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14 अगस्त 2015

ऐ वतन

मेरी हर सांस तेरे लिए
मेरी हर आस तेरे लिए
 मेरा हर ख़्वाब तेरे लिए
मेरी जान तुझ पर क़ुरबानी के लिए
मेरे हर अलफ़ाज़ तेरे लिए
मेरी रूह मेरी आत्मा तेरे लिए
ऐ वतन ,,ऐ वतन सिर्फ तेरे लिए ,,,अख्तर

पाकिस्तानी बोट पर विवादित बयान देने वाले कोस्ट गार्ड के DIG का होगा कोर्ट मार्शल

फाइल फोटो- पोरबंदर के समुद्र में विस्फोट कर उड़ाई गई पाकिस्तानी बोट।
फाइल फोटो- पोरबंदर के समुद्र में विस्फोट कर उड़ाई गई पाकिस्तानी बोट।
नई दिल्ली. कोस्ट गार्ड के डीआईजी बीके लोशाली का कोर्ट मार्शल किया जाएगा। लोशाली ने गुजरात के पोरबंदर के नजदीक समंदर में पाकिस्तानी बोट को उड़ाए जाने के मामले में विवादास्पद बयान दिया था। पिछले साल 31 दिसंबर की रात पोरबंदर से 365 नॉटिकल मील दूर समंदर में पाकिस्तानी बोट में ब्लास्ट के बाद आग लग गई थी। इस मामले में सामने आए एक वीडियो में डीआईजी लोशाली ने बयान दिया था कि पाकिस्तान बोट को उड़ाने का आदेश उन्होंने दिया था। डीआईजी बीके लोशाली गांधीनगर में कोस्टगार्ड (नार्थ-वेस्ट रीजन) के चीफ ऑफ स्टॉफ हैं।
क्या था मामला?
समंदर में उड़ाई गई पाकिस्तानी बोट के मामले में रक्षा मंत्रालय ने बताया था इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स इसकी तस्दीक करती हैं कि बोट पर चार आदमी थे और वह कोस्ट गार्ड की तरफ से दी जा रही चेतावनियों को लगातार नज़रअंदाज़ कर रहे थे। इस बीच, कोस्ट गार्ड ने उस बोट को घेर लिया जिसके कुछ देर बाद ही उस बोट पर सवार लोगों ने बोट को आग लगा दी।
लोशाली ने क्या कहा था?
घटना के कुछ दिन बाद ही सूरत में आयोजित एक कार्यक्रम में कोस्ट गार्ड के डीआईजी ने कहा था, 'आप लोगों को 31 दिसंबर याद है, जब हमने पाकिस्तानी बोट उड़ा दी थी। मैं गांधी नगर में था। मैंने रात को कहा था कि उड़ा दो बोट को, हम उन्हें बिरयानी नहीं खिलाना चाहते।' मामले के तूल पकड़ने के बाद डीआईजी लोशाली को फौरन अपने बयान की गंभीरता का एहसास हो गया और डीआईजी समेत कोस्ट गार्ड के कुछ अफसरों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में सफाई दी थी।
बाद में दी थी सफाई-मैंने सिर्फ बिरयानी न खिलाने की बात कही थी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोशाली ने कहा था, 'मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, सिर्फ यह कहा था कि
देश के खिलाफ काम कर रहे लोगों को बिरयानी खिलाने की ज़रूरत नहीं है।' लोशाली ने यह भी कहा था कि वह उस ऑपरेशन को संभाल नहीं रहे थे, इसलिए उस ऑपरेशन की गोपनीयता को देखते हुए उन्हें उसके बारे में जानकारी नहीं थी।
कोस्टगार्ड के ऑपरेशन पर उठे थे सवाल
पाकिस्तान की बोट में विस्फोट के बाद सवाल उठे थे कि खुफिया एजेंसियों और नेवी के बीच बेहतर तालमेल नहीं बन पाया था। सूत्रों ने कहा था कि कोस्ट गार्ड ने इस ऑपरेशन में 'जरूरत से ज्यादा ताकत' का इस्तेमाल किया था। यह भी कहा गया था कि धमाके के बाद बोट जलने का जो वीडियो बनाया गया था, उसमें कहीं भी ब्लास्ट होने की बात सामने नहीं आई थी।
ठीक नहीं रहा है लोशाली का रिकॉर्ड
रक्षा मंत्री ने कहा था कि लोशाली का सर्विस रिकॉर्ड सही नहीं है। इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने कोस्ट गार्ड के डीआईजी बीके लोशाली के खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वॉयरी के आदेश दिए थे। जांच में लोशाली के बयान की सच्चाई पता लगाए जाने को लेकर जांच की रही थी। डीआईजी लोशाली का यह वीडियो अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने जारी किया था। इस मामले में रक्षा मंत्रालय को भी सफाई देनी पड़ी थी। रक्षा मंत्री ने कहा था, 'हमारे पास 15-16 लाख सैन्यकर्मी हैं, अगर कोई एक अधिकारी गलत बयान देता है, तो मैं उसकी जांच करूंगा और तब कार्रवाई करूंगा।' रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई सफाई में कहा गया था कि लोशाली वेस्टर्न कमांड के एक चीफ ऑफ स्टाफ थे और उनके काम का दायरा सिर्फ प्रशासनिक था और "उनके काम को किसी भी लिहाज से किसी ऑपरेशन से नहीं जोड़ा जा सकता, इसीलिए 31 दिसम्बर की रात को जो हुआ, उसकी उन्हें कुछ खबर नहीं हो सकती।" गृह मंत्रालय के मुताबिक कोस्ट गार्ड में किसी भी ऑपरेशंस की दिशा और उसे पूरा करने के आदेश कमांडर इन चीफ देता है। यह आईजी रैंक का अफसर होता है।

राधे मां से पुलिस ने की पांच घंटे पूछताछ, हाईकोर्ट ने दी सशर्त एंटीसिपेटरी बेल


राधे मां से पुलिस ने की पांच घंटे पूछताछ, हाईकोर्ट ने दी सशर्त एंटीसिपेटरी बेल
मुंबई. खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां से शुक्रवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की, लेकिन उन्‍हें गिरफ्तारी से दो हफ्ते की राहत मिल गई। सेशंस कोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल खारिज हो जाने के बाद शुक्रवार को उन्‍होंने इसके लिए हाईकोर्ट में पिटीशन दी। वहां उन्‍हें बेल मिल गई।
दो अफसरों ने करीब पांच घंटे की पूछताछ
दहेज प्रताड़ना केस में आरोपों का सामना कर रहीं राधे मां शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 बजे सफेद एसयूवी में कांदीवली पुलिस स्टेशन पहुंचीं थीं। उनके हाथ में छोटा त्रिशूल और साथ में कुछ करीबी सहयोगी भी थे। उनके कई समर्थक पहले ही पुलिस स्‍टेशन के पास जमा हो गए थे। इसलिए वहां पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्‍त किए गए थे। दो पुलिस अफसरों ने उनसे करीब पांच घंटे पूछताछ की। इसके बाद वह बाहर निकलीं तो मीडिया से बात किए बिना चली गईं।
थाने में चल रही थी पूछताछ, कोर्ट में जमानत के लिए लगे थे वकील
राधे मां के पुलिस स्‍टेशन पहुंचने से पहले ही उनके वकीलों ने हाईकोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल के लिए अर्जी दे दी थी। राधे मां पुलिस के सवालों के जवाब दे रही थीं, तो कोर्ट में वकील जमानत के लिए दलीलें पेश कर रहे थे। पूछताछ के दौरान ही खबर आई कि उन्‍हें कुछ शर्तों के साथ हाईकोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल मिल गई है। शर्त यह है कि हर बुधवार पुलिस के सामने हाजिरी लगानी होगी।
सातवें नंबर की आरोपी
राधे मां पर मुंबई की एक महिला निक्की गुप्ता ने आरोप लगाया है कि उसके ससुराल वाले राधे मां के कहने पर उसे टॉर्चर करते हैं। मुंबई पुलिस ने राधे मां के नाम समन जारी किए थे। वे इस केस में सातवें नंबर की आरोपी हैं।
राधे मां से क्‍या सवाल पूछे गए होंगे, इसकी जानकारी नहीं आई है। पर ये कुछ सवाल उनसे जरूर पूछे गए होंगे-
- क्या आप अपने खिलाफ केस दर्ज कराने वाले को पहचानती हैं?
- केस दर्ज कराने वाले के साथ आपका क्या संबंध है?
- शिकायत करने वाली महिला के साथ आपका क्या रिश्ता है?
- आप उस महिला और परिवार से कब मिलीं और क्या बात हुई?
- क्या आपने अब तक शिकायत करने वाली महिला से बात की है?
- क्या आपने उस महिला पर दहेज के लिए दवाब बनाया था?
- क्या महिला और उसके पति के साथ आपका कोई झगड़ा है?
- अगर आप बेकसूर हैं तो महिला ने दहेज प्रताड़ना का केस क्यों दर्ज कराया है?
- क्या आपने महिला की ससुराल वालों से दहेज के लिए कोई बात की थी?
कौन हैं राधे मां?
राधे मां पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक सिख परिवार में जन्मीं। राधे मां बनने से पहले उनका नाम सुखविंदर कौर था। उनकी शादी पंजाब के ही रहने वाले बिजनेसमैन सरदार मोहन सिंह से हुई। शादी के बाद एक महंत से राधे मां की मुलाक़ात हुई। इसके बाद ही उन्होंने आध्यात्मिक जीवन अपना लिया। कुछ समय बाद वह मुंबई आ गईं और राधे मां के नाम से मशहूर हो गईं।
राधे मां के खिलाफ यह है शिकायत

1. राधे मां पर एक महिला को उसके पति और ससुरालवालों से दहेज के लिए प्रताड़ित करवाने का आरोप लगाया था। मुंबई की बोरीवली पुलिस इस मामले में राधे मां समेत 7 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर चुकी है। शिकायत करने वाली महिला का आरोप है कि शादी के वक्त उसके पेरेंट्स ने करोड़ों रुपए की ज्वैलरी दी थी। लेकिन राधे मां ने उसके सास-ससुर से कहा कि वह उस पर और दहेज लाने का दबाव डाले। इसके बाद उसे प्रताड़ित किया गया।
2. मुंबई के कांदीवली पुलिस स्टेशन में एक और शिकायत आई है। राधे मां और उनके सहयोगियों पर गुजरात के कच्छ के सात किसानों के परिवार से 1.5 करोड़ रुपए लेने का आरोप है। शिकायत के मुताबिक, जब परिवार को यह पता चला कि उन्हें पैसे वापस नहीं मिलने वाले तो चार सदस्यों ने सुसाइड कर लिया। शिकायत धर्मरक्षक महामंच के प्रेसिडेंट रमेश जोशी ने की है।
3. अश्‍लीलता फैलाने का आरोप
मुंबई की एक वकील फाल्‍गुनी ब्रह्मभट्ट ने बॉम्‍बे हाईकोर्ट में अर्जी देकर मांग की है कि राधे मां के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की इजाजत दी जाए। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद पुलिस राधे मां के खिलाफ एक्‍शन नहीं ले रही है। राधे मां की स्कर्ट पहनी तस्वीरें सामने आने के बाद वकील फाल्गुनी ने उनके खिलाफ अश्लीलता फैलाने की शिकायत दर्ज कराई है।
राधे मां को लेकर और क्या हुए हैं दावे?

1. खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां के एक करीबी रिश्‍तेदार जगतार सिंह ने उन पर मर्डर में शामिल होने का आरोप लगाया है। जगतार राधे मां की भाभी बलविंदर कौर के भाई हैं। बलविंदर की साल 2002 में संदिग्‍ध हालत में मौत हो गई थी। इस मामले में राधे मां के दो भाइयों और पिता को 2004 में सेशन्स कोर्ट ने दस-दस साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, पुलिस ने भी इस केस में राधे मां को आरोपी नहीं बनाया था।
2. एक्ट्रेस डॉली बिंद्रा को फ़ोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। इस बारे में डॉली ने मुंबई के मलाड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने राधे मां से अपनी फैमिली को जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है। कभी राधे मां की भक्त रही डॉली के मुताबिक, उन्हें बीते कुछ दिनों से अननोन नंबर से धमकी भरे फ़ोन और मैसेज आ रहे हैं।
3. हिमाचल के कांगड़ा-चंबा जिले की सीमा पर बने हटली के श्रीराम मंदिर के महंत दास का दावा है कि राधे मां का असली नाम 'बबू देवा' है। उन्होंने राधे मां को अपने गुरु रामाधीन दास परमहंस की मौत का जिम्मेदार बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राधे मां उनके गुरु के आश्रम की प्रॉपर्टी हड़पना चाहती हैं।

संसद में टकराव पर राष्ट्रपति ने जताई चिंता, बोले- गंभीर चिंतन की जरूरत

संसद में टकराव पर राष्ट्रपति ने जताई चिंता, बोले- गंभीर चिंतन की जरूरत
नई दिल्ली. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 69वें स्वंतत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में संसद के मानसून सत्र का सीधे उल्लेख न करते हुए कहा, 'लोकतंत्र की हमारी संस्थाएं दबाव में हैं। संसद परिचर्या के बजाय टकराव के अखाड़े में बदल चुकी है।'
उन्होंने कहा कि यदि लोकतंत्र की संस्थाएं दबाव में हैं तो निश्चित तौर पर राजनीतिक दलों एवं जनता के लिए इस बारे में गंभीर चिंतन करने का वक्त आ गया है, ताकि सुधारात्मक उपाय अंदर से आ सकें। उन्होंने कहा, 'हमारा लोकतंत्र रचनात्मक है, क्योंकि यह बहुलवादी है, परन्तु इस विविधता का पोषण सहिष्णुता और धैर्य के साथ किया जाना चाहिए।'
उन्होंने ने कहा कि भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त उर्वर भूमि पर, भारत एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में विकसित हुआ है। इसकी जड़ें गहरीं हैं, परन्तु पत्तियां मुरझाने लगी हैं। अब इसमें नवीनता लाने का वक्त आ गया है। यदि हमने अभी कदम नहीं उठाए तो क्या सात दशक बाद हमारे उत्तराधिकारी हमें उतने सम्मान तथा प्रशंसा के साथ याद कर पाएंगे, जैसा हम 1947 में भारतवासियों के स्वप्न को साकार करने वालों को करते हैं। भले ही उत्तर सहज न हो, परंतु प्रश्न तो पूछना ही होगा। सामाजिक सौहार्द पर किये जा रहे कुठाराघातों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वार्थी तत्व सदियों पुरानी धर्मनिरपेक्षता को नष्ट करने के प्रयास में सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचाते हैं।
देश के विभाजन का भी जिक्र
देश के विभाजन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 15 अगस्त 1947 आधुनिक भारत के उदय का एक ऐतिहासिक और हर्षोल्लास का क्षण था, लेकिन यह देश के एक छोर से दूसरे छोर तक अकल्पनीय पीड़ा के रक्त से भी रंजित था। ब्रिटिश शासन के विरुद्ध महान संघर्ष के दौर में जो आदर्श तथा विश्वास कायम रहे वे उस समय दबाव में थे, लेकिन देश के महानायकों की एक महान पीढ़ी ने इस विकट चुनौती का सामना किया। उनकी दूरदर्शिता तथा परिपक्वता ने हमारे आदर्शों को राेष और भावनाओं के दबाव में विचलित होने से बचाया।
उन्होंने कहा कि इन असाधारण महापुरुषों और महिलाओं ने हमें ऐसा संविधान दिया, जिससे महानता की और भारत की यात्रा का शुभारम्भ हुआ। लोकतंत्र को संविधान का सबसे मूल्यवान उपहार बताते हुए उन्होंने कहा कि इसने हमारे प्राचीन मूल्यों को आधुनिक संदर्भ में नया रूप दिया तथा विभिन्न स्वतंत्रताओं को संस्थागत रूप प्रदान किया। मानव और प्रकृति के बीच पारस्परिक संबंधों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता जताते हुए राष्ट्रपति ने आगाह किया कि उदारमना प्रकृति से छेड़छाड़ किए जाने पर वह आपदा बरपाने वाली विध्वंसक शक्ति में बदल सकती है, जिससे जानमाल की भयानक हानि हो सकती है।
राष्ट्रपति ने कहा, 'इस समय जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं देश के बहुत से हिस्से बड़ी कठिनाई से बाढ़ की विभीषिका से उबर पा रहे हैं। हमें पीड़ितों के लिए तात्कालिक राहत के साथ ही पानी की कमी और अधिकता दोनों के प्रबंधन का दीर्घकालीन समाधान ढूंढना होगा। उन्होंने भारत की गुरू-शिष्य परम्परा काे याद करते हुए कहा कि विद्यार्थी श्रद्धा तथा विनम्रता के साथ शिक्षक के ऋण को स्वीकार करता है। समाज शिक्षक के गुणों तथा उसकी विद्वता को सम्मान तथा मान्यता देता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, क्या आज हमारी शिक्षा प्रणाली में ऐसा हो रहा है? विद्यार्थियों, शिक्षकों और अधिकारियों को रुककर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
सेनाओं और खिलाड़ियों का विशेष अभिनंदन
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर विश्व भर के सभी भारतवासियों का अभिनंदन किया। उन्होंने सशस्त्र सेनाओं अर्द्ध सैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों के सदस्यों, विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पुरस्कार जीतने वाले खिलाड़ियों का भी विशेष तौर पर अभिनन्दन किया। उन्होंने कहा, 'मैं 2014 के लिए नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी को बधाई देता हूं, जिन्होंने देश का नाम रोशन किया।'

IS के कब्जे से छूटी लड़की ने सुनाई कहानी-आतंकी कहते थे रेप से उन्हें मिलेगी जन्नत

उत्तरी इराक के कुर्दिस्तान में एक रिफ्यूजी कैंप में बैठी एक लड़की। (फोटो कर्ट्सी : द न्यूयॉर्क टाइम्स)
उत्तरी इराक के कुर्दिस्तान में एक रिफ्यूजी कैंप में बैठी एक लड़की। (फोटो कर्ट्सी : द न्यूयॉर्क टाइम्स)
बगदाद. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के चंगुल से छूटी कुछ यजीदी लड़कियों ने अपने साथ हुए जुल्मों की कहानी बयां की है। 11 महीने तक आतंकियों की कैद में रही इन्हीं में से 12 साल की एक लड़की ने बताया, "मैं उसे (आतंकी) कहती थी कि मुझे तकलीफ होती है। ऐसा मत करो। वह मुझे कहता था कि इस्लाम के मुताबिक काफिरों का रेप करना गुनाह नहीं है।वह कहता था कि मेरा रेप करने से उसे जन्नत नसीब होगी।" बता दें कि आईएसआईएस आतंकियों ने पिछले साल यजीदी समुदाय की 5000 से ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को किडनैप कर लिया था।
आतंकी बोलता था-रेप करना अल्लाह की इबादत
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल ये लड़कियां इराक के एक रिफ्यूजी कैंप में रह रही हैं। आतंकियों की कैद में नौ महीने तक रही 15 साल की एक लड़की ने बताया कि आतंकी धार्मिक किताब का हवाला देते हुए गैर मुस्लिम महिलाओं पर हमला करने और उनके साथ जबरन रिश्ते बनाने को सही ठहराते थे। उसका रेप करने से पहले आतंकी हर बार नमाज पढ़ता था। लड़की ने बताया, "आतंकी कहता था कि रेप करना भी अल्लाह की इबादत करना है। मैंने उससे कहा कि जो तुम कर रहे हो, इससे अल्लाह कभी खुश नहीं होगा। लेकिन वो कहता था कि यह जायज और हलाल है।"
प्रेग्नेंट महिलाओं को कर देते थे अलग
एक अन्य रेप पीड़ित ने इंटरव्यू में बताया कि उसे करीब 500 लड़कियों के साथ एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में रखा गया था। वहां मौजूद सबसे छोटी लड़की की उम्र 11 साल थी। जब खरीददार पहुंचे तो लड़कियों को अलग-अलग कमरे में ले जाया गया। उसने बताया, "हमें एक-एक करके नाम से पुकारा जाता। हमें उनके सामने रखी कुर्सी पर बैठना पड़ता। कमरे में जाने से पहले हमारे बुर्के और दुपट्टे उतरवा दिए जाते। जब मेरी बारी आई तो मुझे चार बार खड़ा करवाया गया। उन्होंने मुझे घूमने को कहा, ताकि वो मेरे शरीर का मुआयना कर सकें।" उसने बताया कि बंधकों से बेहद निजी सवाल पूछे जाते। यहां तक कि लड़कियों से पीरियड की पिछली डेट भी पूछी जाती थी। उन्हें खरीदने से पहले यह मालूम किया जाता कि कहीं वे प्रेग्नेंट तो नहीं हैं। आतंकियों का मानना था कि शरीयत में प्रेग्नेंट गुलामों के साथ सेक्स करने की मनाही है।

कॉन्स्टेबल ने लिखा- SP ने जिंदगी खराब कर दी, उसे मत छोड़ना, फिर पी लिया जहर

अनिता ने फिनाइल पीने से पहले यह नोट लिखा था।
अनिता ने फिनाइल पीने से पहले यह नोट लिखा था।
करनाल (हरियाणा). यहां की मधुबन पुलिस एकेडमी में गुरुवार को खुदकुशी की कोशिश करने वाली लेडी कॉन्स्टेबल अनिता ने एसपी समेत कुछ अफसरों पर टॉर्चर के आरोप लगाए हैं। हॉस्पिटल में एडमिट इस कॉन्स्टेबल ने अपने बयान में कहा है कि एसपी राजकुमार ने उसकी जिंदगी खराब कर दी है, उसे किसी कीमत पर न छोड़ा जाए।
क्या है मामला
अनिता रानी थ्रो बॉल की नेशनल चैम्पियन रह चुकी हैं और साल 2009 में स्पोर्ट्स कोटे से उनका सिलेक्शन पुलिस में हुआ था। गुरुवार को अनिता ने फिनाइल पीकर खुदकुशी की कोशिश की। इससे पहले अनिता ने अपने साथियों को मैसेज कर पूरे मामले की जानकारी दी और एक नोट भी लिखा। अनिता को बेहोशी की हालत में हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां देर रात एक डीएसपी ने उनके बयान दर्ज किए।
किन लोगों पर आरोप
अनिता ने अपने बयान में एक एसपी, एक हेड क्लर्क और एएसआई रीडर पर आरोप लगाए हैं। उसने कहा है कि जो लड़कियां अफसरों की कोठी और बंगलों पर जाती हैं, उनका साथ दिया जाता है। लेकिन जो ऐसा करने से इनकार कर देती हैं, उन्हें टॉर्चर किया जाता है। डीएसपी को दिए अपने बयान में कहा, “मैं नेशनल लेवल पर गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुकी हूं, लेकिन यहां मेरा करियर और जिंदगी बर्बाद की जा रही है। यहां जो खिलाड़ी अफसरों की बात नहीं मानतीं, उन्हें बैक यूनिट करके परेशान किया जाता है। एसपी, हेड क्लर्क, एएसआई रीडर ने मुझे फोन पर गालियां दीं और कैरेक्टर पर सवाल उठाए। हॉस्पिटल में भी मुझ पर बयान बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है।”
दूसरी प्लेयर ने भी किया समर्थन
अनिता के आरोपों का दो और महिला पुलिसकर्मियों ने समर्थन किया है। सब इंस्पेक्टर रैंक की एक महिला पुलिसकर्मी ने आरोप लगाया कि उन्हें टॉर्चर किया जाता है। एक अन्य लेडी कॉन्स्टेबल ने आरोप लगाया, “रात को फोन कर कहा जाता है कि हमें डिनर पर बुलाओ। जो लड़कियां अफसरों की बात मानकर उनके बंगलों पर जाती हैं, उनकी हेल्प की जाती है, लेकिन जो ऐसा नहीं करतीं उन्हें टॉर्चर किया जाता है।”

ख़ुशी इस बात की है के खुदा ने हमे आज़ाद किया

दोस्तों आज अफ़सोस का दिन है तो ख़ुशी का दिन भी होगा ,,,आज के दिन हमारे देश का नासूर हमसे अलग हुआ था ,,हमारे देश के टुकड़े हुए थे ,,अफ़सोस यह नासूर हमारे देश की इस विशालता ,,महानता के बाद भी हमारे ,,सुख ,चेन के पीछे पढ़ा है ,,ख़ुशी इस बात की है के खुदा ने हमे आज़ाद किया और ऐसा सक्षम ,, मज़बूत बनाया के हम जब चाहे तब इस दुश्मन का टेंटुआ दबा दे पहले भी हम इस दुश्मन को मज़ा चखा चुके है ,,,,,,,,लेकिन हमारी विनम्रता को यह दुश्मन जब हमारी कमज़ोरी समझ बैठता है तब हमारा मन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में रखा परमाणु रिमोट ,,फौज को हमला कर दुश्मन को तबाह कर देने का आदेश देने वाली क़लम छीन कर दुश्मन को हमेशा के लिए खत्म कर देने ,,,,दुश्मनों की पनाहगाह देश को हमेशा के लिए विश्व के नक़्शे से हटा देने का करता है ,,क्या आप भी मेरे साथ है तो आओ हमारे प्रधानमंत्री के हाथ से परमाणु रिमोट छीन कर दुश्मन पर मिसाइल दागे ,,हमारी फौज के सर काट कर ले जाने वाले दुश्मन का नामो निशाँ मिटा देने के लिए हमारे देश के फौजियों को दुश्मन पर हमला कर सबक सिखाने के लिए हुक्मनामा तय्यार करके दे ,,क्योंकि सो कोल्ड छप्पन इंच के सीने के भरोसे अगर हम रहे तो हमारा सुख चेन तो यह ज़ालिम दुश्मन खत्म करने की कोशिश में लगा रहेगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आओ दुश्मन को खत्म कर एक बार फिर हम आतंकवाद ,,,भुखमरी ,,गरीबी ,,भ्रष्टाचार ,,,भाईभतीजावाद ,,,,,बेरोज़गारी ,,साम्प्रदायिकता ,नफरत ,,,से एक बार फिर हम खुद को आज़ाद करे ,,.,हमारे देश को आज़ाद करे और आज़ादी का जश्न मनाये ,,,,,,,,,,स्वतंत्रता दिवस मुबारक हो ,,मुबारक हो ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुझे फख्र है

मुझे फख्र है के आज़ादी की लड़ाई की अलख जगाने वाला मेरा यह कोटा शहर ,,,आज़ादी के दीवाने लाल हरदयाल ,,महराब खान को अंग्रेज़ों द्वारा क्रूरतम सार्वजनिक फांसी का गवाह बना मेरा यह शहर राजस्थान के स्वाधीनता समारोह की मेज़बानी कर रहा है ,,,पुरे देश को ,,पानी ,,बिजली ,,शिक्षा ,,डॉक्टर ,इंजिनियर ,,उद्योगों में रोज़गार ,,देने वाले मेरे इस शहर में राजस्थान की प्रमुख श्रीमती वसुंधरा सिंधिया ध्वजारोहण करेंगी ,,मेरे इस शहर की सड़के चाहे टूट फुट होने के कारण रोती हो ,,,सड़को ,,गलियों में चाहे आवारा जानवरो का क़ब्ज़ा और उत्पात हो ,,,,गलियाँ अँधेरी हो ,,,पानी की निकासी सही नहीं होने से थोड़ी सी बरसात में मेरा यह शहर तालाब बनता हो ,,,लेकिन आज तो मेरा यह शहर सीना तान कर खड़ा है ,,इस शहर के चौराहे और इमारते झील मिल ,, झील मिल खूबसूरत रौशनी की छटा बिखेर रहे है ,,,,मेरे इस सजे ,,संवरे शहर को संवारने की कोशिश में जुटे कोटा जिला प्रशासन ,,खासकर कोटा जिला कलकटर डॉक्टर रविकुमार सुरपुर को सलाम ,,अदब ,आज़ादी के जश्न की बधाई ,,मुबारकबाद ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुनो

सुनो
तुम भी निकले हो
वफ़ा की तलाश में
यक़ीन मानिए
नहीं मिलती
नहीं मिलती
नहीं मिलती ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया को ज्ञापन देकर कोटा सहित राजस्थान के सभी स्कूलों में उर्दू विषय पूर्ववत बहाल कर सभी अध्यापकों को पुन पूर्व स्थानो पर पदस्थापित करने की मांग दोहराई

तहरीक ऐ उर्दू,,,, राजस्थान के सरपरस्त,,,,, अलहाज अनवार अहमद क़ाज़ी ऐ शहर कोटा ने ,,,,आज कोटा सहित ,,,राजस्थान में उर्दू बंद करने के खिलाफ ,,,,राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया को ज्ञापन देकर कोटा सहित राजस्थान के सभी स्कूलों में उर्दू विषय पूर्ववत बहाल कर सभी अध्यापकों को पुन पूर्व स्थानो पर पदस्थापित करने की मांग दोहराई ,,,,,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की तरफ से कोटा सहित राजस्थान में स्टफिंग पैटर्न के नाम पर उर्दू विषय बंद कर उर्दू के अध्यापकों को दूसरे स्थानो पर दूसरे विषय पढ़ाने के लिए लगाने के मामले को लेकर राजस्थान में उर्दू के हमदर्दों में ज़बरदस्त गुस्सा है ,,,राजस्थान सरकार के पूर्व विधि नियमों सहित स्टफिंग पैटर्न नियमों में भी जिन स्कूलों में दस बच्चे उर्दू विषय पढ़ रहे है वहां उर्दू बंद नहीं किये जाने का प्रावधान बना हुआ है ,,इतना ही नहीं जहां दस छात्र छात्राएं उर्दू विषय पढ़ने के इच्छुक है वह संस्था प्रधान स्वंम अपने स्थर पर उर्दू खोलने के लिए अधिकृत है ,,इसके बावजूद भी सरकारी शिक्षा अधिकारीयों की गलत सूचना और मनमानी के कारन कोटा सहित राजस्थान के अधिकतम स्कूलों में उर्दू खत्म कर अराजकता का माहोल बनाया है ,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान की तरफ से अनवार अहमद द्वारा दिए गए ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की गई है के कोटा की पूरी पचपन उर्दू वरिष्ठ अध्यापको और बीस उर्दू लेक्चररों के पद पूर्व वत बहाल किये जाए ,,,,,जिन अध्यापकों को जहाँ से हटाया है उन्हें पूर्ववत उन्ही स्थानों पर पदस्थापित किया जाए ,,,, ज्ञापन में यह भी मांग की गयी है के स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर सरकार को गुमराह करने के लिए छात्रों के फ़र्ज़ी आंकड़े देकर उर्दू विषय बंद करवाने की जो साज़िश अधिकारिओं ने रची है उन अधिकारीयों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए ,,ज्ञापन में कोटा सहित पुरे राजस्थान में थर्ड ग्रेड ,,सेकंड ग्रेड ,,फर्स्ट ग्रेड उर्दू अध्यापकों के सभी पद यथावत रखने की भी मांग की गई है साथ ही गुजराल समिति की रिपोर्ट के तहत सरकार द्वारा बनाये गए विधि नियमों के तहत सभी स्कूलों में अभिबावक ,,,अल्पसंख्यक जनप्रतिन्धियों ,,अधिकारीयों को शामिल कर नया सर्वे करवाया जाए और जो छात्र छात्राएं उर्दू पढ़ने के इच्छुक है उनकी संख्या के आधार पर नए पद सृजित किये जाए तब तक विकल्प के रूप में स्ववित्त पोषण व्यवस्था के तहत ऐसे स्कूलों में तत्काल उर्दू का पद स्वीकत कर उर्दू पढ़वाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाए ,,,ज्ञापन में कहा गया है के इस मामले में विकल्प में आगामी बजट स्वीकृत होने तक पैराटीचर्स से भी अस्थाई तोर पर उर्दू पढ़ाकर तात्कालिक व्यवस्था नए स्थानों पर उर्दू खोल कर की जा सकती है ,,,,ज्ञापन में चेतावनी दी गई है के अगर इस मामले में राजस्थान सरकार ने शीघ्र ही समय रहते सकारात्मक क़दम उठाकर कोटा सहित राजस्थान के सभी स्कूलों में उर्दू विषय बहाल कर सभी अध्यापकों को पूर्ववत यथावत नहीं किया गया तो फिर मजबूरी में तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के कार्यकर्ताओं ,,उर्दू के हमदर्दों को सरकार के खिलाफ एक विशाल ऐतीहासिक प्रदर्शन करने को मजबूर होना पढ़ेगा जो प्रदर्शन कोटा में भी सरकार के कोटा आगमन पर किया जाएगा ,,,,मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने ज्ञापन की समीक्षा कर शीघ्र ही सकारात्मक क़दम उठाने के संकेत दिए है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरान का सन्देश

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