आपका-अख्तर खान

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22 अगस्त 2015

टोंक के केंद्र बिंदु पर स्थित यह बिल्डिंग मुबारक मंज़िल

टोंक के केंद्र बिंदु पर स्थित यह बिल्डिंग मुबारक मंज़िल नाम से जानी जाती है यह बिल्डिंग आपने आप में टोंक के इतिहास को समोह हुए है
यह बिल्डिंग टोंक के प्रथम नवाब मोहम्मंद अमीर खान के पुत्र अहमद अली खान के लिय 1800 में बनाई गई थी यह लभग दो सालो में बन कर तैयार हुई थी जिस पर 87 हज़ार और कुछ रुपये खर्चा आया था यह हवेली नवाबी टाइम से टोंक में तहजीब और अदब का मरकज रही और यही कारन रहा की टोंक की शाही फैमिली की लड़कियों को तालीम और रीतिरिवाज को सीखने के लिय यहा भेजा जाता था साथ ही कई नवाबजादियो का सुसराल रही यह पांच बत्ती क्षेत्र में बनने वाली पहली बिल्डिंग है जो लभग 11070 वर्ग फ़ीट के एरिया में है जिनमे एक तरफ नो सात सात फ़ीट चौड़े और 12 फ़ीट उचे दर (दरवाजे )है दूसरी तरफ सामने सात दर इनके मध्य भाग में शीशे जवाहरात और सोने के पानी का बेहतरीन पिचकारी वर्क से सुसज्जित एक 18 फ़ीट लबमी और 7 फ़ीट चौड़ी सह दरी है जिस में प्रवेश करने पर चारो तरफ आपने ही छायाचित्र दिखाई देता है जिसमे किया गया पिचकरी वर्क देखते बनता है वर्तमन में जवाहिरात और सोने से हुआ पिचकरी वर्क ख़राब हो चूका है सहदरी के आगे 45 फ़ीट लाबमे दो दालान और उनके दोनों और रहने के लिय आठ बड़े हाल है हवेली की लम्बाई 120 फ़ीट है और चौड़ाई 90 फ़ीट है साथ में दो सहदरिया है मध्य भाग ४५०० वर्ग फ़ीट खुला हुआ पूर्ण हवादार है इसके दरों पे की गई नक्काशी और कोडी की पोलिश इसे बेहद सुंदरता प्रदान करती थी टोंक मेंक्षेत्रफल की नज़र से यह तीसरी बड़ी हवेली है

गुज़रते लम्हों में

गुज़रते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ..
ये मेरी प्यास है नदियाँ तलाश करता हूँ.
यहाँ तो लोग गिनाते है खूबियां अपनी..
में अपने आप में खामियाँ तलाश करता हूँ….!!

टोंक रियासत का खोया हुआ अस्तित्व वापस लौटाने

टोंक रियासत का खोया हुआ अस्तित्व वापस लौटाने ,, टोंक रियासत के नवाबज़ादो को उनका खोया हक़ ,,मान ,,सम्मान दिलवाने के लिए अंजुमन ऐ खानदानी समिति में मोहम्मद अहमद खान भय्या भाई को जिताकर टोंक अंजुमन को मज़बूत बनाने के लिए क्षेत्रीय अंजुमन से जुड़े सभी लोगों ने मन बना लिया है ,,,,,साहबज़ादे मोहम्मद अहमद खान भय्या भाई वर्तमान में टोंक जिला वक़्फ़ कमेटी चेयरमेन की हैसियत से अपनी खिदमात अंजाम दे रहे है ,,,भय्या भाई जो लोगो के दुःख सुख में हमेशा बिना किसी हिल हुज्जत ,,बिना किसी लालच के खड़े नज़र आते है उन्होंने टोंक वक़्फ़ सम्पत्ति को छुड़वाने के लिए अपनी जान की बाज़ी तक लगा डाली है ,,,,रियासत काल की जामा मस्जिद का रूप निखारा है तो जामा मस्जिद की देखरेख के लिए आर्थिक स्थिति मज़बूत की है ,,टोंक वक़्फ़ में बेहिसाब रचनात्मक निर्माण कार्य हुए है जिसमे महिलाओ के लिए विशेष महिला बाज़ार ,,,,मुसाफिर खाना ,,,शॉपिंग कॉम्प्लेक्स सहित कई योजनाये शामिल है ,,,,,टोंक रियासत जिसका पुरे देश में दबदबा था ,,टोंक रियासत जिससे अंग्रेजी हुकूमत के पसीने आते थे आज उस टोंक रियासत से जुड़े शाही परिवार के लोग अपने अस्तित्व को तलाश रहे है ,,,शाही परिवार और इनसे जुड़े सदस्यों को न सरकार में कोई इज़्ज़त है ,,ना उनका अस्तित्व मज़बूत हो पाया है ऐसे में टोंक रियासत के अस्तित्व को बचाने ,,,टोंक रियासत के खोये हुए सम्मान को पुर्स्थापित करवाने ,,,टोंक रियासत से जुड़े साहबज़ादो को फिर से साहबजादा सम्मान सरकार से दिलवाने ,,सरकार में उचित पर्तीिनिधित्व दिलवाने ,,टोंक के इतिहास को फिर से ज़िंदा आकर टोंक के खानदानी परिवारों को ज़िंदाबाद करने के लिए अंजुमन से जुड़े लोग आगामी तीस अगस्त को टोंक में होने वाले चुनाव में मोहम्मद अहमद खान उर्फ़ भय्या भाई को एक मुश्त रिकॉर्ड तोड़ वोटो से जिताने का संकल्प ले चुके है ,,,,भय्या भाई कहते है यह परिवार के चुनाव है इसमें लोकतान्त्रिक प्रणाली से मेरे अपने भी मेरे सामने है ,,में उन सभी का सम्मान करता हूँ क्योंकि वोह मेरे भाई है ,,भैय्या भाई कहते है के चुनाव के बाद आये नतीजों में उनके निर्वाचन होने पर वोह चुनावी कड़वाहट भुलाकर सभी प्रत्यक्ष्यों का सम्मान करते हुए अंजुमन की तरक़्क़ी और आत्मसम्मान के संघर्ष में उनके भी सुझाव लेकर टोंक रियासत को फिर से ज़िंदाबाद करेंगे ,,,और टोंक की खोई हुई अस्मत ,,खोया हुआ सम्मान फिर से लौटाने के लिए संघर्ष करेंगे ,,,वोह क्षेत्र में शिक्षा ,,रोज़गार ,,सामजिक कल्याण ,,सामजिक सुरक्षा ,,,राजनीतिक उचित पर्तीिनिधित्व ,,,,,राजकीय समारोह में अंजुमन खानदानियों के मान सम्मान के लिए सफलतापूर्वक सभी साथियों की मदद से काम करेंगे ,,,,,,,,,,,,,अखतर खान अकेला कोटा राजस्थान

तीन संत

एक औरत ने तीन संतों को अपने घर के सामने
देखा। वह उन्हें जानती नहीं थी।
औरत ने कहा –
“कृपया भीतर आइये और भोजन करिए।”
संत बोले – “क्या तुम्हारे पति घर पर हैं?”
औरत – “नहीं, वे अभी बाहर गए हैं।”
संत –“हम तभी भीतर आयेंगे जब वह घर पर
हों।”
शाम को उस औरत का पति घर आया और
औरत ने उसे यह सब बताया।
पति – “जाओ और उनसे कहो कि मैं घर
आ गया हूँ और उनको आदर सहित बुलाओ।”
औरत बाहर गई और उनको भीतर आने के
लिए कहा।
संत बोले – “हम सब किसी भी घर में एक साथ
नहीं जाते।”
“पर क्यों?” – औरत ने पूछा।
उनमें से एक संत ने कहा – “मेरा नाम धन है”
फ़िर दूसरे संतों की ओर इशारा कर के कहा –
“इन दोनों के नाम सफलता और प्रेम हैं।
हममें से कोई एक ही भीतर आ सकता है।
आप घर के अन्य सदस्यों से मिलकर तय कर
लें कि भीतर किसे निमंत्रित करना है।”
औरत ने भीतर जाकर अपने पति को यह सब
बताया।
उसका पति बहुत प्रसन्न हो गया और
बोला –“यदि ऐसा है तो हमें धन को आमंत्रित
करना चाहिए।
हमारा घर खुशियों से भर जाएगा।”
पत्नी – “मुझे लगता है कि हमें सफलता को
आमंत्रित करना चाहिए।”
उनकी बेटी दूसरे कमरे से यह सब सुन रही थी।
वह उनके पास आई और बोली –
“मुझे लगता है कि हमें प्रेम को आमंत्रित करना
चाहिए। प्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं हैं।”
“तुम ठीक कहती हो, हमें प्रेम
को ही बुलाना चाहिए” – उसके माता-पिता ने
कहा।
औरत घर के बाहर गई और उसने संतों से पूछा –
“आप में से जिनका नाम प्रेम है वे कृपया घर में
प्रवेश कर भोजन गृहण करें।”
प्रेम घर की ओर बढ़ चले।
बाकी के दो संत भी उनके
पीछे चलने लगे।
औरत ने आश्चर्य से उन दोनों से पूछा –
“मैंने
तो सिर्फ़ प्रेम को आमंत्रित किया था। आप लोग
भीतर क्यों जा रहे हैं?”
उनमें से एक ने कहा – “यदि आपने धन और
सफलता में से किसी एक को आमंत्रित किया होता
तो केवल वही भीतर जाता।
आपने प्रेम को आमंत्रित किया है।
प्रेम कभी अकेला नहीं जाता।
प्रेम जहाँ-जहाँ जाता है, धन और सफलता
उसके पीछे जाते हैं।
इस कहानी को एक बार, 2 बार, 3 बार
पढ़ें ........
अच्छा लगे तो प्रेम के साथ रहें,
प्रेम बाटें, प्रेम दें और प्रेम लें
क्यों कि प्रेम ही
सफल जीवन का राज है।

दस सर्वश्रेष्ट सवाल

राजा भोज ने कवि कालीदास से दस सर्वश्रेष्ट सवाल किए
1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना क्या है?
उत्तर- ''मां''
2- सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है?
उत्तर- "कपास का फूल"
3- सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध कौनसी है?
उत्तर- वर्षा से भीगी मिट्टी की सुगंध
4-सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौनसी?
"वाणी की"
5- सर्वश्रेष्ठ दूध?
"मां का"
6- सबसे से काला क्या है?
"कलंक"
7- सबसे भारी क्या है?
"पाप"
8- सबसे सस्ता क्या है?
"सलाह"
9- सबसे महंगा क्या है?
"सहयोग"
10-सबसे कडवा क्या है?
ऊत्तर- "सत्य"

कश्मीर की मलिका-ए-मौत: बुर्का नहीं पहना तो करती है लड़कियों का मुंह काला

असिया अंद्राबी
असिया अंद्राबी
श्रीनगर। ये है असिया अंद्राबी। कश्मीर की इकलौती महिला अलगाववादी। कट्‌टर इतनी है कि कहती है मैं कश्मीरियत या राष्ट्रवाद को नहीं मानती। देश या तो मुस्लिम होता है या गैर मुस्लिम। असिया कश्मीर में मलिका-ए-मौत के नाम से भी जानी जाती है। असिया को फिल्मों और इसमें काम करने वाले लोगों से भी काफी चिढ़ है। आसिया बॉलीवुड स्टार सलमान खान को हत्यारा बता चुकी हैं। आसिया ने कश्मीर में बड़े पैमाने पर महिलाओं को बुर्का पहनने के लिए कैंपेन चलाया था। जो महिलाएं बिना बुर्के की दिखती थीं, असिया और उसके संगठन के लोग उनके चेहरे पर कालिख पोत देते थे।
असिया दुख्तराने-ए-मिल्लत की संस्थापक और मुखिया है। यह संगठन बना तो एक सामाजिक संगठन के रूप में था लेकिन अब यह एक ऐसा अलगाववादी संगठन बन गया है, जिसमें महिलाएं जुड़ी हैं। इसका उद्देश्य रहा है कि कश्मीर को भारत से अलग करना और इस्लामिक कानून लागू करना।
कश्मीर में सिनेमाघरों को बंद कराने के पीछे असिया का बड़ा हाथ है। उसने 1988 से लंबा आंदोलन कर कश्मीर के सिनेमाघरों को बंद कराया था। हाल ही में बॉलीवुड स्टार सलमान खान ने जब अपनी फिल्म बजरंगी भाईजान की शूटिंग कश्मीर में की और वहां पर दोबारा सिनेमाहॉल खुलवाने की बात की तो असिया ने उन्हें भी नहीं छोड़ा। असिया ने कहा कि सलमान एक कातिल हैं अौर उन्हें कश्मीर में क्या होना चाहिए ये बताने की जरूरत नहीं है। उसका मानना है कि भारत सरकार और बॉलीवुड कश्मीर में फिल्मों के माध्यम से संस्कृति को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। अपने तालिबानी आदेशों के कारण असिया को कश्मीर में मलिका-ए-मौत के नाम से भी जाना जाता है। वो अपने पर्स में हमेशा चाकू रखती है और महिलाओं को भी चाकू रखने के लिए कहती है।
कश्मीर में फहराया चुकी है पाकिस्तान का झंडा
हाल ही में पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के दिन असिया ने पाकिस्तान का झंडा फहराया और फोन पर पाकिस्तान में एक रैली को संबोधित भी किया। माना जाता है यह रैली जमात-उद-दावा की थी और इसमें हाफिज सईद भी शामिल हुआ था। असिया इससे पहले इसी साल पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस (23 मार्च) पर भी पाकिस्तान का झंडा फहरा चुकी है। 2010 में भी उसे इसी हरकत के लिए जेल भेजा गया था। वो इससे पहले भी अलगवादी गतिविधियों में कई बार जेल जा चुकी है। 1993 में तो एक बार उसका छोटा बच्चा भी 13 माह उसके साथ जेल में रहा था।
1987 में किया दुख्तराने-ए-मिल्लत का गठन
असिया ने बीएससी की है। इसके बाद उसने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अरबी में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स किया है। वह पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दार्जीलिंग जाना चाहती थी लेकिन माता-पिता ने उसे वहां जाकर पढ़ाई करने की इजाजत नहीं दी। बाद में वह जमात-ए-इस्लामी की महिला विंग से जुड़ी। 1985 में असिया ने जमात-ए-इस्लामी को छोड़ दिया। 1987 में दुख्तराने-ए-मिल्लत का गठन किया। इसका संगठन सबसे पहले तब चर्चा में आया जब उसने 1991 में घाटी में बड़े पैमाने पर महिलाओं को बुर्का पहनने के लिए कैंपेन चलाया। जो महिलाएं बिना बुर्के की दिखती थीं, असिया और उसके संगठन के लोग उनके चेहरे पर कालिख पोत देते थे। असिया ने 1990 में आशिक हुसैन फक्तू, जिसे मोहम्मद कासिम के नाम से भी जाना जाता है से शादी की। फक्तू भी कश्मीर में आतंकवादी रहा है। उसे मानव अधिकार कार्यकर्ता एचएन वांछू की हत्या में संलिप्तता के कारण उम्रकैद हुई है।

इस चायवाले को PM मोदी भेज चुके हैं कई पत्र, विदेशी VVIP भी देते हैं जवाब

रामू नागर
रामू नागर
इंदौर। शहर के एक चायवाले का देश-विदेश के वीवीआईपी हस्तियों से पत्र व्यवहार है। नेता हो या अभिनेता, धर्मगुरू हो या राजा हर कोई उन्हें पत्र लिख चुके हैं। उनके पास 100 से ज्यादा वीआईपी के पत्रों का अनूठा कलेक्शन है। सबसे ज्यादा पत्र उन्हें अमिताभ बच्चन ने लिखे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें छह बार पत्र भेज चुके हैं।
रामू टी स्टाल, एलआईजी चौराहा, रेशम लेन कंपाउंड, इंदौर। इस पते पर देश-विदेश की मशहूर हस्तियों के पत्र आते रहे हैं। महारानी एलिजाबेथ, टोनी ब्लेयर, पोप बेनेडिक्ट, भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय तक सभी इस पते से वाकिफ हंै। दरअसल यहां पर रहने वाले रामू नागर वीआईपी लोगों के लेटर फ्रेंड हैं जिसके चलते दुनियाभर से विशिष्ट संदेशों के पहुंचने का सिलसिला बना रहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए रामू को आधा दर्जन धन्यवाद पत्र भेजे हैं।

45 वर्षीय रामू नागर ने 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जन्मदिन की बधाई का पत्र लिखा था। जिसका जवाब मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से लिखे पत्र से दिया। फिर राजू ने बढ़िया सा अंग्रेजी में लेटर पेड तैयार करवाया और पत्र पहुंचाने का सिलसिला चल पड़ा। अब कई वीआईपी के लिए तो वे रामू भाई ही हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री का भी पत्र
वर्ष 2009 में रामू ने प्रधानमंत्री सहित पूरे मंत्रिमंडल को शपथ विधि पर बधाई भेजी। 40 से ज्यादा मंत्रियों में से 25 के धन्यवाद पत्र हासिल हुए। इन पत्रों में स्वयं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पत्र भी शामिल था। इन सभी पत्रों को रामू ने एक अलग ही फाइल में सजाया है। ऐसा इसलिए क्योंकि पत्रों के उपर सुनहरी अशोक चिन्ह उन्हें बेहद आकर्षित करता है।
विदेशों में भी पहचान
अप्रैल 2005 में वेटिकन में पोप बेनेडिक्ट (सोलहवें) का पोप के रुप में चयन किया गया। इसके बाद रामू ने बधाई संदेश सीधे वेटिकन ही पहुंचा दिया। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने पर टोनी ब्लेयर के शपथ ग्रहण पर भी बधाई पत्र भिजवाया। रामू कहते हैं वेटिकन और टेन डाइनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश पीएमओ) से मिले जवाबों ने मुझे बहुत लोकप्रियता दिलवाई।

संथारा प्रथा जो धार्मिक भावनाओ ,,आस्थाओ का प्रतीक

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सुप्रीमो निज़ाम कुरैशी और कोटा संभाग के चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा की जैन समाज की धार्मिक आस्थाओ का प्रतीक संथारा प्रथा से छेड़ छाड़ कर जेन समाज की धार्मिक भावनाओ को आहत करने के सभी प्रयासों का राजस्थान अल्पसंख्यक विभाग कतई बर्दाश्त नहीं करेगा ,,, निज़ाम कुरैशी ने कहा के जेन समाज चार्मिक आस्थाओ का प्रतीक है और अहिंसात्मक तरीके से इनकी आस्थाओ के कारण किसी दूसरे धर्म या व्यक्ति को कोई तकलीफ भी नहीं पहुंचती है ऐसे में संथारा प्रथा जो धार्मिक भावनाओ ,,आस्थाओ का प्रतीक है उसके साथ छेड़ छाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी ,, निज़ाम कुरैशी ने कहा के संथारा मामले में जेन समाज द्वारा किये जा रहे हर आंदोलन में अल्पसंख्यक विभाग उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगा ,,,,,,,,, निज़ाम कुरैशी ने कहा के जेन समाज अल्पसंख्यक विभाग का प्रमुख हिस्सा है और भाजपा की नीति अल्पसंख्यक विरोधी रही है वोह किसी न किसी बहाने अल्पसंख्यकों की संवेदनाओ के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें परेशान करने का प्रयास करती है ,,निज़ाम कुरैशी ने आरोप लगाया के संथारा प्रथा जो धार्मिक आस्थाओ का प्रश्न है इस मामले में अगर राजस्थान हाईकोर्ट में विवाद विचाराधीन था तो भाजपा सरकार को अपने वकीलों को सख्ती से पैरवी के निर्देश देना थे लेकिन भाजपा सरकार ने जानबूझकर जेन समाज की आस्थाओ को न्यायालय के सामने नहीं रखा वरना पूर्व में भी उच्चतम न्यायलय कह चुकी है के धार्मिक आस्थाए और भावनाए अदालत द्वारा निर्धारित नहीं की जा सकती ,,,, निज़ाम कुरैशी ने कहा के संथारा सदियों से चली आ रही जेन समाज की धार्मिक आस्था है उसके साथ छेड़ छाड़ करना समाज के साथ अन्याय है और इस संथारा प्रथा के खिलाफ सरकार का कोई भी क़दम अल्पसंख्यक विभाग को बर्दाश्त नहीं होगा वोह जेन समाज के साथ मिलकर प्रदर्शन ,,,धरनो सहित हर क़ानूनी लड़ाई में साथ रहेंगे ,,,निज़ाम कुरैशी ने इस मामले में राजस्थान की सभी संभागीय और जिला इकाइयों को निर्देशित किया है के वोह अपने अपने क्षेत्रों में संथारा प्रथा के पक्ष में किये जा रहे आंदोलन में जेन समाज के मददगार बने ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

..खुशी बाटो खुशी मिलेगी.

......😀 एक बार एक व्यक्ति ने..
एक..नया मकान...खरीदा..
उसमे.फलों का बगीचा भी था..
...
...मगर पडोस के मकान पुराने थे..और उनमे कई लोग रहते थे.
...
..कुछ दिन बाद उसने देखा कि पडौस के मकान से किसी ने बाल्टी भर कूडा उसके घर ...दरवाजे पर डाल दिया है..
.....
..शाम को उस व्यक्ति ने एक बाल्टी ली उसमे ताजे फल रखे ..
और उस घर के दरवाजे पर घंटी बजायी....
..उस घर के लोग बेचैन हो गये.
और वो सोचने लगे कि वह उनसे सुबह की घटना के लिये लडने आया है..
..अत वे पहले ही तैयार हो गये और बुरा भला बोलने लगे..
.मगर जैसे ही उन्होने दरवाजा खोला....
.....वे हैरान हो गये...रसीले ताजे फलों की भरी बाल्टी के साथ...
😊...मुस्कान चेहरे पर लिये नया पडोसी सामने खडा था...
.........सब हैरान थे....
....उसने कहा....जो मेरे पास था वही मैं आपके लिये ला सका.

भृगु संहिता से जानिए किस उम्र में हो सकता है आपका भाग्योदय

भृगु संहिता से जानिए किस उम्र में हो सकता है आपका भाग्योदय
सुख-दुख, सफलता-असफलता, अमीरी-गरीबी को भाग्य से जोड़कर देखा जाता है। सभी लोग जानना चाहते हैं कि हमारा अच्छा समय कब आएगा? कब हमारे पास बहुत सारा पैसा होगा? इन प्रश्नों के उत्तर भृगु संहिता में बताए गए हैं। ये एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त जानकारियां दी गई हैं। इस संहिता में कुंडली के लग्न के आधार पर भी बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब हो सकता है...
कुंडली में होते हैं 12 भाव
कुंडली में 12 भाव होते हैं। इन भावों के नाम 12 राशियों के नाम पर ही हैं। ये 12 राशियां हैं मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन। कुंडली का प्रथम यानी पहला भाव जिस राशि का होता है, उसी राशि के अनुसार कुंडली का लग्न निर्धारित होता है। लग्न के आधार पर कुंडलियां भी बारह प्रकार की होती हैं।
अपनी कुंडली के पहले भाव के आधार पर यहां जानिए किस-किस उम्र में आपका भाग्योदय हो सकता है...
मेष लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली मेष लग्न की है, सामान्यत: उनका भाग्योदय 16 वर्ष की उम्र में या 22 वर्ष की उम्र, 28 वर्ष की उम्र, 32 वर्ष की उम्र या 36 वर्ष की उम्र में हो सकता है।
वृष लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली वृष लग्न की है, उनका भाग्योदय 25 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु, 36 वर्ष की आयु या 42 वर्ष की आयु में भाग्योदय हो सकता है।

एक पागलखाने में

एक पागलखाने में दो पागल थे। एक दिन जब वे दोनों, पागलों के लिये बनाये गये नहाने के तालाब के किनारे टहल रहे थे तभी अचानक एक का पैर फिसल गया और वह पानी में जा गिरा।
उसे तैरना नहीं आता था लिहाजा वह डूबने लगा।
उसे दोस्त को डूबते देख दूसरे ने फौरन पानी में छलांग लगायी और बड़ी मेहनत करके उसे जिन्दा बाहर निकाल लाया।
जब यह खबर पागलखाने के अधिकारीयों को लगी तो वह आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने सोचा कि अब ये बिलकुल ठीक हो गया है। जिसने भी ये कारनामा सुना उसने यही राय
दी कि अब वह ठीक हो गया है। अब वह पागल नहीं है।
अधिकारीयों ने उसे पागलखाने से रिहा करने का निश्चय कर लिया।
अगले दिन अधिकारी ने उसको अपने कैबिन में बुलाया और कहा, "तुम्हारे लिए दो खबरें हैं; एक बुरी और एक अच्छी।
अच्छी खबर यह कि तुम्हें पागलखाने से छुट्टी दी जा रही है क्योंकि अब
तुम्हारी दिमागी हालत बिल्कुल ठीक है। तुमने अपने दोस्त की जान बचाने का जो कारनामा किया है उससे यही साबित होता है
और बुरी खबर यह है कि तुम्हारे
दोस्त ने ठीक तुम्हारे उसकी जान बचाने के बाद बाथरूम में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह मर चुका है।"
पागल ने जवाब दिया, "उसने खुद अपने आपको नहीं लटकाया । वह तो मैंने ही उसे सूखने के लिये वहां लटकाया था।
अधिकारी अब तक कोमा में है

ज्यादा बाल झड़ रहे हों तो अपनाएं करी पत्ते के ये उपाय


ज्यादा बाल झड़ रहे हों तो अपनाएं करी पत्ते के ये उपाय
करी पत्ता का उपयोग केवल खाने को टेस्टी बनाने के लिए ही नही किया जाता। यह हमारी सेहत को भी दुरूस्त रखने में मददगार है। इसे 'मीठी नीम' भी कहा जाता है। इसके पत्तों में कई सारे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। करी पत्ते बालों को काला करने में मददगार साबित होते हैं। इनका नियमित उपयोग करने से आपके बालों में जान आ जाएगी और वह काले होने लगेंगे। बालों के लिए उसके और भी कई फायदे हैं आइए जानते हैं....
बालों के लिए इसलिए उपयोगी है करी पत्ता
ज़रूरत से ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल और प्रदूषण की वजह से बालों को हानि पहुंचती है। करी पत्ते में वो सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों को स्वस्थ रखते हैं। इन पत्तों को पीस कर लेप बना लें। फिर इसे सीधे बालों की जड़ों में लगाएं। आप करी पत्तों को खा भी सकते हैं, इससे आपके बाल काले, लंबे और घने हो जाएंगें। साथ ही,बालों की जड़ें भी मज़बूत होंगी। करी पत्ता में विटामिन बी1, बी3, बी9, और सी होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है। इसके रोज़ाना सेवन से आपके बाल काले लंबे और घने होने लगेंगे। यही नहीं डैंड्रफ की समस्या भी नहीं होगी।
कैसे करें करी पत्तों का इस्तेमाल
करी पत्तों को सूखा लें। सूखने के बाद पत्तों का पाउडर बना लें। अब 200 एम एल नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच करी पत्तों का पाउडर मिक्स कर के उबाल लें। अच्छे से उबलने के बाद तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। फिर तेल को छानकर किसी एयर टाइट बोतल में भर कर रख लें। सोने से पहले रोज रात को यह तेल लगाएं। यदि इस तेल को गुनगुना कर लगाया जाए तो जल्दी असर दिखेगा। अगली सुबह बालों को नेचुरल शैंपू से धो लें।बहुत लाभ मिलेगा।

भैया ,मुझे बस

इस राखी पर भैया ,मुझे बस
यही तोहफा देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस यही इक
वचन देना तुम ,
बेटी हूं मैं , शायद ससुराल से रोज़ न आ
पाऊंगी ,
जब भी पीहर आऊंगी , इक मेहमान बनकर
आऊंगी ,
पर वादा है, ससुराल में संस्कारों से,
पीहर की शोभा बढाऊंगी ,
तुम तो बेटे हो , इस बात को न
भुला देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ -पापा का बस यही वचन
देना तुम ,
मुझे नहीं चाहिये सोना-चांदी , न चाहिये
हीरे-मोती ,
मैं इन सब चीजों से कहां सुःख पाऊंगी
देखूंगी जब माँ-पापा को पीहर में खुश
तो ससुराल में चैन से मैं भी जी पाऊंगी
अनमोल हैं ये रिश्ते , इन्हें यूं ही न
गंवा देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस
यही वचन देना तुम ,
वो कभी तुम पर यां भाभी पर
गुस्सा हो जायेंगे ,
कभी चिड़चिड़ाहट में कुछ कह भी जायेंगे ,
न गुस्सा करना , न पलट के कुछ कहना तुम ,
उम्र का तकाजा है, यह
भाभी को भी समझा देना तुम ,
इस राखी पर भैया मुझे बस
यही तोहफा देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस
यही वचन देना तुम ।

महिलाओं के लिए नर्क से कम नहीं सऊदी, चार गवाह हों तो ही माना जाता है रेप

महिलाओं के लिए नर्क से कम नहीं सऊदी, चार गवाह हों तो ही माना जाता है रेप
इंटरनेशनल डेस्क। सऊदी अरब में जिंदगी आसान नहीं है, खासकर महिलाओं के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। हालांकि, इस बार यहां की महिलाओं के लिए खुशी का मौका है, क्योंकि वो सऊदी के इतिहास में पहली बार वोट डालने जा रही हैं। पहली बार यहां वोटर लिस्ट में महिलाओं के नाम जोड़े गए हैं। वैसे यहां के अजीबोगरीब कानून और पाबंदियां महिलाओं के लिए हमेशा मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं। यहां महिलाओं की ड्राइविंग पर रोक है और रेप जैसे अपराध में आरोपी को सजा तभी मिल सकती है, जब उसके चार चश्मदीद हों। हम यहां सऊदी अरब के ऐसे ही कुछ अजीबोगरीब नियमों और पाबंदियों के बारे में बता रहे हैं।
अकेले सफर करने पर पाबंदी
40 साल के ऊपर की फातिमा रियाद में रहती हैं। वह तब तक प्लेन में बैठ नहीं सकती, जब तक उनके पास अपने बेटे द्वारा लिखित अनुमति नहीं होगी। यहां कानूनी रूप से बालिग होने के बावजूद महिलाओं का कोई अस्तित्व नहीं है। सऊदी में हर महिला का पुरुष अभिभावक होना चाहिए। इसमें उसके पिता से लेकर अंकल, भाई, बेटे होते हैं। किसी भी सऊदी महिला को पढ़ाई, काम, यात्रा, शादी और यहां तक डॉक्टरी जांच के लिए भी घर के पुरुष सदस्य से लिखित अनुमति लेनी पड़ती है। वहीं, न्याय की बात तो भूल जाइए, बिना किसी भी पुरुष अभिभावक वो केस तक फाइल नहीं कर सकती।

एक बुढ़िया

शहर के सबसे बड़े बैंक में एक बार एक बुढ़िया आई ।
उसने मैनेजर से कहा :- "मुझे इस बैंक में कुछ रुपये जमा करने हैं"
मैनेजर ने पूछा :- कितने हैं ?
वृद्धा बोली :- होंगे कोई दस लाख ।
मैनेजर बोला :- वाह क्या बात है, आपके पास तो काफ़ी पैसा है, आप करती क्या हैं ?
वृद्धा बोली :- कुछ खास नहीं, बस शर्तें लगाती हूँ ।
मैनेजर बोला :- शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है ? कमाल है...
वृद्धा बोली :- कमाल कुछ नहीं है, बेटा, मैं अभी एक लाख रुपये की शर्त लगा सकती हूँ कि तुमने अपने सिर पर विग लगा रखा है ।
मैनेजर हँसते हुए बोला :- नहीं माताजी, मैं तो अभी जवान हूँ और विग नहीं लगाता ।
तो शर्त क्यों नहीं लगाते ? वृद्धा बोली ।
मैनेजर ने सोचा यह पागल बुढ़िया खामख्वाह ही एक लाख रुपये गँवाने पर तुली है, तो क्यों न मैं इसका फ़ायदा उठाऊँ... मुझे तो मालूम ही है कि मैं विग नहीं लगाता ।
मैनेजर एक लाख की शर्त लगाने को तैयार हो गया ।
वृद्धा बोली :- चूँकि मामला एक लाख रुपये का है, इसलिये मैं कल सुबह ठीक दस बजे अपने वकील के साथ आऊँगी और उसी के सामने शर्त का फ़ैसला होगा ।
मैनेजर ने कहा :- ठीक है, बात पक्की...
मैनेजर को रात भर नींद नहीं आई.. वह एक लाख रुपये और बुढ़िया के बारे में सोचता रहा ।
अगली सुबह ठीक दस बजे वह बुढ़िया अपने वकील के साथ मैनेजर के केबिन में पहुँची और कहा :- क्या आप तैयार हैं ?
मैनेजर ने कहा :- बिलकुल, क्यों नहीं ?
वृद्धा बोली :- लेकिन चूँकि वकील साहब भी यहाँ मौजूद हैं और बात एक लाख की है, अतः मैं तसल्ली करना चाहती हूँ कि सचमुच आप विग नहीं लगाते, इसलिये मैं अपने हाथों से आपके बाल नोचकर देखूँगी ।
मैनेजर ने पल भर सोचा और हाँ कर दी, आखिर मामला एक लाख का था ।
वृद्धा मैनेजर के नजदीक आई और धीर-धीरे आराम से मैनेजर के बाल नोचने लगी । उसी वक्त अचानक पता नहीं क्या हुआ, वकील साहब अपना माथा दीवार पर ठोंकने लगे ।
मैनेजर ने कहा :- अरे.. अरे.. वकील साहब को क्या हुआ ?
वृद्धा बोली :- कुछ नहीं, इन्हें सदमा लगा है, मैंने इनसे पाँच लाख रुपये की शर्त लगाई थी कि आज सुबह दस बजे मैं शहर के सबसे बड़े बैंक के मैनेजर के बाल नोचकर दिखा दूँगी ।

सगी बहनों से डॉक्टर ने की छेड़छाड़, लोगों ने मुंह काला कर घुमाया

छेड़छाड़ करने वाले डाॅक्टर को पुलिस से छुड़वाने की कोशिश करते लोग।
छेड़छाड़ करने वाले डाॅक्टर को पुलिस से छुड़वाने की कोशिश करते लोग।
शिमला। हिमाचल के नादौन के मझीन गांव की डिस्पेंसरी में कार्यरत एक दंत चिकित्सक ने दो सगी बहनों से छेड़छाड़ की। गुस्साई भीड़ ने आरोपी डॉक्टर का मुंह काला कर दिया। पुलिस ने डॉक्टर को बचाया आैर थाने ले जाने लगी। भीड़ उसे अपने हवाले करने पर अड़ गई तो पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस ने केस दर्जकर जांच शुरू कर दी है।

मतरेहड़ गांव की दो बहनों ने पुलिस में दर्ज करवाई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि वे दोनों दंत चिकित्सक डाॅ. अनिल शर्मा के पास वह शुक्रवार दोपहर करीब 1:00 बजे दांत दिखाने गई थी। पहले बड़ी बहन को उसने कमरे में बुलाया और दांत सुन्न करने के टीके लगा दिए। इस दौरान उसने अश्लील हरकतें की। विरोध करने पर उसे बाहर भेज दिया और छोटी बहन को कमरे में बुलाकर उसके दांत देखने लगा। उसने छोटी बहन से भी छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उसने दोनों को बिना इलाज किए ही भगा दिया। इसके बाद डाॅक्टर अस्पताल से छुट्टी करके फरार हो गया।

एक ट्रक में मारबल का सामान

एक ट्रक में मारबल का सामान जा रहा था, उसमे टाईल्स भी थी , और भगवान की मूर्ती भी थी ...!!
रास्ते में टाईल्स ने मूर्ती से पूछा ..
भाई ऊपर वाले ने हमारे साथ ऐसा भेद - भाव क्यों किया है ...!!
मूर्ती ने पूछा कैसा भेद भाव... ???
टाईल्स ने कहा तुम भी पथ्थर मै भी पथतर ..!!
तुम भी उसी खान से निकले , मै भी..
तुम्हे भी उसी ने ख़रीदा बेचा , मुझे भी
तुम भी मन्दिर में जाओगे, मै भी ...
पर वहां तुम्हारी पूजा होगी ...
और मै पैरो तले रौंदा जाउंगा ऐसा क्यों??
मूर्ती ने बड़ी शालीनता से जवाब दिया,
जब तुम्हे तराशा गया ,
तब तुमसे दर्द सहन नही हुवा ,
और तुम टूट गये टुकड़ो में बंट गये ...
और मुझे जब तराशा गया तब मैने दर्द सहा , मुझ पर लाखो हथोड़े बरसाये गये , मै रोया नही...!!
मेरी आँख बनी , कान बने , हाथ बना, पांव बने ..
फिर भी मैं टूटा नही .... !!
इस तरहा मेरा रूप निखर गया ...
और मै पूजनीय हो गया ... !!
तुम भी दर्द सहते तो तुम भी पूजे जाते..
मगर तुम टूट गए ...
और टूटने वाले हमेशा पैरों तले रोंदे जाते है... !!
भगवान जब आपको तराश रहा हो तो, टूट मत जाना ...
हिम्मत मत हारना ... !!
अपनी रफ़्तार से आगे बढते जाना मंजिल जरूर मिलेगी ....
"ये ही सत्य हैं" ||

इंडस्ट्रियलिस्ट ने कहा-65 की उम्र में भी आप यंग हैं, प्रोग्राम छोड़ चली गईं शबाना

फाइल फोटो: शबाना आजमी।
फाइल फोटो: शबाना आजमी।
नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी को एक अवॉर्ड सेरेमनी में अपनी उम्र पर किया गया कमेंट इतना बुरा लगा कि वह प्रोग्राम बीच में ही छोड़कर चली गईं। घटना गुरुवार को गुड़गांव में एनसीआर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के प्रोग्राम में हुई। यहां NCCI एक्सीलेंस अवॉर्ड 2015 दिए जाने थे। इस प्रोग्राम के चीफ गेस्ट केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर थे।
इंडस्ट्रियलिस्ट ने किया कमेंट
जानकारी के मुताबिक, एक इंडस्ट्रियलिस्ट ने अपने भाषण के दौरान कहा कि 65 साल उम्र होने के बावजूद शबाना यंग दिखती हैं और उन्हें अपनी इस ब्यूटी सीक्रेट का खुलासा करना चाहिए। इस कमेंट के बाद शबाना स्टेज से उतरीं और सामने ऑडियंस के साथ जाकर बैठ गईं। इसके बाद कुछ और कारोबारियों ने भी ऐसे ही कमेंट किए। इससे नाराज होकर शबाना प्रोग्राम छोड़कर चली गईं। इस दौरान मीडिया ने उनसे बात करनी चाही, लेकिन एक्ट्रेस ने कोई जवाब नहीं दिया।
ऑर्गनाइजर बोले- एक घंटे के लिए ही आई थीं शबाना
इस घटना के बार में जब एनसीआर चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रेसिडेंट एच.पी. यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “शबाना ने इस प्रोग्राम के लिए हमें केवल एक घंटे का टाइम दिया था। उन्हें कहीं बाहर जाने के लिए फ्लाइट पकड़नी थी, इसलिए वह प्रोग्राम बीच में ही छोड़कर चली गईं। अगर यह कह भी दिया गया कि बढ़ती उम्र के बावजूद वह यंग दिखती हैं, तो इसमें गलत क्या है। यह तो उनकी तारीफ हुई। उन्हें इस बात के सही मायने समझने चाहिए थे।” इस प्रोग्राम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी शामिल होना था, लेकिन वह नहीं आए।

29 अक्टूबर को गर्लफ्रेंड गीता बसरा से शादी करेंगे हरभजन सिंह, वेन्यू की भी हुई बुकिंग

एक इवेंट के दौरान गीता बसरा और हरभजन सिंह। (फाइल फोटो)
एक इवेंट के दौरान गीता बसरा और हरभजन सिंह। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. फिलहाल टीम इंडिया के साथ श्रीलंका में टेस्ट सीरीज खेल रहे हरभजन सिंह 29 अक्टूबर को गर्लफ्रेंड गीता बसरा से शादी करने जा रहे हैं। हरभजन के कजिन गुरप्रीत विकी ने शादी की खबरों को कन्फर्म किया है। इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। जालंधर से 20 किमी दूर फगवाड़ा रोड पर वेडिंग सेरेमनी के लिए होटल की बुकिंग भी की जा चुकी है।
हालांकि, कहा ये भी जा रहा है कि अगर अक्टूबर में होने वाली साउथ अफ्रीका सीरीज के लिए टीम इंडिया में 35 साल के भज्जी का सिलेक्शन होता है तो शादी की तारीख बदली भी जा सकती है।
भज्जी के हर मैच में जाती हैं गीता
31 साल की गीता बसरा पिछले महीने खत्म हुए आईपीएल-8 में मुंबई इंडियन्स के हर मैच में हरभजन सिंह को चीयर करने स्टेडियम में मौजूद थीं। मुंबई इंडियन्स के चैम्पियन बनने के बाद टीम ओनर नीता अंबानी द्वारा दी गई पार्टी में भी ये कपल साथ पहुंचा था। तमाम इवेंट्स में हरभजन के साथ स्पॉट किए जाने के बावजूद गीता ने कभी इस रिलेशनशिप को नहीं कबूला था। वर्ल्ड कप 2015 के दौरान भी हरभजन और गीता की शादी की खबरें सामने आईं थीं।
सचिन की बधाई ने दिया था संकेत
3 जुलाई को गीता बसरा की फिल्म 'सेकंड हैंड हसबैंड' रिलीज हुई थी। इस फिल्म में गीता बसरा के अलावा गिप्पी ग्रेवाल, धर्मेंद्र, और गोविंदा की बेटी टीना भी थी। फिल्म के रिलीज होने से कुछ ही दिन पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने फिल्म के लिए गीता को शुभकामनाएं दी थीं। इसी से भज्जी और गीता के जल्द शादी करने के संकेत मिल गए थे। सचिन का ट्वीट: sachin tendulkar ‏@sachin_rt : All the best @Geeta_Basra for the upcoming release of 'Second Hand Husband'.

पाकिस्तान ने नहीं छोड़ी जिद, रद्द हुआ एनएसए सरताज अजीज का भारत दौरा


नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान के बीच रविवार-सोमवार को होने वाली मीटिंग रद्द हो गई है। एनएसए लेवल की इस मीटिंग से पहले पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से मिलने और कश्मीर पर ही बात करने पर अड़ा था। लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को पाकिस्तान के सामने दो शर्तें रख दीं। कहा- अगर पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज हुर्रियत के नेताओं से मिले और आतंकवाद के इतर कश्मीर जैसे मुद्दों पर बोले तो बात नहीं होगी। सुषमा ने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए इशारों-इशारों में रात 12 बजे तक की डेडलाइन भी दे दी। देर रात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी किया।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि सुषमा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब बातचीत का कोई मतलब नहीं है। बयान में कहा गया है कि बातचीत से पहले भारत ने दो शर्तें रख दी हैं और शर्तों के साथ बातचीत नहीं हो सकती। यदि एनएसए बातचीत का उद्देश्य केवल आतंकवाद पर बात करना है तो इसका कोई मतलब नहीं है। इस तरह की बातचीत में एक दूसरे पर आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं निकलेगा। इसलिए हम ये बातचीत रद्द करते हैं।
पाकिस्तान के बातचीत तोड़ने को भारत ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान का फैसला निराशाजनक है, हमने बातचीत के लिए कोई नई शर्त नहीं रखी थी। हम जो दो बातें कह रहे हैं वो शिमला समझौते और ऊफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत में तय हुआ था। इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
भारत की दो शर्तें
1. हुर्रियत से मुलाकात न करें सरताज अजीज
सुषमा ने शनिवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- पाकिस्तान शिमला समझौते की स्पिरिट को समझे। बातचीत होगी तो सिर्फ दो देशों के बीच। कोई भी तीसरी पार्टी (हुर्रियत) बीच में नहीं आएगी। आप हुर्रियत या किसी और से बात मत कीजिए।
2. कश्मीर पर नहीं, आतंकवाद पर बात करने के इरादे से ही आए पाक
सुषमा ने कहा- रूस के उफा में मोदी-नवाज के बीच हुए एग्रीमेंट की स्पिरिट को भी पाकिस्तान समझे। आतंकवाद के अलावा किसी और मुद्दे पर एनएसए लेवल की मीटिंग में बात नहीं होगी, क्योंकि कश्मीर जैसे मुद्दे कम्पोजिट डायलॉग का हिस्सा हैं। एनएसए के बीच मीटिंग कम्पोजिट डायलॉग का हिस्सा नहीं है। यह मीटिंग उफा एग्रीमेंट के तहत होनी है।
3. और आखिर में दो टूक
सुषमा ने कहा- पाकिस्तान अगर हमारी दो बातें मान जाए तो उनके नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर सरताज अजीज का स्वागत है। अब जवाब पाकिस्तान को देना है। आज ही की रात है जवाब देने के लिए। ...और रात 12 बजे के बाद तारीख बदल जाती है। ये हमारी शर्त नहीं है। हम सिर्फ शिमला और उफा एग्रीमेंट की याद दिला रहे हैं।
पाकिस्तान के NSA सरताज अजीज की हर बात पर सुषमा का करारा जवाब
पाकिस्तान
भारत
अजीज : भारत बातचीत से भाग रहा है।
सुषमा : हम भाग नहीं रहे। हम आतंकवाद और हिंसा से मुक्त बातचीत के लायक माहौल चाहते हैं।
अजीज : भारत ने ही प्री-कंडिशन रख दी है कि हम हुर्रियत से न मिलें।
सुषमा : यह प्री-कंडिशन नहीं है। शिमला एग्रीमेंट की स्पिरिट को समझें। थर्ड पार्टी मंजूर नहीं है।
अजीज : कश्मीर के बिना कोई बात नहीं हो सकती।
सुषमा : बात तो सिर्फ टेररिज्म पर होगी। उफा में कश्मीर का जिक्र नहीं हुआ था।
अजीज : हमें सुषमा स्वराज की प्रेस काॅन्फ्रेंस का इंतजार है।
सुषमा : मेरी प्रेस काॅन्फ्रेंस का इंतजार था तो मेरा दो वाक्यों में संदेश है। हुर्रियत से न मिलें और आतंकवाद पर ही बात करें।
अजीज : भारत ने एनएसए के बीच मीटिंग ऑफिशियली कैंसल नहीं की है।
सुषमा : अगर हमारी दोनों बातें मंजूर हैं तो आपका स्वागत है। आज ही की रात है जवाब देने के लिए। ...और रात 12 बजे के बाद तारीख बदल जाती है।
अजीज : भारत मीडिया के जरिए डिप्लोमेसी कर रहा है।
सुषमा : हमारे हाई कमिश्नर हर मैसेज को मीडिया से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक पहुंचाते हैं।
अजीज : रॉ के पाकिस्तान में रोल के बारे में हमारे पास तीन डॉजियर हैं जो हम डोभाल को देंगे। नहीं दे पाए तो न्यूयॉर्क में देंगे। वहां नहीं दे पाए तो यूएन चीफ को देंगे।
सुषमा : सरताज अजीज बहुत ही गंभीर व्यक्ति हैं। फिर भी वे ऐसी बात कर रहे हैं। कितना सीरियस होगा वह डॉजियर जिसे वे भारत में नहीं दे पाए तो न्यूयॉर्क में गलियारों में देंगे? डॉजियर प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं लहराए जाते, बंद लिफाफे में दिए जाते हैं।
अजीज : हमारे पास भारत के खिलाफ कई सबूत हैं।
सुषमा : सबूत आप क्या हमें देंगे? हमारे पास जिंदा सबूत है। आपके एक आतंकी नावेद को हमने जिंदा पकड़ा है।
शनिवार के बड़े डेवलपमेंट्स
1. अलगाववादी नेता शब्बीर शाह श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना हुआ।
2. दिल्ली एयरपोर्ट पर शाह को हिरासत में लिया गया।
3. इस्लामाबाद में अजीज ने पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की।
4. थोड़ी ही देर बाद दिल्ली में हमारे एनएसए अजीत डोभाल ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
5. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात होगी।
6. पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज ने इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा- कश्मीर के बिना भारत से कोई बात नहीं हो सकती।
7. दिल्ली में विदेश मंत्रालय सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान की शर्तें नहीं चलेंगी। अजीज हुर्रियत से न मिलें और सिर्फ आतंकवाद पर बात करें तो उनका स्वागत। जवाब नहीं मिला तो बातचीत रद्द।
8. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार के सूत्रों ने कहा कि अब बातचीत होने के आसार नहीं हैं।
9. अलगाववादी नेता बिलाल लोन को दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया।
10. कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने आरोप लगाया कि सरकार महज कुछ लोगों की सोच के अनुसार इस मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। वहीं, इसी पार्टी के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार से पूछा है कि ऊफा से पहले सरकार ने क्या होमवर्क नहीं किया था? क्या यह सब सिर्फ एक फोटो खिंचवाने तक ही सीमित?
आगे क्या?
- फिलहाल दोनों देशों में कोई बातचीत नहीं होगी। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की अमेरिका में होने वाले यूएन सम्मेलन के दौरान मुलाकात की सम्भावना है।
क्या है मामला?
भारत के एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज के बीच 23-24 अगस्त को दिल्ली में बातचीत होनी है। पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने मंगलवार रात कश्मीरी अलगाववादियों को न्योता भेजकर 23 अगस्त को दावत पर बुलाया है। यानी पाकिस्तान उसी दिन कश्मीरी अलगाववादियों से मिलना चाहता है, जिस दिन डोभाल की अजीज के साथ मीटिंग होगी।
सुषमा ने और क्या कहा?
- सीजफायर तोड़े जाने पर : उफा में बातचीत के बाद से पाकिस्तान ने आतंक को गहरा किया है। 91 बार सीजफायर किया। गुरदासपुर और उधमपुर में आतंकी हमला हुआ। हमने दबाव झेला पर बातचीत के लिए कायम रहे।
- पाकिस्तान से रिश्तों पर : यह रिश्ते गड्ढों भरी सड़क पर हैं। इस पर कभी हिचकोले लगते हैं। कभी गाड़ी की कमानियां टूटती हैं। कभी टायर पंक्चर होते हैं। लाहौर के बाद कारगिल हुआ तो लोगों को लगा कि अब कभी बातचीत नहीं होगी। वह बहुत बड़ा विश्वासघात था। एक साल बाद अटलजी ने मुशर्रफ को आगरा में न्यौता दिया। 2004 में फिर बातचीत हुई। 2008 में मुंबई में अटैक हुआ। 2010 में फिर बातचीत बहाल हुई। लेकिन 2011 में हमारे जवानों के सिर काटे गए। ये सफर कैसा होगा, यह वक्त ही बताएगा। कल बातचीत नहीं हुई तो रिश्ते रुकेंगे नहीं। डिप्लोमेसी में फुल स्टॉप नहीं होता। कॉमा या सेमी कॉलन होते हैं।
- दाऊद की कराची में मौजूदगी पर : सुषमा ने कहा- मीडिया के सबूतों को दूसरा देश नहीं मंजूर करेगा। वो क्या देंगे, हम क्या देंगे, इस पर बात होगी। मीडिया अपने सबूत भारत सरकार को दे। दाऊद के मामले में सरकार जो मानती है वह पाकिस्तान से शेयर करेगी मीडिया से नहीं।
- अटलजी के वक्त मुशर्रफ हुर्रियत से क्यों मिले : सुषमा ने कहा- जो बीत गई, सो बात गई।
EXPERT VIEW : पाकिस्तान को अपने प्राइम एजेंडे से कश्मीर के बाहर होने का डर
विदेश मामलों के एक्सपर्ट डॉ. रहीस सिंह ने कहा- भारत की कूटनीतिक चाल में पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है। पहले उफा में कश्मीर के बिना बात को राजी हुआ। फिर सीजफायर तोड़े जाने और आतंकी हमले के बावजूद भारत ने बातचीत कैंसल नहीं की। आखिरकार, पाकिस्तान ने आखिरी कार्ड के रूप में हुर्रियत दांव चला। लेकिन अपने ही दांव में वो उलझ गया। अब अगर बातचीत टूटती है तो सारा दोष पाकिस्तान पर जाएगा। और बिना हुर्रियत की शर्त पर चर्चा करता है तो उसे आतंकवाद पर बात करनी होगी। यानी कश्मीर पाकिस्तान के प्राइम एजेंडे से बाहर। पाकिस्तान किसी सूरत में नहीं चाहेगा कि बातचीत का फोकस आतंकवाद हो, क्योंकि आतंकवाद पर बात करने का मतलब होगा खुद का चेहरा बेनकाब करना। आतंकी नावेद के कबूलनामे समेत भारत ने डोजियर के रूप में लंबा चिट्ठा इकट्ठा कर रखा है। इसलिए पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और कट्टरपंथी जमातें चाहती हैं कि किसी भी तरह बैठक रद्द हो जाए।

क़ुरआन का सन्देश

  
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