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09 सितंबर 2015

मोस्ट वॉन्टेड बिजनेसमैन अरेस्ट, छोटा शकील की भांजी से था लिव-इन में

नितिन चोपड़ा
नितिन चोपड़ा
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी में MCX(मल्टी कमॉडिटी एक्सचेंज) के बड़े खिलाड़ी और पिछले करीब चार साल से मोस्ट वॉन्टेड नितिन चोपड़ा को महासमुंद की स्पेशल पुलिस ने मुंबई में जुहू के एक फ्लैट के बाहर पकड़ा। दो महीने की निगरानी के बाद जब पुलिस ने उसे दबोचा, तब उसके साथ टीवी सीरियल ‘जमाई राजा’ की नायिका कश्मीरी एक्ट्रेस रेहाना मल्होत्रा भी थी। नितिन ने ही खुलासा किया कि वह एक्ट्रेस के साथ 6 महीने से लिव-इन रिलेशनशिप में था। उसके पहले वह कुछ महीने तक अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील की भांजी के साथ भी लिव-इन में रह चुका था। पुलिस ने नितिन को बुधवार को रायपुर कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया। उसके साथ रहने वाली एक्ट्रेस रेहाना की MCX बिजनेस में भूमिका सामने नहीं आई। इस वजह से उसे कस्टडी में नहीं लिया गया। नितिन को बुधवार सुबह रायपुर लाया गया। कोर्ट से उसे 14 सितंबर तक रिमांड पर लिया गया है।
ये था मामला
नितिन के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मारपीट और किडनैपिंग की 6 नवंबर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। रायपुर के सिविल लाइंस निवासी विपुल जैन से 26 लाख की वसूली के लिए नितिन, मन्नू नत्थानी और उसके आधा दर्जन साथियों ने किडनैप किया था। विपुल की रिपोर्ट के बाद से सभी फरार थे। पुलिस ने पिछले साल मन्नू नत्थानी को पकड़ा था। आईजी जीपी सिंह ने नितिन को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की थी। काफी जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने नितिन को आखिरकार मुंबई में गिरफ्तार कर लिया।

कार के नंबर से क्लू
छत्तीसगढ़ के महासमुंद क्राइम ब्रांच की टीम दो महीने से लगातार नितिन की तलाश कर रही थी। उसने रायपुर की एक कार वहीं रखी थी। उसी का नंबर पुलिस को मिला। उस नंबर को ट्रैक करते हुए पुलिस जुहू स्थित फ्लैट पहुंची। नितिन को घेरना आसान नहीं था। इसके लिए भी प्लानिंग की गई। वह अपने दोस्त के साथ घर पहुंचा। पुलिस के जवान पीछे लगे। जैसे ही वह फ्लैट में घुसा पुलिस घुस गए। नितिन या उसके किसी भी साथी को बचाव का मौका नहीं मिला।
पकड़े जाने के बाद पुलिस को नेताओं की धमकी दी
मुंबई में पुलिस के घेरे में फंसने के बाद नितिन और उसके साथ मौजूद युवकों ने राजनीतिक धौंस दिखाने का प्रयास किया। नितिन के साथ मौजूद वहीं एक युवक ने पुलिस के जवानों से कहा कि आप लोग नितिन को जानते नहीं है। उसकी बड़े नेताओं से जान पहचान है। वह उनका करीबी है। पुलिस के जवानों का धमकी पर कोई असर नहीं हुआ।
रायपुर में नितिन के खिलाफ कहां कितने दर्ज केस
थाना- देवेन्द्र नगर
आरोपी- नितिन चोपड़ा, जीतेन्द्र ठक्कर, गुड्डू पांडे सहित 6 अन्य।
घटना- 2011 में एमसीएक्स का पहला मामला देवेन्द्र नगर थाने में आया था। पारस नगर निवासी कारोबारी अनिल सिंघोरा ने शिकायत की थी कि पैसे के लेन-देन के चलते नितिन चोपड़ा, जीतेन्द्र ठक्कर, गुड्डू पांडे सहित 6 लोग उनके दफ्तर में घूस गए। उनके साथ मारपीट किया। कुछ दस्तावेजों में जबरदस्ती हस्ताक्षर भी कराए। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को पहले गिरफ्तार कर लिया है। नितिन चोपड़ा के अलावा दो अन्य फरार है।

थाना- कोतवाली
आरोपी- अभिनंदन उर्फ मन्नू नत्थानी, अनिल कुमार, जीतू, प्रशांत कुमार आैर एक अन्य। 2011 में शेयर कारोबारी अभय नाहर ने अभिनंदन उर्फ मन्नू नत्थानी, अनिल कुमार, जीतू, प्रशांत कुमार आैर एक अन्य के खिलाफ लूट और मारपीट की शिकायत की थी। आरोपियों ने उनकी कार लूट ली थी। अभय के ऊपर आरोपियों ने लाखों की लेनदारी बताई थी। इस मामले में सभी आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है।

थाना- सिविल लाइन
आरोपी- नितिन चोपड़ा, अभिनंदन उर्फ मन्नू नत्थानी सहित अन्य 6
घटना- 11 नंवबर 2011 में 27 लाख की लेनदारी बताकर नितिन चोपड़ा, अभिनंदन अपने आधा दर्जन साथियों के साथ विपुल जैन के घर घुस गए। उनके पिता से गाली गलौज किया। कोरे कागज पर साइन करा लिया। इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी, मारपीट और अपहरण का मामला दर्ज किया था। इस मामले में अब तक मन्नू और नितिन गिरफ्तार
हुई है।

CM-हेल्थ मिनिस्टर कर रहे थे मीटिंग, पानी की बोतल में निकला सांप का बच्चा

बैठक के दौरान केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा और सीएम रमन सिंह। (इनसेट में पानी की बोतल में दिखता सांप।)
बैठक के दौरान केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा और सीएम रमन सिंह। (इनसेट में पानी की बोतल में दिखता सांप।)
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह, हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा और राज्य के कई बड़े नेताओं की बैठक में डिस्ट्रिब्यूट की गई पानी की बोतलों में से एक में जिंदा सांप का बच्चा निकल आया। सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।
घटना बुधवार को हुई। राजधानी के एकात्म परिसर स्थित बीजेपी कार्यालय में नड्डा और सीएम प्रदेश के आला नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे। उसी वक्त सीएम के मेडिकल स्टाफ में शामिल डॉक्टर पूनम ने पानी की सील्ड बोतल ओपन की तो इसमें सांप का जिंदा बच्चा नजर आया। उन्होंने पानी की बोतल फेंक दी और इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। उधर, दफ्तर में ही बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए दोपहर के खाने का इंतजाम था। नेताओं ने खाना तो खाया, लेकिन पानी की बोतल में सांप मिलने का इतना खौफ था कि उन्होंने पानी नहीं पिया।
बिना चेक किए बांट दी गई बोतलें
केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा और हाइजीन का खास ध्यान रखा जाता है। सर्व होने वाले पानी और स्नैक्स की भी जांच की जाती है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार के कार्यक्रम में पानी की बोतलें चेक किए बिना ही गेस्ट्स में बांट दी गईं।
क्या कहना है पानी की बोतल बनाने वाली कंपनी का?
जानकारी के मुताबिक, भाजपा की बैठकों के लिए आम तौर पर अमन एक्वा कंपनी की पानी की बोतलें मंगवाई जाती हैं। बुधवार को हुई बैठक के दौरान भी सभी मेहमानों को इसी कंपनी की पानी की बोतलें बांटी गई थीं। अमन एक्वा के एमडी सैयद शफीक ने कहा, ''किसी कॉम्पिटिटर ने ऐसा कराया है। मेरे पिता सैयद अली अमन भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। इसलिए मीडिया इस मामले को मुद्दा बनाने में लगा हुआ है। सांप बोतल के अंदर कैसे जा सकता है? कई कार्यक्रमों में हमारा प्रोडक्ट बड़े पैमाने पर सप्लाई किया जाता है। कभी कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली। मैं डेमो दे सकता हूं कि कैसे सीलबंद बोतल में कचरा डाला जा सकता है?'

डेंगू का उपचार

डेंगू का उपचार: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l
यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l
यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l

वीर अब्दुल हमीद

वीर अब्दुल हमीद (अंग्रेज़ी: Abdul Hamid जन्म: 1 जुलाई, 1933 - मृत्यु: 10 सितम्बर, 1965) भारतीय सेना के प्रसिद्ध सिपाही थे जिन्होंने अपने सेवा काल में सैन्य सेवा मेडल, समर सेवा मेडल और रक्षा मेडल से सम्मान प्राप्त किया था। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में असाधारण बहादुरी के लिए महावीर चक्र और परमवीर चक्र प्राप्त हुआ।
कोटा के समाज सेवको द्वारा  घंटाघर क्षेत्र में अब्दुल्लाह शहीद स्मारक पर पाकिस्तान को युद्ध में नाको चने चबाकर खदेड़ने वाले वीर शहीद अब्दुल हमीद के जन्म दिन पर श्रद्धाजंलि कार्यक्रम आयोजित किया है ,,,कार्यक्रम के तहत बंजारा फाउडनेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश बंजारा कल सुबह शहीद स्मारक पर कैप्टेन अब्दुल हमीद को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे और कल दस सितमबर को सांय साढ़े तीन बजे घंटाघर क्षेत्र में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पूर्व पार्षद उमर सी आई डी ,,,,कैलाश बंजारा ,,अखतर खान अकेला ,,, उप अधीक्षक छगन सिंह ,,,कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघु नंदन गौतम ,,कोटा शहर क़ाज़ी सहित कई प्रबुद्ध लोग श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कैप्टेन अब्दुल हमीद के साहसिक क़िस्सो पर प्रकाश डालेंगे
अब्दुल हमीद का जन्म उत्तर प्रदेश में ग़ाज़ीपुर ज़िले के धरमपुर गांव के एक मुस्लिम दर्जी परिवार में 1 जुलाई, 1933 को हुआ। आजीविका के लिए कपड़ों की सिलाई का काम करने वाले मोहम्मद उस्मान के पुत्र अब्दुल हमीद की रूचि अपने इस पारिवारिक कार्य में बिलकुल नहीं थी। कुश्ती के दाँव पेंचों में रूचि रखने वाले पिता का प्रभाव अब्दुल हमीद पर भी था। लाठी चलाना, कुश्ती का अभ्यास करना, पानी से उफनती नदी को पार करना, गुलेल से निशाना लगाना एक ग्रामीण बालक के रूप में इन सभी क्षेत्रों में हमीद पारंगत थे। उनका एक बड़ा गुण था सबकी यथासंभव सहायता करने को तत्पर रहना। किसी अन्याय को सहन करना उनको नहीं भाता था। यही कारण है कि एक बार जब किसी ग़रीब किसान की फसल बलपूर्वक काटकर ले जाने के लिए जमींदार के 50 के लगभग गुंडे उस किसान के खेत पर पहुंचे तो हमीद ने उनको ललकारा और उनको बिना अपना मन्तव्य पूरा किये ही लौटना पड़ा। इसी प्रकार बाढ़ प्रभावित गाँव की नदी में डूबती दो युवतियों के प्राण बचाकर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया।[1]
सेना में भर्ती
21 वर्ष के अब्दुल हमीद जीवन यापन के लिए रेलवे में भर्ती होने के लिए गये परन्तु उनके संस्कार उन्हें प्रेरित कर रहे थे, सेना में भर्ती होकर देश सेवा के लिए। अतः उन्होंने एक सैनिक के रूप में 1954 में अपना कार्य प्रारम्भ किया। हमीद 27 दिसंबर, 1954 को ग्रेनेडियर्स इन्फैन्ट्री रेजिमेंट में शामिल किये गये थे। जम्मू काश्मीर में तैनात अब्दुल हमीद पाकिस्तान से आने वाले घुसपैठियों की खबर तो लेते हुए मजा चखाते रहते थे, ऐसे ही एक आतंकवादी डाकू इनायत अली को जब उन्होंने पकड़वाया तो प्रोत्साहन स्वरूप उनको प्रोन्नति देकर सेना में लांस नायक बना दिया गया। 1962 में जब चीन ने भारत की पीठ में छुरा भोंका तो अब्दुल हमीद उस समय नेफा में तैनात थे, उनको अपने अरमान पूरे करने का विशेष अवसर नहीं मिला। उनका अरमान था कोई विशेष पराक्रम दिखाते हुए शत्रु को मार गिराना।
भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965)
: भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965)
अधिक समय नहीं बीता और 1965 में पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण कर दिया। अब्दुल हमीद को पुनः सुअवसर प्राप्त हुआ अपनी जन्मभूमि के प्रति अपना कर्तव्य निभाने का। मोर्चे पर जाने से पूर्व, उनके अपने भाई को कहे शब्द ‘पल्टन में उनकी बहुत इज्जत होती है जिन के पास कोई चक्र होता है, देखना झुन्नन हम जंग में लड़कर कोई न कोई चक्र जरूर लेकर लौटेंगे।” उनके स्वप्नों को अभिव्यक्त करते हैं। उनकी भविष्यवाणी पूर्ण हुई और 10 सितम्बर 1965 को जब पाकिस्तान की सेना अपने कुत्सित इरादों के साथ अमृतसर को घेर कर उसको अपने नियंत्रण में लेने को तैयार थी, अब्दुल हमीद ने पाक सेना को अपने अभेद्य पैटन टैंकों के साथ आगे बढ़ते देखा। अपने प्राणों की चिंता न करते हुए अब्दुल हमीद ने अपनी तोप युक्त जीप को टीले के समीप खड़ा किया और गोले बरसाते हुए शत्रु के तीन टैंक ध्वस्त कर डाले। पाक अधिकारी क्रोध और आश्चर्य में थे, उनके मिशन में बाधक अब्दुल हमीद पर उनकी नज़र पड़ी और उनको घेर कर गोलों की वर्षा प्रारम्भ कर दी। इससे पूर्व कि वो उनका एक और टैंक समाप्त कर पाते, दुश्मन की गोलाबारी से वो शहीद हो गये। अब्दुल हमीद का शौर्य और बलिदान ने सेना के शेष जवानों में जोश का संचार किया और दुश्मन को खदेड दिया गया।
शहादत पर नमन
वीर अब्दुल हमीद के सम्मान में जारी डाक टिकट
32 वर्ष की आयु में ही अपने प्राणों को देश पर न्यौछावर करने वाले इस वीर को उसकी शहादत पर नमन किया जाता है। उन्होंने अपनी अद्भुत वीरता से पाकिस्तानी शत्रुओं के खतरनाक, कुत्सित इरादों को तो ध्वस्त करते हुए अपना नाम इतिहास में सदा के लिए स्वर्णाक्षरों में अंकित कराया साथ ही एक सन्देश भी दिया कि केवल साधनों के बलबूते युद्ध नहीं जीता जाता। अपने भाई से किया वायदा उन्होंने पूर्ण किया और मरणोपरांत उनको सबसे बड़े सैनिक सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, जो उनकी पत्नी श्रीमती रसूली बीबी ने प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त भी उनको समर सेवा पदक, सैन्य सेवा पदक और रक्षा पदक प्रदान किये गए।
सम्मान और पुरस्कार
28 जनवरी 2000 को भारतीय डाक विभाग द्वारा वीरता पुरस्कार विजेताओं के सम्मान में पांच डाक टिकटों के सेट में 3 रुपये का एक सचित्र डाक टिकट जारी किया गया। इस डाक टिकट पर रिकाईललेस राइफल से गोली चलाते हुए जीप पर सवार वीर अब्दुल हामिद का रेखा चित्र उदाहरण की तरह बना हुआ है। चौथी ग्रेनेडियर्स ने अब्दुल हमीद की स्मृति में उनकी क़ब्र पर एक समाधि का निर्माण किया है। हर साल उनकी शहादत के दिन यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है। उत्तर निवासी उनके नाम से गांव में एक डिस्पेंसरी, पुस्तकालय और स्कूल चलाते हैं। सैन्य डाक सेवा ने 10 सितंबर, 1979 को उनके सम्मान में एक विशेष आवरण जारी किया है।[

हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने की नसीहत पर भड़की शिवसेना, मीट बैन के भी खिलाफ


हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने की नसीहत पर भड़की शिवसेना, मीट बैन के भी खिलाफ
नई दिल्ली. हिंदुओं को चार बच्चे पैदा करने की नसीहत देने से जुड़े बीजेपी नेताओं और कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के बयान पर शिवसेना ने कड़ी नाराजगी जताई है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में बीजेपी के केंद्रीय नेताओं से ऐसी बयानबाजी पर सफाई मांगी है। शिवसेना ने कहा कि देश में जनसंख्या विस्फोट की स्थिति है और जिम्मेदार नेता अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। शिवसेना अब मुंबई में लगे मीट बैन के खिलाफ भी उतर गई है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह शहर में मीट की खरीद-फरोख्त पर बैन नहीं लगने देंगे। उधर, मुंबई की मीरा-भायंदर नगर निगम ने जैन धर्म के उपवास के त्योहार की वजह से 10 से 17 सितंबर के लिए किए गए मीट बैन में कुछ फेरबदल किए हैं। अब सिर्फ 10 और 17 सितंबर को ही मीट की खरीद फरोख्त पर रोक रहेगी।

'100 करोड़ हिंदु शोपीस हैं क्या?'
सामना के संपादकीय में '100 करोड़ हिंदु शोपीस हैं क्या?' हेडिंग के साथ छपे आर्टिकल में जाति के आधार पर हुई जनगणना के ताजा आंकडों का भी जिक्र किया गया है। शिवसेना का मानना है कि जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक भले ही हिंदुओं की जनसंख्या थोड़ी घटी है, लेकिन फिर भी देश में उनकी तादाद 100 करोड़ के करीब है। मुस्लिम आबादी 17 करोड़ के आसपास है। शिवसेना ने कहा है कि आबादी बढ़ाने से ज्यादा बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और गरीबी है, जो देश की स्थिति खराब कर रही है। इसे लेकर सरकार को ठोस नीति बनानी चाहिए।
प्रवीण तोगड़िया पर हमला
विश्व हिंदू परिषद् के नेता प्रवीण तोगड़िया ने नासिक कुंभ में बेऔलाद हिंदू दंपतियों को बच्चे पैदा करने के लिए मेडिकल फैसिलिटीज मुहैया कराने और हेल्पलाइन शुरू करने की बात कही थी। उन्होंने चार बच्चे पैदा करने की भी नसीहत दी थी। शिवसेना ने तोगड़िया पर हमला बोलते हुए लिखा है कि देश की समस्या का इलाज इसमें नहीं कि मुसलमानों के मुकाबले हिंदुओं को अपनी आबादी बढ़ानी चाहिए। आबादी कंट्रोल करने के लिए मुसलमानों को भी सख्ती से इससे जुड़े कार्यक्रम में शामिल किया जाए। शिवसेना ने तोगड़िया के बयान का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि उन्हें बढ़ी हुई जनसंख्या के साइड इफेक्ट्स की कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा नसीहत देने से जुड़े बयान कई बार दिए जा चुके हैं। वीएचपी के प्रवीण तोगड़िया से पहले केंद्रीय मंत्री साक्षी महाराज और साध्वी निरंजन भी ऐसे बयान दे चुके हैं।

वोह पूंछते है

बढ़ी मासूमियत से
वोह पूंछते है
आजकल शायरी नहीं करते
वोह नहीं समझते
जिनकी ख्वाहिशे अधूरी हो
और जो मौत के नज़दीक होते है
वोह शायर नहीं
सिर्फ ख़ौफ़ज़दा होते है ,

इन्ना लिल्लाहे व् इन्ना इलैहे राजेऊन ,

इन्ना लिल्लाहे व् इन्ना इलैहे राजेऊन ,,,,,,,,,,,,,,,ऐ खुदा तेरी अमानत थी तेरी सुपुर्दगी में देते है ,,,,,,,,,,,,,,,,,एक अफ़सोस नाक खबर ,,मेरे फूफी के मंझले लड़के सय्यद राशीद हुसेन झालावाड़ आशियाना वालों का अचानक कुवैत में इंतेक़ाल हो गया है ,,उनकी इच्छा के मुताबिक़ उनका पार्थिव शरीर कल बृहस्पतिवार को झालावाड़ पहुंचेगा और शुक्रवार जुमे की नमाज़ के बाद जिस झालावाड़ की मिटटी में खेल कर सय्यद राशिद पले बढ़े उसी मिटटी में उन्हें सुपुर्द ऐ ख़ाक किया जाएगा ,,,,सय्यद राशिद हुसेन ग्वालियर के मशहूर पीर बाबा अब्दुल वली शाह के मंझले बेटे और झालावाड़ के मशहूर शायर राहत ग्वालियरी के छोटे भाई थे ,,,सय्यद राशिद झालावाड़ से मुंबई गए वहां फिल्म इंडस्ट्रीज़ में मेकअप मेन का कोर्स कर मशहूर मेक अप में बने पहले नीतू सिंह फिर ऋषि कपूर के मेकअप में रहे ,,दयारे मदीना फिल्म सहित कई फिल्मो में मेक अप का महत्वपूर्ण काम किया ,,,,,,सय्यद रशीद ने मुंबई में ही मिस इन्डिया से शादी की फिर वोह कुवैत में चले गए जहाँ कुवैत टी वी में वोह मेकअप निदेशक के पद पर कार्यरत थे ,,उनके पुत्र केसर मैनेजमेंट का कोर्स कर विदेश में ही कार्यरत है उनके दो पुत्र है ,,,एक हफ्ता पहले कुवैत में सय्यद रशीद झालावाड़ से जाने के बाद अपने फ्लेट में अकेले थे जहाँ उनकी गिरने से आकस्मिक मृत्यु हो गई ,,,,सय्यद रशीद अपनी छुट्टियां अपने पुराने दोस्तों के साथ झालावाड़ की सर ज़मीन से प्यार होने के कारण झालावाड़ में ही गुज़ारते थे और झालावाड़ में ही उन्होंने पाटन रोड पर आधुनिक साज सज्जा वाला बंगला आशियाना का निर्माण करवाया था जहाँ वोह निवास करते थे ,,,,,,,,,,,,,सय्यद रशीद की आकस्मिक मोत से मुंबई बॉलीवुड की मेकअप दुनिया ,,झालावाड़ और कोटा सहित कई स्थानो पर शोक की लहर दौड़ गई है ,,,सय्यद राशिद के पार्थिव शरीर को कुवैत से कल बृहस्पतिवार शाम लेकर झलावाद लेकर आएंगे जहाँ शुक्रवार को बाद नमाज़ जुमा उनके पार्थिव शरीर को सुपुर्द ऐ ख़ाक किया जाएगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आप जानते हैं की आखरी हज के समय,,,,,,,,,,

आप जानते हैं की आखरी हज के समय अल्लाह के
रसूल (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने जो आखरी
भाषण (खुतबा) दिया जो अपने आप में एक ऐसी
मिसाल है की किसी भी धर्मगुरु या नेता ने
ऐसा भाषण न दिया होगा जो की मानवता
और समानता के उपदेश से परिपूर्ण है|
मेरा सभी मुस्लिम और गैर-मुस्लिम भाइयों से
निवेदन है की इसे ज़रूर पढ़ें:
5 बार पढ़िए 10 बार पढ़िए या 50 बार पढ़िए
और तब तक पढ़िए जब तक इसमें कही बात समझ में
और अमल में ना आ जाए ।
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने
फ़रमाया:
प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो।
ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत
को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल
रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत
में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जाय गा.
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना।
ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर
कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी
अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे
पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा
(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग,
जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का
आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो
ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको
खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको
पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव
के नीचे हैं।इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर
दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून
का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने
ख़ानदान का ख़ून–रबीआ इब्न हारिस का ख़ून–
ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा
करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं
और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न
मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा
औरतों (wife's ) पर
और औरतों का तुम (husbands) पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि
उनके
साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और
तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं। अत: अपने
रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त
की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना,
खुशी-खुशी अपने माल
की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज
करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन
करना। ऐसा करोगे तो अपने
रब की जन्नत में दाख़िल होगे। ऐ लोगो! क्या
मैंने
अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया!
(लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल
उठी–)
हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल!
(तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा)
ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत
उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा
कर
दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा)
पूरी कर दी"

क़ुरान का सन्देश

 
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