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20 सितंबर 2015

ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती है ,

सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे,
जगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे !
कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ,
परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे !
ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती है ,
दिखा दिया किसी कमज़र्फ ने छलक के मुझे !
हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगे ,
ये एक जुगनू ने समझा दिया चमक के मुझे !
बहुत सी नज़रें हमारी तरफ हैं महफ़िल में ,
इशारा कर दिया उसने ज़रा सरक के मुझे !
मैं देर रात गए जब भी घर पहुँचता हूँ ,
वो देखती है बहुत छान के फटक के मुझे !!
(जनाब राहत इन्दौरी)

श्राद्ध" 28 सितम्बर 2015 से शुरू हो रहे हैं और 12 अक्टूबर 2015

🎯 कृपया ध्यान से नोट करें।
श्राद्ध--- इस वर्ष पितरों को प्रसन्न करने का पावन उत्सव "श्राद्ध" 28 सितम्बर 2015 से शुरू हो रहे हैं और 12 अक्टूबर 2015 को समाप्त होंगे।।।
शुभ शारदीय नवरात्रे 13 अक्टूबर 2015 से आरम्भ होंगें ।।।।
आश्विन मास कृष्ण पक्ष :----
पूर्णिमा श्राद्ध 28/09/2015
पहला श्राद्ध 28/09/2015
दूसरा श्राद्ध 29/09/2015
तीसरा श्राद्ध 30/09/2015
चौथा श्राद्ध 01/10/2015
पांचवा श्राद्ध 02/10/2015
छठवां श्राद्ध 03/10/2015
सातवां श्राद्ध 04/10/2015
आठवां श्राद्ध 05/10/2015
नवमी श्राद्ध 06/10/2015
दशमी श्राद्ध 07/10/2015
एकादशी श्राद्ध 08/10/2015
द्वादशी श्राद्ध 09/10/2015
त्रयोदशी श्राद्ध 10/10/2015
चतुर्दशी श्राद्ध 11/10/2015
अमावस्या श्राद्ध 12/10/2015
============================
शुभ शारदीय नवरात्रे शुरू---
पहला नवरात्र। 13/10/2015
पहला नवरात्र। 14/10/2015
दूसरा नवरात्र। 15/10/2015
तीसरा नवरात्र। 16/10/2015
चौथा नवरात्र 17/10/2015
पांचवा नवरात्र। 18/10/2015
छठवां नवरात्र। 19/10/2015
सातवां नवरात्र। 20/10/2015
श्री दुर्गाष्टमी 21/10/2015
महानवमी 22/10/2015
विजया दशमी/दशहरा --22/10/2015 को हैं ।।।
एकादशी व्रत। 24/10/2015
प्रदोष व्रत 25/10/2015
शरद पूर्णिमा व्रत 26/10/2015
आश्रिन पूर्णिमा 27/10/2015...

अक्षरधाम में फंसे अहमदाबाद के पांच आरोपियों को सालों की मशक्कत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाइज्जत बरी

गौरतलब है कि अक्षरधाम में फंसे अहमदाबाद के पांच आरोपियों को सालों की मशक्कत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है।
वहीं मालेगांव और अजमेर शरीफ धमाके में हिन्दू संगठनों से जुड़े उग्र लोगों के शामिल होने के पुख्ता सबूत सामने आए, जबकि इनमें फंसे मुस्लिम लड़के अब भी केस से बाहर नहीं निकल पाए हैं।
सूत्रों के मुताबिक एक बार एफआईआर दर्ज होने और चार्जशीट दायर हो जाने के बाद कानून मामला खत्म करने का अख्तियार राज्य सरकार के पास है। जिस राज्य की पुलिस ने यह काम किया है, वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।
अगर पूरे मामले की जांच सही तरह से की जाए तो कानूनन इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी जेल तक जा सकते हैं।
आईबी ने शुरुआती कोशिश की तो राज्य सरकार और पुलिस की तरफ से सहयोग का कोई संकेत नहीं मिला। मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई।

दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112

¶मोबाइल से जुडी कई ऐसी बातें जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती लेकिन मुसीबत के वक्त यह मददगार साबित होती है ।
इमरजेंसी नंबर ---
दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है । अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं
तो 112 नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें। ख़ास बात यह है कि यह नंबर तब भी काम करता है जब आपका की पैड लौक हो।
जान अभी बाकी है---
मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो, ऐसे में आप *3370# डायल करें । आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा। मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे।
मोबाइल चोरी होने पर---
मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है, फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपने फोन के सीरियल नंबर को चेक करने के लिए *#06# दबाएँ । इसे दबाते ही आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड नंबर आयेगा। इसे नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा।
कार की चाभी खोने पर ---
अगर आपकी कार की रिमोट की लेस इंट्री है। और गलती से आपकी चाभी कार में बंद रह गयी है। और दूसरी चाभी घर पर है। तो आपका मोबाइल काम आ सकता है। घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन पर कॉल करें। घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह अपने मोबाइल को होल्ड रखकर कार की चाभी के पास ले जाएँ और चाभी के अनलॉक बटन को दबाये। साथ ही आप अपने मोबाइल फोन को कार के दरवाजे के पास रखें....। दरवाजा खुल जायेगा।
है न विचित्र किन्तु सत्य......!!!
अधिक से अधिक शेयर करें।
एंड्राइड मोबाइल यूजर के काम के कोड
1. Phone Information, Usage and Battery – *#*#4636#*#*
2. IMEI Number – *#06#
3. Enter Service Menu On Newer Phones – *#0*#
4. Detailed Camera Information –*#*#34971539#*#*
5. Backup All Media Files –*#*#273282*255*663282*#*#*
6. Wireless LAN Test –*#*#232339#*#*
7. Enable Test Mode for Service –*#*#197328640#*#*
8. Back-light Test – *#*#0842#*#*
9. Test the Touchscreen –*#*#2664#*#*
10. Vibration Test –*#*#0842#*#*
11. FTA Software Version –*#*#1111#*#*
12. Complete Software and Hardware Info –*#12580*369#
13. Diagnostic Configuration –*#9090#
14. USB Logging Control –*#872564#
15. System Dump Mode –*#9900#
16. HSDPA/HSUPA Control Menu –*#301279#
17. View Phone Lock Status –*#7465625#
18. Reset the Data Partition to Factory State – *#*#7780#*#*
बड़े काम के कोड है इसलिए शेयर करे और दुसरो को भी बताये !

अब शराब पीकर मचाया हंगामा तो देना होगा "10 हजार" तक का जुर्माना...


जयपुर,राजस्थान में वो लोग सावधान हो जाए जो शराब पीकर सरेआम हंगामा करते है ।
जिनकी वजह से लोगों को परेशानी होती है । राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007के अधिनियम 14 की धारा 60 में संशोधन करने जा रही है ।
विधानसभा में सोमवार को राजस्थानपुलिस(संशोधन)
अधिनियम-2015बिल पारित किया जाएगा ।
राजस्थान पुलिस(संशोधन) अधिनियम-2015के तहत पुलिस के पास शराब पीकर हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के कुछ अधिकार और मिलेंगे जिससे की पुलिस समाज में होने वाले कई प्रकार के अपराधों पर लगाम लगाने में समर्थ हो सकेगी ।
पुलिस को मत्त या बलवा करते पाए जाने वाले अभियुक्त पर नई पुलिस अधिनियम की धारा"60-क" के तहत कार्रवाई कर सकेगी,
"60-क" के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो किसी भी कस्बे जिस पर राज्य सरकार द्वारा इस धारा का प्रसार विशेष रुप से किया जाए की सीमाओ के भीतर किसी भी सड़क या खुले स्थान,मार्ग या आम रास्ते में मत्त पाया जाने पर कार्रवाई करती है ।
कस्बे या शहर के निवासियों को बाधा,असुविधाक्षोभ, जोखिम स,संकट नुकसान होता है और मजिस्ट्रेट के सामने दोष सिद्द होने पर प्रथमअपराध के लिए पांच सौ रुपए जुर्माना,
दुसरी बार अपारध कारित करने पर पांच हजार रुपए, तीसरे अपराध के लिए दस हजार और फिर अपराध की पुनरावृति होने के बाद से दस हजार और आठ दिन का कठोर सश्रम या श्रम रहित कारावास का भागी होगा।
इसके अलावा किसी भी पुलिस अधिकारी के लिए बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकने का अधिकार होगा ।
बदलाव करने का कारण
बलवा,शराब पीकर हंगामा करते पाए जाने पर आमजन की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस इस प्रकार की कार्रवाई करती है ।
इससे पहले पुलिस इस प्रकार के आपराधिक कृत्यों के लिए राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 60 के तहत मात्र पचास से सौ रुपए का जुर्मना लेती थी जो कि पर्याप्त नही माना गया ।
इसलिए पुलिस अधिनियम
2007 में एक नई धारा "60-क" को अनंत स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।

बारुद से भरा गांव, यहां एक चिंगारी से मच सकती है बड़ी तबाही

इस गांव में हैं पटाखों के 9 गोदाम
इस गांव में हैं पटाखों के 9 गोदाम
इंदौर. इंदौर के पटाखा व्यापारियों ने शहर से लगे मोरोद माचल गांव में नौ पटाखा गोदाम बना रखे हैं। बीच गांव में बने इन गोदामों में बारूद का जखीरा है क्योंकि हर गोदाम में छत तक विस्फोटक सामग्री भरी हुई है, जिससे किसी भी दिन पेटलावद की तरह बड़ा हादसा हो सकता है। न तो व्यापारी इस पर ध्यान दे रहे हैं और न ही जिला प्रशासन को इसकी सुध है।
पटाखा गोदामों में भरे बारूद के जखीरे से ग्रामीण दहशत में
खंडवा रोड पर मोरोद माचल गांव में इंदौर के पटाखा व्यापारियों के नौ पटाखा गोदामों से किसी भी दिन पेटलावद में हुए धमाके की तरह हादसा हो सकता है। इससे यहां रहने वाले सैकड़ों ग्रामीणों को जान का खतरा है। व्यापारियों ने शहर में दुकानें खोल रखी हैं और गांव में पटाखों के गोदाम बनाकर छत तक पटाखों के रूप में बारूद का जखीरा भरा हुआ है। यहां पर मनमाने ढंग से पटाखे भर रखे हैं और सुरक्षा का कोई इंतजाम भी नहीं किया गया है। न तो गोदाम के आसपास फायर फाइटिंग इंस्ट्रूमेंट लगे हैं, न आग लगने पर पानी की व्यवस्था है। जिस जगह गोदाम बनाए गए हैं, वह गांव के अंदर की संकरी सड़क है। गोदाम से गांव के बच्चे स्कूल जाने के लिए गुजरते हैं। इसके अलावा गांव के कई मकान भी बने हैं। इन्हें बारूद के गोदामों से भारी खतरा है।
अग्निकांड होने पर इस सड़क से फायर ब्रिगेड की गाड़ी या एम्बुलेंस को निकलना भी मुश्किल है। मोरोद माचल में जिस वक्त ये गोदाम बनाए गए उस समय यहां पर इतनी बसाहट नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे गांव की जनसंख्या बढ़ने से ये गांवों के बीच में गए हैं। वर्तमान में यहां की जनसंख्या 10 हजार तक पहुंच चुकी है। यहां के रहवासियों के मुताबिक सबसे ज्यादा खतरा गर्मी के मौसम में और दीपावली पर होता है।
शिकायतें भी हुईं बेअसर
इस संबंध में गांव वालों ने पंचायत और जिला प्रशासन के अफसरों को भी कई बार शिकायतें की, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। अफसर हर बार जांच कर चले जाते हैं, कार्रवाई कभी भी नहीं हुई। इंदौर होलसेल फायर वर्क डीलर्स एसोसिएशन के सचिव सुरेश फेरवानी का कहना है हमारे पास 1999 की जिला प्रशासन की अनुमति है। वहीं एसडीएम राऊ संदीप सोनी का कहना है हम जांच कर रहे हैं, इसके बाद कार्रवाई भी होगी।

अजमेर दरगाह में दफनाए गए थे ये क्रांतिकारी, अंग्रेजों की नाक में किया था दम

अजमेर दरगाह। इनसेट में महान स्वतंत्रता सेनानी अर्जुनलाल सेठी।
अजमेर दरगाह। इनसेट में महान स्वतंत्रता सेनानी अर्जुनलाल सेठी।
अजमेर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के समकालीन महान क्रांतिकारी पंडित अर्जुनलाल सेठी को 22 सितंबर 1941 को महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की विश्व प्रसिद्ध दरगाह परिसर में दफनाया गया था। अंग्रेजों की नाक में दम कर देने वाले अजमेर के इस महान सपूत के जीवनकाल का अंतिम समय काफी गुमनामी में बीता।
 
उम्र के ढलान पर उनका धार्मिक झुकाव इस्लाम की तरफ भी हो गया था। हालांकि कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी ऐसा मानते हैं कि संभवत: अंग्रेजों से बचने के लिए पंडित अर्जुनलाल सेठी को पहचान छिपानी पड़ी, दुर्भाग्य से छिपी हुई पहचान के बीच ही उन्होंने नश्वर देह त्याग दी, लेकिन उनकी पार्थिव देह को गरीब नवाज की बारगाह में पनाह मिली जो बिरलों को ही मिलती है।
 
अर्जुनलाल सेठी के बारे में कुछ पुराने कांग्रेसी बताते हैं कि उन्हें ख्वाजा साहब की दरगाह के पिछले हिस्से में झालरे के पास दफनाया गया था। वहां उनकी मजार बनी हुई थी। एक वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता के मुताबिक आजादी के बाद जब पंडित जवाहरलाल नेहरू अजमेर आए तो उन्होंने सेठीजी की मजार पर पुष्प चढ़ाए। उनके साथ तब नाती राजीव गांधी और संजय गांधी भी आए थे।
 
1975 में आई भीषण बाढ़ के दौरान सेठीजी की मजार ध्वस्त हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने अजमेर आईं तो वह हिस्सा भी देखने गई, जहां सेठीजी की मजार थी। वर्तमान में झालरे का स्वरूप बदल चुका है। काफी बड़ा हिस्सा पाटकर फर्श बनाया जा चुका है। अब पूरे इलाके में ही कोई मजार नहीं आती है।स्वतंत्रता आंदोलन में सेठीजी की भूमिका
>नरम और गरम दोनों दलों से गहरा रिश्ता था।
>महात्मा गांधी, पंडित नेहरू के साथ-साथ वे देश के समकालीन उग्र क्रांतिकारियों से भी जुड़े हुए थे।
>जैन विद्यापीठ और बोर्डिंग हाउस शुरू किए, इनमें सभी धर्मों के युवाओं को प्रवेश दिया गया। विद्यापीठ में क्रांतिकारियों की फौज तैयारी की गई।
>23 दिसंबर 1912 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड हार्डिंग्ज के जुलूस पर चांदनी चौक में बम फेंकने के आरोप में गिरफ्तार हुए। क्रांतिकारी रास बिहारी बोस व जोरावर सिंह बारहट को पुलिस गिरफ्तार करने में असफल रही, माना जाता है कि बम मारवाड़ी लाइब्रेरी से क्रांतिकारी जोरावर सिंह बारहठ ने बुर्का पहनकर फेंका था, जोरावर सिंह सेठी जी के विद्यापीठ के छात्र थे।अजमेर दरगाह में क्यों दफनाए गए थे ये
एक समय था जब क्रांतिकारी नृसिंह दास, सेठीजी से बहुत प्रभावित हुए लेकिन जैन समाज की आंतरिक उठापटक के चलते सेठीजी के विरुद्ध हो गए। सेठीजी का बुरा वक्त शुरू हो गया और उन्हें परिवार के भरण पोषण तक के लाले पड़ गए। बाबा नृसिंह दास को बाद में अपनी गलती का आभास हुआ। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘राजस्थान की पुकार’ सेठीजी को समर्पित की और समर्पण में लेख लिखा। सेठीजी दयनीय स्थिति में पहुंच चुके थे। उनके परम भक्त अयोध्याप्रसाद गोयलीय एक दिन उनके घर आए और सारा नजारा देखा।
गोयलीय ने अपने संस्मरणों में सेठीजी की दयनीय स्थिति का मार्मिक चित्रण किया है। उनके मुताबिक उस समय एक नारा चल पड़ा था अंग्रेजों में “लार्ड कर्जन और जैनियों में लार्ड अर्जन’। राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी की इस किताब में लिखा है सेठी जी को निर्वहन के लिए दरगाह के मदरसे में तीस रुपए माहवार पढ़ाने की नौकरी करनी पड़ी। सेठी जी बाद में अपने एक मुस्लिम मित्र के साथ रहने लगे थे और कहते हैं और उसी के पास उनका 22 सितंबर 1941 को देहांत हो गया। उनके पार्थिव शरीर को दरगाह में ही दफना दिया गया। सेठीजी के परिवार तक को इत्तला नहीं दी गई।
 

शादी से पहले संबंध बनाने की मिली सजा, महिला को सरेआम मारे गए कोड़े

बंदा अकेह में मस्जिद के बाहर महिला को कोड़े मारते हुए।
बंदा अकेह में मस्जिद के बाहर महिला को कोड़े मारते हुए।
बंदा अकेह। घुटनों के बल बैठी ये महिला अपनी सजा का इंतजार कर रही है। इसकी गलती सिर्फ इतनी है कि इसने शादी से पहले एक पुरुष के साथ संबंध बनाए। शरिया कानून के तहत महिला को कोड़े मारे जाने की ये फोटोज इंडोनेशिया के बंदा अकेह प्रांत की है। तस्वीर में महिला सफेद कपड़े पहने घुटनों के बल सिर झुकाकर बैठी नजर आ रही है। उसे लोगों की भीड़ के बीच गार्ड्स के सामने कोड़े मारे जा रहे हैं। जुमे की नमाज के बाद मस्जिद के बाहर यौन अपराध और गैम्बलिंग के आरोप में 3 महिलाओं और 14 पुरुषों को कोड़े मारने की सजा दी गई।
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में बंदा अकेह अकेला ऐसा प्रांत है, जिसने शरिया कानून लागू करने की अनुमति दे रखी है। सार्वजनिक तौर पर कोड़े मारना यहां पर आम सजा है। हालांकि, महिला को कोड़े मारने की सजा कम ही देखने को मिलती है। बाकी की तस्वीरों में कई पुरुष भी शरिया कानून तोड़ने के आरोप में सजा का सामना करते दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले जून में भी कोड़े मारने की ऐसी ही तस्वीरें सामने आईं थी। तब तीन जोड़ों को सिर्फ इसलिए सरेआम कोड़े मारे गए थे, क्योंकि ये अनमैरिड यूनिवर्सिटी स्टेडेंट एक साथ वक्त बिताते पाए गए थे। इंडोनेशिया के बंदा अकेह प्रांत में 2001 से गे सेक्स, गैम्बलिंग और शराब पीने पर शरिया कानून के तहत कोड़े मारने की सजा देने का प्रावधान है।

सेक्स को हथियार बनाकर सीक्रेट पता करने वाली रूसी जासूस फिर चर्चा में

FILE PHOTO: एना चेपमैन।
इंटरनेशनल डेस्क। सेक्स को हथियार बनाकर दुश्मनों के राज जानने वाली रूस की मशहूर जासूस एना चेपमैन ने एक बच्चे को जन्म दिया है। ये खबर रूसी मीडिया में आने के बाद हर कोई इस बच्चे के पिता के बारे में जानना चाहता है। लेकिन एना इसके पिता के बारे में बताने से कतरा रही है। अमेरिका में खतरनाक जासूस रही एना आज मॉडल और एक एंटिक शोरूम की ओनर है। वह मॉस्को में टीवी शो की होस्ट भी है। एना ने बताया कि बच्चे के पिता का नाम सीक्रेट है। वह इस रिश्ते को प्राइवेट रखना चाहती है।
स्नोडन को की थी फंसाने की कोशिश
ब्रिटिश नागरिक रूसी महिला जासूस एना को 2010 में अमेरिका में नौ रूसी जासूसों के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अमेरिकी सरकार ने उसे रूस निवार्सित कर दिया था। वह टि्वटर पर अमेरिका के एनएसए एजेंट एडवर्ड स्नोडन को भी प्रपोज कर चुकी है और उसे अपने हुस्न के जाल में फंसाने की कोशिश की थी। ऐसा उसने रूसी राष्ट्रपति ऑफिस के कहने पर किया था। इस बात का खुलासा खुद रूसी खुफिया एजेंसी 'केजीबी' के एक एजेंट बोरिस कारपिचोकोव ने किया था।
सेक्स को बनाती थी हथियार
एना के पकड़े जाने के बाद उसके कई अमेरिकी प्रेमियों ने एना पर सेक्स को हथियार की तरह इस्तेमाल करने का खुलासा किया था। उन्होंने एना को 'सेक्सी जासूस' बताया था। जो हनी ट्रैप राज जान लेती थी। एक पूर्व प्रेमी एक मॉडल डेनिस हिर्डट ने बताया कि वह अपने जिस्म को बखूबी इस्तेमाल करती थी। वहीं, कई देशों में सीक्रेट एजेंट रह चुके बिल स्टेनीफोर्ड के मुताबिक, एना ऐसे पेश आती थी कि लोग न चाहकर भी उसकी तरफ आकर्षित होते थे। बिल ने बताया कि उससे मिलने के बाद वह कई दिन तक दूसरी चीजों पर ध्यान नहीं लगा पाए थे।

रहस्य बना हुआ है इस झील का पानी, साइंटिस्ट नहीं खोज पा रहे राज

बुलढ़ाणा जिले में स्थित लोनार लेक- फाइल फोटो
बुलढ़ाणा जिले में स्थित लोनार लेक- फाइल फोटो
बुलढ़ाणा. 27 सितंबर को पूरे दुनिया में वर्ल्ड टूरिस्ट डे मनाया जाएगा। इस मौके पर dainikbhaskar.com आपको सिलसिलेवार देश के ऐसे टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताएगा है, जो दुनिया भर में अपने इतिहास और खूबसूरती के लिए मशहूर है। इस कड़ी में आज हम आपको महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िले में स्थित 'Lonar Lake' के बारे में बता रहे हैं, जिसके पानी में हो रहा बदलाव आज भी रहस्य बना हुआ है।  
 
उल्का पिंड की टक्कर से बनी थी झील
 
लोनार झील खारे पानी की झील है। साइंटिस्टों का मानना है कि यह झील उल्का पिंड की टक्कर से बनी है।  इसका खारा पानी इस बात को दर्शाता है कि कभी यहां समुद्र था। इसके बनते वक्त क़रीब दस लाख टन के उल्का पिंड की टकराहट हुई। क़रीब 1.8 किलोमीटर डायामीटर की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है। इस झील के पानी पर आज भी देश-विदेश के कई साइंटिस्ट रिसर्च कर रहे हैं। कहा जाता है कि झील के पानी में समय-समय पर बदलाव होते हैं। यह बदलाव क्यों होते हैं इस बात पर आज भी रहस्य कायम है और कई साइंटिस्ट इस राज को जानने में जुटे हुए हैं। 
 
तीन हिस्सों में टूटा था उल्कापिंड
 
पृथ्वी से टकराने के बाद उल्कापिंड तीन हिस्सों में टूट चुका था और उसने लोनार के अलावा अन्य दो जगहों पर भी झील बना दी, हालांकि अब अन्य दो झीलें पूरी तरह सूख चुकी है पर लोनार में आज भी पानी मौजूद है।
 
2006 में हुई अजीब हलचल
 
लगभग वर्ष 2006 के आस पास लोनर झील में अजीब-सी हलचल हुई थी, झील का पानी अचानक भाप बनकर ख़त्म हो गया। गांव वालों ने पानी की जगह झील में नमक और अन्य खनिजों(मिनरल्स) के छोटे-बड़े चमकते हुए क्रिस्टल देखे।

उफनती नदी में पलटी नाव, पीठ पर बंधे बच्चे संग लहरों में समा गई मां

रविवार दिन भर रेस्क्यू ऑपरेशन चला पर महिला और उसके बच्चे का कुछ पता नहीं चल पाया।
रविवार दिन भर रेस्क्यू ऑपरेशन चला पर महिला और उसके बच्चे का कुछ पता नहीं चल पाया।
रायपुर. नाव में सवार होने से पहले मां ने अपने बेटे को पीठ पर बांध लिया ताकि कहीं वह गिर न जाए। पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उफनती नदी में हिचकोले खाती नाव का बैलेंस बिगड़ गया और मां-बेटे दोनों नदी में गिर गए। नाव में साथ बैठे दूसरे सवार जब तक कुछ समझ पाते तब तक दोनों लहरों में समा चुके थे। हादसा शनिवार देर शाम इंद्रावती नदी पर पड़ने वाले सतवा घाट के पास हुआ था, जिसमें मां-बेटे समेत तीन गांव वाले नदी में डूब गए। रविवार दिन भर गोताखोरों की टीम तलाश में जुटी रही पर किसी का कुछ पता नहीं चल पाया। वहीं, तुमनार के नजदीक एक हादसे में एक अन्य व्यक्ति के डूबने की खबर मिली है।
पति से मिलने जा रही थी महिला
हादसे के वक्त नाव में 8 लोग सवार थे, जिनमें से लछिंदर, नाविक घस्सूराम, राजाराम नाग, शंकर और गुड्‌डूराम किसी तरह तैर कर सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे। बेलनार की रहने वाली महिला आसमती पति सुकड़ा राम, उसका पांच साल का बेटा रामपाल और भुने नदी में डूब गए। आसमती का पति सुकड़ा पुलिसकर्मी है, जिसकी पोस्टिंग नेलसनार में है। वह अपने पति से मिलने जा रही थी तभी यह हादसा हुआ।
हाथ पकड़ा पर छिटक कर दूर चली गई आसमती
लछिंदर ने बताया कि पानी का बहाव तेज होने के चलते नाव डगमगा रही थी, अचानक नाव का एक हिस्सा पानी में डूब गया। इसके बाद वहां चीख-पुकार मच गई। नाव में सवार सभी 8 लोग इधर-उधर गिर पड़े और बहने लगे। उसने बताया कि उसने आसमती और उसके बच्चे को बचाने के लिए उसका हाथ पकड़ा, इस पर आसमती ने खुद तैरकर निकल जाने की बात कही। लेकिन वह लहर में फंसती जा रही थी। इसके बाद लछिंदर उसके पास पहुंचा तो आसमती ने उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की लेकिन लहर की वजह से छिटक कर दूर चली गई। इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला।
दो घंटे पहले ही मरीज को सुरक्षित पार कराई थी नदी
लछिंदर ने बताया कि हादसे के दो-तीन घंटे पहले ही लकवा ग्रस्त एक मरीज और उसके परिजन को सुरक्षित नदी पार करवाई थी। वे लोग नेसलनार के अस्पताल जाने वाले थे।
खरीदारी कर लौट रहे थे ग्रामीण
अबूझमाड़ में बसे कई गांव बारिश के दिनों में आसपास के कस्बों से कट जाते हैं। सड़क नहीं होने के चलते उन्हें रोजमर्रा के सामान की खरीदारी के लिए नदी पार कर इस पार आना पड़ता है। बस्तर संभाग में तीन दिन की मूसलाधार बारिश के बाद इंद्रावती नदी इस वक्त उफान पर है। कई स्थानों पर नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। शनिवार शाम ग्रामीण खरीदारी के बाद वापस जा रहे थे उसी वक्त सतवा घाट के पास नाव का संतुलन बिगड़ गया, और ये घटना हो गई।
हर साल होते हैं हादसे
इंद्रावती को वैसे तो बस्तर की लाइफलाइन कहा जाता है लेकिन बाढ़ के दिनों में यह काल बन जाती है। नदी के दूसरी तरफ बीजापुर जिले के 8 गांव और उन पर निर्भर 69 गांव पड़ते हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को इलाज, हाट-बाजार, स्कूल जाने के लिए ब्लॉक मुख्यालय भैरमगढ़ आना पड़ता है। नदी पर पुल नहीं होने चलते ग्रामीण जान जोखिम में डाल नाव से नदी पार करते हैं। हर साल ऐसे हादसे होते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नमक, तेल तक के लिए भी नदी के इस पार आना पड़ता है।

क्या कहते हैं अफसर?
नेलसनार के डुंगाघाट में हुए हादसे में नाव में 8 लोग सवार थे, जिनमें से 5 बच निकले, लेकिन 3 का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। किसी का भी शव अब तक बरामद नहीं हुआ है। नदी के निचले हिस्से में 50 किमी दूरी पर स्थित कुटरू व बेदरे तक राजस्व अमले को सतर्क कर दिया गया है, ताकि किसी का भी शव मिलने पर पता चल सके। छोटे तुमनार के नजदीक नेलगुड़ा में भी हादसा होने की जानकारी मिली है, लेकिन नदी उस पार के किसी भी ग्रामीण से संपर्क नहीं हो पाया है। उपलब्ध संसाधन से पूरी कोशिश की जा रही है। नदी में काफी बाढ़ होने से राहत व तलाशी अभियान में दिक्कत हो रही है।- सीडी वर्मा, एसडीएम, बीजापुर

स्मृति ने साधा राहुल पर निशाना, कहा- मुझे न बोलने की वॉर्निंग दे रही है कांग्रेस

अमेठी में एक महिला को पौधा देतीं स्मृति ईरानी।
अमेठी में एक महिला को पौधा देतीं स्मृति ईरानी।
अमेठी. HRD मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने रविवार को अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। एक महीने में दूसरी बार अमेठी पहुंचीं ईरानी ने कहा, "राहुल गांधी के खिलाफ बोलने पर कांग्रेस कमिटी ने शनिवार को मुझे एक नोटिस भेजा। इसमें वॉर्निंग दी गई है कि मैं गांधी परिवार के खिलाफ बोलना बंद कर दूं, वर्ना कानूनी कार्रवाई करके मुझे सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा।”
नोटिस का देंगे जवाब
ईरानी ने कहा, "अमेठी के लोगों ने मुझे दीदी कहा है। इसलिए मैं आपके लिए लड़ती रहूंगी। कांग्रेस की नोटिस का वाजिब जवाब दिया जाएगा।"
क्या है कांग्रेस का रिएक्शन?
ईरानी के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, "झूठ बोलने का अधिकार सभी को है, लेकिन झूठे आरोप लगाने का अधिकार किसी के पास नहीं है। किसी जमीन मामले में कोर्ट फैसले लेती है और उस जमीन को कोई फैक्ट्री खरीद लेती है। ऐसे झूठे आरोप लगाना एक तरह से कानून के दायरे में आता है। स्मृति ईरानी ने अपने पिछले अमेठी दौरे पर ऐसे ही झूठे आरोप गांधी परिवार पर लगाए थे, जो कानून के दायरे में आता है। इसलिए उन्हें लीगल नोटिस जारी किया गया है।”
शिक्षामित्रों ने किया स्मृति का घेराव
ईरानी को अमेठी में शिक्षामित्रों ने घेर लिया और उनके अपनी मांगें रखीं। उन्होंने शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाते हुए कहा, "मेरी अखिलेश यादव से बात हुई है। मैंने शिक्षामित्रों से जुड़ी सारी फाइलें मंगवाई हैं। इन्हें देखने के बाद केंद्र सरकार इस पर विचार करेगी। शिक्षामित्र परेशान न हों, सरकार उनकी मदद करेगी।" बासमती क्षेत्र में लोगों ने रेलवे अंडर पास बनाने की मांग की तो ईरानी ने रेल मंत्री से बात करने का भरोसा दिलाया। बता दें, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पिछले महीने 23 अगस्त को भी अमेठी आईं थीं।

नेपाल: नया संविधान लागू, एलान से पहले पुलिस फायरिंग में एक की मौत

काठमांडू में पुलिस के हत्थे चढ़ा एक प्रदर्शनकारी।
काठमांडू में पुलिस के हत्थे चढ़ा एक प्रदर्शनकारी।
काठमांडू. नेपाल में आठ साल चले सियासी मशक्कत के बाद नया संविधान लागू कर दिया गया। देश के कई हिस्सों में नए संविधान को लेकर जारी विरोध के मद्देनजर कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। राजधानी काठमांडू में भी सुरक्षा के कड़े इंतजामात हैं। रविवार को संसद भवन परिसर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामबरन यादव ने नए संविधान की घोषणा की। इसके तहत हिंदू बहुल नेपाल अब एक धर्मनिरपेक्ष देश कहलाएगा। इससे पहले नेपाल के बीरगंज शहर में नए संविधान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग की। जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई।
कौन कर रहा विरोध?
संविधान सभा ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की मांग को ठुकरा दिया। उसके बाद से ही कई हिंदू संगठन नए संविधान का विरोध कर रहे हैं। दक्षिणी इलाके में रहने वाले थारू और मधेसी (नेपाल में बसे हुए मूल रूप से भारतीय) जातीय समूहों की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शन ने नेपाल के कुछ हिस्सों में माहौल को तनाव से भर दिया है। दक्षिणी इलाके में नए संविधान का विरोध करने को लेकर अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
क्यों कर रहे विरोध?
मधेसी नए संविधान के तहत नेपाल को सात प्रांतों में विभाजित करने के प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, अभी प्रांतों के नाम और क्षेत्र निर्धारित नहीं किए गए हैं। दक्षिणी इलाकों के जातीय अल्पसंख्यकों का कहना है कि नए संविधान के तहत वे राजनीतिक रूप से पिछड़ जाएंगे। उनके मुताबिक, नए संविधान में उनके अधिकारों को दरकिनार किया गया है।
इससे पहले फेडरल सोशलिस्ट फोरम के एक मधेसी नेता शिवाजी यादव ने आरोप लगाया था कि बड़ी पार्टियों ने न सिर्फ अल्पसंख्यक समूहों को कुचलने का प्रयास किया, बल्कि देश को अराजकता के माहौल में भी धकेला है। उनके मुताबिक, नया संविधान नेताओं के विशेषाधिकार प्राप्त पुराने गार्ड्स को ध्यान में रखकर तैयार किया है न कि देशवासियों के लिए।
नए संविधान में क्या?
- संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया यह नेपाल का पहला संविधान है।
- नए संविधान के तहत दो सदनीय संसद का प्रावधान किया गया है।
- आरक्षण और कोटा सिस्टम के जरिए वंचित, क्षेत्रीय और जातीय समुदायों के सशक्तिकरण की व्यवस्था।
- मूल निवासी, दलितों और महिलाओं के लिए स्थानीय प्रशासन, प्रांतीय और संघीय सरकार से लेकर हर स्तर पर आरक्षण का प्रावधान।
- नए संविधान में 'थर्ड जेंडर' को भी मान्यता दी गई है।
- सभी जातीय भाषाओं को मान्यता। वहीं, प्रांतीय सभाओं को अपनी आधिकारिक भाषा चुनने का अधिकार दिया गया है।
- नेपाली देश की राष्ट्रीय भाषा बनी रहेगी।

कांग्रेस की किसान-मज़दूर सम्मान रैली

दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की किसान-मज़दूर सम्मान रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी जी और सोनिया गांधी जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने जुमले बाज मोदी की पोल खोलकर रख दी और एक बहुत ही कडवा सच बोलो और कहा की जुमले बाजी से देश नही चलता|
देश चलता है युवाओ से किसानो से मजदूरो से देश के गरीब लोगो और से और हम जानते है यही इस देश की शक्ति है|

_____________राहुल गांधी जी ने मैदान में ठसाठस भरे किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "हर किसी की मां होती है. मगर किसान की दो मां होती है.
और प्रधानमंत्री किसान की मां छीन रहे हैं." उन्होंने ये भी कहा कि भूमि बिल का मोदी सरकार की ओर से वापस लिया जाना किसानों की जीत है.
_____________राहुल गांधी जी ने मोदी के 'मेक इन इंडिया' पर तंज़ करते हुए कहा कि इसका नाम होना चाहिए 'टेक इन इंडिया'.
_____________राहुल गांधी जी ने कहा कि मोदी सरकार कुछ बना नहीं रही है बल्कि लोगों से उनकी चीज़ ले रही है.
▶ _____________राहुल गांधी जी ने का मुझसे कुछ किसानो ने कहा कि नरेंद्र मोदी हमारी मां छीन रहा है। आप हमारे साथ खड़े हो जाइए। यह किसान के भविष्य की लड़ाई है।
_____________राहुल गांधी जी ने कहा कि शनिवार को मैं बिहार गया। मैंने वहां किसानों की बात उठाई। मोदी ने कहा, हम ऑर्डिनेंस को लैप्स करेंगे। लेकिन मोदी जो कहते हैं वो करते नहीं हैं। वो चीफ मिनिस्टर्स से कह रहे हैं कि लैंड बिल हम केंद्र में लागू नहीं कर पाए आप स्टेट में लागू करें। आज किसान कमजोर है और मोदी भी यही चाहते हैं। एमएसपी 50 फीसदी बढ़नी चाहिए थी लेकिन नहीं बढ़ी।
_____________राहुल गांधी जी ने कहा हर प्रदेश में किसान रो रहा है। मैं पीएम से कहना चाहता हूं कि किसान की मदद कीजिए। अगर आप नहीं करेंगे तो वहां कांग्रेस पार्टी नजर आएगी।
_____________राहुल गांधी जी ने कहा मेने बिहार में एक चुटकुला सुनाया था, यहां भी सुनाना चाहता हूं।
___________________________मोदी को देखिए, हर रोज नया कपड़ा पहनते हैं। वो जितना जनता से दूर जाते हैं उनके कपड़े उतना ही चमकते हैं। ब्यूरोक्रेट और बिजनेसमैन साथ नजर आते हैं। इनसे वो किसान की चर्चा करते हैं। किसान और मजदूर से नहीं बात करते।
____________राहुल गांधी जी ने कहा हिंदुस्तान में केवल आठ फीसदी प्रोजेक्ट जमीन के कारण रुके हुए हैं। और दूसरी ओर मेक इन इंडिया की बात करते हैं। गुजरात की अलंघ में नाव आती हैं उन्हें वहां काटकर बेचा जाता है। मैं वहां के मजदूरों से मिलता हूं। वहां के लोगों ने बताया कि वहां मजदूरों के लिए कोई कानून नहीं है। वहां मजदूर बीमार होकर मरते हैं। जब मजदूर की लाश को जलाया जाता है तो उनके शरीर में इतने कैमिकल्स होते हैं कि उनकी लाश भी ठीक से नहीं जल पाती।
_____________राहुल गांधी जी ने कहा कि मोदी जी रोज नया सूट पहनते हैं। 15 लाख का सूट पहनते हैं। उनके अगल बगल भी सूट बूट वाले होते हैं और बात करते हैं किसानों की। वह निम्न तबके के लोगों के साथ केवल रेडियो पर मन की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि बिना जमीन लिये मेक इन इंडिया नहीं हो सकता लेकिन मैंने उनसे सदन में इसके संबंध में सवाल किया तो पता चला कि सरकार के पास जमीन की कमी नहीं है लेकिन फिर भी वह आपकी जमीन हडपना चाहते हैं।
_____________राहुल गांधी जी ने कहा मोदी के मेक इन इंडिया में मजदूरों की कोई जगह नहीं है। मेक का मतलब बनाना होता और टेक का छीनना। मोदी का प्रोग्राम ‘मेक इन इंडिया’ नहीं ‘टेक इन इंडिया’ है।
_____________राहुल गांधी जी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने किसानों को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मनरेगा और खाद्य सुरक्षा बिल को कमज़ोर कर रही है.
_____________इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने कहा कि मोदी किसानों को कमज़ोर समझते हैं. सोनिया गांधी जी ने कहा है की "जब से मोदी की सरकार आई है मज़दूर और किसान के संकट बढ़ गए हैं.
देश में कहीं सूखा और तो कहीं बाढ़." उन्होंने कहा कि आज वक्त की ज़रूरत है कि हल और हाथ की ताक़त साथ आए.
________________रैली में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, अजय माकन, गुलाब नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे आदि वरिष्ठ नेता मौजूद हैं.

दो लाख करोड़ का है खान कारोबार खनन कंपनियों में पार्टनर हैं बड़े नेता


खान के कारोबार में अफसरों और नेताओं के रिश्तेदारों की बराबर की हिस्सेदारी है। सरकार किसी की भी आए खानों को हासिल करने में किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं के रिश्तेदार और नजदीकी लोग पीछे नहीं है। दिलचस्प है कि सियासत की पिच पर तो प्रतिद्वंद्वी नेता एक-दूसरे का चेहरा देखना तक पसंद नहीं करते लेकिन खानों के कारोबार में साथ-साथ हैं। खान कारोबारियों की फेहरिस्त में कांग्रेस के स्व. नवलकिशोर शर्मा और उनके बेटे ब्रजकिशोर शर्मा, परसराम मोरदिया, बाबूलाल नागर, अश्क अली टांक, जुबेर खान, उदयलाल आंजना और अशोक चांदना जैसे नाम प्रमुख हैं वहीं भाजपा में पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान, ग्रामीण विकास मंत्री सुरेंद्र गोयल, खाद्य मंत्री हेमसिंह भडाना, पूर्व मंत्री कालूलाल, नाथूसिंह गुर्जर, सुरेंद्र सिंह राठौड़, सुमित्रा सिंह और हरिओम सिंह राठौड़ के नाम शामिल हैं।
नेताओं का कार्पोरेट कनेक्शन
इस पड़ताल में यह भी सामने आया है कि दोनों पार्टियों में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके कई नेता खानों के कारोबार में हालांकि सार्वजनिक से भागीदार नहीं है लेकिन कई कंपनियों में उनकी पार्टनरशिप सामने आई है। सीमेंट, लौह अयस्क, जिप्सम और मेगनीज खनन से जुड़ी कंपनियों में इन नेताओं की पार्टनरशिप सामने आई है। इनमें से कुछ नेता मंत्री, सांसद के अलावा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं।
सालाना दो लाख करोड़ का कारोबार
नेता और अफसरों को खनन कारोबार इसलिए भी लुभा रहा है क्योंकि जितना बजट राजस्थान सरकार का एक साल का होता है अकेले इस कारोबार में उससे ज्यादा पैसों का लेनदेन होता है। अगर अवैध खनन को भी शामिल कर लिया जाए तो राज्य में हर साल दो लाख करोड़ रुपए इधर-उधर किए जा रहे हैं।
खनन बढ़ा तो... 55 साल में ये हुआ बदलाव
> 1960 में खनिज से सरकारी खजाने में 92.43 लाख की आमदनी होती थी जो अब 3088 करोड़ सालाना रुपए हो गई है।
> 1960 में खनिज उत्पादन 76.12 लाख टन था जो अब साढ़े 48 करोड़ टन सालाना हो गया है।
हर सरकार में रहा है खानों का विवाद
पिछले दो दशक में प्रदेश में खानों से जुड़े कई विवाद भी काफी चर्चा में रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रिश्तेदारों को खान आवंटित किए जाने का मामला सड़क से लेकर सदन तक गूंजा वहीं पूर्व मंत्री रामलाल जाट और लक्ष्मीनारायण दवे के समय में भी खानों को लेकर विवाद हुए। विधानसभा का शायद ही कोई ऐसा सत्र रहा होगा जिसमें खानों को लेकर शोर-शराबा नहीं हुआ हो।

अच्छे दिन आ गए,

अच्छे दिन आ गए, बोनस , मेडिकल , सेलरी ,
यहाँ तक नौकरी भी खा गए।
मुझको भी यक़ीन है, अच्छे दिन आ गए।
खाने का पैसा नहीं, बुलेट ट्रेन चला गए।
जंगल और जमीन से लोगों को, प्लेन मे उड़ा गए।
जमीन जायजाद वालों को, भूमि अधिग्रहण से बेघर बना गए।
मुझको भी यक़ीन है, अच्छे दिन आ गए।
सर्विस टैक्स, इंकम टैक्स मे, झुंझना पकड़ा गए।
मिडिल क्लास अपना खयाल खुद रखे, संसद मे सुना गए।
मुझको भी यकीन है,अच्छे दिन आ गए
सुबह, सुबह की बात, दोपहर को दोपहर की बात ,
रात मे रात की बात, रेडियो और टीवी पर पका गए।
मुझको भी यक़ीन है, अच्छे दिन आ गए।
इस दौर मे जहाँ सब बिकता है,बस हमारा power नहीं बिकता है, बिके भी कैसे ,खरीदार तो वही हैं,
बेचने विदेसी आ गए।
मुझको भी यक़ीन है , अच्छे दिन आ गए।
काला धन आएगा , सबके खाते मे 15 लाख जाएगा।
कहने वाले - 0 बैलेंस मे अकाउंट खुलवा गए।
मुझको भी यक़ीन है , अच्छे दिन आ गए।
सुबह वही , शाम वही , बिन पैसों का काम वही,
लगता है ,बनाने वाले , अच्छा बेवकूफ बना गए।
मुझको भी यक़ीन है , अच्छे दिन आ गए॥
बोनस , मेडिकल , सेलरी , यहाँ तक नौकरी भी खा गए ||

क़ुरआन का सन्देश

  
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