राजस्थान में बार और बेंच के पूर्ववत मधुर संबंधो की स्थापना की शुरुआत फिर
से होगी या नहीं इसका फैसला आगामी अठाईस अगस्त को शाम आयोजित जस्टिस अजित
सिंह और वकीलों के प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद होगा ,जस्टिस अजीत सिंह
खुद वकील के पेशे से जुड़े रहे है वोह वकालत की परेशानियो ,,मजबूरियों को
खूब समझते है ,,,जस्टिस अजित सिंह की प्रशासनिक क्षमता के सभी क़ायल है और
इनसे राजस्थान के वकीलों ,,पक्षकारों ,,स्टाफ ,,अधीनस्थों को बहुत उम्मीदे
है ,,जस्टिस अजीत सिंह उदार ह्रदय ,,कुशल प्रशासक ,,बिना
किसी ईर्ष्या ,,द्वेष के कार्य करने वाली शख्सियत के रूप में अपनी पहचान
रखते है ,,,राजस्थान में पिछले दिनों अनावश्यक रूप से वकीलों एवं
ज्यूडिशयरी में टकराव के हालात रहे ,,जो प[रिपत्र राजस्थान न्यायिक
व्यवस्था को सक्रिय बनाने और वकीलों की नाक में कथित रूप से नकेल डालने के
लिए जारी किये थे वोह परिपत्र अव्यवहारिक होने से अनावश्यक माहोल में
कड़वाहट घोल गए ,,कंडोलेंस ,,,,,,कार्यस्थगन को लेकर विवादों के चलते बेवजह
माहोल में कड़वाहट रही ,,हालत यह रही के वकीलों ने भी वर्क टू रूल कार्य
करने का फैसला लिया ,,अदालतों एक वक़्त में केवल एक काम को तरजीह दी गई
,,नतीजन अदालतों में जो कार्यक्षमता में वृद्धि होना थी ,,कार्यकुशलता और
मुक़दमों के निस्तारण में जो रिकॉर्ड बनना था वोह नहीं बन सका ,,खुद स्थाई
लोक अदालतों और लोक अदालतों में भी वकीलों का सहयोग नहीं होने से रचनात्मक
शुरुआत नहीं हो सकी ,,,,खेर अठाईस अगस्त राजस्थान के न्यायिक इतिहास का एक
बार फिर से ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है इस दिन वार्ता के दौर में अपनी
समस्याओ ,,अपनी ,मांगो के साथ वकीलों के पदाधिकारी नए जस्टिस अजीत सिंह के
समक्ष अपनी बात रखेंगे ,,खुदा करे वकील और ज्यूडिशयरी में अनावश्यक कड़वाहट
का माहोल खत्म हो ,,दोनों पक्ष परस्पर एक दूसरे की मजबूरियां समझे दो क़दम
वकील आगे बढ़े तो दो क़दम ज्यूडिशयरी अपने व्यवहार में आगे बढ़े ,,,,,अगर ऐसा
हुआ तो निश्चित तोर पर राजस्थान के न्यायिक इतिहास में जो बोझिल माहोल
,,जो अनावश्यक ,,ज़िद के कारण ,,गलत फ़हमियों के कारण कड़वाहट है उसमे हो सकता
है शहद की मिठास घुल जाए ,,,राजस्थान की न्यायिक व्यवस्था जो आज भी देश
में सर्वोच्च और अव्वल है हो सकता है ज़रा सी समझदारी से फिर से राजस्थान
में न्यायिक व्यवस्था के दोनों हिस्से वकील और न्यायिक अधिकारी मिलकर
राजस्थान की जनता को सस्ता ,,सुलभ ,,त्वरित न्याय दिलाने के मामले में
इतिहास क़ायम करे ,,और विधिक सहायता ,,विधिक साक्षरता सहित ,,न्यायिक
गुणवत्ता में फिर से एक नया इतिहास एक नया माहोल बनाये ,,,,अठाईस अगस्त को
जयपुर में होने वाली इस वार्ता में राजस्थान के संभाग स्तर के पदाधिकारियों
अध्यक्षों को भी बुलाया गया है ,,,ईश्वर करे राजस्थान के न्यायिक इतिहास
में फिर ज़िद ,,बहस ,,टकराव खत्म होकर ,,,त्वरित ,,सस्ता ,,सुलभ न्याय की
स्वर्णिम शुरुआत हो ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान