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09 अगस्त 2015

संत बनकर यह इच्छाधारी बाबा चलाता था सेक्स रैकेट, नेटवर्क में थीं 600 लड़कियां

नागीन डांस करते स्वामी भीमानंद (फाइल फोटो)।
नागीन डांस करते स्वामी भीमानंद (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली. राधे मां और सचिन दत्ता के बाद अब ओडिशा के एक बाबा भी विवादों में आ गए हैं। इससे पहले भी कई ऐसे बाबा हैं जो विवादों में फंस चुके है और कई तो जेल की हवा खा चुके हैं। ऐसा ही दिल्ली का एक बाबा है, जो अपने आप को इच्छाधारी संत बताता था। फिलहाल वो सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में पुलिस की गिरफ्त में है। इच्छाधारी संत के नाम से मशहूर स्वामी भीमानंद उर्फ राजीव रंजन उर्फ शिवा द्विवेदी सांप के साथ घूमने और नागिन डांस के लिए हमेशा चर्चा में रहता था।
भीमानंद का असली चेहरा तब सामने आया जब 2010 में सेक्स रैकेट में फंसने के बाद पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया। भगवा चोला पहनकर आस्था की आड़ में करोड़ों के सेक्स रैकेट चलाने वाला इच्छाधारी बाबा प्रवचन के बहाने लड़कियों को फंसाकर सेक्स रैकेट का कारोबार चलाता था। बाबा का असली चेहरा रात में नजर आता था, जब वो गेरुआ वस्त्र उतारकर टाइट जींस, नए फैशन की टीशर्ट पहनकर, हाथों में मोबाइल और महंगी कार से रात के अंधेरे में जिस्मफरोशी का धंधा चलाता था।
दिल्ली पुलिस की टीम ने एक हाईप्रोफाइल रैकेट का भंडाफोड़ किया। इसमें छह लड़कियों समेत आठ लोग पकड़े गए। पुलिस ने जब पकड़े गए दो दलालों का रिकॉर्ड खंगाला तो इनमें से एक दलाल कोई और नहीं बल्कि साधू के तौर पर मशहूर इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद था। वो अपने आश्रम की आड़ में सेक्स रैकेट चलाता था। उसके नेटवर्क में करीब 600 हाई प्रोफाइल लड़कियां शामिल थीं, जिनमें कॉलेज गर्ल, मॉडल, एयरहोस्टेस हर तरह के पेशे से जुड़ी कॉलगर्ल थीं। पुलिस को भीमानंद के ठिकाने से 6 डायरियां भी मिलीं, जिनमें देश के 100 हाईप्रोफाइल लोगों के नाम दर्ज थे। इनमें कई सांसद, नेता, पुलिसवाले और बिजनेसमैन भी थे।

डायन बताकर 5 को मारा: हंस रहे थे गांव के बच्चे-बूढ़े, शवों को दफनाने से भी रोका

हत्याकांड के बाद गांववालों को कोई पछतावा नहीं था।
हत्याकांड के बाद गांववालों को कोई पछतावा नहीं था।
रांची। झारखंड के रांची के करीब स्थित एक गांव में डायन बताकर पांच महिलाओं की हत्या करने के बाद गांववालों ने शनिवार को उनकी लाशों को दफनाने में भी अड़ंगा डाला। पोस्टमॉर्टम के बाद शव जब गांव पहुंचे तो लोगों ने इन्हें वहां की जमीन पर दफनाने से रोक दिया। आखिर में पुलिस को दखल देनी पड़ी। कुछ गांववालों को गिरफ्तार किया गया और पुलिसवालों ने जबरन अंतिम संस्कार कराया। आगे किसी तरह ही अप्रिय घटना को टालने के लिए गांव में बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात है। डिस्ट्रिक्ट कलक्टर ने कहा कि गांव में 15 दिनों तक फोर्स रहेगी। बता दें कि शुक्रवार रात मांडर ब्लॉक के कंजिया मरायटोली गांव में पांच महिलाओं को डायन बताकर उनकी भालों से गोदकर और पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई थी।
बाकी बची महिलाओं की हत्या की भी चेतावनी, हंस रहे थे गांववाले
गांववालों के गुस्से का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गिरफ्तार होने के बाद उन्होंने पुलिस के सामने ही हत्या में शामिल होने की बात कबूली। जिंदा बची दो महिलाओं की हत्या की भी चेतावनी दी। जब पुलिसवाले पहुंचे तो महिलाओं के निर्वस्त्र शव के पास सौ के आसपास गांववाले मौजूद थे। इनमें महिलाएं, बूढ़े और बच्चे भी थे। सभी मुस्कुरा रहे थे। किसी के चेहरे पर अपराध करने का कोई मलाल नजर नहीं आया। मारी गई महिलाओं के घरवालों के साथ दुख जताने वाला कोई नहीं था। सभी कह रहे थे कि अब इस गांव से आफत काफी हद तक टल गई है। दो और बची हैं, कुछ दिनों में उनका भी सफाया कर दिया जाएगा।
मां के अंतिम दर्शन नहीं कर सका फौजी
चंडीगढ़ में 20 बिहार रेजीमेंट में पोस्टेड फौजी अनिल खलखो अपनी मां के अंतिम दर्शन नहीं कर सका। अनिल खलखो, जसिंता टोप्पो का बेटा है, जो उन पांच महिलाओं में शामिल है, जिनकी हत्या कर दी गई। अनिल खलखो देर शाम अपने घर पहुंचा। लेकिन इसके पहले ही उसकी मां के शव को दफना दिया गया था। घरवालों ने बताया कि वे लोग अंतिम संस्कार के लिए अनिल का इंतजार भी नहीं कर सकते थे, क्योंकि पुलिस बार-बार शव को जल्दी दफनाने के लिए दबाव बना रही थी। घर पहुंचकर अनिल अपनी बहनों से लिपटकर रो पड़ा। कुछ देर बाद उसने मां की कब्र पर जाकर फूल चढ़ाए।
क्या है मामला
इस गांव में दो अगस्त को 15 साल के विपिन खलखो की मौत हो गई थी। उसे पीलिया हुआ था। विपिन की बहन कुसुम ने गांववालों को बताया कि गांव की सात महिलाएं डायन हैं, जो उसके भाई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। कुसुम ने यह भी कहा कि जहां विपिन के शव को दफनाया गया, वहां देर रात सातों महिलाएं जादू-टोटका करती हैं। इसके बाद, शुक्रवार शाम गांव के 100 लोगों ने बैठक की। इसमें फैसला लिया गया कि सातों महिलाएं डायन हैं। इनकी हत्या कर दी जाए। इसके बाद हथियारों से लैस ग्रामीणों ने उन महिलाओं के घरों पर धावा बोल दिया। पांच महिलाओं को बाल पकड़कर घसीटते हुए लाए। सभी को निर्वस्त्र कर दिया। लाठी-डंडे से पिटाई की। भाले से गोद डाला। बाद में सभी के चेहरे पत्थर से कुचल दिए।

अलका अटैक मामले में नया मोड़, CCTV फुटेज में तोड़फोड़ करती दिखीं विधायक


नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी(आप) विधायक अलका लांबा पर हुए हमले के मामले में नया मोड़ आ गया है। दिल्ली के एक दुकानदार ने लांबा और उनके समर्थकों पर तोड़फोड़ का आरोप लगाया है। पूरे मामले का CCTV फुटेज भी पुलिस को सौंपा है। फुटेज में अलका लांबा एक मिठाई दुकान पर समर्थकों के साथ छापामारी करने पहुंची थीं। उनके समर्थकों ने दुकानों के काउंटर पर सामान फेंक दिया। खुद विधायक भी फुटेज में दुकान के काउंटर पर रखी बिलिंग मशीन को धक्का देती नजर आ रही हैं। 'आप' विधायक पर दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में पत्थर फेंका गया था। इससे उनके सिर में चोट आई थी। वे यहां नशा मुक्ति अभियान के सिलसिले में पहुंची थी। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले, हमले को लेकर आप ने बीजेपी पर निशाना साधा। आप लीडर कुमार विश्वास ने सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले लिया। विश्वास ने ट्वीट किया- जिल्लेसुभानी का "बेटी बचाओ" आन्दोलन.यही सब कीचड़-हमला-अपयश रणनीति दिल्ली में की थी, यही परिणाम पंजाब में मिलेगा भक्तों।
आशुतोष ने भी बीजेपी की ओर इशारा किया
आप के सीनियर लीडर आशुतोष ने ट्वीट कर इस हमले के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ''स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी दी है कि जिन लोगों ने अलका लांबा पर हमला किया वह एक मिठाई की दुकान में काम करते हैं। मिठाई की दुकान बीजेपी के विधायक ओम प्रकाश शर्मा की है।'' हालांकि, उन्होंने बाद में यह भी कहा कि उन्होंने किसी पर सीधे आरोप नहीं लगाया है। आशुतोष ने कहा, ''हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि यह साफ नहीं है कि यह संयोग है या साजिश। हम सिर्फ उन्हीं फैक्ट्स को रख रहे हैं जो स्थानीय लोगों ने बताए।''
लांबा ने कहा- सिर भले ही फूटे, नहीं छोड़ूंगी मैदान
आप की विधायक 'नशा मुक्त भारत' अभियान चला रही हैं। आप समर्थकों ने इसे '9 अगस्त क्रांति दिवस' का नाम दिया है। वह नशे के खिलाफ कैंपन करने गईं थीं। अपने ऊपर हमले की जानकारी लांबा ने सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, '' 9 अगस्त क्रांति दिवस.. नशे के खिलाफ यह जंग जारी रहेगी.. यह हमारी जिद्द है... नशे के खिलाफ लड़ाई का अंजाम... मुझ पर हमला कर मेरा सिर फाड़ दिया गया, खून बहने के बावजूद भी मैं मैदान नहीं छोडूंगी.. अगस्त क्रांति दिवस..।'' हॉस्पिटल में इलाज के बाद लांबा ने कहा, ''कुछ लोग नहीं चाहते है कि दिल्ली में नशा खत्म हो, इसलिए वे हमले की साजिश कर रहे हैं।''

कोटा के वकीलों के भीष्मपितामह पूर्व कोंसिल अध्यक्ष महेश गुप्ता एडवोकेट

ज़िन्दगी एक संघर्ष है और संघर्ष में अगर होसला ,,,अनुशासन ,,सलाहियत शामिल हो तो ज़िंदगी में कामयाबी ही कामयाबी है ,,जीत ही जीत है ,,खुशियां ही खुशियाँ है ,,मुसीबतों से घबराओ मत ,,,,दुश्मन को ताक़तवर देखकर हार मत मानो बस लड़ते रहो लड़ते रहो ,,आखिर में जीत आपके क़दम चूमेगी ,,,यही कुछ सीख देते है कोटा के वकीलों के भीष्मपितामह पूर्व कोंसिल अध्यक्ष महेश गुप्ता एडवोकेट अपने अधीनस्थ साथियों को ,,,,,,,,,,,,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ वरिष्ठ अभिभाषक महेश चंद गुप्ता की जो ना हारे है ,,न थके है ,,सिर्फ चलते रहना उनका काम है ,,,बच्चो में बच्चे ,,बढ़ो में बढ़े ,,बुज़ुर्गों में बुज़ुर्ग हर दिल क़ज़ीज़ महेश चंद गुप्ता कोटा अभिभाषक परिषद के वरिष्ठ वकील होने के नाते सभी वकील साथियों में लोकप्रिय है और इसीलिए वकीलों के आप भीष्मपितामह कहे जाने लगे है ,,,,महेश गुप्ता एडवोकेट का जन्म रामगंजमण्डी में हुआ प्रारम्भिक शिक्षा कोटा ,,फिर झालावाड़ हुई ,,मध्यप्रदेश से इंटर पास कर आपने पहले कोटा से इलेक्ट्रिक में आई टी आई की ,,नौकरी की लेकिन पिता सहकारिता में अधिकारिता थे उनको यह नौकरी पसंद नहीं थी इसलिए महेश गुप्ता ने पहले जयपुर में एल एल बी में दाखिला लिया ,,फिर जोधपुर से एल एल बी की मुकम्मल पढ़ाई की ,,,,महेश गुप्ता ने पूर्व हाईकोर्ट जज जस्टिस पानाचंद गुप्ता के साथ वकालत के गुट सीखे लेकिन अध्ययन और संघर्ष इनके मिजाज़ में शामिल होने से वकालत में वकीलों के नेतृत्व मामले में इन्होने खुद को आकाश कर लिया ,,,,,,,कोटा के वकीलों में किसी का भी दुःख दर्द हो ,, मोत मय्यत हो महेश गुप्ता ऐसे वकील साथी की मदद के लिए हमेशा तत्पर नज़र आते है ,कोटा के किसी भी वकील के निधन पर शोकसभा हो आप हर शोकसभा में उपस्थित होते है ,,समय पर आकर उस वकील के जीवन पर खुलकर रौशनी डालते है ,,,हाज़िर जवाबी ,,निर्भीकता ,,,नीडरता ,,हर दिल अज़ीज़ ,,सेवाभावी ,,खुशनुमा मिजाज़ ,,समर्पित सेवा भाव ,,,,,,क़ानून में मास्टरी ,,,साफगोई ,,संघर्षशीलता ,,,,,,,,,महेश गुप्ता एडवोकेट की पहचान है ,,,,,,,,,,,,महेश गुप्ता राजस्थान बार कोंसिल के तीन बार नीर्वाचित सदस्य रह चुके है ,,,यह बार कोंसिल राजस्थान के अध्यक्ष पद पर भी नीडरता से काम करने वाले पहले अध्यक्ष माने जाते है ,,,,,,,,इनके कार्यकाल में वकीलों के लिए शैक्षणिक सेमिनार आयोजित की गई ,,तो वकीलों के एकेडमिक कार्य के लिए इनका प्रमुख योगदान रहा ,,,,,,,,,,,,कोटा के वकीलों का कोई भी संकट हो ,,दुःख हो ,,ख़ुशी हो ,,,महेश गुप्ता हर घडी के साक्षी बनते है ,,,संकट काल में ,, संघर्ष काल में महेश गुप्ता हमेशा वकीलों के मान ,,संम्मान ,,मर्यादा की लड़ाई में अव्वल रहते है ,,चाहे एक वकील को हथकड़ी लगाकर अपमानित करने का मामला हो ,,चाहे आम जनता पर मनमानी कोर्टफीस थोपने की सरकारी हिमाक़त हो ,,,चाहे कोटा में किसी जज या अधिकारी की वकीलों के साथ बद सलूकी हो ,,,,वकीलों के हक़ की लड़ाई हो ,,,हाईकोर्ट बेंच की मांग हो ,,ऐ डी जे परीक्षा घोटाला काण्ड हो ,,,,,,,,,,,,पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष हो ,,महेश गुप्ता ने हमेशा स्थानीय नेतृत्व को होसला दिया है ,,साथ दिया है ,,हमेशा अपने सुझावों से ,,,,अपनी सक्रियता से ऐसे हर आंदोलन को मज़बूती के साथ ज़िम्मेदारी के साथ जीत के नतीजे तक पहुंचाया है ,,,,,,,,,महेश गुप्ता एडवोकेट किसी अधिकारी ,,किसी नेता की गुलामी या चमचागिरी ,चापलूसी पसंद नहीं करते है वोह मुंह पर वकीलों के हक़ की बात करते है इसलिए कई अधिकारीयों और नेताओं की महेश गुप्ता आँख की किरकिरी भी बने है ,,,,,,,,हंसो ,,हँसाओ ,,दूसरों की मदद करो ,,न झुको ,,, न झुकाओ ,,ना डरो ,,ना डराओ ,,,,,,,,,बस ना काहू से दोस्ती ,,ना काहू से बेर के सिद्धांत पर सभी को साथ लेकर चलना महेश गुप्ता अपना स्वभाव बना चुके है ,,,,वोह खुद से भी लड़ते है ,,बीमारी से भी लड़ते है और जीतकर फिर से हमारे बीच में एक नौजवान की तरह ज़िंदाबाद रहते है ,,महेश गुप्ता किसी सियासी पार्टी से वाबस्ता नहीं रहे ,,मात्र सेवा भाव उनका सिद्धांत है ,,उनकी नेतृत्व क्षमता का उदाहरण देखिये के कई सालों पहले जब मॉर्निंग वाक् का चलन कम हुआ करता था तब महेश गुप्ता एडवोकेट ने कोटा उद्यान में आने वालों को एक जुट कर हंसना सिखाया ,,,एक साथ जोड़ा और मॉर्निंग क्लब के नाम से एक क्लब गठित कर सभी लोगों को एक जुट कर दिया ,,इधर नयापुरा उद्यान में जब डीज़ल की पर्यटन ट्रेन से पर्यावरण के नुकसान की चिंता हुई तो इसके लिए सीधा संघर्ष किया जब सरकार नहीं मानी तो राजस्थान हाईकोर्ट में कार्यवाही कर डीज़ल इंजन की जगह पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से गैस का रेल इंजन लगवाकर ही ट्रेन चालु होने दी ,,इसके लिए उन्हें विरोध का सामना भी करना पढ़ा लेकिन वोह ना डरे ,,न बहके ,,सिर्फ लड़े और जीते ,,,,,,,,,,,,,,,महेश गुप्ता एडवोकेट का कहना है के हिंदुस्तान में किसी भी कोने में अगर वकील पर कोई संकट आये तो वोह वकील का बोर्ड देखे और स्थानीय वकील के पास जाए उसकी समस्या का समाधान ज़रूर निकलेगा उसे मदद ज़रूर मिलेगी ,,उन्होंने एक क़िस्सा सुनाया शिमला हिल स्टेशन जब महेश गुप्ता और एक साथी अपने परिवार के साथ शाम शिमला पहुंचे तो वहां कोई होटल खाली नहीं मिला ,,आखिर परेशान होकर थक हार कर जब एक वकील साहब का बोर्ड देखा उनका दरवाज़ा खटखटाया तो वकील साहब ने दोनों परिवारो को घर में ही ठहराया ,,,खाना भी आधीरात को खिलवाया और खुद वकील साहब बाहर रसोई के पास सोये लेकिन मेहमानो को सम्मान के साथ सुविधाओ के साथ रहने की जगह दी ,,,,,,,,,,,,तो दोस्तों महेश गुप्ता आने वाली युवा पीढ़ी ,,युवा वकीलों के लिए एक आदर्श है ,,,,मुखर अधिवक्ता है ,,ज़िंदाबाद है ,,ऐसी शख्सियत को सेल्यूट ,,सलाम ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

महात्मागांधी राष्ट्रपिता शब्द से भी ऊपर है

महात्मागांधी राष्ट्रपिता शब्द से भी ऊपर है विश्व स्तर पर भारत की पहचान महात्मा गांधी के ही नाम से है और अमेरिका से लेकर विश्व के अधिकतम शासक शासन चलाने और जनता शासन के खिलाफ संघर्ष में गांधी विचारधारा का ही इस्तेमाल करती है ,,,फिर भी हमारे देश के कुछ लोग जिन्होंने कभी देश के आज़ादी के आंदोलन में साथ नहीं दिया सिर्फ अंग्रेज़ों की भक्ति दिखाई ,,मुखबीरी की आज वोह लोग उनकी युवा पीढ़ी गांधी और उनकी विचारधारा को सोशल मिडिया के ज़रिये दूसरे प्रचारों के ज़रिये दूषित करने का प्रयास कर रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं करना चाहिए ,,,उक्त उदगार प्रकट करते हुए आज यहां इंजीनियर भवन विज्ञाननगर में आयोजित महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति कोटा शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोते हुए विश्व स्तरीय गांधी विचारक पूर्व कुलपति कोटा विश्विद्यालय प्रोफ़ेसर डॉक्टर नरेश दाधीच ने खुले शब्दों में कहा के गांधी के सिर्फ वही लोग आलोचक है जिन्होंने देश के आज़ादी के आनदोलन में सिर्फ अंग्रेज़ो का साथ दिया है ,,,उन्होंने कहा के गांधी एक दर्शन है ,,एक विचार है जो केवल भारत में ही नहीं बल्कि विषय में अपनी पहचान बना चूका है और इस विचारधारा को विश्व के सभी देशो ने अंगीकार भी किया है ऐसे में गांधी की छवि धूमिल करने के प्रयासों में जुटे लोगों को अपने गिरेहबान में झांकना चाहिए ,,,उन्होंने कहा के में जब हॉलैंड के एक छोटे से क़स्बे में गांधी दर्शन पर व्याख्यान के लिए गया तो स्टेशन से टेक्सी से होटल के लिए रवाना हुआ ,,टेक्सी वाले का सीधा सवाल था आप कहा से में कहा भारत से ,,टेक्सी वाले का फिर सवाल गांधी के देश से ,,,इस पर मेने सवाल किया ,,गांधी को तुम कैसे जानते हो क्या तुम भारत गए ,,टेक्सी ड्रायवर का जवाब था में हॉलैंड से बाहर नहीं गया लेकिन हॉलैंड की जनता अक्सर अपने अहिंसात्मक आंदोलन में गांधी की तस्वीर लगाकर आंदोलन करती है और इसीलिए गांधी विश्वस्तर पर अपने हक़ के संघर्ष की पहचान है ,,,,,,,,,,,डॉक्टर दाधीच ने कहा के द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वाइसराय से जब ब्रिटिश हुकूमत ने कहा के भारत के हर ज़िम्मेदार का ब्रिटिश के पक्ष में समर्थन लो,,,वाइसराय ने कोशिश भी की सभी कोंग्रेसी लगभग पक्ष में थे लेकिन महात्मा गांधी का कहना था के अँगरेज़ अगर भारत की आज़ादी की शुरुआत करते है तो हम आपका साथ देंगे ,,वाइस राय ने ब्रिटिश हुकूमत से कहा के में पुरे भारत के लोगों से अपनी बात मनवा सकता हूँ लेकिन एक शख्स करम चंद गांधी है जिसे नहीं मना सकता और सभी लोगों के मानने के बाद भी गांधी नहीं माने तो देश का कोई भी नहीं मानेगा ,,,दाधीच ने कहा के राष्ट्रपिता की उपाधि गांधी को उनके समर्थकों ने नहीं बल्कि उनके खिलाफ लोगों ने दी थी ,,,खुद सुभाष चन्द्र बॉस जो गांधी की अहिंसा विचारधारा के खिलाफ थे उन्होंने गांधी को राष्ट्रपिता कहा और स्वीकार किया के भारत की आज़ादी की लड़ाई चाहे अलग अलग धड़ों में लड़ी जा रही हो लेकिन इस लड़ाई का नेतृत्व सिर्फ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का है ,,,,,,,,,,,,,,प्रोफेसर दाधीच ने कहा के गांधी जी जब भारत में दक्षिणी अफ्रीका से आये और उन्होंने राजनीती में आने की इच्छा जताई तो उनसे उनके गुरु ने एक साल देश का भ्रमण कर देश के लोगों और समस्याओं को समझने का सुझाव दिया ,,देश का भृमण कर महात्मा गांधी जब बनारस की कांग्रेस की बढ़ी सभा में पहुंचे तो वहां एनी बेसेंट ,,,महाराजा सहित कई वरिष्ठ लोग थे ,,गांधी की भारत में पहली सियासी मजलिस थी ,,सभी लोगों ने अंग्रेजी में भाषण दिया ,,,आखिर में जब गांधी का नंबर आया तो उन्होंने विनम्रता से कहा के हम जिन लोगों की समस्याओं की बात कर रहे है उनकी भाषा में बात नहीं कर रहे ऐसे में हम उन लोगों के लिए कैसे संघर्ष करेंगे ,,उन्होंने कहा के हम गरीबों की बात करते है लेकिन हमारे महाराजा चार किलों सोना पहन कर बैठे है ,,इस पर मंच पर बैठे सभी लोगों ने ऐतराज़ जताया ,,गांधी को बैठने के लिए कहा गया ऐसे में गांधी ने कहा के आप बढ़े लोग हो में बैठ जाऊँगा लेकिन जो मुझे सुन रहे है पहले उनसे उनकी राय ले लेते है इस पर जो लोग गांधी को सुन रहे थे उन्होंने गांधी को पूरा सूना ,,तभी से कांग्रेस का विधान बना जिसमे खादी पहनना ,,,समाजवाद ,,सहित दस मूल सिद्धांत बनाये गए ,,,,,,,,,,दाधीच ने कहा के महात्मा गांधी जब दक्षिणी अफ्रीका एक केस के सिलसिले में गए तो उन्होंने विवाद में समझोता करवाया बाद में जब वोह आने लगे तब एक समारोह में उन्होंने सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का हवाला दिया तो उन्हें दक्षिणी अफ्रीका वालों ने जबरन रोक लिया ,,गांधी ने दो शर्त रखी एक तो सार्वजनिक हित का संघर्ष होने से वोह किसी से कोई फीस ,,महंनताना नहीं लेंगे ,,दूसरे उनके पत्नी बच्चे है इसलिए उनकी आवश्यक ज़रूरतों की ज़िम्मेदारी दक्षिणी अफ्रीका वालों को उठाना होगी ,,तब से गांधी ने दक्षिणी अफ्रीका वालों से कोई फीस नहीं ली ,मुक़दमे भी लड़े ,,इंसाफ भी दिलवाया ,,जब गांधी भारत आने लगे तो दक्षिणी अफ्रीका वालों ने गांधी को सोने के ज़ेवर बहुतायत से दिए ,,गांधी और उनकी पत्नी के बीच रात भर झगड़ा होता रहा ,,गांधी कहते थे यह सोना हम नहीं लेंगे पत्नी कहती थी के बिना मांगे यह सोना मिला है बच्चो के काम आएगा इसलिए रख लो ,,आखिर सुबह हुई गांधी ने सारा सोना वापस लोटा कर एक ट्रस्ट बना दिया जिससे दक्षिणी अफ्रीका में इंसाफ का संघर्ष होता रहा ,,नेल्सन मंडेला जो एक नक्सली गुरिल्ला युद्द लड़ने में पारंगत थे उन्हें जब जेल हुई और काल कोठरी में उन्हें गांधी का साहित्य दिया गया तो पुरे बीस साल नेल्सन मंडेला ने गांधी के विचार और पढ़ने में निकाल दिए और अहिंसा का रास्ता अपनाकर अपनी लड़ाई जीत ली ,,खुद अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा रोज़ सुबह अपने कमरे में गांधी की तस्वीर रखते है प्रणाम करते है कहते है के मुझे रोज़ हमलों के कागज़ों पर हस्ताक्षर करना पढ़ते है ,,गांधी का स्मरण कर कुछ एक मामलों में में हस्ताक्षर टाल देता हूँ ,,आज़ादी के बाद एक अंग्रेजी अख़बार के संपादक ने जवाहरलाल नेहरू से पूंछा के आप क़ाबिल है ,,,सरदार बल्लब भाई पटेल ,,डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद क़ाबिल है फैसले ले सकते है जनता के निर्वाचित है फिर आप खुद फैसला लेने की जगह गांधी के पास क्यों भेजते है इस पर नेहरू मुस्कुराये उन्होंने कहा के हमे पता है के हम फैसला लेने की क्षमता रखते है ,,सही फैसले होते है ,लेकिन हमारे फैसले जनता की निगाह में संदिग्ध होते है और वही फैसला गांधी करते है तो जनता उसे निर्विवाद तरीके से बिना किसी संदेह के सर्वसम्मति से स्वीकार कर लेती है क्योंकि उसमे सियासत ,,मतलबपरस्ती नहीं होती ,,,,,,,,कार्यक्रम में डॉक्टर अविनाश ने बोलते हुए गांधी के आर्थिक दर्शन के बारे में समझाया ओर कहा के गांधी पूंजीपतियों का एक हिस्सा आम लोगों के लिए खर्च करवाने की मंशा रखते थे जिसे उस वक़्त के उद्योपतियों ने स्वीकार भी किया जो वर्तमान में नया क़ानून कॉर्पोरेट सेक्टर द्वारा अपनी आय का दो प्रतीशत जनता के हित में खर्च करने का क़ानून बनाया है ,कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पंकज मेहता ने कहा के गांधी दर्शन देश का ही नही विश्व का दर्शन है ,,आज नो अगस्त कांग्रेस का दिन है ,,अंग्रेज़ों भारत छोडो का दिन है जो गांधी दर्शन से ही सम्भव हुआ है ,,पंकज मेहता ने अफ़सोस जताय के कुछ शरारती तत्व गांधी की विचारधारा ,,गांधी के दर्शन और गांधी की छवि को मिडिया के माध्यम से बिगड़ने का प्रयास कर रहे है जो चिंता का विषय है ,,,,,,,,,,,,,,कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र विजयवर्गीय ने किया इसके पूर्व पंकज मेहता ने महमानों का सूत की माला पहना कर स्वागत किया और गांधी के चित्र पर भी माला पहनाकर उनका स्मरण किया ,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

स्कूलों से उर्दू खत्म करने के खिलाफ एक प्रतीनिधी मंडल मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के कोटा आगमन पर मिलेगा

तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सरपरस्त क़ाज़ी ऐ शहर कोटा हाजी अनवार अहमद के नेतृत्व में राजस्थान के स्कूलों से उर्दू खत्म करने के खिलाफ एक प्रतीनिधी मंडल मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के कोटा आगमन पर मिलेगा ,इस मामले में जिला प्रशासन को पूर्व सुचना दी जा रही है ,,मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया आगामी चोवदाह ,,पन्द्राह अगस्त को कोटा में ही रहेंगी ,,,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की बैठक में आज यह निर्णय लिया गया ,,बैठक में कल सोमवार दस अगस्त को जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन मामले में भी शानतिपूर्ण प्रदर्शन मामले में निर्देश जारी किये गए ,,,बैठक में निर्णय लिया गया के राजस्थान के हर ज़िले में तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की जिला कमेटियां आगामी पच्चीस अगस्त तक घोषित कर दी जाएंगी और आगामी सत्ताईस तारीख तक अगर सरकार कोई कार्यवाही नहीं करती है तो रिवीव बैठक में राजस्थान के सभी जिला कमेटियों से सम्पर्क कर सरकार आपके द्वार के वक़्त सरकार के कोटा आगमन पर विशाल शांतिपूर्ण प्रदर्शन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा ,,,,उर्दू को ज़िंदा रखने के लिए इस प्रदर्शन में सभी साहित्यकार ,,उर्दू हमदर्द शामिल होंगे और प्रदर्श की तैयारियों में कोशिश की जायेगी के यह प्रदर्शन राजस्थान की सड़को पर अब तक का होने वाला सबसे बढ़ा ऐतिहासिक प्रदर्शन हो ,,इसके लिए तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की तैयारियां पूरी है ,,बैठक में लगातार सरकार के प्रतियन्धियों से सम्पर्क में रहकर लोकतांत्रिक तरीके से राजस्थान में उर्दू को यथावत रखने ,,खाली पद भरने ,,गुजराल कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की मांग पर चर्चा करते रहने पर भी विचार हुआ ,,लेकिन अगर बातचीत से कोई हल नहीं निकला तो मजबूरी में विशाल प्रदर्शन का निर्णय करना ही होगा जिसकी ज़िम्मेदारी राजस्थान सरकार की होगी ,बैठक में तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की कमेटी का विस्तार किया गया जिसमे एडवोकेट अख्तर खान अकेला कन्वीनर ,,,अमीन खान ट्रेज़रार ,,नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद ,,,ज़ाकिर हुसेन ,,रईस नवाब ,,नजीमुद्दीन सिद्दीक़ी ,,मोहम्मद शफी ,,,नईम फलाही ,,सैफुल्ला भाई ,,मुज़फ्फर राहीन को नामज़द किया गया जो सरपरस्त शहर क़ाज़ी अनवार अहमद से मशवरा कर उनके निर्देशानुसार अपने साथियों के साथ मिलकर इस आंदोलन को सफल बनाने के प्रयास करेंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान का शीघ्र ही पोस्टर प्रचार अभियान शुरू होने जा रहा है जिसमे सभी उर्दू के हमदर्द शामिल होने ,,ध्यान रहे अब तक इस मामले में तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के लोग लोकतांत्रिक तरीके से ज़रिये जिला कलेक्टर मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को अपनी बात पहुंचा चुके है ,,कोटा सांसद ओम बिरला ,,कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ,,कोटा उत्तर विधायक प्रह्लाद गुज्नल ,,,लाडपुरा विधायक भवानी सिंह राजावत ,,,,,,,,,,विधायक हबीबुर्रहमान ,,,,,,,,,शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ,,,,,,,,,,,,,राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच कोटा शाखा की श्रीमती मधु शर्मा ,,,,,राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के राष्ट्रिय मार्गदर्शक प्रेरक इन्द्रेश कुमार सहित कई विधायकों ,,अधिकारीयों से वार्ता की जा चुकी है ,,खुद निदेशक शिक्षा विभाग सुआ लाल से कोटा आगमन पर विस्तृत चर्चा हुई जिन्होंने ने भी उर्दू विषय के मामले में की गई कार्यवाही को नियमों के खिलाफ बताते हुए हाल ही में मांगे गए नए प्रस्ताव के तहत पुनर्समीक्षा के बाद कार्यवाही के निर्देश देने का आश्वासन दिया है ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

   
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