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08 अगस्त 2015

ये है भगवान शिव का परिवार, जानिए पत्नी से लेकर पोतों के बारे में

ये है भगवान शिव का परिवार, जानिए पत्नी से लेकर पोतों के बारे में
इन दिनों सावन का पवित्र महीना चल रहा है। ग्रंथों के अनुसार इस महीने में भगवान शिव का पूजन करने व उपदेश सुनने का विशेष महत्व है। शिव का एक अर्थ है कल्याण करने वाला। भगवान शिव मात्र लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं।
भगवान शिव सही अर्थों में परिवार के देवता हैं। क्योंकि ये एकमात्र ऐसे देवता हैं, जिनका परिवार संपूर्ण है। हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले प्रमुख 5 देवताओं में से 3 शिव परिवार के ही सदस्य हैं। सावन के इस पवित्र महीने में हम आपको बता रहे हैं, शिव परिवार के बारे में-

भगवान शिव

शिव को सृष्टि का प्राण माना जाता है। अगर शिव नहीं हों तो सृष्टि शव के समान हो जाती है। इस कारण शिव को कालों का काल यानी महाकाल भी कहा गया है। शिव प्राण देते हैं, जीवन देते हैं और संहार भी करते हैं। शिव का पूजन समस्त सुख देने वाला माना गया है। पूरी सृष्टि में सबसे आसानी से प्रसन्न होने वाले देवता की उपाधि भी शिव के पास ही है।

पार्वती

भगवान शिव की पत्नी जगदंबा पार्वती हैं। शिवपुराण के अनुसार, ये पर्वतराज हिमालय व मैना की पुत्री हैं। पार्वती को ही शक्ति माना गया है। शरीर में शक्ति ना हो तो शरीर बेकार है। शक्ति तेज का पुंज है। मानव को हर काम में सफलता की शक्ति पार्वती यानी दुर्गा देती हैं। भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर स्वरूप में स्वयं शक्ति के महत्व को सिद्ध किया है।

कार्तिकेय

ये भगवान शिव के बड़े पुत्र हैं। कार्तिकेय के पास देवताओं के सेनापति का पद है। वे साहस के अवतार हैं। कम आयु में ही अपने अदम्य साहस के बल पर उन्होंने तारकासुर का नाश किया था। इसलिए आत्मविश्वास और आत्मबल की प्राप्ति कार्तिकेय से होती है। शिवपुराण के अनुसार, कार्तिकेय ब्रह्मचारी हैं, वहीं ब्रह्मवैवर्त पुराण में इनकी पत्नी का नाम देवसेना बताया गया है।

श्रीगणेश

ये भगवान शिव के छोटे पुत्र हैं। इनका मुख हाथी का है इसलिए इन्हें गजमुख भी कहा जाता है। श्रीगणेश को प्रथम पूज्य की उपाधि प्राप्त है। किसी भी शुभ कार्य से पहले इनका पूजन किया जाता है। ग्रंथों में इन्हें परम शक्तिशाली व बुद्धिमान बताया गया है। इनके पूजन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। गणेश पुराण के अनुसार, श्रीगणेश ने अनेक अवतार लेकर दुष्टों का अंत किया है।

बहू

भगवान शिव की दो बहुएं हैं श्रीगणेश की पत्नी सिद्धि और बुद्धि। शिवपुराण के अनुसार, ये प्रजापति विश्वरूप की पुत्रियां हैं। कुछ स्थानों पर रिद्धि और सिद्धि का नाम मिलता है, लेकिन अधिकांश ग्रंथों में सिद्धि और बुद्धि को ही गणपति की पत्नी माना गया है। सिद्धि कार्यों में, मनोरथों में सफलता देती है। बुद्धि ज्ञान के मार्ग को प्रशस्त करती हैं।

पौत्र

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, भगवान गणेश के दो पुत्र हैं क्षेम और लाभ। क्षेम हमारे अर्जित पुण्य, धन, ज्ञान और ख्याति को सुरक्षित रखते हैं। सीधा अर्थ है हमारी मेहनत से कमाई गई हर वस्तु को सुरक्षित रखते हैं, उसे कम नहीं होने देते और धीरे-धीरे उसे बढ़ाते हैं। लाभ का काम निरंतर उसमें वृद्धि देने का है। लाभ हमें धन, यश आदि में निरंतर बढ़ोत्तरी देता है।

कैमरा देख साड़ी से चेहरा छुपाने लगी राधे मां, आखों से निकले आंसू

कैमरा देख साड़ी से चेहरा छुपाने लगी राधे मां, आखों से निकले आंसू
मुंबई. दहेज और प्रताड़ना के आरोपों के चलते राधे मां कई दिनों से चर्चा में हैं। शनिवार की सुबह जब वे औरंगाबाद एक कार्यक्रम में पहुंची तो मीडिया ने उन पर चल रहे विवादों को लेकर सवाल पूछे। राधे मां ने इन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। वे इस दौरान बेहोश भी हो गईं। किसी तरह उन्हें कार तक पहुंचाया गया। यहां भी वे साड़ी से अपना चेहरा छुपाने लगीं। इस दौरान वो भावुक भी हो गईं। उनकी आखों से आंसू निकलने लगे।
क्या है मामला
खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां के खिलाफ मुंबई के बोरीवली इलाके में केस दर्ज हुआ है। राधे मां पर एक महिला को उसके पति और ससुरालवालों से प्रताड़ित करवाने का आरोप लगा है। बोरीवली पुलिस ने इस मामले में राधे मां समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसी बीच उनका एक वीडियो भी मीडिया में आया जिस में वे बॉलीवुड गाने पर डांस करती दिखाईं दे रही हैं।

क़ुरआन का सन्देश

  

तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान

तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के आह्वान पर आज जंगलीशाह बाबा महफ़िल खाने में उर्दू के छात्र छात्राओं ,,,उर्दू के अध्यापक ,,छात्र छात्राओं के अभिभावक और उर्दू के हमदर्दों की बैठक में स्कूलों में गैरकानूनी तरीके से उर्दू बंद करने के प्रयासों की सभी ने कठोर शब्दों में निंदा करते हुए सोमवार दस अगस्त को शाम चार बजे शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी का घेराव कर उन्हें ज्ञापन देने का फैसला लिया गया ,,,,,,,,,,,,,,,,आज आयोजित बैठक में अध्यक्षीय पद से बोलते हुए तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सरपरस्त कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ने साफ़ अल्फ़ाज़ों में सरकार की उर्दू के खिलाफ रची गई साज़िश की कठोर शब्दों में आलोचना करते हुए कहा के राजस्थान के उर्दू के हमदर्द सरकार की इस मंशा को पूरी नहीं होने देंगे ,,,क़ाज़ी ऐ शहर ने कहा के राजस्थान के स्कूलों में उर्दू तहज़ीब बचाने के लिए उर्दू के सभी हमदर्दों के साथ मिलकर राजयव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है और सभी ज़िलों से तहरीक के इस आंदोलन को ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है ,,,उन्होंने कहा के सरकार अगर उर्दू विषय पूर्ववत बहाल करने पर राज़ी नहीं होती है तो कोटा सहित राजस्थान भर में उर्दू के हमदर्दों के साथ मिलकर सड़कों पर ऐतीहासिक प्रदर्शन किया जाएगा जिसमे हज़ारो हज़ार लोग शामिल होंगे ,,,उन्होंने सरकार को चेताया के पहले भी कोटा सहित राजस्थान का अल्पसंख्यक समाज सड़कों पर हज़ारो हज़ार की तादाद में शानदार प्रदर्शन किया था ,,,,लेकिन यह आंदोलन पहले के आंदोलन से भी अधिक संख्या वाला होंगे और ऐसे किसी भी आंदोलन के लिए सरकार ज़िम्मेदार रहेगी ,,,,,,हरीक ऐ उर्दू राजस्थान के पदाधिकारियों के समक्ष उर्दू पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ,,,उनके अभिभावकों और उर्दू टीचर्स ने अपनी समस्याएं गिनाई और फैसला लिया के उर्दू के अध्यापक भी इस संघर्ष में शामिल रहेंगे जबकि उर्दू के छात्र छात्रा किसी भी कीमत पर उर्दू विषय बदल कर कोई दूसरा विषय नहीं लेंगे ,,इधर उर्दू छात्र छात्राओं के अभिभावक भी अब सीधी तरह से तहरीक ऐ उर्दू के आंदोलन से जुड़ गए है और अपने अपने क्षेत्रों में जागरण अभियान चलाएंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कार्यक्रम का संचालन तहरीक के ज़िम्मेदार मुज़फ्फर राहीन ने किया जबकि बैठक में अज़ीम पठान ने भी जोशीले भाषण में सरकार की कारगुज़ारियों की पोल खोलते हुए शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलने का आह्वान किया ,,बैठक में तहरीक के ज़ाकिर खान ,,सैफुल्ला भाई , रफ़ीक़ बेलियम ,शफी खान ,,मोहम्मद शफी सहित कई ज़िम्मेदारां ने आह्वान किया के इस तहरीक से सभी साहित्यकारों ,,उर्दू के हमदर्दों ,,,शायरों को भी जोड़ा जा रहा है ,,,,,,बैठक में सोमवार शाम चार बजे गुमानपुरा स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कोटा का शांतिपूर्ण तरीके से घेराव कर ज्ञापन देने का फैसला किया गया ,,फैसले के तहत सभी उर्दू के हमदर्द ,,अध्यापक ,,,छात्र छात्राएं ,,अभिभावक सोमवार को तीन बजे वल्लभनगर स्थित सोफिया स्कूल के पास जंगलीशाह बाबा परिसर में एकत्रित होंगे फिर सभी एक साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचेंगे ,,,,,,,,,,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान ज़िम्मेदारांन की आगामी रणनीति के बारे में विचार विमर्श के लिए कल रविवार सुबह दस बजे टिपटा अल्लामा इक़बाल लाइब्रेरी भवन में बैठक रखी गई है ,,इस बैठक की अध्यक्षता शहर क़ाज़ी कोटा करेंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बीसलपुर डेम पहुंचे

कोटा अभिभाषक परिषद के पांच सो से भी अधिक सदस्य वकालत की भागमभाग वाली ज़िंदगी से दूर मनोरंजन की दुनिया में आज पिकनिक मनाने बीसलपुर डेम पहुंचे जहां श्रद्धालुओं ने रावण द्वारा पूजा स्थापित मंदिर के भी दर्शन किये जबकि वकील साथियों ने बीसलपुर डेम के गेस्ट हाउस में आराम ,,के बाद हंसी ठिठोली के साथ खूब मनोरंजक तरीके से बीसलपुर बांध का लुत्फ़ उठाया ,,,बाँध को ऊपर गेट तक जाकर देखा ,,तो कुछ लोगों ने नौका विहार किया ,, तो कुछ साथियों ने बीसलपुर डेम के यहां कुशल तैराक की तरह से अठखखेलियों के साथ स्नान किया ,,,,,,,,अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघु गौतम ,,महासचिव संजीव विजय ,,कोषाध्यक्ष रामगोपाल चतुर्वेदी ,,सदस्य शाकिर खान सहित कई दर्जन व्यवस्थापकों ने बस ,,नाश्ते ,,खाने की ज़िम्मदारियां संभाली ,,रास्ते में बल्लोप में शेखावाटी भोजनालय पर एडवोकेट अजय सिंह शेखावत की तरफ से सभी वकीलों का स्वागत कर उनका अतिथि सत्कार नाश्ते और चाय से किया ,,एक सम्मान समारोह में अध्यक्ष रघु गौतम ,,,महासचिव संजीव विजय ,,वरिष्ठ अभिभाषक महेश गुप्ता का साफा पहना कर स्वागत किया गया जबकि इस दौरान शेखावाटी भोजनालय के संस्थापक द्वारा लिखित पुस्तक मर्यादा पुरुषोत्तम राम के सिद्धांतो के तहत समाज सुधार की दृष्टि से लिखी गई पुस्तक का भी वितरण किया गया ,,,,,,,,,,,,,,अभिभाषक परिषद के सभी सदस्यों ने इस पिकनिक व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए खूब खेलकूद ,,मनोरंजन किया ,,,,एक खास बात यह रही के जब हम कुछ लोग मंदिर के बाहर चाय की एक दूकान पर पहुंचे और चाय बनाकर देने के लिए कहा तो वह उपस्थित दुकानदार ने सवाल किया ,,आप कोटा से वकील साहिबान है ,,हमने हाँ कहा बस फिर दुकानदार ने पानी की ठंडी बोतल निकाली ,,ठंडे पानी की पेशकश कर खुद ने प्योर दूध की चाय बनाई ,,नाश्ते का सामान रखा ,,हमने मना किया लेकिन इन दुकानदार साहब का अनुनय विनय ने हमे चाय पीने पर मजबूर किया ,,हमने इस आवभगत का रहस्य जानना चाहा ,,पहले दुकानदार से नाम पूंछा तो उसने खुद का नाम सुरेश सिंधी बताया ,,वोह एक समाज सेवक और देवी का भक्त निकला ,,,,काफी कोशिशो के बाद भी उसने चाय का महंताना लेने से इंकार किया उसका कहना था के साहब आप लोग आये बहार आई ,,मुझे आपके अतिथि सत्कार का अवसर मिला ,,में धन्य हो गया ,,,में ,,आबिद अब्बासी ,,सईद अहमद सोचते रहे के न जान न पहचान सिर्फ आत्मा से आत्मा का रिश्ता और अनजान लोगों से इतना प्यार ,,कुछ तो बात है जो इंसानियत और प्रेमभाव आज भी ज़िंदा है वरना ,,यह दुनिया तो बस मतलब की है ,,मौके की है ,,,रुपयों की है ,,व्यापार की है ऐसे में ऐसा भगत ,,ऐसा प्यारा समर्पण भाव जो सिर्फ और सिर्फ सेवा करना चाहता है हमने सुरेश भाई सिंधी को सेल्यूट किया और आने लगे लेकिन फिर उसकी ज़िद थी के घूमकर आने के बाद कुछ तो खाकर ही जाओगे ,,,,,,,अजीब शख्सियत ,,अजीब प्यार ,,अजीब भक्ति ,,अजीब समर्पण जिसने हमे मानवता के बारे में यह सोचने पर मजबूत कर दिया के अच्छे लोग अभी भी मौजूद है ,,जो बेमतलब भी लोगों की आवभगत करते नज़र आते है ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
लखनऊ
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