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11 अगस्त 2015

आई ड्रॉप की जगह मां ने बच्चों की आंख में डाला फेविक्विक, 18 घंटे बाद खुली आंखें

महिमा, रितिका और कालिया की आंख में मां ने दवा की जगह फेविक्विक डाल दिया था।
महिमा, रितिका और कालिया की आंख में मां ने दवा की जगह फेविक्विक डाल दिया था।
इंदौर। कई बार अनजाने में कुछ ऐसा हो जाता है जो जीवन में भूचाल ला देता है। अलीराजपुर जिले के अांबुआ में रहने वाले दिनेश के परिवार के साथ सोमवार को कुछ ऐसा ही हुआ। सुबह जब दिनेश के तीनों बच्चे जागे तो उनकी आंख ही नहीं खुली। घबराए माता-पिता इन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे तो पता चला मां ने रात में आई ड्रॉप की जगह उनकी आंख में फेविक्विक डाल दिया था। इससे उनकी आंखें पूरी तरह चिपक गई थी। इसे मुश्किल केस मानते हुए डॉक्टर ने दाहोद के दृष्टि नेत्रालय रेफर कर दिया, जहां चार डाॅक्टरों की टीम ने 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आंख खोलने में सफलता पाई। इस दौरान करीब 18 घंटे तक बच्चों की आंखें बंद रही और उनके माता-पिता की सांसे अटकी रही।

 यह है पूरा घटनाक्रम
आंबुआ के छोटा इटारा में रहने वाले दिनेश की बेटी महिमा (7), रितिका (4) और कालिया (2) की आंखों में रविवार शाम से दर्द था। तकलीफ देख मां भंगड़ीबाई, मेडिकल स्टोर से आई ड्रॉप ले आई। घर पहुंचकर वह ड्रॉप रख कुछ काम करने लगी। इतने में बच्चे के कराहने की आवाज आर्इ तो मां ने जल्दबाजी में आई ड्रॉप की जगह पास रखी फेविक्विक उठाकर तीनों बच्चों की आंख में डाल दिया। सुबह जब वह उन्हें उठाने गई तो तीनों की आंखें पूरी तरह चिपक गई थी। कुछ देर कोशिश के बाद भी जब आंख नहीं खुली तो माता-पिता उन्हें लेकर आंबुआ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां डॉ. शुभेंद्र सिंह ने जांच के बाद उन्हें दृष्टि नेत्रालय दाहोद रेफर कर दिया।

चार डॉक्टरों ने छह घंटे की मशक्कत के बाद पाई सफलता
दृष्टि नेत्रालय की एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. श्रेया शाह ने बताया कि इस तरह का केस उनके लिए भी पहला ही था। हॉस्पिटल के मेडिकल इंचार्ज डॉ. मेहुल शाह के मार्गदर्शन में चार डॉक्टरों की टीम ने बच्चों का इलाज शुरू किया। डॉक्टरों को सबसे ज्यादा मुश्किल बच्चों की आंख खोलने में हुई। काफी प्रयास के बाद एक बच्चे की आंख खोलकर उसकी सफाई शुरू की, ताकि आंख में जमा फेविक्विक निकाला जा सके। इसके बाद दूसरे और फिर तीसरे बच्चे के साथ भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। डॉ. शाह के अनुसार, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनाैती बच्चों के आंखों की रोशनी बचाना था। इसके लिए सुबह 10 बजे से इलाज शुरू हुआ जो शाम साढ़े चार बजे तक चला। करीब एक घंटे तक डॉक्टरों ने बच्चों को अपनी देखरेख में रखने के बाद छुट्टी दे दी। बच्चों की आंख पूरी तरह से ठीक होने में करीब 15 दिन का समय लगेगा।

उखड़ गए पलकों के बाल 
डॉ. शाह ने बताया कि बच्चों की आंख खोलने के दौरान उनके पलकों के बाल तक उखड़ गए। उन्होंने कहा कि महिमा की आंख में सबसे ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ी। क्योंकि उसकी आंख में सबसे ज्यादा फेविक्विक जमा था। बच्चों का पूरा इलाज अस्पताल की तरफ से किया गया। इसके लिए अस्पताल ने उनसे कोई चार्ज नहीं लिया। अस्पताल में प्रतिवर्ष करीब 10 हजार ऑपरेशन होते हैं, जिनमें से करीब 80 प्रतिशत नि:शुल्क किए जाते हैं। इन बच्चों का इलाज भी इसी के तहत हुआ है।

J&K असेंबली स्पीकर को न बुलाने पर कायम पाक, कहा- चाहे तो कॉन्फ्रेंस छोड़ दे भारत

J&K असेंबली स्पीकर को न बुलाने पर कायम पाक, कहा- चाहे तो कॉन्फ्रेंस छोड़ दे भारत
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर सरदार एयाज सादिक ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान अपने यहां अगले महीने होने वाले राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन (Commonwealth Parliamentary Conference) में कश्मीर विधानसभा के स्पीकर को नहीं इनवाइट करने के अपने फैसले पर कायम है। सादिक कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी हैं। सादिक के मुताबिक, अगर भारत इस कॉन्फ्रेंस को बायकॉट करने का फैसला करता है तो यह उसकी च्वाइस होगी।
सादिक ने कहा, ''इस संबंध में पाकिस्तान का रुख साफ है। वह कश्मीर विधानसभा को वैध विधानसभा नहीं मानता और इस कारण अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में उसके अध्यक्ष को बुलाने का सवाल ही नहीं है। जम्मू-कश्मीर का विवाद 1947 से चला आ रहा है। यह अनसुलझा विवाद है और यूएन के विचाराधीन लिस्ट में शामिल भी है। अगर भारत कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को नहीं बुलाए जाने के सवाल को लेकर सम्मेलन में शामिल नहीं होता है तो यह उसका फैसला है। हम इसमें कुछ नही कर सकते।”
कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस 30 सितंबर को पाकिस्तान में होना है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन कह चुकी हैं कि अगर पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर कविंदर गुप्ता को नहीं बुलाया जाएगा तो भारत इसमें शामिल नहीं होगा। पाकिस्तान ने सीपीए की मीटिंग के लिए भारत की सभी विधानसभाओं के स्पीकरों को तो बुलावा भेजा है, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर को न्योता नहीं दिया है।

मांग को लेकर धरने पर बैठे शिक्षक, पुलिस के हटाने की कोशिश पर हुई धक्कामुक्की


जयपुर। राज्य के शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। स्कूली शिक्षकों ने शिक्षा संकुल के प्रमुख द्वार पर बैठकर धरना शुरू किया। रविवार से शुरू हुए धरने में राज्य भर से 50 से ज्यादा शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने धरने में अपनी मौजूदगी दर्ज की है।
धरना कर रहे शिक्षकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की कोशि की। पुलिस ने संकुल का मुख्य द्वार बंद कर दिया। इस पर शिक्षक मुख्य द्वार पर ही बैठ गए। पुलिस ने धरना खत्म करने के लिए जोर जबरदस्ती भी की लेकिन शिक्षक अपन मांगों को लेकर अड़ रहे।
32 संगठन शामिल
अखिल भारतीय शिक्षक मोर्चा संघ के प्रवक्ता विपिन शर्मा ने बताया कि इस धरने में 32 संगठन शामिल हैं। शिक्षकों की सात सूत्रीय मांगे हैं। इन मांगों को लेकर राज्यभर के शिक्षक पिछले कई महीनों से शिक्षा मंत्री का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में शिक्षकों ने धरने की ठानी है। उनके अनुसार धरना 33 दिन चलेगा। रविवार को प्रदेश के संगठन पदाधिकारियों ने धरने में शिरकत की। सोमवार से राज्य के हर जिले से रोजाना 51 शिक्षक धरने पर बैठेंगे।
ये हैं मांगें
स्कूलों की समय वृद्धि को वापस लिया जाए, स्कूलों के निजीकरण के लिए पीपीपी मॉडल को वापस लिया जाए, तबादला नीति लागू की जाए, 2012 का नियमितिकरण के वेतन विसंगति को खत्म किया जाए समेत सात मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है। ���������������
������������� राजस्थान शिक्षक एवं शिक्षा बचाओ संयुक्त मोर्चा का आह्वान : - - �������� प्रदेश के समस्त शहरों और कस्बों में 12/08/2015 को पुतला दहन । - �������� 02/09/2015 को एक दिवसीय हड़ताल । समस्त शिक्षक 2 सितम्बर को हड़ताल पर रहेंगे। - ������ - - - महावीर सिहाग सदस्य, राज्य संचालन समिति रा.शिक्षा एवं शिक्षक बचाओ संयुक्त मोर्चा

कोटा में सरकार आपके द्वार

कोटा में सरकार आपके द्वार ,,कोटा में गौरवशाली स्वतंत्रता दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम एक चुनौती है ,लेकिन संवेदनाओ के साथ ,,आम लोगों के जज़्बातों की समझ के साथ ,,सोशल इंजीनियरिंग और सोशल क्रोनिक बीमारियों के इलाज के साथ यह सब सफलता पूर्वक करने के प्रयास कर रहे है कोटा जिला कलेक्टर डॉक्टर रवि कुमार सुरपुर ,,,,,जी हाँ दोस्तों इन दिनों कोटा जिला कलेक्टर अपने चिकित्स्कीय प्रबंधन के अनुभवों का भी फायदा उठाते है तो प्रशासनिक कामयाब अनुभवों के तहत संवेदनशील मुद्दों पर आम लोगों से चर्चा कर उन्हें मनोवैज्ञानिक तरीके से समझा कर यह शहर आपका है ,,इसकी सुख शानति ,,समृद्धि आपकी है समझाकर कई संवेदनशील मुद्दो को शांत करते नज़र आते है ,,,,कोटा कलेक्टर डॉक्टर रवि प्रकाश कोटा शहर के विकास ,,, कोटा शहर के भविष्यगामी कार्यक्रमों को लेकर चिंतित है लेकिन उनकी तैयारियां कामयाबी के साथ हर कार्यक्रम को क्रियान्वित करने की तरफ है ,,,,,हाल ही में कुछ संवेदन शील मुद्दों को कोटा कलेक्टर डॉक्टर रवि कुमार सुरपुर ने जिस गंभीरता और मनोवैज्ञानिक तरीके से बिना किसी विवाद के ,,,बिना किसी हठधर्मिता के विनम्रता से निपटाया है उससे तो स्पष्ट है के कुछ तो प्रबंधकीय हुनर है जो डॉक्टर रवि कुमार सुरपुर कोटा के विभिन्न ज्वंलत मुद्दों के बावजूद भी उन पर काबू पा सके है ,,,अलग अलग प्रतिनिधिमंडलों से मिलते वक़्त डॉक्टर रवि कोटा कलेक्टर साफ़ कहते है के में दक्षिण का पुलिस अधिक्षक जैसलमेर के हम तो बाहर के है इस शहर इस ज़िले की खुशहाली ,,इस शहर प्रबंधन ,,सुख शानति आपके हाथ में है ,,इस शहर की समृद्धि आपको देखना है ,,विवादित मुद्दों पर वोह प्रशासन की गलती होने पर खुद गलती स्वीकारते है और उस गलती को विनम्रता से सुधार कर कोटा कलेक्टर लोगों का दिल जीत रहे है ,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन फिर भी कुछ गिनती के अधीनस्थ अफसर है जो कोटा कलेक्टर की इस कामयाबी ,,,प्रशासनिक कुशलता को देखकर उन्हें अपनी किरकिरी समझ कर लोगों को भड़का भी रहे है ,,वोह मुट्ठी भर लोग यूँ तो कुछ करने की स्थिति में नहीं लेकिन खुद के इंफोर्मेशन सिस्टम को मज़बूत कर ऐसे अधीनस्थों को भी दरकिनार करना कोटा की प्रबंधकीय कामयाबी के लिए ज़रूरी है ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुस्लिम साथी आये उन्होंने अशोक गहलोत को पाँव छूकर अभिवादन किया ,,अटपटा लगा

दोस्तों पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा प्रवास पर थे ,,सर्किट हाउस में उनके कई प्रशंसक अशोक गहलोत को कम्पनी दे रहे थे ,,अचानक एक कोंग्रेसी मुस्लिम साथी आये उन्होंने अशोक गहलोत को पाँव छूकर अभिवादन किया ,,अटपटा लगा ,,एक दुसरे वरिष्ठ कोंग्रेसी का सवाल था क्या मुस्लिम समाज के लोग पैर छू सकते है ,,में चुप रहा लेकिन इन जनाब ने फिर कहा के भुवनेश चतुर्वेदी आज याद आते है वोह किसी को पैर इसलिए नहीं छूने देते थे के सिर्फ यह ढोंग करने वाले सियासी लोग है जबकि यह लोग उनके माता पिता के भी पैर छूना मुनासिब नहीं समझते है ,,बात सही भी थी ,,,भुवनेश चतुर्वेदी के इस व्यवहारिक मनोविज्ञान ने ,कई लोगों को चाहे नाराज़ किया हो लेकिन सच यही है के सियासी लोगों के जो अपनी धार्मिक परम्पराओं के खिलाफ या फिर धार्मिक परम्पराओं के अनुसार पैर छूते है उनके घरों पर उनके माता ,,पिता और बुज़ुर्ग सच में पैर छुवाने के लिए तरसते है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नौकरशाहों की सरपरस्त और जन्पर्तीिनिधियों की दुश्मन बनी भाजपा से कोटा की जनता का सीधा सवाल

नौकरशाहों की सरपरस्त और जन्पर्तीिनिधियों की दुश्मन बनी भाजपा से कोटा की जनता का सीधा सवाल है ,,आखिर कोटा उत्तर के मतदाताओं का क्या क़ुसूर है ,,,भाजपा हाईकमान से कोटा उत्तर की जनता का सवाल है के एक जन्पर्तीिनिधि जिसे विकट परिस्थितियों में कोटा की जनता ने कोटा के विकास ,,कोटा की समस्याओं के समाधान के लिए चुना ,,उस जन प्रतीनिधी को कार्यकर्ता का शोषण करने वाले नौकरशाह के खिलाफ बोलने पर पार्टी से निष्कासित का दंड दिया गया ,,एक नौकर शाह जिसने जनता और पार्टी के नेताओं को गुमराह किया ,,,एक नौकर शाह जो पार्टी से ऊपर खुद को साबित करने में जुटा है वोह नौकर शाह कोटा उत्तर की जनता पर सिर्फ इसलिए भारी है क्योंकि भाजपा हाईकमान से उसके रिश्ते है ,,पूरा एक साल ना कोटा उत्तर को मंत्री पद मिला ,,ना कोटा को कोई विकास ,,,,सिर्फ एक विधायक के नाते ,,एक जागरूक जन प्रतीनिधी के नाते निर्वाचित विधायक प्रह्लाद गुंजल जो कर सके किया ,,लेकिन भाजपा ने ऐसे जागरूक विधायक से पार्टी की सदस्य्ता का हक़ भी छीन लिया ,,एक साल से भी ज़्यादा वक़्त होने के बाद भी आज तक ना जाने क्यों ,,,ना जाने किस दबाव में ,,,न जाने किस सियासत में ,,,न जाने कोटा उत्तर के वोटर्स से भाजपा के किस बदले के भाव की वजह से भाजपा हाईकमान ने आज तक कोटा उत्तर के विधायक को फिर से पार्टी की ज़िम्मेदारी सौंप कर अपने क्षत्र की जनता के लिए कोई सरकार में अहमियत वाला पद देकर कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी है ,,भाजपा हाईकमान की यह नौकरशाह के प्रति सम्मान और जन प्रतीनिधी के प्रति अपमान का भाव कोटा उत्तर के वोटर्स को पसंद नहीं आ रहा है ,,वैसे भी हाईकमान जानता है के प्रह्लाद गुंजल कागजो में चाहे कथित रूप से भाजपा से निष्कासित हो लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओें के दिलों पर आज भी उनका ही राज है ,,और इसीलिए भाजपा कार्यकता आज भी प्रह्लाद गुंजल को ज़िंदाबाद कहते है ,,,,,कोटा उत्तर के कार्यकताओं की अब तो यही पुकार है भाजपा हाईकमान अब तो सुधरो ,,,,कार्यकर्ताओं का सम्मान करने वाले ,,,कार्यकर्ताओं को उनका हक़ दिलवाने वाले जन प्रतीनिधी प्रह्लाद गुंजल को पार्टी में बहाल कर सरकार की ज़िम्मेदारी भी दे ताके कोटा में विकास कार्यों की शुरुआत हो सके ,,नौकरशाहों की नाक में नकेल डाली जा सके और जनता को इन्साफ और विकास दोनों एक साथ मिल सके ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला


  आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता । कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल सिर्फ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा सकता है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि आधार का इस्तेमाल सरकार की ओर से चलाई जा रही खाद्यान्न योजना, केरोसिन वितरण और एलपीजी सब्सिडी पाने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा किसी आपराधिक मामले की जांच के लिए भी आधार को पहचान के प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
इससे पहले कोर्ट की बेंच ने सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेज दिया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने न्यायालय को सूचित किया कि उसके पहले के आदेशों के मद्देनजर राज्यों और संबंधित प्राधिकारियों से कह दिया गया है कि वे विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आधार कार्ड की अनिवार्यता पर जोर नहीं दें।

शिक्षा से जुड़े कुछ कर्मचारी मुख्यमंत्री के आगमन के पहले लोगों को भड़काकर उनके कार्यक्रम को बिगाड़ने के जतन में जुटे है

कोटा के जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा से जुड़े कुछ कर्मचारी मुख्यमंत्री के आगमन के पहले लोगों को भड़काकर उनके कार्यक्रम को बिगाड़ने के जतन में जुटे है वोह लोग शिक्षा निदेशक और ज़िम्मेदार अधिकारीयों को गुमराह कर गलत सूचनाये देकर फ़र्ज़ी आदेश करवा रहे है जिससे कोटा के आम लोगों ,,कोटा के भाजपा कार्यकर्ताओें और निर्वाचित विधायक ,,सांसद सहित दूसरे प्रतिनिधियों में गंभीर रोष व्याप्त है ,,,,,,,,,
पिछले दिनों स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित कर्मचारियों द्वारा सरकार को भेजी गई कालपनिक मनमानी सुचना के आधार पर फ़र्ज़ी स्टाफिंग पैटर्न हुआ और कोटा सहित पुरे राजस्थान में इस व्यवस्था का विरोध हुआ ,,हाहाकार मचा ,,शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के पुतले जले उनके खिलाफ माहोल बनाया गया ,,,,,,लोग जागरूक हुए ,,मंत्री ,,मुख्यमंत्री ,,अधिकारीयों को ज्ञापन दिए गए ,,नतीजन कोटा में शिक्षा निदेशक सुआलाल के आगमन के बाद ख़ास तोर पर उर्दू विषय के स्कूल के छात्र छात्राओं की संख्या मांगी गई ,,,जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक और ,,उपनिदेशक सहित शिक्षा कर्मियों ने घर बैठे ही मनमानी सुचना तैयार की और सरकार ,,सरकार के अधिकारीयों ,,शिक्षा निदेशक को एक बार फिर अपनी गति छुपाने के लिए काल्पनिक सुचना भेज दी ,,,,,,,कोटा से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भेजी गई सुचना मनघडंत आधारों पर तैयार की गई ,,स्थिति यह रही के काफी स्कूलों में उर्दू विषय पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की सुचना गलत और बहुत कम भेजी गई ,,,,,,,कोटा में छोटी महारानी ,,,बढ़ी महारानी रामपुरा के स्कूलों में काफी बच्चे है लेकिन सुचना गिनती की भेजी गई इसी तरह राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय टिपटा में छात्राओं की सुचना आधी से भी बहुत कम बनाकर भेजी है ,,इस स्कूल में वर्ष टिपटा वर्ष दो हज़ार चोवदाह में नवी में छियालीस दसवीं में अड़तालीस छात्राएं थी जबकि वर्ष दो हज़ार पन्द्राह में कक्षा नवीं में अठ्ठावन और दसवीं में छत्तीस छात्राएं है लेकिन शिक्षा विभाग ने जानबूझकर सरकार को गुमराह कर फ़र्ज़ी आदेश जारी करने के लिए गलत आंकड़े दिए है ताकि मुख्यमंत्री के कोटा आगमन पर आम जनता का रोष हो और क़ानून व्यवस्था बिगड़ने से मुख्यमंत्री विरोधी अधिकारीयों को ठंडक मिल सके ,,ऐसे सरकार को गुमराह कर फ़र्ज़ी स्टाफिंग पैटर्न करने वाले अधिकारीयों द्वारा भेजे गए सभी राजस्थान के आंकड़ों को दुबारा से सत्यापित करवाये और जिन अधिकारीयों ने गलत सूचनाये दी है उन अधिकारीयों को निलंबित कर मुख्यमंत्री ,,शिक्षा मंत्री ,,सरकार के खिलाफ माहोल तैयार कर लोगों को उकसाने के मामले में दंडित भी किया जाए ,,,,,,,,,,विदित रहे कोटा में तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान ने अपने सर्वे की रिपोर्ट भी दी है और उर्दू के गलत आंकड़ों के कारण जो अराजकता का माहोल हुआ है उस मामले में उर्दू के हमदर्द सरकार के कोटा आगमन पर बढ़ा प्रदर्शन करने की पूरी तैयारियां कर चुके है ,,इसके पहले सरकार और वरिष्ठ अधिकारी इस मामले को सही आंकड़े लेकर क़ानूनी रूप से अपनी भूल सुधारना चाहते है लेकिन कोटा जिला शिक्षा अधिकारी ओर संबंधित स्टाफ शायद मुख्यमंत्री के खिलाफ खेमे के है जो किसी के बहकावे में आकर मुख्यमंत्री की कोटा यात्रा को विवादित बनाने के लिए टारगेट बनाकर गलत सूचनाये दे रहे है ,,,,,,देखना है ऐसे गलत सुचना देकर सरकार को गुमराह कर फ़र्ज़ी आदेश जारी करवाने वाले अधिकारीयों के खिलाफ सरकार क्या कार्यवाही करती है ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

फलों और सब्जियों से प्राक्रतिक उपचार


(1)-केला: 🍌
ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है,हड्डियों को मजबूत बनाता है,हृदय की सुरक्षा करता है,अतिसार में लाभदायक है, खांसी में हितकारी है।
(2)-जामुन: 🌑
केन्सर की रोक थाम,हृदय की सुरक्षा,कब्ज मिटाता है,स्मरण शक्ति बढाता है,रक्त शर्करा नियंत्रित करता है।डायबीटीज में अति लाभदायक।
(3)-सेवफ़ल:
हृदय की सुरक्षा करता है, दस्त रोकता है,कब्ज में फ़ायदेमंद है,फ़ेफ़डे की शक्ति बढाता है.
(4)-चुकंदर:-🍐
वजन घटाता है,ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है,अस्थिक्छरण रोकता है,केंसर के विरुद्ध लडता है,हृदय की सुरक्षा करता है।
(5)-पत्ता गोभी: 🍏
बवासीर में हितकारी है,हृदय रोगों में लाभदायक है,कब्ज मिटाता है,वजन घटाने में सहायक है। केंसर में फ़ायदेमंद है।
(6)-गाजर:-
नेत्र ज्योति वर्धक है, केंसर प्रतिरोधक है, वजन घटाने मेँ सहायक है, कब्ज मिटाता है, हृदय की सुरक्षा करता है।
(7)- फ़ूल गोभी:-🍈
हड्डियों को मजबूत बनाता है, स्तन केंसर से बचाव करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के केंसर में भी उपयोगी है, चोंट,खरोंच ठीक करता है।
(8)-लहसुन:
कोलेस्टरोल घटाती है, रक्त चाप घटाती है, कीटाणुनाशक है,केंसर से लडती है
(9)-नींबू:
त्वचा को मुलायम बनाता है,केंसर अवरोधक है, हृदय की सुरक्षा करता है,,ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है, स्कर्वी रोग नाशक है।
(10)-अंगूर:🍇
रक्त प्रवाह वर्धक है, हृदय की सुरक्षा करता है, केंसर से लडता है, गुर्दे की पथरी नष्ट करता है, नेत्र ज्योति वर्धक है।
(11)-आम:🍋
केंसर से बचाव करता है,थायराईड रोग में हितकारी है, पाचन शक्ति बढाता है, याददाश्त की कमजोरी में हितकर है।
(12)-प्याज: 🍑
फ़ंगस रोधी गुण हैं, हार्ट अटेक की रिस्क को कम करता है। जीवाणु नाशक है,केंसर विरोधी है खराब कोलेस्टरोल को घटाता है।
(14)-अलसी के बीज:
मानसिक शक्ति वर्धक है, रोग प्रतिकारक शक्ति को ताकत देता है, डायबीटीज में उपकारी है, हृदय की सुरक्षा करता है, पाचन शक्ति को ठीक करता है।
(15)-संतरा:🍈
हृदय की सुरक्षा करता है, रोग प्रतिकारक शक्ति उन्नत करता है,, श्वसन पथ के विकारों में लाभकारी है, केंसर में हितकारी है
(16)-टमाटर:
कोलेस्टरोल कम करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिये उपकारी है,केंसर से बचाव करता है, हृदय की सुरक्षा ।
(17)-पानी:
गुर्दे की पथरी नाशक है, वजन घटाने में सहायक है, केसर के विरुद्ध लडता है, त्वचा के चमक बढाता है।
(18)-अखरोट:
मूड उन्नत करन में सहायक है, मेमोरी पावर बढाता है,केंसर से लड सकता है, हृदय रोगों से बचाव करता है, कोलेस्टरोल घटाने मं मददगार है।
(19)-तरबूज:
स्ट्रोक रोकने में उपयोगी है, प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लियेओ हितकारी है, रक्तचाप घटाता है, वजन कम करने में सहायक है।
(20)-अंकुरित गेहूं:
बडी आंत की केंसर से लडता है, कब्ज प्रतिकारक है, स्ट्रोक से रक्षा करता है, कोलेस्टरोल कम करता है, पाचन सुधारता है।
(21)-चावल:
किडनी स्टोन में हितकारी है, डायबीटीज में लाभदायक है,स्ट्रोक से बचाव करता है, केंसर से लडता है, हृदय की सुरक्षा करता है।
(22)-आलू बुखारा:🍒
हृदय रोगों से बचाव करता है, बुढापा जल्द आने से रोकता है, याददाश्त बढाता है, कोलेस्टरोल घटाता है, कब्ज प्रतिकारक है।
(23)-पाईनएपल:🍍
अतिसार(दस्त) रोकता है, वार्ट्स(मस्से) ठीक करता है, सर्दी,ठंड से बचाव करता है, अस्थि क्छरण रोकता है। पाचन सुधारता है।
(24)-जौ,जई: 🌽
कोलेस्टरोल घटाता है,केंसर से लडता है, डायबीटीज में उपकारी है,,कब्ज प्रतिकारक् है ,त्वचा पर शाईनिंग लाता है।
(25)-अंजीर:
रक्त चाप नियंत्रित करता है, स्ट्रोक्स से बचाता है, कोलेस्टरोल कम करता है, केंसर से लडता है,वजन घटाने में सहायक है।
(26)-शकरकंद:🍠
आंखों की रोशनी बढाता है,मूड उन्नत करता है, हड्डिया बलवान बनाता है, केंसर से लडता है ।

क़ुरआन का सन्देश

  
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