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12 अगस्त 2015

लाेकसभा : आडवाणी ने सुषमा की पीठ थपथपाई, भाषण सुन आंखें हुईं नम

ललितगेट पर जवाब देने वाली सुषमा स्वराज की पीठ थपथपा कर शाबाशी देते हुए लालकृष्ण आडवाणी।
ललितगेट पर जवाब देने वाली सुषमा स्वराज की पीठ थपथपा कर शाबाशी देते हुए लालकृष्ण आडवाणी।
नई दिल्ली. पार्लियामेंट के इस मानसून सेशन में बुधवार को पहली बार कोई डिबेट हुई। शोरशराबे के बीच विपक्ष के आरोपों का विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने जिस तरह जवाब दिया, उससे खुश होकर लालकृष्‍ण आडवाणी ने उनकी पीठ थपथपा दी। आडवाणी सुषमा के बगल में ही बैठे थे। वे इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखें भी नम हो गईं। वहीं, इस बहस में एक वक्‍त कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को इतना गुस्‍सा आ गया कि वह विरोध जताने के लिए वेल में पहुंच गई।
आडवाणी ने दी सुषमा को शाबाशी
खड़गे ने अपनी बात रखते हुए ललित मोदी की मदद करने की आरोपी विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज से सात सवाल पूछे। उनके बाद जब सुषमा बोलने लगीं तो उन्‍होंने एक-एक सवाल का जवाब दिया और कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। सुषमा ने कहा- वे 38 साल से राजनीति में हैं। यह उनकी तपस्या है, जिससे वह किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कर सकतीं। सुषमा के इतना कहने के साथ ही आडवाणी भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू आ गए। वे आंसू पोंछने की कोशिश करते नजर आए। सुषमा ने अपने भाषण के अंत में जैसे ही स्पीकर का धन्यवाद किया और बैठने लगीं तो बगल में बैठे आडवाणी ने उनकी पीठ थपथपा कर शाबाशी दी।
सोनिया को क्‍यों आया गुस्‍सा
स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करते हुए 'ललितगेट' पर चर्चा को मंजूरी दी। जब खड़गे अपनी बात खत्म करने वाले ही थे उसी दौरान बीजेपी सांसद ने सोनिया पर कमेंट किया। अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कहा कि सोनिया की बहन ललित मोदी से मिली हैं। इस बारे में खड़गे बात क्यों नहीं करते? इसके अलावा, कुछ बीजेपी मेंबर्स लगातार गांधी फैमिली के भ्रष्टचार में शामिल होने को लेकर नारेबाजी करते रहे। बीजेपी सांसदों ने जब सोनिया का भी नाम उछाला तो कांग्रेसी सदस्य भड़क गए। विरोध जताने के लिए खुद सोनिया गांधी अपने सांसदों के साथ वेल में आ गईं। ऐसा संभवतः पहली बार हुआ हो जब सोनिया गांधी लोकसभा में इतनी नाराज आईं। विरोध के चलते कार्यवाही कुछ देर के लिए स्‍थगित करनी पड़ी।

कांग्रेस का वॉकआउट, राहुल ने कहा- सुषमाजी ने पूछा था- बेटा! क्यों गुस्सा हो?


नई दिल्ली. संसद में बुधवार को भारी हंगामा और बयानबाजी हुई। पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ललितगेट मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के रोल पर पीएम नरेंद्र मोदी से 7 सवाल किए। जवाब में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कांग्रेस पर जमकर पलटवार किया। कहा- ‘राहुल अपनी मां से पूछें कि मम्मा! क्वात्रोच्चि मामले में हमने कितना पैसा लिया था?’ जवाब में राहुल ने कहा- ‘सुषमाजी ने मेरा हाथ पकड़कर मुझसे पूछा था कि क्यों मुझसे गुस्सा हो? मेरा जवाब सुनकर उनकी आंखें नीचे हो गई थीं।’ राहुल के बयान के बाद कांग्रेस ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया। लेकिन उनके बयानों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुटकी ली। कहा- राहुल बिना जानकारी वाले एक्सपर्ट हैं। खोदा पहाड़ और यहां तो चुहिया भी नहीं निकली।
लोकसभा में बुधवार को क्या हुए बड़े बयान?
1. सुषमा स्वराज : कहा- गुनाहगार तो आप लोग हैं
सुषमा ने कहा- ‘‘राहुलजी को शौक है छुट्टियां मनाने का। इस बार आप छुट्टी मनाने विदेश जाएं तो एकांत में अपने परिवार का इतिहास पढ़ें। क्वात्रोच्चि (बोफोर्स घोटाला) से लेकर शहरयार (गांधी परिवार के कथित मित्र) तक अपने परिवार के काले कारनामों के बारे में भी पूछें। ...और अपनी मां से पूछें कि मम्मा! क्वात्रोच्चि मामले में हमने कितना पैसा लिया था? मम्मा! 15 हजार लोगों के हत्यारे एंडरसन (भोपाल गैस त्रासदी के गुनहगार) को डैडी ने क्यों छुड़वाया था?’’
सुषमा ने यह भी कहा, ‘‘अगर गुनाहगार कोई है तो वे आप लोग हैं। राहुल गांधी संसद के बाहर कहते हैं कि मैंने छुप-छुपकर काम किया। अगर छुप-छुपकर किसी ने काम किया तो वह राजीव गांधी की सरकार ने वॉरेन एंडरसन के मामले में किया।’’ सुषमा के जवाब के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने उनकी पीठ थपथपाई।  सुषमा के जवाब के दौरान कांग्रेस सदस्य नारेबाजी कर रहे थे, जबकि राहुल गांधी हेडफोन लगाकर सुषमा की बात सुन रहे थे।
2. राहुल गांधी : कहा- मैं सच के साथ हूं, यह सुनकर सुषमाजी की आंखें नीचे हो गईं
सुषमा के जवाब के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘सुषमाजी ने कल मेरा हाथ पकड़कर मुझसे पूछा कि क्यों मुझसे गुस्सा हो? मैंने तुम्हारे क्या किया? जब मैंने कहा कि मैं आपसे गुस्सा नहीं हूं और सच बोल रहा हूं तो यह सुनकर सुषमाजी आपकी आंखें नीचे हो गई थीं। क्योंकि आप भी जानती थीं कि मैं सच के साथ हूं। जब आपका परिवार ललित मोदी के लीगल अफेयर्स देख रहा था, तभी अापकी मिनिस्ट्री ने उनकी मदद की। आमतौर पर इंसानियत के नाते मदद खुलकर की जाती है। सुषमाजी ऐसी पहली ह्युमैनिटैरियन हैं जो छुपकर मदद करती हैं। ...हमारे 2 सवाल अब भी कायम हैं। आपके परिवार को ललित मोदी से कितना पैसा मिला? आपने ललित मोदी की मदद की तो अपने ही मंत्रालय को इस बारे में क्यों नहीं बताया?
राहुल ने कहा- पीएम मोदी में अगर आज हिम्मत होती तो वे लोकसभा में आते और ललित मोदी से जुड़े सवालों पर हमारे सवालों का जवाब देते। लेकिन उनमें इतनी हिम्मत नहीं हैं कि यहां आकर बैठें। ...गांधीजी के तीन बंदर हुआ करते थे जो बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो का संदेश देते थे। ...मोदी जी ने इसके मायने बदल दिए हैं। वे कहते हैं- सच को मत देखो, सच को मत सुनो और सच को मत बोलो। आप कहते थे कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। तो अब आप बोल क्यों नहीं रहे? आप बोलने से मत डरिए। आज देश आपके मन की बात जानना चाहता है कि खातों में जो 15 लाख रुपए आने वाले थे, उनका क्या हुआ? ललित मोदी के ब्लैकमनी के नेटवर्क को आपकी मंत्री, एक सीएम और उनका बेटा क्यों बचा रहा है? जेटलीजी ने कहा कि ललित मोदी और वसुंधरा के बेटे के बीच कमर्शियल ट्रांजेक्शन हुआ। इस तरह के ट्रांजेक्शन में 2 लोगों काे फायदा होता है। ये हमें बता दीजिए कि वसुंधरा के बेटे से हुए 11 करोड़ रुपए लेनदेन में ललित मोदी को कितना फायदा पहुंचा?’’
3. अरुण जेटली : कहा- खोदा पहाड़ और चुहिया भी नहीं निकली
राहुल के बाद जेटली ने कहा- ‘आज देश को यह लगा था कि तर्क सामने आएंगे। देश यह जान पाएगा कि वो क्या कारण थे कि पूरा एक मानसून सेशन बर्बाद हो गया। लेकिन विपक्ष अपने खोखले नारों से ऊपर नहीं उठ पाया। वह तर्क नहीं दे पाया। सरकार आज यही कहना चाहती है कि सुषमाजी पर सारे आरोप निराधार हैं। एक सदस्य ने यहां कहा कि इस मुद्दे पर खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि इस मुद्दे पर तो चुहिया भी नहीं निकली। राहुल के उठाए मुद्दों पर मैं कहना चाहूंगा कि वे बिना जानकारी वाले एक्सपर्ट यानी Expert without knowledge हैं। जब यूपीए की सरकार थी तो ललित मोदी को रेड कॉर्नर नोटिस क्यों नहीं दिया गया? जब ललित मोदी लंदन चले गए तब आपने उनका पासपोर्ट सस्पेंड किया। राहुल कालेधन पर सवाल उठाते हैं। लेकिन उनकी सरकार ने कालेधन पर क्या किया? वे सुषमाजी के परिवार पर सवाल उठाते हैं। जबकि सुषमाजी की बेटी ललित मोदी के 11 वकीलों में से 9वें नंबर की वकील थीं। गांधी परिवार में काम करने की परंपरा नहीं है। लेकिन बाकी लोगों को काम करना होता है।’
लोकसभा में खड़गे के सवाल और सुषमा के जवाब
खड़गे का सवाल : क्या सुषमा स्वराज ने भगोड़े ललित मोदी की मदद नहीं की?
सुषमा का जवाब : नहीं। मैं पहले भी कह चुकी हूं कि मैंने मोदी की कैंसर पीड़ित पत्नी के लिए लेटर लिखा था जो भारतीय नागरिक हैं और किसी भी केस में आरोपी नहीं हैं। जहां तक ललित मोदी की बात है, जेटलीजी ने मुझे बताया है कि किसी कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित नहीं किया है।
खड़गे का सवाल : ललित मोदी पर ब्रिटेन से हुए कॉरेस्पॉन्डेंस को क्यों जारी नहीं किया गया?
सुषमा का जवाब : यूपीए की सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम विदेश मंत्रालय को बाइपास कर रहे थे। इसलिए हमारे पास लेटर नहीं हैं। जब ब्रिटिश सरकार ने एक लेटर का जवाब दिया तब विदेश राज्य मंत्री रहीं परणीत कौर को भेजा तो विदेश मंत्रालय को इसकी जानकारी मिली थी।
खड़गे का सवाल : ललित मोदी से भारत लौटने को क्यों नहीं कहा गया? क्या भारत सरकार ने ब्रिटेन की सरकार को बताया कि ईडी का एक आरोपी पेश नहीं हो रहा है?
सुषमा का जवाब : चिदंबरम खुद ही ब्रिटिश वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर बार-बार यह कह रहे थे कि ललित मोदी को डिपोर्ट किया जाए। जबकि ब्रिटिश सरकार कह रही थी कि उन्हें डिपोर्ट नहीं करेंगे, आप प्रत्यर्पण की मांग करें। बाद में ब्रिटिश मंत्री ने चिदंबरम को जवाब तक देना बंद कर दिए। चिदंबरम ने कभी भी उसे भारत लाने की कोशिश नहीं की।
खड़गे का सवाल : भारत के बजाय यूके का पासपोर्ट क्यों दिया गया?
सुषमा का जवाब : ब्रिटिश सरकार ने ललित मोदी को जब राइट ऑफ रेजिडेंसी (भारत में केस पेंडिंग रहने तक ब्रिटेन में रहने की इजाजत) दिया तब भारत में यूपीए की सरकार थी।
खड़गे का सवाल : नया पासपोर्ट जारी करने का फैसला किसका था? जब हाईकोर्ट ने ललित मोदी का पासपोर्ट बहाल कर दिया तो उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं अपील की गई?
सुषमा का जवाब : ललित मोदी का पासपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट ने बहाल करने को कहा था। हाईकोर्ट में केस इसलिए खारिज हुआ, क्योंकि यूपीए सरकार के वक्त ईडी 4 साल तक इस केस में निष्क्रिय रही। जब मोदी को शोकॉज़ नोटिस भेजने के बाद भी 4 चाल तक केस एक इंच आगे नहीं बढ़ा तो दोषी कौन है? जब से जेटलीजी वित्त मंत्री बने हैं, उन्होंने कार्रवाई दोबारा शुरू कराई है।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सुप्रीमो सचिन पायलेट

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सुप्रीमो सचिन पायलेट राजस्थान के नगरपालिका चुनाव में कड़ी नज़र रखे हुए है ,,,टिकिट वितरण में धांधली ,,बागियों को समर्थन सहित सभी मुद्दों पर सचिन पायलेट ने अपने तरीके से संबंधित ज़िलों में प्रभारियों के अलावा पृथक से रिपोर्ट तैयार करवाई है और चुनाव नतीजों के बाद इस मामले में क्षेत्रीय कांग्रेस जन ,,,ज़िम्मेदार कोंग्रेसियों की गुटबाज़ी सहित प्रभारियों के नौसीखियेपन पर उनकी भी सख्ती से क्लास ली जायेगी ,,सचिन पायलेट कार्यकर्ताओं के लिए विनम्र लेकिन अनुशासन हींन कार्यकर्ताओं के लिए सख्त है ,,,,सचिन पायलेट सहित सभी कांग्रेस जनो की पहली प्रार्थमिकता बागियों को शांत कर हर जगह कांग्रेस का बोर्ड बनाकर कांग्रेस ज़िंदाबाद करना है ,,,,,पिछले दिनों सचिन के कोटा अल्प प्रवास पर सचिन इस मामले में चिंतित लेकिन जीत के प्रति आश्वस्त और गुटबाज कांग्रेस जनो के खिलाफ कार्यवाही मामले में द्रढ संकल्प नज़र आये ,,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी सुप्रीमों सचिन पायलेट ने खुद को सहज ,,सरल ,,,,,आम कार्यकर्ताओें के साथ घुल मिलकर उनके दुःख दर्द तलाश कर उनके ज़ख्मों पर मरहम लगाने वाला बना लिया है ,,,उनकी सहजता ,,सरलता का ही नतीजा है के वोह आज राजस्थान में कांग्रेस के युवा आइकॉन बन गए है ,,उनका ग्लैमर ,,उनके प्रति कार्यकर्ताओं का समर्पण तो है ही साथ ही कार्यकर्ताओें को सचिन से उचित प्रतीिनिधित्व ,,पक्षपात रहित न्यायिक नीति की भी उम्मीदें बंधी है ,,,,,राजस्थान में नगरपालिका चुनाव के बाद आश्चर्यजनक तरीके से पार्टी में गम्भीर बदलाव होने जा रहे है ,,,,,,,क्रियाशील वफादार लोगों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी विस्तारित कर उसमे स्थान दिया जाएगा जबकि जिला कमेटियों में भी तदर्थ बदलाव होने का प्रयोग किये जाने पर विचार है साथ ही गुटबाज़ी फैलाकर नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस को नुकसान पहुंचने वाले कथित क्षेत्रीय शीर्ष नेताओ की भी खेर नहीं है ,जबकि लुंज पुंज प्रभारियों सहित ,,टिकिट धांधलियों के आरोपी प्रभारियों से भी सचिन पायलेट सख्ती से निपटने का मन बना चुके है ,,,,,,,,,,,,,,सचिन पायलेट का एक ही सपना है गुट बाज़ी खत्म हो कांग्रेस ज़िंदाबाद हो ,, कांग्रेस के अनुशासन का डंडा मज़बूत हो ,,सचिन के इस सपने को साकार करने में धीरज गुर्जर ,,,,दानिश अबरार , पंकज मेहता ,महेश शर्मा ,,अर्चना शर्मा ,,विक्रम वाल्मीकि ,,रमाबजाज ,,,सुशील शर्मा ,, अल्पसंख्यक विभाग के हाजी निज़ाम कुरैशी सहित उनकी टीम के कई लोग कंधे से कंधा मिलाकर प्रयासों में जुटे है और यह सभी लोग प्रभारी गुरुदास कामत ,,,सह प्रभारी मिर्ज़ा इरशाद बेग के निर्देशो के तहत कांग्रेस के हक़ में माहोल गर्म कर कांग्रेस को ज़िंदाबाद करते हुए कांग्रेस से नाराज़ होकर अलग हुए दलित ,,अल्पसंख्यक ,,सहित सभी समाजों के वोटर्स और प्रतिनिधियों को अपने साथ जोड़ने की कामयाब कोशिश कर रहे है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नफरत को

तुम्हारी नफरत को
कुछ इस तरह से
सहज लिया है मेने
देखो तुमसे मोहब्बत में
कामयाब होने वाले भी
आज मुझ से
रश्क करने लगे है ,,,,अख्तर

मुझे यूँ ही

अच्छा हुआ
जो छोड़ दिया तुमने
मुझे यूँ ही
बिना किसी वजह के
वरना
तुम्हारी बेवफाई
जो तुम्हारी फितरत है
तुम्हारी चालबाजियां
जो तुम्हारी पहचान है
तुम्हारी वायदा खिलाफी
जो तुम्हारी आदत है
अगर तुम
मुझ से वफ़ा करते
अगर तुम
मुझ से किये गए वायदे निभाते
सच तुम्हारी फितरत
तुम्हारी बेवफाई की खसलत
बेवजह बदनाम होती
बेवजह बदनाम होती
अच्छा हुआ जो तुमने
मंझधार में
मुझ से बेवफाई की
वर्ना यूँ ही बेवजह
फितरत तुम्हारी बदनाम होती ,,,,अख्तर

राष्ट्रीय बंजारा सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री डोक्टर अमर सिंह तिलावत

राष्ट्रीय बंजारा सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री डोक्टर अमर सिंह तिलावत आज राजस्थान प्रवास के दोरान जोधपुर सम्भाग में बंजारा समाज के निहत्थे लोगों पर हुए कातिलाना हमले के बारे में हालचाल जानेंगे ,,,,,,,बंजारा समाज के वरिष्ठतम नेता और कर्नाटक सरकार में पूर्व मंत्री रहे डोक्टर अमर सिंह तिलावत ने कहा के राजस्थान में गत एक वर्ष के दोरान बंजारा समाज को विभिन्न क्षेत्रों में निशाना बनाकर योजनाबद्ध तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है ,,तिलावत ने कहा के बंजारा समाज के लोगों को डरा धमका कर उनकी जमीन हथियाने की साज़िश में सरकार के ज़िम्मेदार लोगों के वरदहस्त समाजकंटक लगातार हमलावर है वोह समाज के लोगों को जान से मारने ,,महिलाओं को ज़िंदा जलाने का प्रयास करते है और उनका सामान लूट कर ले जाते है इस मामले में राजस्थान सरकार ने कोई गम्भीर कदम नहीं उठाये है ,,,,बंजारा फाउन्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केलाश बंजारा ने इस सम्बन्ध में मानवाधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट अख्तर खान अकेला के सहयोग से मानवाधिकार आयोग में भी मामला दर्ज कराया था ,,जिसमे सरकार को बंजारा समाज के लोगों की सुरक्षा बाबत आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे लेकिन सरकार के कान पर जू भी नहीं रेंगी है ,,,,,,डोक्टर अमर सिंह तिलावत आज पाली जिले के कस्बे में बंजारा समाज के खिलाफ हुए हमले के मामले में उनकी जान माल की सुरक्षा और दोषी लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चल रही भूख हडताल को समर्थन देंगे ,,डोक्टर अमर सिंह तिलावत आज जोधपुर सम्भागीय आयुक्त ,,जोधपुर पुलिस कमिश्नर से भी मिलेंगे जबकि इस मामले में राज्यसरकार के प्रतिनिधियों से भेंट कर बंजारा समाज पर हो रहे लगातर अत्याचार और हमलों की घटनाओं की जांच वर्तमान हाईकोर्ट जज से करवाने की मांग उठाएंगे ,,,डोक्टर अम्रर सिंह तिलावत और केलाश बंजारा ने बताया के राजस्थान में पहले छबडा ,,,,फिर शाहपुरा डीकोला ,,,नीमडी अलवर सहित कई स्थानों पर योजनाबद्ध हमलों की पुख्ता जांच नहीं हो पायी है और हमलावरों को लगातार राजनितिक संरक्ष्ण प्राप्त होने से यह हमले और बढ़ रहे है ,,,केलाश बंजारा ने बताया के राजस्थान में हमलावर बंजारा समाज की कीमती जमीने हथियाने की कोशिश में उन के घरो पर हमला करते है ,,,सोना चान्दी कीमती सामान लूट कर ले जाते है ,,महिलाओं पर तेल छिडक कर जिंदा जलाने की कोशिश करते है और बेईज्ज़त करते है ,,डोक्टर अमर सिंह तिलावत और केलाश बनजारा ने कहा के अगर राजस्थान सरकार वक़्त रहते नहीं चेती ,,बंजारों को इंसाफ दिलाकर उन्हें जान माल की सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई ,,बंजारों के हमलावरों को जेल की सींखचों में डाल कर भविष्य में सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाये लागू करने के पुख्ता इन्तिज़ाम नहीं किये तो बंजारा समाज राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान सरकार के खिलाफ व्यापक आन्दोलन छेड़ने पर मजबूर होगा ,,जिसकी समस्त ज़िम्मेदारी सरकार में बेठे जिम्मेदारो की होगी ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरान का सन्देश

 
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