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19 सितंबर 2015

गड्ढे में गिरकर बेहोश हुआ आदमी, कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ऊपर से बना दी रोड

 

स्लीमनाबाद/कटनी (मध्य प्रदेश). मध्य प्रदेश के कटनी जिले के स्लीमनाबाद में शुक्रवार रात अजीब हादसा हुआ। एक आदमी सड़क के गड्ढे में गिरकर बेहोश हो गया। इस बीच, सड़क बनाने वाली कंपनी के लोगों ने बिना देखे उस गड्ढे को मुरम डालकर पाट दिया और जेसीबी मशीन से उसे समतल कर दिया। घटना का लोगों को तब पता चला, जब गड्ढे में से शव के हाथ का हिस्सा बाहर निकला दिखा। आक्रोशित ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ सड़क पर जाम लगा दिया।

ग्राम खड़रा के 45 वर्षीय लटोरी बर्मन शुक्रवार को पत्नी के साथ ऋषि पंचमी मेला देखने ससुराल ग्राम कुआं गया था। पत्नी मायके में ही रुक गई और लटोरी गांव के लिए निकल गया। सुबह मुरम में नीचे दबे लटोरी का हाथ एवं शर्ट दिखा। मुरम हटाकर लटोरी का शव निकाला गया। माना जा रहा है कि लटोरी शराब के नशे में धुत होकर वहीं सड़क पर गिर गया और यह हादसा हो गया। ग्राम उलदना से हटा तक सड़क बनने का काम चल रहा है। रात में ही जेसीबी से मुरम फैला दी गई और लटोरी उसमें दबकर मर गया।
आक्रोशित हुए ग्रामीण, तनाव
लटोरी की लाश निकालने के बाद ग्रामीण सड़क निर्माण कंपनी के खिलाफ आक्रोशित हो गए और जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अमले ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया। एसडीओपी का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा।

खुदकुशी या मर्डर? ब्‍लास्‍ट में उड़े पति-पत्‍नी, 45 फीट दूर गिरा सिर



ब्लास्ट के बाद घर की हालत।
ब्लास्ट के बाद घर की हालत।
नीमच (मध्य प्रदेश). यहां के पीपरवा गांव के एक घर में हुए ब्‍लास्‍ट में पति-पत्‍नी की मौत हो गई। शुक्रवार देर रात हुई इस घटना के बारे में आईजी मधुकुमारन ने शनिवार को बताया कि पहली नजर में लगता है कि आपसी झगड़े के चलते दोनों ने खुद को उड़ा लिया।
45 फीट दूर गिरा पति का सिर, छत पर मिला पत्‍नी का सिर
शुक्रवार रात करीब एक बजे हुए ब्‍लास्‍ट में उदयलाल और नर्मदा बाई की मौत हो गई थी। ब्‍लास्‍ट के बाद उदय का सिर करीब 45 फीट दूर जा गिरा था, जबकि उसकी पत्नी का सिर छत से बरामद किया गया।
आईजी ने बताया कि शुरुआती जांच से लगता है कि प्लास्टिक के किसी सामान में विस्‍फोटक रख कर ब्लास्ट किया गया। आईजी के मुताबिक उदय ने कुछ समय पहले ही दूसरी शादी की थी और पत्नी से लगातार विवाद चल रहा था। वह राजस्थान की किसी माइनिंग कंपनी में काम करता था। हो सकता है, वह वहीं से विस्‍फोटक लेकर आया होगा। आईजी ने बताया कि यह जांच के बाद ही पता चलेगा कि वह पत्नी को मारने की कोशिश में मारा गया या दोनों ने मिल कर खुदकुशी की।

शिष्य की पत्नी को भी मंगलसूत्र पहना देता था नारायण साईं, पत्नी ने लगाए आरोप


इंदौर (मध्‍य प्रदेश)। रेप केस में जेल में बंद आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ उनकी पत्नी जानकी हरपलानी ने नई शिकायत दर्ज कराई है। शनिवार को खजराना थाने में दी गई शिकायत में जानकी ने नारायण पर सास-ससुर की संपत्ति हड़पने और दूसरी महिलाओं से संबंध बनाने का आरोप लगाया है।
शिष्यों की पत्नी भी हड़प लेते थे नारायण साईं
जानकी का कहना है कि नारायण साईं आश्रम में बालिग और नाबालिग लड़कियों को लालच देकर, वशीकरण कर, डरा-धमका कर उनसे अवैैध संबंध बनाता था। वह अपने शिष्यों की संपत्ति भी हड़प लेता था। जानकी ने बताया कि नारायण साईं ने लंदन निवासी बीना पटेल की शादी अपने भक्त अनंग नायक से कराई, लेकिन मंगलसूत्र खुद नारायण ने पहनाया और मांग में भी सिंदूर भरा। इस तरह नारायण किसी भी महिला से करीबी बढ़ाने की भूमिका बनाता था।
माता पिता की संपत्ति हड़प ली
जानकी ने कहा कि मेरे माता-पिता की संपत्तियां बेचकर नारायण ने आश्रम में दान कर दी। गुरुकुल में बस लेकर दी, जिसकी किस्‍तें मेरे पिताजी भरते रहे।
केस वापस लेने के लिए धमकी दी
जानकी का यह आरोप भी है कि नारायण ने उसे केस वापस लेने के लिए फोन पर धमकियां दिलवाईं। जानकी ने पहली पत्‍नी के रहते दूसरी शादी करने का आरोप लगाते हुए नारायण से गुजारा भत्‍ता मांगा है। इस संबंध में केस की सुनवाई जिला अदालत में चल रही है। गुजारा भत्ता और घरेलू हिंसा के केस में नारायण को नोटिस भी भेजा जा चुका है।
जानकी के वकील रोहित यादव ने बताया कि शनिवार को की गई शिकायत के मुताबिक नारायण साईं पर धारा 494,497,498 और 506 के तहत केस दायर किया जा सकता है।
एएसआई श्याम किशोर त्रिपाठी (खजराना थाना) का कहना है कि आरोपों की जांच कर आगे का एक्‍शन तय किया जाएगा।

बिहार: राहुल ने सूट को लेकर फिर साधा मोदी पर निशाना, कहा- फेंकू था, है


रामनगर (प.चंपारण). बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने पार्टी के कैंपेन की शुरुआत की। उन्‍होंने पश्चिम चम्पारण में पहली सभा की। लेकिन इस सभा में उनके सहयोगी नीतीश कुमार और लालू प्रसाद नहीं पहुंचे। राहुल ने अपनी स्‍पीच में पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और उन्‍हें फेंकू तक कह दिया। उन्होंने कहा, ''मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले दो लाख रोजगार देने का वादा किया था। हर आदमी के खाते में 15 लाख रुपए जमा कराने की बात की थी। महंगाई कम करने के लिए कहा था। क्या ये हुआ? फेंकू था, है।''
राहुल ने और क्‍या कहा...
* राहुल ने कहा- कपड़ों से बहुत कुछ मालूम हो जाता है। गांधी जी सूट पहनते थे। काला सूट पहनते थे। पहले उनका सूट उतरा, फिर उनकी शर्ट उतरी। उनके म्यूजियम में जाएं तो उनके विचार दिखते हैं। उनकी धोती, उनका चश्मा, टूटी घड़ी ही दिखती है। एक आदमी सूट पहनता था और धीरे-धीरे केवल उनके विचार बचे। कुछ समय पहले पार्लियामेंट में मैंने सूट-बूट की सरकार की बात उठाई।
* सूट को लेकर सुनाया चुटकुला। राहुल ने कहा- सूट पहने एक व्यक्ति को नदी पार करनी थी। उसने नाव वाले से कहा कि मुझे नदी के पार ले जाओ। नाव वाला उसे ले जाने लगा। नदी में सूट वाले ने पूछा तुमने विज्ञान पढ़ा है? नाव वाले ने कहा कि नहीं तो सूट वाले ने कहा तुम्हारा 25 फीसदी जीवन बर्बाद हो गया। फिर सूट वाले ने पूछा तुमने मैथ पढ़ी है? नाव वाले ने कहा कि नहीं तो सूट वाले ने कहा तुम्हारा 50 फीसदी जीवन बर्बाद हो गया। आगे जब नाव नदी की धारा में डोली तो नाव वाले ने कहा तुमने तैरना सीखा है, तो सूट वाले ने कहा कि नहीं। तब नाव वाले ने कहा तुम्हारा 100 फीसदी जीवन बर्बाद हो गया। यहां कोई सूट-बूट में नहीं है।
* मोदी जी खुद को चाय वाले का बेटा कहते हैं। पहले वह हाफ पैंट और शर्ट पहनते थे। उसके बाद पायजामा-कुर्ता पहना और अब 15 लाख रुपए का सूट पहनते हैं। मोदी जी सूट-बूट पहने लोगों के साथ रहते हैं। गरीबों का जीवन बदलने की बात करते हैं। मोदी जी से सूट-बूट वाले दोस्त कहते हैं कि किसानों की जमीन हमें दे दो, हम गरीबों का विकास करेंगे। हम किसानों की जमीन उन्हें हथियाने नहीं देंगे। एक तरफ गांधी जी ने सूट उतार कर लोगों की सेवा की। वहीं, हमारे पीएम मोदी जी ने 15 लाख रुपए का सूट पहन लिया।
* पहले अंग्रेज जमीन छीन लेते थे, अब मोदी किसानों की जमीन हथियाना चाहते हैं। मोदी जी कहते हैं कि आप जमीन दो, हम रोजगार देंगे। लेकिन वह जमीन ले लेंगे और किसी को रोजगार नहीं मिलेगा। आप लोग हाथ उठाकर कहो - किसी को रोजगार मिला है?
* मोदी सरकार में मंत्री सुषमा स्वराज जी की बेटी ललित मोदी के लिए काम करती है। वसुंधरा राजे के साथ भी ललित मोदी के व्यावसायिक रिश्ते हैं। इधर, पीएम मोदी जी कहते हैं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। वह व्यापमं का घोटाला करने वाले मध्य प्रदेश के सीएम के साथ खड़े होते हैं।
* चुनाव के समय ये आरएसएस के लोग एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाने की कोशिश करेंगे। आपलोग इनकी बातों में नहीं आने वाले हैं। मैं आप लोगों से यह निवेदन करना चाहता हूं कि हमारी पार्टी को सपोर्ट करें और हमारी सरकार बनाएं। हम आपके बीच रहकर आपके लिए काम करना चाहते हैं।
* गांधी जी ने यहां किसानों की लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने किसानों से बात की, उनका दुख जाना। आरएसएस के लोग कहते हैं कि गरीबों को ज्ञान नहीं होता। वे लोग गरीबों से नहीं मिलना चाहते। ये लोग आपके बीच नहीं आना चाहते, आपसे गले नहीं मिलना चाहते। ये लोग सूट को गंदा नहीं करना चाहते हैं। हम आपके बीच आना चाहते हैं, आपसे गले मिलना चाहते हैं।
* यहां बीजेपी की सरकार बनी तो दिल्ली और गुजरात से सूट-बूट पहने लोग आएंगे और कहेंगे की ये जमीन हमें अच्छी लगी, किसानों को हटा कर हमें दे दो। जब आप काम के लिए महाराष्ट्र या दूसरे राज्य में जाओगे तो कहा जाएगा कि आप हमारी भाषा नहीं बोलते हो, काम नहीं मिलेगा। आपको मारा-पीटा जाएगा। अगर हमारी सरकार बनेगी तो हम युवाओं को यहीं रोजगार देंगे। महिलाओं के हित में काम किया जाएगा। पढ़ने के लिए 4 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा।

हँस के हर एक गम को,,,,,

हँस के हर एक गम को मैं सहता रहा तेरे बगैर
रात भर तनहाई में जलता रहा तेरे बगैर
फूल सा बिस्तर मुझे चुभता है काँटों की तरह
चाँदनी से ये बदन जलता रहा तेरे बगैर
मयकदे मे अब नहीं है कैफ व मस्ती व सुरूर
हाथ में सागर लिए फिरता रहा तेरे बगैर
उफ ये नशा-ए-हिज्र ये सरगोशी-ए-बाद-ए-सबा
रातभर मैं करवटे लेता रहा तेरे बगैर
ये मेरी तनहाइयाँ डसती है नागिन की तरह
आरिफ़ ये गम-ए-दिल है सुलगता रहा तेरे बगैर

हम,,,,,,,,,,,,

हम मुसलमानो के हांथो में शहनाई
थमा दी जाती है तो हम उस्ताद
बिस्मिल्लाह खान बन जाते।
हमारे हांथो में तबला थमा दिया जाता है
तो हम जाकिर हुसैन साहब बनजाते हैं,
हमारे हांथो में म्यूजिक थमा दिया जाता है
तो हम आस्कर जीतने वाले
ए० आर० रहमान बन जाते हैं,
हमारे हांथो में कंही दिलकश
अदाकारी थमा दिया जाता है
युसूफ <दिलीपकुमार>बन जाते हे।
हमारे हांथो में कंही दिलकश आवाज के देश
की शान
मुहम्मद रफी बन जाते हे।
हमारे हाँथ में टेनिस का रैकेट
थमा दिया जाता है तो हमारी बहने
सानिया मिर्ज़ा बन जाती हैं,
हमारे हाँथ में जब साइंस थमा दी जाती है
तो हम
अब्दुल कलाम बन जाते हैं,
वतन का जज्बा थमा दिया तो
अशफाक़उल्ला खान कही अब्दुलहमीद खान बन
जाते हे ,
क्या हर बात की शहादत दे हजारो दीन के
उलेमा कुर्बान हुए जंगे आजादी में ,
हमारे हाँथ में जब गेंद और
बल्ला पकड़ा दिया जाता है तो हम
नबब पटेदि अली खान और जाहिर खान बन
जाते हैं,
हमारे कदम लड़खड़ाए तो हम
हाजी मस्तान भी बन गये हों,
हमे तालीम चाहिए हम जालिम नही हे , हमे
रोजगार दे दो हम हुनरमंद हे ,
हम मरकजे इल्म हे ,हमे दहशतगर्द मत समझो ,
इस जमीं पर सजदा भी हम पाक होकर करते हे ,
मर कर भी इस ख़ाके वतन
की मिटटी में पाक
ही दफ्न होंगे ,
कुरान का सिखाया हुआ हर लफ्ज रवां हे , उस पर हर मुसलमान का इमां पक्का हे ,
मरते मर जायंगे पर वतन से गद्दारी नही करेंगे , ये सच्चे मुसलमा का वादा हे ,

सबसे अजीज मेरे पति हैं..

कॉलेज में Happy married life पर
एक workshop हो रही थी,
जिसमे कुछ शादीशुदा
जोडे हिस्सा ले रहे थे।
जिस समय प्रोफेसर मंच पर आए
उन्होने नोट किया कि सभी
पति- पत्नी शादी पर
जोक कर हँस रहे थे...
ये देख कर प्रोफेसर ने कहा
कि चलो पहले एक Game खेलते है...
उसके बाद अपने विषय पर बातें करेंगे।
सभी खुश हो गए
और कहा कोनसा Game ?
प्रोफ़ेसर ने एक married
लड़की को खड़ा किया
और कहा कि तुम ब्लेक बोर्ड पे
ऐसे 25- 30 लोगों के नाम लिखो
जो तुम्हे सबसे अधिक प्यारे हों
लड़की ने पहले तो अपने परिवार के
लोगो के नाम लिखे
फिर अपने सगे सम्बन्धी,
दोस्तों,पडोसी और
सहकर्मियों के नाम लिख दिए...
अब प्रोफ़ेसर ने उसमे से
कोई भी कम पसंद वाले
5 नाम मिटाने को कहा...
लड़की ने अपने
सह कर्मियों के नाम मिटा दिए..
प्रोफ़ेसर ने और 5 नाम मिटाने को कहा...
लड़की ने थोडा सोच कर
अपने पड़ोसियो के नाम मिटा दिए...
अब प्रोफ़ेसर ने
और 10 नाम मिटाने को कहा...
लड़की ने अपने सगे सम्बन्धी
और दोस्तों के नाम मिटा दिए...
अब बोर्ड पर सिर्फ 4 नाम बचे थे
जो उसके मम्मी- पापा,
पति और बच्चे का नाम था..
अब प्रोफ़ेसर ने कहा इसमें से
और 2 नाम मिटा दो...
लड़की असमंजस में पड गयी
बहुत सोचने के बाद
बहुत दुखी होते हुए उसने
अपने मम्मी- पापा का
नाम मिटा दिया...
सभी लोग स्तब्ध और शांत थे
क्योकि वो जानते थे
कि ये गेम सिर्फ वो
लड़की ही नहीं खेल रही थी
उनके दिमाग में भी
यही सब चल रहा था।
अब सिर्फ 2 ही नाम बचे थे...
पति और बेटे का...
प्रोफ़ेसर ने कहा
और एक नाम मिटा दो...
लड़की अब सहमी सी रह गयी...
बहुत सोचने के बाद रोते हुए
अपने बेटे का नाम काट दिया...
प्रोफ़ेसर ने उस लड़की से कहा
तुम अपनी जगह पर जाकर बैठ जाओ...
और सभी की तरफ गौर से देखा...
और पूछा-
क्या कोई बता सकता है
कि ऐसा क्यों हुआ कि सिर्फ
पति का ही नाम
बोर्ड पर रह गया।
कोई जवाब नहीं दे पाया...
सभी मुँह लटका कर बैठे थे...
प्रोफ़ेसर ने फिर
उस लड़की को खड़ा किया
और कहा...
ऐसा क्यों !
जिसने तुम्हे जन्म दिया
और पाल पोस कर
इतना बड़ा किया
उनका नाम तुमने मिटा दिया...
और तो और तुमने अपनी
कोख से जिस बच्चे को जन्म दिया
उसका भी नाम तुमने मिटा दिया ?
लड़की ने जवाब दिया.......
कि अब मम्मी- पापा बूढ़े हो चुके हैं,
कुछ साल के बाद वो मुझे
और इस दुनिया को छोड़ के
चले जायेंगे ......
मेरा बेटा जब बड़ा हो जायेगा
तो जरूरी नहीं कि वो
शादी के बाद मेरे साथ ही रहे।
लेकिन मेरे पति जब तक मेरी
जान में जान है
तब तक मेरा आधा शरीर बनके
मेरा साथ निभायेंगे
इस लिए मेरे लिए
सबसे अजीज मेरे पति हैं..
प्रोफ़ेसर और बाकी स्टूडेंट ने
तालियों की गूंज से
लड़की को सलामी दी...
प्रोफ़ेसर ने कहा
तुमने बिलकुल सही कहा
कि तुम और सभी के बिना
रह सकती हो
पर अपने आधे अंग अर्थात
अपने पति के बिना नहीं रह सकती l
मजाक मस्ती तक तो ठीक है
पर हर इंसान का
अपना जीवन साथी ही
उसको सब से ज्यादा
अजीज होता है...
यह बात कभी मत भूलना.....

क़ुरआन का सन्देश

  

तेरे बगैर

हँस के हर एक गम को मैं सहता रहा तेरे बगैर
रात भर तनहाई में जलता रहा तेरे बगैर

फूल सा बिस्तर मुझे चुभता है काँटों की तरह
चाँदनी से ये बदन जलता रहा तेरे बगैर

मयकदे मे अब नहीं है कैफ व मस्ती व सुरूर
हाथ में सागर लिए फिरता रहा तेरे बगैर

उफ ये नशा-ए-हिज्र ये सरगोशी-ए-बाद-ए-सबा
रातभर मैं करवटे लेता रहा तेरे बगैर

ये मेरी तनहाइयाँ डसती है नागिन की तरह
आरिफ़ ये गम-ए-दिल है सुलगता रहा तेरे बगैर

चल बेटा अब नमक ला!"

तीन आलसी कामचोर एक साथ खाना खा रहे थे।
खाने में नमक कम था तो सवाल यह उठा कि नमक
कौन लाएगा ?
एक आलसी बोला, 'जो पहले बोलेगा वह नमक
लाएगा।'
सब बैठे रहे।
न कोई बोला और न ही किसी ने खाना खाया।
तीन दिन गुजर गए और तीनों बेहोश हो गए।
लोगों ने सोचा तीनों मर चुके हैं।
अंतिम संस्कार की तैयारी हुई और पहले
को जलाया जाने लगा तो वह बोल पड़ा, 'अरे मैं
जिंदा हूं।'
तभी बाकी दो आलसी चिल्लाए, 'चल बेटा अब नमक
ला!"

भाई शिवकांत नंदवाना का आज जन्म दिन

दोस्तों राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव और कोटा के युथ कांग्रेस की धड़कन रहे भाई शिवकांत नंदवाना का आज जन्म दिन है ,,उन्हें उनके जन्म दिन पर ढेरो मुबारकबाद ,,बधाइयां ,,,निर्विवाद तरीके से छात्र कांग्रेस से जुड़कर कांग्रेस के पक्ष में प्रचार प्रसार में लगे रहे शिवकांत नंदवाना का समर्पण भाव ही था के वोह पहले युवक कांग्रेस कोटा के अध्यक्ष बने ,,फिर कोटा लोकसभा क्षेत्र के अध्यक्ष निर्वाचित हुए ,,,,अपने नेतृत्व में शिवकांत नंदवाना ने कई जांबाज़ प्रदर्शन किये ,,उनकी निर्विवाद कार्यशैली और आम लोगों से जुड़ाव को देखते हुए शिवकांत को कोटा दक्षिण उपचुनाव में विधायक का टिकिट दिया गया ,विकट परिस्थितियों में भी शिवकांत नंदवाना ने सभी कोंग्रेसियो को एक जुट कर दमदारी दिखाई और भाजपा के गढ़ में भाजपा प्रत्याक्षी को प्रत्याक्षी को बराबर की टक्कर दी ,,, शिवकांत नंदवाना को उनके मिलनसार निर्विवाद व्यक्तित्व को देखते हुए हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सचिव बनाया गया है जिसकी ज़िम्मेदारी भी आप बखूबी निभा रहे है ,,शिवकांत नंदवाना को उनके जन्म दिन पर बधाई मुबारकबाद ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लोकेश जी शर्मा साहब का जन्मदिन है

राजस्थान प्रदेश कॉंग्रेस से जुड़े साथियो को यह जानकार अत्यंत खुशी होगी की 20 सितंबर यानी कल सोशल मीडिया गुरु श्रीमान लोकेश जी शर्मा साहब का जन्मदिन है । प्रदेश काँग्रेस में सोशल मीडिया को स्थापित करके मजबूती के साथ पार्टी का पक्ष रखते हुए आज भाजपा के खिलाफ जो मौर्चा खुल रखा है उसके लिए लोकेश जी भाईसाब को पूरा श्रेय जाता है ।
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत साहब की सरकार में सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार की नीतियो व योजनाओ को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य और उसके बाद विधानसभा चुनाव हार के बाद जब लोग काँग्रेस के नाम तक को लेना पसंद नहीं करते तब भी अपनी टीम के माध्यम से भाजपा के प्रहारो का करारा जवाब देते हुए आज जो मजबूती प्रदान की उसके लिए आपके योगदान सराहनीय है ।
आज राजस्थान के छोटे-छोटे गांवो तक में लोकेश जी के तैयार किए युवा मिल जाएगे जो सोशल मीडिया के माध्यम से कॉंग्रेस का मजबूती से पक्ष रख रहे है उसके साथ ही लोकेश जी टीवी चेनल स्टुडियो के माध्यम से भी भाजपा के कुराज की धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते है । सोशल मीडिया में कई बार ऐसे मुद्दे उठाए जिन पर सरकार को झुककर अपने निर्णयो को वापस लेना पड़ा था ।

काँग्रेस साइबर टीम ने लोकेश जी के जन्मदिन को सोशल मीडिया पर अलग अंदाज में मनाने का निर्णय लिया है , कॉंग्रेस साइबर टीम के सदस्य और लोकेश जी के समर्थक 20 सितंबर के दिन Facebook , Twitter और Whatsapp पर अपने प्रोफ़ाइल फोटो के स्थान पर श्री लोकेश जी का फोटो लगाएंगे, साथ ही हर पोस्ट में हेसटैग ‪#‎HBDLokeshSharma‬ का use करते हुए पोस्ट करे । सभी मित्र निचे दी गई फ़ोटो को अपनी DP बनाए

बीवियों के बारे में महान हस्तियों के सर्वकालिक महान विचार

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विवाह के बाद पति-पत्नी एक ही सिक्के के दो पहलू बन जाते हैं - एक-दूसरे का मुंह नहीं देख सकते, लेकिन हमेशा साथ रहते हैं... (सुकरात)
विवाह आपके लिए हर तरह से लाभकारी है - यदि अच्छी पत्नी मिली तो सुखी रहेंगे, बुरी मिली तो फिलॉस्फर बनेंगे... (सुकरात)
नारी हमें महान कार्य करने की प्रेरणा देती है, और उन्हें अंजाम देने से रोकती है... (ड्यूमॉस)
जीवन का सब से दुष्कर प्रश्न, जिसका मुझे उत्तर नहीं मिल पाया है - आखिर नारी चाहती क्या है...? (फ्रायड)
कुछ लोग मुझसे हमारे सफल दाम्पत्य जीवन का राज़ पूछते हैं... हम हर सप्ताह में दो बार रेस्तरां जाने का समय निकालते हैं - कैंडल-लाइट डिनर, कुछ संगीत, कुछ नाच... वह हर मंगलवार को जाती है, मैं हर शुक्रवार को... (हेनरी यंगमैन)
मैं आतंकवाद से नहीं डरता... मैं दो साल तक शादीशुदा रहा हूं... (सैम किनिसन)
बीवियों के बारे में मेरी किस्मत हमेशा ख़राब रही... पहली मुझे छोड़कर चली गई, और दूसरी नहीं गई... (पैट्रिक मरे)
यह सही है कि सब लोग आज़ाद और बराबर जन्म लेते हैं, पर कुछ लोग शादी कर लेते हैं... (नैश)
विवाह एक ऐसी विधि है, जिसके द्वारा आप यह मालूम करते हैं कि आपकी पत्नी को किस तरह का व्यक्ति दरकार था... (नैश)
विवाह को आनन्दमय रखने के दो राज़ - एक, जब आप गलत हों, गलती मान लें... दो, जब आप सही हों, चुप रहें... (नैश)
मेरी पत्नी को बस दो शिकायतें हैं - पहनने को कुछ नहीं है, और कपड़ों के लिए अलमारियां काफी नहीं हैं... (हेनरी यंगमैन)
मैं शादी से पहले क्या करता था - जो जी में आता था... (हेनरी यंगमैन)
हमारा वार्तालाप हुआ - मैंने कुछ शब्द कहे, और उसने कुछ पृष्ठ कहे... (हेनरी यंगमैन)
मेरी पत्नी और मैं 20 साल तक बहुत खुश रहे... फिर हमारी मुलाकात हो गई... (रॉडनी डेंजरफील्ड)
मैंने अपनी पत्नी से कई वर्ष से बात नहीं की... मैं उसे बीच में नहीं टोकना चाहता था... (रॉडनी डेंजरफील्ड)
एक अच्छी पत्नी हमेशा अपनी ग़लती के लिए अपने पति को माफ कर देती है... (मिल्टन बर्ल)

अंग्रेज़ो भारत छोडो आंदोलन के तहत आज़ादी की जंग की शुरुआत कोटा से हुई थी ,,और अब देश के विकास ,,सुख ,,समृद्धि को कोड में खाज की तरह से खा रहे आरक्षण के कीड़े को भारत से भगाने के लिए कोटा के ज़िम्मेदार लोगों ने आह्वान किया है

देश में अंग्रेज़ो भारत छोडो आंदोलन के तहत आज़ादी की जंग की शुरुआत कोटा से हुई थी ,,और अब देश के विकास ,,सुख ,,समृद्धि को कोड में खाज की तरह से खा रहे आरक्षण के कीड़े को भारत से भगाने के लिए कोटा के ज़िम्मेदार लोगों ने आह्वान किया है ,,जातिगत आरक्षण भारत छोडो आंदोलन के प्रणेता पत्रकार ,,समाजसेवक ,,विचारक ,,चिंतक अनिल तिवारी ,,विजय पालीवाल सहित उनकी टीम आगामी पच्चीस सितमबर को शहीद स्मारक अंटाघर सर्किल नयापुरा  कोटा पर पच्चीस सितमबर शुक्रवार को सांय चार बजे प्रस्तावित सांकेतिक धरने के लिए भीड़ जुटा रही है ,,,,आरक्षण भारत छोडो का प्रमुख नारा है ,,,,,जब हम सब देशवासी एक है तो जातिगत आरक्षण के नाम पर हम देशवासियो का बटवारा क्यों ,,,,इनका नारा है ,,,जात पात के नाम पर देश की अखंडता व् एकता न तोड़ो ,,सबको समान समझो ,,समान हक़ दो ,,,आरक्षण को अगर जोड़ना है तो आर्थिकता से जोड़ो ,,,,हमारा प्रमुख नारा ,,,,,,,,,,,,हमारा किसी से बेर नहीं परन्तु अब भेदभाव की खेर नहीं ,,आरक्षण के खिलाफ भारत में कोटा की सर ज़मीं से शुरू की जा रही यह जंग किसी जाति ,किसी समुदाय ,,किसी वर्ग ,,किसी समाज के खिलाफ नहीं है बल्कि इंसाफ की लड़ाई है ,,देश में देशवासियो को बराबरी का दर्जा दिलवाने की लड़ाई है ,,देश को आगे बढ़ाने की लड़ाई है ,,छोटे बढ़ो में हिक़ारत ,,नफरत खत्म करने की लड़ाई है ,,जिसे हम सब ,,आप और हम ,,,एक जुट होकर मिलजुलकर अगर लड़ेंगे तो निश्चित तोर पर हमारा देश  एक जुट होगा ,,विकसित होगा ,,यहां जो भी पदो पर होंगे गुणवत्ता वाले क़ाबिल लोग होंगे ऐसा नहीं होगा के गुणवत्ता विहीन लोग तो हमारे देश में  इंजिनियर ,,डॉक्टर ,,अधिकारी ,,लीडर होंगे ,,और गुणवत्ता वाले लोग देश के बाहर बढ़ी बढ़ी कम्पनियों में अपनी क़ाबलियत के जोहर दिखाएँगे ,,,,जी हाँ दोस्तों मेरे इस भारत को महान बनाने के लिए आज आरक्षित वर्ग ,,अनारक्षित वर्ग के सभी बुद्धिजीवियों को आगे आना होगा ,,सभी को दलगत राजनीति ,,सामाजिक भेदभाव ,,नफा नुकसान ,,सियासत को अलग रखकर राष्ट्र हित में आगे आना होगा ,,दोस्तों इस लड़ाई में हमे सभी को आपकी मदद की ज़रूरत है ,,आपकी उपस्थिति का हमे इन्तिज़ार है ,,,,,,दोस्तों हमारे देश में आरक्षण का गंदा इतिहास है ,,हमारे देश में आरक्षण ज़रूरत नहीं नफरत फैलाकर ,,एक दूसरे को एक दूसरे से लड़ा कर ,,उंच नीच दिखाकर ,,फुट डालो राज करो की तर्ज़ पर सिर्फ और सिर्फ सियासत करना ही मुख्य मक़सद  रहा है ,,,,,आज़ादी की लड़ाई के जंगजू सिपाहियों से परेशान अंग्रेज़ो ने सोची समझी साज़िश के तहत    पहले हिन्दू को मुसलमान से लड़ाया ,,कारतूसों में गांय और सूअर की चर्बी की अफवाह फैलाई ,,,,फिर गांय को लेकर सियासत करवाई लेकिन जब वोह देश में फुट डालने में असफल रहे तो अंग्रेज़ो ने अपने दलाल राजा महाराजाओ के साथ मिलकर आरक्षण का कार्ड फेंका ,,इस कार्यवाही में एक वर्ग को लालच देकर सुविधाये दी गई ,,तो दूसरे वर्ग को उपेक्षित कर इनमे आपस में उंच नीच ,,छुआ छूत का भेदभाव पैदा किया ,,,अंग्रेज़ो की इस नीति को हमारे भारत की सरकार ने खूब समझा और देश में शासन पर क़ब्ज़ा करने के लिए आरक्षण को खुले रूप में हथियार बनाया ,,,,काका केलकर सहित कई दर्जन लोगों का आयोग  बना कर इस मामले में रिपोर्ट तय्यार करवाई गई ,,काका केलकर ने साफ़ तोर पर अपनी रिपोर्ट में कहा के ,,,माँस ,,चमड़ा ,,कपड़ा धोने ,,रंगने ,,,बुनने सही कई व्यवसायों में लगे  लोग गरीब है इन्हे सुविधाये देकर इनका उत्थान करना चाहिए ,,,,आज़ाद भारत में नफरत की पहली सियासत शुरू हुई ,,काका केलकर की रिपोर्ट को राष्ट्रीयता के आधार पर नहीं ,,संविधान की मूल भावना ,,धर्मनिरपेक्षता ,,एकता ,,अखंडता ,समानता के विपरीत लागु किया गया ,,भारत सरकार ने  संविधान बनने के बाद आरक्षण का पहला परिपत्र बीस सितमबर उन्नीस सो इक्यावन में निकाला ,,इस परिपत्र में काका केलकर के सुझावों को मान कर माँस ,,कपड़ा ,,चमड़ा ,,,बुनकर ,,कपड़े धोने ,,रंगने के व्यवसायियों सहित कई व्यवसाइयों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद तीन सो इकतालीस में पहला संशोधन कर ,,संविधान की मूल भावना ,,धर्म निरपेक्षता ,,समानता का अधिकार राष्ट्रिय एकता ,,,के खिलाफ आरक्षण परिपत्र जारी किया गया ,,इस परिपत्र में माँस ,,कपड़ा ,,चमड़ा ,,,बुनकर ,,कपड़े धोने ,,रंगने के व्यवसायियों सहित कई जातियों ,,समाजो को आरक्षण का लाभ दिया गया ,,लेकिन अफ़सोस इस परिपत्र में केवल हिन्दुओ के लिए शब्द ख़ास तोर पर जोड़ कर दूसरे धर्म ,,समाजो को इसके लाभ से अलग कर दिया गया ,,नतीजन मांस बेचने वाला अगर हिन्दू भाई खटीक है तो लाभ मिला ,,मुस्लिम मांस बेचने वाले कुरैशी को इसका लाभ नहीं मिला ,,कपड़ा बुनने वाले कोली समाज को इसका लाभ मिला तो मुस्लिम जुलाहे को इसका लाभ नहीं दिया गया ,,बैरवा ,,मेघवाल ,जीनगर सहित दूसरे चमड़े  का व्यसाय करने वालो को लाभ  मिला लेकिन मुस्लिम समाज के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला ,,इस आरक्षण परिपत्र का लाभ बौद्ध ,,सिक्ख ,,ईसाई को भी नहीं मिला तो  आंदोलन हुआ सरकार ने फिर वोटो की  सियासत के तहत इस परीपत्र में संशोधन कर धर्म आधारित इस परिपत्र में हिन्दू ,,बौद्ध ,,सिक्ख ,,ईसाई जोड़ दिया अब मुस्लिम समाज के अलावा सभी को आरक्षण है ,,,सभी लोग आई ऐ एस ,,आई पी एस ,,प्रशासनिक और सरकारी नोकरियो ,,शिक्षा ,,,पंचायत ,,नगरपालिका ,,,सांसद ,,विधान परिषद सहित हर क्षेत्र में इस आरक्षण का लाभ लेकर लाठसाहब बने है ,,दस नबंर लाओ ,,अफसर बन जाओ ,,सो में से नब्बे नंबर लाओ फिर भी बेरोज़गार रहो ,,,सोचने की बात है एक दस नबंर वाला डॉक्टर ,,इंजीनियर ,,मास्टर ,,अधिकारी ,,,एक सो में से सो नंबर लाने वाले पर भारी क्यों है ,,धर्मनिरपेक्ष देश में आरक्षण का आधार धर्म क्यों है ,,मुस्लिम को आरक्षण नहीं  दूसरे धर्म से जुड़े लोगो को आरक्षण ,,देश में उंच नीच का भाव ,,नफरत का भाव ,,नाइंसाफी का भाव ,,बगावत के स्वर तेज़ करता गया ,,,बात जाती,, धर्म ,,,समाज की नहीं ,,बात ना इंसाफी की है ,,नोकरयो ,,शिक्षा ,,राजनीती में असंतुलन की है ,,गुणवत्ता के खिलाफ निम्नस्तरीय लोगों को मज़बूती देने की नाइंसाफी की है ,,,,,दोस्तों आज हमारे देश में आरक्षण की इस व्यवस्था से कोई समानता नहीं बढ़ रही  है उलटे नफरत सिर्फ नफरत बढ़ रही है ,,हमारे देश को आरक्षित लोग जिनकी बुद्धि का स्तर चालीस प्रतीशत से भी कम है वोह चला रहे है और हमारे देश का ब्रेन ,,हमारे देश की गुणवत्ता जो सो फीसदी ,,नब्बे फीसदी है वोह आज अमेरका सहित दूसरे देशो में जाकर अपनी प्रतीभा दिखा रहा है ,,नतीजन हमारा देश विदेशो में काम कर रहे हमारे इंजीनियर ,,डॉक्टर्स के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ता जा रहा है ,,हमारे इंजीनियर घोटाले कर रहे है ,,अधिकारी बेईमान ,,नाकारा हो रहे है ,,डॉक्टर गुणवत्ता का इलाज नहीं दे पा रहे है जो सामान्य वर्ग के इंटेलिजेंट लोग यहाँ है वोह  उनसे कम नंबर लाने वाले नाकाबिल लोगों को साहब साहब कह रहे है ऐसे  में लोगों का गुस्सा अब फूटने लगा है ,,,,,खुद आरक्षित वर्ग के लोग दमन का शिकार है सियासत के शिकार है उनमे गरीब तब्क़ा आज भी गरीब है ,,चंद लोग सरकारी योजनाओ और नोकरियो में आरक्षण का फायदा लेकर सिरमौर है जबकि आरक्षित वर्ग आज भी धरातल से ऊपर नहीं उठ सका है ,,,,उनमें भी इस आरक्षण के सिस्टम के खिलाफ बगावत है ,,,वोह लोग भी अब बराबर का दर्जा इन्साफ का दर्जा चाहते है ,,उन्हें अब उंच नीच के भेदभाव से मुक्ति चाहिए ,,देश में सम्मान और बराबरी का दर्जा चाहिए ,, आखिर कब तक उन्हें दलित ,,पिछड़ा ,,आरक्षित कहकर अपमानित किया जाता रहेगा ,,उन्हें इन्साफ मिले इसके लिए  उनके अपने लोगों ने कई बार आवाज़ उठाई लेकिन उसे दबा दी गई ,,,,,, समाज में सिर्फ दो वर्ग है एक गरीब एक अमीर ,,जो गरीब  है उसे रहने ,,खाने ,,पीने ,,सामाजिक रूप से खुद को स्थापित करने ,,रोज़गार प्राप्त करने ,,,, शिक्षा प्राप्त करने की सभी सुविधाये मिले ,,लेकिन जब प्रतीभा दिखाने का सवाल आये ,,डॉक्टर ,,इंजीनियर ,,जज ,,मंत्री ,,प्रधान ,,महापौर ,,नगरपालिका अध्यक्ष ,,विधायक ,,सांसद ,,मंत्री ,,कलेक्टर ,,सचिव ,,,अधिकारी ,,कर्मचारी बनने का नंबर आये तो सभी को बराबरी से परीक्षा दिलवाई जाए ,,निर्वाचन किया जाए ,,जो प्रतीभावां हो उसे प्रतिभा के आधार पर नौकरी मिले तो देश में सर्वोच्च गुणवत्ता वाले प्रतिभावान लोग डॉक्टर इंजिनियर ,,जज ,,कर्मचारी ,,प्रशासनिक अधिकारी ,,,विधायक ,,सांसद ,,होंगे और फिर देश  में प्रतीभावान लोगों का शासन होगा तो वोह देश को अमेरिका से भी अधिक विकसित ,,अधिक शक्तीशाली बना देंगे ,,देश में उंच नीच का भेदभाव खत्म कर देंगे ,,साम्प्रदायिकता  का ज़हर खत्म कर देंगे ,,,अगर ऐसा हुआ तो देश जो पिछड़े है उनको आर्थिक मदद मिलेगी ,,उन्हें सुविधाये मिलेगी जाती ,,धर्म का ज़हर खत्म होगा और देश में सिर्फ प्यार ही प्यार होगा ,,अमीर गरीब को अमीर करने की कोशिश में जुटेगा ,जबकि गरीब को दी जाने वाली आर्थिक ,,शैक्षणिक सुविधाओ से उसमे भी खुद की प्रतीभा साबित करने का जज़्बा पैदा होगा और देश का हर वर्ग ,,हर समाज ,,प्रतीभावांन  होगा ,,अव्वल होगा ,,और मेरा भारत महान होगा ,,तो आओ दोस्तों हम सभी संकल्प ले के अपने अपने इलाक़े के सांसदों का घेराव कर उनसे संकल्प पत्र भरवाये के भविष्य में आरक्षण विधेयक जो केवल दस सालों के लिए लागू किया गया था उसे बेवजह ,,गलत तरीके से अब दस वर्ष कार्यकाल खत्म होने के बाद बढ़ाया न जाए ,,उलटे देश के सभी सांसद एक जुट होकर विशेष स्तर बुलाकर आरक्षण के इस कोड इस बीमारी से इस भारत को आज़ाद करवाये ,,,आइये कोटा में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन धरना जो आगामी पच्चीस तारीख को कोटा जे डी बी कॉलेज अंटाघर चौराहे ,,शहीद स्मारक पर आरक्षण भारत छोडो नारे के साथ रखा गया है ,,उस धरने में शामिल होकर राष्ट्र को गौरवान्वित करने की इस मांग में शामिल होकर इस लड़ाई को लड़ने वाले जंगजू सिपाहियों का होसला बढ़ाये ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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