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16 सितंबर 2015

छेड़छाड़ पर प्रिंसिपल ने कहा- सिर्फ छुआ ही है, रेप तो नहीं किया, लड़कियां भड़कीं dainikbhaskar.com Sep 16, 2015, 17:36 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 3 1 of 12 Next शिक्षक और पिंसिपल के खिलाफ नारे लगाती छात्राएं। शिक्षक और पिंसिपल के खिलाफ नारे लगाती छात्राएं। पटना. बिहार की राजधानी स्थित पटना वीमेंस कॉलेज में बुधवार को छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। छात्राएं छेड़खानी के आरोपी टीचर संजय दत्ता को बचाने की कोशिश करने वाली प्रिंसिपल सिस्टर मारी जैसी एसी के खिलाफ नारे लगा रही थीं। गौरतलब है कि लड़कियों की शिकायत पर प्रिंसिपल ने कहा था कि उसने सिर्फ छुआ है रेप तो नहीं किया ना। तुमलोग दुपट्टा गलत ढंग से लेती हो तो यह होगा ही, इसके लिए तुमलोग ही जिम्मेदार हो। पीड़िता की मां आई कॉलेज तो भड़क गया मामला कॉलेज का माहौल बुधवार सुबह से ही गर्म था। करीब 11.30 बजे छात्र संगठन AISF के छात्र कॉलेज के गेट पर आ गए और आरोपी शिक्षक और प्रिंसिपल के खिलाफ नारे लगाने लगे। गेट पर हो रहे विरोध प्रदर्शन की आवाज सुन लड़कियां क्लास छोड़ कॉलेज कैंपस में आ गईं। इसी दौरान पीड़िता की मां भी कॉलेज में पहुंच गई। कॉलेज कैंपस में जब सभी लड़कियां जमा हो गईं तो लंबे समय से शांत उनका गुस्सा फूट पड़ा। छात्राएं 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाने लगीं। विरोध प्रदर्शन देख कॉलेज प्रशासन ने मुख्य गेट को बंद कर दिया। प्रदर्शन के दौरान लड़कियों ने कॉलेज के गेट को तोड़ने की कोशिश भी की। कुछ लड़कियों के साथ कॉलेज प्रशासन द्वारा मारपीट किए जाने की बात भी सामने आ रही है। विरोध करने वाली लड़कियों के आई कार्ड छीने प्रदर्शन कर रहीं कुछ लड़कियों के आईकार्ड छीन लिए गए। एक टीचर ने उनकी फोटो भी उतारी और कहा जो लड़कियां हंगामा कर रही हैं, उन्हें कॉलेज से निकाल दिया जाएगा। बाद में पुलिस आई और जांच का भरोसा दिलाए जाने के बाद विरोध शांत हुआ। छात्रा ने फेसबुक पर लिखा था अपना दर्द, जिसके बाद सबके सामने आया मामला कॉलेज में होने वाले छेड़छाड़ की बात एक छात्रा ने फेसबुक पर अपना दर्द लिखा था, जिसके बाद यह मामला सबके सामने आया। यह लिखा था छात्रा ने... सर की हरकतें सामने आई, जो काफी समय से चली आ रही थी। लड़कियों को गलत तरीके से छुना और उन्हें सेक्सुअली हैरेस कर उनके विषयों में अंक बढ़ाने का दावा करना उनका काम है। हाल में बीएमसी विभाग की थर्ड इयर की छात्रा को भी दत्ता सर ने कहा कि मैं तुम्हारे अंक बढ़ा दुंगा, तुम अकेली बीसीए विभाग में आना। जब वह गई तो उसने छात्रा के प्राइवेट पार्ट्स पर छूने की कोशिश की। जब छात्रा ने कॉलेज की प्रिंसिपल सिस्टर मारी जेसी एसी से शिकायत की, तो प्रिंसिपल ने पूछा तुम्हारे पास शिक्षक के खिलाफ क्या सबूत है। जब शिक्षक ने उसे गलत ढंग से छुने की कोशिश की थी, तो छात्रा ने उसका वीडियो बना लिया था। उसे पहले से शक था कि संजय की उसपर गलत नजर है। छात्रा ने यह वीडियो जब प्रिंसिपल को दिखाया, तो प्रिंसिपल ने वीडियो देखने के बाद भी संजय के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। प्रिंसिपल ने छात्रा को यह कह डाला कि उसने सिर्फ छुआ ही है ना। रेप तो नहीं किया.... प्रिंसिपल ने छात्रा को चुप रहने की धमकी दी और कहा कि अगर उसने बात फैलाई तो उसे कॉलेज के रेस्टिकेट कर दिया जाएगा।

शिक्षक और पिंसिपल के खिलाफ नारे लगाती छात्राएं।
शिक्षक और पिंसिपल के खिलाफ नारे लगाती छात्राएं।
पटना. बिहार की राजधानी स्थित पटना वीमेंस कॉलेज में बुधवार को छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। छात्राएं छेड़खानी के आरोपी टीचर संजय दत्ता को बचाने की कोशिश करने वाली प्रिंसिपल सिस्टर मारी जैसी एसी के खिलाफ नारे लगा रही थीं। गौरतलब है कि लड़कियों की शिकायत पर प्रिंसिपल ने कहा था कि उसने सिर्फ छुआ है रेप तो नहीं किया ना। तुमलोग दुपट्टा गलत ढंग से लेती हो तो यह होगा ही, इसके लिए तुमलोग ही जिम्मेदार हो।
पीड़िता की मां आई कॉलेज तो भड़क गया मामला
कॉलेज का माहौल बुधवार सुबह से ही गर्म था। करीब 11.30 बजे छात्र संगठन AISF के छात्र कॉलेज के गेट पर आ गए और आरोपी शिक्षक और प्रिंसिपल के खिलाफ नारे लगाने लगे। गेट पर हो रहे विरोध प्रदर्शन की आवाज सुन लड़कियां क्लास छोड़ कॉलेज कैंपस में आ गईं। इसी दौरान पीड़िता की मां भी कॉलेज में पहुंच गई। कॉलेज कैंपस में जब सभी लड़कियां जमा हो गईं तो लंबे समय से शांत उनका गुस्सा फूट पड़ा। छात्राएं 'वी वांट जस्टिस' के नारे लगाने लगीं। विरोध प्रदर्शन देख कॉलेज प्रशासन ने मुख्य गेट को बंद कर दिया। प्रदर्शन के दौरान लड़कियों ने कॉलेज के गेट को तोड़ने की कोशिश भी की। कुछ लड़कियों के साथ कॉलेज प्रशासन द्वारा मारपीट किए जाने की बात भी सामने आ रही है।
विरोध करने वाली लड़कियों के आई कार्ड छीने
प्रदर्शन कर रहीं कुछ लड़कियों के आईकार्ड छीन लिए गए। एक टीचर ने उनकी फोटो भी उतारी और कहा जो लड़कियां हंगामा कर रही हैं, उन्हें कॉलेज से निकाल दिया जाएगा। बाद में पुलिस आई और जांच का भरोसा दिलाए जाने के बाद विरोध शांत हुआ।
छात्रा ने फेसबुक पर लिखा था अपना दर्द, जिसके बाद सबके सामने आया मामला
कॉलेज में होने वाले छेड़छाड़ की बात एक छात्रा ने फेसबुक पर अपना दर्द लिखा था, जिसके बाद यह मामला सबके सामने आया। यह लिखा था छात्रा ने...
सर की हरकतें सामने आई, जो काफी समय से चली आ रही थी। लड़कियों को गलत तरीके से छुना और उन्हें सेक्सुअली हैरेस कर उनके विषयों में अंक बढ़ाने का दावा करना उनका काम है। हाल में बीएमसी विभाग की थर्ड इयर की छात्रा को भी दत्ता सर ने कहा कि मैं तुम्हारे अंक बढ़ा दुंगा, तुम अकेली बीसीए विभाग में आना। जब वह गई तो उसने छात्रा के प्राइवेट पार्ट्स पर छूने की कोशिश की।
जब छात्रा ने कॉलेज की प्रिंसिपल सिस्टर मारी जेसी एसी से शिकायत की, तो प्रिंसिपल ने पूछा तुम्हारे पास शिक्षक के खिलाफ क्या सबूत है। जब शिक्षक ने उसे गलत ढंग से छुने की कोशिश की थी, तो छात्रा ने उसका वीडियो बना लिया था। उसे पहले से शक था कि संजय की उसपर गलत नजर है। छात्रा ने यह वीडियो जब प्रिंसिपल को दिखाया, तो प्रिंसिपल ने वीडियो देखने के बाद भी संजय के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। प्रिंसिपल ने छात्रा को यह कह डाला कि उसने सिर्फ छुआ ही है ना। रेप तो नहीं किया.... प्रिंसिपल ने छात्रा को चुप रहने की धमकी दी और कहा कि अगर उसने बात फैलाई तो उसे कॉलेज के रेस्टिकेट कर दिया जाएगा।

रूस: डॉन के साथ जेल में संबंध बनाती थी एक्टिविस्ट, सीक्रेट कैमरे ने पकड़ा

प्रिजन सेल में डॉन के साथ एक्टिविस्ट।
प्रिजन सेल में डॉन के साथ एक्टिविस्ट।
मॉस्को. रूस की एक जेल में माफिया डॉन और ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट के बीच जिस्मानी संबंध बनाने का वीडियो सामने आया है। घटना मॉस्को के सवर्डलोस्क ओब्लास्ट क्षेत्र की है। जेल एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट यह देखने के बहाने जेल में जाती थी कि डॉन के साथ बुरा सलूक तो नहीं किया जा रहा है। जेल अथॉरिटी द्वारा प्रिजन सेल में लगाए सीक्रेट कैमरे में दोनों की हरकत रिकॉर्ड हो गई।
जेल अथॉरिटी को क्यों हुआ शक?
जेल के अफसरों का कहना है कि दोनों की हरकतें अजीब थीं। उनकी मुलाकात काफी देर तक चलती थी। शक होने पर सेल में एक सीक्रेट कैमरा लगाया गया। वीडियो सामने आने से पहले ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट रोजाना इस डॉन से मिलने जेल आती थी। वीडियो सामने आने के बाद हंगामा हो गया।
वीडियो में क्या
फुटेज में दिख रहा है कि एक महिला सेल में आती है और इस डॉन से कुछ मिनट तक बातचीत करती है। इसके बाद महिला और कैदी जिस्मानी संबंध बनाने लगते हैं। फुटेज इसी साल अप्रैल का बताया जा रहा है।
लोगों ने उठाए सवाल
वीडियो सामने आने के बाद लोकल मीडिया में जेल एडमिनिस्ट्रेशन की काफी फजीहत हुई। लोगों का कहना है कि एक माफिया डॉन के सेल में बेड, कुर्सियां और कॉफी टेबल क्यों हैं? उसकी सेल में दीवारों पर पेन्टिंग क्यों लगी है? वे एडमिनिस्ट्रेशन से यह भी पूछ रहे हैं कि एक खतरनाक क्रिमिनल को क्या इतनी फैसिलिटीज देना गलत नहीं है।

मक्का हादसा: मरने वालों की फैमिली को 1.7 करोड़ रुपए, 2 मेंबर को मुफ्त हज

घायलों से अस्पताल में बातचीत करते सऊदी किंग।
घायलों से अस्पताल में बातचीत करते सऊदी किंग।
मक्का. सऊदी अरब के किंग सलमान ने बीते हफ्ते मक्का में हुए हादसे में मारे गए और गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों की फैमिली को 1.7 करोड़ रुपए और मामूली रूप से जख्मी लोगों को 88 लाख रुपए देने का एलान किया है। 11 सितंबर को पवित्र शहर मक्का की अल हरम मस्जिद में क्रेन गिरने से कम से कम 111 लोग मारे गए, जबकि लगभग 400 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में 11 भारतीय भी शामिल हैं।
दो मेंबर्स को मुफ्त हज यात्रा
किंग सलमान ने यहा भी कहा है कि सऊदी सरकार क्रेन हादसे में मरने वालों के परिवार में से दो लोगों को अगले साल न सिर्फ मेहमान का दर्जा देगी, बल्कि उनके हज का सारा खर्च भी खुद देगी।
बिन लादेन ग्रुप पर चला शाही कोर्ट का डंडा
बता दें कि जिस क्रेन से इतना बड़ा हादसा हुआ, उसे आतंकी ओसामा बिन लादेन के परिवार की कंस्ट्रक्शन कंपनी 'सऊदी बिन लादेन ग्रुप' (एसबीजी) ऑपरेट कर रही थी। सऊदी की शाही कोर्ट ने एसबीजी को सस्पेंड कर दिया है। गौरतलब है कि एसबीजी को ही अल हरम मस्जिद के एक्सपैन्शन की जिम्मेदारी दी गई थी।
ताकि एक बार में 22 लाख लोग मौजूद रह सकें
एसबीजी को मक्का की इस मस्जिद का एरिया 43 लाख स्क्वेयर फीट तक बढ़ाने का काम सौंपा गया था। इसके लिए मस्जिद के चारों ओर बड़ी-बड़ी क्रेनें लगाई गई थीं। इस प्रोजेक्ट पर सऊदी सरकार 1.37 लाख करोड़ रुपए कर रही है। कंस्ट्रक्शन इस तरह किया जा रहा था कि वहां एक बार में 22 लाख लोग मौजूद रह सकें। ग्रैंड मस्जिद के एक्सपैन्शन का काम सऊदी के पूर्व किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुलअजीज ने 2011 में लॉन्च किया था।
कैसे हुआ था हादसा?
हादसे की जांच करने वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि क्रेन को गलत दिशा में लगाया गया था। कंपनी द्वारा क्रेन को लगाने के मानकों का पालन नहीं किया गया था।
पहले कब हुए हादसे?
- 1987 : ईरानी श्रद्धालुओं और सऊदी गवर्नमेंट के बीच झड़प में 402 लोगों की मौत और 650 लोग घायल।
- 1989 : मक्का में दो बम ब्लास्ट में एक की मौत, 16 घायल।
- 1990 : भगदड़ में 1426 लोगों की मौत।
- 1994 : पत्थर मारने की रस्म के दौरान भगदड़ से 270 लोगों की मौत।
- 1997 : आग लगने से 340 से ज्यादा लोगों की मौत, 1500 घायल।
- 1998 : ओवर पास पर 180 लोगों की मौत।
- 2001 : भगदड़ में 35 लोगों की मौत।
- 2004 : भगदड़ में 200 से ज्यादा लोगों की मौत।
- 2006 : मक्का में ब्रिज पर मची भगदड़ की वजह से 300 लोगों की जान गई।

भारत छोड़कर भागा सऊदी डिप्लोमैट, दो नेपाली महिलाओं से रेप का है आरोप

सऊदी डिप्लोमैट के चुंगल से छुड़ाई गई दो नेपाली महिलाएं मां-बेटी हैं।
सऊदी डिप्लोमैट के चुंगल से छुड़ाई गई दो नेपाली महिलाएं मां-बेटी हैं।
नई दिल्ली. गुड़गांव में दो नेपाली महिलाओं से रेप का आरोपी सऊदी डिप्लोमैट भारत छोड़कर भाग गया है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें पता चला है कि कथित तौर पर 2 नेपाली महिलाओं के साथ रेप और बंधक बनाकर रखने वाले माजिद अशूर ने भारत छोड़ दिया है। गुड़गांव में सऊदी डिप्लोमैट के घर से पिछले दिनों पुलिस ने 44 और 20 साल की दो नेपाली महिलाओं को छुड़ाया था। इन महिलाओं ने अशूर पर रेप करने और उन्हें बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया था।
कौन है आरोपी?
आरोपी माजिद अशूर की उम्र 50 साल बताई गई। वह सऊदी एंबेसी के वीजा सेक्शन में डिप्टी हेड के तौर पर तैनात था। बताया जाता है कि एंबेसी में वह महत्वपूर्ण अफसर है, जिसके पास कई एडिशनल चार्जेज भी हैं।
एंबेसी ने नहीं किया सपोर्ट
सऊदी एंबेसी के पास दो ऑप्शन थे कि या तो अपने डिप्लोमैट को वापस सऊदी भेज दे या उसके सारे अधिकार वापस ले ले, ताकि उसके ऊपर कार्रवाई की जा सके। भारत ने इस मामले में सऊदी अरब सरकार से लगातार सहयोग की अपील की थी, लेकिन सऊदी दूतावास ने अपने डिप्लोमैट पर लगे आरोपों को खारिज किया था।
क्या है मामला?
गुड़गांव में सऊदी अरब के डिप्लोमैट के घर से दो महिलाओं को छुड़ाया गया था। महिलाओं ने बताया था कि डिप्लोमैट ने उन्हें गुड़गांव के एक फ्लैट में बंद करके रखा था और उनसे कई बार रेप भी किया। लड़कियों ने बताया था कि डिप्लोमैट ने उन्हें तीन-चार महीनों से बंधक बनाकर रखा था। उन्हें हमेशा घर में बंद करके रखा जाता था और खाने के लिए भी कुछ नहीं दिया जाता था और इनके साथ मार-पीट भी की जाती थी। नेपाल में आए भूकंप में इन लोगों के घर तबाह हो गए थे। इसके बाद ये लोग नौकरी की तलाश में यहां आई थीं।
डिप्लोमैट स्तर पर उठाया जाएगा मामला
नेपाल सरकार ने कहा, उनके देश की देश महिलाओं के साथ रेप के मामले के आरोपी के अपने देश चले जाने के मामले को वह डिप्लोमैट स्तर पर उठाएगा। इससे पहले नेपाल ने कहा था, गुड़गांव पुलिस सही कार्रवाई कर रही थी। उससे नेपाल सरकार संतुष्ट थी। नेपाली डिप्लोमैट ने भरोसा जताया था कि दोनों नेपाली महिलाओं को न्याय मिलेगा।
एजेंट भी देश छोड़कर जा सकता है
गुड़गांव पुलिस ने आशंका जताई है कि नेपाली महिलाओं को लाने वाले एजेंट की पहचान अनवर के तौर पर कर ली है। वह भी देश छोड़कर जा सकता है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बारे में विदेश मंत्रालय से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। मंत्रालय अब तक रिपोर्ट के इंतजार में है।

NDA को झटका: नीतीश से मिले BJP के दो MLA, LJP नेता ने दिया इस्‍तीफा

मंगलवार को पटना में भाजपा के एक नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर को साक्षात भगवान मान लिया। प्रणाम किया और हाजिर-नाजिर मानते हुए टिकट के लिए अपना बायोडाटा पार्टी ऑफिस में जमा किया।
मंगलवार को पटना में भाजपा के एक नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर को साक्षात भगवान मान लिया। प्रणाम किया और हाजिर-नाजिर मानते हुए टिकट के लिए अपना बायोडाटा पार्टी ऑफिस में जमा किया।
नई दिल्ली. बिहार चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट आते ही एनडीए को झटका लगा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा के दो विधायकों ने बगावती रुख अपना लिया और सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात भी की। उधर, सीट बंटवारे से नाराज एनडीए की सहयोगी एलजेपी (रामविलास पासवान की पार्टी) के एक सांसद ने पार्टी के पदों से इस्‍तीफा दे दिया।
टिकट नहीं मिलने से नाराज पीरपैंती के भाजपा विधायक अमन कुमार और नाथनगर के एमएलए अजय मंडल ने नीतीश कुमार से मुलाकात की। बुधवार को दोनों नीतीश कुमार के घर जाकर मिले। बताया जा रहा है कि वे जेडीयू में जा सकते हैं। अमन कुमार ने कहा कि शाहनवाज हुसैन ने उन्‍हें टिकट नहीं मिलने दिया।
एलजेपी सांसद का पार्टी के पदों से इस्‍तीफा
एलजेपी के लोकसभा सदस्‍य रामकिशोर सिंह ने पार्टी के महासचिव, मुख्‍य सचेतक और राजस्‍थान प्रभारी के पदों से इस्‍तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि वह बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर लिए गए फैसेले में खुद को नजरअंदाज किए जाने से नारज थे। 243 में से 40 सीटें मिलने से एलजेपी के कई सीनियर लीडर नाराज हैं।
बिहार विधानसभा चुनावः बुधवार के कुछ और अपडेट्स...
* बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह से मिले जीतन राम मांझी।
* बिहार चुनाव के दौरान पीएम के रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' पर महागठबंधन ने रोक लगाने की मांग की। आरजेडी-जेडीयू और कांग्रेस के नेता इस मांग को लेकर इलेक्शन कमीशन गए। लेकिन, चुनाव आयोग का कहना है कि जब तक 'मन की बात' से मॉडल कोड ऑफ कंडक्‍ट का उल्‍लंघन नहीं होता, तब तक इसे बैन नहीं किया जा सकता। (
* सीट और टिकट बंटवारे को लेकर विवाद की खबरों को बीजेपी ने किया खारिज। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "आरएलएसपी सीट बंटवारे से नाखुश नहीं है। कोई भी नाखुश नहीं है।"
मंगलवार को आई थी लिस्‍ट
बता दें कि मंगलवार की रात बीजेपी की पहली लिस्ट आई थी। लिस्ट में 43 लोगों के नाम हैं। इनमें पांच विधायकों का टिकट काट दिया गया है।
किन विधायकों को नहीं मिला टिकट?
तेघड़ा से ललन कुमार, कटोरिया से सोनेलाल हेम्ब्रम, रजौली से कन्हैया रजवार, पीरपैंती से अमन कुमार और गुरुआ से सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा। इनमें कुछ से विवाद जुड़े हैं।
नए जिनको मिला टिकट
सरायरंजन से रंजीत निर्गुणी, मटिहानी से सर्वेश कुमार सिंह, परबत्ता से रामानुज चौधरी, गोपालपुर से अनिल यादव, बेलहर से मनोज यादव, मुंगेर से प्रणव कुमार यादव, झाझा से डॉ. रवींद्र यादव, दिनारा से राजेन्द्र सिंह, गोह से मनोज शर्मा, रामगढ़ से अशोक सिंह और काराकाट से राजेश्वर राज टिकट नहीं पाने वालों में शामिल हैं।
एनडीए में क्यों है विवाद?
* लोजपा पार्लियामेंट्री बोर्ड के प्रेसिडेंट चिराग पासवान जमुई की सीट को लेकर नाराज हैं। उनके संसदीय क्षेत्र जमुई के तहत आनेवाली सीटों पर भी उनका जोर नहीं चल रहा है।
* तारापुर पर हम (मांझी की पार्टी) के प्रदेश प्रेसिडेंट शकुनी चौधरी का दावा है। जमुई और चकाई की सीटों पर पूर्व मंत्री एवं हम के सीनियर लीडर नरेंद्र सिंह के बेटों (अजय प्रताप एवं सुमित सिंह) का दावा। वे फिलहाल यहां के सीटिंग विधायक हैं। बीजेपी अजय के लिए जमुई सीट अपने खाते में रख रही है।

* मांझी और महाचंद्र प्रसाद सिंह पसंद वाली सीटों पर बीजेपी की दावेदारी और इसे न छोड़ने के तेवर पर नाराज हो गए।

* दिल्ली में मीटिंग में हम की पसंद वाली पिपरा, अमरपुर, धोरैया, झाझा, जगदीशपुर, कुढ़नी, नवीनगर सहित एक दर्जन सीटों पर बीजेपी टस से मस नहीं हो रही है।
* झाझा में हम अर्जुन मंडल को लड़ाना चाहती है, जबकि बीजेपी ने वहां पूर्व विधायक डॉ.रवीन्द्र यादव को कैंडिडेट बनाया है। पूर्व सांसद लवली आनंद के लिए मांझी नवीनगर सीट मांग रहे थे, जबकि बीजेपी ने वहां से गोपाल नारायण सिंह को अपना कैंडिडेट बना दिया है।

2.55 करोड़ के घूस मामले में खनिज विभाग के चीफ सेक्रेटरी सहित 7 गिरफ्तार


जयपुर/उदयपुर/भीलवाड़ा। करप्शन के मामले में एसीबी ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए खान विभाग के चीफ सेक्रेटरी अशोक सिंघवी, एडिशनल डायरेक्टर पंकज गहलोत व एक इंजीनियर सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के घरों से सवा चार करोड़ रुपए बरामद किए हैं। इसमें 2.55 करोड़ रुपए बंद खानों को चालू कराने की एवज में घूस के रूप में दिए गए थे, जिसे एसीबी ने सीए श्याम सुंदर और विभाग के इंजीनियर पुष्करराज आमेटा से बरामद किया। बाकी 1.70 करोड़ रुपए अन्य आरोपियों के घरों से मिले हैं। देर रात तक सिंघवी के घर में तलाशी जारी थी। उनके यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। भास्कर के पास पुख्ता जानकारी है कि सिंघवी घूस की आधी राशि खुद रखते थे और बाकी अन्य अफसरों में बांटते थे। सिविल लाइंस में उनके चार बंगले होने की जानकारी सामने आई है। ये उनकी पत्नी के नाम हैं।

एसीबी के डीजी नवदीप सिंह ने अशोक सिंघवी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि कार्रवाई जारी है। कई खुलासे और होंगे। एसीबी की नौ टीमों ने बुधवार को उदयपुर और भीलवाड़ा में कार्रवाई की। उदयपुर में खान मालिक शेरखान का सीए श्याम सुंदर व दलाल संजय सेठी 2.55 करोड़ रुपए का लेन-देन करते पकड़े गए। भीलवाड़ा में शेरखान का कर्मचारी रसीद व इंजीनियर पुष्करराज को गिरफ्तार किया गया। देर रात शेरखान को भी पकड़ लिया गया।
एक हजार कॉल ट्रेस के बाद सामने आया पूरा खेल
फोन टेपिंग में खुलासा हुआ है कि चीफ सेक्रेटरी अशोक सिंघवी के लिए दलाल संजय सेठी पिछले 11 महीने से बड़े-बड़े खान मालिकों से उगाही कर रहा था। जो खान मालिक पैसे नहीं देता था उसकी शिकायत अशाेक सिंघवी को कर देता था और संबंधित जिले के खान विभाग के इंजीनियर के जरिये नोटिस दिला देता था। इसके बाद फिर डील के लिए पहुंचता था। डील होने पर सिंघवी को सूचना देता और नकदी उन तक पहुंचाई जाती। फोन टेपिंग में सामने आया है कि सिंघवी इसमें से आधी राशि खुद के पास रखते थे और बाकी अपने मातहतों अफसरों व कर्मचारियों में बंटवा दी जाती थी। एसीबी ने करीब एक हजार कॉल ट्रेस के बाद यह जानकारी जुटाई है।
यहां से शुरू हुई कार्रवाई
एसीबी की टीम भीलवाड़ा में खान विभाग में एसएमई पी.आर. आमेटा के दफ्तर पहुंची। यहां आमेटा काे नोटों के साथ पकड़ने के बाद उसकी निशानदेही पर ही एक टीम उदयपुर पहुंची। जयपुर, उदयपुर और भीलवाड़ा की दस टीमों ने एक साथ कार्रवाई को अंजाम दिया। इसके साथ ही उदयपुर में एडीएम पंकज गहलोत को रिश्वत मामले में पकड़ा। यहीं उसके दो बिचौलियों संजय सेठी और श्याम सुंदर के बारे में पता चला और उन्हें भी उनके घरों व अन्य स्थानों से पकड़ लिया गया। इनके घरों पर ही नोटों से भरे बोरे मिले।
नोटों की गिनती के लिए मंगवानी पड़ी मशीनें
दोनों बिचौलियों के घर बोरियों में भरे इतने अधिक नोट थे कि एसीबी टीम को इन नोटों की गिनती के लिए मशीनें मंगवानी पड़ी। कई कर्मचारी मशीनों के जरिए नोटों को गिनने का काम कर रहे हैं। यह मामला सिर्फ ढाई करोड़ रुपए का नहीं, बल्कि ज्यादा बड़ा हो सकता है क्योंकि इनके घरों में जितने नोट मिले हैं, उनकी गिनती पूरी होने पर ही पता चलेगा कि वाकई में कितनी राशि काले धन की है।
20 करोड़ लेने थे रिश्वत में
पंकज गहलोत लगातार माइन अलॉटमेंट कर रहा था। एसीबी को जानकारी मिली की वह इसके लिए काफी रिश्वत मांग रहा है। एक कारोबारी से उसने 20 करोड़ रुपए मांगे। बुधवार को 2.5 करोड़ रुपए पहली किश्त के रूप में दिए जाने थे। एसीबी को इसकी जानकारी मिल गई और उसने पंकज को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि एसीबी की कई दिनों से पंकज पर नजर थी।
माइनिंग माफिया पर कार्रवाई नहीं की
माइनिंग डिपार्टमेंट अकसर माइनिंग माफिया के खिलाफ कार्रवाई करता है लेकिन इस बार एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद गहलोत ने माफिया के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। कार्रवाई की बात को वह टाल देता था। इस वजह से उस पर शक गहरा गया। माइनिंग डिपार्टमेंट ने साल के शुरू में 4 हजार करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट तय किया था जो बाद में 3400 करोड़ रह गया।
बड़े अफसरों पर भी शक
बताया जा रहा है कि गहलोत ने बहुत कम वक्त में कई माइन अलॉट किए थे। माना जा रहा है कि पंकज को अपने बड़े अफसरों से भी शह मिल रही थी, क्योंकि यह काम वह अकेले नहीं कर सकता था।
घूस लेकर ये काम करवाते थे आरोपी
खान आवंटन करते थे, नामांतरण किया जाता था, बंद खानों को चालू किया जाता, कोर्ट केसों में कमजोर पैरवी करते थे। 2.55 करोड़ की राशि शेरखान की बंद खानों को शुरू करने की एवज में ली जा रही थी। ये खानें सीमेंट उत्पादन में काम आने वाले रॉ मटेरियल चाइना क्ले, रेड आकर, येलो आकर, सिलीकासैंड आदि कीमती खनिज की हैं।

उपराष्ट्रपति पद पर थोपे गए हामिद अंसारी मुस्लिम और राष्ट्रीय मुखोटा नहीं बन सके

एक कम्युनिस्ट विचारधारा से आये उपराष्ट्रपति पद पर थोपे गए हामिद अंसारी मुस्लिम और राष्ट्रीय मुखोटा नहीं बन सके ,,इनके लिए अगर कहावत कही जाए ,,,,आखरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमा होगे ,,तो अतिश्योक्ति नहीं होगी ,,,जी हाँ दोस्तों हामिद अंसारी के उपराष्ट्रपति काल में अल्पसंख्यक और मुस्लिम समाज की स्थिति क्या रही ,,उनपर कितने झूंठे मुक़दमे लगाये गए ,,,उनकी कितनी योजनाओ को बिना उपयोग के खत्म किया गया ,,ज़ुल्म ज़्यादती की सभी हदें होने पर भी हामिद अंसारी ने अपना राजधर्म नहीं निभाया और खामोश रहे ,,,अचानक जब इनके जाने का वक़्त आया तो इन्हे मुसलमानो पर हुए ज़ुल्म ज़्यादती की याद आ गयी और गैर ज़रूरी वक़्त पर गैर ज़रूरी बयान देकर यह विवाद में आ गए ,,मुझे पता नहीं यह हामिद अंसारी साहब की सियासत थी या फिर इनके जज़्बात लेकिन ,,,आखरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमा होंगे वाली कहावत तो ज़िंदा हो ही गई ,,में यह बात हवा में नहीं कह रहा हूँ ,,,हामिद अंसारी साहब को मेने खुद ने राजस्थान में और देश भर में अल्सपंखयको पर हो रहे अत्याचार ,,उनके साथ पक्षपात पूर्ण कार्यवाही ,,उपेक्षित रवैये के बारे में अवगत कराया था ,,इतना ही नहीं अल्पसंख्ंयको को उपेक्षा और बेवजह आरोपों से मुक्ति दिलाने के लिए एक फार्मूला भी दिया था ,,,मेरा सुझाव था के देश में अल्पसंख्यक प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये ,,जिसमे किसी भी अल्पसंख्यक के खिलाफ बेवजह आरोप ,,बेवजह बयान बाज़ी ,,झूंठे मुक़दमे में फ़साना ,,,,,जिला स्तर पर उनकी योजनाओ को क्रियान्वित नहीं करना ,,सिर्फ पीड़ित शख्स अल्सपंख्य्क है इस वजह से उसे प्रताड़ित किया गया है की शिकायत आना ,,सियासी लोगों द्वारा अल्सपंखयको के खिलाफ शारीरिक ,,मानसिक ,,आर्थिक हिंसा में शामिल होना ,,साबित हो तो ऐसे लोगों को लोकप्रतििनिधित्व अधिनियम के प्रावधान के तहत चुनाव लड़ने से रोकने का क़ानून हो ,,इतना ही नहीं जिलेवार समीक्षा में अगर अल्पसंख्यको के साथ अन्याय हो तो उन्हें मुख्य पद से हटाकर उनकी सी आर में प्रमोशन रोकना ,,, मुख्यमंत्री या कोई भी संसद ,,विधायक ,,,मंत्री को पद से हटाने का क़ानून बनाया जाए ,,मेरा सुझाव था के किसी भी अल्सपंखयको को सरकार की कोई खैरात ,,कोई भीख नहीं चाहिए सरकार के जो भी आयोग ,,समितिया ,,निगम बोर्ड अल्पसंख्यको के हितो के नाम पर बने है जिन पर वेतन ,कार बंगले ,,,सेर सपाटे यात्रा ,,स्टाफ की सुविधाओ पर करोडो करोड़ अल्पसंख्यक कल्याण पर खर्च होते हो उन्हें बंद कर दीजिये ,,वक़्फ़ मैनेजमेंट सुधार कर अतिक्रमियों से ज़मीन मुक्त कराये और सभी बजट अल्सपसंख्यको के कल्याण के लिए लगाये ,,अल्पसंख्यक प्रोटेक्शन एक्ट में सज़ा के प्रावधान का भी सुझाव था ,,तीन साल पहले मेने यह सुझाव हामिद अंसारी साहब को रूबरू दिए ,,,ज़रिये रजिस्ट्री भेजे ,,रिमाइंडर भेजे ,कोई जवाब नहीं कोई क्रियान्विति नहीं ,,कई शिकायते भेजी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं ऐसे में हम कैसे मानले के हामिद अंसारी कॉमरेड के दिल में किसी मुसलमान का दर्द भी रहा होगा ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रक्तदान शिविर

अभिभाषक परिषद कोटा में लॉयन्स क्लब के तत्वाधान में आज रक्तदान शिविर का आयोजन रखा गया ,,,रक्तदान शिवीर का प्रबंधन अध्यक्ष रघुनन्दन गौतम ,,महासचिव संजीव विजय ,,कोषाध्यक्ष रामगोपाल चतुर्वेदी सहित सभी साथियो ने संभाली ,,,अभिभाषक परिषद के महासचिव संजीव विजय ने आज रक्तदान प्रेरणा के लिए सभी व्यस्तताओं और ज़िम्मेदारियों के बावजूद भी रक्तदान किया ,,,,,,,,,,,,,,संजीव विजय युवा तुर्क हर दिल अज़ीज़ समाजसेवक भी है जो अपने संघर्षशील स्वभाव के कारण लोगों में अपनी पहचान रखते है ,, छात्र जीवन से ही स्काउट गाइड में रहकर सेवा कार्यो से जुड़े संजीव विजय छात्र राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे और इनके नेतृत्व में कई स्वास्थ्य शिविर लगाए गए ,,जबकि रक्तदान मामले में संजीव विजय प्रमुख प्रेरक रहे है ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के यहां गुमानपुरा कोटड़ी रोड स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में  सत्राह सितबंर को अपरान्ह तीन बजे संभाग के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओ का एक सम्मेलन रखा गया है ,,सम्मेलन में हाल ही में कोटा देहात जिला इकाई की कार्यकारिणी का भी स्वागत होगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के मुख्य सचिव और प्रवक्ता तबरेज़ पठान ने बताया की कार्यक्रम की अध्यक्षता संभाग के चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला करेंगे ,,जबकि कार्यकर्ता सम्मेलन में अल्पसंख्यक विभाग कोटा शहर अध्यक्ष अब्दुल करीम खान ,,देहात अध्यक्ष साजिद जावेद ,,झालावाड़ जिला अध्यक्ष रमज़ान खान ,,बारा जिला अध्यक्ष लियाक़त मेव ,,बूंदी जिला अध्यक्ष इकराम बबलू भी रहेंगे ,,कार्य्रकम में को ओर्डीनेटर रहीम खान ,,श्रीमती रेहाना खान ,,आरिफ नागोरी ,,,प्रवक्ता अज़ीज़ सिद्दीक़ी ,,ज़ाकिर मंसूरी ,,अनीस भाई ,,लियाक़त अली लिक्कु ,,जुनेद खान ,,,आरिफ भाई ,,लईक़ अहमद सहित सभी लोग उपस्थित होंगे ,,,तबरेज़ पठान ने बताया के कल ब्रस्पतिवार को कांग्रेस कार्यालय कोटा के इस कार्यक्रम में गोविन्द शर्मा ,,पंकज मेहता ,,डॉक्टर ज़फर ,,,नईमुद्दीन गुड्डू सहित कई वरिष्ठ कोंग्रेसी भी रहेंगे ,,,,तबरेज़ पठान ने सभी अल्पसंख्यक संभाग के पदाधिकारियों ,,कार्यकर्ताओ से अपील की है की वोह अपरान्ह तीन बजे कोटा कांग्रेस कार्यालय में पहुंच कर अपने विचार प्रकट करे ,,,,,,,,,,,,,,,,तबरेज़ पठान मदनी प्रवक्ता अल्पसंख्यक विभाग कोटा संभाग

प्रेस क्लब की साधारण सभा की बैठक आगामी छब्बीस सितमबर को

कोटा प्रेस क्लब की साधारण सभा की बैठक आगामी छब्बीस सितमबर को कोटा प्रेस क्लब केनाल रोड पर होगी ,,,,,साधारण सभा के पूर्व स्वर्गीय ललित चतुर्वेदी भवन का लोकार्पण और सांसद इजैराज सिंह के संसद कोष से बने पुस्तकालय का लोकार्पण भी होगा ,,आज आयोजित प्रेस क्लब कोटा कार्यकारिणी बैठक का संचालन महासचिव हरिमोहन शर्मा ने किया जबकि अध्यक्षता धीरज गुप्ता तेज ने की ,,बैठक में पवन पारीक ,,अनीता आचार्य ,,अख्तर खान अकेला ,,योगेश जोशी ,,,प्रताप सिंह तोमर ,गिरीश गुप्ता ,, माल सिंह शेखावत भी मौजूद थे ,, बैठक में पत्रकारों पर निरंतर हो रहे हमले की घटनाओ की निंदा करते हुए इस मामले में उचित कार्यवाही के लिए अठारह सितमबर को जिला कलेक्टर ,,पुलिस महानिरीषक को भी ज्ञापन दिया जाएगा ,, प्रेस क्लब के महासचिव ने बताया के अठारह सितमबर को प्रेस क्लब कोटा में ग्यारह बजे से तीन बजे तक डेंगू नियंत्रण की दवा भी दी जायेगी ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

झूठी गवाही पर फरियादी को 3 माह की सजा


कोटा. । भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय के न्यायाधीश ने अदालत में झूठी गवाही देने पर बुधवार को मामले के फरियादी बारां निवासी कमल किशोर को तीन माह साधारण कारावास व पांच सौ रुपए जुर्माने से दंडित किया। कमल पर आरोप है कि उसने 19 जनवरी 2002 को एसीबी बारां में उप निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय के तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक गौतम बुद्ध मीणा के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें कहा था कि उसकी कीटनाशक रसायन व बीज की दुकान है। इनका अलग-अलग लाइसेंस है। गौतम ने दुकान का लाइसेंस नवीनीकरण करने के लिए उससे 5 हजार की रिश्वत मांगी है। शिकायत पर एसीबी की टीम ने उसे 2 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
उसके खिलाफ अदालत में चालान भी पेश हुआ था, लेकिन कमल ने 22 जनवरी 2005 को अदालत में गवाही के दौरान एफआईआर के तथ्यों से मना कर दिया। इस आधार पर अदालत ने गौतम को 11 जुलाई 2014 को दोष मुक्त कर दिया। कमल को झूठी गवाही देने पर नोटिस जारी किया। उसे दोषी मानते हुए बुधवार को दंडित किया।

क़ुरआन का सन्देश

  
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