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10 सितंबर 2015

ये है मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर, सैलरी मेें लेते हैं एक रुपया

 


ये है मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर, सैलरी मेें लेते हैं एक रुपया
मुंबई। शीना मर्डर केस की जांच कर रहे मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को महाराष्ट्र सरकार ने प्रमोट कर डीजी होमगार्ड बना दिया गया है। अब अहमद जावेद मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर है। मालूम हो कि अब 1981 बैच के आईपीएस जावेद अभी तक डीजी होमगार्ड थे। क्या आप जानते हैं कि मुंबई पुलिस के नए कमिश्नर अहमद जावेद कितनी सैलरी लेते है? आज dainikbhaskar.com आपको बताने जा रहा अहमद जावेद की निजी जिंदगी के बारे में
क्या आप जानते हैं कि मुंबई पुलिस के नए कमिश्नर अहमद जावेद कितनी सैलरी लेते है? जब आप सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे। 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी अहमद जावेद के बारे में कई किस्से प्रचलित है। आपको यह जानकर ताज्जुब हो सकता है कि अहमद जावेद अपनी तनख्वाह के रूप में मात्र 1 रुपए लेते हैं। बाकी कि सैलरी वे पुलिस फंड में दान दे देते हैं। उनके एक करीबी सूत्र के मुताबिक जितना वे प्रोफेशनल हैं। उतना ही वे सामाजिक हैं।
अहमद जावेद का जन्म शाही परिवार में हुआ। दिल्ली के नामी सेंट स्टीफन्स कॉलेज से स्नातक जावेद को अपनी जिंदगी शाही अंदाज में ही जीना पसंद हैं उन्हें बिलियर्ड्स खेलना पसंद है।
अहमद जावेद मुंबई के अपराध दुनिया के लिए अजनबी नहीं है। उन्होंने मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के तौर पर गेटवे ऑफ इंडिया और जावेरी बाजार में हुए बम धमाको को देखा. उन्होंने 1983 से 1985 तक राजधानी दिल्ली की पुलिस में भी अपनी सेवाएं दी. इस दौरान राजधानी ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगो को सहा।

हर साल 300 करोड़ रुपए ब्याज से कमा रहा आसाराम, 42 बोरों में मिले पेप


इस तरह बनते थे आसाराम के पोस्टर
इस तरह बनते थे आसाराम के पोस्टर
इंदौर. आसाराम भले ही जोधपुर जेल में बंद है, लेकिन उसका सैकड़ों करोड़ रुपया बाजार में लोन के रूप में चल रहा है। आयकर विभाग के देशव्यापी छापे में यह बात सामने आई है। इंदौर में 16 जगहों पर चल रही जांच में पता चला कि आसाराम के रुपए लोन के रूप में रियल एस्टेट, सराफा से लेकर कई धंधों में लगे हैं। इससे हर साल करीब 300 करोड़ रुपए ब्याज मिल रहा है।
छापे में मोहन लुधियानी व अन्य कारोबारियों से मिले दस्तावेजों में यह राशि लोन के रूप में कई लोगों को देने के सबूत मिले हैं। कई लोगों ने आयकर विभाग से पूछताछ में कबूल कर लिया है कि वह ब्याज पर रुपए चला रहे हैं और इससे उन्हें करोड़ों रुपए सालाना ब्याज मिल रहा है।
चाय, रियल एस्टेट व्यापारी मोहन लुधियानी आसाराम ट्रस्ट का पूरा कामकाज संभालता है। वह गुरुकुल स्कूल में भी डायरेक्टर है। सूत्रों के अनुसार इसके यहां भी लोन के रूप में करोड़ों रुपए इधर-उधर देने के दस्तावेज सामने आए हैं। जांच में श्रीराम बिल्डर के यहां जमीन में दो करोड़ रुपए से ज्यादा गड़े मिले। यह राशि एक पेटीनुमा गड्ढे में रखी हुई थी। जानकारी के अनुसार दूसरे दिन भी देर रात तक जांच जारी थी। तीसरे दिन भी जांच जारी रहने के संकेत मिले हैं।
यहां चल रही कार्रवाई
इंदौर में गुडरिक चाय निर्माता लुधियानी और लुधियानी से जुड़े बिल्डर अनिल अग्रवाल, शशि भूषण खंडेलवाल, विजय अग्रवाल, तेजिंदरसिंह घुम्मन, निर्मल अग्रवाल, विष्णु गोविंद राम शर्मा, केशव नाचानी के यहां कार्रवाई जारी है। इसके साथ ही घनश्यामदास एंड कंपनी, श्रुति स्नेक्स प्रालि, ओएसिस डेवलपर्स, श्रीराम बिल्डर्स, अपोलो रियल एस्टेट प्रालि, कोन्कोर्ड टी पैकिंग प्रालि, डिजिना रियल एस्टेट डेवलपर्स, जीएसएमटी रियल एस्टेट डेवलपर्स की भी जांच हो रही है। भोपाल में रविंद्र सिंह भाटेजा पर भी कार्रवाई जारी है। इंदौर-भोपाल के साथ ही आयकर विभाग सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, कोलकाता, जयपुर और दिल्ली में भी कार्रवाई कर रहा है।
42 बोरों में मिले दस्तावेजों ने खोली पोल
सूत्रों के अनुसार दो साल पहले आसाराम की गिरफ्तारी के समय आश्रम से पुलिस को 42 बोरे दस्तावेज मिले थे। इसमें किस-किस को कितना रुपया चलाने के लिए दिया है इसका जिक्र था। इसके साथ ही पूरे देश में फैली संपत्तियों की जानकारी थी। आयकर विभाग द्वारा इनकी जांच की जा रही थी। इसी तरह कुछ साल पहले इंदौर के केशव नाचानी के यहां आयकर छापे में काफी दस्तावेज मिले थे, जिसमें इस ब्लैक मनी के सबूत थे। इसी आधार पर सूरत की टीम ने दिल्ली आयकर विभाग के साथ मिलकर छापे की योजना बनाई।

हिंदी सम्‍मेलन में मोदी ने कहा- चाय बेचते-बेचते मैंने सीखी थी हिंदी

भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 32 साल बाद हो रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्‍होंने एक किस्‍सा सुनाते हुए कहा कि उन्‍हें चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखने का मौका मिला। उन्‍होंने बताया कि गुजरात में उत्‍तर प्रदेश से लोग दूध लेकर ट्रेन से आते थे। मैं उनके लिए चाय लेकर जाता था। उन्हें गुजराती नहीं आती थी। मेरे पास हिंदी सीखने के अलावा कोई चारा नहीं था। इसी क्रम में मैंने हिंदी सीखी।

- मोदी ने कहा कि किसी चीज की अहमियत तभी पता चलती है, जब वह नहीं रहती। हिंदी भाषा के मामले में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि 90 फीसदी भाषाओं के लुप्‍त होने का खतरा है। अगर हम अपनी भाषा को समृद्ध नहीं बना सके तो हिंदी पर भी यही खतरा आ जाएगा।
- मोदी ने चीन, मंगोलिया, मॉरिशस आदि देशों की अपनी यात्रा के कुछ संस्‍मरण बताते हुए यह जताया कि हिंदी पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रही है और इसकी अहमियत बढ़ रही है।
- मोदी ने टेक्‍नोलॉजी और भाषा के संबंध के बारे में कहा कि जानकार बताते हैं कि डिजिटल वर्ल्‍ड में तीन भाषाओं का ही बोलबाला रहने वाला है- अंग्रेजी, चीनी और हिंदी। टेक्‍नोलॉजी की दुनिया में भाषा का बाजार बढ़ने वाला है। इसमें हिंदी की अहमियत बढ़ने वाली है।
हवाबाज कहने वाली सोनिया पर निशाना- हवालाबाज हैं परेशान
इससे पहले गुरुवार को एयरपोर्ट के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच स्पीच में मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा, ''हमने काले धन के खिलाफ जो कठोर कानून बनाया है, उससे जो हवालाबाज है, वो परेशान हैं। उन्हें पैरों के नीचे धरती खिसकती नजर आ रही है और इसलिए ये हवालाबाजों की जमात लोकतंत्र में रुकावटें पैदा करने का प्रयास कर रही है।'' बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सोनिया गांधी ने मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें 'हवाबाज' बताया था।
रास्‍ते में बच्‍चों से मिले मोदी
- एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद मोदी सम्‍मेलन स्‍थल (लाल परेड ग्राउंड) के लिए रवाना हुए। रास्‍ते में पॉलीटेक्निक चौराहे पर गाड़ी रोककर वह बच्चों से मिले।
- लाल परेड ग्राउंड पहुंचने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। बता दें कि विदेश मंत्रालय विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन का मुख्य ऑर्गनाइजर है, जबकि जनरल सिंह इस आयोजन की मैनेजमेंट कमेटी के मुखिया हैं।
10 से 12 तक चलेगा सम्‍मेलन
विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन 10 से 12 सितंबर तक चलेगा। इसमें 39 देशों के लोग हिस्सा ले रहे हैं। अंतिम दिन एक्‍टर अमिताभ बच्चन भी प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे।
भोपाल में क्‍यों? ये कारण हो सकते हैं-
1. मुख्य आयोजक विदेश मंत्रालय है। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज हैं। वे भोपाल के करीब विदिशा से सांसद हैं।
2. सुषमा और मध्‍य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच अच्छा तालमेल है।
3. मध्‍य प्रदेश हिंदी भाषी राज्‍य है और हिंदी जगत में राज्‍य और राजधानी भोपाल ने अच्‍छी छाप छोड़ी है।
4. प्रधानमंत्री की नीति रही है कि अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर देश की राजधानी के अलावा बाकी शहरों को भी प्रोजेक्‍ट किया जाए। उन्‍होंने पहली बार किसी विदेशी (चीन) राष्‍ट्रपति का स्‍वागत दिल्‍ली से बाहर (अहमदाबाद) कर अपनी इस नीति को जगजाहिर भी किया था।
विश्व हिंदी सम्मेलन
यह हिंदी भाषा का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। इसमें दुनियाभर से हिंदी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी और हिंदी प्रेमी जुटते हैं। 1975 में विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत हुई। इसकी पहल पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने की थी। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से नागपुर में हुआ था। फिर भारत की बारी 1983 में आई थी।
अब तक यहां हुए सम्मेलन...
कौन सा सम्‍मेलन कब से कब तक किस शहर में हुआ किस देश में
पहला 10-14 जनवरी 1975 नागपुर भारत
दूसरा 28-30 अगस्त 1976 पोर्ट लुई मॉरिशस
तीसरा 28-30 अक्टूबर 1983 नई दिल्ली भारत
चौथा 2-4 दिसंबर 1993 पोर्ट लुई मॉरिशस
पांचवा 4-8 अप्रैल 1996 त्रिनिडाड-टोबेगो त्रिनिदाद-टोबैगो
छठा 14-18 सितंबर 1999 लंदन इंग्लैंड
सातवां 5-9 जून 2003 पारामरिबो सूरीनाम
आठवां 13-15 जुलाई 2007 न्यूयॉर्क संयुक्त राज्य अमेरिका
नौवां 22-24 सितंबर 2012 जोहानिसबर्ग दक्षिण अफ्रीका

मुबारक हो तुम जीत गए हम हार गए

तुम्हारी मेरी दुआओ में
कितना था टकराव ,,
मुबारक हो
तुम जीत गए हम हार गए
खुदा का शुक्र है
हम हारे तो तो सही
लेकिन हार कर भी जीत गए
तुम्हारी दुआ थी
हम से हमारे प्यार से
तुम्हारा पीछा छूटे
हमारी दुआ थी
तुम हमे मुकम्मल मिल जाए
ना मिल सको अगर
तो हम यूँ ही मर जाए
लो खुश हो लो
तुम्हारी दुआ क़ुबूल हुई
तुम्हारा पीछा यूँ छूट रहा है
हमारी दुआ क़बूल है क़ुबूल है
तुम ना भी मिल सके तो क्या
देखो हम आखरी पड़ाव पर
हमारी दुआ
तुम ना मिल सको तो हम मर जाए
वोह क़ुबूल है क़ुबूल है ,,
तुम सोचते हो हमसे पीछा छूटा
दुआ तुम्हारी क़ुबूल है
नहीं नहीं
तुम गलत सिर्फ गलत सोचते हो
तुम न मिल सको तो हम मरजाये
यही दुआ थी हमारी
इसलिये लो
हमारी दुआ क़ुबूल है क़ुबूल है ,,
मिल जाओ तुम अगर
तो शायद
ज़िंदगी मिल जाए
लेकिन नहीं शायद नहीं
दुआ  हमारी क़ुबूल है हमारी क़ुबूल है ,,अख्तर

खेलते हुए कार में बंद हुईं बहनें, सब खोजते रहे, मिलीं तो जा चुकी थी जान

खेलते हुए कार में बंद हुईं बहनें, सब खोजते रहे, मिलीं तो जा चुकी थी जान
गुड़गांव: दिल्ली से सटे हरियाणा के शहर गुड़गांव में एक कार में बंद हो जाने की वजह से दो बहनों की दम घुट कर मौत हो गई।
हादसा गुड़गांव के कादरपुर गांव में हुआ। पेशे से प्रॉपर्टी डीलर सुरेश गांव में ही परिवार के साथ रहते हैं। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि कल सुरेश की बेटियां चार साल की हिमांशी और दो साल की पिंकी लुकाछिपी खेल रही थीं। इसी दौरान उन्होंने खुद को कार में बंद कर लिया। बहुत देर तक उनका पता न चलने पर पिता ने बच्चियों को तलाश करना शुरू किया। पिता जब उन्हें ढूंढकर हार गए तो उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने की सोची। थाने जाने के लिए जब पिता कार के करीब पहुंचे तो उन्होंने पाया कि दोनों बेहोशी की हालत में अंदर बंद हैं। दोनों को नजदीक के हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन डॉक्‍टरों ने कहा कि उनकी मौत हो चुकी है।
गुड़गांव लगातार दूसरे दिन खबरों में रह रहा है। मंगलवार को सऊदी डिप्‍लोमैट के घर कथित तौर पर 'सेक्‍स स्‍लेव' बना कर रखी गईं नेपाल की एक लड़की और उसकी मां की कहानी सामने आने के चलते गुड़गांव सुर्खियों में था।

शराब पीते पकड़े जाने पर पिटाई से गुस्‍साए फौजियों ने थाने पर किया हमला

तोड़फोड़ के बाद फर्श पर बिखरे हुए कांच।
तोड़फोड़ के बाद फर्श पर बिखरे हुए कांच।
इंदौर. यहां गुरुवार सुबह सेना के जवानों ने एक थाने में जमकर तोड़फोड़ और पुलिसवालों की पिटाई की। जाते-जाते ये जवान थाने के सीसीटीवी कैमरे भी निकाल कर ले गए। सेना के जवान बुधवार रात अपने एक साथी की पुलिस द्वारा पिटाई किए जाने से नाराज थे। पुलिस सेना के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज करने जा रही है।
क्यों हुआ विवाद
बुधवार रात विजयनगर थाने की पीसीआर वैन ने दो लोगों को एक मॉल के बाहर शराब पीते पकड़ा। कुछ पुलिसवालों ने इनमें से एक की पिटाई कर दी। बाद में जब पता लगा कि ये लोग सेना के जवान हैं तो उन्हें छोड़ दिया गया। इन दोनों जवानों ने महू कैंट पहुंचकर अपने साथियों को इसकी जानकारी दी।
सुबह पांच बजे थाने पर हमला
गुरुवार सुबह करीब पांच बजे सेना के 100 जवानों ने विजय नगर थाने पर हमला बोल दिया। इन्होंने थाने में जबरदस्त तोड़फोड़ की और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की जमकर पिटाई की। जाते-जाते आर्मी के ये जवान थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डर भी उखाड़कर ले गए। इस दौरान पुलिस की गाड़ियों, वायरलेस सेट्स, कम्प्यूटर और प्रिंटर भी तोड़ दिए गए। थाने के बाहर रोड पर कुछ आम नागरिकों की भी पिटाई की गई। 10 पुलिसवाले घायल हुए हैं।
केस दर्ज करेगी पुलिस
घटना की जानकरी मिलते ही पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक सेना के जवान जा चुके थे। हालांकि, सेना के जवानों द्वारा थाने में तोड़फोड़ का ये पहला मामला नहीं है। पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस केस दर्ज करने जा रही है और आर्मी अफसरों से इस बारे में बात की जा रही है।
राइफल और कारतूस भी ले भागे, थाना प्रभारी बने फरियादी
सीएसपी विपुल श्रीवास्तव ने बताया कि जाने के पहले सेना के जवान एक राइफल और 5 कारतूस ले गए। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ तीन केस दर्ज किए गए है। इनमें पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़, राइफल-कारतूस लूट और एक महिला कॉन्स्टेबल से छेड़छाड़ शामिल है।

अब नहीं होगी फायरिंग? भारत-पाक के बीच ढाई साल में चौथी बार बनी रजामंदी

दिल्ली में गुरुवार को पाक रेंजर्स के डीजी मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की (दाएं) का स्वागत करते बीएसएफ के डीजी डीके पाठक (बाएं)।
दिल्ली में गुरुवार को पाक रेंजर्स के डीजी मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की (दाएं) का स्वागत करते बीएसएफ के डीजी डीके पाठक (बाएं)।
नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान के बीच बॉर्डर पर फायरिंग बंद करने को लेकर रजामंद बनने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है। ढाई साल में चौथी बार ऐसा फैसला हुआ है। दिल्ली में गुरुवार को बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच डीजी लेवल की बातचीत में बॉर्डर पर सीजफायर वॉयलेशन और घुसपैठ के मुद्दे पर भी बात हुई। दोनों देशों ने बातचीत को बेहद पॉजिटिव बताया है।
बातचीत में पाकिस्तान की तरफ से डीजी पाकिस्तान रेंजर्स मेजर जनरल उमर फारूक बुर्की, जबकि भारत की तरफ से बीएसएफ के डीजी डीके पाठक शामिल हुए। शुक्रवार को पाकिस्तान रेंजर्स के डीजी गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे। इससे पहले 2013 और 2014 में तीन बार बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच बातचीत हो चुकी है। सीएनएन आईबीएन और एबीपी न्यूज के मुताबिक दोनों देश फायरिंग बंद करने पर राजी हो गए हैं। वहीं, न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि इस मीटिंग की सबसे अहम कामयाबी यह रही कि दोनों देश बॉर्डर पर अमन कायम रखने को सबसे बड़ा मुद्दा मानने को राजी हो गए। दोनों देशों का मानना है कि इस अमन को जमीनी हकीकत पर लाने की जरूरत है।
पहले कब-कब बनी ऐसी रजामंदी?
- जनवरी 2013 : दोनों देशों के बीच तय हुआ था कि वे एकदूसरे पर फायरिंग नहीं करेंगे। कई दिनों की फायरिंग के बाद भारत-पाकिस्तान की आर्मी के बीच यह सहमति बनी थी। लेकिन बाद में पाकिस्तान सीजफायर तोड़ता रहा।
- जुलाई 2014 : भारत-पाकिस्तान के डीजी मिलिट्री ऑपरेशंस के बीच एक बार फिर इसी तरह की रजामंदी बनी।
- अगस्त 2014 : बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स की एक यूनिट चिनाब रेंजर्स के बीच 35 मिनट की मीटिंग हुई। इसमें तय हुआ कि एकदूसरे पर फायरिंग नहीं की जाएगी।
- सितंबर 2015 : जुलाई-अगस्त के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच भारी तनाव के बाद दिल्ली में बीएसएफ-पाक रेंजर्स के बीच मीटिंग हुई। इसमें भी फायरिंग नहीं करने पर सहमति बनी।
उफा में बनी थी सहमति
भारत-पाक के बीच डीजी लेवल की बातचीत के लिए सहमति रूस के उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच बनी थी। बैठक से पहले बीएसएफ के डीजी डीके पाठक ने साफ कर दिया था कि हम पाकिस्तान के सामने सीजफायर वॉयलेशन और घुसपैठ के मुद्दे पर अपना एजेंडा रखेंगे। बुधवार को केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी बयान जारी कर बातचीत से बेहतर नतीजे निकलने की उम्मीद जताई थी।
PAK ने एक दिन पहले ही की थी फायरिंग

डीजी लेवल की बातचीत शुरू होने से ठीक एक दिन पहले बुधवार को भी पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा। जम्मू के कृष्णा घाटी और पुंछ एरिया में सीमापार से फायरिंग हुई। जवाब में बीएसएफ ने भी फायरिंग की। हालांकि इस दौरान किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
पाकिस्तान ने कितनी बार सीजफायर तोड़ा?
- रूस के उफा में 10 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के बीच मुलाकात होने के बाद पाकिस्तान ने 95 बार सीजफायर तोड़ा है।
- अगस्त में पाकिस्तान ने 55 बार सीजफायर तोड़ा।
- इस साल पाकिस्तान ने अब तक 250 बार सीजफायर तोड़ा है।
साल पाक ने बॉर्डर और एलओसी पर कितनी बार तोड़ा सीजफायर कितने जवान शहीद हुए कितने आम लोगों की जान गई कितने लोग प्रभावित हुए
2015 में अब तक 250 से ज्यादा बार 17 24 8000
2014 430 बार 41 26 2.08 लाख

काश ऐसा होता

तुमने मुझ से
जो वायदे किये है
काश वोह निभाये होते
तुमने मुझ से
जो प्यार किया
काश वोह
परवान चढ़ाया होता
अगर ऐसा होता
तो आज मेरे दिल का
यूँ काम तमान ना हुआ होता
काश ऐसा होता
काश ऐसा होता ,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला

तुम सच

तुम सच
में झूंठ
तुम वफ़ा
में बेवफा
तुम खूबसूरत
में बदसूरत
तुम अमीर
में गरीब
तुम चाँद
में चाँद तकने वाला
तुम ईमानदार
में ईमान
फिर भी
मुझे तो
तुम से प्यार है
मुझे तो
तुम से प्यार था
मुझे तो
तुमसे प्यार रहेगा
तुम्हारे लिए तो
मेने कई
बहाने कई रास्ते
लिख दिए है
तुम मिलो
या ना मिलो
तुम मुझे चाहो
या ना चाहो
लेकिन फिर भी
हो सके तो
एक पल एक क्षण
ज़रा भूल के
बताना तो सही ,,,,,अख्तर

मेरे पास

मेरे पास
तुम्हे देने के लिए
कुछ भी तो नहीं
चंद यादें है
चंद मुलाक़ातें है
चंद तकरार हैं
बस यही
तुम्हारे लिए
छोड़ जाऊंगा ,,,,,,,,,,,,

सिर्फ तुम्हारे लिए

तुम मिलने लगे थे
चाहे टुंगा टुंगा कर ही सही
में मरना हरगिज़ नहीं चाहता
सिर्फ तुम्हारे लिए
जीने की तमन्ना थी
लेकिन बेबस हूँ
मोत पर किसी का बस नहीं ,,अख्तर

कहावत है बकरे की माँ आखिर कब तक खेर मनाएगी

कहावत है बकरे की माँ आखिर कब तक खेर मनाएगी ,,यह कहावत झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के नियुक्ति घोटाले के सरताजो को बचाने वाले भ्रष्टाचार निरोधक विभाग और उनके चहेतो के लिए सही साबित होने जा रही है ,,,,वर्ष दो हज़ार तेरह में कोटा के अब्दुल सलाम शेरवानी ने एडवोकेट अख्तर खान अकेला के ज़रिये कोटा भ्रस्टाचार निरोधक न्यायालय के ज़रिये एक परिवाद तात्कालिक झालावाड़ अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर सुषमा पाण्डे ,,डीन डॉक्टर पी के गुप्ता ,,,हरिशंकर वर्मा ,,ओमेन्द्र माथुर ,,मनोज गोयल सहित कई लोगों के खिलाफ मेडिकल कॉलेज में फ़र्ज़ी नियुक्त्या कर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने का मुक़दमा दर्ज करवाया था ,,भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस ने अपराधियो से सांठ गाँठ कर कई महीनो बाद मुख्य अभियुक्तो के नाम निकाल कर परिवाद का सार बदल कर परिवाद के तथ्य तो ताक़ में रख दिए और खुद ने एक नई प्रथम सुचना रिपोर्ट 127 /13 दर्ज कर अपराधियो को खुला छोड़ दिया ,,इस मामले में फरियादी सलाम शेरवानी ने हार नहीं मानी पहले कोटा भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में भ्रस्टाचार पुलिस के तथ्य उजागर कर कार्यवाही की मांग की ,,अदालत ने पत्रावली तलब की मजबूरीवश पुलिस को लाभार्थियों को भी अभियुक्त बनाने के बारे में अंडरटेकिंग देना पढ़ी ,,फिर पुलिस और भ्रष्टाचार के आरोपियों की सांठ गाँठ चलती रही ,,मिडिया मैनेजमेंट चलता रहा ,,फिर फरियादी सलाम शेरवानी को वक़्त निकलने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस के खिलाफ त्वरित तफ्तीश का प्रार्थना पत्र पेश करना पढ़ा ,,पुलिस ने सभी को अभियुक्त मानकर एक माह में कार्यवाही करने बाबत भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में अंडरटेकिंग दी ,,लेकिन पुलिस और अपराधियो के बीच ना जाने कोनसे संबंध है जो अभी तक भ्रस्टाचार पुलिस इन काले कारनामे करने वाले सफेदपोश अपराधियो को अब तक नहीं पकड़ सकी है ,,खेर फरियादी ने इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया ,,हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस को नोटिस जारी किये ,,पत्रावली का अवलोकन किया और नवंबर तक इस मामले में कार्यवाही के निर्देश जारी कर कोटा भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस के लिए डेड़ लाइन घोषित कर दी है ,,,अब देखना है के कोटा भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के नियुक्ति घोटाले आरोपियों को क्या बहाना कर बचाने का प्रयास करती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे कुछ लोगों का कहना है के कोटा भ्रष्टाचार पुलिस इस मामले में सफेद पॉश अपराधियो को छोड़ने के लिए पहले नियुक्ति प्राप्त करने वाले छोटे आरोपियों को अपना निशाना बनाकर जांच को भटका सकती है ,,खेर जो भी हो लेकिन अब कहावत सच होने वाली है के ,,बकरे की माँ कब तक खेर मनाएगी ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पत्रकारों पर लाठीचार्ज निंदनीय है – हुसैन

पत्रकारों पर लाठीचार्ज निंदनीय है – हुसैन
पुलिस महनिरीक्षक को ज्ञापन देकर दोषी पुलिस वालों पर कार्यवाही की मांग
कोटा 10 सितंबर नगर निगम के बाहर गुरूवार को नगरीय कर पर रोक लगाने की मांग कर रहे प्रदर्शन कारियों की कवरेज कर रहे पत्रकारों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने की सामाजिक कार्यकर्ता पार्षद मोहम्मद हुसैन ने निंदा की है हुसैन ने कहा की मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है इस पर हमला लोकतंत्र पर हमला है आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन देकर लाठीचार्ज में दोषी पुलिस कर्मी और अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है इस मौके पर नवीन पालीवाल अंकित शर्मा करतार सिंह मौजूद रह

भारत के वीर शहीद कैप्टेन अब्दुल हमीद

भारत के वीर शहीद कैप्टेन अब्दुल हमीद की स्मृति में आज उनके जन्म दिवस पर घंटाघर स्थित स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल्ला गांधी स्मारक स्थल पर पूर्व पार्षद उमर सी आई डी ने टेलर एसोसिएशन और दूसरी संस्थाओ के साथ एक यादगार कार्यक्रम आयोजित किया ,,कार्यक्रम में कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ,,,,,,,,,,,,समाजसेवक एवं पार्षद मोहम्मद हुसेन मिस कॉल ,, अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष भाई रघुनन्दन गौतम ,,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,तबरेज़ पठान ,,अब्दुल करीम खान ,,उपाधीक्षक मक़बरा सर्किल छगन सिंह ,,,श्याम शर्मा ,,,,,,,चाँद शेरी ,,शहज़ाद वारसी ,,,,,,,हाफिज अब्दुल रशीद क़ादरी ,,अज़ीज़ जावा ,,सहित कई गणमान्य नागरिको ने हिस्सा लिया ,कार्यक्रम में बच्चो ने तराने गाये तो वक्ताओं ने वीर शहीद अब्दुल हमीद की वीरता की गाथाएं सुनाई ,,पार्षद मोहम्मद हुसेन ,,उप अधीक्षक छगन सिंह ,,अख़्तर खान अकेला ने टेलर एसोसिएशन सहित मक़बरा के कर्मठ पुलिस कर्मियों ,,स्थानीय वयोवृद्ध लोगों को मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आरक्षण हटाओ..देश बचाओं..

सम्पूर्ण विश्व में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहाँ..देश को देश ही नहीं..."भारत माता" सम्बोधित किया जाता है..
हमारे संविधान में भी स्पष्ट शब्दों में वर्णित है कि रंग,वर्ण और जातिगत आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया जायेगा..
हम हमारे स्कूलों में हमेशा यह "प्रतिज्ञा" लेते हैं.."भारत मेरा देश है..समस्त भारतीय मेरे भाई बहन हैं.."
लेकिन आपका मन आहत होता है...जब आप "आरक्षण" के नाम पर भेद-भाव देखते हैं..
आज़ादी के बाद कुछ साल ही के लिए दिया जाने वाला यह आरक्षण ..68 साल बाद भी जारी है..
समाज और देश का भला करने के बजाय..इसने लोगों को बांटा ज्यादा है..और कारण भी राजनैतिक ज्यादा हैं..
आरक्षण ने देश की प्रतिभाओं को पलायन के लिए ही मजबूर नहीं किया..वरन उसने आरक्षित वर्ग में भी प्रतिस्पर्धात्मक विशेषता पैदा करने में भी अवरोध पैदा किया है..जबकि यदि आरक्षित वर्ग को यह अहसास रहे कि हमें निश्चित मापदंड को पूरा करना है..तो केवल कुछ ही जुझारू प्रयासों से वह अपने आप को इसके लिए तैयार कर लेता..
आरक्षण देश में अनुसंधान और अन्यविधाओं के उत्थान में भी अवरोध पैदा करता है.
समाज में अब यह एक रोग की तरह देखा जाने लगा है...जिसके निराकरण के लिए..
आपके कोटा शहर के प्रबुद्धजनों,संस्थाओं और कई समाजों के प्रमुखजनो ने आरक्षण के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी मुहीम चालू करने का फैसला किया है..
जिसके तहत..समस्त अनारक्षित वर्ग का सामूहिक सांकेतिक धरना
आरक्षण हटाओ..देश बचाओं..

आरक्षण भारत छोड़ो..
25 सितम्बर को
सायंकाल 4 बजे
शहीद स्मारक,अंटाघर चौराहा,कोटा पर आयोजित किया गया है..
जोड़ें उन सभी को जो देश को प्रेम करते हैं..
सभी को समान समझते हैं..
संविधान की मूल भावना का सम्मान करते हैं..
देश की प्रतिभा के पलायन से एवं योग्यजनो के तिरस्कार से आहत हैं..
सभी को इस मुहीम से जोड़ें और इस पोस्ट को शेयर करें.
सभी को समान अवसर..फिर आपस में क्यों अंतर..!
अनिल तिवारी 9829038090

क़ुरआन का सन्देश

  
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