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03 सितंबर 2015

मुस्लिम पत्नी ने कराया बेटे का खतना, नाराज हिंदू पति पहुंचा थाने

छीनाझपटी में आई चोट के निशान दिखाता बच्चे का पिता सुरेश विश्वकर्मा।
छीनाझपटी में आई चोट के निशान दिखाता बच्चे का पिता सुरेश विश्वकर्मा।
खरगोन/भोपाल. मध्य प्रदेश के खरगोन जिला हॉस्पिटल में बुधवार रात एक मुस्लिम पत्नी और हिंदू पति आपस में भिड़ गए। पत्नी के मायकेवालों ने पति की जमकर पिटाई की। विवाद का कारण बेटा था। हिंदू पति का कहना है कि उसकी मर्जी के बगैर मुस्लिम धर्म मानने वाली पत्नी ने बच्चे का खतना करवा दिया। पति ने इसकी शिकायत थाने में की है। हालांकि, अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है। उधर, गुरुवार को पुलिस कार्रवाई के लिए सुरेश एसपी कार्यालय भी गया। यहां एसपी अमित सिंह से मुलाक़ात तो नहीं हो पाई, लेकिन सुरेश ने अपर कलेक्टर को शिकायत देकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
क्या है पूरा विवाद?
खरगोन के सुखपुरी इलाके के रहने वाले सुरेश नारायण विश्वकर्मा ने परवीन नाम की महिला से शादी की थी। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले उन्हें एक बेटा हुआ। पत्नी तब से बेटे के साथ मायके में रह रही है। बुधवार को सुरेश पत्नी के मायके गया। वहां से पत्नी और बच्चे को लेकर थाने पहुंचा। उसकी शिकायत के बाद यहां से एक कॉन्स्टेबल की निगरानी में बच्चे को मेडिकल के लिए हॉस्पिटल भेजा गया। सुरेश और परवीन भी उसके साथ थे। जैसे ही दोनों हॉस्पिटल पहुंचे, वहां परवीन के मायके से 15-20 लोग आ गए और बच्चे को लेकर जाने लगे। सुरेश बच्चे को अपने साथ रखना चाहता था, लेकिन उसकी पत्नी नहीं मानी। पत्नी के मायके से आए लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। वे बच्चे को साथ ले गए। पत्नी भी मायके लौट गई।
क्या कहना है पुलिस का?
टीआई ब्रजेश मालवीय ने बताया कि मामले की शिकायत दर्ज नहीं हुई है। सुरेश बच्चा लेकर थाने आया था। बच्चे की हालत देखते हुए उसे पहले जिला अस्पताल पहुंचाया गया। परिवार का विवाद है।

हर ज़ोर ज़ुल्म के संघर्ष के खिलाफ सबसे पहली आवाज़ क्रांतिकारी

सभी के दुःख दर्दों में शामिल होना ,,हर ज़ोर ज़ुल्म के संघर्ष के खिलाफ सबसे पहली आवाज़ क्रांतिकारी बन कर उठाना जिसका स्वभाव हो उसी का नाम क्रान्ति तिवारी है ,,,जी हाँ दोस्तों क्रांति तिवारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में यूँ तो कोटा में प्रदेश में सदस्य के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे है ,,,लेकिन ज़ुल्म ,,अत्याचार ,,नाइंसाफी ,,,समस्याओ के समाधान मामले में इनके संघर्ष के स्वभाव ने लोगों की इंसाफ की लड़ाई ने इन्हे इनके नाम के मुताबिक़ क्रन्तिकारी बना दिया है ,,, भाई क्रांति तिवारी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक न्याय के हर मामले में उसके संघर्ष का हिस्सा बनते है ,,,हर घटना ,,हर मुद्दे पर सक्रिय होकर क्रांतितिवारी ने कांग्रेस में खुद को अधिकतम सक्रिय साबित कर दिखाया है ,,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट की टीम के प्रमुख सदस्यों में शामिल होकर कोटा सहित राजस्थान के हर हिस्से में क्रांतितिवारी कांग्रेस को मज़बूत और सक्रिय कर ज़िंदाबाद करने में जुटे है ,,,,क्रान्ति तिवारी को अभी हाल ही में जनता नगरपालिका चुनाव क्षेत्र का प्रभारी बनाया था ,,कठिन काम था एक तो मुख्यमंत्री वसुंधरा का क्षेत्र उनके पुत्र सांसद दुष्यंत का संसदीय क्षेत्र भाजपा के मंत्री प्रभुलाल सैनी का विधानसभा क्षेत्र भाजपा की लहर उसके बाद भी क्रान्ति तिवारी के पर्यवेक्षण में इनकी निगरानी में कार्यकर्ताओं में इन्होने जान फूंकी ,,सक्रिय चुनावी मैनेजमेंट का ही नतीजा था के विकट परिस्थितियों के बावजूद भी इनके नेतृत्व के अंता नगरपालिका क्षेत्र में कांग्रेस ज़िंदाबाद हुई ,,,,,,,,,,,,क्रान्ति तिवारी कल उर्दू के हमदर्दो के साथ रैली में अपने दल बल के साथ उर्दू के हमदर्दो के संघर्ष शील जांबाजों का अपने अंदाज़ में होसला अफ़ज़ाई कर रहे थे ,,,,,,,क्रांतितिवारी के लगातार जनता से जुड़ाव ,,कार्यकर्ताओं के संघर्ष के स्वभाव ने चाहे जन आनदोलन प्रदर्शनों के तहत उनके खिलाफ कई मुक़दमे दर्ज करवा दिए हो लेकिन क्रान्ति तिवारी कोटा के आम कार्यकर्ता ,,कोटा की कांग्रेस ,,कोटा के शोषित उत्पीड़ित लोगों की ज़रूरत बनते जा रहे है जो खामोश रहकर ,,खुद बिन बुलाये ,समस्या के पास जाते है और अपने साथियों के साथ मिलकर उस समस्या का समाधान करने का कामयाब प्रयास कर दिखाते है ,,कोटा के कांग्रेस कार्यर्ताओं को उनसे बहुत उम्मीदे है उनका मानना है के कांग्रेस हाईकमान ने अगर उन्हें कोटा कांग्रेस के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी सौंपी तो कोटा क्षेत्र में कांग्रेस राजस्थान की सभी कांग्रेस इकाइयों में मुखर और अव्वल रहेगी ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यूपी: पैगंबर पर अभद्र टि‍प्‍पणी करने वाले को भीड़ ने फांसी देने की कोशि‍श की

पुलिस अधि‍कारि‍यों को निर्देश देती डीआईजी लक्ष्‍मी सिंह।
पुलिस अधि‍कारि‍यों को निर्देश देती डीआईजी लक्ष्‍मी सिंह।
आगरा. यूपी के आगरा में व्‍हॉट्सएप पर पैगंबर मोहम्‍मद के बारे में अभद्र टिप्‍पणी करने के बाद जमकर बवाल हुआ। गुस्‍साए लोगों ने कमेंट करने वाले आरोपी शख्स की जमकर पिटाई की और बीच चौराहे पर गले में गमछा डालकर फांसी लगाने की कोशिश की। सूचना मिलने पर युवक के परिजनों ने मौके पर पहुंचकर उसे बचाया। इसके बाद इलाके में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई। दोनों समुदाय के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और मारपीट व आगजनी करने लगे। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला। पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है। इस मामले में कन्‍नौज पुलिस ने व्‍हॉट्सएप पर टि‍प्‍पणी करने वाले मुख्‍य अभि‍युक्‍त अभि‍षेक कुमार सहित सहिए गुप्‍ता, रामबाबू गुप्‍ता, राजीव गुप्‍ता को शांति व्‍यवस्‍था भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
मामला आगरा शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर शमशाबाद इलाके का है। पैगंबर के बारे में आकाश गुप्‍ता नाम के शख्स ने गुरुवार की सुबह टिप्‍पणी कर दी थी। यह सूचना पूरे शमशाबाद में फैल गई। इसके बाद खास समुदाय के लोग इकट्ठा हो गए और आकाश को पकड़ लिया। दर्जनों लोग युवक को पकड़कर पीट रहे थे और लोग हंगामा करके फांसी लगाने की मांग कर रहे थे। तभी कुछ लोगों ने आकाश के गले में फंदा डाल दिया। लोग उसे पेड़ से लटकाने जा रहे थे, तभी आकाश के पक्ष के लोगों की भीड़ आ गई। दोनों समुदायों के लोगों के बीच मारपीट हुई और आकाश को छुड़ा लिया गया।
हालात हुए बेकाबू
इसके बाद हालात बेकाबू होने लगे। आसपास से लोग ट्रैक्‍टर, ट्रॉली, जीप व अन्‍य वाहनों में भरकर लोग शमशाबाद पहुंचने लगे। यहां दो समुदाय के बीच पथराव और मारपीट होने लगी। यहां मौजूद पुलिस हालात को काबू करने में नाकाम हो रही थी। इसके बाद एसएसपी राजेश डी मोदक और कई अफसरों के अलावा पीएसी के जवान यहां पर पहुंचे। आसपास के गांवों से लोग पहुंच रहे थे, उन्‍हें पुलिस ने रास्‍ते में रोक लिया। एहतियातन सड़कों को बंद कर दिया गया है। आगरा-शमशाबाद हाइवे को पुलिस ने बंद कर दिया है। पुलिस लोगों को रास्‍ते से ही लौटा रही है।
डीआईजी लक्ष्‍मी सिंह ने बताया कि धार्मिक टिप्‍पणी करने पर बवाल हुआ है। हालात को काबू में किया जा चुका है, जिन्‍होंने हालात को बिगाड़ने की कोशिश की है उनकी पहचान की जा रही है।
क्‍या कहते हैं एडीजी लॉ एंड आर्डर
एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि घटना को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सतर्कता बरती जा रही है। जो भी हंगामा या उन्‍माद फैलाने की कोशि‍श करेगा उसके खि‍लाफ गुंडा एक्‍ट और गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

शुक्रिया शुक्रिया दोस्तों

शुक्रिया शुक्रिया दोस्तों ,,, ,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के आह्वान पर उर्दू बचाने के लिए निकले कोटा के दो लाख लोगों के जज़्बे को सलाम ,,दोस्तों कोटा में यह महा रैली आप सभी की हिम्मत और मदद का नतीजा है ,,कोई एक शख्स ,,कोई एक पार्टी ,अकेली तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के लिए यह सब कर पाना मुमकिन नहीं था ,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान को उर्दू के हक़ संघर्ष के लिए उर्दू के हमदर्दों की आगे भी मदद चाहिए ,,दोस्तों केवल और केवल आदमियों की यह रैली ,,ज़रा सोचो घर से अगर बच्चे और महिलाये भी निकली तो सड़को का क्या हाल होगा ,,,,,,खुदा का शुक्र है हम एक हुए ,,मज़बूत हुए ,,,अमन और सुकून के साथ हमारी यह रैली कामयाब हुई ,,इस खामोश रैली के लिए कोटा शहर का हर वर्ग ,,हर समाज ,,हर सियासी पार्टी से जुड़ा करकुम खामोशी से अपना काम करता रहा ,,रैली में मौजूद रहा ,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद जो तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सरपरस्त है उनके आह्वान पर तहरीक से जुड़े कार्यकर्ताओं ने दिन रात एक करके ,,भूख प्यास की फ़िक्र छोड़कर घर घर जाकर प्रचार किया ,,,सैकड़ों कार्यकर्ता रोज़ तहरीक के कार्यालय में योजना में शामिल होते अपने अपने तरीके से सड़को पर ,,चौराहो पर अपना प्रचार ,,अपना काम करर्ते ,,,,,कांग्रेस के कुछ अच्छे लोग ,,कुछ अच्छे साहित्यकार ,,कुछ समाज के बेहतर लोग ,,,,,दूसरी सियासी पार्टियों से जुड़े सभी लोग सीधे आंदोलन से जुड़े रहे ,,,व्यापर संघ से जुड़े लोग हो ,,,समाज सेवा से जुड़े लोग हो ,,,,अलग अलग समाज हो ,,सियासी लोग हो ,,अलग अलग मसलक के लोग हो ,,,,जो भी हो एक जज़्बा ,,एक ताक़त सभी को एक साथ जोड़कर रखने की रही नतीजन कोटा ने ऐतीहासिक रैली का इतिहास बना दिया ,,,,,,कोटा में इस रैली को सफल बनाने के लिए हज़ारो हज़ार लोगों ने अपनी जान फूंक दी तो कुछ लोग जो रैली के खिलाफ थे ,कॉम के गद्दार थे उन्होंने रैली के खिलाफ ,,रैली से जुड़े कार्यकर्ताओं के खिलाफ सत्ता पार्टी को अपने इशारे पर नचाने वाले संगठन की गुलाम मानसिकता के तहत अफवाहे भी फैलाई ,,,,झूंठा प्रचार भी किया ,,मनोबल भी तोड़ने का प्रयास किया ,,रैली से जुड़े लोगों को कांग्रेस ,,एस डी पी आई ,,वेलफेयर पार्टी ,,पॉपुीलर फ्रंट ,, अलग अलग मस्लको ,,,सहित दूसरी पार्टियों के नाम पर फुट डालने की साज़िश भी रची लेकिन खुदा का शुक्र है उन्हें मुंह की खाना पढ़ी ,,,,इस रैली को तोड़ने ,,असफल करने के लिए इन अफवाहबाज़ कॉम के दुश्मनो को जो पैकेज दिया गया वोह असफल रहा ,,आखिर में खुदा ने उन्हें भी अक़्ल दी और वोह भी रैली के साथ शामिल रहे ,,,,,,,,,,कांग्रेस में छुपे कुछ चड्डी छाप कांग्रेस इस रैली से अलग रहे ,,,इतना ही नहीं इन चड्डी छाप कोंग्रेसियों द्वारा बनाये गए सोशल मिडिया ग्रूप में जो इन्होने ने प्रदेश अध्यक्ष और दूसरे बढ़े कोंग्रेसी नेताओ के नाम से बनाये है उसमे कुछ मुस्लिम भी शामिल है इन ग्रुपों में उर्दू से जुडी सूचनाओ को देखना भी मुनासिब नहीं समझा ,,,उर्दू के हमदर्दों की मदद तो दूर की बात उलटी आलोचनाएँ शुरू कर नफरत का भाव दर्शाया ,,ऐसे चड्डी छाप कांग्रेस और उनके सोशल मिडिया ग्रुपों के बाद भी कुछ कोंग्रेसी थे जो दूसरे समाज के होने के बाद भी रैली की सफलता के लिए जी तोड़ कोशिशो में जुटे थे ,,,यह शहर का जज़्बा ,,शहर के उर्दू के हमदर्दो का जज़्बा ,, तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के कार्यकुनो और इनके मददगारों की महनत और हिम्मत का ही नतीजा रहा जो उर्दू के खिलाफ साज़िश कर्ताओ को खामोशी से एक मुंह तोड़ जवाब मिला ,,,,,,,,अफ़सोस इस बात का रहा के कोटा के मिडिया से जुड़े लोग इस रैली में संख्या का आंकलन भी सही नहीं कर सके ,,स्वीकारित रूप से सवा लाख से भी ज़्यादा लोग जिस रैली में हो जिसका एक छोर गुमानपुरा और दूसरा छोर कलेक्ट्री पर हो उस रैली में चालीस हज़ार लोग बताना ना इंसाफी नहीं तो क्या है ,,खेर मजबूरी होगी ,,लेकिन फिर भी इलेक्ट्रॉनिक मिडिया तो इस रैली को विज्ञापनों और सरकार द्वारा किये गए मैनेजमेंट के भाव से निगल ही गया ,,राजस्थान की सर ज़मीन पर एक ऐतीहासिक ,,अनुशासित असम्भव जुलुस कामयाब होता है और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया इस खबर को लगातार अलग अलग ऐंगल से चलाने की ज़िम्मेदारी निभाने की जगह पूरी खबर खा जाता है ,,लेकिन फिर भी लोकल एस टी ऍन ,,कोटा पत्रिका ,,भास्कर ,,कोटा ब्यूरो ,चंबल संदेश , हिंदुस्तान टाइम्स ,देश की धरती ,,नवज्योति सहित सभी मिडिया से जुड़े लोग जिन्होंने हमारे हौसले को बढ़ाया उन सभी के हम शुक्रगुज़ार है ,,,उनसे उम्मीद है आगे भी वोह हमारी हिम्मत बढ़ाएंगे ,,हम शुक्रगुज़ार है कोटा के इस जज़्बे के कोटा के लोगों की इस हिम्मत के जिन्होंने ने सभी विकट परिस्थितियों के बाद भी कोटा की सुख ,शांति ,,अमन ,,सुकून को ज़िंदा रखते हुए उर्दू के हमदर्द बंदकर उर्दू को कुचलने वालों के खिलाफ इस हक़ संघर्ष का परचम बुलंद किया ,,,,,उर्दू को ,,उर्दू चाहने वालों को ज़िंदाबाद किया ,,, सरकार ने स्कूलों में उर्दू के बच्चे नामांकित है पढ़ रहे है लेकिन स्कूलों से उर्दू खत्म कर दी ,,,,,सरकार ने राजस्थान लोग सेवा आयोग द्वारा चयनित दो सो इकीस लोगों को अभी तक नियुकित नहीं दी जबकि सभी विषय में नियुक्तिया दो माह पूर्व हो गयी है ,,स्कूलों में छात्र है लेकिन उर्दू बंद कर दी गई ,,स्कूलों में छात्र उर्दू पढ़ना चाहते है लेकिन उन्हें जबरन दूसरे विषय पढ़ने पर मजबूर किया गया है क्या यह न इंसाफी नहीं ,,बताओ मेरे उर्दू के गद्दारो ,,बताओ मेरी कॉम में उर्दू के खिलाफ साज़िश रच रहे लोगों के एजेंट भाइयो ,,बताओ मेरी कॉम के आंदोलन को तोड़ने की साज़िश में लगे ,,आंदोलन को फ़िरक़ों ,,पार्टियों ,,सियासी जमातों ,,,छोटे बढ़ो में बांटने के जुमले छोड़ने वालो बताओ बताओ और अगर तुम गलत हो तो आओ हमारे साथ हमारे गले लगो ,,हमे गले लगाओ और हमारी इस लड़ाई में हमारे साथ शामिल हो जाओ ,आपका स्वागत है ,,,,हमे आपका इन्तिज़ार भी है और ज़रूरत भी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरआन का सन्देश

 
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