आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

06 सितंबर 2015

यहां पेड़ में से निकल रहा धुआं, 2 बार पानी डालकर बुझाई आग, फिर से लग गई

यहां पेड़ में से निकल रहा धुआं, 2 बार पानी डालकर बुझाई आग, फिर से लग गई
छतरपुर(भोपाल). शहर के मेला ग्राउंड में रविवार को साप्ताहिक बाजार लगा था। सुबह 9 बजे अचानक ही यहां पर मंदिर के पास लगे नीम के पेड़ से धुआं निकलने लगा। धुआं ज्यादा निकलने लगा तो आसपास के दुकानदारों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने धुआं निकलने का कारण पता किया तो खोखले हो चुके उक्त पेड़ के भीतर आग लगी हुई थी। संभवत: किसी ने जलती हुई कोई वस्तु पेड़ के भीतर फेंक दी होगी, इससे उसमें अंदर ही अंदर आग फैल गई और धुआं निकलने लगा। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने पानी डालकर आग को बुझाया गया।
इसके बाद लोगों ने कुछ राहत ली ही थी कि दोपहर करीब 12 बजे अचानक फिर उसी पेड़ से तेज धुआं निकलने लगा। एक बार फिर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास किए। आग बुझती न देखकर नपा के कर्मचारियों ने पेड़ में कुल्हाड़ी से एक छेद बनाया।

इसके बाद पानी की बौछारों से आग बुझाने का प्रयास किया। इससे भी आग पूरी तरह न बुझी तो पेड़ में चढ़कर कर्मचारियों ने ऊपर से पानी डाला और आग बुझाई, लेकिन देर शाम एक बार फिर से उसी पेड़ से धुआं निकलने लगा। इसके बाद देर रात तक आग को फिर से बुझा दिया गया था।

कहने को मेरा कोटा शहर शैक्षणिक नगरी ,,औद्योगिक नगरी ,,स्मार्ट सिटी

कहने को मेरा कोटा शहर शैक्षणिक नगरी ,,औद्योगिक नगरी ,,स्मार्ट सिटी ,,स्मार्ट सांसद ,स्मार्ट विधायक ,स्मार्ट प्रतिपक्ष ,,स्मार्ट प्रशासनिक अधिकारियो की सीटी है ,,लेकिन इस कोटा शहर की स्मार्टनेस को कलंकित करने वाली विज्ञाननगर मुख्यमार्ग की कंकर बिखरी ,,टूटी फूटी सड़को को देखकर पुरे भारत से आये लोग हमे शर्मिंदा करते नज़र आते है ,,हमारा उपहास हमारा मज़ाक उड़ाते है ,,ताने मारते है अजीब स्मार्ट सीटी है विज्ञाननगर की मुख्य सड़क जहाँ से रोज़ लाखो लोग निकलते है ,,विज्ञाननगर जहाँ शहर के कई वी आई पी रहते है यहां की अगर सड़के कई महीनो से जंगल की तरह की तरह खुदी पढ़ी है तो इस शहर को स्मार्ट सीटी नही ,,,लानत सीटी ही कहा जा सकता है ,,जी हाँ दोस्तों यह मेरे तास्सुरात नहीं ,यह बच्चो को पढ़ाने अाने वाले दूर दराज़ दूसरे राज्यों से आने वाले अभिभावकों के तास्सुरात है ,,,,,बात सही भी है विज्ञाननगर जो कोटा का दिल है ,,जो सबसे व्यस्ततम और आधनिक पहली मेगनट नगरी है ,,कोचिंग की शुरुआत इसी नगरी से हुई ,,आज सबसे बढ़ी व्यस्ततम बस्ती विज्ञाननगर में आवाजाही का मुख्य मार्ग कई महीनो से टूटा फूटा है ,,सड़को पर कंकर बिखरे है ,,ऐसा लगता है किसी गाँव ,,किसी कच्ची बस्ती का नज़ारा हो ,,रोज़ कई लोग स्लिप होकर गिरते है कई लोगों के वाहन नुकीले कंकरों से पंचर हो जाते है लेकिन कई माह से टूटी फूटी इस सड़क को आज तक ठीक करवाने वाला कोई स्मार्ट में नहीं पैदा हो सका है ,,,,,,,,,,कोटा सांसद ,,,विधायक कोटा दक्षिण ,,महापौर ,,उप महापौर ,,पार्षद ,,,नगर विकास न्यास ,,कोटा प्रशासन ,,सार्वजनिक निर्माण विभाग ,,कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन करने वाले नेता जो कोई भी हो सभी तो इस मामले में खामोश है ,,सभी का तो उपेक्षित रुख है ,,,ऐसे में जिस स्मार्ट सिटी की स्मार्ट नगरी विज्ञानगर की सड़के टूटी फूटी हो ,,सड़को पर नुकीले पत्थर बिखरे पढ़े हो तो फिर ऐसी सिटी को स्मार्ट सिटी कैसे कहे ,,,,,,बाहर से आने वाले लोग रोज़ ताने मारते है ,,वोह सत्ता में बैठे विधायक ,,सांसद को तो कोसते ही है लेकिन अधिकारियो और विपक्ष में बैठे लोगों का भी वोह मज़ाक उड़ाते नज़र आते है ,,,,,,कोटा कलेक्टर को इस मामले में खुद विज्ञाननगर की सड़को का अवलोकन कर तुरंत यहां की सड़के ठीक कारवांना चाहिए ताकि स्मार्ट अफसर की स्मार्ट सिटी में बाहर से आने जाने वाले लोगों के इस वाजिब ताने बाज़ी से इस शहर को मुक्ति मिल सके ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पिता पर आरोप: घर की सुख-शांति के लिए दी नौ साल की बेटी की बलि, हुआ अरेस्ट

कानपुर: यूपी के कानपुर देहात में एक पिता द्वारा अपनी नौ साल की बेटी की बलि देने का मामला सामने आया है। पत्नी का आरोप है कि किसी दोस्त ने घर की सुख-शांति के लिए ऐसा करने की सलाह दी। इसके बाद उसके पति ने हथौड़ी और हैंडपंप के हत्‍थे से बेटी को पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, सिकंदरा थाना क्षेत्र के जमौर गांव में रहने वाले गिरजेश (38) के परिवार में पत्नी सुनीता के अलावा दो बेटे अमित (15), अमन(13) और एक बेटी खुशी (9) हैं। पेशे से किसान गिरजेश ज्‍यादा आमदनी नहीं होने के कारण पिछले कई दिनों से परेशान था।
सुनीता ने बताया कि शनिवार शाम जब गिरजेश घर आया तो उसने पूछा कि घर में लौंग-कपूर है कि नहीं। घर में पूजा का सामान न होने के कारण वह बाहर गया और सामान ले आया। खाना खाने के लिए पूछे जाने पर कहा कि उसका उपवास है। पूजा-पाठ के बाद ही कुछ खाएगा। इसके बाद रात में जन्‍माष्‍टमी की पूजा के दौरान भी किसी बात को लेकर दोनों का झगड़ा हो गया। इसके बाद वह तीनों बच्चों को लेकर घर के बाहर वाले हिस्‍से में सोने चली गई थी। इस दौरान गिरजेश कब बेटी को उठा ले गया, कुछ पता नहीं चला। बाद में जब पता चला तो देखा कि बेटी के शव के आसपास काफी खून बिखरा पड़ा था। इसके अलावा, वहां अगरबत्ती और फूल भी मिले।
क्या कहना है पुलिस का
सीओ राजाराम यादव ने बताया कि शुरुआती जांच में यह तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या करने का मामला लग रहा है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

कोटा की सर ज़मी पर बेरोज़गारों और युवाओ के हमदर्द ह्रदयसम्राट रहे मेरे अनुज भाई प्रमोद मिश्रा पिछले दिनों अपने पुराने आंदोलनकार्यवाही के तहत मुकदमो में कोटा थे ,,,,कई बरसो बाद इस जुझारू संघर्ष शील नौजवान से मिलकर ऐसा लगा के वक़्त और दोस्तों की बेवफाई के साथ साथ जिनके लिए लोग लड़ते है ,,झगड़ते है दर्जनो मुक़दमे लगवाते है उनकी उपेक्षा के चलते हर शख्स अपना रास्ता बदल लेता है ,,खेर भाई प्रमोद मिश्रा तो आज भी जो थे वाही है ,,वही गरीबो के लिए हमदर्दी ,,ज़ुल्म ज़्यादती के खिलाफ संघर्ष ,,कांग्रेस के लिए जांबाजी और युवा बेरोज़गारों के संघर्ष के लिए आज भी वही उत्साह है ,,,,,,,,,,प्रमोद मिश्रा कोटा भीमगंजमण्डी थाना क्षेत्र में निवासित रहे है इसी क्षेत्र में संघर्ष के चलते इनकी पहचान बनी और यह कोटा युथ कांग्रेस के सर्वाधिक संघर्षशील अध्यक्ष साबित हुए ,,,कोटा में इनके लिए संघर्ष का दौर गुज़रा ,,कोटा के उद्योग डी सी एम ,,सी एफ सी एल ,,चंबल फर्टीलाइज़र जो भी उद्योग हो उसमे कोटा के बेरोज़गारों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने का आंदोलन इनका प्रमुख था ,,शुरू में इन्हे खरीदने की कोशिश की नहीं बिके तो डराने धमकाने की कोशिश की फिर भी नहीं झुके तो भाईसाहबों से डांट पढ़वाई ,,फिर भी नहीं माने तो उघोगों ने प्रशासन और स्थानीय नेताओ के साथ मिलकर दमनकारी नीति के तहत झूंठे मुकदमो की साज़िश तय्यार की ,,,सभी उद्योपतियों उनके वरिष्ठ प्रबंधको से इनका विवाद हुआ ,,स्थानीय बेरोज़गारों को रोज़गार देने के लिए वार्ताओं के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो फिर प्रमोद मिश्रा ने मजबूरी में एक टीम तय्यार की स्टेशन पर उतरते ही ऐसे प्रबंधको को जो कोटा के बेरोज़गारों के स्थान पर बाहर के लोगों को नौकरी दे रहे थे उनकी हुर्रे लगाई ,,इन पर ऐसे कोटा के बेरोज़गारों के दुश्मन प्रबंधको ,,उद्योपतियों ,,,अधिकारियो ,,नेताओ के साथ मारपीट करने ,,उनकी गाड़ियां जला देने ,,तोड़फोड़ करने सहित कई दर्जन मुक़दमे दर्ज हुए ,,प्रमोद मिश्रा ने कोटा के बेरोज़गारों के हक़ संघर्ष और युवाओ के हित के लिए एक जुट होकर निर्भीकता और ईमानदारी से संघर्ष किया ,,स्थिति यह रही के कई लोग इनको समझाने के नाम पर लखपति बन गए ,,,,,,उनकी आर्थिक स्थित उद्योगो से मालामाल होने से सुधर गई ,,,प्रमोद मिश्रा की महनत का ही नतीजा था के कोटा के हर कोने में लोग इन्हे पुकारने लगे और स्थित यह रही के वार्ड पार्षद के चुनाव में इनके अपने वार्ड से इनकी भाभी तो दूसरे वार्डो में कई साथियो को यह अपने खुद के दम पर पार्षद का चुनाव जीता कर लाये ,,इधर मुकदमो का इनके खिलाफ अम्बार लगता रहा और यह संघर्ष पर संघर्ष करते रहे ,,,,कोटा की गुटबाज़ी ,,कोटा की उद्योगपतियों की गुलामी ,,,भाजपा कांग्रेस के गठबंधन के तोर तरीक़ो से भाई प्रमोद मिश्रा का मन ऊब गया ,,,आखिर में प्रमोद मिश्रा ने अलवर भिवाड़ी में रियल स्टेट व्यवसाय के साथ एक नई ज़िंदगी की शुरआत की और फिर प्रमोद मिश्रा कोटा के वोह क्रन्तिकारी प्रमोद मिश्रा से बदल गए वोह विनम्र ,,गंभीर ,,धैर्य ,,संयम वाले ,,गरीबो के हमदर्द ,,शोषण उत्पीड़न के खिलाफ क़ानूनी संघर्ष ,,,का स्वभाव बनाया ,,प्रमोद मिश्रा के खिलाफ कोटा में पचास से भी अधिक मुक़दमे अधिकारियो से युवाओ के हक़ के लिए मारपीट करने ,,उद्योगपतियों ,,,,प्रबंधको से कोटा के बेरोज़गारों को रोज़गार देने संघर्ष के मामले थे ,,पिछले हफ्ते कोटा में एक अदालत से उन्हें बरी किये जाने पर वोह बहुत खुश थे उनका कहना था के कोटा में उनके खिलाफ अब तक जितने भी झूंठे मुक़दमे दर्ज हुए थे उन सभी में बरी होने के बाद अब वोह मुक़दमे मुक्त आदर्श नागरिक है ,,,,,,भाई प्रमोद मिश्रा का नाम एक संघर्ष ,,एक क्रान्ति था आज वोह प्रमोद मिश्रा अलवर भिवाड़ी के रियल स्टेट व्यवसायी के रूप में बुर्दुबार ,,समझदार ,,संयमित लगे तो उनके इस बदलाव पर ताज्जुब भी हुआ और ऐसे अनुज ,,ऐसे छोटे भाई को गले लगाकर मुबारकबाद दिए बगैर नहीं रहा जा सका ,,भाई प्रमोद मिश्रा के कामयाब भविष्य की हम दुआए करते है ,,,,,,,,, सभी झूंठो मुकदमो से ,,मुक़दमा मुक्त प्रमोद मिश्रा होने पर इन्हे बधाई मुबारकबाद ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा की सर ज़मी पर बेरोज़गारों और युवाओ के हमदर्द ह्रदयसम्राट रहे मेरे अनुज भाई प्रमोद मिश्रा पिछले दिनों अपने पुराने आंदोलनकार्यवाही के तहत मुकदमो में कोटा थे ,,,,कई बरसो बाद इस जुझारू संघर्ष शील नौजवान से मिलकर ऐसा लगा के वक़्त और दोस्तों की बेवफाई के साथ साथ जिनके लिए लोग लड़ते है ,,झगड़ते है दर्जनो मुक़दमे लगवाते है उनकी उपेक्षा के चलते हर शख्स अपना रास्ता बदल लेता है ,,खेर भाई प्रमोद मिश्रा तो आज भी जो थे वाही है ,,वही गरीबो के लिए हमदर्दी ,,ज़ुल्म ज़्यादती के खिलाफ संघर्ष ,,कांग्रेस के लिए जांबाजी और युवा बेरोज़गारों के संघर्ष के लिए आज भी वही उत्साह है ,,,,,,,,,,प्रमोद मिश्रा कोटा भीमगंजमण्डी थाना क्षेत्र में निवासित रहे है इसी क्षेत्र में संघर्ष के चलते इनकी पहचान बनी और यह कोटा युथ कांग्रेस के सर्वाधिक संघर्षशील अध्यक्ष साबित हुए ,,,कोटा में इनके लिए संघर्ष का दौर गुज़रा ,,कोटा के उद्योग डी सी एम ,,सी एफ सी एल ,,चंबल फर्टीलाइज़र जो भी उद्योग हो उसमे कोटा के बेरोज़गारों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने का आंदोलन इनका प्रमुख था ,,शुरू में इन्हे खरीदने की कोशिश की नहीं बिके तो डराने धमकाने की कोशिश की फिर भी नहीं झुके तो भाईसाहबों से डांट पढ़वाई ,,फिर भी नहीं माने तो उघोगों ने प्रशासन और स्थानीय नेताओ के साथ मिलकर दमनकारी नीति के तहत झूंठे मुकदमो की साज़िश तय्यार की ,,,सभी उद्योपतियों उनके वरिष्ठ प्रबंधको से इनका विवाद हुआ ,,स्थानीय बेरोज़गारों को रोज़गार देने के लिए वार्ताओं के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो फिर प्रमोद मिश्रा ने मजबूरी में एक टीम तय्यार की स्टेशन पर उतरते ही ऐसे प्रबंधको को जो कोटा के बेरोज़गारों के स्थान पर बाहर के लोगों को नौकरी दे रहे थे उनकी हुर्रे लगाई ,,इन पर ऐसे कोटा के बेरोज़गारों के दुश्मन प्रबंधको ,,उद्योपतियों ,,,अधिकारियो ,,नेताओ के साथ मारपीट करने ,,उनकी गाड़ियां जला देने ,,तोड़फोड़ करने सहित कई दर्जन मुक़दमे दर्ज हुए ,,प्रमोद मिश्रा ने कोटा के बेरोज़गारों के हक़ संघर्ष और युवाओ के हित के लिए एक जुट होकर निर्भीकता और ईमानदारी से संघर्ष किया ,,स्थिति यह रही के कई लोग इनको समझाने के नाम पर लखपति बन गए ,,,,,,उनकी आर्थिक स्थित उद्योगो से मालामाल होने से सुधर गई ,,,प्रमोद मिश्रा की महनत का ही नतीजा था के कोटा के हर कोने में लोग इन्हे पुकारने लगे और स्थित यह रही के वार्ड पार्षद के चुनाव में इनके अपने वार्ड से इनकी भाभी तो दूसरे वार्डो में कई साथियो को यह अपने खुद के दम पर पार्षद का चुनाव जीता कर लाये ,,इधर मुकदमो का इनके खिलाफ अम्बार लगता रहा और यह संघर्ष पर संघर्ष करते रहे ,,,,कोटा की गुटबाज़ी ,,कोटा की उद्योगपतियों की गुलामी ,,,भाजपा कांग्रेस के गठबंधन के तोर तरीक़ो से भाई प्रमोद मिश्रा का मन ऊब गया ,,,आखिर में प्रमोद मिश्रा ने अलवर भिवाड़ी में रियल स्टेट व्यवसाय के साथ एक नई ज़िंदगी की शुरआत की और फिर प्रमोद मिश्रा कोटा के वोह क्रन्तिकारी प्रमोद मिश्रा से बदल गए वोह विनम्र ,,गंभीर ,,धैर्य ,,संयम वाले ,,गरीबो के हमदर्द ,,शोषण उत्पीड़न के खिलाफ क़ानूनी संघर्ष ,,,का स्वभाव बनाया ,,प्रमोद मिश्रा के खिलाफ कोटा में पचास से भी अधिक मुक़दमे अधिकारियो से युवाओ के हक़ के लिए मारपीट करने ,,उद्योगपतियों ,,,,प्रबंधको से कोटा के बेरोज़गारों को रोज़गार देने संघर्ष के मामले थे ,,पिछले हफ्ते कोटा में एक अदालत से उन्हें बरी किये जाने पर वोह बहुत खुश थे उनका कहना था के कोटा में उनके खिलाफ अब तक जितने भी झूंठे मुक़दमे दर्ज हुए थे उन सभी में बरी होने के बाद अब वोह मुक़दमे मुक्त आदर्श नागरिक है ,,,,,,भाई प्रमोद मिश्रा का नाम एक संघर्ष ,,एक क्रान्ति था आज वोह प्रमोद मिश्रा अलवर भिवाड़ी के रियल स्टेट व्यवसायी के रूप में बुर्दुबार ,,समझदार ,,संयमित लगे तो उनके इस बदलाव पर ताज्जुब भी हुआ और ऐसे अनुज ,,ऐसे छोटे भाई को गले लगाकर मुबारकबाद दिए बगैर नहीं रहा जा सका ,,भाई प्रमोद मिश्रा के कामयाब भविष्य की हम दुआए करते है ,,,,,,,,, सभी झूंठो मुकदमो से ,,मुक़दमा मुक्त प्रमोद मिश्रा होने पर इन्हे बधाई मुबारकबाद ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में दहशत के दूसरे नाम से आनंद पाल सिंह

जयपुरराजस्थान में दहशत के दूसरे नाम से आनंद पाल सिंह गुरुवार को एक बार फिर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है । पुलिस आंनद पाल को अजमेर सेंट्रल जेल से डीडवाना कोर्ट में पेशी पर लेकर आये थे पेशी होने के बाद पुलिस आंनदपाल को वापस अजमेर लेकर जा रही थी।जानकारी के अनुसार परबतसर के पास गांगवा गांव के पास सामने से गाडी आने के बाद पुलिस ने वैन रोकी जिसके बाद सामने गाडी से कुछ लोग उतरकर आये और पुलिस की वैन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमे एक दर्जन पुलिस कर्मी घायल हो गये ।आरोपी आंनदपाल के साथ तीन से चार साथी और भी फरार हो गए है । पुलिस ने आरोपियों की तलाश नें पुरे प्रदेस मे नाकाबंदी कराई है । हाल ही में आनंद पाल सिंह ने अपने विरोधियों को बीकानेर सेंट्रल जेल में गोलियों से छलनी कर दिया था।कौन है आनंदपालनागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद में हुकम सिंह के घर आनंद पाल का जन्म हुआ।अक्सर बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर खून की होली खेलना आनंद पाल का शौक रहा है। खतरनाक हथियारों केबल पर आनंद पाल प्रदेश के अपराध जगत का मसीहा बनकर बैठ गया।लूट, डकैती, हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामलों में प्रदेश की पुलिस को मोस्ट वांटेड क्रिमिनल आनंद पाल की तलाश थी। आनंद पाल को पकड़ने का जिम्मा दबंग पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया।जयपुर पुलिस, एसओजी और एटीएस की संयुक्त टीम ने फागी कस्बे के पास मोहब्बतपुरा गांव से इस खूंखार अपराधी को पकड़ा था। पुलिस की टीम ने आनंद पाल के कब्जे से एके 47 सरीखे खतरनाक हथियार, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामदकिए।बता दें कि सरकारी सुरक्षा बलों के पास ही एके 47 बंदूक पाई जाती है। अपराध जगत में आनंद पाल का जन्म वर्ष 2006 में हुआ था। जब उसने डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।गोदारा की हत्या के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज है। जहां 8 मामलों में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था। सीकर के गोपाल फोगावट हत्याकांड को भी आनंद पाल ने ही अंजाम दिया।गोदारा और फोगावट की हत्या करने का मामला समय-समय पर विधानसभा में गूंजता रहा है। आनंदपाल के जुर्म की फेहरिस्त का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब उसनेकिसी को मौत के घाट उतारा वो ही मुद्दा सरकार के लिए जवाब का विषय बन गया।सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो विपक्ष लचर कानून व्यवस्था और पनपते शराब माफियाओं के नाम पर सरकार को निशाने पर ले ही लेता है।विधानसभा सत्र में भी बीकानेर जेल में हुई गैंगवार पर खूब हंगामा मचा। जहां आनंदपाल को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर रही।29 जून 2011 को आनंद पाल ने सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर गोलियां चलाकरतीन लोगों को घायल कर दिया। उसी दिन गनौड़ा में शराब ठेके पर सेल्समैन के भाई कीहत्या के आरोप में भी आनंद पाल का हाथ होने की बात सामने आई।लिकर किंग बनने के चलते आनंद पाल ने बीकानेर जेल में ही अपने प्रतिद्वंदी को गोलियों से उड़ा दिया। सेंट्रल जेल में मचे रक्तपात में अपराध जगत के दो और लोगों को आनंदपाल की गैंग ने मार गिराया।

अमृता राय ने फेसबुक पर किया एलान- मैंने दिग्विजय सिंह से शादी कर ली

भोपाल. जर्नलिस्ट अमृता राय ने एक फेसबुक पोस्ट में यह बात कबूल की है कि उन्होंने कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह से शादी कर ली है।
क्या लिखा फेसबुक पोस्ट में?
अमृता ने फेसबुक पोस्ट में दिग्विजय सिंह और अपनी उम्र के अंतर पर सफाई दी है। ये भी लिखा कि वे आत्मनिर्भर महिला हैं और उन्हें दिग्विजय सिंह की सम्पत्ति में से कुछ नहीं चाहिए। अमृता ने रविवार सुबह की गई पोस्ट में लिखा, '' पिछले कुछ दिन मेरे लिए बहुत परेशानी भरे रहे हैं। मैं साइबर क्राइम की विक्टिम थी लेकिन मुझे ही बतौर आरोपी पेश किया जा रहा था। सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप पोस्ट किए जा रहे थे। मैं शुक्रगुजार हूँ उन लोगों की, जिन्होंने इस मौके पर भी मेरा साथ नहीं छोड़ा। लोग मेरी और दिग्विजय सिंह की उम्र को लेकर बात कर रहे थे। मैं एक समझदार और मैच्योर लड़की हूं,जिसे अपना अच्छा बुरा मालूम है। मुझे अपने इस फैसले के अच्छे-बुरे के बारे में सब पता है। मैंने खुद कड़ी मेहनत करके अपने पेशे में एक मुकाम बनाया है। मुझे दिग्विजय सिंह की सम्पत्ति से कोई वास्ता नहीं है। मैं उन्हें प्यार करती हूं और सिर्फ इसी वजह से मैंने शादी की है। मैं चाहूंगी कि वे अपनी सारी संपत्ति बेटे और बेटियों के नाम कर दें।'

सचिन पायलेट का हर ज़िले में जन्म दिन समारोह

राजस्थान का भविष्य युवा ह्रदय सम्राट ,,कांग्रेस की उम्मीद प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलेट का  सात सितमबर को जन्म दिन है ,,राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमेन निज़ाम कुरैशी ,,,मक़सूद अहमद को ओर्डीनेटर ,,कोटा संभागीय अध्यक्ष अख्तर खान अकेला सभी संभागो के अध्यक्ष सचिन पायलेट का हर ज़िले में जन्म दिन समारोह मनाएंगे ,,,राजस्थान अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश प्रमुख निज़ाम कुरैशी ने राजस्थान के सभी जिला अध्यक्षों को निर्देशित कर कहा है के हर ज़िले में सचिन पायलेट का जन्म दिन कार्यक्रम समारोहपूर्वक मनाया जाए ,,प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के आह्वान पर राजस्थान की सभी जिला इकाइयों द्वारा सचिन पायलेट के जन्म दिन अवसर पर अस्पतालों में फल वितरित कर ,,गरीब बच्चो में खाद्य सामग्री वितरित कर मनाएंगे ,,,,,,,,,,,,,,,,सचिन पायलेट को उनके जन्म दिन पर बधाई मुबारकबाद ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सचिन पायलट का जीवन परिचय,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
प्रतिष्ठित कांग्रेस नेता राजेश पाइलट के बेटे सचिन पाइलट का जन्म 7 सितंबर, 1977 को सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था. सचिन पाइलट की प्रारंभिक शिक्षा एयर फोर्स बाल भारती स्कूल, दिल्ली में संपन्न हुई. स्नातक की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से संपन्न की. इसके बाद सचिन पायलट ने व्हार्टन बिजनेस स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से एम.बी.ए. की उपाधि प्राप्त की. वर्ष 2004 में सचिन पायलट ने जम्मू कश्मीर के प्रभावी और प्रख्यात कांग्रेसी नेता फारुख अबदुल्ला की बेटी सारा से विवाह किया. इन दोनों का एक बेटा भी है.
सचिन पायलट का व्यक्तित्व,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के युवा चेहरा सचिन पायलट एक प्रतिभावान और प्रभावशाली व्यक्तित्व के नेता हैं. गुर्जर समुदाय से संबंधित होने के बावजूद इन्होंने मुसलिम युवती से विवाह रचाया, जो यह प्रमाणित करता है कि यह एक खुले विचारों और आधुनिक मानसिकता वाले व्यक्ति हैं.
सचिन पायलट का राजनैतिक सफर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट एक प्रतिष्ठित कांग्रेसी नेता थे, उनकी साख के कारण सचिन का राजनीति में आगमन बहुत आसानी और सहजता से हो गया. अमेरिकी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद सचिन पायलट ने वर्ष 2002 में कांग्रेस की सदस्यता ली और सक्रिय राजनीति से जुड़ गए. सचिन पायलट वर्ष 2004 में पहली बार चुनाव लड़े और राजस्थान की दौसा निर्वाचन सीट से लगभग 1 लाख वोटों से विजयी होकर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद सन् 2009 में अजमेर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी किरण महेश्वरी को 76,000 मतों से हरा वह एक बार फिर संसद के सदस्य बने. सचिन पायलट 26 वर्ष की छोटी सी उम्र में सांसद बनने वाले पहले व्यक्ति हैं.,,,,,,,,,,,,,,,
वर्तमान में सचिन पायलट गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन विभाग से भी जुड़े हैं. पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव के कार्यकाल में जो विभाग सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट को मिला था, आज सचिन पायलट भी उसी विभाग यानि संचार और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके अलावा वह सहारनपुर में जय जवान जय किसान नामक एक चैरिटेबल ट्रस्ट का भी संचालन कर रहे हैं.
सचिन पायलट ने वर्ष 2001 में अपने पिता को समर्पित एक किताब भी लिखी है जो राजेश पायलट – द स्पिरिट फॉरएवर के नाम से प्रकाशित हुई. पेशे से किसान सचिन पायलट को थियेटर और फिल्में देखने का भी शौक है. इसके अलावा उन्हें हल्के विमान उड़ाना भी पसंद है. सचिन पायलट अर्थव्यवस्था, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मसलों से संबंधित सभी समाचारों पर बराबर नजर रखते हैं.,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

स्टेज पर मुलायम ने की अखिलेश की फजीहत, स्कूल शुरू करने के लिए दी डेडलाइन

मैनपुरी (यूपी). सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रविवार को अपने बेटे और यूपी के सीएम अखिलेश यादव की फजीहत कर दी। मैनपुरी में मुलायम ने भाषण के दौरान अखिलेश को मंच पर अपने पास बुलाकर एक प्रोजेक्ट के बारे में पूछ लिया। लेकिन मुलायम अखिलेश के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और आम लोगों के सामने ही अपनी तरफ से प्रोजेक्ट के लिए डेडलाइन दे दी। मैनपुरी में तमाम विकास योजनाओं का लोकार्पण करने आए अखिलेश यादव ने एक साल के भीतर सैनिक स्कूल बनाने का एलान किया था। मुलायम ने इस पर उनसे कहा कि एक साल में नहीं, इसे 8 महीने में बनाया जाए।
मंच पर क्या हुआ?
मुलायम ने मंच से अखिलेश से कहा कि हमने सैनिक स्कूल तो बना दिया है, लेकिन ये अधूरा है। इस वजह से इसे शुरू नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने मंच से ही पूछा, 'सीएम बताएं कि कब तक स्कूल बनकर तैयार हो जाएगा।' इसके बाद मुलायम ने अखिलेश की ओर देखते हुए उन्हें अपने पास बुलाया। जब अखिलेश आए तो उनसे पूछा कि स्कूल कब तक शुरू होगा। इस पर सीएम ने कहा कि जब आप बताएं। मुलायम ने कहा कि नहीं आप तारीख बताओ। इस पर सीएम ने कहा कि इसी तारीख को अगले साल। जवाब से मुलायम संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा, गलत-गलत। मुलायम ने कहा कि नहीं आठ महीने में स्कूल चालू कराओ तो अखिलेश ने कहा कि हम छह महीने में काम पूरा करवा देंगे।
पहले भी कई बार दिखा चुके हैं सख्ती
ऐसा पहली बार नहीं है जब मुलायम ने किसी पब्लिक मीटिंग में सीएम अखिलेश यादव को डपटा हो। मई, 2014 को जब लखनऊ में मेट्रो डिपो का शिलान्यास किया गया था, उस कार्यक्रम में भी मुलायम ने अखिलेश से कहा था कि शिलान्यास तो हो गया मेट्रो कब चलेगी। इस पर मंच से ही अखिलेश यादव ने कहा था कि तीन साल में चलाएंगे। इस पर मुलायम ने कहा था कि नहीं इसे डेढ़ साल में चलवाओ। चाहे रात-दिन काम करना पड़े।
मुलायम ने कहा था, मैं सीएम होता तो सुधार देता
जून 2013 में भी मुलायम सिंह ने बयान दिया था, 'मैं यूपी का सीएम होता तो 15 दिन में कानून व्यवस्था को सुधार देता।' अखिलेश को लेकर दिए गए मुलायम के इस बयान की काफी चर्चा हुई थी। यही नहीं जनेश्वर मिश्र की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भी मुलायम ने सीएम सहित मंत्रियों को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था की मुझे जो रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार कैबिनेट के बड़े मंत्री भी 2017 का चुनाव हारेंगे।
अखिलेश ने कहा था, कब अध्यक्ष बन जाते हैं और कब पापा पता नहीं चलता
मई 2014 की ही बात है, जब मुलायम ने पब्लिक मीटिंग में लगातार तीन दिन तक सीएम अखिलेश की खिंचाई की थी। उस समय इस बारे में जब अखिलेश से पूछा गया, तो उन्होंने कहा था कि हमारे नेता कब राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाते हैं और कब पापा बन जाते हैं पता ही नहीं चलता।

प्रेस क्लब की साधारण सभा की बैठक आगामी छब्बीस सितम्बर को

कोटा प्रेस क्लब की साधारण सभा की बैठक आगामी छब्बीस सितम्बर को होगी ,,,,आज यहां कोटा प्रेस क्लब भवन में आयोजित प्रेस क्लब की कार्यकारिणी में यह निर्णय लिया गया ,,कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता धीरज गुप्ता तेज ने की जबकि बैठक का संचालन महासचिव हरिमोहन शर्मा ने किया ,,,,बैठक में गिरीश गुप्ता ,,प्रताप तोमर ,,अख्तर खान अकेला ,,पवन पारीक ,,माल सिंह शेखावत ,,,योगेश जोशी ,,,,जितेंद्र शर्मा ,,प्रशांत सक्सेना उपस्थित थे ,,कार्यकारिणी ने नए पुस्तकालय भवन का अवलोकन कर संबंधित ठेकेदार को मामूली सी फेरबदल कर जल्दी ही कार्य करने के निर्देश दिए ,,,,पूर्व सांसद इजयराज सिंह के सांसद कोष से निर्मित पुस्तकालय भवन का लोकार्पण शीघ्र ही होगा ,,इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री स्वर्गीय ललित किशोर चतुर्वेदी के पुत्र ,,सांसद ओम बिरला ,,महापौर महेश विजय को निमंत्रित करने का निर्णय लिया ,,,,बैठक में नयी सदस्य्ता ,,,प्रेस क्लब की गतिविधियों को आम पत्रकारों के हितो के लिए संचालित करने के सुझावों पर भी विचार हुआ ,,प्रेसक्लब कार्यकारिणी की अगली बैठक सोलह सितम्बर को होगी जिसमे नवनिर्मित पुस्तकालय भवन के लोकार्पण के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा ,,बैठक के बाद पूर्व राष्ट्रपति ऐ पी जे अब्दुल कलाम और पूर्व सांसद रघुवीर सिंह कौशल को दो मिनट का मोन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के लिए आंशिक सफलता

कोटा संभाग में स्टाफिंग पैटर्न के पूर्व शिक्षण व्यवस्थार्थ उर्दू व्याख्याता ,,वरिष्ठ अध्यापको को स्थानांतरित स्थान से पूर्ववत पूर्व स्थान पर पदस्थापन आदेश पर तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के लिए आंशिक सफलता है ,, अभी सम्पूर्ण राजस्थान में पूर्ववत स्थाई नियुक्ति और लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित व्याख्याताओं की नियुक्ति सहित कई मांगे बाक़ी है ,, कल राजस्थान सरकार द्वारा स्टाफिंग पैटर्न के पूर्व की स्थिति शिक्षण व्यवस्थार्थ अस्थाई रूप से बहाल करने पर कोटा शहर के सभी ज़िम्मेदारो ने तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सरपरस्त कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ,,, नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद सहित सभी सदस्यों को बधाई दी ,, अभी उर्दू अध्यापको ,,व्याख्याताओं की स्थाई नियुक्तिया बाक़ी है जबकि इस दो माह के अंतराल में जिन छात्र छात्रों ने दसवी और बाहरवी बोर्ड में उर्दू के स्थान पर मजबूरीवश दूसरे विषय भर दिए है उनका संशोधन भी करवाया जाए ,,अभी लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित दो सो इक्कीस व्याख्याताओ की नियुक्तिया बाक़ी है राजस्थान भर में इस तरह की पूर्ववत नियुक्तियां होना है ,,,स्कूलों में छात्र छात्राओ की संख्या के अनुरूप उनकी इच्छा जानकर उर्दू विषय स्व वित्त पोषण व्यवस्था के तहत पढ़ाने का सर्वेक्षण करवाना है ,,, संघर्ष उर्दू के उत्थान और संरक्षण के लिए जारी रहेगा ,,उर्दू केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में भी पढ़ाया जाए इसके लिए सर्वेक्षण होगा ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्ती मत करो

लोग कहते हैं की इतनी
दोस्ती मत करो
कि दोस्त दिल पर सवार हो जाए
में कहता हूँ दोस्ती इतनी
करो कि
दुश्मन को भी तुम से प्यार हो जाए.

क़ुरआन का सन्देश

  
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...