आपका-अख्तर खान

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22 सितंबर 2015

हिंदी ब्लॉगिंग की मेरी पोस्ट हुई पन्द्राह हज़ार ,,में हूँ खुदा का शुक्रगुज़ार ,,,

हिंदी ब्लॉगिंग की मेरी पोस्ट हुई पन्द्राह हज़ार ,,में हूँ खुदा का शुक्रगुज़ार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,आप सभी रहे मुझ से ,,मेरी लेखनी से बेज़ार ,,इसीलिए दोस्तों में आपका भी हूँ शुक्रगुज़ार ,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरी ख्वाहिश पूरी हुई अब मोत भी आ जाए तो गम नहीं ,,,,,,,,,,,,,,आपका प्यार ही मेरे लिए है सबसे बढ़ा पुरस्कार ,,मेरी दुआएं है आप साथियो के लिए बेशुमार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरी इन पोस्टों में गीता भी है ,,क़ुरआन भी है ,,,गुरुवाणी भी है तो बाइबिल भी है ,, सभी धर्मो का समागम भी है ,,प्यार भी है तकरार भी है ,,चिंतन भी है ,,हंसी मज़ाक भी है ,,शायरी भी है तो लफ़्फ़ाज़ी भी है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
दोस्तों आज तेईस सितम्बर है ,,यह दिन किसी का जन्म दिन तो किसी के लिए अपने अपने हिसाब से महत्ता रखता है ,,लेकिन आज तेईस सितबर को खुदा ने मुझे जो तोहफा ,,मुझे जो हिम्मत ,,मुझे जो मेरे मक़सद में कामयाबी दी है इसके लिए में शुक्रगुज़ार हूँ ,,आज मेरा टारगेट मेरे हिंदी ब्लॉग लेखन की पन्द्राह हज़ार पोस्ट पूरी करने का था ,,और खुदा ने मेरा यह टारगेट पूरा किया ,,दोस्तों में खुदा का इसलिए भी शुक्रगुज़ार हूँ के ,,एक कड़वा सच ,,कुल्लू नफ़सून ज़ायकतुल मोत ,,मोत का मज़ा हर शख्स को चखना है ,,सभी जानते है ,,मोत सभी को आना है ,,मुझे भी आना है ,,लेकिन खुदा से मेरी ख्वाहिश थी मेरी पन्द्राह हज़ार हिंदी ब्लॉग की पोस्ट पूरी होने तक ,,खुदा मुझे सलामत रखना ,,मुझे ज़िंदा रखना ,,और मेरे खुदा ने मेरी दुआ क़ुबूल की तेईस सितमबर दो हज़ार पन्द्राह का दिन ,,तेईस सितमबर मेरे लिए खुदा ने यादगार बना दी ,,आज मेरी पन्द्राह हज़ार हिंदी ब्लॉग की पोस्ट पूरी हुई ,,में खुश हु ,,खुदा का शुक्रगुज़ार भी हूँ ,,,,सभी जानते है के किसी के मरने जीने से कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता ,,पीछे जो लोग छूट जाते है उनका खुदा निगेहबानी करता है ,,लेकिन मेरा टारगेट ,,मेरा लेखन ,,सिर्फ और सिर्फ मेरी ज़िंदगी से जुड़ा हुआ था जिसे में ही मुकम्मल कर सकता था और खुदा ने इस टारगेट को पूरा होने तक मुझे खुशहाल ज़िंदगी दी ,,इसके लिए में खुदा का शुक्रगुज़ार हूँ ,,,,,,दोस्तों सभी के ज़हन में एक सवाल होगा के आखिर क्या है इस तेईस दिसम्बर में जो आज के दिन ही ,,हिंदी ब्लॉगिंग की पन्द्राह हज़ार पोस्टें पूरी करने की मेरी ज़िद ,,मेरी ख्वाहिश थी ,,दोस्तों किसी के लिए इस दिन की कोई भी महत्ता हो लेकिन आज खुदा के इन्साफ का दिन है ,,,आज खुदा ने रात दिन बराबर के किये है ,,,बारह बारह घंटे के रात दिन ,,दो सो छियासठ दिन ,,अगर लीप इयर हो तो दो सो सड़सठ दिन ,,बस खुदा का दिनों के घंटो में भी बराबरी का इन्साफ का में क़ायल हुआ और आज के ही दिन को मेने मेरी हिंदी ब्लॉगिंग की पन्द्राह हज़ार पोस्ट पूरी करने का टारगेट बनाया ,,,,,,,,,,,,,,सितम्बर का महीना हिंदी दिवस भी है चवदाह सितम्बर हिंदी दिवस पर भी में यह पोस्ट पूरी करना चाहता था लेकिन फिर तेईस सितमबर इन्साफ का दिन ,,बराबरी का दिन ही मुझे पसंद आया और मेरी खुदा से इल्तिजा थी ,,ऐ खुदा तो मेरे हालात सही रख ,,अगर मेरी मोत वक़्त से पहले निश्चित है तो कमसे कम मुझे तेईस सितमबर तक ,,मेरी पोस्ट पूरी करने तक तो मुझे मोहलत दे दे ,,मेरे खुदा ने मेरी सुनवाई की और मुझे इस दिन तक ज़िंदगी बख्श दी ,,,में फिर खुदा का शुक्रगुज़ार हूँ ,,दोस्तों दस साल की उम्र में मेरा पहला छोटा सा एक लेख ,,बच्चो की किताब लोटपोट में छपा ,फिर चंदा मामा ,,धर्मयुग ,,,में मेरे लेख छपने लगे ,मुझे लेखन में होसला मिला ,,में बहुत कुछ नहीं लिख सका लेकिन आपातकाल के पूर्व ही में हिंदी पत्रकारिता के शैशव काल में था ,,में लिखने का हुनर सीख रहा था ,,,,रोज़ नियमित रूप से ,,अख़बार की सभी खबरों को साइकिल से कलेक्ट्रेट लेजाता ,,कलेक्टर से जांच करवाता उनकी मोहर लगवाकर कुछ सेंसर न्यूज़ हटाने के बाद ,,अख़बार छापने के लिए सरकार से स्वीकृत खबरों को छपवाता ,,,मेने आपात काल का दौर देखा ,,आपात काल के बाद आज़ादी की तरह जश्न देखा ,तो मोरारजी देसाई के वक़्त शराब बंदी ,,महंगाई जो आसमान पर थी उसे ज़मीन से भी अंदर धरातल के अंदर न्यूनतम होते देखा ,,कालाबाजारियों को जेल जाते देखा ,,,,दंगो के दौरान कर्फ्यू के हालात देखे ,,मारकाट नफरत के हालात में कर्फ्यू पास लेकर रिपोर्टिंग का अनुभव देखा ,,पत्रकारिता में पी जी कोर्स करते वक़्त युद्ध रिपोर्टिंग का व्यवहारिक अनुभव देखा ,,,,,कई बढ़ी हस्तिया राजीव गांधी ,,,अटल बिहारी वाजपेयी ,,मुरली मनोहर जोशी ,प्रवीण तोगड़िया ,,,लालकृष्ण अडवाणी ,,उमा भारती ,,नरसिंम्हा राव ,,ऐ पी जे अब्दुल कलाम ,,हामिद अंसारी ,,भेरो सिंह शेखावत सहित कई फ़िल्मी हीरो ,,हिरोईन सहित सेलेब्रिटीज़ का इंटरव्यू करने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ ,,,,,एक वक़्त था जब अख़बार से मंत्री ,,,नेता ,,अफसर सभी घबराते थे ,,अख़बार की कतरनों पर रोज़ समीक्षा कर दोषी अफसरों को सज़ा मिलती थी ,,चुनाव में पेड़ खबरे नहीं होती थी ,,पेड़ पूर्व सर्वेक्षण नहीं होता था ,,,,,नफरत की लेखनी नहीं होती थी सिर्फ खबरे और हालात की समीक्षा होती थी ,,अख़बार से जुड़े लोगों को सम्मान मिलता था ,,अख़बार वालो में दारु पार्टियो ,,गिफ्ट लेने की संस्कृति नहीं थी ,,जो लिखा जाता था प्रमाणित होता था ,,निष्पक्ष और निर्भीक होता था ,,लेकिन वक़्त बदला ,,चैनल आये ,,पत्रकारिता ,,पत्रकारिता से प्रेस फिर मिडिया बन गई ,,सच दम घुटने लगा ,,इसी बीच मेरे आदरणीय पिता इंजिनियर असगर अली खान जिन्हे में और पूरा परिवार साहिब जी कहते है का हुक्म हुआ पत्रकारिता छोडो वकालत करो ,,मेरे लिए संकट का वक़्त था एक तरफ मेरा शोक पत्रकारिता और लेखन का दूसरी तरफ पिता का हुक्म ,,खेर पिता का आदेश सर्वोपरि था ,,मुझे पत्रकारिता छोड़ना पढ़ी ,,वकालत की शुरआत हुई ,,लेकिन मन पत्रकारिता और लेखन के साथ था ,,,,मेरे पुत्र इंजीनियर शाहरुख खान ने मुझे इंटरनेट पर ब्लॉगिंग की विधा बताई ,,गूगल हिंदी ट्रान्सलिट्रेयेशन में लिखने की कला सिखाई ,,बस फिर क्या था मेने हिंदी ब्लॉगिंग शुरू की ,,मेरी मदद मेरे बढ़े भाई दिनेश द्विवेदी जो हिंदी ब्लॉगिंग के नामचीन नाम है उन्होंने मार्गदर्शन देकर की ,,तो उन्होंने ने मेरे ब्लॉग को संवारा ,,मेरे बढ़े भाई घुमन्तु ब्लॉगर भाई ललित शर्मा ने मुझे तराशा ,,नई विधा के बारे में बताया ,,तो छोटे भाई रमेश चंद जेन पत्रकार दिल्ली वालो ने भी मेरे ब्लॉग को सहारा दिया ,,,भाई मासूम ब्लॉगर ,,डॉक्टर अनवर जमाल ,,भाई पाबला जी ,,शाहनवाज़ हुसेन दिल्ली ,,सहित सभी मेरे भाइयो का में शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने मुझे हिम्मत दी ,,,में एक सच कड़वा सच ,,आप लोगों से इस अवसर पर शेयर करना चाहता हूँ ,,दोस्तों में जब लेखन क्षेत्र में आया ,,पत्रकारिता क्षेत्र में आया ,मेरी लेखनी आग हुआ करती थी ,,अलफ़ाज़ शोले भड़काते थे ऐसा लोग कहते थे ,,अल्फ़ाज़ों में थोड़ा बद्तमीज़ाना अंदाज़ भी होता था ,,मेरी अम्मी जान ने एक बार मेरी एक खबर पर जो की उनसे शिकायत करने पहुंचे तो मुझे कड़वे अल्फ़ाज़ों के बारे में समझाया ,,,कहा के हम इस्लाम के जानकार है ,,अपनी बात हम निडरता ,,निष्पक्षता से कहते लेकिन शहद में घोलकर ,,मीठे अल्फाज़ो में बेहूदा अलफ़ाज़ हमारे लिए नहीं है ,,बस मेने खुद को बदल डाला ,,अपनी बात तहज़ीब के दायरे में लिखने की कोशिश की ,,मेरी लेखनी पर कई हमले हुए लेकिन मेने हर बार जवाब शालीनता से दिया या खामोश हो गया ,,,,,मेरी लेखनी से लोगों को जोड़ने ,,लोगों में प्यार बाँटने ,,लोगों को लोगों से मिलाने की मेने कोशिश की ,,,,,मेरी निष्पक्षता निर्भिकता पर मुझे नाज़ था लेकिन दोस्तों में अब में खून के आंसू रोता हूँ ,,में लेखक तो हूँ लेकिन बेबस ,,लाचार ,,दायरों में सिमटा हुआ हूँ ,,पिछले दिनों में उर्दू आंदोलन से जुड़ा प्रमुख बागडोर कोटा शहर क़ाज़ी के बाद मेरे हाथो में थी ,,मेरे छोटे भाइयो ने कहा के आप ,,सिर्फ उर्दू के लिए लिखो ,,दस दिन आंदोलन होने तक दूसरे किसी भी विषय पर मत लिखो ,,सच में बहुत रोया लेकिन मुझे लड़ाई जीतना थी इसलिए मेने मेरे भाइयो के आदेश की पालना की ,,मेने दुसरा कुछ नहीं लिखा ,,,,,,मेरी उंगलिया थरकती ,,विचार भड़कते लेकिन खामोश सिर्फ खामोश ,,,पिछले दिनों मुझे प्रदेश कांग्रेस कमेटी में मेरे भाई रशीद क़ादरी ,,कैलाश बंजारा ,,मक़सूद भाई और दूसरे साथियो ने दबाव बनाकर मुझे कोटा संभाग अल्पसंख्यक विभाग का चेयरमेन बनवा दिया ,,मेरी ज़िम्मेदारियाँ तो बढ़ी लेकिन क़लम पर ब्रेक लग गया ,,दोस्तों खुदा का शुक्र है के प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमेन हाजी निज़ाम कुरैशी स्वतंत्र निष्पक्ष विचारो के क़द्र दान है इसलिए मुझे लेखन में बहुत ज़्यादा दिक़्क़त नहीं है ,,लेकिन में समझता हूँ में आज़ाद नहीं हूँ में पहले वाला अख्तर नहीं हूँ जो समाज के लिए ,,जो देश के लिए ,,जो शोषित पीड़ितों के लिए ,,जो हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय देता था वोह आज कुछ कांग्रेस से जुड़े मुद्दो पर ,,गलतियों पर खामोश रहता है और बस इसी लिए कई बार घुटन होती है ,,,लेखनी पर तरस आता है ,,,सोचता हूँ शुरआती दौर में आग उगलने वाला यह अकेला शख्स कितना बदल गया है ,,कई मुद्दो को चबा जाता है ,,कई अपराधो को ,,,कई ज़ुल्म की कहानियो को खा जाता है ,,,कई गलत बातो को होता देख खामोशी इख़्तियार करता है ,,,,,,,,कई गलतियों को नज़र अंदाज़ करता है ,,लेकिन दोस्तों में फिर भी कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र ढाँचे में अपनी बात लिखकर ज़रूर भेजता हूँ ,,लेकिन में आज अपनी लेखनी से संतुष्ठ नहीं हु ,,संतुष्ठ नहीं हूँ ,,मुझे लगातार झेलने ,,मेरी पोस्ट देखने के लिए आपका शुक्रिया ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाड़ौती में भी बॉलीवुड की दस्तक कोटा में बनेगी फिल्म धारा 302


कोटा चंबल नदी की कराईयां और हाड़ौती की ऐतिहासिक धरोहरों को अब फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों की शुटिंग के लिहाज से बेहतरीन मान रहे है। यही वजह है कि कोटा में अब बॉलीवुड दस्तक दे रहा है।फिल्म गजनी सहित कई धारावाहिकों में अभिनय कर चुके कलाकार जितेन्द्र सिंह अब कोटा में मुम्बई के कलाकरों के साथ फिल्म 'धारा 302' बना रहे है। फिल्म की शूटिंग कोटा और आसपास के इलाकों में की जाएगी। निर्माता का मनाना है कि इस फिल्म से कोटा को पहचान मिलेगी। स्थानीय जनप्रतिनिधी भी फिल्म निर्माताओं के कोटा में आने का स्वागत कर रहे है और मदद का आश्वासन भी दे रहे है।

मुख्यमंत्री के खिलाफ वायदे के बाद भी अभिभाषक आवासीय कॉलोनी की आरक्षित दर पर प्लाट आंवटन की शर्ते संशोधित नहीं करने पर भयंकर आक्रोश नज़र आया

कोटा अभिभाषक परिषद की संघर्ष समिति की बैठक में आज वकीलों में भाजपा सांसद ,,विधायक ,,मंत्री ,,मुख्यमंत्री के खिलाफ वायदे के बाद भी अभिभाषक आवासीय कॉलोनी की आरक्षित दर पर प्लाट आंवटन की शर्ते संशोधित नहीं करने पर भयंकर आक्रोश नज़र आया और गुस्से में बिफरे सभी वकील साथियो ने एक स्वर में भाजपा के नेताओ का घेराव कर उन्हें उनके द्वारा किये गए वायदे याद दिलाने का कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया ,,,,अभिभाषक आवासीय कॉलोनी रानपुर कांग्रेस सरकार द्वारा आवंटित की गई थी जिसमे नगर विकास न्यास और अभिभाषक परिषद के सदस्यों को एक ही आरक्षित दर होने पर भी विकास शुल्क के नाम पर मनमाना शुल्क वसूल करने के मामले में टकराव की स्थिति बन गयी थी और वकीलों ने आंदोलन शुरू किया था ,,कांग्रेस सरकार के खिलाफ वकीलों के आंदोलन स्थल पर भाजपा के नेता ओम बिरला ,,भवानी सिंह राजावत ,,चन्द्रकान्ता मेघवाल ,,,प्रह्लाद गुंजल सहित कई नेताओं ने धरना स्थल पर आकर वकीलों को लिखित में ,,बोलकर ,,भाषण देकर ,,अख़बार में बयान देकर कांग्रेस सरकार द्वारा वकीलों को महंगी दरो पर भूखंड देने की खिल्ली उड़ाते हुए साफ तोर पर वायदा किया था के भाजपा की सरकार आने पर एक महीने में ही वकीलों की आवासीय कॉलोनी की दरे आरक्षित दरों से भी आधी कीमत में दिलवाए जाएंगे ,,, ,,खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने वकीलों की मांगो का समर्थन खुले मंच से आम सभा में किया था ,,,,भाजपा की सत्ता में आये नेताओं ने यहाँ तक कहा था के वकीलों को इतनी दूर प्लाट गलत दिए है हम तो हमारी सरकार आने पर एक रूपये टोकन पर नज़दीक ही सभी वकीलों को प्लाट दे देंगे ,,,भाजपा नेताओ को सत्ता में आये डेढ़ वर्ष से भी अधिक हो गया ,,अभिभाषक परिषद ने इन नेताओ से सेकड़ो मुलाक़ातें की लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला ,,अब अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघु गौतम ,,महासचिव संजीव विजय की धैर्य संयम की सीमा समाप्त हो चुकी है ,,उन्होंने कहा के बात चीत बहुत हो ली अब हमे संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा ,,इस मामले में अभिभाषक परिषद की इक्यावन सदस्यों की एक संघर्ष समिति ,,ग्यारह सदस्यों की एडवायज़री कमेटी का गठन किया गया है ,,आज संघर्ष समिति की बैठक में अध्यक्ष रघु गौतम ,,महासचिव संजीव विजय ,,,अख्तर खान अकेला ,,लीलाधर अग्रवाल ,,,, महेश गुप्ता ,,राजेश अडसेला ,,चंद्रमोहन शर्मा ,,,राजेश शर्मा ,,नरेश शर्मा ,,,,नाजीमुद्दीन सिद्दीक़ी ,,,शार्लेट शामू ,,जितेंद्र पाठक ,,,रमेश कुशवाहा ,,रूपनारायण पारीक सहित दर्जनो वकील सदस्य शामिल थे जिन्होंने आवासीय दरों के मामले में भाजपा नेताओ के खिलाफ संघर्ष का आह्वान किया ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोटापा कम करने और अच्छी फिगर पाने में कारगर है गधी का दूध पीना

मोटापा कम करने और अच्छी फिगर पाने में कारगर है गधी का दूध पीना
लाइफस्टाइल डेस्कः सही न्यूट्रिशन के लिए सही डाइट, फल और हरी सब्जियों के अलावा दूध को जरूरी बताया गया है। दूध को संपूर्ण आहार कहना गलत नहीं होगा। छोटे बच्चों का पूरा विकास ही दूध पर बेस्ड होता है। मां के दूध के बाद गाय के दूध को सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि उसमें शरीर के लिए जरूरी सारे तत्व मौजूद होते हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे कि गधी का दूध भी सेहत का खजाना होता है। इसे पीने से ताकत तो मिलती ही है, साथ ही कई प्रकार की बीमारियां भी दूर होती हैं।
मोटापा कम करें
गधी के दूध में वसा की मात्रा कम होती है और न्यूट्रिशन की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। इसे पीकर आसानी से वजन कम किया जा सकता है।
Other benefits: ताकत के लिए, टीबी का इलाज, डायबिटीज की आशंका कम, विटामिन का खजाना, सर्दी-जुकाम में आराम, हेल्दी हार्ट के लिए

मूर्ति विसर्जन पर वाराणसी में बवाल, लाठीचार्ज में दर्जनभर से अधिक लोग घायल

घायल संत को उठाता पुलिसकर्मी।
घायल संत को उठाता पुलिसकर्मी।
वाराणसी. गंगा नदी में गणेश प्रतिमा विसर्जन को लेकर मंगलवार को वाराणसी में जमकर बवाल हुआ। गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर अड़े लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। इसके बाद, हालात बेकाबू होता देख देर रात पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें दर्जनभर से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में कुछ संत भी शामिल हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने रोक लगाने के साथ ही यह भी आदेश दिया था कि सरकार मूर्तियों के विसर्जन की वैकल्पिक व्यवस्था करे। इसी को लेकर विवाद चल रहा है। धार्मिक संगठन गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर अड़े हैं।
दिन में भी हुई थी नोकझोंक
प्रशासन की रोक के विरोध में गणेश पूजा समिति, संत समाज, हिंदू युवा वाहिनी ने बनारस बंद का आह्वान किया था। सुबह दुकानों को बंद कराना शुरू कर दिया। इसे लेकर गोदौलिया और गिरजाघर के पास पुलिस से उनकी जमकर नोकझोंक भी हुई। तनाव को देखते हुए वहां कई थानों की पुलिस के साथ पीएसी भी तैनात कर दी गई थी। वहीं, शंकराचार्य के प्रतिनिधि बनकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी वहां पहुंचे और उन्होंने भी समिति को समर्थन दिया।
सोमवार शाम से शुरू हुआ बवाल
काशी मराठा गणेश उत्सव समिति सोमवार की शाम 6 बजे गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन के लिए दशाश्वमेध घाट जा रहा थी। गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर जिला प्रशासन ने गोदौलिया चौराहे के पास ही मूर्ति को रोक दिया। पुलिस के रोकते ही समिति से जुड़े सैकड़ों लोग और अन्य भक्त नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। भीड़ को देखते हुए मेयर राम गोपाल मोहले, एसपी सिटी समेत कई थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गई।
महाराष्ट्र में भी रोकेंगे मूर्ति विसर्जन
गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष संतोष पाटिल का कहना है कि महाराष्ट्र में भी कई समिति के लोग उनके समर्थन में आ गए हैं। विसर्जन से रोका गया तो मुंबई में भी लोग मूर्ति रोक सकते हैं। समिति के महामंत्री अन्ना मोरे ने बताया एक दशक से ऊपर से काशी मराठा गणेश उत्सव समिति पूजन करते आ रहा है। मूर्ति विसर्जन उनकी आस्था से जुड़ा है। कोर्ट को दोबारा विचार करना चाहिए।

मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेसी विधायक अजय राय ने कहा कि बनारस का सांसद खामोश क्यों है? 18 तारीख को नरेंद्र मोदी काशी आए तो शिक्षा मित्रों की तरह गंगा में मूर्ति विसर्जन पर क्यों नहीं बोले? अब उनकी आस्था कहां गई? वहीं, सपा के पूर्व राज्य मंत्री मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि शहर का अमन चैन बिगाड़ने की ये बीजेपी की साजिश है। सांसद सूटकेस लेकर आते हैं और कहते है गंगा ने बुलाया है, इस मुद्दे पर वह अपना रुख स्पष्ट करें।
कोर्ट के आदेश का होना चाहिए पालन
मेयर राम गोपाल मोहले का कहना है हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। समिति से बात की थी वो लोग नहीं माने।

भारत ने अमेरिका से अरबों रुपए के हथियार सौदे को मंजूरी दे दी है

फाइल फोटो: अपाचे हेलिकॉप्टर।
फाइल फोटो: अपाचे हेलिकॉप्टर।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार से शुरू होने वाले दौरे से पहले भारत ने अमेरिका से अरबों रुपए के हथियार सौदे को मंजूरी दे दी है। भारत अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग से 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 15800 करोड़ रुपए ) की डील के तहत 22 अपाचे और 15 शिनूक हेलिकॉप्टर खरीदेगा। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी ने मंगलवार को इस डील को मंजूरी दी।
इन हेलिकॉप्टरों को खरीदने की प्रॉसेस 2009 में शुरू हुई थी। माना जा रहा था कि पूरी डील दिसंबर 2012 तक पूरी हो जाएगी। लेकिन लालफीताशाही और डिफेंस मिनिस्ट्री के बाद वित्त मंत्रालय से मंजूरी न मिलने के कारण डील में देरी हुई। कीमतों में 13 बार सुधार के बाद भी यह डील अटकी थी।
..
डील को लेकर क्या था अमेरिका का रुख?
अमेरिकी आर्मी सिक्युरिटी असिस्टेंस कमांड ने कहा था कि इन हेलिकॉप्टरों की प्राइस 30 सितंबर के बाद 40 फीसदी तक बढ़ा दी जाएगी। इसके बाद पिछले दिनों रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजीत डोभाल और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच इस डील को लेकर बातचीत हुई। सरकारी अफसरों के मुताबिक, डील को लेकर वित्त मंत्रालय ने 'नो-ऑब्जेक्शन' का मैसेज दे दिया। इसके बाद कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्युरिटी अफेयर्स (सीसीएस) ने भी इसे मंजूरी दे दी।

हेलिकॉप्टरों की खासियत

>Apache AH 64D हेलिकॉप्टर सभी मौसम में काम आते हैं। एक मिनट में 128 टारगेट को ट्रैक करने और 16 पर निशाना लगाने की क्षमता। रडार और मिसाइल सेंसर से छिपने की क्षमता। नाइट विजन कैपेबिलिटी। जासूसी के काम के लिए बेहतर।
>शिनूक ट्विन रोटर हेलिकॉप्टर है। अमेरिका ने इसी हेलिकॉप्टर से अफगानिस्तान और इराक में अपने ऑपरेशन किए हैं। खासकर ऊंचाई वाली जगहों पर जवानों को पहुंचाने के लिए यह काफी कारगर है।

,,आरिफ उमर की ज़िंदगी की रूहे रवाँ ,,उन्हें रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल रखने वाली उनकी शरीके ऐ हयात का बुधवार को जन्म दिन है

दोस्तों मेरे मंझले साले साहिबजादा आरिफ उमर उर्फ़ कमर भाई तेईस सितमबर बुधवार को किसी से नहीं मिलेंगे ,,सभी से गुज़ारिश है के उन्हें इस दिन ज़रा भी परेशान ना करें ,,जी हाँ दोस्तों आरिफ उमर साहब के सभी दोस्त ,,खास कर असंंख्य महिला दोस्तों से गुज़ारिश है के उन्हें बुधवार को छुट्टी दे दें ,,वजह साफ़ है ,,आरिफ उमर की ज़िंदगी की रूहे रवाँ ,,उन्हें रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल रखने वाली उनकी शरीके ऐ हयात का बुधवार को जन्म दिन है ,,,,,,,,इसी दिन उनकी शरीक ऐ हयात की बढ़ी बहन का भी जन्म दिन है ,,,ज़ाहिर है इस दिन की खुशिया वोह अपनी शरीक ऐ हयात के साथ केक काट कर गुजारेंगे फिर साली साहिबा तो साली साहिबा है उनकी सालगिरह भी मनाना है इसलिए जो वक़्त बचेगा वोह उनकी सालगिरह मनाकर गुजारेंगे ,,बाक़ी हम और आप लोगों खासकर उनकी असंख्य महिला मित्रो को इस दिन वक़्त के नाम पर बाबा जी का ठुल्लु मिलने वाला है ,,,,,,,,,,,,आरिफ उमर की रिमोट कंट्रोलर ,,,,उनकी रूहे रवां शरीके ऐ हयात को सालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो ,,,खुदा उनकी हर मुराद पूरी करे ,,सह्त्याबी के साथ उन्हें उम्रदराज़ करे ,,,,जोड़ी सलामत रखे ,खुशहाल करे ,,कामयाबी मिले ,,दुश्मन जो सरकश है वोह उनकी क़दम बोसी करे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,उनकी हर परेशानी से वोह आज़ाद हो ,,,,,,,,,,,,उन्हें शोहरत मिले ,,धन मिले ,,दौलत मिले ,,,,कामयाबी मिले ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आमीन सुम्मा आमीन ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पप्पू पास नहीं होते है

यह नया ज़माना है दोस्त
यहां कितनी ही तय्यारी से
इम्तेहान दे डालो
यहां पप्पू कभी पास नहीं होता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जो समर्पण से नहीं पढ़ते उन्हें
मिलती है मेरिट की शोहरत
वफादारी से पढ़कर भी
जो पप्पू पास नहीं होते है
वोह पप्पू यूँ ही अपनी ज़िंदगी में
बेमौत मर जाते है ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

7th पे कमीशन में तीन गुना तक बढ़ सकती है केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी

प्रतीकात्मक फोटो।
प्रतीकात्मक फोटो।
रायपुर/नई दिल्ली. 7th पे कमीशन ने केंद्र सरकार को सिफारिशें सौंप दी हैं। 31 दिसंबर तक इन पर आखिरी फैसला होगा। जरूरी हुआ तो कुछ बदलाव भी संभव है। इसके बाद इसे वित्त विभाग को भेजा जाएगा। नए वेतन आयोग में आईएएस, आईपीएस व आईआरएस अफसरों के वेतन में एकरूपता का प्रस्ताव है। साथ ही अफसरों-कर्मचारियों के वेतन को तीन गुना तक बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार माथुर, सचिव मीना अग्रवाल व सदस्य डॉ. राथिन राय व विवेक राक ने ये रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार इस समय कर्मचारियों के 32 पे-बैंड हैं। इसके अलावा भारत सरकार के सचिव तथा कैबिनेट सचिव के अलग से पे-बैंड हैं। इन्हें घटाकर 13 किए जाने का प्रस्ताव है। पे-बैंड कम हो जाने से आईएएस, आईपीएस और आईआरएस के पे-बैंड एक समान हो जाएंगे। एक रूपता आने से आईपीएस व आईआरएस की यह शिकायत दूर हो जाएगी कि उन्हें आईएएस से कम वेतन मिलता है।
रिटायरमेंट सीमा :
> कर्मचारियों के लिए 33 साल की सेवा या 60 साल जो भी पहले हो, रिटायर करने का प्रस्ताव है। वहीं 30 साल की सेवा या 55 साल की उम्र में ग्रेडिंग के अनुसार वीआरएस का विकल्प दिया जा सकता है। किसी अफसर पर आरोप है तो वो 55 साल की उम्र में वीआरएस ले सकता है।
हाउस रेंट :
> कर्मचारियों को ए, बी-1, बी-2, और सी के लिए 25% जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 20% हाउस रेंट का प्रस्ताव। वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों या पदों पर 10 से 30% तक हाउस रेंट मिलता है। यानी अब हाउस रेंट में भी एकरूपता का प्रस्ताव है।

इंक्रीमेंट :
> आयोग ने साल में एक बार 6% इंक्रीमेंट देने (टोटल आफ पे पर) की सिफारिश की है। ये हर कर्मचारी-अधिकारी को अब 1 जुलाई से मिलेगा। इसके लिए जुलाई तक कम से कम छह महीने की सेवा पूरी होनी जरूरी है। अब तक कर्मचारी नौकरी पर लगा उस तारीख या पदोन्नति की तारीख के अनुसार इंक्रीमेंट होता है।
बच्चों को एजुकेशन अलाउंस
> केंद्रीय कर्मचारियों के कक्षा पहली से दसवीं तक के बच्चों को 40 रुपए और 11वीं व 12वीं के बच्चों को हर महीने 50 रुपए शिक्षा भत्ता देने का प्रस्ताव।
> बच्चा विकलांग या मानसिक रूप से अक्षम है तो 100 रुपए शिक्षा भत्ता मिलेगा। बच्चा माता-पिता के साथ न रहकर दूसरी जगह रह रहा है तो भी उसे सौ रुपए देने का प्रस्ताव।
> बच्चा हाॅस्टल में है तो अलग से हर माह 300 रुपए मिलेंगे। शर्त यह है कि जो बच्चे 1987 के पहले पैदा हुए हैं उनमें तीन संतान और 1987 के बाद संतान हुई है तो दो बच्चों को ही यह सुविधा मिलेगी।

क़ुरान का सन्देश

 
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