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21 अगस्त 2015

तेज आवाजों से डरा परिवार, देखा तो हो रही थी अजगरों की लड़ाई


 केयर्न स्नेक रिमूवल के डेविड वाल्ट (दाएं) अजगरों को पकड़कर बाहर लाते हुए।
केयर्न स्नेक रिमूवल के डेविड वाल्ट (दाएं) अजगरों को पकड़कर बाहर लाते हुए।
क्वींसलैंड, नॉदर्न बीच (ऑस्ट्रेलिया)। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के नॉदर्न बीच इलाके में एक परिवार को अचानक तेज आवाज सुनाई दी और ऐसा लगा कि उनके मकान की छत गिरने वाली है। यह परिवार उस समय हैरान रह गया जब देखा कि दो बड़े अजगर आपस में लड़ रहे हैं। फैमिली ने तुरंत सांप पकड़ने वाली कंपनी केयर्न स्नैक रिमूवल से संपर्क किया।
सांप पकड़ने वाली टीम ने जब मकान में देखा तो पाया कि करीब साढ़े चार मीटर से अधिक लंबे दो अजगर लड़ रहे हैं और दो अजगर करीब तीन-तीन मीटर लंबे थे और वे इस लड़ाई को देख रहे थे। टीम ने इन चारों अजगरों को अपने कब्जे में कर लिया।
केयर्न स्नैक रिमूवल के मैनेजिंग डायरेक्टर डेविड वाल्टन ने बताया कि यह प्रजनन का सीजन है। इसमें मेल अजगर काफी एग्रेसिव हो जाते हैं और अक्सर ब्रीडिंग राइट को लेकर लड़ जाते हैं। कभी-कभी ये एक-दूसरे की गर्दन में काट लेते हैं।

2 साल से नंगे पैर घूम रहा था मोदी का यह फैन, PM ने ऐसे पूरी की कसम

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चप्पल पहनते बलवंत कुमावत(दाएं से दूसरे)।
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चप्पल पहनते बलवंत कुमावत(दाएं से दूसरे)।
जयपुर। भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा तहसील के छोटे से गांव माल खेडा के रहने वाले बलवंत कुमावत नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित हैं। बलवंत ने कसम खाई थी की वो तब तक चप्पल नहीं पहनेंगे जब तक की उनकी मुलाकात पीएम मोदी से नहीं हो जाती। कुमावत पिछले दो साल से नंगे पैर ही घूम रहे हैं। शुक्रवार को पीएम ने बलवंत कुमावत से मुलाकात की और मोदी के सामने कुमावत ने चप्पल पहनी।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में मोदी के पक्ष में गांव-गांव घूमकर प्रचार किया था। मोदी जब पीएम उम्मीदवार घोषित हुए थे उसी समय से बलवंत ने चप्पलों का त्याग कर रखा है और वो अब तक नंगे पांव घूम रहा था।
फिपिक सम्मेलन में शिरकत करने जयपुर आए पीएम नरेन्द्र मोदी को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने बलवंत को मिलने की इजाजत दे दी। प्रधानमंत्री से मिलने के बाद बलवंत ने चप्पल पहनी। प्रधानमंत्री ने कुमावत को राष्ट्र निर्माण के सकारात्मक कार्य में ऊर्जा लगाने की सलाह दी। उन्‍होंने कुमावत से आग्रह किया कि वे कोई ऐसी प्रतिज्ञा न लें, जिससे शरीर को कठिनाई हो।

जिस बेटे को गोद लिया उसे ही मां ने गरम तवे पर बैठाया, चाकू से काटी कलाई

मासूम कार्तिक
मासूम कार्तिक
इंदौर. दो साल पहले इंदौर के पास महू के एक परिवार ने कबाड़ बीनने वाले शराबी व्यक्ति से नोटरी पर लिखा-पढ़ी करवाकर उसका मासूम बच्चा गोद ले लिया। कुछ ही दिनों बाद उसे प्रताड़ित करने लगे। गोद लेने वाली मां द्वारा उसे गरम तवे पर बैठाने, हाथ-पीठ पर सूइयां चुभोने, गरम चिमटा लगाने तथा चाकू से चोट पहुंचाई जाने लगी। इसकी सूचना चाइल्ड केअर लाइन को मिली तो हलचल हुई। बच्चे के बयान के बाद बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के दल ने उसे इंदौर की एक बाल संरक्षण संस्था को सौंप दिया। अग्रवाल दंपती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
टॉफियां लेते समय बयां हो गया कार्तिक का दर्द
पिछले दिनों शहर के राजेश्वर विद्यालय में बच्चों को टॉफियां बांटी जा रही थीं। इस दौरान यूकेजी में पढ़ने वाले सहमे-से बच्चे कार्तिक अग्रवाल की कलाई में बंधी पट्टी देख शिक्षक ने कारण पूछा। कार्तिक ने बताया मां ने चाकू से काट दिया था। बालक की आंख के आसपास सूजन तथा हाथ पर सूई व अन्य चोट के निशान भी थे। स्कूल प्रबंधन ने बच्चे के परिजन से पूछताछ की तो बाद में कार्तिक की मां ने उसके साथ फिर मारपीट की।

किसी ने इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को दी। परियोजना अधिकारी मृदुल मालवीय ने चाइल्ड लाइन व एसडीएम को सूचित किया। शुक्रवार सुबह दल के सदस्य संतोष अग्रवाल के घर पहुंचे। बच्चे से पूछताछ कर उसके शरीर पर जख्मों को देखा। उन्होंने बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया। चाइल्ड लाइन के ब्रजेश धाकड़ ने बताया कि अग्रवाल दंपत्ति के खिलाफ एफआईआर की जाएगी।
घाव देने वालों की सफाई- हम उसे अच्छे से पाल रहे हैं
गोद लेने वाली अंजू अग्रवाल ने कहा बच्चे के शरीर के घाव पहले से ही हैं। हम उसे अच्छी तरह पाल रहे हैं। सौतेले पिता संतोष ने बताया हम उसे अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं।

🎌 बलात्कार की सजा 🎌 .


👉अमेरिका :
पीड़िता की उम्र और क्रूरता को देखकर उम्रकैद या 30 साल की सजा दी जाती है।
👉 रूस :-
20 साल की कठोर सजा.
👉चीन -
No Trial, मेडिकल जांच मे प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड.
👉 पोलेंड -
सुवरो से कटवा कर मौत Death thrown to Pigs
👉 इराक -
पत्थरो से मार कर हत्या .Death by stone till last breath
👉 ईरान -
24 घंटे के अंदर पत्थरो से मार दिया जाता है या फांसी
👉दक्षिण अफ्रीका :
20 साल की जेल
👉 सऊदी अरब :
फांसी या यौनांगों को काटने की सजा
👉 मंगोलिया -
परिवार द्वारा बदले स्वरुप मृत्यु Death as revenge by family
👉नीदरलैंड- :
ेंयौन अपराधों के लिए अलग-अलग सजा बताई गई है।
👉 कतर -
हाथ,पैर,यौनांग काट कर पत्थर मार कर हत्या
👉अफ़गिनिस्तान -
4 दिनो भीतर सर मे गोली मार दिया जाता है.
👉 मलेसिया -
मृत्यु दंड Death Penalty
👉 कुवैत -
सात दिनो के अंदर मौत की सजा.
👉INDIA -
प्रदर्शन
धर्ना
जांच आयोग
समझौता
रिस्वत
लडकी की आलोचना
मिडिया ट्रायल
राजनीतिकरन
जातिकरन
जमानत
सालो बाद चार्जशिट
सालो तक मुकदमा
अपमान एवं जलालत
और
अंत मे दोषी का बच निकलना.

लिफ्ट में फंसे अमित शाह तो लालू ने ली चुटकी, कहा- इतना मोटा आदमी घुसा ही क्‍यों?


पटना: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को पटना में एक लिफ्ट में फंस गए थे। इस पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने चुटकी ली है। लालू ने शुक्रवार को कहा, ''अमित शाह जैसे मोटे आदमी को पटना की लिफ्ट में नहीं घुसना चाहिए था। बिहार में लिफ्ट छोटी होती है। लिफ्ट इतने मोटे लोगों को ढोने लायक नहीं है।''
बता दें कि लालू ने इससे पहले, गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा था और उनकी मिमिक्री भी की।
जांच से पता चला कि ज्यादा वजन के चलते फंसी थी लिफ्ट
जांच में पता चला है कि लिफ्ट अधिक वजन के कारण रुक गई थी। लिफ्ट की कैपेसिटी 340 किलोग्राम है। अमित शाह के साथ पांच और लोग लिफ्ट में सवार हो गए थे।
40 मिनट तक फंसे रहे थे शाह और दूसरे नेता
शाह गुरुवार को पटना के स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरे थे। रात में वह ग्राउंड फ्लोर पर आने के लिए लिफ्ट में चढ़े थे। लिफ्ट तयशुदा जगह से छह इंच पहले बंद हो गई। ग्राउंड फ्लोर से पहले ही रुकने की वजह से लिफ्ट के दरवाजे ओपन नहीं हुए। शाह के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और सौदान सिंह भी थे। सभी चालीस मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे थे।
भाजपा नेताओं ने तुरंत लिफ्ट खोलने के लिए मेकैनिक की तलाश की, लेकिन रात में कोई मदद नहीं मिली। भाजपा नेता संजय मयूख ने कहा कि उन्होंने और सिक्युरिटी में लगे जवानों ने मिलकर छेनी-हथौड़ी से लिफ्ट तोड़ी और शाह व बाकी लोगों को बाहर निकाला।
जांच की मांग
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सीपी ठाकुर ने इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई है। वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि इस घटना की जांच होनी चाहिए। अगर कुछ देर में उन्हें नहीं निकाला जाता तो लिफ्ट में फंसे होने की वजह से किसी की जान भी जा सकती थी।

,,निज़ाम कुरैशी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्सपंख्य्क विभाग में प्रदेश सुप्रीमो की हैसियत से अब तक राजस्थान की सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके है

आगामी दो हज़ार अठारह राजस्थान विधानसभा चुनाव में टारगेट,, टू हंड्रेड ,,,यानी दो सो की दो सो विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की जीत की कोशिशों में जुटे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अल्सपसंख्य्क विभाग के प्रदेश चेयरमेंन हाजी निज़ाम कुरैशी का कहना है की राजस्थान के विकास ,,सौंदर्यकरण ,,,आंतरिक सुरक्षा और जनता के सामाजिक न्याय ,,कल्याण के लिए कोंग्रेस ही एक अकेली ऐसी सियासी जमात है जो लोगों को उनका हक़ देती है ,,,निज़ाम कुरैशी कहते है के राजस्थान की जनता भाजपा के झूंठे और फरेबी वायदों के झांसों में आकर अब पछता रही है ,,यही वजह है के आज राजस्थान का वोटर भाजपा के खिलाफ सीधा खड़ा हो गया है ,,,,,,,निज़ाम कुरैशी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्सपंख्य्क विभाग में प्रदेश सुप्रीमो की हैसियत से अब तक राजस्थान की सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके है ,,,उन्होंने अल्पसंख्यक विभाग की प्रदेश कार्यक्रारिणी के साथ साथ संभागीय स्तर पर चेयरमेन नियुक्त कर संगठन की शक्तिया विकेंद्रीकृत कर क्षेत्र के लोगों को संगठन से जोड़ने की सफलतम प्रयास किये है ,,सभी संभागो में चेयरमेन और कार्यकारिणी की नियुक्ति जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब राजस्थान के हर ब्लॉक ,,हर वार्ड ,,,हर बूथ संख्या पर अल्पसंख्यक विभाग का कार्यकर्ता तैनात होगा ,,निज़ाम कुरैशी ने सभी अध्यक्षों को निर्देश दिए है के वोह अपने अपने क्षेत्रो में गुटबाज़ी से ऊपर उठकर ,,,पार्टी हाईकमान के निर्देशो पर समपर्ण भाव से पार्टी को मज़बूती देने का काम करे ,,जिला कांग्रेस कार्यकारिणी से समन्वय बनाये ,,प्रभारियों के समक्ष अपना पक्ष रखे ,,पार्टी हाईकमान को ,,अल्पसंख्यक विभाग को अपने अपने क्षेत्रो में कांग्रेस कहाँ किन कारणों से कमज़ोर है और इसे कैसे मज़बूत किया जा सकता है रिसर्च पेपर सुझावों के साथ तय्यार कर भेजे ,,,,,,,,,,,,,,,,,निज़ाम कुरैशी कांग्रेस कार्यकर्ताओें से कहते है के सत्ता की दमनकारी नीतियों से डरने की ज़रूरत नहीं ,,सत्ता के खिलाफ संघर्ष ही हमारे साथी कार्यकर्ताओ को न्याय दिलवाने का एक फार्मूला है ,,,,,,,,,निज़ाम कुरैशी ने सभी ज़िलों ,,संभाग और पदेश में जेन ,,सिक्ख ,,,ईसाई सहित सभी अल्सपंख्य्क समाज के नेतृत्व को तरजीह दी है ,,,,,,,,निज़ाम कुरैशी पहले ऐसे नेता है जिन्होंने जयपुर में मंदिर तोड़ने पर आपत्ति जताते हुए साफ़ तोर पर सरकार को चेतावनी दी थी के ,,कोई भी धार्मिक स्थल चाहे मंदिर हो या कुछ और अगर तोड़ने की कोशिश की गई तो सरकारी ज़ुल्म के बुलडोज़र को उनके ऊपर से निकलना होगा और तब से राजस्थान में सरकार का रुख मंदिर तोड़ने के मामलों में खामोश हो गया है ,,,आर एस एस भी निज़ाम कुरैशी के इस बयांन से शर्मसार होकर भाजपा के खिलाफ मंदिर तोड़ने के मामले में चिंतन मंथन कर बोलने पर मजबूर हुई ,,,निज़ाम कुरैशी कहते है के पार्टी के लिए खूब खुलकर काम करो ,,पार्टी में अपना हक़ भी लोकतान्त्रिक तरीके से मांगो लेकिन जब हाईकमान किसी के हक़ में फैसला देकर उसे प्रत्याक्षी बनाता है तो फिर सभी को उसे जिताने का संकल्प लेकर ईमानदारी से साथ देना चाहिए ,,निज़ाम कुरैशी नियुक्ति के बाद से ही पंचायत चुनाव ,,नगरपालिका चुनाव और फिर अब वर्तमान नगरपालिका चुनाव में सक्रिय रहकर जिलेवार ,, संभागवार उनकी टीम के साथ जुड़कर कांग्रेस को जिताने के लिए निर्देश जारी करते रहे है ,,,,इसके सकारात्मक नतीजे भी आये है ,,सभी क्षेत्रो में नाराज़ अल्सपंख्य्क फिर से कांग्रेस की तरफ आकर्षित हुआ है ,,बारां ,,झालावाड़ ,,अंता ,,टोंक सहित कई नगरपालिकाओं में इसीलिए परिणाम अप्रत्याशित आये है ,,निज़ाम कुरैशी अल्पसंख्यकों के उचित पर्तीिनिधित्व की संगठन में हिस्सा देने की भी पैरवी करते है वोह कहते है के हम काम करते है ,,कांग्रेस के लिए जीते है ,,कांग्रेस के लिए लड़ते है ,,कांग्रेस के लिए संघर्ष करते है तो राजस्थान की तीस सीटों पर हमारा हक़ भी बनता है ,,,नगर पालिका ,,पंचायत चुनाव में भी हमारा हक़ है ,,,वोह कहते है हम आंतरिक लोकतंत्र संघर्ष के तहत हमारे अल्पसंख्यक विभाग के हक़ के लिए संघर्ष करेंगे ,,लेकिन पार्टी हाईकमान सर्वोच्च है और हमे ख़ुशी है के सचिन पायलेट के नेतृत्व में अल्पसंख्यक विभाग को इंसाफ मिल रहा है ,,राहुल गांधी युवाओ को अपने साथ जोड़ रहे है तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत की कल्याणकारी योजनाओ का क्रेडिट हमारे कार्यकर्ताओ को मिल रहा है और जनता सीधे कांग्रेस के साथ जुड़कर कांग्रेस ज़िंदाबाद कर रही है ,,,निज़ाम कुरैशी ने उनकी नियुक्ति के बाद एक दर्जन से भी ज़्यादा प्रादेशिक स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन ,,रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम करवाये है और इसी लिए निज़ाम कुरैशी दूसरे अध्यक्षों से ऊपर उठ खड़े हुए है ,,,,,निज़ाम कुरैशी पहले अधिकारी थे ,स्वेच्छिक सेवानिवृती के बाद आप राजनीती में आये ,,उन्हें सामजिक सरोकार से जुड़े रहने के कारन सियासी पहचान मिली और पूर्व सरकार में राजयमंत्री का दर्जा देकर निज़ाम कुरैशी को खेल विकास प्राधिकरण का चेयरमेन बनाया गया ,,निज़ाम कुरैशी ने खेल विकास प्राधिकरण में खेल कोटे से कई लोगों को रोज़गार दिलवाये ,,तो खेल में राजस्थान मज़बूत हो इसके लिए कार्ययोजना तय्यार की ,,,निज़ाम कुरैशी खुद राष्ट्रीय स्तर के फूटबाल चैम्पियन है एक गेंद को कैसे लोगों से छुड़ाकर गोल में डाला जाता है वोह खूब समझते है इसीलिए राजस्थान के वोटर को भाजपा और कुकुरमुत्ति पार्टियों से छुवड़वाकर कैसे कांग्रेस के पक्ष में मतदान करवाना है इसका फार्मूला निज़ाम कुरैशी ने तय्यार कर टारगेट टू हण्ड्रेड यानि दो सो विंधान सभाओ में कांग्रेस की जीत का निज़ाम तय्यार किया है ,,इस सम्बन्ध में शीघ्र ही निज़ाम कुरैशी की निजामत में राष्ट्रिय स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन जयपुर में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है ,,,,,,,,,,,,,,,,,निज़ाम कुरैशी अपने कार्यकर्ताओं को निर्गुट ,,निष्पक्ष ,,निर्भीक होकर पार्टी हित में पार्टी हाईकमान के निर्देशो पर कार्य करने के निर्देश देते है ,,साथ ही सामजिक सरोकार ,,समाज सेवा क्षेत्रों में भी आम लोगों के साथ दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ,,जाति ,,मज़हब ,,समाज के भेदभाव से ऊपर उठ कर लोगों के दुःख सुख बांटने के भी निर्देश देते है ताके ऐसी सेवा कार्य से लोगों का कार्यकर्ताओं के साथ निजी जुड़ाव हो और वह ताल ठोक कांग्रेस के पक्ष में मतदात करवाकर कांग्रेस को ज़िंदाबाद कर फिर से सत्ता में ला सके ,,ताकि राजस्थान में कांग्रेस सुर्खरू हो सके ,,सचिन पायलेट ,,राहुल गांधी ,,सोनिया गांधी ,,खुर्शीद अहमद ,,प्रभारी गुरुदास कामत ,,सह प्रभारी मिर्ज़ा इरशाद बेग ,,अशोक गेहलोत के हाथ मज़बूत हो सके और राजस्थान एक विकसित ,,खुशहाल ,,समस्या मुक्त राज्य बन सके ,,यहां की जनता सुकून से रह सके ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या लिखूं ..

क्या लिखूं ....
ज़िक्र भी करदूं ‘मोदी’ का तो खाता हूँ गालियां
अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं ??
कोयले की खान लिखूं
या मनमोहन बेईमान लिखूं ?
पप्पू पर जोक लिखूं
या मुल्ला मुलायम लिखूं ?
सी.बी.आई. बदनाम लिखूं
या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ?
शीला की विदाई लिखूं
या लालू की रिहाई लिखूं
‘आप’ की रामलीला लिखूं
या कांग्रेस का प्यार लिखूं
भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ
या प्रशासन बेकार लिखू ?
महँगाई की मार लिखूं
या गरीबो का बुरा हाल लिखू ?
भूखा इन्सान लिखूं
या बिकता ईमान लिखूं ?
आत्महत्या करता किसान लिखूँ
या शीश कटे जवान लिखूं ?
विधवा का विलाप लिखूँ ,
या अबला का चीत्कार लिखू ?
दिग्गी का’टंच माल’लिखूं
या करप्शन विकराल लिखूँ ?
अजन्मी बिटिया मारी जाती लिखू,
या सयानी बिटिया ताड़ी जाती लिखू?
दहेज हत्या, शोषण, बलात्कार लिखू
या टूटे हुए मंदिरों का हाल लिखूँ ?
गद्दारों के हाथों में तलवार लिखूं
या हो रहा भारत निर्माण लिखूँ ?
जाति और सूबों में बंटा देश लिखूं
या बीस दलो की लंगड़ी सरकार लिखूँ ?
नेताओं का महंगा आहार लिखूं
या 5 रुपये का थाल लिखूं ?
लोकतंत्र का बंटाधार लिखूं
या पी.एम्. की कुर्सी पे मोदी का नाम लिखूं ?
अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं”

लिखने बैठा तो

लिखने बैठा तो सोच में पड़ गया
किस हसीना की अदाओं पे लिखूं
मगर दिख गयी एक तस्वीर यारो
सोचा वतन के हालात पे लिखूं
किसी भूखे विलखते बच्चे पे लिखूं
या मरते जवान और किसान पे लिखूं
दहेज़ के लिए जलती बेटी पे लिखूं
या नशे के मारे युवा पे लिखूं
बेपरवाह औलाद पे लिखूं
या बलात्कारी जलाद पे लिखूं
लिख दूं किसी रिश्वतखोर पे
या ज़ालिम सरकार पे लिखूं
कसूरवार किसे मानू
नेता अभिनेता या अभिमान लिखूं
सोचता हूँ जब हिस्सा हूँ इस खेल का
तो क्यों ना
कसूरवारों में पहला खुद का नाम लिखूं.

लोग पत्नी का मजाक उड़ाते है। बीवी के



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देह मेरी ,
हल्दी तुम्हारे नाम की ।
हथेली मेरी ,
मेहंदी तुम्हारे नाम की ।
सिर मेरा ,
चुनरी तुम्हारे नाम की ।
मांग मेरी ,
सिन्दूर तुम्हारे नाम का ।
माथा मेरा ,
बिंदिया तुम्हारे नाम की ।
नाक मेरी ,
नथनी तुम्हारे नाम की ।
गला मेरा ,
मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का ।
कलाई मेरी ,
चूड़ियाँ तुम्हारे नाम की ।
पाँव मेरे ,
महावर तुम्हारे नाम की ।
उंगलियाँ मेरी ,
बिछुए तुम्हारे नाम के ।
बड़ों की चरण-वंदना
मै करूँ ,
और 'सदा-सुहागन' का आशीष
तुम्हारे नाम का ।
और तो और -
करवाचौथ/बड़मावस के व्रत भी
तुम्हारे नाम के ।
यहाँ तक कि
कोख मेरी/ खून मेरा/ दूध मेरा,
और बच्चा ?
बच्चा तुम्हारे नाम का ।
घर के दरवाज़े पर लगी
'नेम-प्लेट' तुम्हारे नाम की ।
और तो और -
मेरे अपने नाम के सम्मुख
लिखा गोत्र भी मेरा नहीं,
तुम्हारे नाम का ।
सब कुछ तो
तुम्हारे नाम का...
Namrata se puchti hu?
आखिर तुम्हारे पास...
क्या है मेरे नाम का?
एक लड़की ससुराल चली गई।
कल की लड़की आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लड़की,
अब ससुराल की सेवा करना सीख गई.
कल तक तो टीशर्ट और जीन्स पहनती लड़की,
आज साड़ी पहनना सीख गई.
पिहर में जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लड़की,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED स्कुटी चलाती लड़की,
आज BIKE के पीछे बैठना सीख गई.
कल तक तो तीन वक्त पूरा खाना खाती लड़की,
आज ससुराल में तीन वक्त
का खाना बनाना सीख गई.
हमेशा जिद करती लड़की,
आज पति को पूछना सीख गई.
कल तक तो मम्मी से काम करवाती लड़की,
आज सासुमां के काम करना सीख गई.
कल तक भाई-बहन के साथ
झगड़ा करती लड़की,
आज ननद का मान करना सीख गई.
कल तक तो भाभी के साथ मजाक करती लड़की,
आज जेठानी का आदर करना सीख गई.
पिता की आँख का पानी,
ससुर के ग्लास का पानी बन गई.
फिर लोग कहते हैं कि बेटी ससुराल जाना सीख
गई.
(यह बलिदान केवल लड़की ही कर
सकती है,इसिलिए हमेशा लड़की की झोली
वात्सल्य से भरी रखना...)

ओवैसी ने PM की पहल पर गैस सब्सिडी तो छोड़ी, पर मोदी की तुलना हिटलर से की

फाइल फोटो- असदउद्दीन ओवैसी।
फाइल फोटो- असदउद्दीन ओवैसी।
हैदराबाद. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को फॉलो किया है। लेकिन दूसरी तरफ यह भी कहा है कि मोदी की बातें सुनकर उन्हें हिटलर की याद आ जाती है। मोदी के कट्टर विरोधी ओवैसी हैदराबाद से सांसद हैं। आंध्र और महाराष्ट्र के बाद अब उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है।
ओवैसी ने क्या किया?
1. मोदी ने जिस कैम्पेन की बढ़-चढ़कर पब्लिसिटी की, उसका ओवैसी बने हिस्सा
मोदी ने देश के सक्षम लोगों के साथ सांसदों से भी गैस सब्सिडी छोड़ने के ‘गिव इट अप कैम्पेन’ को फॉलो करने की अपील की थी। 15 अगस्त को लाल किले से दी स्पीच में भी उन्होंने इसका जिक्र किया था। ओवैसी मोदी के धुर विरोधी हैं। लेकिन वे इस कैम्पेन का हिस्सा बन गए। उन्होंने न सिर्फ अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी बल्कि ऑइल कंपनी की तरफ से लेटर ऑफ एप्रिसिएशन मिलने पर उसे ट्वीट भी किया। बता दें कि देश में अब तक 20 लाख लोगों ने यह सब्सिडी छोड़ी है। इससे सरकार के 15 हजार करोड़ रुपए बचे हैं।
2. लेकिन मोदी के बयानों को हिटलर जैसा बताया
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना जर्मनी के तानाशाह हिटलर से की है। बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार 25 उम्‍मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे ओवैसी ने बिहार में भाजपा की रैलियों में मोदी के भाषण को लेकर उन पर निशाना साधा। एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा कि मोदी के बयान सुन कर मुझे आज के जमाने के हिटलर की याद आ जाती है।' गौरतलब है कि ओवैसी ने 16 अगस्त को किशनगंज (बिहार) में एक रैली की थी। मुस्लिम बहुल इस इलाके में उनकी सभा में भारी भीड़ जुटी थी।
ओवैसी ने आंध्र प्रदेश से बाहर पहली बार महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में एंट्री ली थी। उन्‍होंने शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के गढ़ मुंबई सहित 24 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए। इनमें से दो कैंडिडेट्स जीते। रमजान के महीने में ओवैसी ने यूपी में भी इफ्तार पार्टियों के जरिए नेटवर्क बढ़ाया।
लालू, नीतीश और राहुल की राह मुश्किल कर सकते हैं आवैसी

ओवैसी की पार्टी बिहार में करीब 25 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। ओवैसी का यह कदम लालू-नीतीश और राहुल के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है। बिहार के सीमांचल में कई ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां 15 से 20 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। यह वोट अब तक कांग्रेस या आरजेडी को मिलते रहे हैं लेकिन किशनगंज की रैली में उमड़ी भीड़ के बाद जहां ओवैसी खुश हैं वहीं महागठबंधन के नेताओं के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं। एनसीपी पहले ही उनका साथ छोड़ चुकी है। अगर ओवैसी भी मैदान में उतरते हैं तो फिर बीजेपी को इसका फायदा मिलना तय है। लालू यादव तो एमवाई (मुस्‍लिम-यादव) की ही राजनीति करते रहे हैं। बता दें कि किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, सहरसा के इलाकों में मुस्लिमों की अच्छी आबादी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी हार गई थी।

क्या आप जानते हैं?


* खड़े खड़े पानी पीने वाले का घुटना दुनिया का कोई डॉक्टर ठीक नहीँ कर सकता।
* तेज पंखे के नीचे या A. C. में सोने से मोटापा बढ़ता है।
* 70% दर्द में एक ग्लास गर्म पानी किसी भी पेन किलर से भी तेज काम करता है।
* कुकर में दाल गलती है, पकती नहीँ। इसीलिए गैस और एसिडिटी करती है।
* अल्युमिनम के बर्तनों के प्रयोग से अंग्रेजों नें देशभक्त भारतीय क़ैदियों को रोगी बनाया था।
* शर्बत और नारियल पानी सुबह ग्यारह के पहले अमृत है।
* लकवा होते ही मरीज के नाक में देशी गाय का घी डालने से लकवा पन्द्रह मिनट मेँ ठीक हो जाता है।
* देशी गाय के शरीर पर हाथ फेरने से 10 दिन में ब्लड प्रेसर नॉर्मल हो जाता है।
* देशी गाय का दूध रोग नाशक और विदेशी गाय का दूध रोग कारक है।
गुड़ खाने से 18 फायदे :
1>गुड़ खाने से नहीं होती गैस की दिक्कत
2>खाना खाने के बाद अक्सर मीठा खाने का मन करता हैं। इसके लिए सबसे बेहतर है कि आप गुड़ खाएं। गुड़ का सेवन करने से आप हेल्दी रह सकते हैं
3> पाचन क्रिया को सही रखना
4> गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस की दिक्कत नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा गुड़ ज़रूर खाएं
5> गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है। इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रूर है
6> त्वचा के लिए -- गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
7> गुड़ की तासीर गर्म है, इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
8> एनर्जी के लिए -- बुहत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता। दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।
9> गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
10> जोड़ों के दर्द में आराम -- रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।
11> गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हुआ गला व आवाज खुल जाती है।
12> गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।
13> जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।
14> गुड़ और घी मिलाकर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
15> भोजन के बाद गुड़ खा लेने से पेट में गैस नहीं बनती ।
16> पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
17> गुड़ का हलवा खाने से स्मरण शक्ति बढती है।
18> पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।

थक सा गया हूँ

बहुत थक सा गया हूँ खुद को साबित करते
करते ,
मेरे तरीके गलत हो सकते है
मगर मेरी मोहब्बत नही

श्रीनगर: फिर दिखे पाकिस्‍तान, ISIS के झंडे, इस बार बगदादी का फोटो भी नजर आया


श्रीनगर. भारत-पाकिस्तान के बीच रविवार को एनएसए लेवल की बातचीत से पहले माहौल गरमा गया है। पाकिस्‍तान में जहां ट्व‍िटर पर लोगों ने भारत के एनएसए अजीत डाभोल को 'शैतान' करार दिया, वहीं जम्‍मू-कश्‍मीर में पाकिस्‍तान, आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे नजर आए। पिछली बार झंडों में यह लिखा था कि आईएस जम्मू-कश्मीर में जल्द आ रहा है। इस बार झंडों में आईएसआईएस सरगना बगदादी के फोटो भी नजर आए। वहीं, अलगाववादी नेता भारत सरकार के विरोध के बावजूद रविवार को पाकिस्‍तानी एनएसए सरताज अजीज से मुलाकात पर अड़े हैं। पाकिस्तान ने भी कहा है कि वह अपने प्लान के मुताबिक ही अलगाववादियों से मिलेगा।
लगातार छठे जुमे पर श्रीनगर में दिखे आईएस, लश्कर और पाकिस्तान के झंडे
शुक्रवार (21 अगस्‍त) को श्रीनगर में झंडे दिखाने की यह हरकत लगातार छठे जुमे पर की गई है। इससे पहले कब-कब दिखे झंडे?
- 17 जुलाई : शुक्रवार को श्रीनगर के नोहट्टा इलाके में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद विरोध भड़का। प्रदर्शनकारियों ने आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए।
- 24 जुलाई : श्रीनगर की जामिया मस्जिद में नमाज के बाद कुछ लोग आईएसआईएस का झंडा लिए नजर आए। उन्होंने नकाब पहन रखा था।
- 31 जुलाई : इसी मस्जिद के बाहर नमाज के बाद फिर आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए गए।
- 7 अगस्त : श्रीनगर की जामिया मस्जिद इलाके में एक बार फिर इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के झंडे भी नजर आए। जो झंडे दिखाए गए उन पर लिखा था, ‘IS JK जल्द आ रहा है'।
- 14 अगस्त : पाकिस्तान की आजादी की सालगिरह पर जम्‍मू-कश्‍मीर के श्रीनगर में कई जगहों पर पाकिस्तानी झंडे लगे नजर आए। एक महिला अलगाववादी नेता दुख्तरान-ए-मिल्लत की चीफ आसिया अंद्राबी ने तो खुलेआम पाकिस्तानी झंडा लगा दिया और पार्टी वर्करों के बीच भाषण भी दिया। श्रीनगर में एक जगह आईएस का झंडा भी दिखा।
12 लड़कों का ग्रुप है इन घटनाओं के पीछे
पुलिस अफसरों के मुताबिक आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे फहराने के पीछे 12 लड़कों का ग्रुप है। सीनियर पुलिस अफसरों के मुताबिक इंटेलीजेंस इनपुट और सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज और फोटो के आधार पर इस ग्रुप से जुड़े लोगों की पहचान कर ली गई है और इन पर लगातार निगाह रखी जा रही है। इंटेलिजेंस एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि इस ग्रुप को आखिर फंडिंग कहां से हो रही है।
इंडियन मुजाहिदीन कर रहा आईएस के लिए रिक्रूटमेंट
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआईएस के लिए रिक्रूटमेंट करने वाले ऐसे 70 से 75 लोग भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। आईएसआईएस ज्वॉइन कर चुके इंडियन मुजाहिदीन के कुछ लोग भारत में रिक्रूटमेंट करने के लिए लोगों से संपर्क कर रहे हैं। ऐसे हैंडलर्स के होने की मौजूदगी खुफिया अफसरों ने भी मानी है। ये अफसर उस ऑपरेशन का हिस्सा रहे हैं, जो बीते एक साल में तेलंगाना के 17 यंगस्टर्स को आईएसआईएस ज्वाॅइन करने के लिए विदेश जाने से रोक चुके हैं।

महिला की उसके निजी ड्राईवर ने की चाकुओं से गोदकर हत्या


कोटा के आरके पुरम थाना इलाके की चित्रगुप्त काॅलोनी में एक महिला की उसी के निजी ड्राईवर ने चाकुओं से गोदकर निर्ममतापुर्वक हत्या कर दी। खुद के घर के बाहर घायल महिला को पडौसियों की मदद से निजी अस्पताल पहुुंचाया गया जहां उसे डाक्टरों ने म्रत घोषित कर दिया। महिला स्वाति गुप्ता दुरसंचार विभाग में कार्यरत थी। इसके यहां लालचंद सात आठ साल से ड्राईवर की नौकरी करता था। लेकिन पिछले दो तीन सालों से उसने काम छोड दिया था। अभी हाल ही में उसे वापस ड्राईवर की नौकरी पर लगाया गया था। रात को घर लौटने पर पहले से घात लगाये बैठे ड्राईवर लालचंद ने उस पर चाकुओं से हमला कर दिया और भाग गया। लहुलुहान महिला स्वाति को आसपडौस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसने दम तोड दिया। पुलिस को मौके से आरोपी की मोटरसाईकिल उसकी चप्पलें ओर शराब की बोतल मिली है। आरोपी ड्राईवर लालचंद को पुलिस ने गिरफतार कर लिया और पुछताछ जारी ह श्रीनाथपुरम सेक्टर ई में शुक्रवार की रात को बीएसएनएल की महिला अधिकारी
स्वाति गुप्ता की उनके 10 साल पुराने ड्राइवर ने चाकुओं से गोदकर निर्मम
हत्या कर दी। पिछले दिनों भी उसे नौकरी से निकाल दिया था। वो माफी मांगकर
वापस काम पर आ गया था। पुलिस का मानना है कि हत्या के पीछे ये भी एक कारण
हो सकता है।
लार्ड बुद्धा कॉलेज के डायरेक्टर विनय गुप्ता और उनकी पत्नी स्वाति
गुप्ता श्रीनाथपुरम सेक्टर ई में रहते हैं। चार साल पहले सड़क हादसे में
गुप्ता के दोनों पांव खराब हो चुके हैं। करीब 10 साल से लालचंद उनका
ड्राइवर था। लालचंद शराब का आदी है और कई बार अभद्र व्यवहार कर चुका था।
इस कारण दो साल पहले उसे नौकरी से निकाल दिया था। उसने माफी मांगी तो उसे
फिर रख लिया गया। बुधवार को गुप्ता परिवार ने उसे फिर नौकरी से निकाल
दिया। शुक्रवार को स्वाति ऑफिस नहीं गई थी और रात करीब 9.30 बजे कार घर
में पार्क कर रही थीं। वो कार पार्क करके बाहर रैंप पर आई ही थीं कि पहले
से घात लगाकर खड़े लालचंद ने उनके ऊपर चाकू से कई वार कर दिए। स्वाति के
सीने व पेट में चाकू के करीब 15 घाव हैं। स्वाति वहीं गिर गईं। पड़ोसी
तत्काल तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में ले गए, जहां डाक्टरों ने स्वाति को
मृत घोषित कर दिया

पाकिस्तान के अड़ियल रुख के बाद कैंसल हो सकती है NSA लेवल की बातचीत

भारत-पाकिस्तान में एनएसए लेवल की बातचीत से पहले की गरमागरमी और कश्‍मीर में लगातार सीजफायर तोड़े जाने से नाराज लोकल लोगों का क्‍या कहना है, यह ऊपर वीडियो पर क्लिक कर सुनें।
नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान के नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर्स के बीच 23-24 अगस्त को होने वाली मीटिंग खटाई पड़ती दिख रही है। दोनों देशों के बीच तल्खी खुलकर सामने आ गई है। माहौल गरमाने की बड़ी वजह है कश्मीरी अलगाववादी। पाकिस्‍तान अलगाववादी नेताओं से मुलाकात पर अड़ा है। उसने कश्मीर को ही असली मुद्दा बताया है। वहीं, भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज का अलगाववादी नेताओं से मिलना ठीक नहीं होगा। भारत के एनएसए अजीत डोभाल भी सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात करेंगे। हालांकि, दोनों देशों ने बातचीत रद्द करने का एलान नहीं किया है।
इस बीच यूएन ने दोनों देशों के बीच बातचीत को जरूरी बताया है। एक बयान जारी करके यूएन दोनों देशों से बातचीत करने की अपील की है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज शनिवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान बातचीत रद्द करने का एलान कर सकता है।
इस मामले से जुड़े शुक्रवार के 10 डेवलपमेंट्स पर नजर डालिए:
1. पाकिस्तान सरकार के सूत्रों के मुताबिक 24 अगस्त की सुबह एनएसए सरताज अजीज हुर्रियत नेता एसएएस गिलानी से मुलाकात करेंगे।

2. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने साफ किया कि भारत को नई शर्तें मंजूर नहीं हैं। पाकिस्तान की नई शर्तों के साथ बातचीत संभव नहीं है। पाकिस्तान ऊफा में तय हुए बातचीत के एजेंडे से पीछे हट रहा था। भारत अब भी पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है।

3. मोदी सरकार के सूत्रों ने बताया कि अलगाववादी नेताओं को दिल्ली नहीं आने दिया जाएगा। एहतियातन उन्हें अरेस्ट भी किया जा सकता है। भारत पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद पर बात करेगा।

4. इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय हाई कमिशन को बताया कि अलगाववादियों से मुलाकात नहीं करने की भारत की सलाह हम नहीं मानेंगे। असल मुद्दा तो कश्मीर है जो विवादित है। हुर्रियत के नेता ही कश्मीरी आवाम के असली नुमाइंदे हैं। हमने भारत को बातचीत का एजेंडा बता दिया है। रूस के उफा में मोदी-नवाज के बीच रजामंदी से तय मुद्दों पर बात होगी, जिनमें कश्मीर जैसे पेंडिंग मुद्दे भी शामिल हैं।

5. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों से बातचीत जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि यह पुरानी परंपरा है कि पाकिस्तानी हाई कमीशन अलगाववादी नेताओं को बुलाता रहा है। उनसे राय-मशविरा होता रहा है।

6. पाकिस्तान ने कहा, "हम भारत की नहीं सुनेंगे। डिप्लोमेसी में हमें शर्त नहीं चाहिए। हम भारत से ‘डिक्टेशन’ नहीं लेंगे। तय शेड्यूल के मुताबिक अलगाववादियों से रविवार को ही मुलाकात होगी।"

7. भारत ने पाकिस्तान को मैसेज भिजवाया था कि उसके एनएसए सरताज अजीज जब बातचीत के लिए भारत आएं, तो उन्हें हुर्रियत नेताओं से मुलाकात नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शुक्रवार को अपने ट्वीट्स में इसकी जानकारी दी। भारत ने कहा है कि अजीज का हुर्रियत नेताओं से मिलना ठीक नहीं होगा।

8. एनएसए लेवल की बातचीत से पहले पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने आर्मी चीफ राहिल शरीफ और आईएसआई चीफ रिजवान अख्तर के साथ मीटिंग की है। इससे बातचीत में पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई का एजेंडा हावी रहने के आसार हैं।

9. अलगाववादी नेता शब्बीर शाह ने भी कहा कि वह अपने डेलीगेशन के साथ शनिवार को दिल्ली पहुंचेंगे और रविवार को सरताज अजीज से मुलाकात करेंगे।

10. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दो अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी और शब्बीर शाह को हिरासत में ले लिया।
क्या है मामला?
भारत के एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज के बीच 23-24 अगस्त को दिल्ली में बातचीत होनी है। पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने मंगलवार रात कश्मीरी अलगाववादियों को न्योता भेजकर 23 अगस्त को दावत पर बुलाया है। यानी पाकिस्तान उसी दिन कश्मीरी अलगाववादियों से मिलना चाहता है जिस दिन डोभाल की अजीज के साथ मीटिंग होगी।
एजेंडे पर भी अलग दावे
विकास स्वरूप ने ट्वीट में यह जानकारी भी दी कि भारत एनएसए लेवल की बातचीत के लिए अपना एजेंडा पाकिस्तान को 18 अगस्त को ही भेज चुका है। लेकिन गुरुवार को पाकिस्तान के आला अफसरों ने बताया कि अभी बातचीत का एजेंडा ही तय नहीं है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इनके हवाले से बताया कि बातचीत का एजेंडा खुला हो सकता है। इसमें आतंकवाद और एक-दूसरे की चिंता से जुड़े मसले हो सकते हैं।
बेटे के उलट फारूख अब्दुल्ला ने साधा हुर्रियत पर निशाना
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने शुक्रवार को हुर्रियत नेताओं को जमकर खरी-खोटी सुनाई। एक इंटरव्यू में अब्दुल्ला ने कहा, “हुर्रियत नेता चाहते ही नहीं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हो। अगर हुर्रियत नेताओं में दम होता तो वे चुनाव लड़ते। पूर्व रॉ अफसर ए.एन. दुलत ने तो अपनी किताब में साफ लिखा है कि हुर्रियत नेताओं को भारत और पाकिस्तान, दोनों से फंड मिलता है। इसलिए वे नहीं चाहते कि हालात सुधरें।”
एक बार रद्द हो चुकी है फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की बातचीत
बता दें कि हुर्रियत नेताओं से मिलने की जिद की वजह से ही पिछली बार भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बातचीत पिछले साल अगस्त में रद्द कर देनी पड़ी थी। दरअसल, दोनों देशों के बीच जब भी टॉप लेवल की बातचीत का प्रस्ताव सामने आता है, पाकिस्तान उसके पहले ही हुर्रियत नेताओं को मिलने के लिए न्योता भेज देता है। भारत का कहना है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस कश्मीर की जनता की आवाज नहीं है और अगर पाकिस्तान को बातचीत ही करनी है तो वह भारत सरकार से करे।
भारत पुख्ता सबूत के साथ देगा 60 आतंकियों की लिस्ट
भारत पाकिस्तान को करीब 60 मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट सौंपेगा। इन आतंकियों के खिलाफ पुख्ता सबूतों के साथ करीब 1400 पेज का डॉजियर तैयार किया गया है।
इन मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के नाम दिए जाएंगे
कंधार कांड के दौरान छोड़ा गया मौलाना मसूद अजहर, हिजबुल का कमांडर मोहम्मद सलाहुद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा का चीफ हाफिज सईद, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, इंडियन मुजाहिदीन का रियाज भटकल, मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड जकी-उर रहमान लखवी, मुंबई सीरियल ब्लास्ट्स का गुनहगार टाइगर मेमन, आईएसआई का मेजर इकबाल, अब्दुर्रहमान पाशा, छोटा शकील, आमिर रजा खान, मेजर शामीर अली।
भारत और पाकिस्तान के बीच एनएसए लेवल मीटिंग में उठ सकते हैं ये मुद्दे
भारत पाकिस्तान
* भारत टेररिज्म के मुद्दे पर अपनी बात रखेगा। इसके संकेत मोदी सरकार ने पहले ही दे दिए हैं। * पाकिस्तान के पीएम हाउस के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान की इंटरनल सिक्युरिटी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।
* भारत यह मुद्दा उठा सकता है कि पाकिस्तान भारत पर हमले कराने के लिए अपने कई टेररिस्ट ग्रुप्स का इस्तेमाल कर रहा है। * अगर भारत ने लश्कर-जमात का मुद्दा उठाया तो पाकिस्तान समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, बलूचिस्तान, बॉर्डर पर फायरिंग का मुद्दा उठा सकता है।
* पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर तोड़ने के मसले को भी भारत की तरफ से उठाया जाएगा। * पाकिस्तान दोनों देशों के बीच फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की बातचीत फिर शुरू करने की मांग रख सकता है।
* भारत नावेद और पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों से जुड़े सबूत सौंप सकता है। * पाकिस्तान भारत के सामने पेशावर अटैक का मुद्दा उठा सकता है। उसका आरोप है कि इसमें भारत का हाथ था।
* अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, मुंबई आतंकी हमले में तेज ट्रायल की मांग की जाएगी। * सीजफायर तोड़ने के आरोपों पर उलटा पाकिस्तान भारत को जिम्मेदार ठहरा सकता है। पिछले दिनों पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित इसके संकेत दे चुके हैं।
EXPERT VIEW: पाकिस्तानी हमारे सिर पर बैठ रहे हैं, मनमानी कर रहे हैं
इस मुद्दे पर पूर्व डिप्लोमैट और पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रहे जी पार्थसारथी ने कहा- पिछले साल पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित की हुर्रियत नेताओं से मुलाकात के बाद भारत ने फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की बातचीत बंद कर दी थी। पाकिस्तान से साफ कहा था, ‘हमसे बात करो या अलगाववादियों से।' लेकिन अब उसने रुख बदल दिया है। इससे लगता है कि मोदी सरकार की पॉलिसी ही साफ नहीं है। तब सोचा ही नहीं था कि आगे यदि इस तरह के हालात बने तो कैसे निपटेंगे? मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया। किसके कहने पर? फिर तीन घंटे में छोड़ दिया। उन्होंने कानून-व्यवस्था के मद्देनजर फैसला लिया क्योंकि वे अलगाववादियों से मुठभेड़ नहीं चाहते। लेकिन केंद्र टकरा सकता है। यदि मैं फैसला लेता तो हुर्रियत वालों को दिल्ली आने देता। उन्हें यहां जेल में डाल देता। कश्मीर लौटा देता। इससे दुनिया को संदेश गया कि हम हिल गए हैं। अब यदि आपने मिलने दिया तो लोग कहेंगे कि पहले आपने फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की बातचीत बंद क्यों की? पाकिस्तानी हमारे सिर पर बैठ रहे हैं। मनमानी कर रहे हैं। हमारे देश में आकर अलगाववादियों से मिल रहे हैं।

क़ुरान का संदेश

 
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