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28 सितंबर 2015

सूरज के साथ घूमती है गुंबद पर लगी मछली, अंदर 'कैद' हैं राम-जानकी



चंद्रखुरी में स्थित राम-जानकी मंदिर, जिस पर लगा है ताला।
चंद्रखुरी में स्थित राम-जानकी मंदिर, जिस पर लगा है ताला।
रायपुर। राजधानी से करीब 40 किलोमीटर दूर चंद्रखुरी गांव के राम-जानकी मंदिर के गुंबद पर बनी मछली का मुंह दिनभर सूरज के साथ-साथ घूमता है, बिल्कुल सूर्यमुखी फूल की तरह। इसी कथित चमत्कार के कारण आसपास के गांवों की इस मंदिर में बड़ी आस्था रही है। लेकिन बरसों तक भक्तों को तकलीफों से छुटकारा दिलाने वाले राम-जानकी अब खुद वहां कैद होकर रह गए हैं।

सौ साल से भी ज्यादा पुराने इस मंदिर में पिछले 18 सालों से ताला लटका हुआ है। मंदिर में पूजा-पाठ और साथ ही रेग्युलर मेंटेनेंस भी बंद है। नतीजतन, कभी इलाके में धार्मिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा यह मंदिर अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

मंदिर के मुख्य द्वार पर ताला लगाने वाले महेश बैस रायपुर के भाजपा सांसद रमेश बैस के करीबी रिश्तेदार हैं। उन पर मंदिर और उससे लगी 71 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने का आरोप है।
आस्था कायम, सीढ़ियों पर होती है पूजा
ये तो ग्रामीणों की आस्था है कि उन्होंने मंदिर को छोड़ा नहीं है और वे उसके मुख्य द्वार के बाहर सीढ़ियों पर ही राम-जानकी की पूजा कर लेते हैं। नरसिंह प्रसाद उपाध्याय अब भी खुद को उस मंदिर का पुजारी मानते हैं। गांव के पंचपति संतोष कुमार सेन का कहना है कि मंदिर के बंद होने से लोग दुखी जरूर हैं, लेकिन उनकी आस्था कम नहीं हुई है।
संतान-प्राप्ति के लिए जमींदार ने करवाया था निर्माण
मंदिर में उपलब्ध शिलालेखों के मुताबिक, इसका निर्माण विक्रम संवत् 1973 में तात्कालीन जमींदार नारायण स्वामी नायडू ने करवाया था। मंदिर के पुजारी नरसिंह प्रसाद उपाध्याय के बेटे लुम्बेश्वर प्रसाद उर्फ मुन्ना महाराज ने बताया कि जमींदार के शादी के काफी साल बाद कोई संतान नहीं हुई तो उन्होंने अपने इष्टदेव राम से प्रार्थना की।

महाराज के मुताबिक, एक रात जमींदार के स्वप्न में भगवान ने आकर उन्हें राम-जानकी मंदिर बनवाने को कहा। बताते हैं कि मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साल भर के भीतर जमींदार को एक बेटी हुई जिसका नाम लक्ष्मी रखा गया।
जमींदार ने राम-जानकी मंदिर बनवाने के बाद मंदिर और उससे लगी 71 एकड़ जमीन गांव को दान कर दी थी। आज भी यह जमीन राजस्व पटवारी के नक्शे में गोठान (घास की जमीन) के रूप में दर्ज है।
सूर्यमुखी की तरह घूमती है मछली
राम-जानकी मुख्य मंदिर चारों ओर से अलग-अलग देवी-देवताओं के मंदिरों से घिरा है। इनमें शिव, बजरंगबली, लक्ष्मी देवी, गणेश के मंदिर शामिल हैं। मंदिर का निर्माण वास्तुशास्त्र के मुताबिक चतुष्कोणीय श्रेणी में किया गया है।
इसकी स्थापत्य कला क्षेत्र में लंबे समय तक राज करनेवाले काकतीय वंशों की निर्माण शैली से प्रभावित है। मंदिर के गुंबद का निर्माण पुरी के जगन्नाथ मंदिर की याद दिलाता है, जिसपर सबसे ऊपर मछली और फिर उसके नीचे दिशा सूचक यंत्र लगा है। खास बात यह है कि यह मछली सूरज के साथ अपनी दिशा बदलती रहती है। मंदिर के पुजारी और ग्रामीणों के मुताबिक, सूर्योदय के वक्त मछली का मुंह पूरब की ओर जबकि सूर्यास्त के वक्त पश्चिम दिशा की ओर होता है। गुंबद के बीच में चक्र और नीचे एक नाव की आकृति भी बनी है।
दान की जमीन पर बुरी नजर!
मुन्ना महाराज के मुताबिक, आंध्रप्रदेश के काकीनाड में ब्याही गई जमींदार की बेटी लक्ष्मी पिता की मौत के बाद मंदिर की देखरेख करने कभी-कभार गांव आ जाया करती थी। मुन्ना ने बताया कि 1996 में लक्ष्मी की भी मौत हो गई और उसके एक साल बाद 1997 में महेश बैस ने मंदिर पर ताला लटका दिया। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, महेश अपनी राजनीतिक पहुंच के बदौलत दान की जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।
खो रही गांव की पहचान
रामनवमी, नवरात्र, होली और दीपावली के मौके पर गांव के राम-जानकी मंदिर परिसर में मेला लगता था। उप सरपंच दीना नाथ साहू ने बताया कि रामनवमी पर तीन दिन और नवरात्रि पर दस दिनों तक मेला लगता था। गांव में रथयात्रा का भी आयोजन होता था। ग्रामीण रामनाथ वर्मा ने बताया कि राम-जानकी मंदिर बंद हो जाने के कारण गांव की पहचान लगभग खोती जा रही है।

मंगल को लेकर NASA का बड़ा खुलासा, स्पेस एजेंसी ने ग्रह पर पानी होने की पुष्टि की

मंगल की सतह पर उंगली जैसी आकृति से कयास लगाए जा रहे हैं कि इसकी सतह पर पानी मौजूद है।
मंगल की सतह पर उंगली जैसी आकृति से कयास लगाए जा रहे हैं कि इसकी सतह पर पानी मौजूद है।
वॉशिंगटन. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है। नासा ने मंगल ग्रह पर पानी होने की पुष्टि की है। साइंटिस्ट्स का मानना है कि मंगल ग्रह पर देखी गई गहरी लकीरों को अब तरल पानी के सामयिक बहाव से जोड़कर देखा जा सकता है। नासा के सैटेलाइट से मिला डाटा से पता चलता है कि चोटियों पर दिखने वाले ये लक्षण नमक की मौजूदगी से जुड़े हैं। अहम बात है कि ऐसा नमक, पानी के जमने और भांप बनने के तापमान को भी बदल सकते हैं। इससे पानी ज्यादा समय तक बह सकता है। नासा के इस खुलासे से मंगल ग्रह पर जीवन होने की नई उम्मीद जगी है।
लुजेंद्र की बात पर लगी मुहर
मंगल पर पानी मिलने की संभावना इसलिए जोर पकड़ी थी, क्योंकि नासा ने इस अनाउंसमेंट में लुजेंद्र ओझा नाम के पीएचडी स्टूडेंट के शामिल होने की बात कही थी। 2011 में ग्रैजुएट कर चुके 21 वर्षीय लुजेंद्र ने मंगल पर पानी के संभावित लक्षण खोजे हैं। बता दें कि वैज्ञानिकों को मंगल के ध्रुवों पर जमे हुए पानी की जानकारी तो पहले से है, लेकिन इसे लिक्विड फॉर्म में खोजा जाना अभी बाकी है।
ओझा ने बताया था, भाग्यशाली दुर्घटना
एरिजोना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ओझा को 'संयोगवश' पहली बार इस बात के सबूत मिले थे कि मंगल पर लिक्विड फॉर्म में पानी मौजूद है। प्लैनेट की सतह की तस्वीरों की स्टडी के बाद उन्हें इस बात के सबूत मिले थे। ओझा ने इस खोज को 'भाग्यशाली संयोग' बताते हुए कहा कि शुरुआत में उन्हें इसके बारे में समझ में नहीं आया। मंगल की सतह पर बने गड्ढों की कई साल तक स्टडी के बाद पता चला कि ये बहते पानी के कारण बने हैं।

40 साल पहले मिले थे पोल पर बर्फ के सबूत
मंगल पर पानी के सबूत मिलना कोई नई बात नहीं है। करीब चार दशक पहले इस प्लैनेट के पोल पर बर्फ की खोज की गई थी। इसके अलावा, ग्रह की सतह पर रगड़ के निशान इस ओर इशारा करते हैं कि लाखों साल पहले यहां समुद्र और नदियां रही होंगी। हालांकि, इस ग्रह पर कम ग्रैविटी और वहां के वायुमंडल के आधार पर माना जाता है कि ग्रह पर मौजूद पानी स्पेस में इवैपेरेट (वाष्पित) हो गया होगा। प्लैनेट पर लिक्विड पानी की यह पहली खोज है।

मुझे आज भी याद आते हो

तुम बेवफा तो हो
तुम झूंठे और फरेबी भी हो
तुम मतलबी भी हो
लेकिन यह भी सच है
तुम्हारी अदाएं
तुम्हारी तीखी निगाहें
तुम्हारे गुलाबी होंठ
तुम्हारा सांवला सलोना चेहरा
तुम्हारा खूबसूरत चाँद सा चेहरा
तुम्हारे साथ गुज़ारे हुए लम्हे
खासकर वोह लम्हा जिसे तुमने
यह कहकर भुला दिया बस करो बस करो
वोह लम्हे और तुम
मुझे आज भी याद आते हो
बस मेरे बस की बात नहीं
सिद्धांतो की बात है
इसीलिए में अपना क़दम
तुम्हारी तरफ नहीं बढ़ा पाता हूँ ,,,अख्तर

,किसान स्वाभिमान रैली ,,,में राजस्थान के पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान विरोधी नीतियों पर जमकर बरसे ,

प्रदेश युथ कांग्रेस के आह्वान पर कोटा कलेक्ट्री परिसर के पास आज यहां ,,,,,किसान स्वाभिमान रैली ,,,में राजस्थान के पूर्व मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान विरोधी नीतियों पर जमकर बरसे ,,,उन्होंने नरेदंर मोदी पर बेरोज़गारों और देश की जनता के साथ खिलवाड़ कर उनके साथ निराशाजनक व्यवहार का आरोप लगाया ,,,शांति कुमार धारीवाल ने राजस्थान में किसानो की ओलावृष्टि के बाद सर्वप्रथम मज़बूती से आवाज़ उठाई थी ,,इनकी आवाज़ के बाद ही कोटा में भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कोटा के किसानो की समस्याएं रूबरू जानी थी ,,,शांतिधारीवाल किसानो के हक़ संघर्ष के लिए उस वक़्त भी आक्रामक थे और आज भी किसानो के लिए उनके तीखे तेवर थे ,,,,,शान्तीधारीवाल ने कोटा प्रवास के दौरान प्रतीपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी को भी सर्किट हाउस में किसान समस्या पर सरकार को घेरने की कार्ययोजना सिखाई थी ,,फिर शांतिधरीवाल ने कोटा सी ऐ डी सर्किल पर विशाल एकता किसान रैली का आयोजन किया ,,शांतिधारीवाल फिर किसानो के हक़ संघर्ष के लिए कलेक्ट्रेट पर अपने साथियो के साथ दहाड़े ,,वोह अपनी टीम के साथ इटावा ,,मण्डाना सहित सभी ग्रामीण इलाक़ो में किसानो के हक़ के लिए संघर्ष करते देखे गए ,,,शांतिधारीवाल के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर के पास पिछले दिनों आज की रैली से काफी बढ़ी रैली का आयोजन किया था ,,,,शांतिधारीवाल हाड़ोती के किसानो की समस्या के लिए अपनी टीम के साथ हमेशा संघर्षरत रहे है ,,आज शान्तीधारीवाल किसान हक़ संघर्ष में उठाई गई आवाज़ को पूरा हिन्दुस्तान ,,पूरा राजस्थान उठा रहा है और ख़ुशी की बात यह रही के जिस स्थान पर शांतिधारीवाल और समर्थको ने व्यवस्थित किसान संघर्ष विशाल रैली की थी आज कांग्रेस के सभी दलों ,सभी गुटो ,,प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओ की उपस्थिति में शांतिधरीवाल की किसान संघर्ष रैली से काफी कम लोग मौजूद थे ,,लेकिन जो लोग मौजूद थे वोह किसानो के हक़ के लिए लड़ने वाले थे ,,शानतिधरीवाल किसानो के लिए शुरू की गई उनकी लड़ाई में सभी कोंग्रेसियो को शामिल देखकर आज संतुष्ट नज़र आये ,,उनका रुख आज भी केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आक्रामक था ,,शांतिधारीवाल ने नरेदंर मोदी के खिलाफ चुटकी लेते हुए कहा के वोह भारत के प्रधानमंत्री है लेकिन रहते विदेशो में है ,,उन्हें देश के किसानो की समस्याओ से कोई लेना देना नहीं है नतीजन किसान भूखे मर रहे है ,,आत्महत्या कर रहे है ,,उन्होंने कहा के राजस्थान सरकार की महारानी तो किसानो की समस्याओ के मामले में सोई पढ़ी है ,,लगातार आत्महत्याओं का दौर ,,,,फसल चोपट होने से सदमे से किसानो की मृत्यु लेकिन राजस्थान सरकार के कान पर जू भी नहीं रेंगी है किसानो को पर्याप्त मुआवज़ा भी नहीं दिया गया है ,,शान्ति धारीवाल ने युवाओ से आह्वान किया के सब एक जुट होकर हमारे अन्न दाता किसानो के हक़ संघर्ष के लिए आगे बढ़े उनका खोया हुआ स्वाभिमान उन्हें फिर से वापस दिलवाए ,,युवाओ के इस संघर्ष में किसानो का हक़ मिलने तक वोह उनके साथ है ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

युथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं था तभी से में सचिन पायलेट को पसंद करता हूँ ,,यह मुझे अच्छे लगते है ,,इतने अच्छे लगते है के में इनसे शादी ही कर लेता ,

युथ कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमरिंदर सिंह बरार ने आज किसने स्वाभिमान रैली में अंतर्मन का एक सच लोगों के सामने रखकर सभी को चौंका दिया और खुद तो चर्चा विषय बन गए जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट अपनी हंसी नहीं रोक सके ,,,,,,,अमरिंदर सिंह राजा ने आज अपने सम्बोधन के दोरना खुले मन से भावनाओ में बहते हुए कहा के में जब विधायक नहीं था ,,युथ कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं था तभी से में सचिन पायलेट को पसंद करता हूँ ,,यह मुझे अच्छे लगते है ,,इतने अच्छे लगते है के में इनसे शादी ही कर लेता ,,,अमरिंदर सिंह का इतना कहते ही सभी का ठहाका गूंज उठा और खुद सचिन पायलेट से भी मुस्कुराये बगैर रहा नहीं जा सका ,,,,अमरिंदर सिघ राजा ने किसान स्वाभिमान रैली में दहाड़ते हुए कहा के एक चायवाला प्रधानमंत्री तो बन गया लेकिन उसने देश ,,देश के किसानो और देश के लोगों का भला नहीं किया ,,,,उन्होंने कहा के जो प्रधानमंत्री पन्द्राह लाख का सूट पहनता है उससे जनता के भले की क्या उम्मीद की जा सकती है ,,उन्होंने कहा के जो शख्स अपनी पत्नी को बिना कारण छोड़ सकता है उस शख्स से देश की महिलाओ की इज़्ज़त और अस्मत की सुरक्षा संरक्षण की उम्मीद कैसे की जा सकती है ,,बरार ने कहा के राजस्थान और केंद्र सरकार किसानो के खिलाफ नीतिया बना रही है वोह खुद ,,राहुल गांधी ,,सोनिया गांधी ,,सचिन पायलेट सहित सभी कांग्रेस जनो ने आप लोगों के दम लड़ाई लड़ी और सरकार को किसानो की भूमि हड़पने का बिल वापस लेना पढ़ा ,,,,धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट ने कहा के हमारे देश में केंद्र और राजस्थान की सरकार किसान ,,बेरोज़गार ,दलित विरोधी है ,,,सरकार किसानो को राहत नहीं दे रही है ,,किसान परेशान है जबकि बेरोज़गार ,दलित ,,पीड़ित इंसाफ के लिए भटक रहे है ,,सरकार के पास अब तक गिनाने के लिए एक भी ऐसा काम नहीं है जो जनता के हक़ में सरकार ने किया हो ,,उन्होंने कहा के सरकार के हर ज़ुल्म ज़्यादती के खिलाफ की लड़ाई में कॉंग्रीस के नौजवान संघर्ष कर रहे है और पूरी कांग्रेस इनके साथ है ,,,,राजस्थान के सह प्रभारी राष्ट्रिय सचिव मिर्ज़ा इरशाद बेग ने सरकार द्वारा किसानो के खिलाफ नीतियों को उजागर किया साथ ही किसानो को अब तक पर्याप्त मुआवज़ा नहीं देने पर सरकार को कोसा ,,उन्होंने ललित मोदी भगोड़े आरोपी की सर्मथित केंद्र और राजस्थान सरकार को कोसते हुए कहा के ऐसी सरकार जो भर्ष्टाचारियो की समर्थक है उससे युवाओ को निपटना है ,,जनता और किसानो को उनका हक़ दिलाना है ,,उन्होंने कहा के कांग्रेस के शासन में मुफ्त दवाये ,,मुफ्त इलाज ,,मुफ्त जाँचे ,पेंशन ,,सभी सुविधाये थे जो आज जनता तरस रही है ,,,,,,,,युथ कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चांदना ने किसान विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा के ऐसी सरकार जहाँ किसानो का सम्मान नहीं है ,,किसान उनके हक़ के लिए तरस रहे है उस सरकार को सबक सिखाना है और किसानो को उनका स्वाभिमान फिर से लौटाना है ,,,,,,,,,,पूर्व मंत्री शान्ति धारीवाल जो सही मायनो में प्रारम्भ से ही किसानो के हक़ के लिए संघर्ष करते हुए बढ़े बढ़े प्रदर्शन ,, कर चुके है उन्होंने किसानो का दर्द ,,किसानो की व्यथा जो उन्होंने नज़दीक से देखी वोह बयान करते हुए कहा के किसानो के साथ ना इंसाफी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी उन्होंने किसानो के हक़ संघर्ष के लिए चलाया गया उनका अभियान पुरे देश में फैलता देख उत्साहित होकर कहा के किसानो के हक़ के लिए युवाओ को हर सम्भव संघर्ष करना चाहिए ,,,,धरने को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री भरत सिंह ने कहा के जनता की हर समस्या ,, जनता की हर परेशानी में कांग्रेस एक जुट होकर जनता के हक़ संघर्ष में साथ है ,,,उन्होंने आज मंच पर सभी कोंग्रेसियो के एक जुट होने पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा के में हमेशा जनता और किसानो की लड़ाई में साथ हूँ एक जुट हूँ और कांग्रेस हमेशा एक जुट होकर ऐसे संघर्ष करती है ,,भरत सिंह ने कांग्रेस की एक जुटते देखकर एक कहानी सुनाई ,,उन्होंने कहा के एक जंगल में एक छायादार पैढ के नीचे शेर ,,,कुत्ता ,,बिल्ली ,,खरगोश ,,हिरन वगेरा सभी जंगल के जानवर बैठे थे ,,एक सज्जन ने पूंछा के सभी पैढ की छाव में हो शेर बकरी को नहीं खा रहा ,,कुत्ता बिल्ली को नहीं खा रहा ,,सांप किसी को नहीं डस रहा आखिर राज़ क्या है ,,तब शेर ने कहा के तेज़ गर्मी है ,,हम गर्मी से बचने के लिए सभी एक पैढ के नीचे छाव में बैठे है बस आज सत्ता से अलग होकर कांग्रेस के भी सभी लोग एक जुट होकर कांग्रेस के पढ़ की छाँव में है ,,,धरने को पंकज मेहता ,,भानु प्रताप ,,नईमुद्दीन गुड्डू ,,आबिद कागज़ी सहित कई नेताओ ने सम्बोधित किया ,,,,,युथ कांग्रेस के मक़सूद अहमद ने कोटा उत्तर की व्यवस्थाये संभाली ,,धरने में मंज़ूर तंवर , विक्रम वाल्मीकि ,अख्तर खान अकेला ,,कैलाश बंजारा ,,अब्दुल करीम खाना ,,,साजिद जावेद ,,,इसरार अहमद ,,,उपजिलाप्रमुख मनोज शर्मा ,,पूर्व मंत्री रामगोपाल बैरवा ,,शिवकांत नंदवाना ,,पूनम गोयल सहित कई कार्यकता और नेता मौजूद थे ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

किसान स्वाभिमान रैली की कुछ ख़ास झलकियाँ

प्रदेश युथ कांग्रेस के आह्वान पर आज कोटा में आयोजित किसान स्वाभिमान रैली की कुछ ख़ास झलकियाँ रही ,,,,,,,,,,,,,,,सचिन पायलेट ,,का अल्पसंख्य्क विभाग की तरफ से कुन्हाड़ी पुलिया पर धूमधाम से स्वागत किया गया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रैली में सम्बोधन के दौरान जब भरत सिंह ने एक पैढ़ के नीचे सभी जानवरो के एक साथ बैठने की कहानी सुनाई तो कायर्कर्ताओ में कोंग्रेसियो की जानवर से तुलना को लेकर खुसुर फुसुर होने लगी ,,,रैली में अधिकतम लोग अल्पसंख्यक ,,दलीत ,गुर्जर समाज के थे ,,,,,,,,,,,,,,रैली में जब शानति धारीवाल बोलरहे थे तो कार्यकर्ताओ में चर्चा थी के किसानो की आवाज़ उठाने वाले शांतिधरीवाल सबसे बढ़े नेता है और वोह इसी स्थान पर इस मुद्दे को लेकर इस रैली से अपने अकेले के दम पर तीन गुना रैली कर चुके है ,,,,,,,,रैली के मंच का संचालन अव्यवस्थित था ,,,रैली में आने वाले लोगों के लिए पानी की व्यवस्था भी टेंकर वाले किये जाने से कई लोग प्यासे रहे ,,,,,रैली में राष्ट्रिय कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर राजा ने सचिन पायलेट से शादी करने की जब बात कही तो सभी आवाक रह गए ,,,,,,,,,,,,रैली में दलित समाज के लोगों को नहीं बोलने को लेकर चर्चा रही ,,रैली में मंच पर क्षमता से कई गुना लोगों को देखकर सभी फब्तियां कस रहे थे ,,,,,रैली के बाद कलेक्टर को नीचे बुलाकर ज्ञापन देने के मामले में पुलिस और कार्यकर्ताओ के बीच तीखी नोक झोंक हुई ,,,,,,रैली में कार्यकर्ताओ की ज़िद के बाद भी पुलिस का संयम लाजवाब था ,,,,,,,,,,ज्ञापन की ज़िद पर अड़े कार्यकर्ताओ और पुलिस भिड़ंत में कई बार भागादौड़ी का माहोल रहा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रैली में पूर्व सांसद रामारायण मीना को नहीं बुलाने की भी चर्चा रही ,,,,,,रैली में सचिन पायलेट के व्यक्तित्व के प्रशंसकों के बीच चर्चा थी के अगर भविष्य में सचिन पायलेट स्वागत कर्ताओ के उत्साह को देखकर गाढ़ी से उत्तर कर माला और साफा पहनना नहीं सीखे तो कुछ दिनों में स्वाभिमानी कार्यकर्ता इनका मान सम्मान करना बंद कर देगा ,,,रैली में तुलनात्मक अशोक गेहलोत के गाढ़ी से उतारकर कार्यकर्ताओ का उत्साह बढ़ाकर उनसे विनम्रता से मिलने और सचिन पायलेट के व्यवहार की भी तुलना की जा रही थी ,,,,,,,,,,,,,,,राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की पुत्री कांग्रेस की राष्ट्रिय प्रवक्ता सुष्मिता मुखर्जी के कोटा होने के बावजूद भी उनके रैली में आने या उन्हें निमंत्रित नहीं करने को लेकर काफी गर्मागर्म चर्चा होती रही ,,,,,,,,,,,,,,,,,,रैली में युथ कांग्रेस के कोटा से निर्वाचित प्रदेश सचिव इसरार अहमद की उपेक्षा को लेकर भी चर्चा रही ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरान का संदेश

 
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