आपका-अख्तर खान

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12 सितंबर 2015

अब मुझे सोने दो

बहुत हंस लिया
अब मुझे रोने दो
बहुत जाग लिया
अब मुझे  सोने दो
बहुत जी लिया
अब मुझे मर जाने दो
एह सब खुदा का खेल है
उसी ने हंसाया
उसी ने रुलाया
खुदा ने ही ज़िदगी दी
खुदा ही देखो मोत दे रहा है
बहुत जी लिया
अब मुझे
मर जाने भी दो ,,,,अख्तर

हाँ मुझे माफ़ मत करना

मुझे माफ़ मत करना
हाँ मुझे माफ़ मत करना
तुमने जो कहा था
हाँ तुमने जो कहा था
सच में बेवफा निकला ,,
तुम्हारा साथ निभाने का
तुम्हारे साथ खिलखिलाने का
जो भी वायदा मेने किया
हां में वोह पूरा न कर सका
जब जब तुम हम मिले
ना नुकुर शिकवे शिकायत रहे
ना में खिल खिला सका
ना तुम्हे में हंसा सका
मोत से में बे फ़िक्र था
इसीलिए तो में हमेशा हमेशा
साथ निभाने का वायदा करता रहां ,,
आज जब मुझे सच पता चला
मोत के आगे में बेबस हूँ
रूह क़ब्ज़ करने वाले सभी फ़रिश्ते
मेरे इर्द गिर्द मंडरा रहे है
में बेबस लाचार सा हूँ
हाँ में बेवफा हूँ
हमेशा तुम्हारा साथ निभाने का वायदा
हमेशा तुम्हारे साथ खिलखिलाने का वायदा
हमेशा तुम्हारे हर नाज़ नखरे उठाने का वायदा
हमेशा तुम्हे सिर्फ तुम्हे देख कर जीने का वायदा
हमेशा तुम पर जीने तुम पर मर जाने का वायदा
हाँ में पूरा ना कर सका
हां में पूरा ना कर सका
मोत के आगे बेबस लाचार में बेवफा हूँ
रूह क़ब्ज़ के फ़रिश्ते मुझे बुला रहे है
में बेवफा हूँ तुम से वफ़ा ना कर स्का
बस इसीलिए मेरी आँखों में आंसू आ रहे है ,,,,,अख्तर

राजस्थान सरकार ने त्योहारो के बावजूद भी ,,,,,,,,,,,

राजस्थान सरकार ने त्योहारो के बावजूद भी नौसिखिया आदेश जारी कर आगामी पच्चीस सितमबर की सरकारी छुट्टी को निरस्त करने का जो आदेश जारी किया है उसका आज यहां कोटा में आयोजित प्रदेश कांग्रेस कमेटी कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग की बैठक में घोर विरोध करते हुए आलोचना करते हुए छुट्टी को बहाल करने की मांग की गई ,,,,,,,,,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के कार्यालय प्रभारी महासचिव और प्रवक्ता तबरेज़ पठान ने बताया के आज यहां संभागीय चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला की बैठक में कोटा शहर और देहात के अध्यक्ष अब्दुल करीम खान पिंकी ,,साजिद जावेद सहित सभी कार्यकर्ताओ ने पच्चीस सितमबर की छुट्टी निरस्त करने को सरकार का बचकाना रवय्या बताते हुए इस छुट्टी को बहाल करने की मांग दोहराई ,,बैठक में एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,तबरेज़ पठान ,,,अब्दुल करीम ,,,साजिद जावेद सहित सभी लोगों ने एक मत होकर कहा के सार्वजनिक अवकाश अधिनियम के विधिक प्रावधानों के तहत आपात स्थिति ,,महामारी की स्थिति या फिर युद्ध की स्थिति में ही त्योहारो के अवकाश निरस्त करने का प्रावधान है जबकि पच्चीस सितमबर को मुस्लिम समाज के पवित्र हज के बाद का क़ुरबानी का त्यौहार है ,,तो हिन्दू भाइयो के अनन्तचतुर्दशी के पूर्व के व्रत कार्यक्रम है ,,जेन समाज के पर्युषण पर्व है ऐसे में सभी समाजो के त्यौहार होने के बावजूद भी पूर्व में त्यौहार की घोषित छुट्टी को सरकार को नौसिखिया आदेश जारी कर किसी भी सूरत में निरस्त करने का अधिकार नहीं है ,,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,तबरेज़ पठान ,,साजिद जावेद ,,अब्दुल करीम खान ने स्पष्ट किया सरकार वक़्त रहते इस नौसिखिये आदेश को वापस ले कर छुट्टी बहाल करे ,,,,अगर सरकार ने अपनी गलती नहीं सुधारी तो कोटा संभाग सहित राजस्थान भर में अल्पसंख्यक समाज के सभी वर्गो द्वारा वतन परस्त ,,इंसाफ परस्त दूसरे समाज के लोगो के साथ मिलकर सरकार को घेरने का आंदोलन किया जाएगा ,, अल्पसंख्यक विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा के गैर क़ानूनी तुगलकी आदेश के तहत छुट्टी निरस्त करने का आदेश किसी एक वर्ग ,,किसी एक समाज के खिलाफ नहीं बल्कि हमारे देश के क़ानून ,,मर्यादाओ के खिलाफ है इसलिए राजस्थान के सभी वर्ग ,सभी समाज को लेकर इस मामले में एक बढ़ा प्रदर्शन कोटा सहित जयपुर में होगा जिसकी ज़िम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री की होगी ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सभी धर्मो को साथ लेकर चलने वाला भारत देश ,

सभी धर्मो को साथ लेकर चलने वाला भारत देश ,,,धर्मनिरपेक्ष संविधान वाला भारत देश ,,सभी धर्मो की मान मर्यादाओ का सम्मान करने वाले विधि क़ानून प्रावधान वाला देश ,,मेरा भारत महान ,,,,इस देश में इन दिनों सरकारों की नौसिखिये आदेशो की वजह से देश में धर्म को धर्म से लड़ाने ,,,आस्थाओ को आस्थाओ से लड़ाने की साज़िशें रची जा रही है ,,सरकार और कुछ राज्य सरकारों का योजनाबद्ध षड्यंत्र धर्म को धर्म से लड़ाने का रहा है ताके देश में अनावश्यक गृह युद्ध ,,अराजकता का माहोल हो और महंगाई ,,भ्रष्टाचार ,,कालाबाज़ारी ,,मिलावटखोरी ,,राजनीती का अपराधीकरण ,,कालाधन वापसी ,,पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ भारत के हमले के वायदे ,,चीन से भारत की ज़मीन छुड़ाने के वायदों सहित बेरोज़गारों को नौकरी ,,गरीबो को इंसाफ ,,आरक्षण की बीमारी के इलाज की बात कोई उठा ना सके और सभी धर्म आपस में एक दूसरे को कोसते रहे ,,लड़ते रहे ,,मेरे भारत वासियो हमे सावधान रहना होगा ,,सरकार की इन साज़िशों का शिकार होने से बचना होगा ,,सभी धर्म से जुड़े लोग सभी सियासी पार्टियो में पार्टियो की इस हद तक गुलामी में है के उन्हें धर्म ,,धर्म के सिद्धांत ,,देश ,,समाज से कोई मतलब नहीं वोह तो बस अपने नेताओ के गुलाम है ,,,दोस्तों इन दिनों जेन समाज को आगे कर कहीं मांस का व्यापार बंद किया जा रहा है तो कहीं बकरा ईद की छुट्टी को खत्म किया जा रहा है ,,यह समाज को समाज से लड़ाने की कोशिश है ,,एक धर्म की आस्था मांस दूर रहती है तो उसे दूसरे धर्म की आस्थाओ पर अधिकार नहीं है ,,हमारा देश महान है ,,हमारे देश की दूसरी आस्थाओ ने कभी भी धर्म के नाम पर धार्मिक आत्महत्या का विरोध नहीं किया ,,हमारे देश के किसी धर्म ने हमारे देश के क़ानून सड़को पर निर्वस्त होकर घूमना अपराध होने के बाद भी धार्मिक आस्था होने के कारण इसका विरोध नहीं किया जबकि जिनकी आस्था नग्न प्रदर्शन देखने की नही है उनकी महिलाओ के लिए तो सड़को पर यह सार्वजनिक प्रदर्शन गलत ही रहता है ,लेकिन दोस्तों ह्मारा देश महान है ,,,कभी किसी दूसरे धर्म मज़हब की निजी आस्थाओ पर हमला नहीं किया ,,आप मांस नहीं खाते कोई बात नहीं ,,लेकिन दुसरो को मांस खाने से रोकना आपके देश का क़ानून नहीं है ,,अपनी अस्थायी दुसरो पर थोपना ,,दुसरो को मजबूर करना हमारे देश का क़ानून नहीं ,,और कोई भी धर्म इस मामले में दखल अंदाज़ी नहीं करता ,,कोई भी धर्म अपने धर्म की आस्था दुसरो के धर्म पर थोपने की चाहत नहीं रखता लेकिन फिर भी कुछ सियासी लोग कुछ सरकार सियासत के नाम पर धर्म से धर्म को लड़ा रहे है ,,खान पान ,,रहन सहन ,,,सबकी अपनी निजी विचारधारा है ऐसे में थोपा थापी के निर्देश इस देश में नहीं चलेंगे ,,यहां हिन्दू भाई ,,सिक्ख भाई ,,ईसाई ,,,मुस्लिम , ,बोहरा ,,सिंधी भाई ,,,,दक्षिण ,,,पश्चिम ,,बिहार ,,कलकत्ता ,,आसाम सभी की अलग अलग आस्था है ,,कोई चूहे खाने की बात करता है ,,कोई मच्छर से भी बचता है ,,तो कोई भूखे रहकर मर जाता है ,,तो कोई शस्त्र पूजा करता है ,,कोई मदिरापान करता है ,,कोई मांस खाता है ,,सबकी अस्थाये अलग लेकिन देश एक है इसीलिए मेरा भारत महान है सो प्लीज़ मेरे धर्म से जुड़े देशवासियो किसी के बहकावे में ना आये सरकार की सियासत को बंद करने के लिए खुल कर मिलजुलकर ऐसी साज़िशों का विरोध करे जो धर्म को धर्म से लड़ाने के लिए व्यूह रचनाये रची जा रही है ,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रेगिंग मामला दबाने के लिए प्रिंसिपल ने फरियादियों को बनाया मुलजिम – मोहम्मद हुसैन


पुलिस ने रेगिंग पीड़ितों को पहले भेजा जेल‘’ फीर कॉलेज प्रसाशन ने जारी किया नोटिस’’ सोमवार को बयान नहीं देने पर रेगिंग करने वालों को मान लिया जायेगा निर्दोस
प्रिंसिपल डॉ टीसी लोया ने रेगिंग के आरोपियों को बचाने के लिए रची साजिश
प्रिंसिपल कक्ष में हंगामें के वक़्त किशन भाटिया बैठे थे क्रमिक अनशन पर , नयापुरा थाना अधिकारी के साथ पहुंचे थे प्रिंसिपल के कक्ष में
कोटा 12 सितम्बर . राजकीय महाविध्यालय में एक छात्र के साथ रेगिंग करने वाले छात्रो पर मामला दर्ज कर कार्यवाही की मांग के लिए क्रमिक अनशन कर रहे उपाध्यक्ष किशन भाटिया पर शुक्रवार को प्रिंसिपल द्वारा रेगिंग का मामला दबाने के लिए द्वेषता पूर्वक राजकार्य में बाधा पहुँचाने का झूठा मुकदमा नयापुरा थाने में दर्ज करा कर गिरफ्तार करा दिया गया , शनिवार को सामजिक कार्यकर्त्ता पार्षद मोहम्मद हुसैन ने इसकी कड़े सब्दों में निंदा की है हुसैन ने कहा की प्रिंसिपल ने रेगिंग के फरियादियो पर द्वेषता पूर्वक मिकद्मा दर्ज करवा दिया ताकि रेगिंग करने वालो को गिरफ्तार होने से बचाया जा सके हुसैन ने कहा की सोमवार को जिला कलेक्टर से मिल कर रेगिंग जैसे मामले में प्रिंसिपल द्वारा लापरवाही बरतने पर दोषी प्रिंसिपल पर कार्यवाही की मांग करेंगे

चिता पर लेटे शव ने दोस्त की उंगली पकड़ी, श्मशान में ही बुलाया गया डॉक्टर divyabhaskar network Sep 12, 2015, 10:45 AM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 27 1 of 5 Next फोटो: श्मशान में चिता पर पड़े शव की जांच करता डॉक्टर फोटो: श्मशान में चिता पर पड़े शव की जांच करता डॉक्टर राजकोट (गुजरात)। शहर के जेतपुर श्मशान में गुरुवार की शाम उस समय समय अफरा-तफरी मच गई, जब शव की सांसे चलने की खबर फैली। वाकया उस समय का है, जब शव को चिता पर लिटाकर उस पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। इसके बाद श्मशान में ही एक डॉक्टर को बुलाया गया। लगभग 10 मिनट की जांच के बाद डॉक्टर ने मृत शरीर घोषित कर दिया और इसके बाद अंतिम संस्कार हुआ। राजकोट शहर के जेतपुर में रहने वाले देवेंद्र पंड्या (25) की बुधवार सुबह बीमारी से मौत हो गई थी। देवेंद्र हार्ट पेशेंट थे और पिछले तीन दिनों से सिविल अस्पताल में भर्ती थे। सुबह डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। शाम को देवेंद्र का शव अंतिम संस्कार के लिए जेतपुर श्मशान घाट लाया गया था। दोस्त की उंगली पकड़ी: देवेंद्र के एक दोस्त के अनुसार जब शिव चिता पर रखा हुआ था और उस पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। इसी दौरान देवेंद्र ने उसकी एक उंगली पकड़ ली। यह दृश्य मौके पर मौजूद कुछ अन्य लोगों ने भी देखा और तुरंत डॉक्टर को बुलाया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी श्मशान पहुंच गई थी। हालांकि जांच के बाद डॉक्टर ने देवेंद्र को मृत बताया और इसके बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।

फोटो: श्मशान में चिता पर पड़े शव की जांच करता डॉक्टर
फोटो: श्मशान में चिता पर पड़े शव की जांच करता डॉक्टर
राजकोट (गुजरात)। शहर के जेतपुर श्मशान में गुरुवार की शाम उस समय समय अफरा-तफरी मच गई, जब शव की सांसे चलने की खबर फैली। वाकया उस समय का है, जब शव को चिता पर लिटाकर उस पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। इसके बाद श्मशान में ही एक डॉक्टर को बुलाया गया। लगभग 10 मिनट की जांच के बाद डॉक्टर ने मृत शरीर घोषित कर दिया और इसके बाद अंतिम संस्कार हुआ।
राजकोट शहर के जेतपुर में रहने वाले देवेंद्र पंड्या (25) की बुधवार सुबह बीमारी से मौत हो गई थी। देवेंद्र हार्ट पेशेंट थे और पिछले तीन दिनों से सिविल अस्पताल में भर्ती थे। सुबह डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। शाम को देवेंद्र का शव अंतिम संस्कार के लिए जेतपुर श्मशान घाट लाया गया था।
दोस्त की उंगली पकड़ी:
देवेंद्र के एक दोस्त के अनुसार जब शिव चिता पर रखा हुआ था और उस पर लकड़ियां रखी जा रही थीं। इसी दौरान देवेंद्र ने उसकी एक उंगली पकड़ ली। यह दृश्य मौके पर मौजूद कुछ अन्य लोगों ने भी देखा और तुरंत डॉक्टर को बुलाया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी श्मशान पहुंच गई थी। हालांकि जांच के बाद डॉक्टर ने देवेंद्र को मृत बताया और इसके बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बेटा बने डॉक्टर इसलिए पुलिस अफसर ने रट डाली मेडिकल की किताबें

बेटा बने डॉक्टर इसलिए पुलिस अफसर ने रट डाली मेडिकल की किताबें
सीकर. यूं तो राजस्थान पुलिस में डीएसपी हैं रामचंद्र मूंड, लेकिन एक खास बात उन्हें अन्य पुलिस वालों से अलग करती है। अपने दो बेटों को डॉक्टर बनाने के लिए उन्होंने खुद इतनी लगन से पढ़ाई की कि बेटे कहते हैं अगर पिताजी परीक्षा दें तो पास होकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो सकते हैं।
सफलता के लिए ललक ऐसी कि बेटों की परीक्षा के लिए खुद भी मेडिकल की किताबें व नोट्स पढ़ें। ताकि बेटे पढ़ाई करते-करते कहीं अटक जाएं तो टीचर की मदद नहीं लेना पड़े, पिता खुद ही उनकी परेशानी दूर कर दें। इसी जज्बे का नतीजा है कि लगातार तीन साल की पढ़ाई के बाद दोनों बेटे एआईपीएमटी में सफल हो गए हैं।

शुक्रवार को ही इंस्पेक्टर मूंड का डीएसपी के पद पर प्रमोशन हुआ है। वे झुंझुनूं सीकर डिस्कॉम में डीएसपी बनाए गए हैं। मूंड का 19 वर्ष का बड़ा बेटा भागीरथ जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज और 17 वर्ष का छोटा बेटा गौरख बीकानेर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है। 49 साल के मूंड ने पहले दो साल तक बड़े बेटे को तैयारी करवाई।

MP में ब्‍लास्‍ट से गिरा होटल, 88 की मौत, मलबा हटाने गुजरात से गई टीम

झाबुआ. मध्य प्रदेश के झाबुआ के पेटलावद में ब्‍लास्‍ट के बाद एक होटल की छत गिर जाने से 88 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में 120 लोग घायल भी हुए हैं। ब्‍लास्‍ट के बाद उस जगह लाशें बिछ गईं और मलबों का ढेर लग गया। मलबा हटाने के लिए नेशनल डिजैस्‍टर रेस्‍पॉन्‍स फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम को लगाया गया। एनडीआरएफ के डीजी ओ.पी. सिंह ने दिल्‍ली से बताया कि गुजरात के वड़ोदरा से मलबा हटाने के लिए टीम भेजी गई। यह टीम मलबा हटाने में काम आने वाली खास मशीनों से लैस है।
कब, कहां, कैसे हुआ हादसा ?
पेटलावद में बस स्‍टैंड के पास शनिवार सुबह करीब 8.30 बजे एक कारोबारी के घर में हुआ। बताया जाता है कि घर का एक हिस्‍सा एक फर्म ने किराए पर लिया हुआ है। यहां डेटोनेटर्स, जिलेटिन की छड़ें और कई विस्‍फोटक रखे थे। बताया जाता है कि इनका इस्‍तेमाल माइनिंग और पत्‍थर तोड़ने में होता था। इनमें अाग लग गई।
यहां हुए धमाके ने पास के रेस्‍टोरेंट को भी चपेट में ले लिया। रेस्‍टोरेंट में रखे गैस सिलेंडर में ब्‍लास्‍ट हो गया। करीब सौ मीटर के दायरे में मौजूद कुछ मकान भी तबाह हो गए। कई लोग मलबों के नीचे दब गए।
चश्‍मदीद बोले- धमाके के बाद हवा में उछले शव
धमाके में बच गए लोगों के मुताबिक, होटल में बैठे लोगों के शव हवा में ऐसे उछले जैसे किसी ने पत्थर उछाला हो।
क्‍यों हुई इतनी कैजुअल्‍टी
* जिलेटिन की छड़ों के चलते आग ने भयानक रूप ले लिया।
* धमाके के कारण होटल की छत गिर गई। इसमें कई लोग दब गए।
* सुबह होने के कारण बस स्‍टैंड के पास काफी भीड़ थी। इसलिए ज्‍यादा लोग हादसे की चपेट में आए।
और बढ़ सकती है मरने वालों की तादाद
घायलों को इलाज के लिए पास के जिले रतलाम और इंदौर ले जाया गया। लेकिन इनमें से कई की हालत नाजुक है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री हुए बाबू लाल गौर ने कहा कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। सरकार हादसे की जांच कराएगी। इसके बाद ही यह पता चल पाएगा कि हादसा क्यों हुआ।
गौर ने कहा है कि वह हादसे की जांच करवाएंगे। पुलिस का कहना है कि एक से ज्‍यादा ब्‍लास्‍ट हुआ था। हालांकि, आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने किसी आतंकी साजिश की आशंका से इनकार किया है।
मुआवजे का एलान
मारे गए लोगों की फैमिली को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपए और घायलों को इलाज के लिए 50 हजार रुपए दिए जाने का एलान राज्‍य सरकार ने किया है।

लद्दाख में आर्मी ने चीनी वॉच टावर को किया तबाह, बॉर्डर पर बढ़ी टेंशन

फाइल फोटो: लद्दाख में चीनी और भारतीय फौज (दाएं)।
फाइल फोटो: लद्दाख में चीनी और भारतीय फौज (दाएं)।
नई दिल्ली. लद्दाख में भारत और चीन की फौजें एक बार फिर आमने-सामने आ गई हैं। लद्दाख के बुर्तसे इलाके में दोनों देशों के बीच टेंशन तब बढ़ गई जब पैट्रोलिंग लाइन पर चीन की ओर से बनाए गए वॉच टावर को इंडियन आर्मी ने गिरा दिया। इस इलाके में बॉर्डर के दोनों तरफ बीते कुछ दिनों से फौज की तादाद बढ़ रही है।
क्या है मामला?
चीनी सेना ने पैट्रोलिंग लाइन (वह लाइन जिसके भीतर रहकर गश्त लगाई जाती है) के नजदीक वॉच टावर बना लिया था। शुक्रवार को भारतीय सेना और इंडो तिबतन बॉर्डर पुलिस ने मिलकर टावर को उखाड़ फेंका। इसके बाद दोनों तरफ फौज की तादाद बढ़ने लगी।

बुर्तसे में ही अगस्त 2014 और जुलाई 2013 में हुआ था टकराव

अगस्त 2014 : चीनी सैनिक लद्दाख के बुर्तसे क्षेत्र में भारतीय बॉर्डर में 25 किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे। इंडियन आर्मी के गश्ती दल ने पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के अधिकारियों को देखा था। इसके बाद गश्ती दल लौट आया था। अगले दिन जब जवान फिर गश्ती पर निकले, तब भी चीनी सैनिकों की जगह में कोई बदलाव नहीं आया। उन्होंने 'यह चीनी इलाका है, वापस जाओ' लिखा झंडा ले रखा था। भारतीय गश्ती दल के साथ क्विक रिएक्शन टीम भी गई, लेकिन चीनी सैनिकों ने जगह छोड़ने से मना कर दिया था।

सितंबर 2014 : 30 चीनी सैनिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार कर भारतीय बॉर्डर में 500 मीटर अंदर घुस गए थे और तंबू गाड़ दिए थे। मामले की खबर मिलते ही इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के 70 जवानों को इलाके में तैनात किया गया था।

जुलाई 2013 : चीन की आर्मी बुर्तसे में भारतीय चौकियों के दो किलोमीटर पास तक आ गई थी। यह जगह लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से करीब 30 किलोमीटर दूर है। इसी महीने चुमार सेक्टर में चीन की आर्मी घुस आई थी। उससे पहले 11 जुलाई को उनके हेलीकॉप्टर ने हमारे एयर स्पेस का वॉयलेशन किया था।

अप्रैल 2013 : लद्दाख के दिप्सांग के मैदानों में ही टकराव की स्थिति पैदा हुई थी जब चीनी सेना ने भारत के अंदर 19 किलोमीटर तक अपने खेमे गाड़ दिए थे। कुछ दिन बाद दोनों फौज इस बात पर राजी हुई कि पूरे लद्दाख में 15 अप्रैल से पहले की स्थिति बनाकर रखी जाएगी। इसके बाद ही भारत और चीन की आर्मी पीछे हटी।

चीन ने 2014 में 334 बार की घुसपैठ
चीनी सेना ने 2014 में 334 बार भारतीय इलाके में घुसपैठ की। यह घुसपैठ लद्दाख के आसपास के इलाकों में हुई है। पिछले साल अगस्त में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब भारत यात्रा पर थे, तब भी लद्दाख में 10 दिन से ज्यादा समय तक घुसपैठ विवाद के चलते भारत-चीन की आर्मी आमने-सामने थी। हालांकि, नवंबर 2014 में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि छुटपुट घटनाएं कई क्षेत्रों में होती रहती हैं। इन्हें एक-दो दिन के भीतर ही सुलझा लिया जाता है। इन्हें आप घुसपैठ की बड़ी घटना नहीं कह सकते। चीन से सटे बड़े हिस्से पर बॉर्डर इमेजनरी है। वहां दोनों ओर की आर्मी एक-दूसरे की तरफ चली जाती हैं।

क्या है विवाद?
बता दें कि भारत और चीन के बीच विवादित इलाका 4000 किलोमीटर का है। लेकिन चीन का कहना है कि सीमा विवाद वाला क्षेत्र महज 2000 किलोमीटर का है। इसकी वजह यह है कि पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर में से अक्साई चीन को चीन के ही सुपुर्द कर दिया है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच 18 दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है।

क़ुरआन का सन्देश

  
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