नई दिल्ली. पार्लियामेंट के इस मानसून सेशन में बुधवार को
पहली बार कोई डिबेट हुई। शोरशराबे के बीच विपक्ष के आरोपों का विदेश मंत्री
सुषमा स्वराज ने जिस तरह जवाब दिया, उससे खुश होकर लालकृष्ण आडवाणी ने
उनकी पीठ थपथपा दी। आडवाणी सुषमा के बगल में ही बैठे थे। वे इतने भावुक हो
गए कि उनकी आंखें भी नम हो गईं। वहीं, इस बहस में एक वक्त कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी को इतना गुस्सा आ गया कि वह विरोध जताने के लिए वेल
में पहुंच गई।
आडवाणी ने दी सुषमा को शाबाशी
खड़गे ने अपनी बात रखते हुए ललित मोदी की मदद करने की आरोपी विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज से सात सवाल पूछे। उनके बाद जब सुषमा बोलने लगीं तो
उन्होंने एक-एक सवाल का जवाब दिया और कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर
दिया। सुषमा ने कहा- वे 38 साल से राजनीति में हैं। यह उनकी तपस्या है,
जिससे वह किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकतीं। सुषमा के इतना कहने के साथ
ही आडवाणी भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू आ गए। वे आंसू पोंछने की
कोशिश करते नजर आए। सुषमा ने अपने भाषण के अंत में जैसे ही स्पीकर का
धन्यवाद किया और बैठने लगीं तो बगल में बैठे आडवाणी ने उनकी पीठ थपथपा कर
शाबाशी दी।
सोनिया को क्यों आया गुस्सा
स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का स्थगन
प्रस्ताव स्वीकार करते हुए 'ललितगेट' पर चर्चा को मंजूरी दी। जब खड़गे अपनी
बात खत्म करने वाले ही थे उसी दौरान बीजेपी सांसद ने सोनिया पर कमेंट
किया। अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कहा कि सोनिया की बहन ललित मोदी
से मिली हैं। इस बारे में खड़गे बात क्यों नहीं करते? इसके अलावा, कुछ
बीजेपी मेंबर्स लगातार गांधी फैमिली के भ्रष्टचार में शामिल होने को लेकर
नारेबाजी करते रहे। बीजेपी सांसदों ने जब सोनिया का भी नाम उछाला तो
कांग्रेसी सदस्य भड़क गए। विरोध जताने के लिए खुद सोनिया गांधी अपने
सांसदों के साथ वेल में आ गईं। ऐसा संभवतः पहली बार हुआ हो जब सोनिया गांधी
लोकसभा में इतनी नाराज आईं। विरोध के चलते कार्यवाही कुछ देर के लिए
स्थगित करनी पड़ी।