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15 सितंबर 2015

नासिक: डूब रहे शख्स को बचाने के लिए 20 फीट ऊंचे पुल से कूदा पुलिसवाला


नासिक. महाराष्ट्र के नासिक में चल रहे कुंभ मेले की सिक्युरिटी में तैनात सिपाही ने बहादुरी दिखाकर गोदावरी नदी में डूब रहे एक शख्स की जान बचा ली। यह दावा यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो में किया गया है। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस के इस दिलेर की फोटो और वीडियो इंटरनेट पर देखा जा रहा है। किसी की जान बचाने के लिए अपनी जान पर खेलकर 20 फीट ऊंचे पुल से नदी में छलांग लगाने वाले बहादुर सिपाही की हर कोई तारीफ कर रहा है।
क्या था मामला?
घटना किस दिन हुई इसका पता नहीं चल सका है। दावे के मुताबिक बताया जा रहा है कि एक शख्स गोदावरी नदी के पुल से सुसाइड करने के लिए नदी में कूदा। इसके बाद वहां चीख-पुकार मच गई। कई लोग नदी की तरफ दौड़े, लेकिन किसी ने नदी में डूब रहे युवक को बचाने की हिम्मत नहीं की। तभी सिपाही मनोज बराखटे दौड़ते हुए पुल पर आए और पुल से नदी में छलांग लगा दी। सिपाही ने बहादुरी से एक शख्स की जान बचा ली।

IS का वीडियो देखकर बेटी ने 20 बार अपनी मां को गोदा चाकू, 9 साल की सज़ा

फाइल फोटो: लीसा बोर्च
फाइल फोटो: लीसा बोर्च
वेन्सीसेल (डेनमार्क). डेनमार्क के विस्सेल (Kvissel) शहर में पिछले साल अपनी मां का मर्डर करने वाली 16 साल की एक लड़की को 9 साल और उसके ब्वॉयफ्रेंड को कोर्ट ने 13 साल जेल की सज़ा सुनाई है। वेबसाइट डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर में लीसा बोर्च नाम की इस लड़की ने 'आईएसआईएस के सिर कलम' करने वाले प्रोपेगैंडा वीडियोज देखकर अपनी ही मां का चाकू से गोदकर बेरहमी से मर्डर कर दिया था। लीसा ने अपनी मां पर 20 बार वार किया था। इसमें बख्तियार मोहम्मद अब्दुल्ला नाम के उसके एक मुस्लिम दोस्त ने भी साथ दिया था।
कैसे बनाया मर्डर का प्लान?
रिपोर्ट के मुताबिक, लीसा 29 साल के ब्वॉयफ्रेंड के साथ घंटों यूट्यूब पर ब्रिटिश बंधकों (डेविड हैन्स और एलन हैनिंग) को कत्ल किए जाने वाला वीडियो देखा करती थी। इसके बाद एक दिन दोनों ने टीना रोमर हॉल्तेगार्ड (लीसा की मां) की हत्या का प्लान बनाया।
खुद ही पुलिस को किया फोन
अपनी मां का मर्डर करने के बाद लीसा ने फोन पर पुलिस से कहा, "मैंने अपनी मां की चीख सुनी। जब खिड़की से बाहर झांका, तो एक गोरा शख्स भागता दिखा। आप जल्दी आइए। यहां चारों ओर खून ही खून है।" पुलिस भी फौरन वहां पहुंची गई। उन्होंने लीसा को कम्प्यूटर पर यूट्यूब वीडियोज सर्फ करते पाया। पुलिस ने जब उसकी मां के बारे में पूछा, तो लीसा ने बगैर उठे सीढ़ियों की ओर इशारा कर दिया। बाद में वह पकड़ी गई।
कौन थे डेविड हैन्स और एलन हैनिंग?
गौरतलब है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस का चर्चित चेहरा रहे 'जिहादी जॉन' (ब्रिटिश नागरिक मोहम्मद एमवाजी) ने कई हाई प्रोफाइल बंधकों का सिर कलम कर उनकी हत्या की थी। इनमें डेविड हैन्स और एलन हैनिंग का नाम भी शामिल है। डेविड को आतंकियों ने 2013 में बंधक बनाया था। वह एजेंसी फॉर टेक्निकल कुऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के लिए काम करता था। बीते साल 13 सितंबर को जिहादी जॉन ने उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद 3 अक्टूबर को ब्रिटिश ह्यूमैनिटेरियन एक्टिविस्ट एलन हैनिंग की भी हत्या कर दी गई। हैनिंग आईएसआईएस के हाथों मारा गया चौथा हाई प्रोफाइल पश्चिमी बंधक था। उसे 2013 में सीरिया के अल दाना में बंधक बनाया गया था।

भाई सलीम भारती का कहना है के किसी भी व्यक्ति की समस्या का समाधान उनकी पहली प्राथमिकता

आम लोगों की समस्याओ के समाधान मामले में संघर्ष के लिए हमेशा अपने नेतृत्व वाली जंगजू टीम के साथ तैयार रहने वाले भाई सलीम भारती का कहना है के किसी भी व्यक्ति की समस्या का समाधान उनकी पहली प्राथमिकता है ,,समस्या से जूझ रहे किसी भी व्यक्ति की ज़ात ,,धर्म ,,समाज ,,पार्टी ,,अमीरी ,,गरीबी नहीं देखी जाती ,,और इसीलिए भाई सलीम भारती पिछले दो दशको से भी अधिक समय से लोगों के इन्साफ के लिए जंग लड़ रहे है ,,इस जंग में उन्होंने कई लोगों की नाराज़गी भी मोल ली है ,,लेकिन लोगों की खिदमत और उनकी समस्या समाधान के बाद उनके चेहरे की ख़ुशी ही उनके लिए काफी है ,,,सलीम भारती ने तीस साल से भी अधिक समय पूर्व कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग में पदाधिकारी के रूप में अपना सेवा कार्य शुरू किया ,,कई कार्यक्रम करवाये ,,पार्टी के लिए धरने प्रदर्शन किये ,,फिर राजीव फ़ोर्स का गठन कर प्रदेश अध्यक्ष होने की हैसियत से राजीव फ़ोर्स का पुरे राजस्थान में गठन किया ,,राष्ट्रिय स्तर पर राजीव फ़ोर्स को खुद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उपस्थिति में आम लोगों के संघर्ष का हिस्सा बनाया ,,राजीव गांधी ने सलीम भारती का जंगजू जज़्बा देखकर इनकी पीठ थपथपा कर इन्हे मुबारकबाद दी ,,,राजीव गांधी ने जब भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोला और सार्वजनिक रूप से कहा के हम देश के गरीबो के लिए ,,योजनाओ के लिए एक रुपया भेजते है तो उन तक केवल पन्द्राह पैसे ही पहुंचते है ऐसे में पच्यासी पैसे हमारे छीजत में चले जाते है ,,,,राजीव गांधी के इस भ्रष्टाचार नियंत्रण अभियान को कामयाब बनाने के लिए भाई सलीम भारती ने राष्ट्रिय स्तर पर राजीव ब्रिगेड का गठन किया और कोटा सहित राजस्थान ,,दूसरे राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ हल्ला बोल कार्यक्रम शुरू किया ,,सलीम भारती की इस रणनीति से कई दफ्तरों और भ्रष्ट अधिकारियो में खौफ का वातावरण बना और भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश सा लगा ,,लेकिन फिर सलीम भारती के खिलाफ भ्रष्ट लोगों के कोकस की दमनकारी नीति चली ,,इनके खिलाफ कई झूंठे मुक़दमे अधिकारियो ने दर्ज करवाये ,,,,इन सब के बावजूद भी सलीम भारती ने अपनी जंग जनहित में जारी रखी ,,,,सलीम भारती ने अपने साथियो के साथ भाजपा के गढ़ लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के उद्योग नगर सहित कई इलाक़ो में कांग्रेस को स्थापित किया ,,हर चुनाव में अपनी सक्रिय भूमिका निभाकर कांग्रेस को ज़िंदाबाद किया ,,लेकिन जब कांग्रेस की सरकार में अल्पसंख्यको पर ज़ुल्म ज़्यादतियाँ बढ़ी ,,पक्षपात की शिकायते आई तो सलीम भारती ने पार्टी विचारधारा की परवाह किये बगैर कांग्रेस के कुछ नेताओ के खिलाफ जंग का ऐलान किया और विकट परिस्थितियों में भी तात्कालिक प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद ,,,,राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को राजस्थान के हालातो से अवगत कराया जिसे स्वीकार कर कांग्रेस हाईकमान ने जांच करवाते हुए राजस्थान कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार किये ,,,,खुद सलीम भारती को भी पता नहीं के उन्होंने अपने नेतृत्व में जनहित के कितने हज़ार आंदोलन किये है ,,,हर वक़्त ,,हर क्षण सलीम भारती दलगत राजनीति से अलग हठकर आम आदमी के लिए संघर्ष का हिस्सा बने सलीम भारती सिर्फ अपना कर्म करते है वोह फल का इन्तिज़ार नहीं करते ,,,सलीम भारती अल्पसंख्यक ,,बहुसंख्यक कोई भी वर्ग हो सभी की समस्याओ के लिए संघर्ष किया है इसीलिए वोह चंद लम्हों में अपने साथियो की टीम कहीं भी एकत्रित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ हमला बोलने का हुनर रखते है ,,अभी हाल ही में हाड़ोती के विकास को लेकर संघर्ष के लिए सलीम भारती ने हाड़ोती विकास मंच का गठन किया है और वोह इस मंच के माध्यम से सोशल मिडिया सहित आम जनता के बीच हाड़ोती की समस्याओ को उठा रहे है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लगभग सभी स्थानो पर अध्यापको की नियुक्ति यथावत

कोटा सहित राजस्थान में उर्दू अध्यापको को स्टफिंग पैटर्न के नाम पर हटाने के मामले में तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान द्वारा ज़बरदस्त विरोध के बाद सरकार ने भूल सुधारते हुए लगभग सभी स्थानो पर अध्यापको की नियुक्ति यथावत कर दी है ,,,,इस मामले में राजस्थान शिक्षा निदेशक सुआलाल की महत्वपूर्ण सकारात्मक भूमिका रही है ,,जबकि कोटा कलेक्टर ,,कोटा पुलिस अधीक्षक ,,,गृहमंत्री राजस्थान सरकार ,,मुख्य सचीव राजस्थान सरकार सहित सभी सियासी पार्टियो के नेताओ की भी मदद रही है ,,,आज इस मामले में शिक्षा निदेशक सुआलाल ने संबंधित आदेश भी जारी किये ,,सुआलाल निदेशक शिक्षा से जब आर पी एस सी चयनित अध्यापको की नियुक्ति नहीं किये जाने की शिकायत की तो उनका सकारात्मक जवाब था के इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट का स्थगन आदेश है और चयनित लोग जल्दी ही अपना पक्ष हाईकोर्ट में रखकर इस बाधा को अगर दूर करवाते है तो उन्हें भी तुरंत पोस्टिंग दे दिया जाएगा ,,सुआलाल निदेशक ने कहा के अब स्कूलों में अभिभावकों और उर्दू के हमदर्दो को छात्र छात्राओ की संख्या बढ़ाने की भी मशक़्क़त करना होगी ,,,,,,सुआलाल से जब कोटा सहित राजस्थान के सभी स्कूलों में अध्यापको के इधर उधर होने से कुछ छात्रों द्वारा विषय बदलने की शिकायत करते हुए उन्हें फिर से उर्दू विषय में नामांकित करने की मांग की तो उन्होंने कहा के इस मामले में पन्द्राह सितमबर अंतिम तारीख है सभी स्कूलों में अभिभावक या छात्र अपने संस्था प्रधान को लिखित में दे दे तो उनका विषय उर्दू में नामांकित हो जाएगा ,,,,,,,,,,,,,,,अखतर खान अकेला कोटा राजस्थान

RSS की मैगजीन ने वाइस प्रेसिडेंट पर लिखा- माइनॉरिटी ही शुरू करती है दंगे

फाइल फोटो- मजलिस-ए-मुशावरत के जलसे में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (बाएं)
फाइल फोटो- मजलिस-ए-मुशावरत के जलसे में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (बाएं)
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के माउथपीस (मुखपत्र) पांचजन्य ने देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को कम्युनल (सांप्रदायिक) मुस्लिम करार दिया है। मैगजीन में छपे आर्टिकल में अंसारी के एक भाषण का जिक्र करते हुए तीखे हमले किए गए हैं। 'पिछड़ने की वजह और बेमौसमी राग' हेडिंग से छपे इस आर्टिकल को सतीश पेडणेकर ने लिखा है।
मैगजीन के मुताबिक, 'हामिद अंसारी मुसलमानों की सुरक्षा का मामला उठाते हैं। वह कहते हैं कि मुसलमानों को बहुसंख्यक समाज से खतरा है? उनका इशारा शायद दंगों की तरफ था, लेकिन दंगे तो ज्यादातर अल्पसंख्यक (माइनॉरिटी) ही शुरू करते हैं। जब बहुसंख्यकों की उस पर प्रतिक्रिया होती है तो उसे मुस्लिम सिक्युरिटी का मुद्दा बना लेते हैं।' बता दें कि कुछ दिन पहले मजलिस-ए-मुशावरत के जलसे में उपराष्ट्रपति ने मोदी सरकार से मुस्लिमों के कल्याण और उन्हें बराबरी का हक दिलाने पर ध्यान देने की बात कही थी।
हामिद अंसारी पर पांचजन्य ने और क्या लिखा:
-उपराष्ट्रपति काफी पढ़े-लिखे और विद्वान व्यक्ति हैं। मजलिस-ए-मुशावरत के जलसे में दिया गया उनका बहुचर्चित भाषण से बहुत निराशा हुई। उनका भाषण एक सांप्रदायिक मुस्लिम नेता का जैसा है। उपराष्ट्रपति को किसी एक समुदाय विशेष की तरफदारी करने के बजाय सबके हित की बात करनी चाहिए।
-मुसलमानों को हज यात्रा करने के लिए सब्सिडी दी जाती है। ऐसी हालत में समझ नहीं आता कि विशेष अधिकार मिलने पर भी उपराष्ट्रपति को कैसे लगता है कि मुसलमान-अस्मिता को खतरा है? इससे तो बहुसंख्यक हिन्दू समाज को खतरा है। देश के पंथनिरपेक्ष चरित्र को खतरा है। लेकिन उपराष्ट्रपति अपने मजहब से ऊपर उठकर यह बात नहीं कह सके।

-दंगे केवल मुस्लिम सुरक्षा का सवाल नहीं हैं, हिन्दू सुरक्षा का सवाल भी हैं। देश के 7 राज्यों में हिन्दू भी अल्पसंख्यक हैं। इसके अलावा देशभर में हुई इस्लामी आतंकवाद की घटनाओं में सैकड़ों हिन्दू मारे गए हैं। क्या उनका खून पानी है?
- हामिद अंसारी ने भाषण में विभाजन का मुद्दा उठाया। कहा कि मुसलमानों को उन राजनीतिक घटनाओं और समझौतों का बोझ भी उठाना पड़ रहा है जो देश विभाजन का कारण बनीं। लेकिन हामिद अंसारी भूल जाते हैं कि मुस्लिम विभाजन के शिकार नहीं, उसकी वजह हैं। उनके इस कारनामे के नतीजे आज सारे गैर-मुस्लिम झेल रहे हैं।
- हामिद अंसारी को आम मुस्लिम नेताओं की तरह अपने समुदाय को भेदभाव का शिकार बताने करने के बजाय इस्लाम की रूढ़िवादिता और कट्टरपन के बारे में मुसलमानों से खरी-खरी सुनानी चाहिए थीं, जिससे मुसलमान बाकी भारतीय समाज से तालमेल नहीं कर पाते हैं और संघर्ष का कारण बनते हैं।

- हामिद अंसारी का भाषण मुस्लिम संस्थाओं के मांगपत्र जैसा था। इसमें कई बार आधुनिकता जैसे शब्द भी आए हैं, लेकिन यह बात तो अंसारी ही बता सकते हैं कि कोई समुदाय अपनी 1400 साल पुरानी पोथियों की बातों को आज भी जैसे के तैसे लागू करने पर भी कैसे आधुनिक हो सकता है?

नगरीय कर के विरोध में एक बड़ा प्रदर्शन किया

आज फिर से कांग्रेस द्वारा पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी के नेतृत्व में नगरीय कर के विरोध में एक बड़ा प्रदर्शन किया गया जिसमे हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता सी ऐ डी चौराहे पर 11 :00 बजे एकत्रित हुए और वहां से भारी हुजूम के साथ हाथों में नगरीय कर के खिलाफ तख्तीयाँ लिए नारेबाजी करते हुए जुलुस के रूप में नगर निगम कार्यालय के बाहर पहुंचे जहाँ सभी कांग्रेसजनों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, साथ ही नगर निगम द्वारा जारी किये गए नोटिसों की प्रतियों की होली जलाई |
सभा को संबोधित करते हुए त्यागी ने कहा नगरीय कर वसूलकर 200 करोड़ रूपये में ये कौनसी स्मार्ट सिटी बनाने की बात कर रहे हैं कोटा को स्मार्ट सिटी तो हमने बनाया है कांग्रेस सरकार के शासनकाल में शहर के विकास पर 2500 रूपये के काम करके, ये क्या मात्र 200 करोड़ रूपये में स्मार्ट सिटी बना देंगे ? क्या 200 करोड़ रूपये देकर शहरवासियों की भावनाओं का मजाक बनाया जा रहा है ? इनसे हमारे द्वारा किये गए विकास कार्य तो संभल नहीं रहे और स्मार्ट सिटी बनाने की बात करते हैं | शहर में महामारी फैली हुई है नगर निगम से शहर की साफ़ सफाई तो संभाली नहीं जा रही और स्मार्ट सिटी की बातें कर रहे हैं, कोचिंग के छात्र शहर छोड़ कर पलायन कर रहे हैं लोग बीमारियों से मर रहे हैं इन मौतों का जिम्मेदार कौन है ?
उन्होंने कहा, हमने नगरीय कर के खिलाफ जनांदोलन छेड़ा जिसमे शहरवासियों का भरपूर सहयोग देखते हुए इन्होने आन्दोलन को कुचलने के लिए हमारे उपर झूठे मुक़दमे लादे और हमें गिरफ्तार किया गया, भाजपा के पार्षद पति, नेताओं के इशारों पर निगम अधिकारीयों से बदसलूकी करते हैं जिसके खिलाफ कोई पुलिसिया कार्यवाही ना होने पर निगम कर्मचारी पेन डाउन हड़ताल करते हैं पर कोई मामला दर्ज नहीं होता, हमारे ऊपर लादे हुए इन झूठे मुकदमों एवं सरकार की दमनात्मक एवं तानाशाही कार्यवाही से डरने वाले नहीं हैं और इस मुद्दे पर दुसरे झूठे मुकदमें में आज प्रदर्शन के बाद सभी नामजद नेता कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ रैली के रूप में किशोरपुरा थाने जाकर अपनी सामूहिक गिरफ़्तारी देंगे और थाने का घेराव करेंगे | साथ ही ये भी कहा कि कांग्रेस राज में नगरीय कर का विरोध करने वाले भाजपा जनप्रतिनिधि आज मौन क्यों है ? नगरीय कर को लेकर जनता के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं कर रहे ?
सभा ख़त्म होने के बाद कांग्रेस के सैंकड़ो कार्यकर्ता राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलुस के रूप में रविन्द्र त्यागी के नेतृत्व में पूर्व प्रदर्शन के दौरान दर्ज दूसरे झूठे मुक़दमे में सामूहिक गिरफ्तारी देने हेतु किशोरपुरा थाने पहुंचे | जहाँ रविन्द्र त्यागी, राजेंद्र सांखला, विध्याशंकर गौतम, चंदा बना, दुष्यंत गहलोत, अनूप कुमार अन्नू, अनिल सुवालका, संदीप भाटिया आदि ने गिरफ्तारी दी, जिन्हें गिरफ्तारी देने के बाद अदालत में पेश किया गया जहां से सभी नामजद नेताओं को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, सुनवाई के दौरान अदालत परिसर में कार्यकर्ताओं से खचाखच भरा हुआ था |

'डॉग' को लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे सोमनाथ भारती, बोले- रख लो इसे

अपने कुत्ते को लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे सोमनाथ भारती।
अपने कुत्ते को लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे सोमनाथ भारती।
नई दिल्ली. घरेलू हिंसा और पत्नी को मेंटल टॉर्चर के आरोप में फंसे दिल्ली के एक्स लॉ मिनिस्टर और AAP एमएलए सोमनाथ भारती को हाईकोर्ट ने राहत देते हुए हुए उनकी गिरफ्तारी पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी। इसके बाद सोमनाथ भारती सामने आए और देर रात द्वारका नॉर्थ पुलिस स्टेशन पहुंचे। सोमनाथ अपने कुत्ते को भी अपने साथ लेकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस की हर इंवेस्टीगेशन में शामिल होने के लिए तैयार हूं। उन्होंने (पुलिस) डॉग की डिमांड की थी, मैं इसे अपने साथ लाया हूं, वो इसे रख लें।
जब दिल्ली की एक अदालत ने सोमनाथ भारती के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में नॉन-बेलेबल वारंट जारी किया, तो पुलिस ने अदालत से भारती के कुत्ते को हिरासत में लेने की अनुमति मांगी थी। सोमनाथ की वाइफ लिपिका ने आरोप लगाया था कि भारती ने उनपर कुत्ते से अटैक कराया था। सोमनाथ ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ उनके संबंध ठीक हैं। पार्टी के लोगों को कैसे पता चलेगा कि मेरे और मेरी पत्नी के बीच क्या चल रहा है। भारती ने कहा कि राजनीतिक कारणों से दिल्ली पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कब दर्ज हुआ था मामला?
पिछले सप्ताह दिल्ली के एक्स लॉ मिनिस्टर सोमनाथ भारती के खिलाफ उनकी पत्नी की लिपिका मित्रा की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। लिपिका ने सोमनाथ भारती पर घरेलू हिंसा और मेंटल टॉर्चर के आरोप लगाए थे।

किन धाराओं के तहत मामला?
भारती के खिलाफ दिल्ली के द्वारका नॉर्थ थाने में आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश) और 498(ए) (साथी के साथ क्रूरता) और 323 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाने) के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
अब तक क्या?
- 7 जुलाई, 2015 कोर्ट ने भारती की एंटीसिपेटरी बेल की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट का कहना था कि एप्लिकेशन प्रीमैच्योर है, क्योंकि भारती के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

- जून 2015 में लिपिका ने सोमनाथ भारती पर मारपीट समेत कई आरोप लगाए थे। वुमन कमीशन में भी शिकायत दर्ज कराई थी। लिपिका का कहना था कि भारती उनके साथ 2010 से मारपीट कर रहे हैं।

- सोमनाथ ने लिपिका आरोपों का जवाब देते हुए कहा था, ‘लिपिका नहीं चाहती कि मैं अपनी मां के साथ रहूं। वह चाहती है कि मैं राजनीति छोड़ दूं।’ भारती के मुताबिक, ऐसा न करने की वजह से लिपिका इस तरह के आरोप लगा रही हैं।

कोटा शहर के बारे में रोचक जानकारी:


यदि आप कोटा शहर में किसी भी तरफ से प्रवेश करने वाले हो चाहे वो बारां की, बूंदी की, झालावाड़ की, चित्तोड़ की, कैथून की तरफ से हो तो आपको साईन बोर्ड पढ़ने की आवश्यकता नही पड़ेगी। क्योकि जब कोटा आने की ख़ुशी में आपका वाहन स्वयं ही नाचने लगेगा और आपका शरीर उसके साथ हिचकोले खाकर ऐंठने लगेगा या चोटिल भी हो सकता हे तो आपको अपने आप पता चल जायेगा की कोटा आने वाला हे। जिस कोटा की शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान हो वही कोटा अपने नव आगंतुकों का इस प्रकार धूल से और जानलेवा गड्डो से स्वागत करता हे। इसकी पीड़ा स्वयं परिवहन मंत्री भी भुगत चुके हे। जिस शहर से 3 विधायक और एक सांसद के होते हुए भी सड़को की ये स्थिति हो तो ये गंभीर चिंतन की बात हे।

मिलिए जनाब अबुल हसन से, एक ऑटो रिक्शा चलाने वाला जिसका दिल किसी राजा

मिलिए जनाब अबुल हसन से, एक ऑटो रिक्शा चलाने वाला जिसका दिल किसी राजा से भी रईस है. वो ग़रीबों, मरीज़ों, ज़ईफ़ों को अपने ऑटो में मुफ्त में सफर कराते हैं. वो लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार अपने पैसों से करते हैं, वो रोज़ आना 4 ग़रीबों को अपने पैसे से खाना खिलाते हैं और रमज़ान में ये गिनती 20 तक हो जाती है. यही नहीं, हर साल वो 10 ग़रीब बच्चों को उनकी तालीमी फीस के लिए 1000 रुपये देते हैं और साथ हैं इम्तिहान में प्रथम आने वाले 10 ग़रीब बच्चों को प्रतिभा पुरूस्कार भी देते हैं. वो लोगों से कपडे जमा करके ग़रीबो और मिस्कीनों तक पहुंचाते हैं. उनके ऑटो में हमेशा थोड़ा पेट्रोल अलगसे रखा रहता है ताकि रस्ते में किसी का तेल खत्म होने पर उसकी मदद की जा सके और साथ ही गर्मियों में ठन्डे पानी का कैन भी उनके ऑटो में रहता है प्यासों की प्यास बुझाने के लिए. वो सड़क पर मौजूद गढ्ढों को खुद ही भर देते हैं मिटटी से और बेहूदा और गुमरहकन पोस्टर/ होर्डिंग को खुद ही faad देते हैं. अबुल हसन कहते हैं की "मैं मानता हूँ की इंसानो की खिदमत करने के लिए किसी पद की ज़रूरत नहीं है और इसी तरह किसी की मदद करने के लिए अमीर होने की ज़रूरत नहीं बस आपके पास एक दयालु हिर्दय होना चाहिए. अबुल हसन तेलंगाना के रहने वाले हैं और मानव सेवा को सबसे बड़ा काम मानते हैं, उनकी आय ऑटो से और अपने मकान के किराए से होती है पर उनका खर्च दर्जनो के लिए होता है क्योंकि उनका दिल बड़ा है, काश हम सब का दिल भी ऐसा हो जाता तो कोई भूका नहीं सोता... आगे बढ़िए, अच्छा काम करने के लिए अमीर या मशहूर होना ज़रूरी नहीं है. अमीर तो बहुत होंगे पर इनसे अमीर बहुत काम ही

क़ुरआन का सन्देश

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