आपका-अख्तर खान

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26 अगस्त 2015

ज़रा तौलिया देना ।

पति बाथरूम में घुसा
और नहाने के बाद :-
अरे सुनो ,
ज़रा तौलिया देना ।
पत्नी (चिल्ला के ) :-
हमेशा बिना तौलिये के नहाने जाते हो ।
अब मैं चाय बनाऊँ या तौलिया दूं ।
बनियान भी धो के नल पे टांग देते हो
वो भी मैं उठाऊं ।
नहाने के बाद वाइपर भी नहीं चलाते ।
कल लाइट भी खुली छोड़ दी थी तुमने ।
गीले गीले बाहर निकलोगे तो
पूरे घर में गीले पैरों के निशान बना दोगे ।
फिर उस पे मिटटी पड़ेगी तो
सब जगह गन्दी हो जाएगी ।
एक बार नौकरानी उसपे फिसल गयी थी ।
फिर ३ दिन तक नहीं आई ।
मेरा क्या हाल हुआ था काम कर कर के ।
पति (मन में सोचते हुए ) :-
साला ,
नहा के गलती कर दी
या शादी करके की
यह सोचने की भी ताकत नहीं रही ।

मोदी की काशी में बारिश से भरा पानी, बिजली का तार टूटने से दौड़ा करंट, एक की मौत

करंट से मौत के बाद अभिजीत अरोड़ा का शव उठाते लोग।
करंट से मौत के बाद अभिजीत अरोड़ा का शव उठाते लोग।
वाराणसी. पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश से शहर के ज्यादातर इलाकों में नदी जैसा नजारा दिखने लगा। उस पर बिजली विभाग की कथित लापरवाही के चलते एक युवक की मौत भी हो गई।
कैसे हुई मौत
डेंटल क्‍लीनिक में काम करने वाले अभिजीत अरोड़ा घर लौट रहे थे। भगवानदास नगर कॉलोनी के पास जमा बारिश के पानी से गुजरे तो करंट की चपेट में आ गए। आनन-फानन में लोगों ने उन्‍हें अस्‍पताल पहुंचाया, लेकिन रास्‍ते में ही वह दम तोड़ चुके थे। अभिजीत बीमार पिता की इकलौती संतान थे। उनकी मां की मौत पहले ही हो चुकी है।
लोगों ने लगाया बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप
पानी में बिजली का तार गिरने से करंट दौड़ रहा था। स्थानीय लोगों के मुताबिक पुलिस और बिजली विभाग के लोगों को जानकारी भी दी गई थी, लेकिन काफी देर बाद दोनों विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। सिगरा थाने के एसओ राजीव रंजन ने कहा कि सड़क पर इकट्ठा पानी में बिजली का तार गिरा हुआ था और किसी को इसका पता नहीं था। अभिजीत की मौत के बाद ही इस बारे में पता चला। उन्होंने इस आरोप को गलत बताया कि मौके पर पुलिस देर से पहुंची।
पुलिस के दावे को बताया गलत
हादसे की जगह के पास रहने वाले मनोज वर्मा का कहना है कि पानी में तार पड़े होने की जानकारी बिजली विभाग को पहले ही दी जा चुकी थी। इसके बावजूद कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे और न ही बिजली काटी गई।
इस बारे में बिजली विभाग के अफसरों से हमने बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।

तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान

तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के उर्दू विषय को पूर्ववत सभी स्कूलों में चालू रखने की मांग को लेकर प्रस्तावित दो सितम्बर के मोन जुलुस को भारी समर्थन मिल रहा है ,,आज यहां तहरीक ऐ उर्दू के सरपरस्त कोटा शहर क़ाज़ी की अध्यक्षता में सभी समाजो के अध्यक्ष और प्रतिनिधियों की बैठक में सभी समाजो के पर्तीिनिधियों ने आंदोलन को तन ,,मन ,,धन के साथ हर हाल में भरपूर समर्थन देने का ऐलान करते हुए कहा के उर्दू हिन्दुस्तान की जुबां है और इस जुबां को स्कूली स्तर पर सरकार की किसी भी साज़िश का हम डट कर मुक़ाबला करेंगे ,,,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के रफ़ीक़ बेलियम ने बैठक का संचालन किया बैठक में पंचायत अंसारियां ,,मंसूरियांन ,,फातेहान ,,सलमानी पंचायत ,,,, ,,राहीन पंचायत ,,पंचायत लुहरान ,,,,पंचायत घोसियांन ,,,,कुरैशी पंचायत ,,,,देसवाली समाज ,,शाह समाज सहित सभी पंचायतो के प्रतिनिधियों ने तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सरपरस्त कोटा शहर क़ाज़ी को आश्वस्त किया के आगामी दो सितमबर को आयोजित उर्दू बचाओ अभियान के तहत मोन जुलुस में हज़ारो हज़ार लोग अनुशासित तरीके से पहुंचेंगे और जब तक सरकार स्कूलों में उर्दू विषय पूर्ववत शुरू कर अध्यापकों को पदस्थापित नहीं कर देती तब तक तहरीक के हर संघर्ष में सभी समाज साथ रहेंगे ,,, बैठक में लियाक़त अंसारी ,,रहीम खान ,,,,रज़ाक सलमानी ,,डॉक्टर ज़फर ,,,उमरुद्दीन ,,,रफ़ीक बेलियम ,,ज़ाकिर हुसेन ,,मुज़फ्फर रायींन सहित दर्जनो लोग शामिल थे ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में बार और बेंच के पूर्ववत मधुर संबंधो की स्थापना की शुरुआत फिर से होगी

राजस्थान में बार और बेंच के पूर्ववत मधुर संबंधो की स्थापना की शुरुआत फिर से होगी या नहीं इसका फैसला आगामी अठाईस अगस्त को शाम आयोजित जस्टिस अजित सिंह और वकीलों के प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद होगा ,जस्टिस अजीत सिंह खुद वकील के पेशे से जुड़े रहे है वोह वकालत की परेशानियो ,,मजबूरियों को खूब समझते है ,,,जस्टिस अजित सिंह की प्रशासनिक क्षमता के सभी क़ायल है और इनसे राजस्थान के वकीलों ,,पक्षकारों ,,स्टाफ ,,अधीनस्थों को बहुत उम्मीदे है ,,जस्टिस अजीत सिंह उदार ह्रदय ,,कुशल प्रशासक ,,बिना किसी ईर्ष्या ,,द्वेष के कार्य करने वाली शख्सियत के रूप में अपनी पहचान रखते है ,,,राजस्थान में पिछले दिनों अनावश्यक रूप से वकीलों एवं ज्यूडिशयरी में टकराव के हालात रहे ,,जो प[रिपत्र राजस्थान न्यायिक व्यवस्था को सक्रिय बनाने और वकीलों की नाक में कथित रूप से नकेल डालने के लिए जारी किये थे वोह परिपत्र अव्यवहारिक होने से अनावश्यक माहोल में कड़वाहट घोल गए ,,कंडोलेंस ,,,,,,कार्यस्थगन को लेकर विवादों के चलते बेवजह माहोल में कड़वाहट रही ,,हालत यह रही के वकीलों ने भी वर्क टू रूल कार्य करने का फैसला लिया ,,अदालतों एक वक़्त में केवल एक काम को तरजीह दी गई ,,नतीजन अदालतों में जो कार्यक्षमता में वृद्धि होना थी ,,कार्यकुशलता और मुक़दमों के निस्तारण में जो रिकॉर्ड बनना था वोह नहीं बन सका ,,खुद स्थाई लोक अदालतों और लोक अदालतों में भी वकीलों का सहयोग नहीं होने से रचनात्मक शुरुआत नहीं हो सकी ,,,,खेर अठाईस अगस्त राजस्थान के न्यायिक इतिहास का एक बार फिर से ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है इस दिन वार्ता के दौर में अपनी समस्याओ ,,अपनी ,मांगो के साथ वकीलों के पदाधिकारी नए जस्टिस अजीत सिंह के समक्ष अपनी बात रखेंगे ,,खुदा करे वकील और ज्यूडिशयरी में अनावश्यक कड़वाहट का माहोल खत्म हो ,,दोनों पक्ष परस्पर एक दूसरे की मजबूरियां समझे दो क़दम वकील आगे बढ़े तो दो क़दम ज्यूडिशयरी अपने व्यवहार में आगे बढ़े ,,,,,अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तोर पर राजस्थान के न्यायिक इतिहास में जो बोझिल माहोल ,,जो अनावश्यक ,,ज़िद के कारण ,,गलत फ़हमियों के कारण कड़वाहट है उसमे हो सकता है शहद की मिठास घुल जाए ,,,राजस्थान की न्यायिक व्यवस्था जो आज भी देश में सर्वोच्च और अव्वल है हो सकता है ज़रा सी समझदारी से फिर से राजस्थान में न्यायिक व्यवस्था के दोनों हिस्से वकील और न्यायिक अधिकारी मिलकर राजस्थान की जनता को सस्ता ,,सुलभ ,,त्वरित न्याय दिलाने के मामले में इतिहास क़ायम करे ,,और विधिक सहायता ,,विधिक साक्षरता सहित ,,न्यायिक गुणवत्ता में फिर से एक नया इतिहास एक नया माहोल बनाये ,,,,अठाईस अगस्त को जयपुर में होने वाली इस वार्ता में राजस्थान के संभाग स्तर के पदाधिकारियों अध्यक्षों को भी बुलाया गया है ,,,ईश्वर करे राजस्थान के न्यायिक इतिहास में फिर ज़िद ,,बहस ,,टकराव खत्म होकर ,,,त्वरित ,,सस्ता ,,सुलभ न्याय की स्वर्णिम शुरुआत हो ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ट्रेन से कटकर एक ही परिवार की तीन महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत

ट्रेन से कटकर एक ही परिवार की तीन महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत
पटना. शहर के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर पटना-इस्लामपुर पैसेंजर ट्रेन से कट कर पांच लोगों की मौत हो गई। बुधवार रात नौ बजे हुए हादसे में प्लेटफॉर्म नंबर चार के पश्चिमी छोर पर तीन महिलाओं समेत दो पुरुष ट्रेन की चपेट में गए। तीनों महिलाएं एक ही परिवार की सास, बहू और ननद थीं। इनमें मनवां देवी (52), अंजू देवी (25) और नीलम कुमारी (18) शामिल हैं। दुर्घटना में अंजू का पति बबलू रजक और तीन साल का बेटा बाल-बाल बच गए। मरने वाले एक आदमी की पहचान उत्तराखंड के उधमपुर के पप्पू कुमार मंडल (35) के रूप में हुई है। एक की पहचान नहीं हो सकी है।
सूत्रों ने बताया कि घटना के वक्त लोग पटरी पर खड़े थे, इसी बीच पटना-इस्लामपुर डीएमयू ट्रेन आ गई। भगदड़ के बीच पांच लोग ट्रेन के नीचे आ गए, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई तथा 20 से अधिक यात्री घायल हो गए। सूत्रों ने बताया कि मृतक की पहचान नीलम, जूली और उनकी मां के रूप में हुई है, जबकि दोनों पुरुषों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। शवों को पोस्टमाटर्म के लिए भेज दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल पर रेलवे के वरिष्ठ पदाधिकारी पहुंच गए हैं। जीआरपी और आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच कर स्थिति संभाल ली।

मां ने कहा- मामला दबा दो, पर बेटी नहीं मानी, रेप की कोशिश करने वाले को पकड़वाया


लखनऊ. यूपी की राजधानी से सटे एक गांव में लड़की ने बहादुरी दिखाते हुए अपने साथ हुई ज्‍यादती की कोशिश का सरे आम विरोध कर दिया। यहां तक कि मामले को दबा देने की मां की सलाह भी उसने नहीं मानी। उसकी हिम्‍मत के चलते पुलिस को भी आरोपी पर एक्‍शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
क्‍या है मामला
मामला लखनऊ के मड़ियांव इलाके का है। यहां बीती 20 अगस्त की रात एक लड़की छत पर बहन के साथ सो रही थी। रात करीब दो बजे उसकी बड़ी बहन नीचे चली गई। थोड़ी देर बाद पड़ोस में रहने वाला एक लड़का अपनी छत से कूदकर उसकी छत पर आ गया। वह सोती हुई लड़की के पास लेट गया और उसके साथ ज्‍यादती की कोशिश की।
पुलिस पर आरोप- शुरुआत में नहीं की कार्रवाई
लड़की का शोर सुन जब मां ऊपर आई तो उसने बेटी से मामला दबाने के लिए कहा। इस पर वह नाराज हो गई और उसने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था रेड ब्रिगेड से संपर्क किया। संस्‍था की सदस्‍यों ने थाने पर बात की। संस्था का आरोप है कि पुलिस ने कोई एक्टिवनेस नहीं दिखाई।
तरकीब से पकड़वाया आरोपी
पुलिस ने यह कह कर मामला टालने की कोशिश की कि आरोपी फरार हो गया है। तब रेड ब्रिगेड ने उसे पकड़वाने के लिए एक तरकीब चली। लड़के को फोन पर समझौते का मैसेज भेजा और लड़की से माफी मांग कर मामला रफा-दफा करने को कहा।
आरोपी की हुई जमकर पिटाई
आरोपी रेड बिग्रेड के जाल में फंस गया। जब वह माफी मांगने पहुंचा तो लड़की ने उसकी जमकर पिटाई की। वहां मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल साइट्स पर अपलोड कर दिया। पिटाई के बाद रेड ब्रिगेड की महिलाओं ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

गुजरात में 8 मौतें: उपद्रवियों ने अहमदाबाद में पटरियां उखाड़ीं, बुलाई गई आर्मी

आरक्षण की मांग को लेकर अहमदाबाद में हुई हिंसा का वीडियो देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। आगे की स्लाइड में गुजरात के कुछ और वीडियो फुटेज देखें।
अहमदाबाद. गुजरात में रिजर्वेशन की मांग कर रही पटेल-पाटीदार कम्युनिटी का आंदोलन हिंसक हो जाने के बाद राज्य के बड़े शहरों में तनाव है। अहमदाबाद और सूरत में असर सबसे ज्यादा है। हालात काबू करने के लिए बुधवार दोपहर गांधीनगर से आर्मी की एक टुकड़ी अहमदाबाद बुलवाई गई। इससे पहले कुछ लोगों ने पटरियां उखाड़कर कोयले से लदी एक मालगाड़ी में आग लगाने की भी कोशिश की। वहीं, मंगलवार रात से अब तक हुई हिंसा की वजह से उत्तरी गुजरात के पालनपुर में बुधवार को दो लोगों की मौत हो गई। सूरत में उपद्रव के दौरान घायल हुए एक पुलिस वाले की मौत हो गई। इस तरह हिंसा के चलते अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, केंद्र ने पैरामिलिट्री फोर्सेस की 60 कंपनियां (करीब 6000 जवान) भेजी हैं।
बुधवार को अनामत आंदोलन समिति ने गुजरात बंद रखा। इस दौरान जगह-जगह से हिंसा की खबरें आईं। गुजरात सरकार ने सुबह से ही कई इलाकों में फोन और इंटरनेट सर्विस एहतियातन बंद कर दी थी। आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने व्‍हाॅट्सएप के जरिए शांति की अपील की, लेकिन इसका असर ज्यादा असर नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात के लोगों से शांति की अपील की।
अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, राजकोट, जामनगर और पाटन।
बुधवार को कहां हुई हिंसा?
* अहमदाबाद के चांदलोडिया-राणीप इलाके में जीएसटी क्रॉसिंग पर उपद्रवियों ने पटरियां उखाड़ दीं। जब कोयले से भरी मालगाड़ी ट्रैक पर खड़ी हो गई तो उसमें आग लगाने की कोशिश की। सूचना पाते ही भारी पुलिस दल मौके पर पहुंच गया। इससे ट्रेन को जलने से बचा लिया गया।
* सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के दो गोदामों में एक हजार लोगों की भीड़ ने आग लगा दी। शहर के कई इलाकों में बाइक, बस और अन्य गाड़ियों को आगे के हवाले कर दिया गया।
* हार्दिक पटेल ने गुजरात में बुधवार को बंद बुलाया है। इसके मद्देनजर पूरे राज्य में स्कूल और कॉलेज आज बंद हैं। गुरुवार को भी सूबे के सभी स्कूल-कॉलेज एहतियातन बंद रहेंगे।
* गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और मेहसाणा जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
* अहमदाबाद के 9 इलाकों में बुधवार को कर्फ्यू लगाना पड़ा। इनमें मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की विधानसभा सीट के तहत आने वाला घटलोदिया, बीजेपी चीफ अमित शाह के इलाके-नारायणपुरा, रमोल, वाडज, कृष्णानगर, नरोदा, ओधव और बापूनगर शामिल है।
* अहमदाबाद के बापूनगर में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पत्‍थर फेंके तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
* अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफिस में तोड़फोड़।
* घाटलोदिया वेस्ट में गाड़ियों को फूंका।
क्‍यों हो रहा फसाद, क्या है मांग?
- गुजरात की कुल आबादी 6 करोड़ 27 लाख है। इसमें पटेल-पाटीदार लोगों की तादाद 20% है।
- यह कम्युनिटी मांग कर रही है कि उन्हें ओबीसी स्टेटस दिया जाए ताकि कॉलेजों और नौकरियों में उन्हें रिजर्वेशन मिल सके ।
- राज्य में अभी ओबीसी रिजर्वेशन 27% है।
- आेबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से लिस्टेड है। पटेल-पाटीदार समुदाय खुद को 146वीं कम्युनिटी के रूप में ओबीसी की लिस्ट में शामिल कराना चाहती है।
- राज्य के 120 भाजपा विधायकों में से 40 इसी कम्युनिटी से आते हैं।
- गुजरात में पटेल समुदाय को बीजेपी का मेन वोट बैंक माना जाता है।
कौन हैं हार्दिक पटेल?
- हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कोऑर्डिनेटर हैं। यह समिति अब तक 70 रैलियां कर चुकी है। रिजर्वेशन के लिए चल रहे आंदोलन की अगुआई 22 साल के हार्दिक पटेल ही कर रहे हैं।
- 5 जुलाई को सभी छोटे-बड़े पटेल संगठनों को मिलाकर एक संगठन बनाया गया था। इसके एक दिन बाद 6 जुलाई को मेहसाणा से इस आंदोलन को शुरू किया गया। पटेल ने उसी दिन आंदोलन को पूरे गुजरात में ले जाने का एलान किया था।
- अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव में रहने वाले हार्दिक पटेल कॉमर्स से ग्रैजुएट हैं।
- उन्होंने साल 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था। हार्दिक के पिता बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
- इस समय हार्दिक के सबसे करीबी व्यक्ति चिराग पटेल हैं। चिराग वही हैं, जो 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर मौजूदा सीएम आनंदीबेन के खिलाफ खड़े हुए थे। हालांकि वे हार गए थे।
- लोकसभा चुनाव के वक्त हार्दिक आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का समर्थन करते दिखे थे

क़ुरआन का सन्देश

   
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