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05 अक्तूबर 2015

बंद दरवाजों के पीछे ऐसी है सऊदी अरब में महिलाओं की LIFE



ब्रिटिश डॉक्युमेंट्री फोटोग्राफर ओलिविया आर्थर द्वारा खींची गई फोटो।
ब्रिटिश डॉक्युमेंट्री फोटोग्राफर ओलिविया आर्थर द्वारा खींची गई फोटो।
इंटरनेशनल डेस्क। सऊदी अरब में महिलाओं की जिंदगी तमाम पाबंदियों के बीच कट रही है। यहां के सख्त कानून और नियम महिलाओं के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं। ब्रिटिश डॉक्युमेंट्री फोटोग्राफर ओलिविया आर्थर ने यहां घर में कैद महिलाओं की जिंदगी को अपने कैमरे में कैद किया है। वह ब्रिटिश काउंसिल की ओर से जेद्दाह में महिलाओं के लिए फोटोग्राफी के एक वर्कशॉप में गई थीं। इस दौरान अपने अनुभवों को उन्होंने जेद्दाह डायरी नाम की अपनी बुक में सामने रखा है।
शेयर किए अपने अनुभव
ओलिविया ने फोटोग्राफी वर्कशॉप में आने वाली दिक्कतों समेत अपने अनुभवों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह ऐसी पाबंदियों वाला देश है, जहां उन्हें सड़क पर एक महिला की फोटो खींचने की कोशिश करने पर फटकार का सामना करना पड़ा। वहीं, उनके वर्कशॉप में आने वाली लड़कियों और महिलाओं को फोटोग्राफी के लिए घर से बाहर निकलने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। उनकी एक स्टूडेंट को तो अपने कजिन की फोटो लेने पर फैमिली ने वर्कशॉप में आने से मना कर दिया। वहीं, पब्लिक में फोटो लेने पर उनकी एक स्टूडेंट को अरेस्ट तक कर लिया गया था।
फोटोज को लेकर थीं निराश
ओलिविया के मुताबिक, फोटोज लेने में सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि यहां महिलाएं अबाया (सिर से पैर तक ढंका लबादा) पहनती हैं। इसके बिना वो फोटो नहीं खिंचवा सकतीं। उन्होंने बताया, ''शुरुआत में मैं बहुत निराश थी कि इन फोटोज का इस्तेमाल मैं कहां कर सकूंगी। मुझे ये तय करने में बड़ा लंबा वक्त लगा कि इन्हें कैसे इस्तेमाल करना है। हालांकि, बाद में लगा कि ये फोटोज मेरे प्रोजेक्ट में काफी मदद करेंगी। ये सऊदी के अजीबोगरीब नियमों और दरवाजों के पीछे बंद महिलाओं की जिंदगी को सामने लाने में मददगार साबित होंगी।''

बिहार: भड़काऊ भाषण देने पर अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ FIR


बिहार: भड़काऊ भाषण देने पर अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ FIR
 
नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में AIMIM के नेता अकबरुद्दीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। अकबररु्दीन ओवैसी के खिलाफ यह एफआईआर बिहार के किशनगंज में दर्ज की गई है। अकबरुद्दीन ने रविवार को किशनगंज में एक चुनावी सभा के दौरान नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए 'शैतान' और 'जालिम' बताया था।
रविवार को अकबरुद्दीन ने पीएम को कहा था शैतान
बिहार के चुनावी दंगल में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने रविवार को अपनी रैली में गुजरात दंगों का जिक्र किया। उन्होंने पीएम मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा, "एक तबका है, जिसमें मैं भी हूं, जो ये मानता है कि गुजरात के दंगों का जिम्मेदार कोई और नहीं नरेंद्र मोदी है।" अकबरुद्दीन ने सभा में मौजूद लोगों को गुजरात दंगों के बारे में बताते हुए 'हिंदुओं को मुसलमानों पर जुल्म करने वाला' बताया। दंगों का जिक्र करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, "गुजरात में जुल्म का नंगा नाच हुआ, पूर्व सांसद एहसान जाफरी के घर में छुपे हुए 35 लोगों को मार डाला गया। नरोदा पाटिया में माया कोडनानी ने हमला कराया। मासूमों को काट डाला गया, दरगाह और कब्रों को जलाया गया।"
कांग्रेस पर भी बोला हमला
अकबरुद्दीन ने कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, "गुजरात के उस 'दरिंदे' के खिलाफ कांग्रेस ने कार्रवाई क्यों नहीं की? अगर कांग्रेस 2004 में सत्ता में आने के बाद इस शख्स को चार्जशीट करती, जेल में डालती, हथकड़ियां पहनाती तो आज ये 'शैतान' और 'जालिम' देश का प्रधानमंत्री नहीं होता।"
बिहार में चुनाव लड़ रही है एआईएमआईएम
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मुत्ताहिदा मजलिस-ए- मुसलमीन) बिहार के सीमांचल में चुनाव मैदान में उतरी है। एआईएमआईएम ने बिहार के सीमांचल के पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले के 24 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सीमांचल क्षेत्र के किशनगंज में 70, अररिया में 42, कटिहार में 41 और पूर्णिया में 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। 2010 के चुनाव में सीमांचल की 24 सीटों में से बीजेपी को 13, जेडीयू को 4, एलजेपी को 2, कांग्रेस को 3, आरजेडी को 1 और 1 सीट निर्दलीय को मिली थी।

,सारी कायनात खुदा की बनाई हुई है ,,यह ज़मीन ,,,यह आसमान खुदा के इशारे पर बने है ,,,दुनिया की हर चीज़ खुदा के हुकम से बनी है

नहीं है कोई ,,खुदा के सिवा और महोम्मद उसके रसूल है ,,पढ़ो ,,पढ़ो ,,पढ़ो ,,,पढ़ने के लिए चाहे चीन भी जाना पढ़े लेकिन पढ़ो ,,,,,,,,,सारी कायनात खुदा की बनाई हुई है ,,यह ज़मीन ,,,यह आसमान खुदा के इशारे पर बने है ,,,दुनिया की हर चीज़ खुदा के हुकम से बनी है ,,,,,,,,,खुदा का ना शुक्राना मत करो ,,खुदा के खौफ से डरो ,,,खुदा का पैगाम इंसानियत के नाम है ,,यह चरिन्दे ,,यह परिंदे ,,यह पैढ पोधे सब खुदा के ही बनाये हुए है ,,यह चाँद तारे ,,यह बिना खम्बो के खड़ा आसमान खुदा का ही मोजज़ा है ,,उसी की इबादत करो ,,,,,उसी से मांगो ,,,,,,,,किसी का दिल मत दुखाओ वगेरा वगेरा ,, दोस्तों खुदा के इस पैगाम को मेरे एक गैर मुस्लिम भाई जो सोनी समाज से है तीन दिन में क़ुरआन शरीफ का तर्जुमा पढ़ने के बाद समझ गए ,,,लेकिन अफ़सोस नाम के हमारे मुस्लिम भाई आज भी इस्लाम और इंसानियत ,,एकता का पाठ नहीं पढ़ पाये है ,,,,,,,,दोस्तों यह गैर मुस्लिम भाई ने हिंदी अनुवादित क़ुरांन शरीफ पढ़ने की इच्छा जताई ,,हमारे दफ्तर में रखे हिंदी अनुवाद के क़ुरानशरीफ को इन्होने बा अदब ,,साफ़ सफाई के बारे में जानकारी लेकर पढ़ा ,,समझा ,,रात रात भर पढ़ा और तीसरे दिन पुरे क़ुरआन का सारांश इन्हे कंठस्थ याद था ,,इनके आचरण में बदलाव था ,,,,,,,,,,भाई सोनी ने जब क़ुरआन के सारांश ,,अल्लाह और उसके रसूल के पैगाम को हर्फ़ ब हर्फ़ बिना देखे ,,बिना पढ़े फर्राटे से सुनाया तो अदालत परिसर में उपस्थित सभी लोग आवाक इस बुज़ुर्ग के मनोविज्ञान को देख रहे थे ,,,,,दोस्तों एक गैर मुस्लिम भाई हमारे इस्लाम की बारीकियों ,,उसके संदेश ,,उसकी सीख को केवल तीन दिन में सीख सकता है लेकिन मुस्लिम होकर भी ज़िंदगी गुज़ार देते है और इस्लाम की तह तक इस्लाम की बुनियादी तालीम तक पहुंच कर उसका अनुसरण नहीं करते है ,,सिर्फ और सिर्फ हम लोग मठाधीश बने है ,,एक दूसरे की कमिया निकालना ,,एक दूसरे को नीचा दिखाना ,,किसी को मुनाफ़िक़ ,,किसी को काफ़िर ,,किसी को दूसरे मसलक का कहकर हम खुद को महान समझने लगे है ,,हम दूसरे शख्स की कमिया निकालकर ,,तोबा ,,अस्तग़फरूल्ला कह कर ,,काफ़िर ,,नास्तिक ,,,मुनाफ़िक़ कहकर खुद को मुसलमान का दावा करते है ,,लेकिन मेरे भाइयो कितने लोग है जो क़ुरांशरीफ तर्जुमे से पढ़कर उसके मफ़हूम को इन साहब की तरफ समझ पाये है ,,कितने लोग है जो फतवे और तक़वे के फ़र्क़ को जानते है ,,कितने लोग है जो ग़ैबत करना अपने भाई का गोश्त खाने के बराबर गुनाह है इसे मानते है ,,झूंठ फरेब ,,मककाारी ,,सियासत ,,मौकापरस्ती ,बिना कुछ सोचे समझे दूसरे की बात काटना उसमे कमिया निकालना हमारा आदर्श इस्लाम नहीं सिखाता ,,हमे एक होना है ,,नेक होना है ,,बढ़ा दिल रखना है ,,हम हुज़ूर स अ व की उम्मत है ,,हममे और दूसरे ख़बीसो में फ़र्क़ होना ही चाहिए ,,हमारे आचरण में एक महासमुंद्र होना चाहिये जिसमे सब कुछ समा लेने का जज़्बा होना चाहिए ,,बेवजह टीका टिप्पणी कर एक दूसरे का दिल दुखाने की कोशिशो में जुटे मेरे भाइयो क्या तुम्हे पता है हमारे एक लाख चौबीस हज़ार अम्बिया ऐ इकराम ,,पैगम्बर कौन थे उनका नाम किया है ,,वोह किस तरह का आचरण करते थे अगर पता नहीं है तो पहले इन एक लाख चौबीस हज़ार अम्बिया ऐ इकराम के बारे में भी जान लो ,,इनके हालातो के बारे में भी जानो ,,सिर्फ कलमा पढ़ना ही इस्लाम नहीं इस्लाम को पढ़ना और उसका अनुसरण करना ही इस्लाम है ,,उसको जीना ,,इस्लाम को ,,हुज़ूर स अ व की सीख को अपने आचरण में ढालना ही इस्लाम है ,,तो दोस्तों पढ़ो ,, इस्लाम के बारे में पढ़ो ,,सकारात्मक सोच के साथ पढ़ो ,,,,एक मुकम्मल मुसलमान किसी फ़िरक़े पर भरोसा नहीं करता ,,किसी विचार ,,किसी सोच का गुलाम नहीं होता बस अल्लाह और उसके रसूल की सीख ही उसका लक्ष्य और जीने का सलीक़ा होता है ,,तो दोस्तों पढ़िए प्लीज़ पढ़िए ,,इस्लाम के पुरे एक लाख चौबीस हज़ार अमबिया ऐ इकराम के बारे में पढ़िए ,,क़ुरान शरीफ के मफ़हूम को समझिए ,,क़ुरांशरीफ में लिखे गए जीने के सलीक़े को मानिए ,,किसी का दिल मत दुखाइए ,,कोई भी टिप्पणी करने ,,लोगो को अलग अलग फ़िरक़े का समझकर नफरत करने के पहले इस्लाम की बुनियादी तालीम को समझिए ,,,,बढ़ा दिल रखिए ,,अपना मज़हब सर्वसम्मानित है सर्व मान्य है तो किसी दूसरे के अक़ीदे का भी हम सम्मान करे ,,हमे इस कड़वे सच को समझना होगा के खुदा की मर्ज़ी के बगैर पहाड़ ,,आसमान ,,कथित रूप से बनाये गए दूसरे मज़हब नहीं बनसकते ,,इसमें खुदा की मर्ज़ी शामिल है और इसकी बेहतरी खुदा बेहतर जानता है ,,वरना सोचो इस्लाम की तरफ झुके होने के बाद भी कई लोग तकलीफ में और जो इस्लाम से दूर है लेकिन उनके आचरण ठीक होने पर उन्हें खुदा क्यों नवाज़ रहा है ,,खुदा की नवाज़िश सभी दुनिया वालो के लिए है अल्लाह पूरी दुनिया का रब है ,,,किसी वर्ग विशेष या किसी वर्ग जाती समाज का रब नहीं ,,,,,,,,,,,,,आदमूल मख्लूक़ का अल्लाह निगेहबान है और क़यामत के दिन फैसला अल्लाह का इन्साफ करेगा हमे दुसरो के बारे में टीका टिप्पणी करने की जगह हमारी अपनी आख़िरत सुधारने पर ध्यान देना होगा अगर हम सुधरे ,,एक हुए नेक हुए ,,फ़िरक़ों में ना बटे ,मस्जिदो को फ़िरक़ों में ना बांटा तो दुनिया की कोई ताक़त हमे झुका नहीं सकती ,,हमे हरा नहीं सकती ,,,,, कोटा में यह काम एक जुट करने का काम ,,इस्लाम का पैगाम देने का काम कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ,,,गुलशेर अहमद ,,नईम फलाही और कई साथी बखूबी निभा रहे है ,,खुद उन्हें कामयाब करे और हमारी गलतियों को माफ़ कर हमे नेक तौफ़ीक़ अता फरमाये ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जर्मनी ने भारत को रिटर्न की दसवीं सदी की मां दुर्गा की मूर्ति, मोदी ने कहा- शुक्रिया dainikbhaskar.com Oct 05, 2015, 16:16 PM IST Print Decrease Font Increase Font Email Google Plus Twitter Facebook COMMENTS 4 1 of 3 Next प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां दुर्गा की प्रतिमा की फोटो ट्वीट की है। दसवीं सदी की इस प्रतिमा को जर्मनी ने भारत को लौटाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां दुर्गा की प्रतिमा की फोटो ट्वीट की है। दसवीं सदी की इस प्रतिमा को जर्मनी ने भारत को लौटाया। नई दिल्ली. जर्मन चांसलर डॉ. एंजेला मार्केल तीन दिनों के भारत दौरे पर हैं। इस बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दसवीं सदी की मां दुर्गा की प्रतिमा लौटाने के लिए जर्मनी और मार्केल को शुक्रिया कहा है। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात के बाद ज्वाइंट प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मोदी ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर के मंदिर की दुर्गा प्रतिमा लौटाने के लिए जर्मनी और डॉ. मार्केल का शुक्रिया। यह प्रतिमा मां दुर्गा के महिषासुर मर्दनी अवतार की है।'' ट्विटर पर शेयर की फोटो पीएम ने जिस मूर्ति का अपने स्टेटमेंट में जिक्र किया, उसकी एक फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर भी की। यह फोटो पीएमओ के ट्विटर अकाउंट से शेयर की गई। मार्केल ने भी अपने स्टेटमेंट में कहा कि उन्हें पता है कि भारत में इसकी कद्र है, इसिलए जर्मनी ने यह कदम उठाया। ग्रीन एनर्जी के लिए दो अरब यूरो देगा जर्मनी मोदी ने कहा, ''भारत के इकोनॉमिक रिफॉर्म में जर्मनी एक नैचुरल पार्टनर है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए जर्मनी की एक-एक अरब यूरो (करीब 15 हजार करोड़ रुपए) की हेल्प बहुत मायने रखती है।'' दोनों देशों के बीच ट्रेड और दूसरे सेक्टरों से जुड़े 12 एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां दुर्गा की प्रतिमा की फोटो ट्वीट की है। दसवीं सदी की इस प्रतिमा को जर्मनी ने भारत को लौटाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां दुर्गा की प्रतिमा की फोटो ट्वीट की है। दसवीं सदी की इस प्रतिमा को जर्मनी ने भारत को लौटाया।
नई दिल्ली. जर्मन चांसलर डॉ. एंजेला मार्केल तीन दिनों के भारत दौरे पर हैं। इस बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दसवीं सदी की मां दुर्गा की प्रतिमा लौटाने के लिए जर्मनी और मार्केल को शुक्रिया कहा है। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात के बाद ज्वाइंट प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मोदी ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर के मंदिर की दुर्गा प्रतिमा लौटाने के लिए जर्मनी और डॉ. मार्केल का शुक्रिया। यह प्रतिमा मां दुर्गा के महिषासुर मर्दनी अवतार की है।''
ट्विटर पर शेयर की फोटो
पीएम ने जिस मूर्ति का अपने स्टेटमेंट में जिक्र किया, उसकी एक फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर भी की। यह फोटो पीएमओ के ट्विटर अकाउंट से शेयर की गई। मार्केल ने भी अपने स्टेटमेंट में कहा कि उन्हें पता है कि भारत में इसकी कद्र है, इसिलए जर्मनी ने यह कदम उठाया।

ग्रीन एनर्जी के लिए दो अरब यूरो देगा जर्मनी
मोदी ने कहा, ''भारत के इकोनॉमिक रिफॉर्म में जर्मनी एक नैचुरल पार्टनर है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए जर्मनी की एक-एक अरब यूरो (करीब 15 हजार करोड़ रुपए) की हेल्प बहुत मायने रखती है।'' दोनों देशों के बीच ट्रेड और दूसरे सेक्टरों से जुड़े 12 एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन हुए।

प्राकृतिक आपदा ,,भूकम्प ,,,बाढ़ वगेरा से प्रभावित लोगों के मनोविज्ञान पर आजीवन असर रह जाता है

हमारे देश में प्राकृतिक आपदा ,,भूकम्प ,,,बाढ़ वगेरा से प्रभावित लोगों के मनोविज्ञान पर आजीवन असर रह जाता है और उनमे एक विशेष खतरनाक सिंड्रोम जन्म ले लेता है जिसके कारण उनका जीवन डर और खौफ के माहोल में रहता है ,,इसी मनोविज्ञान को समझने ,,इसी मनोविज्ञान के बेहतर इलाज के लिए हाल ही में श्रीनगर जम्मुकश्मीर में एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन रखा गया जिसमे कोटा के मनोचिकित्स्क डॉक्टर जुज़र अली ,,डॉक्टर एम एल अग्रवाल ,,डॉक्टर सी पी विजयवर्गीय ,,डॉक्टर राठोड भी शामिल हुए वोह आज सुबह ही सेमिनार के बाद कोटा लोटे है ,,,,,,,,,,,,,,,,,सेमिनार से वापसी पर डॉक्टर जुज़र अली ने बताया के वर्तमान में विश्व स्तर प्राकर्तिक आपदाओ भूकम्प ,,बाढ़ वगेरा का प्रकोप चल रहा है ,,इस त्रासदी में फंसे लोग जो बच जाते है वोह एक ख़ास तरह के डर ,,खौफ के वातावरण में रहते है ,,तबाही का वोह दृश्य ऐसे लोग भुला नहीं पाते है और इसीलिए इनको एक विशेष तरह का सिंड्रोम घेर लेता है जो एक मनोवैज्ञानिक बीमारी होती है जिसका इलाज कैसे सम्भव है इन सब पर विचारविमर्श ,चिंतन मंथन के लिए कश्मीर के श्रीनगर में इस सेमिनार का आयोजन रखा गया था ,,सेमिनार में बाढ़ से तबाह हो रहे बांग्लादेश और हाल ही में भूकम्प की त्रासदी झेलने वाले नेपाल देश के विशेसग्य चिकित्सक अपने अनुभवों के साथ मनोचिकित्सा के इस चिंतन मंथन कार्यशाला में आये थे ,,सभी चिकितसकों ने एक दूसरे का ज्ञान बांटा ,,,कोटा में पुरे हिंदुस्तान ,,पुरे विश्व के विभिन्न हिस्सों के लोग मौजूद है ऐसे में इस सेमीनार से कोटा में प्रभावित मरीज़ो को इलाज में काफी फायदा पहुंचेगा ,, ऐसे मरीज़ जो ऐसे खतरनाक हादसे से प्रभावित होकर बेवजह घबराते है ,,निराशावाद की तरफ जाते है ,,डर और के माहोल में रहते है ,,पुरानी त्रासदी को याद कर डर जाते है ,,उसे भुला नहीं पाते ,,,उनका अतीत ,,उनके अतीत का खौफनाक मंज़र उनके वर्तमान को एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव के कारण बर्बाद करता है ऐसे मरीज़ों को इस सेमिनार के अनुभवों के लाभ से इलाज में फायदा मिलेगा ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

SC में वकील बोले- मेरी पत्‍नी-बेटी को दमा है, जज ने कहा- पोता तो मास्‍क पहनता है

फाइल फोटो: हरीश साल्वे।
फाइल फोटो: हरीश साल्वे।
नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पल्‍यूशन से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान जज और वकील ने इस गंभीर समस्या को लेकर अपनी आपबीती सुनाई। सुनवाई के दौरान सीनियर वकील हरीश साल्‍वे ने चीफ जस्टिस एचएल दत्तू से कहा कि उनकी पत्‍नी और बेटी दमे की मरीज हैं और खुद उन्‍हें भी दो दिन पहले स्‍टेरॉयड्स लेना पड़ा। इस पर चीफ जस्टिस एच.एल. दत्‍तू ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, 'पॉल्‍यूशन के चलते मेरा पोता मास्‍क पहनता है।' सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और वरिष्ठ वकील के बीच यह बातचीत दिल्‍ली में एंट्री करने वाले कमर्शियल व्‍हीकल्‍स से टोल टैक्‍स के साथ ही 'पल्‍यूशन कम्‍पेंसेटरी चार्ज' वसूले जाने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई के दौरान हुई। बेंच ने इस मामले में केंद्र और दिल्‍ली सरकार से 13 तारीख गुरुवार को अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
कोर्ट ने कहा मीडिया में हाईलाइट हो सुनवाई का डिटेल
आम तौर पर कोर्ट किसी कार्यवाही की डिटेल और कोर्टरूम में हुई सुनवाई को मीडिया में हाईलाइट करने के पक्ष में नहीं रहता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने यह भी कहा कि यह केस ऐसा है, जिसकी सुनवाई की पूरी डिटेल अखबारों को प्रमुखता से छापना चाहिए।
अर्जी में क्‍या है मांग?
सुप्रीम कोर्ट में यह पीआईएल एनवायरमेंट के क्षेत्र में काम करने वाले एम.सी. मेहता ने दाखिल की है। उन्‍होंने मांग की है कि एनवायरनमेंट लॉ के नियमों के मुताबिक पॉल्‍यूशन फैलाने वालों को हर्जाना भी भरना होगा। उन्होंने सरकार से इस नियम का पालन किए जाने के निर्देश दिए जाने के मामले में याचिका दाखिल की है।
कोर्ट में क्‍या बोले जज और वकील?
केस में एमिकस क्‍यूरी (अदालत मित्र) हरीश साल्‍वे ने कहा, "मेरी पत्‍नी को दमा है, मेरी बेटी को भी यह बीमारी है, दो दिन पहले मुझे भी पहली बार स्‍टेरॉयड्स लेना पड़ा, यह खतरनाक स्थिति है।" साल्वे ने मांग कि सर्दियां आने के बाद दमा के रोगियों के लिए हालात और खराब हो जाएंगे, इसलिए इससे पहले ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। इस दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और आदर्श कुमार गोयल के साथ सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस दत्‍तू ने बढ़ते पल्‍यूशन को बेहद गंभीर समस्‍या बताया उन्‍होंने कहा " 'पल्‍यूशन के चलते मेरा पोता भी मास्‍क पहनता है।" यह गंभीर समस्‍या है। हम गुरुवार को फिर इस मामले पर सुनवाई करेंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि "हम इस पर सरकार से पॉजिटिव रिस्‍पॉन्‍स चाहेंगे।'
याचिकाकर्ता की मांग पर विचार करने को कोर्ट तैयार
साल्‍वे ने अपनी दलील में एनवायरनमेंट पॉल्‍यूशन (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अथॉरिटी फॉर एनसीआर) की एक रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्‍होंने कहा कि हाईवे से गुजरने के बजाय ज्‍यादातर कमर्शियल व्‍हीकल दिल्‍ली-एनसीआर में एंट्री ले लेते हैं, क्‍योंकि यह उन्‍हें सस्‍ता पड़ता है। कोर्ट याचिकाकर्ता की इस मांग पर विचार करने के लिए तैयार हो गई है कि दिल्‍ली में घुसने वाले छोटे कमर्शियल व्‍हीकल्स से कम से कम 600 रुपए और तीन या ज्‍यादा एक्‍सल वाली (बड़ी गाड़ि‍यों) से 1200 रुपए वसूले जाने का ऑर्डर जारी किया जाए। यह रकम ऐसे व्हीकल से एमसीडी की वसूली के अलावा होगी। बेंच ने केंद्र सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान पेश हुए वकील रंजीत कुमार के साथ ही दिल्‍ली सरकार और अन्‍य एजेंसियों को गुरुवार को इस बारे में पूरी तैयारी के साथ आने के लिए कहा है।

पोर्नोग्राफी


पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसे फोटो, विडियो, टेक्स्ट, ऑडियो और सामग्री आती है, जिसकी प्रकृति यौन हो और जो यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित हो। ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिS प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून लागू होता है। जो लोग दूसरों के नग्न या अश्लील विडियो तैयार कर लेते हैं या एमएमएस बना लेते हैं और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दूसरों तक पहुंचाते हैं, किसी को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील संदेश भेजते हैं, वे भी इसके दायरे में आते हैं।अपवाद: पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना और इलेक्ट्रॉनिक जरियों से दूसरों तक पहुंचाना अवैध है, लेकिन उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अवैध है। कला, साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, धर्म आदि से जुड़े कामों के लिए जनहित में तैयार की गई उचित सामग्री अवैध नहीं मानी जाती।कानून- आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए)- आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509सजा: जुर्म की गंभीरता के लिहाज से पहली गलती पर पांच साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरी बार गलती करने पर जेल की सजा सात साल हो जाती है।

आडवाणी का मोदी पर इशारों में हमला, कहा- दादरी पर बोलूंगा तो अटलजी नाराज होंगे

लालकृष्ण आडवाणी की फाइल फोटो।
लालकृष्ण आडवाणी की फाइल फोटो।
आगरा. गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी इलाके में गोमांस खाने की अफवाह के बाद अखलाक नाम के शख्स की हत्या के मुद्दे पर बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण कुछ नहीं बोले। एक कार्यक्रम में शामिल होने सोमवार को आगरा पहुंचे आडवाणी ने कहा- कुछ बोलूंगा तो अटलजी को अच्छा नहीं लगेगा। लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वहीं, केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इस मामले में आजम खान को आड़े हाथों लिया। (बीजेपी लीडर आदित्‍यनाथ ने पूछा- आजम सुअर भी खाते हैं क्‍या?)
'जो हो रहा है, वह कमी दिखाता है'
'मेरी कहानी-मेरी जुबानी' किताब की रिलीज के मौके पर ये सभी नेता आगरा पहुंचे थे। दादरी में हुई घटना के बारे में आडवाणी से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं दादरी मामले में कुछ नहीं बोलना चाहता। अगर मैं कुछ बोलूंगा तो अटलजी को अच्छा नहीं लगेगा।' उन्होंने हालांकि केंद्र में अपनी ही पार्टी की सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्‍होंने कहा, 'आजकल जो भी हो रहा है, वह बीजेपी सरकार में कमी को दिखाता है। इस पर गौर करने की जरूरत है। सरकार काम कर रही है, लेकिन आगे और बहुत कुछ करना होगा।' बता दें कि कई बार ऐसी खबरें आ चुकी हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी और आडवाणी के बीच रिश्ते तल्खी के दौर से गुजर रहे हैं।
मुझे हिंदी नहीं आती
आमतौर पर आडवाणी को हिंदी का जबरदस्त वक्ता माना जाता है, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम में ये खुलासा भी किया कि उन्हें सिंधी और अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी कम आती है। आडवाणी ने कहा कि वह मिशनरी स्कूल में पढ़े हैं। ऐसे में अंग्रेजी बेहतर जानते हैं। सिंधी होने के नाते इस भाषा पर भी उनकी पकड़ है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सिंधी को साल 1700 तक देवनागरी भाषा में लिखा जाता था।
कठेरिया-वाजपेयी का आजम पर निशाना
आगरा से सांसद और मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रामशंकर कठेरिया और यूपी बीजेपी अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी इस मसले पर यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान पर निशाना साधने में पीछे नहीं रहे। कठेरिया ने कहा कि जांच इसकी होनी चाहिए कि आजम खान का मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ है या नहीं। वहीं, लक्ष्मीकांत ने आजम की तुलना कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह से की। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह की ही तरह आजम भी बयानबाजी कर रहे हैं।
आजम ने बाबरी कांड से जोड़ा था
रविवार को यूपी के मंत्री आजम खान ने अपने सरकारी लेटर हेड पर बयान जारी कर दादरी की घटना को बाबरी कांड से जोड़ा था। आजम ने कहा था कि गोभक्तों को बीफ बेचने वाले पांच सितारा होटलों की ईंट से ईंट ठीक उसी तरह बजानी चाहिए, जैसी बाबरी मस्जिद के साथ हुई थी।
सपा नेता ने भी दिया था भड़काऊ बयान
आजम खान का बयान आने के बाद देवबंद नगरपालिका चेयरमैन और सपा के नेता माविया अली ने भी भड़काऊ बयान देते हुए कहा था कि अगर कोई साध्वी प्राची की हत्या कर देता है, तो ये जायज होगा। बता दें कि साध्वी प्राची ने दादरी मसले पर कहा था कि जो गोमांस खाएगा, उसका हश्र अखलाक जैसा ही होगा।

उपभोक्ता संरक्षण के नियम


भारत को शोषण रहित राष्ट्र बनाना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है। भौतिकवाद युग में ऐसा करना कठिन तो है लेकिन असंभव नहीं। आज आवश्यकता ये है कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्त्तव्यों के प्रति सचेत किया जाए। जागरूक उपभोक्ता सफल उपभोक्ता होता है। वही शोषण मुक्त समाज की रचना कर सकताहै।प्रत्येक व्यक्ति उपभोक्ता है। उसे अपने जीवन यापन के लिए सुख सुविधाओं की जरूरत है। वह वस्तुओं को खरीदता है या दाम दे कर किराए पर या सर्विस प्राप्त करता है। देश का नागरिक होने के नाते भी वह विशेष सुविधओं को प्राप्त करने का अधिकारी है। यदि उसके हितों की रक्षा न हो रही हो तो वह उपभोक्ता संरक्षणअधिनियम के अधीन उसे प्राप्त कर सकता है। हर देश ने अपने उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम बनाए है और विश्व भर में 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।भारत में सामाजिक अन्याय, आर्थिक विषमता अनैतिकता, भेदभाव और राजनीतिज्ञ अपराधीकरण जैसे कुरीतियों के समाधान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम संसद में पास करवाया। इसी कारण प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस और 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। 1986 के बाद 1991, 1993 और 2002 में इस अधिनियम में कुछ संशोधन किए गए।अधिनियम के अनुसार इस समय जिला मंच में बीस लाख, राज्य आयोग में एक करोड़ तक और इससे अधिक राशि की क्षतिपूर्ति के लिए राष्ट्रीय आयोग का सहारा लिया जा सकता है। प्रत्येक उपभोक्ता को अपने कल्याण हेतु, समाज व राष्ट्र की स्थिरता अर्थव्यवस्था को सुढ़ और विकासशील बनाने के लिए अपने अधिकारी औरकर्त्तव्यों का ज्ञान होना अति आवश्यक है। अधिनियम की मुख्य विशेषताएं हैं :1. यह सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए लागू होता है जब तक कि केन्द्र सरकार द्वारा विशेष छूट न दी जाए।2. इसमें सभी क्षेत्र शामिल होते हैं चाहे वह निजी, सरकारी और सहकारी या कोई व्यक्ति हो अधिनियम के प्रावधान प्रतिपूरक तथा रोधी एवं दंडात्मक प्रकृति के है।3. इसमें उपभोक्ताओं के लिए निम्नलिखित अधिकार अंतरनिहित हैं -* ऐसे वस्तुओं और सेवाओं के विपरण के विरूद संरक्षण का अधिकार जो जान और माल के लिए खतरनाक है।* वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता मात्रा, क्षमता, शुद्धता, स्तर और कीमत के बारे में सूचना का अधिकार ताकि छल कपट व्यापार प्रचलन से उपभोक्ताओं की रक्षा की जा सके।* जहां कहीं भी संभव हो बीमित होने का अधिकार प्रति स्पर्धात्मक कीमत पर विभिन्नकिस्मों की वस्तुओं और सेवाओं की पहुंच।* सुनवाई का अधिकार और वह आश्वासित होने का अधिकार कि उपभोक्ता के हितों पर उपभुक्त मंच पर विधिवत रूप से विचार किया जाएगा।* कपटी व्यापार या उपभोक्ताओं के अविवेकपूर्ण शोषण के विरूद्ध समाधान का अधिकार और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।अधिकारों के साथ-साथ कर्त्तव्यों का ज्ञान होना भी जरूरी :1. वस्तु खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता और मूल्य की पूरी जानकारी।2. झूठे और भ्रामक विज्ञापनों से सावधानी।3. आईएसआई, एगमार्क और भरोसेमंद कंपनियों की वस्तुओं की खरीद।4. खरीद की रसीद प्राप्ति। गारंटी-वारंटी कार्ड हो तो वह लेना न भूलें।5. दोष पूर्ण वस्तु, अधिक मूल्य या त्रुटि पूर्ण सेवाओं के विरुद्ध जिला मंच, राज्य और राष्ट्रीय आयोग में शिकायत दर्ज करवाएं।

वाराणसी: साधु-संतों के विरोध मार्च के दौरान पुलिस ने किया लाठीचार्ज, धारा 144 लागू

वाराणसी में पुलिस और साधु-संतों के बीच झड़प।
वाराणसी में पुलिस और साधु-संतों के बीच झड़प।
वाराणसी. साधु-संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद शहर के चार पुलिस स्टेशनों के तहत लगाए गए कर्फ्यू को हटा लिया गया है, लेकिन तनाव को देखते हुए शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। गोदौलिया, गिरजाघर, चौक, दशाश्‍वमेधघाट मार्ग, मदनपुर और बांस फाटक जैसे इलाके जहां कर्फ्यू लगाया था, वहां बैरिकेडिंग कर लोगों को जाने से रोका जा रहा है। पुलिस ने करीब 29 लोगों को हिरासत में लिया है। उधर, बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खुद वाराणसी के एसएसपी आकाश कुलहरी को फोन कर शहर में शांति-व्‍यवस्‍था बनाए रखने को कहा है।
मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज का विरोध
पिछले दिनों मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को प्रतिकार यात्रा निकाली जा रही थी। इसमें हजारों लोग मौजूद थे। जुलूस के गोदौलिया पहुंचते ही कुछ अराजक तत्‍वों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस की जीप और 4 बाइकाें में आग लगा दी। मामला बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट से फायरिंग करती रही। इस दौरान साधु-संतों के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कवरेज के दौरान कुछ पत्रकारों को भी चोटें आई हैं। डीएम राजमणि यादव ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि कल यानी मंगलवार को शहर के सभी स्‍कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। इसमें माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड सहित सीबीएसई और आईसीएसई के सभी स्‍कूल शामिल हैं।
प्रशासन सोशल मीडिया पर रख रहा नजर
कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि यात्रा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने शांति और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। उन्‍होंने शहरवासियों से किसी भी प्रकार की अफवाहों में न आने की अपील की है। फिलहाल, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसके अलावा उन्‍होंने कहा कि प्रशासन सोशल मीडिया, वेबसाइट, व्‍हॉट्सएप और फेसबुक पर निगरानी रख रहा है। यदि इन माध्यमों से किसी भी प्रकार की कोई गलत सूचना या अफवाह फैलाई जाती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
देशभर के साधु-संत प्रतिकार यात्रा में शामिल
प्रतिकार यात्रा में देशभर के साधु-संतों के साथ ही साध्वी प्राची और चक्रपाणि महाराज भी शामिल थे। इस दौरान साध्वी प्राची ने कहा कि प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन को लेकर रास्ता नहीं निकाला। साथ ही उन्‍होंने कहा कि जब तक सीएम अखिलेश खुद साधु-संतों पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी नहीं मांगते तब तक आंदोलन चलता रहेगा। दादरी मामले को लेकर उन्‍होंने कहा कि एक तरफ काशी में संतों पर लाठियां बरसाई जाती हैं और दूसरी तरह सीएम गाय काटने वालों को 45 लाख रुपए देते हैं। साध्‍वी प्राची विश्‍व हिंदू परिषद से ताल्‍लुक रखती हैं।
चक्रपाणि महाराज ने कहा-गोली खाने आया हूं काशी
चक्रपाणि महराज ने कहा कि सभी संत गोली खाने काशी पहुंचे हैं। अयोध्या, मथुरा, दिल्ली, महाराष्ट्र से भी साधु यहां आए हैं।
अविमुक्तेश्वरानंद की अपील पर निकाली गई यात्रा
बता दें कि प्रतिकार यात्रा अविमुक्तेश्वरानंद की अपील पर निकाली गई थी। प्रतिकार यात्रा निकलने का रूट टाउनहॉल से मैदागिन चौराहा से गुजरते हुए चौक और गोदौलिया चौराहा से दशाश्वमेध घाट तक तय किया गया था। अविमुक्तेश्वरानंद वाराणसी के विद्यामठ के स्वामी हैं और स्‍वामी स्‍वारूपानंद के प्रमुख शिष्‍य हैं।

क़ुरान का सन्देश

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