,,,,वोह तो भला हो कोटा शहर क़ाज़ी और प्रबुद्ध मुस्लिमों का जो इस अधिकारी की उसकाने वाली हरकत की तुरंत कारगुज़ारियों की शिकायत कोटा कलेक्टर से की तब कहीं जाकर कलेक्टर के निर्देशो पर यथावत स्थिति के आश्वासन के बाद स्थित काबू में आ सकी ,,लेकिन आम मुस्लिम समाज में प्रशासन की इस हरकत से भयंकर रोष व्याप्त है ,,,,इस मामले में ऐसे मुख्यमंत्री विरोधी अधिकारी की तहक़ीक़ात कर उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष उठाई जायेगी ,,,कोई है जो मुख्यमंत्री की कोटा यात्रा के पहले आम लोगों को उकसाकर ,,भड़काककर माहोल बिगाड़कर क़ानून व्यवस्था का बखेड़ा आकर मुख्यमत्री की कोटा यात्रा विवादास्पद करना चाहता है ,,यह गंभीर और जांच का विषय है ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ

राष्ट्रीय स्वम सेवक संघ आर एस एस द्वारा मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने के अभियान को राजस्थान सरकार में बैठे कुछ मंत्री ,,अधिकारी पलीता लगाने में जुटे है ,,,,, कोटा मुस्लिम आर एस एस यानी राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच का गढ़ रहा है ,,संघ की शाखा राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार इस मामले में लगातार मुस्लिम समाज के लोगों के साथ मिलकर उन्हें अपने साथ जोड़ रहे है कोटा की मधु शर्मा भी लगातार मुस्लिम समाज को अपने साथ शामिल कर उन्हें भाजपा से जोड़ने की कोशिश में जुटी है लेकिन राजस्थान में उर्दू को टारगेट बनाना ,,कब्रिस्तानों पर अतिक्रमण ,,तोड़फोड़ ,,बुलडोज़र चलाने की कार्यवाही से मुस्लिम समाज राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच में जाने से बिदकने लगा है ,,,,आठ अगस्त को लखनऊ में हिन्दुस्तान के राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच का वैचारिक सम्मेलन है इस सम्मेलन में देश भर के दो हज़ार से भी अधिक मोलवी ,,मौलाना सहित कार्यकर्ताओं के शामिल होने की संभावना है ,,कार्यक्रम में अफज़ल अंसारी ,,मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार सहित कई पदाधिकरी भी मौजूद रहेंगे ,,इस कार्यक्रम में शामिल होने कोटा से भी दो दर्जन लोग शामिल हो रहे है ,,,,,,अख्तर
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