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25 सितंबर 2015

पटौदी महल में सैफ-करीना, 'नवाब' ने मनाई ईद तो 'बेगम' ने की बप्पा की पूजा

पटौदी पैलेस से बाहर आते सैफ करीना
पटौदी पैलेस से बाहर आते सैफ करीना
गुड़गांव। ईद उल जुहा के मौके पर शुक्रवार को पटौदी पैलेस के दसवें नवाब सैफ अली खान ने पैलेस परिसर में बनी हुई खानदानी इब्राहिम मस्जिद में नमाज अता की और साथी नमाजियों को बधाई दी। दूसरी ओर गणोत्सव के चलते बेगम करीना कपूर ने पैलेस में ही गणपति बप्पा की पूजा अर्चना की।
सैफीना की शादी के बाद यह पहला मौका है, जब करीना कपूर फिल्मी दुनिया से दूर अपनी ससुराल में स्थित पैलेस में करीब एक सप्ताह बिताया है। बता दें कि बेगम ने अपना 35वां बर्थ डे यहीं सेलीब्रेट किया। इस दौरान सैफ-करीना मरहूम नवाब मंसूर अली खान के पटौदी ट्रस्ट के द्वारा बनवाए गए वेणू आई हास्पिटल गए। इसके बारे में करीना को बताया और साथ ही सैफ व करीना ने डाक्टरों से अपनी-अपनी आंखों की जांच भी करवाई।
सैफ जैसे ही बाहर निकले तो लोग उन्हें देखकर रूकते नजर आए और रास्ते में ही उन्हें घेर लिया। सैफ ने हाथ हिलाकर उनका अभिनंदन स्वीकार किया।
सैफ ने अपने चाहने वालों व पटौदी बावनी के लोगों से रास्ते में बात की और उनका हाल-चाल भी पूछा। सैफ अली खान के साथ करीना भी लोगों से बात करती नजर आयी।
गेट पर पहुंचकर दोनों ने लोगों को सलाम किया। पटौदी बावनी के लोगों को दोनों की झलक देखने की मंशा काफी समय से थी। वह यहां तीन दिन और रहेंगे।

अपने गुलाम से प्रेम करने लगीं थी रजिया सुलतान, इस किले में हो गईं थी कैद


किला मुबारक और इनसेट में रजिया सुलतान की फाइल फोटो
किला मुबारक और इनसेट में रजिया सुलतान की फाइल फोटो
लुधियाना। 27 सितंबर को पूरे दुनिया में वर्ल्ड टूरिस्ट डे मनाया जाएगा। इस मौके पर आपको सिलसिलेवार देश के ऐसे टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताएगा, जो दुनिया भर में अपने इतिहास और खूबसूरती के लिए मशहूर है। पंजाब के बठिडा में स्थित किला मुबारक देश की राष्ट्रीय स्मारकों में से एक है। यह ईट का बना सबसे पुराना और ऊंचा स्मारक है। इसका इतिहास थोड़ा अद्भुत है। राजा बीनपाल जो कि भाटी राजपूत थे, इस किले का निर्माण लगभग 1800 साल पहले करवाया था। इसी किले में पहली महिला शासिका रजिया सुलतान को 1239 ईसवीं में कैद कर लिया गया था। रजिया सुलतान को उसके प्रेमी याकूत को मारकर इस किले में उसके गर्वनर अल्तूनिया ने कैद किया था। किले में कैद रजिया ने मौत से बचने के लिए अल्तूनिया से शादी कर ली।
रजिया पुरुषों की तरह कपड़े पहनती थी और खुले दरबार में बैठती थी। उसके अंदर एक बेहतर शासिका के सारे गुण थे। ऐसा कहा जाता है कि जब उसका पिता इल्तुतमिश शासक था तब भी वह शासन में उनकी सहायता किया करती थी। एक समय ऐसा भी आया जब लग रहा था कि रजिया दिल्ली सल्तनत की सबसे ताकतवर मल्लिका बनेगी लेकिन गुलाम याकूत के साथ रिश्ते ने उसके इरादे को मटियामेट कर दिया। कुछ इतिहासकारों के अनुसार याकूत रजिया का प्रेमी नहीं, विश्वासपात्र था। अल्तूनिया ने रजिया की सत्ता को स्वीकारने से इंकार किया। उसके और रजिया के बीच युद्ध शुरू हो गया। युद्ध में याकूत मारा गया और रजिया को अल्तूनिया ने बठिंडा के इस किले में कैद कर लिया।
इस घटना के बाद अल्तुतमिश के तीसरे बेटे बहराम शाह को गद्दी पर बैठा दिया गया। किले में कैद रजिया ने मौत से बचने के लिए अल्तूनिया से शादी कर ली। उधर रजिया के भाई बहराम शाह ने दिल्ली की गद्दी पर कब्जा कर लिया। अल्तुनिया ने अपनी पत्नी को दोबारा गद्दी पर बैठाना चाहा, लेकिन बहराम शाह ने इसका विरोध किया। बहराम शाह की लड़ाई में अल्तुनिया परास्त हुआ और रजिया के साथ वेष बदलकर भाग निकला।
सलामती और खुशहाली के लिए प्रार्थना करने आए थे दसवें सिख गुरू
दसवें सिख गुरू, गुरू गोविन्द सिंह इस किले मे 1705 के जून माह में आए थे और इस जगह की सलामती और खुशहाली के लिए प्रार्थना की थी। पटियाला राज्य के महाराजा आला सिंह ने इस किले को 1754 में अपनी अधीन कर लिया था। और इस किले का नाम गोविन्दघर कर दिया गया। लेकिन जल्द ही इस जगह को बकरामघर के नाम से बुलाने जाने लगा। इस किले के सबसे ऊपर गुरूद्वारे का निर्माण करवाया गया है। इस गुरूद्वारे का निर्माण पटियाला के महाराजा करम सिंह ने करवाया था।

मोदी ने तोड़ा फ्लैग कोड? सरकार की सफाई-जिस झंडे पर साइन किया वह तिरंगा नहीं

मोदी के ऑटोग्राफ वाला तिरंगा दिखाते विकास खन्ना।
मोदी के ऑटोग्राफ वाला तिरंगा दिखाते विकास खन्ना।
न्यूयॉर्क. केंद्र सरकार ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस मेंमेंटो (तीन रंग के झंडे) पर मशहूर शेफ विकास खन्ना को ऑटोग्राफ दिया था, वह तिरंगा नहीं था। इस मुद्दे पर विवाद सामने आने के बाद प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के डीजी फ्रैंक नोरोन्हा ने बयान दिया है। उनका कहना है कि जिस झंडे पर पीएम ने ऑटोग्राफ दिया था, उस पर अशोक चक्र नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम के हाथों तिरंगे का अपमान होने की खबर झूठी है।
इससे पहले मीडिया में खबर आई थी कि पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में मशहूर शेफ विकास खन्ना को कथित तौर पर ऑटोग्राफ वाला तिरंगा दिया था। इस पर विवाद हो गया था। वह इसलिए क्योंकि नियमों के मुताबिक तिरंगे पर कुछ भी लिखा नहीं जा सकता। विकास यह तिरंगा अमेरिकी प्रेसिडेंट ओबामा को देने वाले थे।
गौरतलब है कि पीएम मोदी और टॉप कंपनियों के सीईओज के साथ गुरुवार रात हुए डिनर के लिए विकास खन्ना और उनकी टीम से डिशेज तैयार की थीं। विकास का कहना है कि मोदी ने डिनर के बाद उन्हें गिफ्ट में यह ऑटोग्राफ वाला झंडा दिया था।
क्या कहता है फ्लैग कोड ऑफ इंडिया?
26 जनवरी, 2002 से लागू फ्लैग कोड तीन पार्ट में है। इसके पार्ट 3 (सेक्शन 5) में इंडियन फ्लैग के मिसयूज के बारे में बताया गया है। इसके प्वाइंट 3.28 में साफ लिखा है कि तिरंगे पर किसी भी तरह से कुछ भी लिखना नहीं चाहिए। कुछ भी लिखना या साइन करना फ्लैग कोड का उल्लंघन है।
मोदी ने लगाया था गले: विकास
पंजाब के अमृतसर में जन्मे शेफ विकास खन्ना ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को पीएम और सीईओज की मीटिंग और डिनर के लिए 26 डिशेज तैयार की थीं। यह भारत के अलग-अलग फेस्टिवल में परोसी जाने वाली डिशेज थीं। विकास के मुताबिक, डिनर के बाद मोदी ने उन्हें गले लगाया और अपने ऑटोग्राफ वाला तिरंगा गिफ्ट किया। बता दें कि न्यूयॉर्क के फाइव स्टार होटल वॉल्डोर्फ एस्टोरिया में हुए डिनर में लॉकहीड मार्टिन की प्रेसिडेंट मार्लिन ए ह्यूसन, फोर्ड मोटर के प्रेसिडेंट मार्क फील्ड्स, पेप्सिको कंपनी की सीइओ इंदिरा नूई, जॉनसन एंड जॉनसन के प्रेसिडेंट जार्ज मेस्क्विटा समेत दुनिया के कई बड़ी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए थे।

छोटी छोटी युक्ति डेंगू से मुक्ति

👉👉👉डेंगू👈👈👈
🌹डेंगू की सारी रामायण🌹
छोटी छोटी युक्ति डेंगू से मुक्ति
👍पानी ठहरेगा जहां डेंगू पनपेगा वहां👍
👉एडिड मछर से फैलता है डेंगू👈
😀खुद डॉक्टर ना बने😀
🙏सारे घर को चेक करें, टायर ,ट्यूब, प्लास्टिक के डब्बे ,कूलर, फ्रिज का वेस्ट पानी ,
अगर पानी हो तो सरसों का तेल, केरोसिन ,पेट्रोल ,डीजल डालें।🙏
👉डेंगू तीन प्रकार का होता है।
1. क्लासिकल
2.हैमरेजिक
3.शोंक सिंड्रोम
👌क्लासिकल साधारण डेंगू है जो की कुछ समय बाद खुद ठीक हो जाता है। अधिकतर मरीज इसी डेंगू से पिड़ित हैं।
🌀डेंगू के असली लक्षण🌀
1तेज बुखार आना
2.सर भारी या सिर् में दर्द
3.उल्टी की शिक़ायत या जी मिचलाना।
4.सारे शरीर में दर्द।
5. 3 से 4 दिन बाद भी बुखार का उतरना चढना।
👉रोग के ज्यादा बढ़ने पर:-
1.मसूड़ो से खून आना। नाक कान मुँह से भी खून आ सकता है।
2.शरीर पर लाल रंग के चकते उभरना।।
तुरंत हस्पताल में जाऐं ।
👉डेंगू की अफवाएं 👈
आपको जानकर आशचर्य होगा की डेंगू कोई गम्भीर बीमारी नहीं है।
समय पर सचेत ना होने पर ,खुद डॉक्टर बनने पर,गलत दवाई लेने पर,ज्यादा घबराने पर,खाना पीना छोड़ देने पर और समय पर दवाई ना लेने पर ही यह रोग गंभीर हो जाता है।
😀प्लटलेट का राज😀
क्या हैं प्लेटलेट
👉हमारे शरीर में 15000 से 450000 प्लेटलेट्स होंने चाहियें ।
👉नोटः मौसमी बुखार में भी हमारे प्लेटलेट्स कम हो सकतें हैं इसलिए हर बुखार को डेंगू ना मानें।
दूसरी बात 40000 तक प्लेटलेट्स रह जाएं तो भी ना घबराएं । 25000 प्लेटलेट वाले मरीज ने भी इलाज मिलने के बाद 3 से 4 दिन में ही रिकोवर कर लिया।
👉प्लेटलेट घटते कैसे हैं।
1.किसी भी प्रकार का तरल ना लेने पर।
2.सामान्य बुखार में दी जाने वाली दवाएं जैसे की एंटी बायोटिक लेने पर।एंटी बायोटिक हमारे शरीर के प्लेटलेट्स पर असर डालती हैं।
3.मानसिक रूप से कमजोर होने पर। घबरा जाने पर । आप अपने दिमाग पर जोर देंगे हौसला छोड़ देंगे तो प्लेटलेटस घटने लगेंगे।
😀😀प्लेटलेट्स बढेंगें कैसे ।
1.ज्यादा से ज्यादा तरल पीने पर चाहे वो RO पानी ही क्यों न हो।
2.हर 1 या 2 घण्टे में बार बार पीने को दें।
3.अगर उल्टी आए तो ग्लूकोस चढ़वा सकते हैं ।
4.हौसला बनाये रखे इससे भी प्लेटलेट्स बढ़ने में मदद मिलेगी।
मरीज जल्दी रिकवर करेगा।
5.पीने में सिर्फ RO का या गरम करके ठंडा किया हुआ पानी दें।
नारियल पानी, अनार जूस ,मिक्स जूस, फ्रूटी, दूध , बकरी का उत्तम है।
6.घरेलू उपचार में गिलोय और पपीते के पत्तों को पीस कर रस पिला सकते हैं।गेहूं के हरे पोधे का रस भी उत्तम है।
7.बुखार आने पर सिर्फ पारासिटामोल की टेबलेट ही लें। एस्प्रिन ,ब्रुफिन् हरगिज न लें।
आजकल मार्किट में प्लेटलेट्स बढ़ाने की गोली भी आइ हुई है। आप वो भी ले सकतें हैं।
रोचक तथ्य:
1.डेंगू का बुखार लगभग 2 से 10 दिन तक ही रहता है। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शमता इसे हमारे शरीर के हिसाब से काबू कर लेती है।
2.अफवाओं से बचे व् समय पर इलाज लें।
3.कई हस्पतालों में आपके प्लेट्लेट्स को कम करके दिखाया जाता है। 60000 को 40000 दिखाकर आपको एडमिट कर लेते हैं।ऐसी कई शिकायतें मिलीं हैं।
सिविल हॉस्पिटस्ल में अब डेंगू का टेस्ट उपलब्ध है।
👉👉👉डेंगू के टेस्ट:👉👉
कार्ड द्वारा डेंगू का टेस्ट किया जाता है। जिसकी किमत् लगभग 800 रूपये होती है।
प्लेटलेट्स का टेस्ट डेंगू का टेस्ट नहीं होता।
🙏🙏🙏आखरी बात🙏🙏🙏
।हमने हास्पिटल वालो की चाँदी कर रखी है। इतना सब होने के बाद भी हम सचेत नहीं हुऐ। अभी भी कई घरों में डेंगू के लार्वा मिलें हैं। हॉस्पिटल क़े चक्र काट रहें हैं अपने घर की छ्त् का चक्र आज तक नहीं लगाया। ऊपर कहीं पानी जमा तो नहीं।
धुंए की मशीन लाने के लिए 10 रूपये नही दे सकत्ते । डॉक्टर को 10000 दे देंगे।
50 रूपये का केरोसीन गली वाले खड़े पानी में नहीं डाल सकतें 50000 हॉस्पीटल में दे देंगे।
🙏सचेत रहें ।डेंगू से बचें रहें ।🙏

ला इलाहा इल्लल्लाह तो पढ़ लिया फिर भी में अमल और क़ल्ब से मुसलमान ना हो सका

ला इलाहा इल्लल्लाह तो पढ़ लिया फिर भी में अमल और क़ल्ब से मुसलमान ना हो सका ,,,,,,,,,,, आज के मुसलमानो के हालात इन अल्फ़ाज़ों में बयान करते हुए आज ईदगाह में कोटा शहर क़ाज़ी अलहाज अनवार अहमद ने अपनी तक़रीर में भावुक होते हुए ,,रुंधे हुए गले से,, भावविहल होकर सभी मुसलमान भाइयो ,,नो जवानो को इस्लाम के नेक रास्ते और अमल पर चलने की हिदायत दी ,,कोटा शहर क़ाज़ी ने कहा के अल्लाह के घर गोश्त नहीं जाता है ,,,आप एक लाख का दो लाख का फ़िज़ूलखर्ची करके दिखावा करके बकरे खरीद लो इससे कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता है ,,अल्लाह के घर तो नेकी ,,ईमान ,,इस्लाम के बताये हुए रास्ते पर चलन के बाद ही सवाब मिलता है ,,,,,,,,शहर क़ाज़ी ने अपने ख़ुत्बे बयांन में कहा के दीन ऐ हक़ आपने देख लिया इसमें जमात ,,,अमीर ,,इताअत ,,,खास बात है जो हमे नेक अमल के रास्ते पर चलने की राह दिखाता है ,,,उन्होंने कहा के अभी हमारे ऊपर उर्दू के नाम पर मुसीबत आई थी ,,लेकिन आप सबने देखा इस फार्मूले पर ,,,जमात याने एकता ,,,,,अमीर यानी एक ईमान ,,,इताअत यानी एक साथ फ़रमाँबरदारी ,,हम लोग चले लाखो लोग एक हुए ,,,,नतीजा चंद लम्हों में अल्लाह ने हमारे हक़ में फैसला करवा दिया ,,क़ाज़ी ऐ शहर कोटा ने कहा के आज पूरी दुनिया हमारे दीन को निशाना बना रही है क्योंकि दुनिया के दूसरे लोग डरते है के,, दीन ऐ हक़ ,,,पर अगर मुसलमान एक होकर इस फार्मूले से चलने लगाए तो पूरी दुनिया में यह दीन ग़ालिब होगा ,,,,क़ाज़ी ऐ शहर ने रुंधे हुए गले से कहा के मेरे बुज़ुर्गो मेरे भाइयो अल्लाह के घर मस्जिदो को मत बांटो ,,अल्लाह के घर में पाबंदी मत लगाओ के वहा यह नमाज़ पढ़ेगा वोह नमाज़ नहीं पढ़ेगा ,,अल्लाह का घर तो सबके लिए है ,,,,,क़ाज़ी ऐ शहर ने नोजवानो से इस्लाम की नेक राह पर चलने की अपील करते हुए कहा के हमारे नौजवान देर रात तक थडियो पर बैठकर गप शप तो करते मिल जाएंगे लेकिन मस्जिदो को आबाद नहीं करेंगे ,,,उन्होंने कहा के अपने अमल से किसी को तकलीफ ना हो ,,दुसरो के आम काम आये ,,दुसरो का आपसे मिलकर ख़ुशी मिले ऐसा अपना किरदार बनाये ,,,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने कहा के एक रोज़ की नमाज़ होती है ,,एक जुमे की नमाज़ होती है लेकिन ईद की नमाज़ दो बार होती है ,,लेकिन अफ़सोस इस ईद की नमाज़ की महत्ता खत्म कर दी गई है मस्जिदो में जुमे की नमाज़ की तरह नमाज़े होने लगी है ,,उन्होंने कहा के मुसलमान भाई ईद गाह तक आने की तकलीफ भी नहीं उठाना चाहता अपनी सुविधानुसार मन मर्ज़ी से पास की ही मस्जिदो में जुमे की नमाज़ की तरह ईद की नमाज़ अदा करते है जो गलत है ,,,,हाल ही में मक्के शरीफ में हुई भगदड़ की घटना पर अफसोस ज़ाहिर करते हुए क़ाज़ी ऐ शहर कोटा ने कहा के अल्लाह उन्हें जन्नतुल फिरदोज़ में आला मुक़ाम दे साथ ही उनके परिवार वालों को सब्र ऐ जमील अता फरमाये ,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने आज आम मुसलमानो को ,,नोजवानो को उनके अमल ,,हालातों को लेकर नेक हिदायतों के साथ दिल से दिल की बात कहते हुए खरी खरी सुनाई ,,,,,,,,,,,,,,,,आज पहली बार कोटा शहर क़ाज़ी भाव विहल हुए ,,उनका रुँधा हुआ गला ,,आँखों में आंसू थे ,,,,उनका स्वास्थ्य खराब होने से बार बार उन्हें खांसी का ठस्का लग रहा था ,,लेकिन उन्होंने अपना हिदायती ख़ुत्बा ,,मुसलमानो को उनके हालातो पर आयना दिखाने वाला सच का बयान जारी रखा ,,,,,ख़ुत्बे के बाद नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद साहब ने नमाज़ पढ़ाई और बाद में क़ाज़ी ऐ शहर अनवार अहमद ने लोगों की फलाह बहबुदगी की ,,,अमन सुकून की दुआएं मांगी ,,,,,,,,,,,,,,,नमाज़ के बाद सभी लोगों ने क़ाज़ी ऐ शहर से मुसाफा किया ,,,,असम सरकार के उद्योग मंत्री सिद्दीक़ी साहब ,,मौलाना हफ़ीज़ रशीद क़ादरी के साथ थे जिन्होंने भी कोटा शहर क़ाज़ी से मुलाक़ात कर ईद की मुबारकबाद दी ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भारत माँ के सपूतो के साथ आरक्षण के नाम पर पक्षपात,,,,,,,,,,,,,,,,,,

भारत माँ के सपूतो के साथ आरक्षण के नाम पर पक्षपात करते हुए ना इंसाफी के खिलाफ आज आरक्षित वर्ग के खिलाफ अनारक्षित वर्ग ने कोटा में ललकार प्रदर्शन के साथ कोटा अंटाघर सर्किल शहीद स्मारक पर हज़ारो लोगों के साथ हुंकार भरी है ,,,इस हुंकार के प्रणेता पत्रकार अनिल तिवारी ,,,समाजसेवक विजय पालीवाल सहित कई साथी है जिन्होंने समता आंदोलन से जुड़े लोगों को भी अपने साथ जोड़ा है ,,,,,,,,,,,,,पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत इस धरने में कोटा शहर के सभी प्रबुद्ध लोग शामिल थे जिन्होंने हाथ उठाकर भारत की धरती से आरक्षण के इस कोढ़ इस खाज को जड़ से खत्म करने की शपथ ली ,,,आरक्षण के इस धरने में अपने आक्रामक तेवर दिखाते हुए अनिल तिवारी ने कहा बस बहुत हो गया ,,अब हमे इंसाफ चाहिए ,,आरक्षण के नाम पर पक्षपात नहीं चलेगा ,,कोटा की यह हुंकार पुरे देश में उठेगी और देश से अब आरक्षण को जाना ही होगा ,,,,,,,,,,,, आरक्षण के खिलाफ धरना स्थल पर सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में कवि नरेंद्र बंजारा ने भी अपनी कविताये सूना कर समा बांधा लेकिन विषय से भटकता देख उन्हें आयोजको ने अपनी कविता जल्द ही खत्म करने को कहा ,,,,,,,,,,आरक्षण के बारे में समता आंदोलन के प्रदेश संयोजक ने सभी लोगों को आरक्षण के नुकसान और आरक्षण से प्रतिभाओ के साथ हो रहे अन्याय के बारे में बताया ,,,,,आरक्षण के खिलाफ अनारक्षित लोगों की इस जंग की शुरुआत कोटा की धरती पर से हुई जिसमे अनिल तिवारी के प्रस्ताव को सभी ने मंजूरी देते हुए हर माह की पच्चीस तारीख को ,,,आरक्षण के खिलाफ काला दिवस बनाने का प्रस्ताव स्वीकार किया ,,,,धरना स्थल पर कुछ आक्रामक लोग रैली के साथ आये थे उनका कहना था बहुत हुआ अब धरनो से कुछ नहीं होगा ,,सरकार को सबक सिखाना ही होगा ,,सड़को पर उतरना ही होगा ,,,आरक्षण के खिलाफ अनारक्षित लोगों की इस कामयाब जंग की शुरआत के लिए ,,आरक्षण भारत छोडो आंदोलन के प्रणेता अनिल तिवारी ,,,विजय पालीवाल और साथियो को मुबारकबाद बधाई ,,धरने में राकेश सोरल ,,आर्यसमाज के ऐ डी चड्डा ,,गुजराती समाज के अध्यक्ष पटेल ,,पर्यावरणविद लक्ष्मी कान्त दाधीच ,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,सत्यप्रकाश मिश्रा ,सहित हज़ारो हज़ार लोग मौजूद थे ,,,लेकिन इस प्रथम प्रदर्शन में कुछ खामियां ,,कुछ सद्भाविक गलतियां भी रही है ,,अगर भविष्य में इन गलतियों को सुधारा गया तो यह आंदोलन टार्गेटिव होकर कामयाब हर हाल में होगा ,,,,विरोध प्रदर्शन आरक्षण के खिलाफ है और इस प्रदर्शन में भी आरक्षण की बात अगर हो तो जमती नहीं है ,,आर्थिक आरक्षण ,,पिछड़ा आरक्षण इसकी हम बात क्यों करे ,,कोई आरक्षण नहीं सिर्फ पिछड़े ,,दलित और गरीबो को शिक्षा और आर्थिक उत्थान में मुह मांगी आर्थिक मदद दी जाए लेकिन जब प्रतिभा की प्रतिस्पर्धा हो तो उसमे कोई आरक्षण नहीं सिर्फ प्रतिभा ही चयन और प्रमोशन का मापदंड होना चाहिए ,,,प्रदर्शन के दौरान आरक्षण समूह नज़र आ रहे थे ,,एक मंच पर बैठे आरक्षित लोग ,, दूसरे कुर्सी पर बैठे आरक्षित लोग ,,तीसरे बैरिकेट्स के अंदर प्रथम घेरे में बैठे लोग ,,चौथे आम लोग ,,,इस व्यवस्था को बदलना होगा सभी आम लोग मतलब संघर्षशील लोग एक जैसे मानना होगा ,,प्रदर्शन में में की जगह हम का उपयोग करना होगा ,,,,,टारगेट बनाकर आरक्षण व्यवस्था सिर्फ आरक्षण व्यवस्था पर ही वार्ता होना चाहिए ,,होमवर्क ,,रिसर्च होना चाहिए ,,कवि सम्मेलन ,,,,इधर उधर की सियासी ,,गैर सियासी बात से वक़्त ही खराब होता है ,,मुद्दा भटकता है ,,,,,,,,,,इसलिए में की जगह हम के नारे के साथ इस मामले को एकजुट होकर कॉर्पोरेट आंदोलन की तरह नहीं सिर्फ गांधीवादी आंदोलन की तरह व्यवस्थित रूप से चलाते हुए अगला पड़ाव सांसद के घर के बाहर हो और जब तक सांसद लोकसभा अध्यक्ष के नाम आरक्षण व्यवस्था खत्म करने मामले में ,,प्रधानमंत्री ,,राष्ट्रपति ,,लोकसभा अध्यक्ष ,,,संसदीय कार्य मंत्री को आरक्षण मामले में बहस के साथ ,,मतदान से आरक्षण मामले का फैसला करने के मामले में शीघ्र आपात सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखकर नहीं दे देते तब तक उनका घेराव् खत्म न किया जाए ,,ऐसा ही घेराव् देश के हर संसदीय क्षेत्र में अनारक्षित लोग करे तो शायद जल्दी ही इस लड़ाई में हमे कामयाबी मिल सकती है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

PM मोदी ने UN में उठाया सुधार का मुद्दा, कहा- विश्वसनीयता के लिए बदलाव जरूरी


न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को युनाइटेड नेशन्स (यूएन) में सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट को संबोधित किया। उन्होंने सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए यूएन में सुधार की वकालत की। प्रधानमंत्री ने यूएन को बेहद अहम मंच बताते हुए कहा कि आज के हालात में यूएन काउंसिल समेत यूएन में भी सुधार जरूरी है, ताकि इसकी विश्वसनीयता बनी रहे। इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट चाहिए, तो गरीबी को मिटना होगा। इसके लिए डेवलप्ड कंट्रीज को जिम्मेदारी उठानी होगी। इससे पहले उन्होंने यूएन के महासचिव बान की मून से मुलाकात की। यूएन महासचिव ने भारत के स्वच्छता अभियान की तारीफ की। पीएम मोदी ने इंडिया एंड द यूनाइटेड नेशंस पर बान की मून को एक बुक भेंट की। समिट के दौरान 2030 तक दुनिया से गरीबी और भुखमरी खत्म करने का संकल्प लिया गया। इसके लिए 17 गोल तय किए गए। इन गोल तक पहुंचने के लिए 169 छोटे-छोटे टारगेट सेट किए गए।
ये हैं 17 गोल
यूएन के सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट के एजेंडा-2030 में कुल 17 लक्ष्य तय किए गए। इनमें गरीबी उन्मूलन, जीरो हंगर (भुखमरी), गुड हेल्थ एंड वेल बीइंग, क्वालिटी एजुकेशन, जेंडर क्वालिटी, क्लीन वाटर एंड सेनिटेशन, अफॉर्डेबल एंड क्लीन एनर्जी, डीसेंट वर्क एंड इकॉनोमिक ग्रोथ, इंडस्ट्री इनोवेशन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिड्यूस्ड इनइक्वलिटीज, सस्टेनेबल सिटीज एंड कम्युनिटीज, रिस्पॉन्सिबल कंजप्शन एंड प्रोडक्शन, क्लाइमेट एक्शन, लाइफ बिलो वाटर (पानी में जीवन), लाइफ ऑन लैंड (धरती पर जीवन), पीएस एंड जस्टिस स्ट्रॉन्ग इंस्टीट्यूशंस और पार्टनरशिप फॉर द गोल्स शामिल है।
'गरीबी हटाना हमारा नैतिक कर्तव्य'
गरीबी को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, "दुनिया की 1.3 बिलियन आबादी गरीबी में जीने को मजबूर हैं। गरीबी मिटाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। अंत्योदय हमारा मंत्र है। हम सबका सपना गरीबी मुक्त विश्व है।" साथ ही कहा, "यूएन के एजेंडा 2030 में भी अंत्योदय की महक आती है। उन्होंने कहा कि भारत गरीबी हटाने की दिशा में काम कर रहा है। भारत में गरीबी मिटाने के साथ-साथ लोगों को पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने भारत के महान विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनके विचारों का केंद्र भी अंत्योदय था।
क्लाइमेट चेंज नहीं, क्लाइमेट जस्टिस की करें बात
पीएम मोदी ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट को सभी देशों के लिए राष्ट्रीय उत्तरदायित्व का विषय बताया। उन्होंने कहा, "आज हम यूएन में इसलिए हैं, क्योंकि हम सभी मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारी अनिवार्य रूप से हमारे सभी प्रयासों के केंद्र में होनी चाहिए। फिर वो डेवलमेंट की बात हो या क्लाइमेट चेंज की चुनौती।" मोदी ने कहा, " अगर हम क्लाइमेट चेंज की चिंता करते हैं, तो कहीं न कहीं हमारे निजी सुख को सुरक्षित करने की बू आती है। लेकिन अगर हम क्लाइमेट जस्टिस की बात करते हैं, तो गरीबों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने का संवेदनशील संकल्प उभर कर आता है।" मोदी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौती से निपटने के लिए उन समाधानों पर जोर देने की जरूरत है, जिनसे उद्देश्यों को प्राप्त करने में कामयाबी मिल सके। साथ ही कहा कि इसके लिए वैश्विक जनभागीदारी का निर्माण करना होगा।
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर पर फोकस
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को फिर से जिंदा कर रहे हैं। सर्विस सेक्टर में सुधार कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि भारत की विकास योजनाएं महत्वाकांक्षी और उद्देश्यपूर्ण हैं। इनमें अगले 7 वर्षों में 175 गीगावाट रिन्युएबल एनर्जी कैपेसिटी का डेवलपमेंट, एनर्जी एफिशिएंसी बढ़ाने, बड़े पैमाने पर प्लांटेशन, कोयले पर स्पेशल टैक्स, ट्रांसपोर्ट सिस्टम में सुधार, शहरों और नदियों की सफाई, वेस्ट यूटिलाइजेशन से समृद्धि की मुहिम आदि शामिल हैं।
धरती को हम मां कहते हैं: मोदी
पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के एक स्टेटमेंट का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था, "हम उस भावी विश्व के लिए भी चिंता करें, जिसे हम नहीं देख पाएंगे।" प्रधानमंत्री ने कहा, "हम ऐसे विश्व का निर्माण करेंग, जहां हर कोई खुद को सुरक्षित महसूस करे। उसे समान अवसर मिले और सम्मान मिले।" सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा, "हम उस संस्कृति से आते हैं, जहां धरती को मां कहते हैं।" मोदी ने कहा कि धरती हमारी मां और हम सभी इसके बेटे हैं। उन्होंने अपनी बात संस्कृत में 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित दुःखभाग्भवेत्' (सभी प्रसन्न रहें, सभी स्वस्थ रहें, सबका भला हो, किसी को भी कोई दुख ना रहे) कहकर समाप्त की।
इससे पहले न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट जिम योंग किम से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच सस्टेनेबल डेवलपमेंट, क्लीन एनर्जी और क्लाइमेट चेंज पर चर्चा हुई। वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट जिम के साथ पीएम मोदी की पहली ऑफिशियल मीटिंग थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि यह दिन डेवलपमेंट के लिए समर्पित है। इससे पहले पीएम मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी कंपनीज के सीईओ से मुलाकात की थी। साथ ही भारत में इन्वेस्टमेंट की संभावनाओं पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने इन्वेस्टमेंट के लिए उपयुक्त माहौल देने का भरोसा दिलाया।

क़ुरआन का सन्देश

 
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