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17 सितंबर 2015

मंत्री की नहीं सुनता था ये IAS ऑफिसर, हर डील में लेता था करोड़ों की रिश्वत

कोर्ट जाते सीए श्याम एस सिंघवी। नीचे कल मिली घूस की राशि- 2.55 करोड़ के अलावा 1.70 करोड़ रुपए आरोपियों के घरों में भी मिले थे।
कोर्ट जाते सीए श्याम एस सिंघवी। नीचे कल मिली घूस की राशि- 2.55 करोड़ के अलावा 1.70 करोड़ रुपए आरोपियों के घरों में भी मिले थे।
जयपुर/उदयपुर. खान विभाग में पकड़े गए 2.55 करोड़ के घूस मामले में सामने आया है कि खुद खान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा ही विभाग के प्रमुख सचिव अशोक सिंघवी के सामने बेबस थे। रिणवा ने गुरुवार को कहा कि सिंघवी उनकी सुनता ही नहीं था। कई महत्त्वपूर्ण फाइलें उन तक भेजी ही नहीं जाती थीं। उधर, एसीबी ने इस मामले में गिरफ्तार प्रमुख सचिव सिंघवी, खान विभाग के एडिशनल डायरेक्टर पंकज गहलोत, इंजीनियर पीआर आमेटा, दलाल संजय सेठी, खान मालिक शेर खान, उसके सीए श्याम एस. सिंघवी व कर्मचारी रसीद के अलावा चिंटू को उदयपुर के भोपालपुरा स्थित एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया। सभी आठों आरोपियों को पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया।
दूसरे दिन लॉकर्स ने उगला सोना-चांदी
> प्रमुख सचिव अशोक सिंघवी के घर और बैंक खातों की तलाशी में करीब 35 किलो चांदी, 25 तोला सोना और ढाई लाख रुपए नकद मिले हैं।
> 5 किलो चांदी व 3.25 लाख की नकदी, प्लॉट मिले पंकज के पास।
> एडिशनल डायरेक्टर पंकज गहलोत के लॉकर में 5 किलो चांदी, 19 तोला सोना और 3.25 लाख रु. की नकदी व तीन प्लाट के कागज मिले हैं।
> इंजीनियर पुष्कर राज अमेठा के बैंक लॉकर में 1 किलो सोना, पांच किलो चांदी और 6 प्लॉट के कागज मिले हैं।
तबीयत भी बिगड़ी : रातभर एसीबी गिरफ्त में रहे पंकज गहलोत, श्याम एस सिंघवी और शेर खां ने तबीयत खराब होने की शिकायत की। एसीबी ने डॉक्टरों से जांच कराई। बाद में सभी को कोर्ट में पेश किया। फोटो अशोक सिंघवी को अदालत में ले जाने का है।

बकाए के पेमेंट के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे शहीद अब्दुल हमीद की बेटी-दामाद

पति शेख अलाउद्दीन के साथ शहीद अब्दुल हमीद की बेटी नजबुन निशा।
पति शेख अलाउद्दीन के साथ शहीद अब्दुल हमीद की बेटी नजबुन निशा।
गाजीपुर (उत्तर प्रदेश). 1965 की जंग में पाकिस्तानी टैंकों की कब्रगाह बनाने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद की बेटी नजबुन निशा और दामाद शेख अलाउद्दीन इन दिनों काफी परेशान हैं। पूरा देश जब पाकिस्तान से जंग में मिली इस जीत की गोल्डन जुबली सेलिब्रेट कर रहा है, नजबुन अपने पति के बकाए रकम की पेमेंट के लिए सरकारी दफ्तर और अधिकारियों की दौड़ लगा-लगाकर थक चुकी हैं।
क्या है मामला?
नजबुन ने बताया कि उनके पति शेख अलाउद्दीन डिस्ट्रिक्ट रूरल डेवलपमेंट एजेंसी (डीआरडीए) में क्लर्क की पोस्ट पर थे। वह 28 फरवरी 2014 को रिटायर हुए थे। सरकारी फाइलों में उनके पूरे कार्यकाल की तारीफ की गई, लेकिन एक साल से ज्यादा वक्त बीतने के बावजूद अलाउद्दीन के एश्‍योर करि‍यर प्रमोशन (सुनि‍श्‍चि‍त प्रोन्‍नत वेतनमान), लीव एनकैशमेंट (अवकाश नकदीकरण), छठे वेतन आयोग के मुताबिक एरियर और ग्रेच्युटी का आज तक पेमेंट नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि वे डीआरडीए के बाबुओं से लेकर जिला विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और डीएम के भी पास गए, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। रकम नहीं मिलने से परिवार भुखमरी के कगार पर है।
मां ने सीएम को लिखी थी चिट्ठी
नजबुन निशा ने बताया कि उनकी मां और अब्दुल हमीद की विधवा रसूलन बी ने इस साल पहली जून को सीएम अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी थी। सीएम ने गाजीपुर के डीएम और मुख्य विकास अधिकारी से जवाब भी मांगा था, इसके बावजूद शेख अलाउद्दीन के बकायों का पेमेंट नहीं किया गया।
आरोप लगाया-बाबू मांग रहे घूस
नजबुन निशा का आरोप है कि उनके पति के बकाए की पेमेंट से जुड़ी फाइलों को डीआरडीए के कुछ क्लर्क्स ने रोक रखी है। उनका कहना है कि ये बाबू फाइल आगे बढ़ाने के लिए घूस मांग रहे हैं और रकम न मिलती देख फाइल अटका दी है।

MSG 2: राम रहीम पर आदिवासियों को शैतान बताने का आरोप, हाईकोर्ट जाएगा आयोग

MSG 2 फिल्म का पोस्टर।
MSG 2 फिल्म का पोस्टर।
नई दिल्ली. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की फिल्म MSG-2 की रिलीज से एक दिन पहले विवाद खड़ा हो गया है। फिल्म के एक सीन में आदिवासियों को कथित तौर पर शैतान बताए जाने पर आदिवासी आयोग ने नाराजगी जताई है। आयोग ने डेरा प्रमुख की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। आदिवासी समुदाय हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।
इस डायलॉग पर है विवाद
फिल्म के प्रोमो में एक शख्स गुरमीत राम रहीम से कहता है, ''आपने इस इलाके में आकर बड़ी गलती कर दी। ये आदिवासी न इंसान हैं और न जानवर, ये शैतान हैं।'' इस पर गुरमीत राम रहीम जवाब देते हैं कि वे शैतानों को इंसान बनाने आए हैं। बता दें कि MSG-2 का बुधवार को गुड़गांव में प्रीमियर रखा गया था, जहां 1 लाख लोगों के पहुंचने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था। 
राम रहीम ने दी थी सफाई
गुरमीत राम रहीम ने बुधवार को एक टीवी चैनल पर मामले पर सफाई दी थी। उन्होंने बताया, ''फिल्म के बनने से पहले 2000-2002 के बीच छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में कई बार आदिवासियों के बीच गया। वहां हमने देखा कि वे लोग बिल्कुल मध्ययुगीन तरीके से बिना कपड़ों के सिर्फ पत्ते लपेटे रहते हैं। जिंदा जानवर का मांस खा जाते हैं। ऐसे लोगों को जो जंगली हैं, शैतान हैं, उन्हें हमने इंसान बनाने की बात कही है, जो गलत नहीं है।''

अल्पसंख्यको की संवेदनाओ और मर्यादाओं पर सभी ने खरी खरी सुनाई

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग कोटा संभाग की आज कोटा जिला कांग्रेस कमेटी में ऐतीहासिक कार्यकर्ताओ की बैठक सम्पन्न हुई ,,बैठक में अल्पसंख्यको की संवेदनाओ और मर्यादाओं पर सभी ने खरी खरी सुनाई ,,कोटा संभाग के मुख्य सचिव और प्रवक्ता तबरेज़ पठान ने बताया की ,,,कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग की बैठक की अध्यक्षता संभाग चेयरमेन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने की जबकि मुख्य अतीथी के रूप में प्रदेश महासचिव पंकज मेहता ,,विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्रदेश सचिव नईमुद्दीन गुड्डू ,,पूर्व प्रदेश सचिव डॉक्टर ज़फर मोहम्मद ,,कोटा शहर जिला अध्यक्ष पंडित गोविन्द शर्मा ,,,बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश बंजारा उपस्थित थे ,,,कोटा जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग के पदाधिकारियों की इस बैठक में कोटा देहात कांग्रेस अध्यक्ष साजिद जावेद ,,कोटा शहर अध्यक्ष अब्दुल करीम खान पिंकी ,,,झालावाड़ जिला अध्यक्ष रमज़ान खान ,,बारां जिला अध्यक्ष लियाक़त मेव ,,बूंदी जिला अध्यक्ष इकराम बबलू मौजूद थे ,,कार्यक्रम में संभाग को ओर्डीनेटर के रूप में इरशाद अंसारी ,,,बारां से ज़ाकिर मंसूरी ,,झालावाड़ से अनीस अगवान ,,बूंदी से आरिफ नागोरी ,,जुनेद अहमद प्रदेश प्रवक्ता अज़ीज़ सिद्दीक़ी ,,,सहित कई पदाधिकारी शामिल थे ,,,कार्यकर्ताओ सम्मेलन में बोलते हुए संभाग अध्यक्ष एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा के अल्पसंख्यक प्रदेश कांग्रेस विभाग के अध्यक्ष निज़ाम कुरैशी ,,को ऑर्डिनेटर मक़सूद अहमद ने अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओ को कांग्रेस से सीधे जोड़ते हुए उनमे जोश भर दिया है ,,,,,,,अख्तर खान अकेला ने कहा के कोटा संभाग की जिला इकाइयों में जिला कांग्रेस अध्यक्षों से समन्वय स्थापित कर अल्पसंख्य्क विबाग के जिला अध्यक्षों और कार्यकर्ताओ के मान सम्मान प्रतिष्ठा के मामले में कार्ययोजना तैयार की जा रही है ,,हाल ही में उर्दू स्टाफिंग पैटर्न मामले में योजनाबद्ध तरीके से रणनीति तय्यार कर सफल प्रदर्शन मामले में अल्पसंख्यक कांग्रेस के संभाग प्रचार सचिव ,,शाहनवाज़ खान ,,उमर सी आई डी ने सभी का सम्मान किया ,,,बैठक का संचालन देहात कांग्रेस अल्पसंख्य्क विभाग के अध्यक्ष साजिद जावेद ने करते हुए हाल ही में गठीत देहात अल्पसंख्य्क कांग्रेस कार्यक्रारिणी के पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे ,,,,,कार्यक्रम में अल्पसंख्यक विभाग की तरफ से बारां में मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के सांसद पुत्र के क्षेत्र में जाकर बारा और अन्ता ,में नगर पालिका में बहुमत प्राप्त कर चेयरमेंन बनवाए जाने पर बारां प्रभारी नईमुद्दीन गुडु ,,झालावाड़ मुख्यमंत्री के गढ़ में पाटन और झालावाड़ में कांग्रेस को बहुमत दिलाने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए प्रदेश महासचिव पंकजमेहता प्रभारी झालावाड़ का साफा पहना कर सम्मान किया ,,, जबकि बंजारा फाउंडेशन के कैलाश बंजारा को हाल ही में मुंबई अधिवेशन में राष्ट्रिय महासचिव निर्वाचित किये जाने पर उनका भी साफा पहना का सम्मान किया गया ,,,बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महासचिव पंकज मेहता ने साफ़ तोर पर स्वीकार किया के अल्पसंख्यक कांग्रेस कार्यकर्ता सीधे कांग्रेस को मज़बूत करने में लगे रहते है इसलिए उन्हें मान सम्मान और राजनीती में उचित भागीदारी मिलना ही चाहिए इस बात को हम प्रदेश के मंच पर भी उठाएंगे ,,पंकज मेहता ने कहा के कार्यकर्ताओ को भी खुद को सक्रिय करना होगा ,,अनुशासित करना होगा ,,एकजुट और मज़बूत करना होगा ,, उन्होंने कहा के कांग्रेस अगर मज़बूत रही तो आप भी मज़बूत रहोगे ,,,, कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश सचिव नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा के हम कार्यकर्ता अपनी स्थिति समझे जो हमे पूंछता है उसे हम नेता माने ,,जो कार्यकर्ताओ के बारे में कांग्रेस के बारे में सोचता है उसे हम भाईसाहब कहे नहीं तो अगर हम यूँ ही बिना किसी मतलब के भाई साहबो के पीछे दौड़ते रहे तो कांग्रेस भी कमज़ोर होगी और कार्यकर्ताओ को भी सम्मान नहीं मिल सकेगा ,,,नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा के अल्सपसंख्यको की हितेषी पार्टी सिर्फ कांग्रेस है ,,उन्होंने कहा के कांग्रेस ने मुझे जिला प्रमुख का टिकिट दिया लेकिन बहुमत होने के बाद भी मुझे कार्यकर्ता होने की वजह से भाईसाहबों ने एक वोट से हरवा दिया ,,,,,,,,,,कार्यक्रम को सम्बोधित करते हेु पूर्व प्रदेश महासचिव शिक्षा विद डॉक्टर ज़फ़र मोहम्मद ने कोंग्रेस भवन को अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओ से खचा खच भरा देख कर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा के अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओ का इत्साह देखकर कांग्रेस का मज़बूत होना निश्चित है ,,,डॉक्टर ज़फ़र ने सभी कार्यकर्ताओ से बेटियो को पढ़ाने और जुट होकर रहने का भी आह्वान किया ,,बैठक को सम्बोधित करते हुए कोटा जिला कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने कहा के कार्यालय में सभी कार्यर्कताओ का सम्मान है उन्होंने कहा के हमे सभी को मिलकर एक जुट होकर कांग्रेस को मज़बूत करना होगा और सभी समाजो को सम्मान उचित प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए कार्ययोजना तय्यार करना होगी ,,गोविन्द शर्मा ने कहा के भाजपा के लगातार अल्पसंख्यको के अधिकारों पर हमले हो रहे है यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ,,कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ कोंग्रेसी नेता पूर्व अल्पसंख्यक विभाग के प्रभारी आबिद कागज़ी ने कहा के हमे कांग्रेस के पक्ष में ,,कांग्रेस की कार्ययोजनाओं को लेकर सड़को पर उतरना होगा ,,अपनी ताक़त बताना होगी ,,लोगों के साथ हम जुड़े सक्रिय होकर हम अपनी पहचान बनाये निश्चित तोर पर हमे हर मंच पर सम्मान मिलेगा ,,,,,,,,,कार्यक्रम में बोलते हुए युवा तुर्क कोंग्रेसी आसिफ मिर्ज़ा ने कहा के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ को कार्यकर्ताओ को सम्मान देना ही होगा ,,अगर कार्यकर्ताओ को सम्मान नहीं मिला तो कार्यकर्ताओं की नाराज़गी से कांग्रेस को नुकसान ही होगा ,,,,,,,,,,,,,,कार्यक्रम में बोलते हुए बूंदी जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष इकराम बबलू ,,झालावाड़ अध्यक्ष रमज़ान खान ,,बारां जिला अध्यक्ष लियाक़त मेव ,,कोटा जिला अध्यक्ष अब्दुल करीम खान ,,को ओर्डीनेटर ज़ाकिर मंसूरी ,,,आरिफ नागोरी ,जुनेद अहमद ,,झालावाड़ को ऑर्डिनेटर अनीस अगवान ,,, झालावाड़ ब्लॉक अध्यक्ष खालिद मोहम्मद ,,नगर अध्यक्ष झालावाड़ मोहम्मद क़ासिम भटटल जब्बार खान ,,,आरीफ खान ,,,पूर्व प्रधान रईस खान ,ने टिकिट वितरण में समन्वय स्थापित करने का सुझाव दिया ,,,,,,,,,,,,,,,कार्यक्रम में इटावा ब्लॉक के अध्यक्ष नसरु खान ,,सांगोद के ब्लॉक अध्यक्ष शहज़ाद खान नगर अध्यक्ष रिज़वान अंसारी ,,देहात प्रवक्ता मंज़ूर तंवर ,,, शहनाज़ बेगम ,,श्रीमती रुखसाना पूर्व पार्षद ,,,,उमर सी आई डी पूर्व पार्षद ,,देहात केथुन अध्यक्ष ,,कोटा देहात कार्यकारिणी के मुख्य सचिव दीदार खान ,, हाफ़िज़ रशीद क़ादरी ,,,शाहिद खान ,,बशीर अहमद ,,अरब अली अफगान ,,जावेद खान राजेन्द्र सिंघ ,,वर्जिलियस हैरी ,विनोद जेन सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे ,,कार्यक्रम के दौरान साजिद जावेद ने सभी का स्वागत किया जबकि संभाग के मुख्य सचिव तबरेज़ पठान ने कार्यक्रम के अंत में सभी को धन्यवाद दिया , कार्यक्रम में सभी कार्यकर्ताओ से बीस सितमबर को किसान सम्मान रैली में दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया कार्यक्रम के अंत में सभी कार्यकर्ताओ ने वरिष्ठ कोंग्रेसी महेंद्र सिंह गुजरखानी के निधन पर दो मिनट का मोन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार पर गंभीर आरोप

जयपुर
एक आईपीएस ऑफिसर ने राजस्थान में
वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार पर गंभीर आरोप
लगाए हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन
एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस
आईपीएस का कहना है कि उन्होंने प्रदेश
सरकार से चौतरफा प्रेशर के बावजूद
वीएचपी और बजरंग दल के
दंगाइयों को छूट नहीं दी इसलिए
उन्हें टारगेट किया जा रहा है। बूंदी के पूर्व
एसपी पंकज चौधरी ने
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कहा
कि उन्हें प्रशासन की ओर से दबाव का विरोध
करने के कारण पद से हटा दिया गया। चौधरी
ने कहा कि यह प्रेशर सीनियर आईएएस
और आईपीएस ऑफिसर्स की
तरफ से भी था कि दंगाइयों को छोड़ दिया जाए
और मुस्लिमों पर फर्जी केस दर्ज किये
जाएं।
राजस्थान आर्म्ड कांस्टेब्युलरी
की 11वीं बटालियन के हेड
पंकज चौधरी सोमवार को दिल्ली
में थे। राजस्थान सरकार ने इनके खिलाफ आरोपत्र दाखिल
किया है। चौधरी पर आरोप है कि वह 12
सितंबर, 2014 को बूंदी के नैनवा और
खानपुर में दंगे को रोकने में नाकाम रहे। चौधरी
के आरोपों के बारे में राजस्थान के गृह मंत्री
गुलाब चंद कटारिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार
पूरे आरोपों की स्टडी के बाद
कोई प्रतिक्रिया देगी। कटारिया ने कहा कि वह
कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि
हमें उनकी तरफ से कुछ आधिकारिक रूप से
मिलेगा तो पूरे मामले की जांच की
जाएगी।'
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक
चौधरी ने कहा कि मुझे सरकार के आरोपत्र
के जरिए प्रशासन के भीतर गद्दारों को
एक्सपोज करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि दंगे यूं
ही नहीं होते, दंगे करवाये जाते
हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन मामलों में पुलिस को स्वतंत्र
रूप से कदम उठाने दिया जाए तो कुछ भी
गलत नहीं हो पाएगा। चौधरी ने
इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'जब गद्दार सरकार के
ही भीतर हों तो वे अपने
स्वार्थ के लिए देश को बेच सकते हैं।
चार्जशीट के जरिए हमें मौका मिला है कि
ऑल इंडिया सर्विस में गद्दारों के नकाब उतारे जाएं।'
2009 बैच के इस ऑफिसर ने कहा कि जो
चार्जशीट से डरते हैं वे देशभक्त और इस
देश के संविधान को मानने वाले नहीं हो
सकते।
नैनवा और खानपुर में पिछले साल सितंबर में एक अफवाह
के बाद कथित तौर पर मस्जिद को नुकसान पहुंचाया गया
था। अफवाह फैलाई गई थी कि मंदिर
की मूर्तियों को अपवित्र किया गया है।
चौधरी ने कहा, 'इस मामले में जांच के दौरान
मंदिर के पुजारी से भी पूछताछ
की गई। पुलिस इस निष्कर्ष पर
पहुंची कि दंगे को साजिशन रचा गया था। सब
कुछ योजनाबद्ध था। टारगेट भी तय थे कि
कौन बस पर हमला करोगा और कौन तोड़फोड़। जल्द
ही सरकार की तरफ से इस
मामले में दबाव बनाने के लिए फोन आने लगे। यहां तक कि
सीनियर पुलिस और प्रशासनिक ऑफिसरों ने
आदेश दिया कि दंगाइयों को छोड़ दिया जाए। मेरे ऊपर दंगाइयों
को छोड़ने और निर्दोष मुस्लिमों के खिलाफ झूठे मुकदमे
दर्ज करने का जबर्दस्त दबाव था। मुस्लिमों पर
फर्जी रूप से हिंसा भड़काने का केस दर्ज
करने का प्रेशर था। लेकिन मैंने सभी दबावों
को झेला और ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद
मुझे सरकार ने पिछले साल 21 सिततंबर को पद से हटा
दिया। जिला एसपी के तौर पर मैं पुलिस
टीम का नेतृत्व कर रहा था।
वीएचपी और बजरंग दल को
11 लोगों को अरेस्ट किया गया था। सभी के
क्रिमिनल रेकॉर्ड्स थे। 5 मुस्लिमों को पूछताछ के लिए
हिरासत में लिया गया था। यदि हम इस मामले में सक्रिय हो
कर ऐक्शन नहीं लेते तो मामला बिगड़ जाता।'
अखबार के मुताबिक चौधरी ने
चार्जशीट में मुख्य आरोप पर कहा, 'मैं दंगे
स्थल के लिए तत्काल ही निकल गया था।
मुझे वहां तक पहुंचने में तीन घंटे का वक्त
लगा था। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से मैं संपर्क मेंं था।
उस रात हमलोगों ने छह लोगों को पकड़ा था।
अगली सुबह कर्फ्यू लगा दिया गया। मुस्लिम
समुदाय के लोग मस्जिद में तोड़फोड़ से बेहद खफा थे
लेकिन उन्हें कानून पर भरोसा था। उन्होंने प्रतिक्रिया में
किसी भी तरह की
तोड़फोड़ नहीं की
थी। मुझे हटाये जाने के बाद
सभी दंगाइयों को छोड़ दिया गया। इससे
पुलिसबल का मनोबल टूटा है। जिस टीम को
मैंने लीड किया था उसके लोगों ने मुझे फोन
कर बताया कि दंगाइयों का हौसला बढ़ाया गया है। दंगाइयों ने
बाहर आने के बाद कहा कि पुलिस को हिम्मत है तो अब
हमारे खिलाफ कोई ऐक्शन लेकर दिखाए।'

मीट बैन की मांग SC में खारिज, जज ने कहा- जैसी करनी वैसी भरनी तू क्यों भए उदास?


फाइल फोटो : मुंबई में पिछले हफ्ते मीट बैन के खिलाफ प्रदर्शन करते राजनीतिक कार्यकर्ता।
फाइल फोटो : मुंबई में पिछले हफ्ते मीट बैन के खिलाफ प्रदर्शन करते राजनीतिक कार्यकर्ता।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मीट बैन मामले में दखल देने से गुरुवार को इनकार कर दिया। 'पर्यूषण पर्व' के दौरान मीट पर बैन लगाने की मांग कर रहे जैन ट्रस्ट के पिटीशनर को सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने दोहा सुनाया। कहा- कबीरा तेरी झोपड़ी गलकटियन के पास! जैसी करनी वैसी भरनी, तू भये क्यों उदास! बेंच ने पिटीशन खारिज करते हुए यह भी कहा कि किसी पर जबरदस्ती बैन नहीं थोपा जा सकता। और क्या जानवरों के प्रति दया सिर्फ त्योहार के वक्त ही दिखाई जानी चाहिए?
क्या है मामला?

जैनियों के पूर्व पर्यूषण के दौरान महाराष्ट्र में कुछ जगह मीट खरीदे-बेचे जाने पर रोक लगाई गई थी। मीट बैन के खिलाफ मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने 17 सितंबर को मीट की बिक्री पर लगी रोक हटा दी। हाईकोर्ट के इसी ऑर्डर पर स्टे लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई। एक धार्मिक ट्रस्ट की पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने पिटीशन खारिज कर दी।
Court Room में क्या हुआ?
* सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस टी एस ठाकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ की बेंच ने पिटीशन पर सुनवाई शुरू की।
* बेंच ने कहा- आधा दिन तो बीत चुका है। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हम केस के मेरिट पर कुछ नहीं बोलेंगे।
* पिटीशनर श्री तपगाचीय आत्मा कमल लब्धिसुरिश्वर ज्ञानमंदिर ट्रस्ट ने कहा- जानवरों के प्रति अहिंसा और दया का पाठ पढ़ाया जाता है। ऐसे में अगर दो दिन के लिए मीट पर बैन लग भी जाए तो इससे किसी को नुकसान नहीं होगा।
* इस पर बेंच ने कहा- जानवरों के प्रति दया क्या सिर्फ त्योहार के दिनों में ही दिखाई जानी चाहिए? जस्टिस ठाकुर ने कहा- अच्छी बातें भी आप किसी पर थोप नहीं सकते। लोग जैसा करते हैं, वैसा ही भुगतते हैं। कबीरदासजी का एक दोहा भी है- कबीरा तेरी झोपड़ी गलकटियन के पास! जैसी करनी वैसी भरनी, तू भये क्यों उदास!
* जब पिटीशनर ने मीट बैन कायम रखने पर जोर दिया तो जज ने कहा- हम पिटीशन को खारिज करते हैं। पिटीशनर बॉम्बे हाईकोर्ट में जा सकते हैं जहां उनकी अर्जी पर छह महीने में फैसला हो जाएगा।
* बेंच ने यह भी कहा कि उदारता की भावना होनी चाहिए। किसी भी बात को हम किसी एक विषय के लिए नहीं थोप सकते।
हाईकोर्ट ने क्या कहा था?

मीट बैन के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था- अगर यह सवाल जैन कम्युनिटी के अहिंसा के संदेश का है तो सिर्फ मटन या चिकन पर ही क्यों बैन होना चाहिए? मछली और अंडों पर बैन क्यों नहीं होना चाहिए? मीट बैन मसले पर सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार
 
महाराष्ट्र की दो नगरपालिकाओं ने मीट पर बैन लगाया था। मुंबई नगर निगम (बीएमएसी) ने चार दिनों के लिए मीट की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई थी। यह रोक बीते गुरुवार, शुक्रवार के अलावा 17 और 20 सितंबर के लिए थी। मुंबई के बाहरी इलाके मीरा-भायंदर में आठ दिनों तक मीट पर बैन लगाया गया था। 14 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में मीट काटने पर बैन तो जारी रखा था लेकिन बाहर से लाकर बेचने को मंजूरी दे दी थी।
 
मीट बैन क्यों?
 
जैन धर्म के लोग 11 सितंबर से 18 सितंबर तक 'पर्यूषण' (उपवास का त्योहार) मना रहे हैं। इसी को लेकर अहिंसा संघ विश्वमैत्री ट्रस्ट और बीजेपी के नेताओं- राज पुरोहित, अतुल शाह ने इस पीरियड में मीट पर बैन की मांग की थी। ट्रस्ट की ओर से बीएमसी को बाकायदा मेमोरेंडम दिया गया था। महाराष्ट्र के बाद राजस्थान, हरियाणा जैसे बीजेपी की सरकार वाले राज्यों में भी मीट पर बैन लगा दिया गया था। मीट कारोबारियों से लेकर शिवसेना, मनसे ने इसका विरोध किया था।

हथियार समेत कुख्यात हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार


जयपुर
राजस्थान के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर और एक लाख रूपये के इनामी बदमाश आनंद पाल सिंह को पुलिस ने गुरुवार को जयपुर के नजदीक फागी-रेनवाल रोड पर स्थित एक फार्म हाउस से गिरफ्तार किया। उसके पास एके 47 समेत 6 राइफलों के साथ बरामद हथियारों में एक अमेरिकन कारबाइन भी शामिल है। आनंद पाल ने वर्ष 2006 में डीडवाना के सरगना जीवनराम की हत्या की थी।
आनंदपाल सिंह जयपुर के पास डिग्गी रोड पर रेनवाल के एक फार्म हाउस में छुपा हुआ था। आतंकवाद निरोधक दस्ते और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की संयुक्त टीम ने फार्म हाउस की घेराबंदी कर आनंदपाल व उसके दो साथियों को धर दबोचा। पुलिस के आने की भनक लगते ही आनंदपाल एके 47 राइफल लेकर घर से निकला। बाहर आते ही उसने ईआरटी के कमांडोज को देख आत्मसर्म्पण कर दिया।
आनंदपाल नागौर और आसपास के जिलों में गैंगवार और आंतक के लिए जाना जाता है। आनन्द पाल पहले पंचायत समिति का सदस्य बना। इसके बाद प्रधान का चुनाव एक कांग्रेस नेता के बेटे से हारा। बाद में वह एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर फरार हो गया था। तब 25 हजार रूपए का इनाम घोषित होने पर उसे पकड़ा गया था। जेल से छूटने के बाद उसने फिर गैंगवार शुरू कर दी।
फार्म हाउस से आनंदपाल के पास एके 47, अमरीकन कार्बाइन, छह राइफल, 587 कारतूस, बुलैट प्रूफ जैकेट, दो वायरलेस सैट, एईडी टॉर्च, कार पर लगाने वाली नीली बत्ती, कई नंबर प्लेट, करीब डेढ़ लाख रूपये नकद, दो किलो बादाम, फर्स्ट एड बॉक्स व 16 मोबाइल बरामद हुए हैं।

शीना मर्डर: पुलिस इंस्पेक्टर का दावा- बॉडी मिलने पर एसपी ने FIR दर्ज करने से रोका

फाइल फोटो: कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस कस्टडी में इंद्राणी मुखर्जी।
फाइल फोटो: कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस कस्टडी में इंद्राणी मुखर्जी।
मुंबई: शीना बोरा मर्डर केस में नया टि्वस्ट आया है। एक पुलिस इंस्पेक्टर ने दावा किया है कि तीन साल पहले मुंबई के करीब रायगढ़ के जंगलों से शीना की डेड बॉडी मिलने के बाद उसके सीनियर ने मामला दर्ज करने से रोका था। इस खुलासे से यह सवाल उठने लगा है कि क्या शीना बोरा के मर्डर के मामले को दबाने की कोशिश की गई थी?
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष मिर्गे ने दावा किया है कि तत्कालीन रायगढ़ एसपी आरडी शिंदे ने उन्हें एफआईआर दर्ज करने से मना किया था। मर्डर केस की जांच के दौरान इंस्पेक्टर ने अपना यह बयान दर्ज करवाया है। उस वक्त रायगढ़ में तैनात मिर्गे फिलहाल पुणे में हैं।
क्या है इंस्पेक्टर का बयान?
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मिर्गे ने कहा, ''लाश मिलने के बाद मैंने पंचनामा भरना शुरू किया। मैं मर्डर का केस फाइल करना चाहता था। एसपी शिंदे ने कहा कि मैं एफआईआर या एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट (एडीआर) भी फाइल न करूं। इसके बाद, मैंने स्टेशन डायरी में एंट्री की थी।'' मिर्गे के मुताबिक, बॉडी के अवशेष को वहीं दफना दिया गया, जहां से उसे बरामद किया गया था।
क्या कहना है एसपी का?
फिलहाल मुंबई में एडिशनल कमिश्नर के तौर पर तैनात शिंदे ने मिर्गे के बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, '' मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मैंने इस मामले में पूरा पेपरवर्क किया था। जल्द ही अपना यह बयान संबंधित अधिकारियों के सामने दर्ज कराऊंगा।''
क्या हुआ था?
24 साल की शीना का कथित तौर पर उसकी मां इंद्राणी, सौतेले पिता संजीव खन्ना और एक ड्राइवर ने 24 अप्रैल 2012 को मुंबई में एक कार में हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मर्डर के बाद शीना के शव को इंद्राणी के पति और स्टार टीवी के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी के घर पर ले जाया गया। बाद में बॉडी को रायगढ़ के जंगलों में जलाकर ठिकाने लगाने की कोशिश की गई। एक महीने बाद शव के अवशेष मिलने के बाद गांववालों ने पुलिस को जानकारी दी थी। उस वक्त पुलिस ने कहा था कि शव की पहचान नहीं हो पाई।
क्या जांच कर रही पुलिस?
शीना की बॉडी मिलने के बाद पुलिस की ओर से की गई चूक की आशंकाओं के मद्देनजर यह जांच की गई है। मुंबई पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या शव मिलने के बाद सही तरीके से फोरेंसिक टेस्ट नहीं किए गए? क्या उन सबूतों का पीछा नहीं किया गया, जिनकी मदद से इस मर्डर का खुलासा काफी पहले हो सकता था? मामले की रिपोर्ट मुंबई पुलिस ने डीजी संजीव दयाल के पास सब्मिट कर दी है।

क़ुरआन का सन्देश

 
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